desiaks
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- Aug 28, 2015
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मैंने सोचा है की आपको अपनी सेक्सी स्टोरी सुनायुं. मेरी अपनी नारंगी पेंटी को खूब मल मलकर साफ किया अपर मेरे बॉयफ्रेंड निखिल के लंड से निकले माल के ताजे दाग साफ होने का नाम ही नही ले रहे थे. मैंने अपनी पेंटी को सलवार सूट और अन्य कपड़ों के साथ वाशिंग मशीन में डालकर धोया, तब जाकर पेंटी के निशान साफ साफ. ये सिलसिला पिछले ६ सालों का था. निखिल से मेरी मुलाकात कॉलेज में हुई थी. तबसे वो मेरा बॉय फ्रेंड था. निखिल मेरे घर पर आकर ही मुझे चोदता था. मेरी मेरी पेंटी में हर बार उसके लंड से निकले ताजे माल के दाग लग जाते थे जो मुस्किल से छूटते थे.
मैंने निखिल को अपने कमरे में ले जाकर खूब चुदवाती थी और मजे मारती थी. सायद मेरी माँ मुझसे जलती थी. एक दिन माँ बिगड़ गयी.
"निखिल को घर पर लेकर मत जाया करो जोगेश्वरी!! अगर तुमको चुदवाना ही है तो बाहर किसी पार्क में चुदवा लिया करो" माँ बोली
"क्यों तुमको क्या दिक्कत है??" मैंने पूछा
"..बेटी तुम तो उससे खूब चुदवाती हो. जिन्दगी के मजे मारती हूँ और मैं ये सब देखकर बिन पानी की मछली की तरह तड़पती हूँ. बेटी मुझे जलन होती है!!' माँ बोली. ये सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ. अगले दिन शाम को मेरा बॉयफ्रेंड निखिल आया तो हमदोनो कमरे में चले गये. उसने मेरा सलवार सूट निकाल दिया और बोला "आओ जान कुछ मस्ती हो जाए". मैंने निखिल से कहा की वो मुझे तो रोज चोदता है, पर ये सब देख देख कर मेरी माँ को जलन होती है. इसलिए उसे किसी दिन मेरी माँ की चूत की सिटी भी खोलने चाहिए. निखिल राजी था. जब चुदवाकर मैं बाहर निकली तो निखिल मेरे साथ था. मेरी माँ स्वेटर बन रही थी. मैंने निखिल को इशारा किया की माँ को लाइन दे.
"हाय आंटी !! आप बहुत सुंदर लग रही है!!!' निखिल बोला. मेरी माँ तो ये सुनकर बिलकुल चौंक गयी. क्यूंकि बड़े दिनों ने किसी ने उनकी तारीफ़ नही की थी. पर दोस्तों मेरी माँ आज भी बढ़िया माल थी. ४२ साल की होंगी , पर आज भी उनका फिगर मेंटेन था. मेरा बॉयफ्रेंड निखिल बात करने में बहुत होशियार था. उसने मेरी माँ के हाथ पकड़कर चूम लिया.
"माँ जी आप मुझसे प्यार करेंगी???' निखिल ने माँ को प्रपोस मार दिया. माँ थोडा घबरा गयी. मेरी ओर देखने लगी. मैं आँखों से इशारा किया की मैंने उनका काम कर दिया और निखिल से माँ की सेटिंग करवा दी है. माँ खड़ी हो गयी.
"जोगेश्वरी !! मेरी जान ! आज मैं तुम्हारी माँ को जन्नत की सैर करवाने ले जा रहा हूँ" निखिल बोला. माँ का हाथ उसने पकड़ लिया और कमरे में ले जाने लगा. कमरे में मेरी माँ किसी रंडी की तरह चुदने वाली थी. निखिल का इतना स्टैमिना था की वो एक साथ २ नही बल्कि ४ ४ औरते सम्हाल सकता था.
"माँ !! बेस्ट ऑफ़ लक फॉर फकिंग !!' मैंने माँ को विश किया. निखिल माँ को कमरे में ले गया. और उसने चुम्मा चाटी करने लगा. वो खड़े खड़े माँ के होठ पीने लगा. दोनों एक दुसरे के गले लग गये. माँ का चेहरा शर्म से लाल था. क्यूंकि आज सबको मालूम हो गया था की ४० साल के होने के बावजूद मेरी माँ किसी १६ साल की लौंडिया की तरह चुदासी है और लौड़ा खाना चाहती है. इसलिए माँ थोडा झेंप रही थी. धीरे धीरे मेरा बॉयफ्रेंड निखिल माँ के बूब्स दाबने लगा. फिर दोनों बिस्तर पर चले गये. मैं सोची की देखे निखिल किस तरह मेरी माँ को लेता है. इसलिए मैं बाहर दरवाजे पर खड़ी हो गयी और दरवाजे में लगे छेद ने देखने लगी. मेरा बॉयफ्रेंड निखिल मेरी माँ को उसी तरह से प्यार कर रहा था जैसे वो मुझे प्यार करता था. दोनों बड़ी देर तक आपस में आलिंगन में रहे. निखिल मेरी माँ के गुलाबी होठो को बड़े प्यार और नखरे से चूमता रहा.
"माँ जी !! आपकी लौंडिया को तो मैंने खूब पेला है. आगे से, पीछे से, गोद में उठाकर, हर तरह से. इसलिए आप बता दीजिये की आप को किस तरह से चुदाई पसंद है???" निखिल बोला. मेरी माँ हँसने लगी.
"बेटा !! तुम जिस तरह से मुझे लेना चाहो .लो! मुझे तो बस तुम्हारा लंड ही चाहिए!!" मेरी माँ बोली. फिर मेरा बॉयफ्रेंड निखिल धीरे धीरे मेरी माँ का ब्लाउस उतारने लगा. कुछ ही देर में उसने माँ को साड़ी निकाल दी और ब्लाउस उतार दिया. मेरी माँ की ब्रा भी निखिल ने खोल दी. इस वक़्त वो मेरी चुदासी माँ के मस्त मस्त ३४ साइज़ के बूब्स पी रहा था. माँ का फिगर आज भी मेंटेन था.
"माँ जी !! आप जो ४० में भी जवान लगती है. क्या आपके पति से आपको खूब नही पेला??' निखिल ने पूछा
"अरे बेटा !! इससे पहले वो मुझे जादा और जी भरके चोद पाते उनको ब्लड कैंसर हो गया और वो दुनिया को प्यारे हो गये" मेरी बोला बोली. निखिल खुश हो गया.
"कोई बात नही मा जी !! ..अब मैं आ गया हूँ. आपको और आपकी लौंडिया , दोनों की चूत रोज माजूँगा !! खूब चोदूंगा आप दोनों माँ बेटी को"निखिल बोला. उसने अपने कपड़े निकाल दिए और मेरी माँ की पेंटी भी निकाल दी. पर फिलहाल वो माँ के ३४" के दूध पी रहा था. ये सब देखकर मेरी चूत में खुजली होना शुरू हो गयी थी. अब मुझे अपनी माँ से जलन होने लगी थी. निखिल माँ के तने और कसे निपल्स को मुँह में भरे हुए था और दांतों से खूब चबा रहा था. ये सीन मैंने दरवाजे के पीछे से देखा तो मैं खुद को रोक ना सकी और अपनी चूत में ऊँगली करने लगी. फिर मेरा बॉयफ्रेंड निखिल मेरी माँ के मखमली पेट को चूमने लगा. और धीरे धीरे उनकी सेक्सी नाभि पर आ गया. निखिल माँ की नाभि के अपनी जीभ डाल रहा था. इससे माँ को बडा मजा मिल रहा था. निखिल मेरी माँ को खूब तडपा रहा था. फिर वो माँ के पेडू के हल्के हल्के बाल तो चूत तक आते थे, उनको अपनी जीभ से चाटने लगा. कुछ देर बाद निखिल मेरी माँ के भोसड़े पर पहुच गया था. मैं कमरे के दरवाजे के पीछे खड़ी थी और ये देख देखकर अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. मैं जोर जोर से अपनी बुर फेटने लगी.
मेरी माँ किसी आवारा चुदासी कुतिया की तरह दिख रही थी. उन्होंने अपने दोनों पैर उपर कर रखे थे. मैं मेरा बॉयफ्रेंड निखिल की जीभ ही देख पा रही थी. गांडू !! निखिल कभी इतनी अच्छी प्रकार से मेरी चूत नही चाटता है. निखिल आज एक ४२ साल की अधेड़ उम्र को पाकर बाँवला हो गया था. वो मजे से मेरी माँ की बुर पी रहा था. मेरी माँ के बिस्तर की चादर को अपने हाथो में भींच लिया था. फिर वो पल आ गया तब निखिल जैसे बोडी बिल्डर ने अपना हट्टा कट्टा लौड़ा हाथ में लिया और मेरी माँ के भोसड़े पर रख दिया. थोडा धक्का दिया और लंड मेरी माँ के भोसड़े में अंदर उतर गया. निखिल कमर चला चला कर मेरी माँ को चोदने लगा. ये सब देखकर मैं पागल हो गयी. अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी.
'आआ ऊऊउ ओह ओह ओह ..बब ब बेटा !! तुम कितना अच्छा चुदाई करते हो. आहा उई उई माँ माँ !! कितना मजा आ रहा है!! चोदो बेटा मुझे ...और जोर जोर से चोदो !!' मेरी माँ किसी रंडी की तरह गर्म गर्म सिस्कारे और आवाजे निकलने लगी. इससे मेरा बॉयफ्रेंड निखिल का जोश दूना हो गया और वो गपचिप गपचिक चोदने लगा
"ले छिनाल !! आज अपनी लड़की के बॉयफ्रेंड का लौड़ा खाले ले !! ले रंडी आज तू भी जी ले अपनी जिन्दगी !! निखिल बोला. उसने मेरे माँ के दोनों दूध हाथ में जकड़ लिया और जोर जोर से धक्के माँ के भोसड़े में मारने लगा और दूध दबाने लगा. मैं जानती थी की माँ को मजा जरुर आ रहा होगा. मेरी माँ की आँखें बंद थी. चुदती हुई माँ कुछ जादा ही सुंदर लग रही थी.
"चोद बेटा !! आज चोदा मुझे !!" माँ बोली. निखिल जोर जोर से माँ के भोसड़े में धक्के देने लगा. माँ के दोनों चुतड बिस्तर पर खट खट करके टकराने लगे. एरी माँ मजे से चुद रही थी. माँ अपनी जीभ को बार बार अपने होठो पर फेर रही थी. अपने ओंठो को वो अपने दांतों से चबा रही थी. दोस्तों, ये सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था. ये देखकर निखिल और जोश में आ गया और बेतहाशा जोर जोर से तगड़े तगड़े धक्के मारने लगा. मेरी माँ उससे अपने पति की तरह लिपट गयी और चुदवाने लगी. उसने माँ को बड़ी देर ठोंका फिर भी आउट नही हुआ.
फिर निखिल ने माँ के बाये पैर को उपर कर दिया और जरा झुकाकर माँ को चोदने लगा. माँ इस समय बाये तरह करवट ली हुई थी और चुद रही थी. यौन उतेज्जना और चुदास ने मेरे बॉयफ्रेंड निखिल का लौड़ा फूलकर बहुत मोटा हो गया था. मैंने अपनी आँखों से देखा की आज तक जब जब मैंने निखिल से चुदवाया था, कभी उसका लौड़ा इतना मोटा नही हुआ था. वो हा हा करके मेरी माँ को बजाने लगा. कुछ ताकतवर धक्कों के बाद वो झड़ गया. मेरी माँ हाँ हाँ करने लगी. निखिल फिर से मेरी माँ की बुर पीने लगा
"पी ले बेटा !! आज मेरी बुर पी ले!!' माँ बोली
मेरा बॉयफ्रेंड फिर से उनकी बुर पीने लगा. मेरी आवारा माँ एक बार चुद चुकी थी. दोनों कुछ देर बाद कमरे से निकले. मेरी माँ अपना पेटीकोट का नारा बाधते हुए निकली. "बेटी जोगेश्वरी !! तेरा दोस्त तो बड़ी ताबड़तोड़ चुदाई करता है बेटी !! इसे पटाकर तूने दुनिया का सबसे अच्छा काम किया है. फिर निखिल अपने घर चला गया. माँ मेरे गले लग गयी.
"बेटी थैंक यू!! तूने मेरा ख्याल रखा. आज कितने दिनों बाद किसी ने मुझे चोदा. थैंक यू बेटी !!" माँ बोली. मैं माँ के गले लग गयी. हम माँ बेटी से साथ में बाथरूम में जाकर नहाया. अगले दिन सन्डे था और मैंने अपने, माँ और निखिल के लिए फिल्म की टिकते बुक करवा दी. निखिल की सीट बीच में थी और मेरी और माँ की सीटे अगल बगल. पिक्चर हाल में जैसे ही लाईट्स बंद हुई और फिल्म शुरू हो गयी. पर कुछ देर बाद मेरा प्यारा बॉयफ्रेंड मेरे दूध पर हाथ लगाने लगा. मैंने उसकी तरह देखा तो वो माँ के दूध में हाथ लगा था. हमदोनो माँ बेटी के कसे कसे चूचे वो छू रहा था. मुझे उसी समय एक ग्रेट आइडिया आया की क्यूँ ना हम तीनो साथ में सेक्स करे और खूब एन्जॉय मारे. फिल्म खत्म होने तक निखिल मेरी और माँ के जिस्मो से छेद छाड़ करता रहा.
कभी वो हाल के अँधेरे में हम माँ बेटी के दूध दबाता, कभी चूत में ऊँगली करता. हम दोनों ने निखिल के साथ हाल में खूब एन्जॉय किया. फिल्म खत्म होने के बाद मैंने माँ से पूछा की माँ क्यूँ ना हम तीनो साथ में सेक्स करे. मेरी माँ तो पहले से ही निखिल के लंड की दीवानी बन चुकी थी. वो तुरंत तैयार हो गयी. फिर मैंने निखिल के कान में प्लान बताया. वो रेडी था. घर आकर, हम तीनो ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए. हम तीनो ने अपनी अपनी झाटें बनायीं. मैंने माँ के साथ बिलकुल नंगी होकर बिस्तर पर माँ के बगल ही लेट गयी. निखिल सबसे पहले मेरी चूत पीने लगा. कुछ देर बाद माँ बोली "अरे बेटा !! मेरी चूत भी तो पी" तो निखिल उनकी चूत पीने लगा. अब उसके पास २ चूत और ४ चुचि थी. निखिल बारी बारी से मेरी और माँ की बुर पी रहा था. फिर वो हमदोनो के दूध पीने लगा. जहाँ मेरे बूब्स ३२" के थे और माँ के ३४ के थे. आज तो निखिल की लाटरी ही निकल आई थी. हम माँ बेटी एक साथ बिस्तर पर बिना कपड़ों के लेती हुई थी. हम दोनों चुदने का इंतजार कर रही थी.
"जोगेश्वरी बेबी !! तुम ही बताओ की किसे मैं अपना लंड दूँ??' निखिल बोला.
"अरे तू मेरा बॉयफ्रेंड है इसलिए मुझे पहले चोद !!' मैंने कहा. इस पर मेरी माँ ऐतराज करने लगी.
"बेटे निखिल !! उम्र में मैं बड़ी हूँ, इसलिए तेरा लंड पहले खाने का हक मेरा है !!" मेरी माँ बोली. हमदोनो में तू तू मैं मै होने लगी.
"रुको रुको !! झगड़ा करने की कोई जरूरत नही है , टॉस कर लेटे है!" निखिल बोला. दोस्तों, फिर उसने टॉस किया. मेरी माँ जीत गयी. निखिल उनकी बुर फिरसे पीने लगा. फिर कुछ देर में उसने अपना हस्ट पुष्ट लंड मेरी माँ की चूत में डाल दिया. उनको चोदने लगा. मेरी माँ का पेट गोल गोल नाचने लगा. वो आह आह उई उई माँ माँ करने लगी. पर निखिल उनको अभी धीरे धीरे पेल रहा था. वो बड़ी आराम आराम से लंड माँ के छेद में चला रहा था. मेरी माँ चुदने लगी. मुझे मस्ती सूझी. मैं अपनी माँ के दूध पीने लगी. "निखिल !! मेरे दिलबर !! चोद दे.मेरी माँ को आज ..यस बेबी !! यस !!' मैं निखिल का प्रत्साहन बढाया. वो जोर जोर से माँ को लेने लगा. माँ के पेट अभी भी नाच रहा था. कुछ देर बाद माँ एक बार मेरे बॉयफ्रेंड से चुद चुकी थी.
अब मेरा नंबर था. निखिल ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और उसे कूटने लगा. अब मेरी माँ मेरे बूब्स पीने लगी. हम तीनो एक दुसरे को चूम चाट रहे थे. मेरी माँ नंगी होकर मेरे बूब्स पी रही थी. तो निखिल मुझे चोदते चोदते माँ की चूत में ऊँगली करने लगा. माँ होंए होंए घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी. निखिल ने मेरे दोनों बेहद खूबसूरत घुटने पकड़ लिए और फटर फटर करके मुझे चोदने लगा.
"अरे बेटा !! मेरी लड़की को तो तू सारी जिन्दगी ठोकेगा!!..ला बेटा अब मेरी चूत में लंड दे दे" माँ बोली. तो मेरे बॉयफ्रेंड निखिल ने फिर से माँ की चूत में लंड दे दिया और चोदने लगा. वो हम माँ बेटी को बदल बदल कर चोद रहा था जैसे लोग बदल बदल कर कपड़े पहनते है. कुछ देर बाद निखिल का बदन ऐठने लगा. मेरी चुदासी और लंड की प्यासी माँ जान गयी की निखिल आउट होने वाला है. उन्होंने उसके लंड को अपनी चूत से निकाल लिया और अपने मुँह के सामने कर लिया. निखिल का बदन जोर जोर से ऐठने लगा. कुछ देर में निखिल के मोटे लौड़े ने माल पिचकारी के रूप में छोड़ दिया. माँ के मुँह में उसका सारा माल चला गया. मेरी चुदक्कड माँ उसका सारा माल पी गयी.
अब चुदने का नंबर फिर से मेरा था. कुछ देर तक मैं निखिल के लंड को लेकर हाथ से मलती रही. मेरी माँ निखिल की नंगी मांसल पीठ को सहलाने लगी. निखिल का लंड थोड़ी देर में खड़ा हो गया था. उसने मुझे कुतिया बना दिया और पीछे से मेरी चूत मारने लगा. मेरी माँ मेरी बगल ही लेती थी और सोच रही थी की निखिल उनको और लंड खिलाये. पर मैंने उसे नही हटने दिया. निखिल ने मुझे कुतिया बनाकर खूब चोदा और कुछ देर में शहीद हो गया. मेरी माँ ने किसी बिल्ली की तरह झपटकर उसका लंड पकड़ लिया और चूसने लगी. ये कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दें
मैंने निखिल को अपने कमरे में ले जाकर खूब चुदवाती थी और मजे मारती थी. सायद मेरी माँ मुझसे जलती थी. एक दिन माँ बिगड़ गयी.
"निखिल को घर पर लेकर मत जाया करो जोगेश्वरी!! अगर तुमको चुदवाना ही है तो बाहर किसी पार्क में चुदवा लिया करो" माँ बोली
"क्यों तुमको क्या दिक्कत है??" मैंने पूछा
"..बेटी तुम तो उससे खूब चुदवाती हो. जिन्दगी के मजे मारती हूँ और मैं ये सब देखकर बिन पानी की मछली की तरह तड़पती हूँ. बेटी मुझे जलन होती है!!' माँ बोली. ये सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ. अगले दिन शाम को मेरा बॉयफ्रेंड निखिल आया तो हमदोनो कमरे में चले गये. उसने मेरा सलवार सूट निकाल दिया और बोला "आओ जान कुछ मस्ती हो जाए". मैंने निखिल से कहा की वो मुझे तो रोज चोदता है, पर ये सब देख देख कर मेरी माँ को जलन होती है. इसलिए उसे किसी दिन मेरी माँ की चूत की सिटी भी खोलने चाहिए. निखिल राजी था. जब चुदवाकर मैं बाहर निकली तो निखिल मेरे साथ था. मेरी माँ स्वेटर बन रही थी. मैंने निखिल को इशारा किया की माँ को लाइन दे.
"हाय आंटी !! आप बहुत सुंदर लग रही है!!!' निखिल बोला. मेरी माँ तो ये सुनकर बिलकुल चौंक गयी. क्यूंकि बड़े दिनों ने किसी ने उनकी तारीफ़ नही की थी. पर दोस्तों मेरी माँ आज भी बढ़िया माल थी. ४२ साल की होंगी , पर आज भी उनका फिगर मेंटेन था. मेरा बॉयफ्रेंड निखिल बात करने में बहुत होशियार था. उसने मेरी माँ के हाथ पकड़कर चूम लिया.
"माँ जी आप मुझसे प्यार करेंगी???' निखिल ने माँ को प्रपोस मार दिया. माँ थोडा घबरा गयी. मेरी ओर देखने लगी. मैं आँखों से इशारा किया की मैंने उनका काम कर दिया और निखिल से माँ की सेटिंग करवा दी है. माँ खड़ी हो गयी.
"जोगेश्वरी !! मेरी जान ! आज मैं तुम्हारी माँ को जन्नत की सैर करवाने ले जा रहा हूँ" निखिल बोला. माँ का हाथ उसने पकड़ लिया और कमरे में ले जाने लगा. कमरे में मेरी माँ किसी रंडी की तरह चुदने वाली थी. निखिल का इतना स्टैमिना था की वो एक साथ २ नही बल्कि ४ ४ औरते सम्हाल सकता था.
"माँ !! बेस्ट ऑफ़ लक फॉर फकिंग !!' मैंने माँ को विश किया. निखिल माँ को कमरे में ले गया. और उसने चुम्मा चाटी करने लगा. वो खड़े खड़े माँ के होठ पीने लगा. दोनों एक दुसरे के गले लग गये. माँ का चेहरा शर्म से लाल था. क्यूंकि आज सबको मालूम हो गया था की ४० साल के होने के बावजूद मेरी माँ किसी १६ साल की लौंडिया की तरह चुदासी है और लौड़ा खाना चाहती है. इसलिए माँ थोडा झेंप रही थी. धीरे धीरे मेरा बॉयफ्रेंड निखिल माँ के बूब्स दाबने लगा. फिर दोनों बिस्तर पर चले गये. मैं सोची की देखे निखिल किस तरह मेरी माँ को लेता है. इसलिए मैं बाहर दरवाजे पर खड़ी हो गयी और दरवाजे में लगे छेद ने देखने लगी. मेरा बॉयफ्रेंड निखिल मेरी माँ को उसी तरह से प्यार कर रहा था जैसे वो मुझे प्यार करता था. दोनों बड़ी देर तक आपस में आलिंगन में रहे. निखिल मेरी माँ के गुलाबी होठो को बड़े प्यार और नखरे से चूमता रहा.
"माँ जी !! आपकी लौंडिया को तो मैंने खूब पेला है. आगे से, पीछे से, गोद में उठाकर, हर तरह से. इसलिए आप बता दीजिये की आप को किस तरह से चुदाई पसंद है???" निखिल बोला. मेरी माँ हँसने लगी.
"बेटा !! तुम जिस तरह से मुझे लेना चाहो .लो! मुझे तो बस तुम्हारा लंड ही चाहिए!!" मेरी माँ बोली. फिर मेरा बॉयफ्रेंड निखिल धीरे धीरे मेरी माँ का ब्लाउस उतारने लगा. कुछ ही देर में उसने माँ को साड़ी निकाल दी और ब्लाउस उतार दिया. मेरी माँ की ब्रा भी निखिल ने खोल दी. इस वक़्त वो मेरी चुदासी माँ के मस्त मस्त ३४ साइज़ के बूब्स पी रहा था. माँ का फिगर आज भी मेंटेन था.
"माँ जी !! आप जो ४० में भी जवान लगती है. क्या आपके पति से आपको खूब नही पेला??' निखिल ने पूछा
"अरे बेटा !! इससे पहले वो मुझे जादा और जी भरके चोद पाते उनको ब्लड कैंसर हो गया और वो दुनिया को प्यारे हो गये" मेरी बोला बोली. निखिल खुश हो गया.
"कोई बात नही मा जी !! ..अब मैं आ गया हूँ. आपको और आपकी लौंडिया , दोनों की चूत रोज माजूँगा !! खूब चोदूंगा आप दोनों माँ बेटी को"निखिल बोला. उसने अपने कपड़े निकाल दिए और मेरी माँ की पेंटी भी निकाल दी. पर फिलहाल वो माँ के ३४" के दूध पी रहा था. ये सब देखकर मेरी चूत में खुजली होना शुरू हो गयी थी. अब मुझे अपनी माँ से जलन होने लगी थी. निखिल माँ के तने और कसे निपल्स को मुँह में भरे हुए था और दांतों से खूब चबा रहा था. ये सीन मैंने दरवाजे के पीछे से देखा तो मैं खुद को रोक ना सकी और अपनी चूत में ऊँगली करने लगी. फिर मेरा बॉयफ्रेंड निखिल मेरी माँ के मखमली पेट को चूमने लगा. और धीरे धीरे उनकी सेक्सी नाभि पर आ गया. निखिल माँ की नाभि के अपनी जीभ डाल रहा था. इससे माँ को बडा मजा मिल रहा था. निखिल मेरी माँ को खूब तडपा रहा था. फिर वो माँ के पेडू के हल्के हल्के बाल तो चूत तक आते थे, उनको अपनी जीभ से चाटने लगा. कुछ देर बाद निखिल मेरी माँ के भोसड़े पर पहुच गया था. मैं कमरे के दरवाजे के पीछे खड़ी थी और ये देख देखकर अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी. मैं जोर जोर से अपनी बुर फेटने लगी.
मेरी माँ किसी आवारा चुदासी कुतिया की तरह दिख रही थी. उन्होंने अपने दोनों पैर उपर कर रखे थे. मैं मेरा बॉयफ्रेंड निखिल की जीभ ही देख पा रही थी. गांडू !! निखिल कभी इतनी अच्छी प्रकार से मेरी चूत नही चाटता है. निखिल आज एक ४२ साल की अधेड़ उम्र को पाकर बाँवला हो गया था. वो मजे से मेरी माँ की बुर पी रहा था. मेरी माँ के बिस्तर की चादर को अपने हाथो में भींच लिया था. फिर वो पल आ गया तब निखिल जैसे बोडी बिल्डर ने अपना हट्टा कट्टा लौड़ा हाथ में लिया और मेरी माँ के भोसड़े पर रख दिया. थोडा धक्का दिया और लंड मेरी माँ के भोसड़े में अंदर उतर गया. निखिल कमर चला चला कर मेरी माँ को चोदने लगा. ये सब देखकर मैं पागल हो गयी. अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगी.
'आआ ऊऊउ ओह ओह ओह ..बब ब बेटा !! तुम कितना अच्छा चुदाई करते हो. आहा उई उई माँ माँ !! कितना मजा आ रहा है!! चोदो बेटा मुझे ...और जोर जोर से चोदो !!' मेरी माँ किसी रंडी की तरह गर्म गर्म सिस्कारे और आवाजे निकलने लगी. इससे मेरा बॉयफ्रेंड निखिल का जोश दूना हो गया और वो गपचिप गपचिक चोदने लगा
"ले छिनाल !! आज अपनी लड़की के बॉयफ्रेंड का लौड़ा खाले ले !! ले रंडी आज तू भी जी ले अपनी जिन्दगी !! निखिल बोला. उसने मेरे माँ के दोनों दूध हाथ में जकड़ लिया और जोर जोर से धक्के माँ के भोसड़े में मारने लगा और दूध दबाने लगा. मैं जानती थी की माँ को मजा जरुर आ रहा होगा. मेरी माँ की आँखें बंद थी. चुदती हुई माँ कुछ जादा ही सुंदर लग रही थी.
"चोद बेटा !! आज चोदा मुझे !!" माँ बोली. निखिल जोर जोर से माँ के भोसड़े में धक्के देने लगा. माँ के दोनों चुतड बिस्तर पर खट खट करके टकराने लगे. एरी माँ मजे से चुद रही थी. माँ अपनी जीभ को बार बार अपने होठो पर फेर रही थी. अपने ओंठो को वो अपने दांतों से चबा रही थी. दोस्तों, ये सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था. ये देखकर निखिल और जोश में आ गया और बेतहाशा जोर जोर से तगड़े तगड़े धक्के मारने लगा. मेरी माँ उससे अपने पति की तरह लिपट गयी और चुदवाने लगी. उसने माँ को बड़ी देर ठोंका फिर भी आउट नही हुआ.
फिर निखिल ने माँ के बाये पैर को उपर कर दिया और जरा झुकाकर माँ को चोदने लगा. माँ इस समय बाये तरह करवट ली हुई थी और चुद रही थी. यौन उतेज्जना और चुदास ने मेरे बॉयफ्रेंड निखिल का लौड़ा फूलकर बहुत मोटा हो गया था. मैंने अपनी आँखों से देखा की आज तक जब जब मैंने निखिल से चुदवाया था, कभी उसका लौड़ा इतना मोटा नही हुआ था. वो हा हा करके मेरी माँ को बजाने लगा. कुछ ताकतवर धक्कों के बाद वो झड़ गया. मेरी माँ हाँ हाँ करने लगी. निखिल फिर से मेरी माँ की बुर पीने लगा
"पी ले बेटा !! आज मेरी बुर पी ले!!' माँ बोली
मेरा बॉयफ्रेंड फिर से उनकी बुर पीने लगा. मेरी आवारा माँ एक बार चुद चुकी थी. दोनों कुछ देर बाद कमरे से निकले. मेरी माँ अपना पेटीकोट का नारा बाधते हुए निकली. "बेटी जोगेश्वरी !! तेरा दोस्त तो बड़ी ताबड़तोड़ चुदाई करता है बेटी !! इसे पटाकर तूने दुनिया का सबसे अच्छा काम किया है. फिर निखिल अपने घर चला गया. माँ मेरे गले लग गयी.
"बेटी थैंक यू!! तूने मेरा ख्याल रखा. आज कितने दिनों बाद किसी ने मुझे चोदा. थैंक यू बेटी !!" माँ बोली. मैं माँ के गले लग गयी. हम माँ बेटी से साथ में बाथरूम में जाकर नहाया. अगले दिन सन्डे था और मैंने अपने, माँ और निखिल के लिए फिल्म की टिकते बुक करवा दी. निखिल की सीट बीच में थी और मेरी और माँ की सीटे अगल बगल. पिक्चर हाल में जैसे ही लाईट्स बंद हुई और फिल्म शुरू हो गयी. पर कुछ देर बाद मेरा प्यारा बॉयफ्रेंड मेरे दूध पर हाथ लगाने लगा. मैंने उसकी तरह देखा तो वो माँ के दूध में हाथ लगा था. हमदोनो माँ बेटी के कसे कसे चूचे वो छू रहा था. मुझे उसी समय एक ग्रेट आइडिया आया की क्यूँ ना हम तीनो साथ में सेक्स करे और खूब एन्जॉय मारे. फिल्म खत्म होने तक निखिल मेरी और माँ के जिस्मो से छेद छाड़ करता रहा.
कभी वो हाल के अँधेरे में हम माँ बेटी के दूध दबाता, कभी चूत में ऊँगली करता. हम दोनों ने निखिल के साथ हाल में खूब एन्जॉय किया. फिल्म खत्म होने के बाद मैंने माँ से पूछा की माँ क्यूँ ना हम तीनो साथ में सेक्स करे. मेरी माँ तो पहले से ही निखिल के लंड की दीवानी बन चुकी थी. वो तुरंत तैयार हो गयी. फिर मैंने निखिल के कान में प्लान बताया. वो रेडी था. घर आकर, हम तीनो ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए. हम तीनो ने अपनी अपनी झाटें बनायीं. मैंने माँ के साथ बिलकुल नंगी होकर बिस्तर पर माँ के बगल ही लेट गयी. निखिल सबसे पहले मेरी चूत पीने लगा. कुछ देर बाद माँ बोली "अरे बेटा !! मेरी चूत भी तो पी" तो निखिल उनकी चूत पीने लगा. अब उसके पास २ चूत और ४ चुचि थी. निखिल बारी बारी से मेरी और माँ की बुर पी रहा था. फिर वो हमदोनो के दूध पीने लगा. जहाँ मेरे बूब्स ३२" के थे और माँ के ३४ के थे. आज तो निखिल की लाटरी ही निकल आई थी. हम माँ बेटी एक साथ बिस्तर पर बिना कपड़ों के लेती हुई थी. हम दोनों चुदने का इंतजार कर रही थी.
"जोगेश्वरी बेबी !! तुम ही बताओ की किसे मैं अपना लंड दूँ??' निखिल बोला.
"अरे तू मेरा बॉयफ्रेंड है इसलिए मुझे पहले चोद !!' मैंने कहा. इस पर मेरी माँ ऐतराज करने लगी.
"बेटे निखिल !! उम्र में मैं बड़ी हूँ, इसलिए तेरा लंड पहले खाने का हक मेरा है !!" मेरी माँ बोली. हमदोनो में तू तू मैं मै होने लगी.
"रुको रुको !! झगड़ा करने की कोई जरूरत नही है , टॉस कर लेटे है!" निखिल बोला. दोस्तों, फिर उसने टॉस किया. मेरी माँ जीत गयी. निखिल उनकी बुर फिरसे पीने लगा. फिर कुछ देर में उसने अपना हस्ट पुष्ट लंड मेरी माँ की चूत में डाल दिया. उनको चोदने लगा. मेरी माँ का पेट गोल गोल नाचने लगा. वो आह आह उई उई माँ माँ करने लगी. पर निखिल उनको अभी धीरे धीरे पेल रहा था. वो बड़ी आराम आराम से लंड माँ के छेद में चला रहा था. मेरी माँ चुदने लगी. मुझे मस्ती सूझी. मैं अपनी माँ के दूध पीने लगी. "निखिल !! मेरे दिलबर !! चोद दे.मेरी माँ को आज ..यस बेबी !! यस !!' मैं निखिल का प्रत्साहन बढाया. वो जोर जोर से माँ को लेने लगा. माँ के पेट अभी भी नाच रहा था. कुछ देर बाद माँ एक बार मेरे बॉयफ्रेंड से चुद चुकी थी.
अब मेरा नंबर था. निखिल ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और उसे कूटने लगा. अब मेरी माँ मेरे बूब्स पीने लगी. हम तीनो एक दुसरे को चूम चाट रहे थे. मेरी माँ नंगी होकर मेरे बूब्स पी रही थी. तो निखिल मुझे चोदते चोदते माँ की चूत में ऊँगली करने लगा. माँ होंए होंए घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी. निखिल ने मेरे दोनों बेहद खूबसूरत घुटने पकड़ लिए और फटर फटर करके मुझे चोदने लगा.
"अरे बेटा !! मेरी लड़की को तो तू सारी जिन्दगी ठोकेगा!!..ला बेटा अब मेरी चूत में लंड दे दे" माँ बोली. तो मेरे बॉयफ्रेंड निखिल ने फिर से माँ की चूत में लंड दे दिया और चोदने लगा. वो हम माँ बेटी को बदल बदल कर चोद रहा था जैसे लोग बदल बदल कर कपड़े पहनते है. कुछ देर बाद निखिल का बदन ऐठने लगा. मेरी चुदासी और लंड की प्यासी माँ जान गयी की निखिल आउट होने वाला है. उन्होंने उसके लंड को अपनी चूत से निकाल लिया और अपने मुँह के सामने कर लिया. निखिल का बदन जोर जोर से ऐठने लगा. कुछ देर में निखिल के मोटे लौड़े ने माल पिचकारी के रूप में छोड़ दिया. माँ के मुँह में उसका सारा माल चला गया. मेरी चुदक्कड माँ उसका सारा माल पी गयी.
अब चुदने का नंबर फिर से मेरा था. कुछ देर तक मैं निखिल के लंड को लेकर हाथ से मलती रही. मेरी माँ निखिल की नंगी मांसल पीठ को सहलाने लगी. निखिल का लंड थोड़ी देर में खड़ा हो गया था. उसने मुझे कुतिया बना दिया और पीछे से मेरी चूत मारने लगा. मेरी माँ मेरी बगल ही लेती थी और सोच रही थी की निखिल उनको और लंड खिलाये. पर मैंने उसे नही हटने दिया. निखिल ने मुझे कुतिया बनाकर खूब चोदा और कुछ देर में शहीद हो गया. मेरी माँ ने किसी बिल्ली की तरह झपटकर उसका लंड पकड़ लिया और चूसने लगी. ये कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दें