hotaks444
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हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी को अपनी और नंदिनी भाभी की चुदाई की सेक्स स्टोरी बता चूका हूँ अभी कुछ दिन पहले मैने भाभी की चुदाई का एक न्य रूप आपके सामने नेक्स्ट टाइम लेके आने वाला था तो आज हाजिर हूँ मैं उस कहानी के साथ आप सभी में से कोई ऐसा जिसने मेरी कहानी का पहला पार्ट न पढ़ा हो तो उसे जरुर पढ़े..
आज की कहानी में मैं आप को भाभी का रेप रोलप्ले बताने जा रहा हूँ!
तो मैं अक्सर नंदिनी भाभी को अपने लंड की सवारी करवाने लगा. उसका भी अब जब कभी भी मन होता था तो मुझे बुला के अपनी चूत मरवा लेती थी. ऐसे ही दिन बीत रहे थे. और फिर पहली मार्च को मेरा बर्थ-डे आ गया. भाभी के घर पर कोई नहीं था उस रात को. तो हमने वहीँ पर बर्थ-डे सेलिब्रेट करने का प्लान किया. मैं सज संवर के भाभी के घर गया था.
नंदिनी भाभी: क्या बात हे आज तो बड़े हीरो बन के आये हो.
मैंने कहा: अपनी हिरोइन के घर जो आया हूँ.
भाभी ने मुझे दरवाजे में ही गले से लगा लिया और मेरे होंठो पर किस कर के उसने आई लव यु कहा और फिर बोली, और हाँ हेप्पी बर्थ डे डार्लिंग!
मैंने भाभी को डीप किस करते हुए कहा, थेंक यु एंड आई लव यु टू.
फिर वो मुझे अंदर ले गई उसने चिकन मलाई और पराठे बनाये थे हमारे लिए. हमने साथ में बैठ के खाना खाया. खाते हुए मेरी नजर बार बार उसकी ढीली नाईटी पर जा रही थी. मैंने कहा आज तो आप ने भी बहुत ढीले कपडे पहने हे. वो बोली, तुम्हे खुश जो करना हे!
मैं समझ गया की आज मैं जो भी कहूँगा वो सब कर लेंगी नंदिनी भाभी. मैंने खाते खाते ही उसे कहा. एक बात कहूँ?
वो बोली, क्या?
मैंने कहा मैं आज आप का रेप करूँगा!
वो बोली, ऐसे गन्दी बातें मत करो. ऐसे क्यूँ कह रहे हो?
मैंने कहा अरे बाबा ऐसे नहीं, हम ऐसा रोल-प्ले करेंगे.
वो बोली, तुम ऐसा गन्दा क्यूँ सोचते हो?
मैंने कहा करना हे या नहीं?
वो बोली, आज बर्थ-डे हे इसलिए मना भी तो नहीं कर सकती हूँ.
मैं खुश हो गया. खाने के बाद हमने कोक पी और सोफे पर बैठे हुए थे. नंदिनी भाभी मेरी गोदी में बैठ के ही कोक पी रही थी. मैं उसके बूब्स से खेल रहा था. उसने नाइटी के निचे ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए सीधे सीधे ही उसकी निपल्स मेरे हाथ में आ रही थी. अब हम लोगों को खाए हुए दस मिनिट हो गई थी. मैंने भाभी को कहा, स्टार्ट करें!
वो बोली अब रेप ही करना हे फिर मुझे क्या पूछना?
मैं हंस पड़ा और कहा, चलो बेडरूम में आपकी आज मैं इज्जत लूटना चाहता हूँ आपके साथ जबरजस्ती कर आपका बलात्कार करूँगा आज मैं.
भाभी अपनी सेक्सी गांड को मटकाते हुए आगे आगे चली. और मैं पीछे पीछे चल दिया. रस्ते में मैंने पीछे से गांड में ऊँगली डाल दी तो भाभी ने पीछे मुड़ के जूठी मूठी गुस्से वाली शकल बनाई. कमरे में घुसते ही मैंने दरवाजे को स्टॉपर लगा दी. भाभी ने मेरी तरफ देख के कहा, अरे तुम तुम यहाँ कैसे? (उसने अपनी रोलप्ले की एक्टिंग अभी से चालु कर दी थी).
मैंने उसके हाथ को पकड के कहा, रानी आज हम तुम्हारा बुर चोदेंगे.
वो बोली, चाल भाग मवाली कहीं के शक्ल देखि हे अपनी.
आज तू शकल भी देख ले और लंड भी.
भाभी दो कदम पीछे हट गई. मैंने उसके बाल पकड के कहा, चल सीधे से कपडे खोल वरना मुझे जबरदस्ती करनी पड़ेगी.
हे भगवान्, छोड़ दो मुझे प्लीज़.
मैंने एक थप्पड़ लगा दिया उसे. मैंने रेप के रोलप्ले को लाइव बनाने के लिए सच में ही थप्पड़ मार दिया था. भाभी हिल गई और बोली, आउच.
मैंने कहा, तेरी माँ को चोदुं साली रंडी.
और ये कह के मैं भाभी की नाइटी को पकड के खिंचा. आधी नाइटी फट गई और उसके चुंचे बहार दिखने लगे. मैंने बड़े जोर से बूब्स को अपने हाथ में ले के दबा दिए. भाभी करह उठी, उसे सच में बड़ा दर्द हुआ था. और फिर मैंने बाकि की नाइटी को भी फाड़ दिया. भाभी ने अपनी चूत को छिपा लिया. और मैंने उसके बाल पकड के उसे बिस्तर पर फेंक दिया. भाभी जूठा रोने लगी और मेरे से हाथ छोड़ के कहने लगी, प्लीज़ मुझे जाने दो तुम कहोगे उतने पैसे में दूंगी.
मैंने गुंडों वाली स्टाइल से कहा, जान आज तो तेरी जवानी का रस पियेंगे, आज पैसे से कुछ नहीं होगा. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
और फिर मैंने उसको एक थप्पड़ और मारा.
भाभी रोने लगी. मैंने उसे बिस्तर में डाल के उसके ऊपर चढ़ के उसके गले को पकड लिया. भाभी को दर्द हो रहा था. लेकिन इस देसी रेप के रोलप्ले को जिन्दा बनाने के लिए वो सब कुछ सह रही थी. और फिर मैंने कुछ ऐसा किया जो उसके लिए और भी दर्दनाक था. मैंने बिना किसी लुब्रिकेशन के ही अपना लंड को उसकी चूत में डाला. वो दर्द से सिहर उठी और मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी चुचिया पकड के दबा दी. वो दर्द से आह आह कर रही थी. उसकी रुखी चूत के अंदर लंड घुसेड के मैं उसे चूमने लगा और उसके निपल्स के ऊपर बाईट करने लगा.
मैं बहुत जोर जोर से बाईट कर रहा था बिलकुल असली बलात्कार में होता हे वैसे ही. भाभी दर्द से चिल्ला रही थी. और मैं अपने लंड को उसके बुर में पम्प करने लगा. भाभी को अभी भी बहुत दर्द हो रहा था. मैंने कुछ देर चोदने के बाद अपना लंड चूत से निकाला. और सीधा ही नंदिनी भाभी के मुहं में रख दिया. वो लंड नहीं चूस रही थी. मैंने अपने हाथ से उसके गाल को पकड़ा और जोर से दबा दिया. ऐसा करने से उसका मुहं खुला और मैंने लंड को अन्दर धकेल दिया. वो मेरे लंड के ऊपर दांत गड़ा रही थी. और जैसे बड़ी मुश्किल और परेशानी से लंड को चूस रही थी. कुछ देर लंड से मुहं को चोदने के बाद मैंने लंड मुहं से निकाला.
और फिर मैंने भाभी से कहा, चल रंडी घोड़ी बन जा मैं तेरी गांड मारुंगा.
भाभी बोली, प्लीज़ जाने दो और उसने मुझे हाथ जोड़े. मैंने कहा, साली रंडी ज्यादा बोली तो गांड में पूरा हाथ डाल दूंगा.
नंदिनी भाभी घोड़ी बन गई मेरे सामने. मैंने अपने लंड के सुपाडे पर थूंक लगाया और फिर उसे भाभी की गांड पर लगा दिया. भाभी को संभलने का मौका दिए बिना ही मैंने लौड़े का धक्का दे दिया. भाभी की गांड में आधा लंड घुसा लेकिन उसे बहुत पेन हुआ. वो दर्द की वजह से छटपटा गई. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा. और गांड को पकड़ के धक्के लगाने लगा.
भाभी पेन से बेहाल थी. लेकिन मैं बिना रुके हुए उसको पेलता गया. वो आह आह आह आह कर रही थी. और मैं बड़े जोर जोर से लंड को धक्के दे रहा था. मैं पूरा लंड बहार निकालता था, सिर्फ सुपाडे को अंदर रहने दे के. और फिर एक धक्के में पुरे लौड़े को अन्दर डाल देता था.
भाभी के साथ गांड चुदाई भी कुछ देर चली. और फिर मेरा वीर्य एकदम धार पर आ गया. मैंने फटाक से लंड बहार निकाल के उसे हिलाया. बहुत सब वीर्य भाभी की गांड पर छटक गया. भाभी ने अपने कुल्हे को एक हाथ से खोला और मैंने बची हुई बूंदों को उसके बुर पर लगा दी.
भाभी ने अपनी फटी हुई नाइटी पकड़ी और बोली, क्यूँ भाभी अपनी भाभी का रेप करने में मजा आया?
मैंने कहा, हाँ! अब तो हर महीने सोचता हु की मेरी बर्थ-डे आये.
भाभी ने मुझे एक चांटा मारा बड़े प्यार से और बोली, बड़े शैतान हो तुम!
मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसे एक चुम्मा दे दिया. भाभी ने भी मस्त लिप किस किया और वो दूसरी नाइटी लेने जा रही थी. मैंने कहा, अब कपडे पहनने की क्या जरूरत हे. आज तो पूरी रात मेरे लंड के नाम करनी होगी!
आज की कहानी में मैं आप को भाभी का रेप रोलप्ले बताने जा रहा हूँ!
तो मैं अक्सर नंदिनी भाभी को अपने लंड की सवारी करवाने लगा. उसका भी अब जब कभी भी मन होता था तो मुझे बुला के अपनी चूत मरवा लेती थी. ऐसे ही दिन बीत रहे थे. और फिर पहली मार्च को मेरा बर्थ-डे आ गया. भाभी के घर पर कोई नहीं था उस रात को. तो हमने वहीँ पर बर्थ-डे सेलिब्रेट करने का प्लान किया. मैं सज संवर के भाभी के घर गया था.
नंदिनी भाभी: क्या बात हे आज तो बड़े हीरो बन के आये हो.
मैंने कहा: अपनी हिरोइन के घर जो आया हूँ.
भाभी ने मुझे दरवाजे में ही गले से लगा लिया और मेरे होंठो पर किस कर के उसने आई लव यु कहा और फिर बोली, और हाँ हेप्पी बर्थ डे डार्लिंग!
मैंने भाभी को डीप किस करते हुए कहा, थेंक यु एंड आई लव यु टू.
फिर वो मुझे अंदर ले गई उसने चिकन मलाई और पराठे बनाये थे हमारे लिए. हमने साथ में बैठ के खाना खाया. खाते हुए मेरी नजर बार बार उसकी ढीली नाईटी पर जा रही थी. मैंने कहा आज तो आप ने भी बहुत ढीले कपडे पहने हे. वो बोली, तुम्हे खुश जो करना हे!
मैं समझ गया की आज मैं जो भी कहूँगा वो सब कर लेंगी नंदिनी भाभी. मैंने खाते खाते ही उसे कहा. एक बात कहूँ?
वो बोली, क्या?
मैंने कहा मैं आज आप का रेप करूँगा!
वो बोली, ऐसे गन्दी बातें मत करो. ऐसे क्यूँ कह रहे हो?
मैंने कहा अरे बाबा ऐसे नहीं, हम ऐसा रोल-प्ले करेंगे.
वो बोली, तुम ऐसा गन्दा क्यूँ सोचते हो?
मैंने कहा करना हे या नहीं?
वो बोली, आज बर्थ-डे हे इसलिए मना भी तो नहीं कर सकती हूँ.
मैं खुश हो गया. खाने के बाद हमने कोक पी और सोफे पर बैठे हुए थे. नंदिनी भाभी मेरी गोदी में बैठ के ही कोक पी रही थी. मैं उसके बूब्स से खेल रहा था. उसने नाइटी के निचे ब्रा पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए सीधे सीधे ही उसकी निपल्स मेरे हाथ में आ रही थी. अब हम लोगों को खाए हुए दस मिनिट हो गई थी. मैंने भाभी को कहा, स्टार्ट करें!
वो बोली अब रेप ही करना हे फिर मुझे क्या पूछना?
मैं हंस पड़ा और कहा, चलो बेडरूम में आपकी आज मैं इज्जत लूटना चाहता हूँ आपके साथ जबरजस्ती कर आपका बलात्कार करूँगा आज मैं.
भाभी अपनी सेक्सी गांड को मटकाते हुए आगे आगे चली. और मैं पीछे पीछे चल दिया. रस्ते में मैंने पीछे से गांड में ऊँगली डाल दी तो भाभी ने पीछे मुड़ के जूठी मूठी गुस्से वाली शकल बनाई. कमरे में घुसते ही मैंने दरवाजे को स्टॉपर लगा दी. भाभी ने मेरी तरफ देख के कहा, अरे तुम तुम यहाँ कैसे? (उसने अपनी रोलप्ले की एक्टिंग अभी से चालु कर दी थी).
मैंने उसके हाथ को पकड के कहा, रानी आज हम तुम्हारा बुर चोदेंगे.
वो बोली, चाल भाग मवाली कहीं के शक्ल देखि हे अपनी.
आज तू शकल भी देख ले और लंड भी.
भाभी दो कदम पीछे हट गई. मैंने उसके बाल पकड के कहा, चल सीधे से कपडे खोल वरना मुझे जबरदस्ती करनी पड़ेगी.
हे भगवान्, छोड़ दो मुझे प्लीज़.
मैंने एक थप्पड़ लगा दिया उसे. मैंने रेप के रोलप्ले को लाइव बनाने के लिए सच में ही थप्पड़ मार दिया था. भाभी हिल गई और बोली, आउच.
मैंने कहा, तेरी माँ को चोदुं साली रंडी.
और ये कह के मैं भाभी की नाइटी को पकड के खिंचा. आधी नाइटी फट गई और उसके चुंचे बहार दिखने लगे. मैंने बड़े जोर से बूब्स को अपने हाथ में ले के दबा दिए. भाभी करह उठी, उसे सच में बड़ा दर्द हुआ था. और फिर मैंने बाकि की नाइटी को भी फाड़ दिया. भाभी ने अपनी चूत को छिपा लिया. और मैंने उसके बाल पकड के उसे बिस्तर पर फेंक दिया. भाभी जूठा रोने लगी और मेरे से हाथ छोड़ के कहने लगी, प्लीज़ मुझे जाने दो तुम कहोगे उतने पैसे में दूंगी.
मैंने गुंडों वाली स्टाइल से कहा, जान आज तो तेरी जवानी का रस पियेंगे, आज पैसे से कुछ नहीं होगा. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
और फिर मैंने उसको एक थप्पड़ और मारा.
भाभी रोने लगी. मैंने उसे बिस्तर में डाल के उसके ऊपर चढ़ के उसके गले को पकड लिया. भाभी को दर्द हो रहा था. लेकिन इस देसी रेप के रोलप्ले को जिन्दा बनाने के लिए वो सब कुछ सह रही थी. और फिर मैंने कुछ ऐसा किया जो उसके लिए और भी दर्दनाक था. मैंने बिना किसी लुब्रिकेशन के ही अपना लंड को उसकी चूत में डाला. वो दर्द से सिहर उठी और मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी चुचिया पकड के दबा दी. वो दर्द से आह आह कर रही थी. उसकी रुखी चूत के अंदर लंड घुसेड के मैं उसे चूमने लगा और उसके निपल्स के ऊपर बाईट करने लगा.
मैं बहुत जोर जोर से बाईट कर रहा था बिलकुल असली बलात्कार में होता हे वैसे ही. भाभी दर्द से चिल्ला रही थी. और मैं अपने लंड को उसके बुर में पम्प करने लगा. भाभी को अभी भी बहुत दर्द हो रहा था. मैंने कुछ देर चोदने के बाद अपना लंड चूत से निकाला. और सीधा ही नंदिनी भाभी के मुहं में रख दिया. वो लंड नहीं चूस रही थी. मैंने अपने हाथ से उसके गाल को पकड़ा और जोर से दबा दिया. ऐसा करने से उसका मुहं खुला और मैंने लंड को अन्दर धकेल दिया. वो मेरे लंड के ऊपर दांत गड़ा रही थी. और जैसे बड़ी मुश्किल और परेशानी से लंड को चूस रही थी. कुछ देर लंड से मुहं को चोदने के बाद मैंने लंड मुहं से निकाला.
और फिर मैंने भाभी से कहा, चल रंडी घोड़ी बन जा मैं तेरी गांड मारुंगा.
भाभी बोली, प्लीज़ जाने दो और उसने मुझे हाथ जोड़े. मैंने कहा, साली रंडी ज्यादा बोली तो गांड में पूरा हाथ डाल दूंगा.
नंदिनी भाभी घोड़ी बन गई मेरे सामने. मैंने अपने लंड के सुपाडे पर थूंक लगाया और फिर उसे भाभी की गांड पर लगा दिया. भाभी को संभलने का मौका दिए बिना ही मैंने लौड़े का धक्का दे दिया. भाभी की गांड में आधा लंड घुसा लेकिन उसे बहुत पेन हुआ. वो दर्द की वजह से छटपटा गई. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा. और गांड को पकड़ के धक्के लगाने लगा.
भाभी पेन से बेहाल थी. लेकिन मैं बिना रुके हुए उसको पेलता गया. वो आह आह आह आह कर रही थी. और मैं बड़े जोर जोर से लंड को धक्के दे रहा था. मैं पूरा लंड बहार निकालता था, सिर्फ सुपाडे को अंदर रहने दे के. और फिर एक धक्के में पुरे लौड़े को अन्दर डाल देता था.
भाभी के साथ गांड चुदाई भी कुछ देर चली. और फिर मेरा वीर्य एकदम धार पर आ गया. मैंने फटाक से लंड बहार निकाल के उसे हिलाया. बहुत सब वीर्य भाभी की गांड पर छटक गया. भाभी ने अपने कुल्हे को एक हाथ से खोला और मैंने बची हुई बूंदों को उसके बुर पर लगा दी.
भाभी ने अपनी फटी हुई नाइटी पकड़ी और बोली, क्यूँ भाभी अपनी भाभी का रेप करने में मजा आया?
मैंने कहा, हाँ! अब तो हर महीने सोचता हु की मेरी बर्थ-डे आये.
भाभी ने मुझे एक चांटा मारा बड़े प्यार से और बोली, बड़े शैतान हो तुम!
मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसे एक चुम्मा दे दिया. भाभी ने भी मस्त लिप किस किया और वो दूसरी नाइटी लेने जा रही थी. मैंने कहा, अब कपडे पहनने की क्या जरूरत हे. आज तो पूरी रात मेरे लंड के नाम करनी होगी!