[size=x-large]हेल्लो दोस्तों, ये मेरी जवानी की पहली कहानी है जिसमे मैं अपने बदन के मज़े ले रही थी लेकिन उसी दिन मेरी सील भी टूट गयी। पढ़िए मेर virgin sex story और मस्त मुठ मारिये।[/size]
मेरा नाम करुना है। अभी मेरी उम्र 24 साल की है। अभी तक कुवारीं हूँ। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की मेरी चूत भी कुवारी हैं। ये तभी चुद गयी थी जब मेरी उम्र 13 साल भी नहीं हुई थी।
तब मै आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी मम्मी भी नहीं थी। मै और मेरा भाई जो कि मुझसे 5 साल छोटा था घर पर अकेले थे। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए मै घर के काम कर रही थी। मेरा छोटा भाई पड़ोस में खेलने चला गया था। मै बाथरूम में नहाने चली गयी। अपने सारे कपडे मैंने हॉल में ही छोड़ दिए और नंगी ही बाथरूम में चली गयी। क्यों कि घर में तो कोई था नहीं इसलिए किसी के देखने का कोई भय भी नहीं था। बाथरूम में आराम से मै अपने चूत को सहलाने । सहलाते सहलाते अपने चूत में ऊँगली डाल ली। पूरी ऊँगली अन्दर चली गयी। बड़ा ही मज़ा आया।
अन्दर चूत में ऊँगली का स्पर्श साफ़ महसूस हो रहा था। मै अपने ऊँगली को चूत में घुमाने लगी। मुझे लगा कि शायद चूत में अभी भी बहूत जगह इसमें खाली है। मैंने बाथरूम में रखा हुआ पुराना टूथब्रुश लिया और उलटे सिरे से पकड़ कर अपने बुर में डाल लिया। मै नीचे जमीन पर बैठ गयी और अपनी दोनों टांगो को पूरी तरह फैला दिया। इस से मुझे अपने बुर में ब्रश डालने में काफी आसानी हुई। अब मुझे बहूत ही मज़ा आने लगा। इतना मज़ा आ रहा था कि पेशाब निकलने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अपने चूत में कभी शेम्पू तो कभी नारियल तेल डाल डाल के मज़ा लेती रही। और ब्रश से चूत की सफाई भी करती रही। थोड़े देर के बाद मै नहा कर वापस अपने कमरे में आ गयी। थोड़ी देर के बाद मेरा छोटा भाई भी बाहर से आ गया।
उसी शाम में मेरी मम्मी के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक रिश्तेदार मेरे यहाँ आ धमका । उसकी उम्र रही होगी कोई 20-21 साल की। उनको मेरी मम्मी से कुछ काम था। लेकिन मम्मी तो कल शाम में आने वाली थी। मैंने मम्मी को फोन कर के उसके बारे में बताया तो मम्मी बोली आज रात को उसे अपने घर में ही रुकने के लिए बाहरी कमरा दे देना।
रात को खाना पीना खा कर सभी चुपचाप सो गए। रात 11 बजे मुझे पिशाब लग गया। मै बाथरूम गयी तो मुझे फिर से वही सुबह में चूत में ब्रश डालने वाली घटना याद आ गयी। मुझे फिर से अपने बुर में ब्रश डालने का मन करने लगा। मैंने अपने सारे कपडे खोल कर अपने बुर में ब्रश डाल कर मज़े लेने लगी। मुझे अपने बाथरूम का दरवाजा बंद करने का भी याद नहीं रहा। मै दीवार की तरफ मुह कर के अपने चूत में ब्रुश डाल कर मज़े ले रही थी।
तभी पीछे से आवाज आई- ये क्या कर रही हो करुना?
ये सुन कर मै चौंक गयी। मैंने पलट कर देखा तो मेरा मामू नरेश ठीक मेरे पीछे खडा था। वो सिर्फ एक तौलिया पहने हुए था.
मैंने कहा – आप यहाँ क्या कर रहे हैं मामू?
वो बोला- मुझे पिशाब लगा था इसलिए मै यहाँ आया था तो देखा कि तुम कुछ कर रही हो।
मै अब क्या कहूं क्या नहीं? हड़बड़ी में मैंने कह दिया – देखते नहीं ये साफ़ कर रही हूँ। इसकी सफाई भी तो जरूरी है न? वैसे तुम यहाँ पिशाब करने आये हो ना तो करो और जाओ।
उसने कहा – मै तो यहाँ पिशाब करने आया था ।
मैंने कहा – ठीक है तुम तब तक पिशाब करो मै अपना काम कर रही हूँ।
दरअसल मै उसकी लंड देखना चाहती थी। सोच रही थी कि जब इसने मेरा चूत देख लिया है तो मै भी इसके लंड को देख कर हिसाब बराबर कर लूं।
नरेश – तुम यहीं रहोगी?
मैंने कहा- हाँ। तुम्हे इस से क्या? ये मेरा घर है । मै कहीं भी रहूँ।
उसने कहा- ठीक है।
और उसने अपना तौलिया खोल दिया । और पूरी तरह से नंगा हो गया। मुझे सिर्फ उसकी लंड देखना था। उसका लंड मेरे अनुमान से कहीं बड़ा और मोटा था। उसकी लंड किसी मोटे सांप की तरह झूल रहा था। वो मेरे सामने ही कमोड पर बैठ गया। उस ने अपने लंड को पकड़ा और उस से पेशाब करने लगा। यह देख मै बहूत आश्चर्यचकित थी कि इतने मोटे लंड से कितना पिशाब निकलता है? पिशाब करने के बाद उसने अपने लंड को झाड़ा और सहलाने लगा।
मेरा नाम करुना है। अभी मेरी उम्र 24 साल की है। अभी तक कुवारीं हूँ। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की मेरी चूत भी कुवारी हैं। ये तभी चुद गयी थी जब मेरी उम्र 13 साल भी नहीं हुई थी।
तब मै आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी मम्मी भी नहीं थी। मै और मेरा भाई जो कि मुझसे 5 साल छोटा था घर पर अकेले थे। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए मै घर के काम कर रही थी। मेरा छोटा भाई पड़ोस में खेलने चला गया था। मै बाथरूम में नहाने चली गयी। अपने सारे कपडे मैंने हॉल में ही छोड़ दिए और नंगी ही बाथरूम में चली गयी। क्यों कि घर में तो कोई था नहीं इसलिए किसी के देखने का कोई भय भी नहीं था। बाथरूम में आराम से मै अपने चूत को सहलाने । सहलाते सहलाते अपने चूत में ऊँगली डाल ली। पूरी ऊँगली अन्दर चली गयी। बड़ा ही मज़ा आया।
अन्दर चूत में ऊँगली का स्पर्श साफ़ महसूस हो रहा था। मै अपने ऊँगली को चूत में घुमाने लगी। मुझे लगा कि शायद चूत में अभी भी बहूत जगह इसमें खाली है। मैंने बाथरूम में रखा हुआ पुराना टूथब्रुश लिया और उलटे सिरे से पकड़ कर अपने बुर में डाल लिया। मै नीचे जमीन पर बैठ गयी और अपनी दोनों टांगो को पूरी तरह फैला दिया। इस से मुझे अपने बुर में ब्रश डालने में काफी आसानी हुई। अब मुझे बहूत ही मज़ा आने लगा। इतना मज़ा आ रहा था कि पेशाब निकलने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अपने चूत में कभी शेम्पू तो कभी नारियल तेल डाल डाल के मज़ा लेती रही। और ब्रश से चूत की सफाई भी करती रही। थोड़े देर के बाद मै नहा कर वापस अपने कमरे में आ गयी। थोड़ी देर के बाद मेरा छोटा भाई भी बाहर से आ गया।
उसी शाम में मेरी मम्मी के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक रिश्तेदार मेरे यहाँ आ धमका । उसकी उम्र रही होगी कोई 20-21 साल की। उनको मेरी मम्मी से कुछ काम था। लेकिन मम्मी तो कल शाम में आने वाली थी। मैंने मम्मी को फोन कर के उसके बारे में बताया तो मम्मी बोली आज रात को उसे अपने घर में ही रुकने के लिए बाहरी कमरा दे देना।
रात को खाना पीना खा कर सभी चुपचाप सो गए। रात 11 बजे मुझे पिशाब लग गया। मै बाथरूम गयी तो मुझे फिर से वही सुबह में चूत में ब्रश डालने वाली घटना याद आ गयी। मुझे फिर से अपने बुर में ब्रश डालने का मन करने लगा। मैंने अपने सारे कपडे खोल कर अपने बुर में ब्रश डाल कर मज़े लेने लगी। मुझे अपने बाथरूम का दरवाजा बंद करने का भी याद नहीं रहा। मै दीवार की तरफ मुह कर के अपने चूत में ब्रुश डाल कर मज़े ले रही थी।
तभी पीछे से आवाज आई- ये क्या कर रही हो करुना?
ये सुन कर मै चौंक गयी। मैंने पलट कर देखा तो मेरा मामू नरेश ठीक मेरे पीछे खडा था। वो सिर्फ एक तौलिया पहने हुए था.
मैंने कहा – आप यहाँ क्या कर रहे हैं मामू?
वो बोला- मुझे पिशाब लगा था इसलिए मै यहाँ आया था तो देखा कि तुम कुछ कर रही हो।
मै अब क्या कहूं क्या नहीं? हड़बड़ी में मैंने कह दिया – देखते नहीं ये साफ़ कर रही हूँ। इसकी सफाई भी तो जरूरी है न? वैसे तुम यहाँ पिशाब करने आये हो ना तो करो और जाओ।
उसने कहा – मै तो यहाँ पिशाब करने आया था ।
मैंने कहा – ठीक है तुम तब तक पिशाब करो मै अपना काम कर रही हूँ।
दरअसल मै उसकी लंड देखना चाहती थी। सोच रही थी कि जब इसने मेरा चूत देख लिया है तो मै भी इसके लंड को देख कर हिसाब बराबर कर लूं।
नरेश – तुम यहीं रहोगी?
मैंने कहा- हाँ। तुम्हे इस से क्या? ये मेरा घर है । मै कहीं भी रहूँ।
उसने कहा- ठीक है।
और उसने अपना तौलिया खोल दिया । और पूरी तरह से नंगा हो गया। मुझे सिर्फ उसकी लंड देखना था। उसका लंड मेरे अनुमान से कहीं बड़ा और मोटा था। उसकी लंड किसी मोटे सांप की तरह झूल रहा था। वो मेरे सामने ही कमोड पर बैठ गया। उस ने अपने लंड को पकड़ा और उस से पेशाब करने लगा। यह देख मै बहूत आश्चर्यचकित थी कि इतने मोटे लंड से कितना पिशाब निकलता है? पिशाब करने के बाद उसने अपने लंड को झाड़ा और सहलाने लगा।