मीनू भाभी की चुत की तड़प मेरे तंबू लंड ने मिटाई - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

मीनू भाभी की चुत की तड़प मेरे तंबू लंड ने मिटाई

desiaks

Administrator
Joined
Aug 28, 2015
Messages
24,893
मीनू भाभी की चुत की तड़प मेरे तंबू लंड ने मिटाई- bhabhi ki chut ki tadap mere tambu lund ne bhujai

मेरा नाम रंजन है, एक प्राइवेट कंपनी मैं जॉब करता हूँ. मैं यहां अपने चचेरे भाई के साथ बोरिंग रोड साइड मैं रहता हूँ. दोस्तों, मैं यहां कोई उत्तेजक कहानी या अपने आप बनाई कोई कहानी नहीं लिख रहा हूँ. जो यकीन ना करना चाहे कोई बात नहीं.

मेरे भैया का नाम राकेश है, भाभी का नाम मीनू है.

हम तीनों यहां एक साथ बारे आराम से रहते है. पटना मैं हमने एक बड़ा 3 बेडरूम फ्लैट ले रखा है.

भैया का जॉब मार्केटिंग था और उनका अक्सर बाहर आना-जाना लगा रहता था.

बात 2007 की है, भैया दिल्ली गये थे. सवेरे भाभी की आवाज़ नहीं आ रही थी. तो मैंने उनके बेडरूम मैं जाकर देखा भाभी को बहुत तेज बुखार था. मैं उन्हें हॉस्पिटल लेकर गया और दवाई लाया. शाम तक भाभी का बुखार उतार गया.

रात को कहने के बाद मैं भाभी को बोला आप सो जाओ मैं अपने कमरे मैं हे हूँ कोई जरूरत हो तो आवाज़ लगाना. भाभी ना हां कहा और सो गयी.

तकरीबन 11 बजे भाभी ने आवाज़ लगाई.

मैं गया तो देखा भाभी ठंड से काँप रही है तो पहले मैंने एक कंबल उड़ाया और फिर भी कुछ नहीं हुआ तो मैंने भाभी को कंबल के ऊपर से ज़ोर से पकड़ लिया.

भाभी थोड़ी देर मैं सो गयी पर मेरी नींद उड़ गयी और रात भर मेरा लंड तंबू बना रहा पर कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई बस भाभी को पकड़ कर सो गया.

सुबह भाभी की आँख खुली तो मैं उनसे नज़रे भी मिला नहीं पाया बस तैयार होकर नाश्ता किया और धीर से सॉरी बोल कर ऑफिस चला गया. पर ऑफिस मैं भी मन नहीं लग रहा था. करीब 2 बजे भाभी का फोन आया. मैं डर गया पर फोन उठाया तो भाभी बोली- रंजन, रात को जो हुआ उसे भूल जाए. उसका कारण जरूरत और मजबूरी भी थी.वैसे मुझे मजा आया सोने मैं, बहुत हे कम समय हे तेरे भैया पकड़ कर सोते है और वैसे भी महीने मैं 20 दिन अकेली रहती हूँ. मेरे अरमानों को कौन समझेगा.!
मैं उनकी बात सुनकर बोला - भाभी, आख़िर मैं क्या कर सकता हूँ.

भाभी- रंजन, मुझे वो खुशी चाहिए जो तुम्हारे भैया से बहुत कम मिलती है.

मैंने फोन कट कर दिया पर मेरे मन मैं भी हलचल शुरू हो गयी थी.

दोस्तों, बता दम मीनू भाभी कमाल दिखती है. गोरा रंग,शरीर भरा-भरा..! जो भी देखे मुंह मैं पानी आ जाए.! सारी पहनती है, तो कयामत ढाती है..!

मैं 7 बजे ऑफिस से निकल कर घर पहुंचा, मेरे पास ड्यूप्लिकेट चाबी थी तो दरवाजा खोल कर अनादर पहुंचा. मीने को मेरे आने का पता चल गया था. मुझे देख कर वो मुस्कराई और मेरे पास आई.

मैं- भाभी क्या बात है?

भाभी- पहले तो रंजन, तुम मुझे.!

मीनू ने प्यारी से मुस्कान दी और मुझे गले लगा लिया और मेरे होठों को चूम लिया.

मैंने भी उसको बाँहों मेले लिया, मेरा मान तो किया टेबल पर लिटाकर यही चोद डालु, पर फिर सोचा की नहीं इतनी जल्दी नहीं, आराम से करूँगा. मैंने कुछ नहीं किया.

फिर हमने खाना खाया और बाहर भी पी.. बाहर के नशे माईओ थोड़ा बहकने लगी थी. मैं भाभी को पकड़ कर उनके बेडरूम मैं ले गया.

बेडरूम मैं जाकर मैंने दूर बंद किया, भाभी को बेड पर लिटाया और अपनी शर्ट उतार कर उसकी जांघों के पास बैठ गया और उसको चूमने लगा.

वो बाहर के नशे के साथ वासना के नशे मैं भी थी और मचल रही थी.

उसको मचल देख मेरा लंड और तमतमाने लगा.

भाभी- रंजन. आज मुझे पूरा मजा दे दो. जो तुम्हारे भैया भी दे पाते.

फिर मैंने उसके बदन को चूमा और कपड़े उतार दिए. उसने लाल रंग की ब्रा-पेंटी पहनी थी जो उसके गोरे बदन पर कमाल लग रही थी.

मैंने उसकी चूची मसलनी शुरू की और उसके रसीले होठों पर अपने होंठ रख दिए.

वो मेरा पूरा साथ दे रही थी, मेरी पीठ सहला रही थी.

मैंने उसकी पीठ पर हाथ लेजा कर ब्रा का हुक खोल दिया तो उनकी चूंचिया आज़ाद हो गयी और मैंने उनको मुंह मैं लेकर चूसना शुरू किया.

वो बोले रही थी- चूसो! और ज़ोर से.!

मुझे जोश आ रहा था, मीनू की चूची चूस चूस कर लाल कर दी थी मैंने, अब वो गरम हो चुकी थी.

मज़ेदार सेक्स कहानियाँ

- April 6, 2016- June 8, 2016- December 17, 2015- April 17, 2016- December 5, 2015

मीनू ने मुझे ऊपर से हटाया और खुद मेरे ऊपर आ गयी. मेरी पेंट निकल दी और आंडरवेयर के ऊपर सेमेरा लंड मसलने लगी..मैंने नीचे लेते हुए उसकी चूंचियो पकड़ी और दबाने लगा. वो मेरे पूरे बदन को चूम रही थी. फिर मेरा आंडरवेयर निकल दिया और हाथों से उसके साथ खेलने लगी.

मेरा 8 इंच का लंड पूरी तरह से अकड़ चुका था.

भाभी मेरे लंड को देखकर निढल हो गयी और मुंह मैं लेकर लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

मैं तो जैसे किसी नशे मैं खोने लगा.

उसने मेरे लंड को 5-6 मिनट तक चूसा, फिर बाहर निकल बोली- चुत मैं बहुत आगा है, बहुत प्यासी है.!

फिर हम 69 की पोज़िशन मैं आ गये.मैंने जैसे हे उसके चुत के दाने को मुंह मैं लिया वो उछालने लगी. मैं अपने दोनों हाथ उसके कुल्हो पर घूमने लगा.

वो मेरा लंड मुंह मैं लेकर चूस रही थी.

करीब 10 मिनट हम ऐसा करते रहे. फिर भाभी सिडगी बेड पर लेट गयी और मैं भी उनके शरीर को चूमते हुए नीचे पहुंचा उनके दोनों पर फैलाये ओर अपना लंड उनकी चुत पर रखा और धीरे से रगड़ने लगा.

भाभी की चुत गीली हो गयी थी, तो मैंने धीरे से लंड अंदर डाल दिया.

जैसे हे मेरा लंड उसकी चुत मैं गया, थोड़ी 'आहें' भरते हुए उसने अपने अपनी चूंचिया थोड़ी ऊपर करी तो मैंने अपना हाथ उसकी पीठ के नीचे डाल दिया जिसे-से चूंचिया और उभर गयी.

अब मैंने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दी और उसके मुंह से आवाज़ निकालने लगी- हम आह. हम आ. !

जो मुझ मैं और जोश जगाने लगी, मेरी बढ़ता बढ़न एलगी और मैंने और ज़ोर से धक्के मरने शुरू किया.

भाभी मुझे धक्का देकर खुद ऊपर आ गयी और लंड अंदर चुत मैं ले लिया. मैंने भाभी के चूतड़ अपने दोनों हाथ से पकड़े और नीचे से धक्का मरने लगा.

मेरा लंड भाभी की चुत मैं अंदर तक जा रहा था इसलिए उन्हें भी मजा आ रहा था.

10 मिनट ऐसे चलता रहा और वो झाड़ गयी और मेरे ऊपर लेट गयी.

मैं उसकी गांड सहला रहा था क्योंकि उसकी गांड बहुत मस्त थी, बहुत बड़ी चिकनी भी थी. मैं झाड़ा नहीं डेठ ओह मैड हीरे-धीरे हिल रहा था.

फिर मैंने धीरे से उनके कान मैं कहा- घोड़ी बन कर चूदेगी?

भाभी- हां.

भाभी घोड़ी की पोज़िशन मैं आ गयी और मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चुत मैं घुसाया और हिलने लगा और अंगूठा उनकी गांड के छेद पर लगाया.

धीरे-धीरे अंगूठा भी उसकी गांड मैं घुस गया. अब मैं जैसे-जैसे धक्के लगता, वैसे हे अंगूठा भी अंदर बाहर होता.

वो बहुत सिसकियां ले रही थी और बोल रही थी- और ज़ोर से करो.! फाड़ दो इस चुत को अब.! मैं भी पूरे जोश मैं चुदाई करने लगा, मुझे लगा की अब मैं झड़नेवाला होंठ ओह मैंने उसे-से कहा- मेरा पानी निकालने वाला है, पीना चाहोगी या बाहर कही निकालु.!

भाभी- चुत के अंदर डाल दो,कोई दिक्कत नहीं है.

तो मैंने अंदर हे ज़ोर ज़ोर के झटके मारे ओर पूरा लंड अंदर तक दबा कर चुत में अपना सारा पानी निकल दिया.

थोड़ी देर मैं वैसे हे रहा, उसने भी लंबी साँस ली, फिर लंड बाहर निकाला, त्यों उसने थोड़ा चूसा.

मैं उसके पास हिलते गया, उसने अपना सर मेरे कंधे पर रखा और मेरे सीने पर उंगली घूमने लगी और थोड़ी देर मैं हम दोनों ऐसे हे सो गये.

फिर रात के करीब 1 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा उसकी गांड मेरी तरफ थी मुझ से रहा नहीं गया और मैंने उसकी गांड चुसनी शुरू की.

भाभी की नींद भी टूट गयी, मैंने अपनी जुबान उनके गांड के छेद मैं घुआ कर गीला कर दिया.

और अपने लंड मैं थूक लगा कर उसकी गांड मैं घुसा दिया. वो पहले तो थोड़ा चिल्लाई और फिर शांत होकर मुझे लेने लगी.

मैं उसको 20 मिनट तक चोद कर झाड़ गया.फिर हम एक दूसरे से लिपट कर सो गये. उसने कहा - काश! तुम्हारे भैया भी मुझे इतना अच्छे से चोदते. तुमने मेरी आज पूरी प्यास बुझा दी

उसे रात हमें 3 बार एक दूसरे का रस निकाल ओर हम 2009 तक एक दूसरे के मुझे लेते रहे.

फिर मैंने भाभी की बहन को चोदा और भाभी की सहेली को पता चला तो उसने भी मुझ से चुदवाया.

फिर कैसै मैं कॉल-बॉय बना बाद मैं बतायुंगा.
 
Back
Top