desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
[font=verdana, geneva, lucida,]
अपडेट 134
[/font]
[font=verdana, geneva, lucida,]
रंजू भाभी : क्या अमित ?? खुद तो सोते रहते हो पर ये हमेशा जागता रहता है ...
मैंने उठकर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया ...
रंजू भाभी : क्या करते हो ?? श्वेता भी यही है ....और बड़े घूर घूर कर देख रहे थे उसको ...
मैं : हाँ भाभी माल ही ऐसा है ...बहुत मजेदार है आपके बेटी ...
रंजू भाभी : अच्छा तो उस पर भी नजर है ....
मैं : तो क्या हुआ ...अगर उसको भी लण्ड चाहिए तो इसमें क्या बुराई है ...
मैंने श्वेता की ओर देखा वो सीधी लेटी थी ...
पता नहीं सो रही थी या हमारी बातें सुन रही थी ...
उसने अपनी जीन्स का बटन खोल लिया था ...जहाँ से अंदर का गोरा हिस्सा दिखाई दे रहा था ...
मैं : यार भाभी इसकी चूत के तो दर्शन करा दो ..देखो कैसे झांक रही है झरोके से ...मैंने रंजू भाभी को बाँहों में कसकर उनके लाल लाल होंठो को चूमते हुए बोला ..
और उन्होंने मुस्कुराकर मेरे कान पकड़ लिए ...
रंजू भाभी : हर समय पिटाई वाला काम करना चाहता है ...
अगर जाग गई ना तो हल्ला हो जायेगा ...
चल अब सो जा वैसे ही ..जूली अभी बाहर आती होगी ...
मैंने भाभी के चूतड़ों को कसकर दबाया ..वो मुझे वहीँ छोड़कर कमरे से बाहर चली गई ...
अपने बिस्तर पर आते हुए मैंने एक बार फिर श्वेता की ओर देखा तो वो गहरी नींद में लगी...
उसकी चूत देखने का लालच मैं छोड़ नहीं पाया ...
चुपचाप उसके निकट जाकर मैंने उसकी जीन्स के दोनों सिरे पकड़ विपरीत दिशा में खींचे ...
और उसकी चैन खुलती चली गई ...
पहले तो लगा जैसे की उसने निचे कुछ नहीं पहना है ..
फिर डोरी वाली फैंसी पंतय दिखाई दे गई ...
जो शायद उसके चूत के हिस्से को ही ढके हुए थी ..
उसकी गोरी सफ़ेद चिकनी चूत का ऊपरी हिस्सा दिखाई दे रहा था ...
अब उसके आगे देखने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता ..और फिर जूली के भी बाथरूम से बाहर आने की आवाज आने लगी ...
मैं जल्दी से अपने बिस्तर पर चढ़कर वैसे ही सो गया ..
या फिर सोने की एक्टिंग करने लगा ...
तभी जूली बाहर आई ..
उसने अपनी नाइटी निकाल ...कोई ड्रेस पहनी ...
फिर उसने श्वेता को जगाया ...
जूली : उठ श्वेता मैं जा रही हूँ ...और ऐसे हवा मत लगा ...ले मेरी नाइटी पहकर आराम से सो जा ...
श्वेता : ओह्ह्ह क्या करती हो भाभी ..ठीक है ...आप कहाँ जा रहे हो ...
जूली : रंजू भाभी के साथ ऋतू और रिया को तैयार करने ...तू यहाँ आराम कर ...जब फ्री हो जायेंगे तो तेरे को बुला लेंगे ...
श्वेता : ठीक है भाभी ...आप चिंता मत करो मैं हूँ यहाँ ..
जूली : वो तो है ...और अपने भैया का भी ध्यान रखना ..सब कुछ खोलकर सो रहे हैं ...हा हा ...
श्वेता : धत्त भाभी ...आप भी ना ...वो तो आप ही दिन में उनको परेसान कर रही होंगी ...
जूली : अच्छा बच्चू तो तू जाग रही थी ...चल अब तेरे लिए छोड़े जा रही हूँ ...मेरी नाइटी पहन तू भी उनकी नींद का फ़ायदा उठा लेना ..
वो तो यही समझेंगे की मैं हूँ ...
श्वेता : छीईईईई मैं ऐसी नहीं हूँ ....
और जूली के जाने और दरवाजा बंद करने की आवाज आई ...
मुझे लगा ये सब मजाक में ही दोनों ने कहा होगा ...
मैंने अपनी अधखुली आँखों से देखा ...श्वेता तो उसकी कमरे में ही अपने कपडे उतारने लगी ...
उसने जीन्स ...टॉप और ब्रा भी उतार दी ...
फिर उसने जूली की अंदर वाली शार्ट नाइटी ही पहनी ..
श्वेता की लम्बाई जूली से कुछ ज्यादा होने से वो नाइटी उसकी और ज्यादा ऊपर चढ़ गई ...उसके मोटे चूतड़ों को मुस्किल से ढक पा रही थी ...
श्वेता तो मेरी समझ से भी ज्यादा बोल्ड निकली ...
इतनी सेक्सी ड्रेस पहनकर ..जिसमे वो लगभग पूरी नंगी ही दिख रही थी ...
मेरे पास मेरे बिस्तर पर आ वो फैले हुए मेरे हाथ पर अपना सर रख मेरी ओर पीठ कर लेट गई ...
मैं तो पहले से ही नंगा था ...
मेरा लण्ड पहले से ही आधा खड़ा था ...पर उसके इस कोमल स्पर्श से पूरा तनतना गया ...
मैंने भी अब देर करना उचित नहीं समझा ..
मैंने कुम्भलाते हुए उसकी ओर करवट ले ली ...
उसकी लम्बाई तो मेरे लिए बिलकुल आइडियल थी ..
मेरे खड़े लण्ड का गोल, गरम सुपाड़ा ठीक उसकी फूली हुई चूत पर जाकर टिक गया ...
लण्ड को और मेरी जांघो को उसके नंगे चूतड़ों का ही एहसास हुआ ...
क्युकि नाईटी तो कबकि उसके चूतड़ों से ऊपर सरक गई थी ...
और उसकी छोटी सी पैंटी की डोरी तो शायद उसके गहरे चूतड़ों की दरार में गम हो गई थी ...
मैं : आह्ह्ह्ह्हा जूली कितना प्यारा जिस्म है तुम्हारा ...और तुम्हारी ये मखमली चूत तो हर समय गरम रहती है ...आअह्ह्ह्हाआआआआ देखो कितना पानी छोड़ रही है ...आअह्ह्ह्हाआआ ...
डाल दूँ क्या अंदर ....???
श्वेता के मुहं से बीएस सिसकारी और उन्न्न्ह्हुउउउउउ की आवाज ही निकली ..
मैंने अपने सीधे हाथ नीचे ले जाकर...उसकी चूत के पास हट चुकी पट्टी को पूरी तरह एक ओर सरका दिया ..और लण्ड के सुपाड़े को जैसे ही चूत के मुख पर टिकाया ..
मेरी कमर के साथ साथ श्वेता भी पीछे को खिसकी ..
आह्ह्ह्ह्हाआआआआआ उउउउउउउउउउउउउउ
और मेरा लण्ड गप्प्पाक्क की आवाज के साथ अंदर चला गया ...
करीब ३ इंच अंदर करके ही मैंने ८-१० धक्के लगाए ..
अह्हाआआआआ आअह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआ
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउउउउउउउउ
इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ
मैंने श्वेता के कैसे हुए मम्मो को टटोला ...और तभी ...
मैं : अर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र ईईईई ये क्या ...??????
ये तो तुमम ...यहाँ कैसे आ गई ...???
मैंने जानबूझकर ऐसी एक्टिंग की ...ओह्ह्ह
मैंने तो जूली समझा था ....
और श्वेता का चेहरा ...????????
........
?????????????????[/font]
अपडेट 134
[/font]
[font=verdana, geneva, lucida,]
रंजू भाभी : क्या अमित ?? खुद तो सोते रहते हो पर ये हमेशा जागता रहता है ...
मैंने उठकर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया ...
रंजू भाभी : क्या करते हो ?? श्वेता भी यही है ....और बड़े घूर घूर कर देख रहे थे उसको ...
मैं : हाँ भाभी माल ही ऐसा है ...बहुत मजेदार है आपके बेटी ...
रंजू भाभी : अच्छा तो उस पर भी नजर है ....
मैं : तो क्या हुआ ...अगर उसको भी लण्ड चाहिए तो इसमें क्या बुराई है ...
मैंने श्वेता की ओर देखा वो सीधी लेटी थी ...
पता नहीं सो रही थी या हमारी बातें सुन रही थी ...
उसने अपनी जीन्स का बटन खोल लिया था ...जहाँ से अंदर का गोरा हिस्सा दिखाई दे रहा था ...
मैं : यार भाभी इसकी चूत के तो दर्शन करा दो ..देखो कैसे झांक रही है झरोके से ...मैंने रंजू भाभी को बाँहों में कसकर उनके लाल लाल होंठो को चूमते हुए बोला ..
और उन्होंने मुस्कुराकर मेरे कान पकड़ लिए ...
रंजू भाभी : हर समय पिटाई वाला काम करना चाहता है ...
अगर जाग गई ना तो हल्ला हो जायेगा ...
चल अब सो जा वैसे ही ..जूली अभी बाहर आती होगी ...
मैंने भाभी के चूतड़ों को कसकर दबाया ..वो मुझे वहीँ छोड़कर कमरे से बाहर चली गई ...
अपने बिस्तर पर आते हुए मैंने एक बार फिर श्वेता की ओर देखा तो वो गहरी नींद में लगी...
उसकी चूत देखने का लालच मैं छोड़ नहीं पाया ...
चुपचाप उसके निकट जाकर मैंने उसकी जीन्स के दोनों सिरे पकड़ विपरीत दिशा में खींचे ...
और उसकी चैन खुलती चली गई ...
पहले तो लगा जैसे की उसने निचे कुछ नहीं पहना है ..
फिर डोरी वाली फैंसी पंतय दिखाई दे गई ...
जो शायद उसके चूत के हिस्से को ही ढके हुए थी ..
उसकी गोरी सफ़ेद चिकनी चूत का ऊपरी हिस्सा दिखाई दे रहा था ...
अब उसके आगे देखने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता ..और फिर जूली के भी बाथरूम से बाहर आने की आवाज आने लगी ...
मैं जल्दी से अपने बिस्तर पर चढ़कर वैसे ही सो गया ..
या फिर सोने की एक्टिंग करने लगा ...
तभी जूली बाहर आई ..
उसने अपनी नाइटी निकाल ...कोई ड्रेस पहनी ...
फिर उसने श्वेता को जगाया ...
जूली : उठ श्वेता मैं जा रही हूँ ...और ऐसे हवा मत लगा ...ले मेरी नाइटी पहकर आराम से सो जा ...
श्वेता : ओह्ह्ह क्या करती हो भाभी ..ठीक है ...आप कहाँ जा रहे हो ...
जूली : रंजू भाभी के साथ ऋतू और रिया को तैयार करने ...तू यहाँ आराम कर ...जब फ्री हो जायेंगे तो तेरे को बुला लेंगे ...
श्वेता : ठीक है भाभी ...आप चिंता मत करो मैं हूँ यहाँ ..
जूली : वो तो है ...और अपने भैया का भी ध्यान रखना ..सब कुछ खोलकर सो रहे हैं ...हा हा ...
श्वेता : धत्त भाभी ...आप भी ना ...वो तो आप ही दिन में उनको परेसान कर रही होंगी ...
जूली : अच्छा बच्चू तो तू जाग रही थी ...चल अब तेरे लिए छोड़े जा रही हूँ ...मेरी नाइटी पहन तू भी उनकी नींद का फ़ायदा उठा लेना ..
वो तो यही समझेंगे की मैं हूँ ...
श्वेता : छीईईईई मैं ऐसी नहीं हूँ ....
और जूली के जाने और दरवाजा बंद करने की आवाज आई ...
मुझे लगा ये सब मजाक में ही दोनों ने कहा होगा ...
मैंने अपनी अधखुली आँखों से देखा ...श्वेता तो उसकी कमरे में ही अपने कपडे उतारने लगी ...
उसने जीन्स ...टॉप और ब्रा भी उतार दी ...
फिर उसने जूली की अंदर वाली शार्ट नाइटी ही पहनी ..
श्वेता की लम्बाई जूली से कुछ ज्यादा होने से वो नाइटी उसकी और ज्यादा ऊपर चढ़ गई ...उसके मोटे चूतड़ों को मुस्किल से ढक पा रही थी ...
श्वेता तो मेरी समझ से भी ज्यादा बोल्ड निकली ...
इतनी सेक्सी ड्रेस पहनकर ..जिसमे वो लगभग पूरी नंगी ही दिख रही थी ...
मेरे पास मेरे बिस्तर पर आ वो फैले हुए मेरे हाथ पर अपना सर रख मेरी ओर पीठ कर लेट गई ...
मैं तो पहले से ही नंगा था ...
मेरा लण्ड पहले से ही आधा खड़ा था ...पर उसके इस कोमल स्पर्श से पूरा तनतना गया ...
मैंने भी अब देर करना उचित नहीं समझा ..
मैंने कुम्भलाते हुए उसकी ओर करवट ले ली ...
उसकी लम्बाई तो मेरे लिए बिलकुल आइडियल थी ..
मेरे खड़े लण्ड का गोल, गरम सुपाड़ा ठीक उसकी फूली हुई चूत पर जाकर टिक गया ...
लण्ड को और मेरी जांघो को उसके नंगे चूतड़ों का ही एहसास हुआ ...
क्युकि नाईटी तो कबकि उसके चूतड़ों से ऊपर सरक गई थी ...
और उसकी छोटी सी पैंटी की डोरी तो शायद उसके गहरे चूतड़ों की दरार में गम हो गई थी ...
मैं : आह्ह्ह्ह्हा जूली कितना प्यारा जिस्म है तुम्हारा ...और तुम्हारी ये मखमली चूत तो हर समय गरम रहती है ...आअह्ह्ह्हाआआआआ देखो कितना पानी छोड़ रही है ...आअह्ह्ह्हाआआ ...
डाल दूँ क्या अंदर ....???
श्वेता के मुहं से बीएस सिसकारी और उन्न्न्ह्हुउउउउउ की आवाज ही निकली ..
मैंने अपने सीधे हाथ नीचे ले जाकर...उसकी चूत के पास हट चुकी पट्टी को पूरी तरह एक ओर सरका दिया ..और लण्ड के सुपाड़े को जैसे ही चूत के मुख पर टिकाया ..
मेरी कमर के साथ साथ श्वेता भी पीछे को खिसकी ..
आह्ह्ह्ह्हाआआआआआ उउउउउउउउउउउउउउ
और मेरा लण्ड गप्प्पाक्क की आवाज के साथ अंदर चला गया ...
करीब ३ इंच अंदर करके ही मैंने ८-१० धक्के लगाए ..
अह्हाआआआआ आअह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआ
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउउउउउउउउ
इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ
मैंने श्वेता के कैसे हुए मम्मो को टटोला ...और तभी ...
मैं : अर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र ईईईई ये क्या ...??????
ये तो तुमम ...यहाँ कैसे आ गई ...???
मैंने जानबूझकर ऐसी एक्टिंग की ...ओह्ह्ह
मैंने तो जूली समझा था ....
और श्वेता का चेहरा ...????????
........
?????????????????[/font]