desiaks
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- Aug 28, 2015
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मैं अपना लण्ड उनकी चूत से निकाल कर मुँह में दे दिया और मेरा पानी मौसी के मुँह में पूरा भर
गया और वह मेरे पानी तो गटगट पीने लगी। फिर मैं मौसी के बगल में आकर लेट गया।
कुछ देर बाद मैंने मौसी के हाथ में अपना सिकुड़ा हुआ लण्ड पकड़ा दिया।
मौसी मेरे लण्ड को सहलाने लगी और पूछा कि 'अभी भी पेट भरा नहीं क्या मुझे चोद कर?'
मैंने कहा- 'मौसी मैं अब आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा- 'बेटा मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा लण्ड भी काफी बड़ा और मोटा है मुझे तकलीफ होगी।'
मैंने कहा- 'डरो मत मैं आहिस्ता आहिस्ता डालूंगा।'
तो मौसी बोलीं- 'बेटा पहले अपने लण्ड पर और मेरी गांड में ढेर सारा तेल लगा लो तो लण्ड आसानी से गांड में चला जाएगा।'
मैंने कहा- 'ठीक है मैं तेल की बोतल ले के आता हूँ तुम पेट के बल अपनी गांड फैला कर रखना' और मैं तेल लेने चला गया।
अँधेरा होने के कारण मुझे तेल की शीशी नहीं मिल रही थी। तेल की शीशी जब लेकर आया
तो काफी समय लग गया तो देखा कि मौसी पेट के बल लेटी हुई थीं।
मैंने कहा- 'अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फैला दो ताकि मैं गांड में अच्छी तरह से तेल लगा सकूं।'
उन्होंने कुछ नहीं कहा और अपने दोनों हाथों से चूतड़ पाकर गांड फ़ैला दी, मैंने अपनी हथेली पर ढेर
सारा तेल डाल कर उसकी गांड के छेद में तेल लगाने लगा।
जब ढेर सारा तेल लगा चुका तो मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में डाल दी।
उंगली में तेल लगा होने के कारण मेरी बीच की उंगली आसानी से आराम से घूस गई,
लेकिन उनहोने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर खींचा जिस वजह से मेरी उंगली गांड से बाहर निकल
आई शायद उनको दर्द हुआ होगा।
अब मैं अपने लण्ड पर भी काफी तेल लगा लिया था। मेरे लण्ड के सुपाड़े पर भी काफी तेल लगा
लिया था ताकि सुपाड़ा आसानी से उनकी गांड में जा सके।
अब मैं उनसे कहा कि, 'अपने दोनों हाथों से चूतड को फ़ैला लो ताकि गांड में लण्ड डालने मे आसानी हो जाएगी।'
उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूतड उठा कर फ़ैला दी।
अब मैं अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गांड की छेद पर रख कर हल्का सा पुश किया थोड़ा सा सुपाड़ा जाते
ही उन्होंने अपनी गांड सिकोड़ ली, जिस कारण मेरा सुपाड़ा गांड से बाहर निकल गया।
मैंने पूछा- 'गांड क्यों सिकोड़ी? 'क्या दर्द हो रहा है?'
उन्होंने केवल अपना सिर हिला कर 'हाँ' का जवाब दिया।
मैंने कहा- 'आप अपने मुँह में नाईटी का कुछ हिस्सा दबालें' ताकि दर्द होगा तो आवाज़ नहीं निकालेंगी व
रना आवाज़ सुनकर माँ जाग जाएंगी।'
उन्होंने अपने मुँह में नाईटी का कुछ भाग डाल लिया, अब मैंने दुबारा उनसे चूतड़ फैलाने को कहा
और उनकी गांड की छेद पर लण्ड का सुपाड़ा लगा कर एक जोर का धक्का मारा।
मेरा लण्ड का सुपाड़ा पूरा गांड में घुस गया और उनके मुँह से गूं गूं की आवाज़ आने लगी क्योंकि मुँह में कपड़ा दबा हुआ था।
कुछ देर बाद मैं फिर से एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पुरा लण्ड गांड में घूस गया था
और दर्द के मारे उनका शरीर कांप रहा था।
माँ ने अपनी गांड चुदवाई
अब मैं अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगा। अभी गांड मारते हुए मुझे 10 मिनट्स ही हुए थे कि
अचानक किसी ने लाइट जला दी और रोशनी में मैंने देखा कि मौसी की जगह माँ लेटी हुई थीं और मैं माँ की गांड मर रहा था।
Acanak लाइट जलाने वाली मौसी पास ही नंगी खड़ी मुझे माँ की गांड मारते हुए देख रही थीं।
Achanok माँ को देख कर मैंने अपना लण्ड माँ की गांड से निकाल लिया, और माँ ने भी अपने मुँह से कपड़ा
निकाल लिया और कहने लगी।
'फिर से मेरी गांड मारो जब तुमने गांड में पुरा लण्ड डाल दिया था तो अब क्या डरना!'
माँ से अनुमति लेकर मैंने फिर अपना लण्ड माँ की गांड में घूसा दिया और माँ की गांड मारने लगा।
मैं जब माँ की गांड मार रहा था।
माँ कह रही थीं- 'बेटा आज तुमने अपने माँ की गांड की सील तोड़ दी।'
'और जोर जोर से अन्दर बाहर करो अपना यह घोड़े जैसा लण्ड।'
अब मैं माँ से पूछा- 'अच्छा माँ यह तो बताओ कि तुम मौसी के जगह कैसे आ गई?'
उन्होंने कहा- 'उस दिन जब तुम मौसी को चोद रहे थे तब मुझे कुछ शक हो गया क्यों कि तुम्हारी
मौसी के मुँह से ऊउईई म्माँआ की आवाजें निकाल रही थी और आज जब तुम तेल लेने
गए तब तुम्हारी मौसी ने मुझे सब बता दिया।'
'इस तरह मौसी की जगह में मैं आ गई तुमसे गांड मरवाने।'
'चल जल्दी से अब मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दे अब रहा नहीं जाता।'
मैंने तुरंत ही अपना लण्ड निकाल कर माँ की चूत में डाल कर पेलने लगा और
जब मैं माँ को चोद रहा था तब मौसी माँ की मुँह पर अपनी चूत रख कर रगड़ रही थीं।
मौसी की गांड चुदाई की तमन्ना next part comming soon ..
करिब 20 मिनट्स के बाद मैंने अपना वीर्य माँ की चूत में डाल दिया।
इसी दरमियान माँ 3 बार झड़ चुकी थीं।
अब 2 महीने से मैं माँ और मौसी को रोज़ रोज़ नई नई स्टाइल में चोदता हूँ।
गया और वह मेरे पानी तो गटगट पीने लगी। फिर मैं मौसी के बगल में आकर लेट गया।
कुछ देर बाद मैंने मौसी के हाथ में अपना सिकुड़ा हुआ लण्ड पकड़ा दिया।
मौसी मेरे लण्ड को सहलाने लगी और पूछा कि 'अभी भी पेट भरा नहीं क्या मुझे चोद कर?'
मैंने कहा- 'मौसी मैं अब आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा- 'बेटा मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा लण्ड भी काफी बड़ा और मोटा है मुझे तकलीफ होगी।'
मैंने कहा- 'डरो मत मैं आहिस्ता आहिस्ता डालूंगा।'
तो मौसी बोलीं- 'बेटा पहले अपने लण्ड पर और मेरी गांड में ढेर सारा तेल लगा लो तो लण्ड आसानी से गांड में चला जाएगा।'
मैंने कहा- 'ठीक है मैं तेल की बोतल ले के आता हूँ तुम पेट के बल अपनी गांड फैला कर रखना' और मैं तेल लेने चला गया।
अँधेरा होने के कारण मुझे तेल की शीशी नहीं मिल रही थी। तेल की शीशी जब लेकर आया
तो काफी समय लग गया तो देखा कि मौसी पेट के बल लेटी हुई थीं।
मैंने कहा- 'अपने दोनों हाथों से अपनी गांड फैला दो ताकि मैं गांड में अच्छी तरह से तेल लगा सकूं।'
उन्होंने कुछ नहीं कहा और अपने दोनों हाथों से चूतड़ पाकर गांड फ़ैला दी, मैंने अपनी हथेली पर ढेर
सारा तेल डाल कर उसकी गांड के छेद में तेल लगाने लगा।
जब ढेर सारा तेल लगा चुका तो मैंने अपनी एक उंगली उनकी गांड में डाल दी।
उंगली में तेल लगा होने के कारण मेरी बीच की उंगली आसानी से आराम से घूस गई,
लेकिन उनहोने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर खींचा जिस वजह से मेरी उंगली गांड से बाहर निकल
आई शायद उनको दर्द हुआ होगा।
अब मैं अपने लण्ड पर भी काफी तेल लगा लिया था। मेरे लण्ड के सुपाड़े पर भी काफी तेल लगा
लिया था ताकि सुपाड़ा आसानी से उनकी गांड में जा सके।
अब मैं उनसे कहा कि, 'अपने दोनों हाथों से चूतड को फ़ैला लो ताकि गांड में लण्ड डालने मे आसानी हो जाएगी।'
उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूतड उठा कर फ़ैला दी।
अब मैं अपने लण्ड का सुपाड़ा उनकी गांड की छेद पर रख कर हल्का सा पुश किया थोड़ा सा सुपाड़ा जाते
ही उन्होंने अपनी गांड सिकोड़ ली, जिस कारण मेरा सुपाड़ा गांड से बाहर निकल गया।
मैंने पूछा- 'गांड क्यों सिकोड़ी? 'क्या दर्द हो रहा है?'
उन्होंने केवल अपना सिर हिला कर 'हाँ' का जवाब दिया।
मैंने कहा- 'आप अपने मुँह में नाईटी का कुछ हिस्सा दबालें' ताकि दर्द होगा तो आवाज़ नहीं निकालेंगी व
रना आवाज़ सुनकर माँ जाग जाएंगी।'
उन्होंने अपने मुँह में नाईटी का कुछ भाग डाल लिया, अब मैंने दुबारा उनसे चूतड़ फैलाने को कहा
और उनकी गांड की छेद पर लण्ड का सुपाड़ा लगा कर एक जोर का धक्का मारा।
मेरा लण्ड का सुपाड़ा पूरा गांड में घुस गया और उनके मुँह से गूं गूं की आवाज़ आने लगी क्योंकि मुँह में कपड़ा दबा हुआ था।
कुछ देर बाद मैं फिर से एक जोरदार धक्का मारा। मेरा पुरा लण्ड गांड में घूस गया था
और दर्द के मारे उनका शरीर कांप रहा था।
माँ ने अपनी गांड चुदवाई
अब मैं अपने लण्ड को अन्दर बाहर करने लगा। अभी गांड मारते हुए मुझे 10 मिनट्स ही हुए थे कि
अचानक किसी ने लाइट जला दी और रोशनी में मैंने देखा कि मौसी की जगह माँ लेटी हुई थीं और मैं माँ की गांड मर रहा था।
Acanak लाइट जलाने वाली मौसी पास ही नंगी खड़ी मुझे माँ की गांड मारते हुए देख रही थीं।
Achanok माँ को देख कर मैंने अपना लण्ड माँ की गांड से निकाल लिया, और माँ ने भी अपने मुँह से कपड़ा
निकाल लिया और कहने लगी।
'फिर से मेरी गांड मारो जब तुमने गांड में पुरा लण्ड डाल दिया था तो अब क्या डरना!'
माँ से अनुमति लेकर मैंने फिर अपना लण्ड माँ की गांड में घूसा दिया और माँ की गांड मारने लगा।
मैं जब माँ की गांड मार रहा था।
माँ कह रही थीं- 'बेटा आज तुमने अपने माँ की गांड की सील तोड़ दी।'
'और जोर जोर से अन्दर बाहर करो अपना यह घोड़े जैसा लण्ड।'
अब मैं माँ से पूछा- 'अच्छा माँ यह तो बताओ कि तुम मौसी के जगह कैसे आ गई?'
उन्होंने कहा- 'उस दिन जब तुम मौसी को चोद रहे थे तब मुझे कुछ शक हो गया क्यों कि तुम्हारी
मौसी के मुँह से ऊउईई म्माँआ की आवाजें निकाल रही थी और आज जब तुम तेल लेने
गए तब तुम्हारी मौसी ने मुझे सब बता दिया।'
'इस तरह मौसी की जगह में मैं आ गई तुमसे गांड मरवाने।'
'चल जल्दी से अब मेरी चूत में अपना लण्ड पेल दे अब रहा नहीं जाता।'
मैंने तुरंत ही अपना लण्ड निकाल कर माँ की चूत में डाल कर पेलने लगा और
जब मैं माँ को चोद रहा था तब मौसी माँ की मुँह पर अपनी चूत रख कर रगड़ रही थीं।
मौसी की गांड चुदाई की तमन्ना next part comming soon ..
करिब 20 मिनट्स के बाद मैंने अपना वीर्य माँ की चूत में डाल दिया।
इसी दरमियान माँ 3 बार झड़ चुकी थीं।
अब 2 महीने से मैं माँ और मौसी को रोज़ रोज़ नई नई स्टाइल में चोदता हूँ।