aamirhydkhan
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अब तक आपने पढ़ा कि खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला कि कैसे मैंने सारा आपा के हलाला से पहले नूरी खाला को चोदाl उसके बाद मेरा निकाह-ऐ-हलाला कुंवारी सारा आपा के साथ हुआ और कैसे मैंने कश्मीर में उसके साथ सुहागरात में उसे चोदा।
मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।
अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl
उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।
सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।
वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।
यह कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।
उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l कैसे और कहाँ मैं मिस जेन और लूसी से मिला और दोनों एक दुसरे पर पहली नज़र में ही फ़िदा हो गए l मैंने जेन के प्रति अपने प्यार का इजहार किया जिसे उन्होंने स्वीकार किया और हमने एक गहरा चुम्बन कियाl मैंने जेन को लूसी के साथ मेरे घर में रहने आने के लिए निमंत्रित किया l फिर जैसा मेरे अम्मी अब्बी चाहते थे सुश्री जेन मुझे प्रशिक्षण दे और मेरे व्यक्तित्व को विकसित कर देl उसके बाद सुश्री जेन, लूसी और डायना मेरे घर आ गयीl मैं और लूसी घूमने निकले और वहाँ मैंने लूसी को पहली बार किश कियाl
फिर वापसी पर जेन के कमरे के आगे से गुजरते हुए मैंने जेन को कपडे बढ़ते हुए देखा और हम दोनों नग्न हो चुंबन, करने लगे तभी लूसी ने आकर हमे चाय के लिए आवाज़ दी l चाय के बाद मैंने जेन से मिल कर चुदाई का कार्यक्रम तय कियाl सबसे पहली लुसी था फिर जेन और आख़िर में डायना के कौमर्य भांग करने का क्रम बनाया गया। उसके बाद मैंने कहा जेन मैं चाहता हूँ ये दोनों लड़किया मेरे प्रति सदा उसी तरह से समर्पित रहे जैसे वह आपको समर्पित है तो श्री जेन ने उसमे मदद करने का आश्वासन दियाl
जेन ने एक छोटा से नाटक खेला लूसी और डायना के साथ और उन्हें मेरे प्रति समर्प्रित रहने के लिए प्रेरित कर दिया तो दोनों लड़कियों ने सदा मेरे आज्ञाकारी रहने का वादा कर दियाlफिर मैंने लूसी के साथ उत्तेजक चुंबन और आलिंगन किया। जेन ने हम तीनो को बताया सेक्स क्या है? कैसे होता हैl
उसके बाद सब अपने कमरे में चले गए तो मैं सुश्री जाने के कमरे में गया और उसने मेरा लंड का माप लिया और मैंने चुदाई का पहला सबक किस करना सीखा और उसके स्तनो से खेलाl
अगली सुबह वह कमरे से बाहर आयी तो मैंने उसका स्वागत रंग बिरंगे फूल बिछा कर किया l उसने वह पूरी दोपहर अपनी साज सज्जा और त्यार होने में बितायी थी और अब ये सुंदर और प्यारी-सी लड़की आज रात एक महिला बनने वाली है।
अब आगे पढ़िए -लूसी मेरी प्यारी 1:-
अब आगे
तभी जेन उठी और उसने और लूसी को हमारे होने वाले पहले मिलन की बधाई दी तो डायना बोली आप लूसी से ऐसे नहीं मिल सकते आपको हमें कुछ नेग देना होगा तो मैंने ईवा, जेन और डायना को एक-एक अंगूठी नेग के तौर पर दी तो ईवा बधाई देने के बाद चली गयी l जेन मेरे कान में बोली आमिर इस नेग की ज़रूरत नहीं है मैं आपसे अपना नेग वसूल लूंगीl
लूसी ने ईवा को जाते हुए देखा तो बोली सुश्री जेन प्लीज आप यही रुकिए आपने वादा किया था इस समय आप मेरे पास रहेंगी l
मैंने देखा कि लूसी लाल लहंगा-चुन्नी पहनी हुई पलंग पर उसी का इंतज़ार कर रही थी। इसे देखकर शरीर में अधिक उत्तेजना हो उठी, कुछ उत्तेजना तो उसके शरीर में सुहागरात के कमरे में आने से पहले ही थी। मेरा अपने आप पर नियंत्रण खोता जा रहा था, उसकी उत्तेजना सीमा चरम को छूने लगी थी।
कमरे में लूसी दुल्हन बानी उस सुहागसेज पर मेरा इन्तजार कर रही थी फिर मैं सुहागसेज की तरफ़ आगे बढ़ा। लूसी मेरे अभिवादन करने के लिए सेज से उतरने की कोशिश करने लगी। मैंने लूसी को-को बैठे रहने के लिए अनुरोध किया तथा इसके साथ ही थोड़े से फासले पर बैठ गया।
लूसी इस समय घूँघट में अपने मुखड़े को छिपाये लज्जा की प्रतिमूर्ति के सामान बैठी हुई थी। लूसी की इस अदा नाज़ तथा नखरे का मैं दीवाना हो गया था।
फिर मैं थोड़ा सरक कर उससे सटकर बैठ गया तो उसने भी मेरी और थोड़ा सरक कर जैसे मेरा स्वागत किया और जो घूँघट उसने किया हुआ था उसमे उसका सर थोड़ा शर्म के मारे नीचे झुक गया, मैं उसे अपने आलिंगन में ले कर चूमना चाहता था। 'मेरी प्रिये!' मैंने फुसफुसाते हुए कहा, 'तुम बहुत सुंदर और ख़ास हो आई। लव यू लुसी' तुम! ... और तुम सच में इतनी प्यारी और मेरे ऊपर इतना भरोसा करती हो की अपना सर्वस्व मुझे निछावर करने को ततपर हो यहाँ तक की अपना कौमार्य भी आज मुझे समर्पित हो जाएगा! '
लुसी कोमलता से मुस्कुराई और धीरे से सिर हिलाया, उसकी आँखें मुझे प्यार से देख रही थीं। मैंने धीरे से उसका घूंघट हटा दियाl मुँह दिखाई की रस्म को पूरा करते हुए अंगूठी और एक हार, लूसी को दीया और उसे प्यार और कृतज्ञता से चूमा।
घूंघट हटाते ही और वह शर्माने लगी मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मानो कमरे में चांद निकल आया हो। मैंने अपने हाथ से उसकी थोड़ी पकड़ी और चेहरा ऊपर किया तो मेरे वह से बस इतना ही निकला लूसी तुम सच में बहुत सुन्दर हो और वह और ज़्यादा शर्माने लगी। लूसी के लिपिस्टिक से रंगे सुर्ख होठों को देखकर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ने लगीl
मैं फुसफुसाया, 'मुझे बताओ, प्रिय, क्या तुम सच में यह चाहते हो? क्या आप वास्तव में ... अपने कौमार्य, को खोने के लिए तैयार हैं?'
मेरे इस सवाल ने शर्म से उसके गाल लाल कर दिए-कुछ पलों के लिए वह चुप रही और मुझे लग रहा था कि वह कैसे कांप रही थी; तब वह गहरी भावना के साथ बहुत धीरे से बोली, 'हालांकि प्रत्येक लड़की अपने जीवन में इस पल का बेसब्री से इंतज़ार करती है। अगर यही सवाल किसी और ने पूछा होता, मैंने एक निश्चित नहीं के साथ मना कर दिया होता ... नहीं! ... नहीं! ... लेकिन आपके लिए, आमिर, मैं कहती हूँ, हाँ! ... और केवल हाँ! ...'
उसका जवाब सुन कर मैं कुछ देर कुछ नहीं बोल पाया मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने बस उसके ओंठो पर धीरे से एक किश की और फिर बार-बार उसके होंठ बार-बार चूमने लगा और वह मेरी आँखों में मेरी भावना पढ़ रही थी। मुझे याद आया जेन ने कहा था मेरे सिवा लूसी किसी को कभी भी अपना सर्वस्व नहीं समर्पित करेगी
इसके बाद मुझे केवल एक ही तरह से लुसी के प्यार और विश्वास को पुरस्कृत करने की प्रबल इच्छा हुई की अब मैं उसे अपना बना लू और ज़्यादा कुछ विचार करने की जगह मैं उसे प्यार करून और अपना कौमार्य भी उसको समर्पित कर दू और दोनों अपना कौमर्य एक साथ बलिदान कर परस्पर अद्भुत प्रेम करे और ये भावना बलवती होती चली गयी।
मैंने उसे पहले से कहीं अधिक निकटता से पकड़ अपने से चिपका लिया और उसकी प्यार भरी आँखों में देखते हुए मैंने धीरे से उसे छेड़ते हुए कहा, 'डार्लिंग, क्या, मैं सही समझा हूँ की आप अपने भविष्य की ख़ुशी के लिए स्वतंत्र रूप से मुझे एक लड़की के तौर पर अपने सबसे कीमती खजाने को अर्पण करने के लिए तैयार हैं और इसे बिना किसी झिझक और दबाब के प्रेमवश मुझे देने के लिए उत्सुक हैं। क्या आप मुझे उस ख़ुशी को सुनिश्चित करने के लिए अनुमति दे रही हैं? मेरी प्यारी लुसी, क्या तुम मेरी पहली प्रेमिका बनोगी क्योंकि जैसी तुम अक्षत यौवना हो \ वैसे ही मैं भी तुम्हारी ही तरह कुंवारा हूँ?'
मेरी इस बात ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया, आश्चर्य में उसकी आँखें व्यापक रूप से खुलीं; यह स्पष्ट था कि वह अपने कानों पर विश्वास नहीं कर प् रही थी। मैं उसे देखकर मुस्कुराया और फुसफुसाया, 'क्या आप इसे फिर से सुनना चाहोगी? लुसी! मेरे प्रिय, मुझे बहुत ख़ुशी है कि तुम मेरे पहले प्रेमीका बन गयी हो।'
दुबारा यही बात सुन कर उसका आश्चर्य वाला भाव गायब हो गया, इसकी जगह एक अद्भुत मुस्कान आ गई और फिर वह शर्मा गयी उसने एक गहरी सांस ली और उसकी आँखें ख़ुशी के आँसुओं से भर गईं, उसके होंठ कांपते हुए खुले और वह धीरे से फुसफुसाई, 'ओह! आमिर!' और वह मुझसे प्यार से लिपट गई।
मैंने झुक कर उसके होंठ स्पंदन पर नम्रता से चूमा और धीरे से कहा, 'इसका मतलब है कि "हाँ" ... ओह! मेरे प्रिय! ... मेरे प्रिय!' और कुछ देर तक हम चुप रहे, हमारी आँखें एक-दूसरे को देख रही थीं और प्यार और शर्म से झुक रही थीं वह फिर धीरे से मुझे देखती थी और फिर शर्मा कर आँखे झुका लेती थी।
फिर भी एक पल की झिझक के बाद में लुसी एक जिज्ञासु मुस्कान, अर्ध-चिंतित और आधे-उत्सुकता और आग्रह के साथ फुसफुसायी, 'पिया जी! चलो आज की रात, करते हैं?' मैं उसकी बात सुन कर मुस्कुराया।
'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोलै' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?
'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोला' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।
थोड़ी हिचकिचाहट के साथ लुसी ने कुछ गंभीरता से कहा, क्या मैं आपसे कुछ मांग सकती हूँ इस मौके पर।
मैंने कहा ज़रूर मुझे ख़ुशी होगी अगर मैं आपकी कोई मांग पूरी कर सका।
लूसी बोली 'कृपया मुझे एक बात का वादा करें, आमिर!-कृपया सुश्री जेन और डायना के साथ भी आप दया करके आप अच्छा व्यवहार करेंगे और उन्हें यौन सुख देंगे, मुझे बहुत दुखी होगा अगर मैं उन्हें आपसे योन सुख न मिलने का कारण बनूँगी, वे भी आपसे प्रेम करती हैं और आपके प्रति मेरी जैसी ही प्रबल इच्छा और आवश्यकता रखते हैं। आप मुझसे क्या यह वादा करेंगे, आमिर डार्लिंग?'
मैं उसकी भक्ति से बहुत प्रभावित हुआ मैंने कहा 'मैं उन दोनों को भी अपने साथ रखने का इरादा रखता हूँ और मैं ये स्वेच्छा से वादा करता हूँ, प्रिय,' मैंने ईमानदारी से जवाब दिया। -फिर एक शरारती मुस्कुराहट के साथ मैंने जोड़ा, 'डार्लिंग-सुश्री जेन और डायना आज रात की तरह हमेशा हमारे कमरे में ही रहेंगी और उसके रहने की व्यवस्था साथ वाले कमरों में करेंगे, ताकि वे हमारे साथ चुपचाप आ जाये और यौन क्रिया में शामिल हो जाए और हम सब मिल कर नियमित रूप से सामूहिक आनंद लेंगे, डार्लिंग!'
लुसी मुस्करायी, फिर खुश होते हुए बोली 'ओह आमिर! यह तो बहुत बढ़िया और मजेदार होगा!' लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?
'मैं अब पूरी तरह से और पूरी तरह से सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, आमिर,' लुसी ने धीरे से कहा, उसकी आँखें प्यार से भरी हुई थी-'मैं ताउम्र तुम्हारी रहूंगी। मैं आज रात और उसके बाद हमेशा तुम्हारी प्रेमिका बनकर खुश रहूँगी। इसलिए आप मेरे साथ जैसा चाहते हैं, वैसा करें!' और वह प्यार और भरोसे से मुस्कराई।
मैंने उसे कृतज्ञता से चूमा और एक मीठा विचार मेरे मस्तिष्क में आया; और एक शरारती मुस्कान के साथ, मैंने कहा, 'ठीक है जैसा तुम कह रही हो मैं वैसा ही करने जा रहा हूँ, प्रिय!'।
'ओह, आमिर!' उसने कहा और मेरी शरारत भरी नियत भांप कर उसने ख़ुद को समेटना चाहा और अपना बचाव करने लगी, उसी समय मैं उसके घबराहट पर थोड़ा मुस्कुरा कर और जिस तरह से मैंने उसकी की बात उस पर डाल कर मैंने उसे मुस्कुराते हुए देखा और अपना एक हाथ उसकी ड्रेस ऊपर करते हुए उसके नंगे घुटनों पर रखा।
'क्या करना चाहते हो, मेरे पिया?' वह घबरा कर भ्रम में फुसफुसायी।
'मैं अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता हूँ जिसने अभी-अभी मेरा प्रेम स्वीकार किया है और उसे बधाई देने के लिए,' मैंने झूठ-मूठ से गंभीर होते हुए जवाब दिया-'मुझे पता है कि वह घर पर है और इसलिए आपकी इजाज़त मिले तो मैं उससे मिल लू।'
लुसी मुस्कुराई और सहजता से और धीरे से अपनी जांघों को अलग किया जिससे मेरा हाथ उसकी जांघो पर से होते हुए उसकी योनी तक सुविधापूर्वक जा सके। इस बीच वह मुझे प्यार से भरी आँखों से देख रही थी। मैंने प्रसन्नतापूर्वक अपना हाथ उसकी सुस्वाद जाँघों पर फेरा और फिसलता हुआ टांगो के जोड़ के माध्यम से फिसलकर यह अपने गंतव्य योनि द्वार पर पहुँच गया।
'ओह डार्लिंग!' लुसी गहरी सांसलेते हुए बोली, मेरी उंगलियों ने उसके योनि के दाने को सहलाया और उसने बहुत प्यारी और कुलबुलाहट के रूप में नेरी उंगलियों को महसूस किया।
जहाँ मेरा एक हाथ उसकी योनि पर था वही मैंने दुसरे हाथ से उसकी नज़ाकत भरे लचीले और रसदार खूबसूरत जिस्म को अपने पास खींच लिया-लिया और उसके रेशमी बाल के साथ खेलते हुए उन्हें सहलाया। उसने मेरे गले में अपनी बाहों डाल दी और मेरे ओंठो पर अपने होंठ दबाकर वह मुझे पूरी शिद्दत से चूमने लगी।
मैंने उसके हर जगह गाल, आंख, ठोड़ी और नाक चुंबन किया। उसका चेहरा मेरी लार से दमक रहा था। मैं फिर थोड़ा निचे को गया मैंने उसकी गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से जो क्षेत्र उसके ड्रेस और गहनों के-के साथ कवर नहीं किया गया था वहाँ चुंबन किया। जिससे हम दोनों समान रूप से आकर्षक हो कर उत्तेजित हो गए।
जल्द ही मेरी उंगली ने धीरे से उसकी टाइट योनी के होंठों के बीच और गर्म थिरकने वाले नम भाग के बीच अपना रास्ता बना लिया और अंदर प्रवेश करते हुए उसके कौमार्य की झिल्ली पर पहुँच गया, जिसे मैंने आज रात को भंग करना था। मेरी ऊँगली लूसी की योनि में जो उत्तेजना उत्पन्न कर रही थी उसके कारण वह अपनी टाँगे भींचने लगी तो मैंने धीरे से ऊँगली बहार निकाल ली और उसकी योनि के दाने को छेड़ने लगा और उसे सेक्स के लिए त्यार करने लगा।
ओह, आमिर! ... डार्लिंग! ' मेरी ऊँगली द्वारा उसकी योनि के दाने को छेड़ने की वज़ह से उसका शरीर अनियंत्रित झटके लेने लगा और वह उत्साहपूर्वक अपना शरीर इस तरह से तेजी से हिलाने लगी ताकि उसकी योनि का दाना और तीव्रता से मेरी ऊँगली को स्पर्श करे फिर उसकी टाँगे काम्पी शरीर ऐंठ और उसकी योनि रस से भर गयी और मेरी ऊँगली उसके रस से भीग गयी
आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग में।
आपका आमिर खान l
मैंने इमरान से कहाः मैं सारा को तलाक इमरान का इलाज हो जाने के बाद ही दूंगा और तभी इमरान सारा से दुबारा निकाह कर सकेगा।
अगली रात जरीना की सुहागरात थी लेकिन उस रात बिस्तर में सारा और जरीना दोनों मेरे साथ थीl
उसके बाद हैदराबाद वापिस आकर अम्मी ने मुझे अपनी दूसरी बीवी के साथ सुहाग रात का हुकुम सुनाया पर सारा मेरे साथ ही सोने पर अड़ गयी, तो अपनी दूसरी बीवी जरीना की के साथ सुहागरात के बिस्तर पर पहले मैंने सारा की चुदाई की।
सारा की चुदाई के बाद मेरी छोटी बीवी कुंवारी जरीना की पहली चुदाई हुई और उसके बाद सारा और ज़रीना दोनों की एक साथ चुदाई हुई।
वलीमे की रात मैंने दोनों की गांड मारी और सुबह डॉक्टर को दिखाना पड़ा और डॉक्टर ने ३ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया।
यह कथानक "खाला को चोदा" और "खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला" कहानी का ही विस्तार है, फिर सारी बहने हमसे अपनी सुहाग रात का किस्सा पूछने लगीl तो सारा बोली इनसे क्या शर्मl ये सभी मेरी बहने हैं, और तफ्सील से सुहाग रात का पूरा किस्सा सुनाने लगी। दोस्तों आप पूरा किस्सा "खाला कि चुदाई के बाद आपा का हलाला" भाग १-६ में पढ़ सकते हैं।
उसके बाद मैंने अपनी बीवियों और सालियों को लूसी के साथ अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाई l कैसे और कहाँ मैं मिस जेन और लूसी से मिला और दोनों एक दुसरे पर पहली नज़र में ही फ़िदा हो गए l मैंने जेन के प्रति अपने प्यार का इजहार किया जिसे उन्होंने स्वीकार किया और हमने एक गहरा चुम्बन कियाl मैंने जेन को लूसी के साथ मेरे घर में रहने आने के लिए निमंत्रित किया l फिर जैसा मेरे अम्मी अब्बी चाहते थे सुश्री जेन मुझे प्रशिक्षण दे और मेरे व्यक्तित्व को विकसित कर देl उसके बाद सुश्री जेन, लूसी और डायना मेरे घर आ गयीl मैं और लूसी घूमने निकले और वहाँ मैंने लूसी को पहली बार किश कियाl
फिर वापसी पर जेन के कमरे के आगे से गुजरते हुए मैंने जेन को कपडे बढ़ते हुए देखा और हम दोनों नग्न हो चुंबन, करने लगे तभी लूसी ने आकर हमे चाय के लिए आवाज़ दी l चाय के बाद मैंने जेन से मिल कर चुदाई का कार्यक्रम तय कियाl सबसे पहली लुसी था फिर जेन और आख़िर में डायना के कौमर्य भांग करने का क्रम बनाया गया। उसके बाद मैंने कहा जेन मैं चाहता हूँ ये दोनों लड़किया मेरे प्रति सदा उसी तरह से समर्पित रहे जैसे वह आपको समर्पित है तो श्री जेन ने उसमे मदद करने का आश्वासन दियाl
जेन ने एक छोटा से नाटक खेला लूसी और डायना के साथ और उन्हें मेरे प्रति समर्प्रित रहने के लिए प्रेरित कर दिया तो दोनों लड़कियों ने सदा मेरे आज्ञाकारी रहने का वादा कर दियाlफिर मैंने लूसी के साथ उत्तेजक चुंबन और आलिंगन किया। जेन ने हम तीनो को बताया सेक्स क्या है? कैसे होता हैl
उसके बाद सब अपने कमरे में चले गए तो मैं सुश्री जाने के कमरे में गया और उसने मेरा लंड का माप लिया और मैंने चुदाई का पहला सबक किस करना सीखा और उसके स्तनो से खेलाl
अगली सुबह वह कमरे से बाहर आयी तो मैंने उसका स्वागत रंग बिरंगे फूल बिछा कर किया l उसने वह पूरी दोपहर अपनी साज सज्जा और त्यार होने में बितायी थी और अब ये सुंदर और प्यारी-सी लड़की आज रात एक महिला बनने वाली है।
अब आगे पढ़िए -लूसी मेरी प्यारी 1:-
अब आगे
तभी जेन उठी और उसने और लूसी को हमारे होने वाले पहले मिलन की बधाई दी तो डायना बोली आप लूसी से ऐसे नहीं मिल सकते आपको हमें कुछ नेग देना होगा तो मैंने ईवा, जेन और डायना को एक-एक अंगूठी नेग के तौर पर दी तो ईवा बधाई देने के बाद चली गयी l जेन मेरे कान में बोली आमिर इस नेग की ज़रूरत नहीं है मैं आपसे अपना नेग वसूल लूंगीl
लूसी ने ईवा को जाते हुए देखा तो बोली सुश्री जेन प्लीज आप यही रुकिए आपने वादा किया था इस समय आप मेरे पास रहेंगी l
मैंने देखा कि लूसी लाल लहंगा-चुन्नी पहनी हुई पलंग पर उसी का इंतज़ार कर रही थी। इसे देखकर शरीर में अधिक उत्तेजना हो उठी, कुछ उत्तेजना तो उसके शरीर में सुहागरात के कमरे में आने से पहले ही थी। मेरा अपने आप पर नियंत्रण खोता जा रहा था, उसकी उत्तेजना सीमा चरम को छूने लगी थी।
कमरे में लूसी दुल्हन बानी उस सुहागसेज पर मेरा इन्तजार कर रही थी फिर मैं सुहागसेज की तरफ़ आगे बढ़ा। लूसी मेरे अभिवादन करने के लिए सेज से उतरने की कोशिश करने लगी। मैंने लूसी को-को बैठे रहने के लिए अनुरोध किया तथा इसके साथ ही थोड़े से फासले पर बैठ गया।
लूसी इस समय घूँघट में अपने मुखड़े को छिपाये लज्जा की प्रतिमूर्ति के सामान बैठी हुई थी। लूसी की इस अदा नाज़ तथा नखरे का मैं दीवाना हो गया था।
फिर मैं थोड़ा सरक कर उससे सटकर बैठ गया तो उसने भी मेरी और थोड़ा सरक कर जैसे मेरा स्वागत किया और जो घूँघट उसने किया हुआ था उसमे उसका सर थोड़ा शर्म के मारे नीचे झुक गया, मैं उसे अपने आलिंगन में ले कर चूमना चाहता था। 'मेरी प्रिये!' मैंने फुसफुसाते हुए कहा, 'तुम बहुत सुंदर और ख़ास हो आई। लव यू लुसी' तुम! ... और तुम सच में इतनी प्यारी और मेरे ऊपर इतना भरोसा करती हो की अपना सर्वस्व मुझे निछावर करने को ततपर हो यहाँ तक की अपना कौमार्य भी आज मुझे समर्पित हो जाएगा! '
लुसी कोमलता से मुस्कुराई और धीरे से सिर हिलाया, उसकी आँखें मुझे प्यार से देख रही थीं। मैंने धीरे से उसका घूंघट हटा दियाl मुँह दिखाई की रस्म को पूरा करते हुए अंगूठी और एक हार, लूसी को दीया और उसे प्यार और कृतज्ञता से चूमा।
घूंघट हटाते ही और वह शर्माने लगी मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मानो कमरे में चांद निकल आया हो। मैंने अपने हाथ से उसकी थोड़ी पकड़ी और चेहरा ऊपर किया तो मेरे वह से बस इतना ही निकला लूसी तुम सच में बहुत सुन्दर हो और वह और ज़्यादा शर्माने लगी। लूसी के लिपिस्टिक से रंगे सुर्ख होठों को देखकर मेरी उत्तेजना और भी बढ़ने लगीl
मैं फुसफुसाया, 'मुझे बताओ, प्रिय, क्या तुम सच में यह चाहते हो? क्या आप वास्तव में ... अपने कौमार्य, को खोने के लिए तैयार हैं?'
मेरे इस सवाल ने शर्म से उसके गाल लाल कर दिए-कुछ पलों के लिए वह चुप रही और मुझे लग रहा था कि वह कैसे कांप रही थी; तब वह गहरी भावना के साथ बहुत धीरे से बोली, 'हालांकि प्रत्येक लड़की अपने जीवन में इस पल का बेसब्री से इंतज़ार करती है। अगर यही सवाल किसी और ने पूछा होता, मैंने एक निश्चित नहीं के साथ मना कर दिया होता ... नहीं! ... नहीं! ... लेकिन आपके लिए, आमिर, मैं कहती हूँ, हाँ! ... और केवल हाँ! ...'
उसका जवाब सुन कर मैं कुछ देर कुछ नहीं बोल पाया मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने बस उसके ओंठो पर धीरे से एक किश की और फिर बार-बार उसके होंठ बार-बार चूमने लगा और वह मेरी आँखों में मेरी भावना पढ़ रही थी। मुझे याद आया जेन ने कहा था मेरे सिवा लूसी किसी को कभी भी अपना सर्वस्व नहीं समर्पित करेगी
इसके बाद मुझे केवल एक ही तरह से लुसी के प्यार और विश्वास को पुरस्कृत करने की प्रबल इच्छा हुई की अब मैं उसे अपना बना लू और ज़्यादा कुछ विचार करने की जगह मैं उसे प्यार करून और अपना कौमार्य भी उसको समर्पित कर दू और दोनों अपना कौमर्य एक साथ बलिदान कर परस्पर अद्भुत प्रेम करे और ये भावना बलवती होती चली गयी।
मैंने उसे पहले से कहीं अधिक निकटता से पकड़ अपने से चिपका लिया और उसकी प्यार भरी आँखों में देखते हुए मैंने धीरे से उसे छेड़ते हुए कहा, 'डार्लिंग, क्या, मैं सही समझा हूँ की आप अपने भविष्य की ख़ुशी के लिए स्वतंत्र रूप से मुझे एक लड़की के तौर पर अपने सबसे कीमती खजाने को अर्पण करने के लिए तैयार हैं और इसे बिना किसी झिझक और दबाब के प्रेमवश मुझे देने के लिए उत्सुक हैं। क्या आप मुझे उस ख़ुशी को सुनिश्चित करने के लिए अनुमति दे रही हैं? मेरी प्यारी लुसी, क्या तुम मेरी पहली प्रेमिका बनोगी क्योंकि जैसी तुम अक्षत यौवना हो \ वैसे ही मैं भी तुम्हारी ही तरह कुंवारा हूँ?'
मेरी इस बात ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया, आश्चर्य में उसकी आँखें व्यापक रूप से खुलीं; यह स्पष्ट था कि वह अपने कानों पर विश्वास नहीं कर प् रही थी। मैं उसे देखकर मुस्कुराया और फुसफुसाया, 'क्या आप इसे फिर से सुनना चाहोगी? लुसी! मेरे प्रिय, मुझे बहुत ख़ुशी है कि तुम मेरे पहले प्रेमीका बन गयी हो।'
दुबारा यही बात सुन कर उसका आश्चर्य वाला भाव गायब हो गया, इसकी जगह एक अद्भुत मुस्कान आ गई और फिर वह शर्मा गयी उसने एक गहरी सांस ली और उसकी आँखें ख़ुशी के आँसुओं से भर गईं, उसके होंठ कांपते हुए खुले और वह धीरे से फुसफुसाई, 'ओह! आमिर!' और वह मुझसे प्यार से लिपट गई।
मैंने झुक कर उसके होंठ स्पंदन पर नम्रता से चूमा और धीरे से कहा, 'इसका मतलब है कि "हाँ" ... ओह! मेरे प्रिय! ... मेरे प्रिय!' और कुछ देर तक हम चुप रहे, हमारी आँखें एक-दूसरे को देख रही थीं और प्यार और शर्म से झुक रही थीं वह फिर धीरे से मुझे देखती थी और फिर शर्मा कर आँखे झुका लेती थी।
फिर भी एक पल की झिझक के बाद में लुसी एक जिज्ञासु मुस्कान, अर्ध-चिंतित और आधे-उत्सुकता और आग्रह के साथ फुसफुसायी, 'पिया जी! चलो आज की रात, करते हैं?' मैं उसकी बात सुन कर मुस्कुराया।
'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोलै' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?
'ये सब व्यवस्था इसीलिए की गयी है मेरी जान, ,' मैंने जवाब दिया, 'डार्लिंग, हमें जेन और डायना के बारे में भी सोचना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ये पूरी व्यवस्था करने के लिए बहुत मेहनत की है और मैंने उसे ख़ुशी से चूम कर बोला' जानेमन! हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।
थोड़ी हिचकिचाहट के साथ लुसी ने कुछ गंभीरता से कहा, क्या मैं आपसे कुछ मांग सकती हूँ इस मौके पर।
मैंने कहा ज़रूर मुझे ख़ुशी होगी अगर मैं आपकी कोई मांग पूरी कर सका।
लूसी बोली 'कृपया मुझे एक बात का वादा करें, आमिर!-कृपया सुश्री जेन और डायना के साथ भी आप दया करके आप अच्छा व्यवहार करेंगे और उन्हें यौन सुख देंगे, मुझे बहुत दुखी होगा अगर मैं उन्हें आपसे योन सुख न मिलने का कारण बनूँगी, वे भी आपसे प्रेम करती हैं और आपके प्रति मेरी जैसी ही प्रबल इच्छा और आवश्यकता रखते हैं। आप मुझसे क्या यह वादा करेंगे, आमिर डार्लिंग?'
मैं उसकी भक्ति से बहुत प्रभावित हुआ मैंने कहा 'मैं उन दोनों को भी अपने साथ रखने का इरादा रखता हूँ और मैं ये स्वेच्छा से वादा करता हूँ, प्रिय,' मैंने ईमानदारी से जवाब दिया। -फिर एक शरारती मुस्कुराहट के साथ मैंने जोड़ा, 'डार्लिंग-सुश्री जेन और डायना आज रात की तरह हमेशा हमारे कमरे में ही रहेंगी और उसके रहने की व्यवस्था साथ वाले कमरों में करेंगे, ताकि वे हमारे साथ चुपचाप आ जाये और यौन क्रिया में शामिल हो जाए और हम सब मिल कर नियमित रूप से सामूहिक आनंद लेंगे, डार्लिंग!'
लुसी मुस्करायी, फिर खुश होते हुए बोली 'ओह आमिर! यह तो बहुत बढ़िया और मजेदार होगा!' लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी, मैंने जारी रखा ' मेरे प्यारे लुसी! अब तुम मेरी बाँहों में आकर प्रेम के रस का स्वाद लो। डार्लिंग मुझे उम्मीद है आप अब इसके बारे में खुश हैं,?
'मैं अब पूरी तरह से और पूरी तरह से सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, आमिर,' लुसी ने धीरे से कहा, उसकी आँखें प्यार से भरी हुई थी-'मैं ताउम्र तुम्हारी रहूंगी। मैं आज रात और उसके बाद हमेशा तुम्हारी प्रेमिका बनकर खुश रहूँगी। इसलिए आप मेरे साथ जैसा चाहते हैं, वैसा करें!' और वह प्यार और भरोसे से मुस्कराई।
मैंने उसे कृतज्ञता से चूमा और एक मीठा विचार मेरे मस्तिष्क में आया; और एक शरारती मुस्कान के साथ, मैंने कहा, 'ठीक है जैसा तुम कह रही हो मैं वैसा ही करने जा रहा हूँ, प्रिय!'।
'ओह, आमिर!' उसने कहा और मेरी शरारत भरी नियत भांप कर उसने ख़ुद को समेटना चाहा और अपना बचाव करने लगी, उसी समय मैं उसके घबराहट पर थोड़ा मुस्कुरा कर और जिस तरह से मैंने उसकी की बात उस पर डाल कर मैंने उसे मुस्कुराते हुए देखा और अपना एक हाथ उसकी ड्रेस ऊपर करते हुए उसके नंगे घुटनों पर रखा।
'क्या करना चाहते हो, मेरे पिया?' वह घबरा कर भ्रम में फुसफुसायी।
'मैं अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता हूँ जिसने अभी-अभी मेरा प्रेम स्वीकार किया है और उसे बधाई देने के लिए,' मैंने झूठ-मूठ से गंभीर होते हुए जवाब दिया-'मुझे पता है कि वह घर पर है और इसलिए आपकी इजाज़त मिले तो मैं उससे मिल लू।'
लुसी मुस्कुराई और सहजता से और धीरे से अपनी जांघों को अलग किया जिससे मेरा हाथ उसकी जांघो पर से होते हुए उसकी योनी तक सुविधापूर्वक जा सके। इस बीच वह मुझे प्यार से भरी आँखों से देख रही थी। मैंने प्रसन्नतापूर्वक अपना हाथ उसकी सुस्वाद जाँघों पर फेरा और फिसलता हुआ टांगो के जोड़ के माध्यम से फिसलकर यह अपने गंतव्य योनि द्वार पर पहुँच गया।
'ओह डार्लिंग!' लुसी गहरी सांसलेते हुए बोली, मेरी उंगलियों ने उसके योनि के दाने को सहलाया और उसने बहुत प्यारी और कुलबुलाहट के रूप में नेरी उंगलियों को महसूस किया।
जहाँ मेरा एक हाथ उसकी योनि पर था वही मैंने दुसरे हाथ से उसकी नज़ाकत भरे लचीले और रसदार खूबसूरत जिस्म को अपने पास खींच लिया-लिया और उसके रेशमी बाल के साथ खेलते हुए उन्हें सहलाया। उसने मेरे गले में अपनी बाहों डाल दी और मेरे ओंठो पर अपने होंठ दबाकर वह मुझे पूरी शिद्दत से चूमने लगी।
मैंने उसके हर जगह गाल, आंख, ठोड़ी और नाक चुंबन किया। उसका चेहरा मेरी लार से दमक रहा था। मैं फिर थोड़ा निचे को गया मैंने उसकी गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से जो क्षेत्र उसके ड्रेस और गहनों के-के साथ कवर नहीं किया गया था वहाँ चुंबन किया। जिससे हम दोनों समान रूप से आकर्षक हो कर उत्तेजित हो गए।
जल्द ही मेरी उंगली ने धीरे से उसकी टाइट योनी के होंठों के बीच और गर्म थिरकने वाले नम भाग के बीच अपना रास्ता बना लिया और अंदर प्रवेश करते हुए उसके कौमार्य की झिल्ली पर पहुँच गया, जिसे मैंने आज रात को भंग करना था। मेरी ऊँगली लूसी की योनि में जो उत्तेजना उत्पन्न कर रही थी उसके कारण वह अपनी टाँगे भींचने लगी तो मैंने धीरे से ऊँगली बहार निकाल ली और उसकी योनि के दाने को छेड़ने लगा और उसे सेक्स के लिए त्यार करने लगा।
ओह, आमिर! ... डार्लिंग! ' मेरी ऊँगली द्वारा उसकी योनि के दाने को छेड़ने की वज़ह से उसका शरीर अनियंत्रित झटके लेने लगा और वह उत्साहपूर्वक अपना शरीर इस तरह से तेजी से हिलाने लगी ताकि उसकी योनि का दाना और तीव्रता से मेरी ऊँगली को स्पर्श करे फिर उसकी टाँगे काम्पी शरीर ऐंठ और उसकी योनि रस से भर गयी और मेरी ऊँगली उसके रस से भीग गयी
आगे क्या हुआ पढ़िए अगले भाग में।
आपका आमिर खान l