विधवा भाभी की कसक - SexBaba
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विधवा भाभी की कसक

desiaks

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Aug 28, 2015
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मेरा नाम राज है. मेरी उमर इस समय 24 साल की है. शादी के 3 साल

बाद ही एक रोड एक्षसीडेंट में भैया का स्वरगवास हो गया था. मैं

भाभी के साथ अकेला ही रहता था. भाभी का नाम राशी है. हमारा

अपना खुद का बिज़्नेस था. भैया के ना रहने के बाद मैं ही बिज़्नेस

की देखभाल करता था. भाभी बहुत ही खूबसूरत थी. वो मुझे राज

कह कर ही बुलाती थी. पापा और मम्मी का स्वरगवास बहुत पहले ही हो

चुका था. मैं एक दम हत्ता कॅट्ता नौजवान था और बहुत ही

ताकतवर भी. भाभी उमर में मुझसे 1 साल छ्होटी थी. वो मुझे

बहुत प्यार करती थी. भैया के गुजर जाने के बाद मैं भाभी की

पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख़याल रखती थी. मैं

सुबह 10 बजे ही घर से चला जाता था और फिर रात के 8 बजे ही

घर वापस आता था.

ये उस समय की बात है जब भैया को गुज़रे हुए 6 महीने ही हुए थे.

एक दिन मेरी तबीयत खराब हो गयी तो मैने मॅनेजर से दुकान संभालने

को कहा और दोपहर के 1 बजे ही घर वापस आ गया. भाभी ने पुचछा,

क्या हुआ राज. मैने कहा, मेरा सारा बदन दुख रहा है और लग रहा

है कि कुछ फीवर भी है. मेरी बात सुनकर वो परेशान हो गयी.

उन्होने मुझसे कहा, तुम मेरे साथ डॉक्टर के पास चलो. मैने कहा,

मैने मेडिकल स्टोर से कुछ मेडिसिन ले ली है. मुझे थोड़ा आराम कर

लेने दो. वो बोली, ठीक है, तुम आराम करो. मैं तुम्हारे बदन पर

तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैने कहा, नहीं, रहने दो, मैं

ऐसे ही ठीक हूँ. वो बोली, चुप चाप अपने कमरे में जा कर लेट जाओ.

मैं अभी तेल ले कर आती हूँ. मैं कभी भी भाभी की बात से इनकार

नहीं करता था.

मैं अपने कमरे में आ गया. मैने अपनी शर्ट और पॅंट उतार दी और

केवल बनियान और नेकार पहने हुए ही लेट गया. मैं एक दम ढीला

था और थोड़ा छ्होटा नेकर ही पहनता था. भाभी तेल ले कर आई.

उन्होने मेरे सिर पर तेल लगाया और मेरा सिर दबाने लगी. उसके बाद

उन्होने मेरे हाथ, सीने और पीठ पर भी तेल लगा कर मालिश किया.

आख़िर में वो मेरे पैर पर तेल लगा कर मालिश करने लगी. आख़िर

मैं भी आदमी ही था. उनके हाथ लगाने से मुझे जोश आने लगा. जोश

के मारे मेरा लंड खड़ा होने लगा और मेरा नेकर टेंट की तरह से उपर

उठने लगा. धीरे धीरे मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और

मेरा नेकर एक दम टेंट की तरह हो गया. मैं जानता था की नेकर के

छ्होटा होने की वजह से भाभी को मेरा लंड थोड़ा सा दिखाई दे रहा

होगा. वो मेरे पैरों की मालिश करते हुए मेरे लंड को देख रही थी

और उनकी आँखें थोड़ा गुलाबी सी होने लगी थी. उनके चेहरे पर हल्की

सी मुस्कान भी थी. मालिश करने के बाद वो चली गयी. उसके बाद मैं

सो गया.


भाभी ने की लंड की मालिश

शाम के 6 बजे मेरी नींद खुली और मैं उठ गया. भाभी चाय लेकर

आई. मैने चाय पी. उसके बाद मैं बाथरूम चला गया. बाथरूम से

जब मैं वापस आया तो भाभी ने कहा, अब लेट जाओ, मैं तुम्हारे बदन

की फिर से मालिश कर देती हूँ. मैने कहा, अब रहने दो ना, भाभी.

वो बोली, क्या मालिश करने से कुछ आराम नहीं मिला. मैने कहा, बहुत

आराम मिला है. वो बोली, फिर क्यों मना कर रहे हो. मैने कहा, ठीक

है, तुम केवल मेरे पैर की ही मालिश कर दो. वो खुश हो गयी. उन्होने

मेरे पैर की मालिश शुरू कर दी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. इस

बार मेरा नेकर थोड़ा पिछे की तरफ खिसक गया था जिस से भाभी को

मेरा लंड इस बार कुछ ज़्यादा ही दिखाई दे रहा था. भाभी मेरे लंड

को देखते हुए मेरे पैरों की मालिश करती रही.

थोड़ी देर बाद वो बोली, मैं जब तेरे पैर की मालिश करती हूँ तो

तुझे क्या हो जाता है. मैं कहा, कुछ भी तो नहीं हुआ है मुझे.

उन्होने मेरे लंड पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा, फिर ये क्या

है. मैने कहा, जब तुम मालिश करती हो तो मुझे गुदगुदी सी होने

लगती है, इसी लिए तो मैं मना कर रहा था. उन्होने मेरे लंड पर

फिर से चपत लगाते हुए कहा, इसे काबू में रखा कर. मैने कहा,

जब तुम मालिश करती हो तो ये मेरे काबू में नहीं रहता. वो बोली, तुम

भी अपने भैया की तरह ही हो. मैं जब उनके पैर की मालिश करती थी

तो वो भी इसे काबू में नहीं रख पाते थे. मैने मज़ाक करते हुए

कहा, फिर वो क्या करते थे. वो बोली, बदमाश कहीं का. मैने कहा,

बताओ ना भाभी, फिर वो क्या करते थे. भाभी शरमाते हुए बोली,

वही जो सभी मर्द अपनी बीवी के साथ करते हैं. मैने कहा, तब तो

तुम्हें भैया के पैरों की मालिश नहीं करनी चाहिए थी. उन्होने

पुछा, क्यों. मैने कहा, आख़िर बाद में परेशानी भी तुम्हें ही

उठानी पड़ती थी. वो बोली, परेशानी किस बात की, आख़िर मेरा मन भी

तो करता था. मैने कहा, मेरा भी काबू में नहीं है, अब तुम ही

बताओ कि मैं क्या करूँ. वो बोली, शादी कर ले. मैने कहा, मैं अभी

शादी नहीं करना चाहता. उन्होने मुस्कुराते हुए कहा, फिर बाथरूम

में जा कर मूठ मार ले. मैने अंजान बनते हुए पुछा, वो क्या होता

है. वो बोली, क्या सच में तुझे नहीं मालूम है कि मूठ मारना किसे

कहते हैं. मैने कहा, नहीं. उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा करते

हुए कहा, इसे अपने हाथ में पकड़ कर अपना हाथ तेज़ी से आगे

पिछे करना. थोड़ी ही देर में इसका जूस निकल जाएगा और ये शांत

हो जाएगा. मैने कहा, तुम मुझे थोड़ा सा कर के बता दो.

भाभी जोश में आ ही चुकी थी. वो बोली, तू बहुत ही बदमाश है.

इसे बाहर निकाल, मैं बता देती हूँ की कैसे करना है. मैने कहा,

तुम खुद ही इसे बाहर निकाल कर बताओ की कैसे करना है. उन्होने

शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ कर नेकर से बाहर निकाल लिया. जैसे

ही मेरा 9″ लंबा लंड बाहर आया तो वो बोली, बाप रे, तेरा तो बहुत ही

बड़ा है और मोटा भी. मैने पुछा, अच्च्छा नहीं है क्या. वो

शरमाते हुए बोली, बहुत ही अच्च्छा है. मैने पुछा, भैया का

कैसा था. वो बोली, उनका भी अच्छा था लेकिन तेरे जैसा लंबा और

मोटा नहीं था. मैने कहा, अब बताओ कि कैसे करना है. उन्होने मेरे

लंड को पकड़ कर अपना हाथ आगे पिछे करना शुरू कर दिया. मुझे

बहुत मज़ा आने लगा. वो भी जोश में आने लगी.

2 मिनट मूठ मारने के बाद वो बोली, ऐसे ही कर लेना. अब जा बाथरूम

में. मैने कहा, बाथरूम में क्यों, अगर मैं यहीं कर लेता हूँ तो

इसमें क्या बुराई है. वो बोली, तेरा जूस यहाँ गिरेगा और मुझे ही
 
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