स्कूल में मस्ती-२ सेक्स कहानियाँ | Sex Baba Indian Adult Forum
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

स्कूल में मस्ती-२ सेक्स कहानियाँ

desiaks

Administrator
Joined
Aug 28, 2015
Messages
24,894
हाय ! मैं दीपक, आपने मेरी कहानी स्कूल में मस्ती का पहला भाग पढ़ा और मुझे मेल भेजे!

शुक्रिया !

अब अगला भाग :-

मै फ़िर से निधि को चोदने का अवसर ढूंढने लगा. स्कूल में नए साल की पार्टी थी. कार्यक्रम ७.३० शाम को था. सभी लड़के, लड़कियां ७ बजे से आने शुरू हो गए थे. मैं बेसब्री से निधि का इंतजार कर रहा था. वो ८ बजे अपनी सहेली के साथ आई, उसने नीले रंग की जींस और लाल रंग की टी शर्ट पहन रखी थी, जिसमें वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी. मैं देखता ही रह गया. उसकी तनी हुई चूचियां देख मेरा लंड पैंट के अंदर ही नाग की तरह फुफकारने लगा.

पार्टी देर तक चलने वाली थी तो मैं बाहर जाकर ड्रिंक कर आया. आते ही निधि को ढूंढने लगा. वो अपनी सहेलियों के साथ डांस कर रही थी. मैंने इशारे से उसे अपने पास बुलाया. थोडी देर में वो मेरे पास आई तो मैंने उसे कहा कि आज मैं तुम्हे फ़िर चोदूंगा.

वो बोली- सर यहाँ इतने लोग हैं, कैसे हो पाएगा?

मैंने उसे बताया कि बस इंतजाम कर दिया है, तुम स्कूल के पीछे वाले टॉयलेट में पहुँचो.

मैं सीधा वहां गया, वहां दिन में भी कम लोग आते थे, रात को तो किसी के आने का सवाल ही नहीं था. निधि आई तो मैं उसे लेकर अन्दर घुस गया और दरवाज़ा बंद कर लिया.

फ़िर मैंने निधि को बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा. शराब की गंध उसके नाक में चढ़ गई.

उसने कहा- सर आपने शराब पी रखी है. मैंने कहा- जानेमन ! पीकर चोदने में जितना मज़ा आता है उतना कभी नहीं आता, आज देखना मैं तुम्हे कितना मज़ा देता हूँ. इतना कह कर मैंने उसकी टी-शर्ट खोल दी और ब्रा के ऊपर से ही चूचियां दबाने लगा. निधि ने मेरी जिप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी.

मैंने उसकी जींस खोल कर जाँघों से नीचे सरका दी और पैंटी में हाथ डाल कर चूत सहलाने लगा. बीच बीच में एक ऊँगली अंदर बाहर करने लगा. वो जोर जोर से सिस्कारियां भरने लगी.

फ़िर मैंने निधि को लंड चूसने को कहा. वो मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसके सर को पकड़ कर उसके मुंह में अंदर बाहर करके चोदने लगा.

फ़िर मैं उसको फर्श पर लिटा कर उसकी चूत चाटने लगा. वो जोर जोर से आहें भरने लगी.

फ़िर मैंने उसकी टाँगें उठा के अपना लंड उसकी चूत से भिड़ा दिया और एक जोरदार धक्के से उसको निधि की चूत में घुसा दिया. उसकी आह निकल गई. वो भी अपनी कमर उठा उठा कर धक्कों में मेरा साथ देने लगी और बड़बड़ाने लगी- ओ यस और जोर से सररर फाड़ दो मेरीई ई ई चुत्त्त जोर से सररर !

मैंने रफ्तार बढ़ा दी. निधि भी नीचे से मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी. थोडी देर में उसने पानी छोड़ दिया पर मेरा काम नहीं हुआ था क्योंकि मैंने शराब पी रखी थी. इसलिए मैं धक्के मारता रहा.

निधि गिडगिडाने लगी- सर निकाल लीजिए अपना लंड चूत से मुझे बुरा लग रहा है, दर्द हो रहा है.

मैंने कहा मेरा काम अभी नहीं हुआ है और मैं अपना मज़ा अधूरा नहीं छोड़ सकता.

प्लीज़ सर ! आप कुछ भी कर लीजिए पर लंड चूत से निकाल लीजिए, अब मैं सहन नहीं कर सकती.

मुझे यही चाहिए था क्योंकि मै उसकी गांड मारना चाहता था. मैंने थोड़ा सोचने का नाटक किया और कहा - तुम सब करने को तैयार हो जो मै चाहूँ?

तो उसने कहा - हाँ सर आप जो कहेंगे मैं करने को तैयार हूँ, लेकिन आप पहले लंड बाहर निकालो.

मैंने लंड बाहर खींच लिया और निधि को घुटनों के बल कर दिया और उसकी गाण्ड पर थूक लगा कर एक उंगली अंदर बाहर करने लगा. मेरा ऐसा करने पर निधि बोली- सर ! आप यह क्या कर रहे हैं?

मैंने कहा - अब मै तेरी गांड मारूंगा. तो वो कुछ नहीं बोली. शायद उसे पता नहीं था कि गाण्ड मरवाने से उसका क्या हाल होगा।

फ़िर मैंने अपने लंड का अग्र भाग उसकी गाण्ड के छेद पर रखा और जोर से धकेलने लगा. जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उसकी गांड में घुसा, वो जोर जोर से चीखने लगी. वो रोने लगी थी और छोड़ देने को कह रही थी, पर मैंने अपना काम जारी रखा और उसे समझाया कि बस थोड़ा और दर्द होगा जैसे पहली बार चूत की चुदाई में हुआ था, फ़िर बहुत मज़ा आएगा।

बाहर संगीत की आवाज़ तेज़ होने के कारण उसकी आवाज़ किसी ने नहीं सुनी. मैं और जोर लगा कर उसकी गांड में लंड घुसाने लगा. जैसे जैसे मेरा लंड निधि की गांड में जा रहा था वैसे वैसे उसकी चीखें तेज़ होने लगी, लेकिन मैं पूरा लंड घुसा कर ही रुका.

फ़िर मैं लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. अब निधि की चीखें कुछ कम हो गई और वो भी धक्कों में मेरा साथ देने लगी. १५-२० मिनट चोदने के बाद अपना पानी उसकी गांड में छोड़ मै उसके ऊपर ही ढह गया.

फ़िर मैंने अपना लंड निकाल लिया और उठ कर कपडे पहन लिए. मैंने उसे भी कपड़े पहनने के लिए कहा. उसने उठने की कोशिश की पर उसकी गांड में काफी दर्द होने के कारण उससे उठा नहीं गया. मैंने उसे सहारा दे कर उठाया और कपड़े पहनाए.

निधि को चलने में परेशानी हो रही थी, उसे इस हालत में पार्टी में ले जाना उचित ना होता, इसलिए मैं उसे चुपके से गाड़ी में बिठा कर उसके घर के पास छोड़ आया.

इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलता मै निधि को चोदता.
 
काश हमारे स्कूल के भी ऐसे होते हैं
 
:heart: Bahut mast kahani hai Kash maiNidhi ki chudi hui gaandse Lund ka pani chus sakta :heart: ahhh
 
Back
Top