Blue Film Dikha kar Dost Ki Bahen Ko choda - SexBaba
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Blue Film Dikha kar Dost Ki Bahen Ko choda

kaku

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Oct 26, 2017
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हेल्लो दोस्तों कैसे हो सभी लोग ? मुझे उम्मीद है की तुम सभी लोग अपनी दुनिया में खुश होगे और चुदाई का पूरा मज़ा ले ही रहे होगे | तुम सब लड़कियों की मस्त चुदाई करते होगे और उसकी चीख निकलने तक उनकी चुदाई करते होगे | मैं आशा करता हूँ की आप सभी चुदाई करते होंगे और लड़कियों को भी खुश रखते ही होगे | मैं कहानी प्रस्तूत करने से पहले मैं आप लोगो को अपने बारे में बता देता हूँ | मेरा नाम आकाश है | मेरी उम्र 27 साल है और मैं रहने वाला भोपाल का हूँ


| मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लम्बा और मोटा 2 इंच है | मैं दिखने में इतना गोरा नही हूँ पर मेरी बॉडी ठीक ठाक है जिससे मैं अच्छा लगता हूँ | मैं अभी बी कॉम की पढाई कर रहा हूँ | मेरे घर मैं मेरे पापा और मेरी मम्मी के सिवा और कोई भी नही रहता है हम 3 लोग ही घर में रहते हैं | मेरे पापा की एक जनरल स्टोर की शॉप है और वो उसे ही चलते हैं | आज जो मैं कहानी लेकर आया हूँ मुझे विस्वास है की आप सभी लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को मज़ा भी आयेगा |
अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ | मैं बी कॉम में पढता था और मेरा उसी कॉलेज में मेरा एक दोस्त पढता था | मैं आप लोगो को अपने दोस्त के बारे में बता देता हूँ | मेरे दोस्त का नाम विकाश है और वो मेरा एक अच्छा दोस्त है | मैं और वो हमेशा एक ही साथ में रहते थे पर मैं कभी उसके घर नही गया था क्यकी वो मेरा दोस्त अभी बना था | एक दिन की बात है जब उसने मुझे अपने घर आने को कहा तो मैंने उससे कहा की यार क्या कोई जरुरी काम है तो उसने कहा हाँ | तब मैं उसके घर गया तो उसने बताया की अभी मझे कुछ सामन लेने जाना था तो और कोई घर पर था भी नही तो मैंने सोचा की तुम्हे ही बुला लूँ | तब मैं उसके सामन को उसके घर रखकर अपने घर चला आया | फिर मैं और वो कॉलेज गए थे उस टाइम मेरी एक गर्लफ्रेंड भी बन गयी थी | मैं उससे बाते भी किया करता था और वो भी मुझसे बाते किया करती थी | मैं आप लोगो को इस लड़की के बारे मैं बता देता हूँ | इसका नाम दीपा है और ये ज्यादा दिखने में गोरी भी नही है और न ही सेक्सी है पर मेरे पास भी कोई लड़की नही थी चुदाई के लिए तो मैंने सोचा की इसे ही पता लेटा हूँ | फिर कुछ दिनो के बाद की बात है जब मैंने उसे अपने साथ सेक्स करने को कहा को उसने माना कर दिया और बोली मैं वेसी लड़की नही हूँ | तब मैंने उससे कहा चल मादरचोद चुद ले यहाँ से तू साली इतनी खुबसूरत भी नही है की मैं तेरे आगे पीछे घुमू | एक दिन की बात है जब मैं अपने पापा के काम से लखनऊ जा रहा था तो मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया |

मैं – विकाश यार मैं लखनऊ जा रहा हूँ तू चलेगा ?
विकाश – यार मेरे पास टाइम नही है और तू सच में लखनऊ रहा है |
मैं – हाँ पर क्यूँ ?
विकाश – यार मेरी बहन भी लखनऊ जा रही है तो तू इसे लखनऊ छोड़ देना |
मैं – अबे तेरी बहन भी है तूने कभी बताया नही |
विकाश – यार वो लखनऊ में पढ़ती है और वहीँ होस्टल में रहती है और तूने कभी पूछा नही तो मैंने कभी बतया नही
मैं – ठीक है कब जाएगी तेरी बहन ?
विकाश – यार तू कब जायेगा ?
मैं – मैं तो आज और अभी जा रहा हूँ |
विकाश – ठीक है तुम मेरे घर से मेरी बहन को पिक कर लो |
मैं – ठीक है बोलो तैयार हो जाये |
फिर मैं तैयार होकर उसके घर गया | तब विकाश ने बताया की यार मेरी बहन को तुम उसके होस्टल तक छोड़ आना | मैंने कहा ठीक है | फिर जब मैंने उसकी बहन को देखा तो मेरी तो आंखे खुली की खुली रह गयी | मैं विकाश की बहन के बारे मैं बता देता हूँ | वो दिखने में गोरी थी बिलकुल दूध की तरह और उसका फिगर भी सेक्सी था | उसके बूब्स ज्यादा बड़े नही थे न ही उसकी गांड ज्यादा चौड़ी थी पर उसका सेक्सी फिगर देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए | फिर विकाश मुझे और उसको बस स्टेंड तक छोड़ने गया | वो छोड़कर चला आया तो मैं और उसकी बहन बस में बैठ गए | तब उसने मुझसे कहा तुम्हारा क्या नाम है |
मैं – मेरा नाम आकाश है और तुम्हारा ?
वो – मेरा नाम प्रिया है तो तुम क्या करते हो ?
मैं – पढाई बी कॉम सेकेंड इयर में |
वो – अच्छा ठीक है |
मैं और वो ऐसे ही बात करने लगे | वो मुझे पूछती और मैं उससे पूछाता हम दोनों इस तरह बात करते रहे | फिर उसने कुछ देर बाद मुझसे पूछा की क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है तो मैंने कहा नही तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है तो उसने कहा नही | तब मैं समझ गया की ये मादरचोद है और मुझसे चुदना चाहती है | उस सीट पर मैं और वो ही बैठे थे कुछ देर बाद वो सोने लगी | तब मैं अपने फ़ोन में सेक्सी मूवी देखने लगा और उसने मुझे सेक्सी मूवी देखते देख लिया तो मैंने फ़ोन बंद कर लिया | तब वो मुझसे बोली की दिखाओ न मुझे पसंद है सेक्सी मूवी देखना | तब वो मेरे साथ सेक्सी मूवी देखने लगी | सेक्सी मूवी देख कर मेरा तो लंड एकदम लोहे की तरह खड़ा हो गया था और पास में मस्त सेक्सी लड़की बैठी हो तो बिना चोदे मन मानता नही | फिर मैंने उसके हाथ को पकड कर अपने लंड को पकड़ा दिया और वो मेरे लंड को पकड कर मसलने लगी | फिर क्या था मैंने भी उसकी होठो पर अपने होठ रख दिए और उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ में उसके कपड़े के अन्दर हाथ डाल कर उसके बूब्स को दबाने लगा | मैं उसको ऐसे ही बस में 5 मिनट तक करता रहा और फिर मैंने उसे माना किया कहा बस है रूम नही चुप चाप बैठ जाओ पर उसकी चूत में आग लगी हुई थी | तब मैंने उससे कहा हम लखनऊ पहुचते ही एक होटल में चलेंगे मैं तुम्हरे साथ सेक्स करूँगा | तब वो मान गयी और फिर हम दोनों ऐसे ही बाते करने लगे | फिर कुछ घंटो में बस लखनऊ पहुच गयी | मैं और प्रिया एक होटल में रूम लिया और मैं बियर लेके आया | मैंने उसे बियर पिलाया और खुद पी फिर मैंने उसे बाँहों में भर कर बेड पर लेटा दिया और उसकी कोमल होठो को अपने मुंह में रख कर चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ में उसके बूब्स को कपड़े के ऊपर से दबा रहा था | वो मस्ती में मेरे लंड को अपने हाथ से पकड कर पेंट के ऊपर से दबाने लगी | फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए और वो मेरे सामने 2 मिनट में ही ब्रा और पेंटी में आ गयी | मैं उसके बूब्स को ब्रा में केद देखा तो फिर मैंने उसकी ब्रा का भी हुक खोल दिया | फिर उसके गोल और चिकने बूब्स को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके चुचियों के निप्पल को मुंह में रख कर खीच खीच के उसके दूध को पिने लगा | वो मस्त आवाज में ऊऊऊऊ… आआआ.. उई उई उई मई मई माँ हाँ हाँ हाँ माँ माँ… करती हुई अपने बूब्स को चुसाने लगी | मैं उसकी ये आवाजे सुन कर और जोश में आ गया | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा दिया तो उसके मुंह से उई उई माँ उई माँ… हाँ हाँ हाँ… सी सी सी …… की सिसिकियाँ करने लगी | तब मैंने अपने कपडे निकाल दिए और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया और मुंह में रख कर चूसने को कहा तो उसने माना कर दिया और बोली मैंने किसी के लंड को मुंह में नही लिया है | तब मैंने कहा की मुंह में रखो और चुसो तब उसने पहले तो मुंह में रख और निकाल दिया | फिर मैं उसके सर को पकड कर अपने लंड को उसके मुंह में डाल कर चुसाने लगा | तब वो मेरे लंड को मुंह में रख कर जोर जोर से अन्दर बाहर करती हुई चूसने लगी | मैं अपने लंड को उसके मुंह में ऐसे ही 5 मिनट तक चुसाने के बाद उसकी टांगो को थोडा सा फ़ैल कर उसकी चूत में थूक लगा कर उसकी चूत के मुंह पर रख कर उसकी चूत में एक ही धक्के में घुसा दिया | उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो गयी थी जिससे उसकी चूत में मेरा पूरा लंड घुस गया | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में जोर जोर के धक्को के साथ उसको चोदने लगा | मैं उसकी ऐसे ही मस्त ठुकाई करने लगा | मैंने उसकी चुदाई बहुत भयानक की फिर मैं उसकी चूत से लंड को बाहर निकाल झड़ गया | उस दिन मैंने उसका सारा चुदाई का भुत उतार दिया | फिर उसको उसके होस्टल छोड़कर अपने पापा का काम किया और फिर मैं अपने घर वापस चला गया | अब वो अक्सर मुझसे अपनी चुदाई कराया करती थी क्यकी मैं उसकी मस्त चुदाई करता हूँ |
ये थी मेरी कहानी | मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी | कहानी पढने के लिए धन्यवाद…………..



 
मैंने इस वेबसाइट पर सारी कहानियाँ पढ़ी हैं और आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ।
मैं 25 साल का लड़का हूँ, मेरी हाईट 5’5″ इंच है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ।
मैं जॉब करने के लिए दिल्ली में आया था और रहने के लिए मैंने एक फ्लैट किराये पर लिया।
मैं यहाँ पर नया था तो ज्यादा कुछ नहीं जानता था क्योंकि मैं पंजाब से हूँ और दिल्ली में पहली बार आया था।
कहानी शुरू होती है जब मैं अपने फ्लैट में रहने आया तो मैंने देखा कि मेरे आस पास का माहौल बहुत ही अच्छा है और मुझे भी अब रहने में बहुत अच्छा लग रहा था।
मेरे फ्लैट के सामने वाले फ्लैट में एक परिवार रहता था, पति, पत्नी और उनके दो बच्चे।
उनकी उम्र भैया की 30 साल और भाभी की 28 साल होगी, रंग गोरा और उसके बूब्स तो क्या यार ! देखकर हर आदमी का लण्ड खड़ा हो जाए और पास जाकर मुँह में भर ले।
सामने वाली भाभी देखने में साली सेक्सी बॉम्ब दिखती थी।
फिर जब से मैंने उसे देखा था उस दिन से उससे दोस्ती करना चाहता था और मेरी दोस्ती भी जल्दी ही हो गई क्योंकि उसने मुझे पीने का पानी लेने के लिए खुद ही बोल दिया और कहा- कोई चीज चाहिए हो तो बोल देना।
उसके पति ने भी कहा- कुछ काम हो तो आप मुझे बता देना।
मैंने कहा- ठीक है, कोई भी काम होगा तो आपको ही बोलूँगा।
फिर धीरे धीरे दिन गुजरने लगे फिर मेरी और उसकी दोस्ती भी बढ़ने लगी क्योंकि उसका पति सुबह जाता था और देर रात को आता था।
बच्चों के स्कूल जाने के बाद वो फ्री हो जाती थी और मैं भी फ्री ही रहता था।
कम्पनी का काम तो मैं ऐसे ही लैपटॉप से मेल कर देता था और फिर उससे बात करता रहता था।
तभी एक दिन हम बात कर रहे थे कि उसने कहा- मुझे तुम कम्प्यूटर चलाना सिखा दो, मेरे घर में पीसी है लेकिन बहुत दिनों से बंद पड़ा है।
वो रोज़ अपना काम खत्म करके मेरे यहाँ पर आ जाती और कंप्यूटर सीखने लगी।
इस तरह हम बहुत अच्छे दोस्त हो गये और एक दूसरे को छूना और हाथ पकड़ना आम बात हो गई।
वो भी अब कुछ नहीं कहती थी।
अब मुझे पूरा स्पोर्ट करती थी और फिर एक दिन मैंने कहा- तुम्हारी आँखें बहुत अच्छी हैं।
उसने कहा- मुझे पता है।
फिर मैंने कहा- तुम्हारे गाल भी बहुत अच्छे हैं।
उसने कहा- मुझे पता है।
फिर मैंने कहा-  तुम्हारी आँखें बहुत अच्छी है क्योंकि इनसे तुम मुझे देखती हो।
तभी वो बोली- मैं तो सभी को देखती हूँ इन आँखों से।
मैंने कहा- मेरी तरफ़ देखकर कहो।
तब वो शरमा गई और आँखें बंद कर ली।
मैं खड़ा होकर उसके पास गया और उसकी आँखों पर चूम लिया लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और शरमा गई।
मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए, चुम्बन करने लगा लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया, मैं लगभग 5-6 मिनट तक उसके होंठ चूसता रहा।
मेरी बेकरारी बढ़ती जा रही थी, मैं उसे ज़ोर ज़ोर से चुम्बन करने लगा।
उसको थोड़ा अजीब सा लगा और उसने मुझे पीछे धकेल दिया, वो उठकर खड़ी हो गई, कहा- तुम यह क्या कर रहे हो?
फिर वहाँ से अपने बाल ठीक करके चली गई।
मैं सोच रहा था कि अब क्या होगा। मैंने बाहर जाकर देखा तो उसके फ्लैट का दरवाजा बंद था।
मैं अपने काम पर चला गया।
जब शाम को वापस आया तो मैंने उसे देखा वो अपने बच्चों को पढ़ा रही थी। उसने मुझे स्माइल दी और मैंने भी स्माइल दी।
अचानक उसने कहा- अगर आपको पानी चाहिए तो ले लो।
मैंने कहा- हाँ !
मैं पानी लेने चला गया। तभी वो रसोई में पानी देने आई तभी मैंने उसे पीछे से अपनी बाँहों में ले लिया, उसकी गर्दन पर चूम लिया।
उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया और कहा- क्या पागल हो? कोई देख लेगा।
मैंने कहा- आई लव यू डीयर रमोला ! मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं बस यह जानता हूँ कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
उसने कहा- क्या किसी को प्रपोज ऐसे करते हैं? शायद तुम्हें मालूम नहीं किसी लड़की को कैसे प्रपोज करते हैं?
मैंने कहा- मुझे मालूम है, कल 12 बजे तुम मेरे यहाँ आना, वहाँ मैं तुम्हें बताऊँगा कि कैसे प्रपोज करते हैं।
मैं घर जाकर कल का इंतज़ार करने लगा। मैंने सारी रात जागकर काटी क्योंकि कल मैं उसे चोदने वाला था। मेरा लण्ड था कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
अगले दिन 12 बजे से पहले ही वो आ गई और मैंने उसे एक रोज़ दिया, कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
उसने कहा- मैं तो शादीशुदा हूँ।
मैंने कहा- मुझे कुछ मालूम नहीं, मैं बस तुमसे प्यार करता हूँ।
मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया, थोड़ी देर तक उसे अपनी छाती से लगा कर रखा वो भी अपना सर मेरी छाती से लगाकर आँखें बंद करके मुझे कसकर पकड़ कर खड़ी रही।
तभी मैंने थोड़ी देर बाद उसका चेहरा अपने हाथ में लिया फिर उसके होंठों को देखा।
उसने कहा- क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- ये होंठ जो गुलाब की तरह हैं, मुझे इनका रस पीना है।
उसने आँखें बंद कर ली, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और पता ही नहीं कितनी देर तक उसके होंठ पर अपने होंठ से चूमता रहा और अपनी जीभ उसके पूरे मुँह में घुमाता रहा।
फिर जैसे ही मैंने उसके होंठों पर अपने दाँतों से काटना शुरू किया तो उसने कहा- प्लीज काटो नहीं, निशान पड़ जायेंगे।
मैंने उसे अपने बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया, उसके गालों पर पागलों की तरह चूमाचाटी करने लगा।
वो भी पागल होती जा रही थी, वो भी मुझे चूमने लगी।
मैंने उसकी साड़ी का पल्लू नीचे किया और उसके ब्लाउज के हुक खोलने लगा।
उसने कहा- नहीं!
लेकिन मैं भी कहाँ मानने वाला था, मैंने उसके बूब्स को ब्लाउज की कैद से आज़ाद कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर ही अपना मुँह रख कर ऊपर से ही चूमने लगा।
वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
मैंने ज़ोर से उसे अपने ऊपर लिया, मैं उसके नीचे आ गया, पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
अब वो ऊपर से बिल्कुल नंगी मेरे ऊपर थी मेरी छाती पर चुम्बन कर रही थी।
मैं अपने हाथ उसकी कमर पर इधर उधर चला रहा था।
तभी मैंने उसके पेटीकोट के अंदर अपना हाथ डाला और वो मेरे ऊपर से नीचे साईड में आ गई और बोली- यह सब अभी मत करो।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और उसके ऊपर आ गया।
मेरा लण्ड अब खड़ा हो चुका था जो उसकी चूत पर रगड़ रहा था, उसकी आँखें बंद हो रही थी लेकिन मैं अभी कुछ करना नहीं चाह रहा था, सिर्फ ऊपर से रगड़ रहा था।
उसके निप्पल को मैंने अपने मुँह में ले लिया और एक उरोज को दबाने लगा, नीचे से उसकी चूत को रगड़ रहा था।
वो पागलों की तरह मेरी पीठ पर अपना हाथ चला रही थी।
फिर 15-20 मिनट के बाद मैंने धीरे से एक हाथ उसके पेट से होते हुए चूत पर घुमाना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, उसको पता भी नहीं चला और उसके स्तनों को दबाते दबाते एक हाथ उसकी चूत के अंदर डाल दिया जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
मेरा हाथ लगते ही उसके मुख से आवाज़ें निकलने लगी- आअहहाअ नहीं… प्लीज़ मत करो… मैं मर जाऊँगी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो।
यह कहानी आप मेरी सेक्सी स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मैंने कहा- छोड़ दूँगा, सिर्फ़ एक बार मुझे तुम्हारी चूत के दर्शन करने दो।
उसने कहा- नहीं।
मैंने कहा- प्रॉमिस, मैं कुछ नहीं करूँगा।
उसने विरोध बंद कर दिया और मैं उसके पैरों के बीच में आ गया, उसका पेटीकोट हटा कर उसकी चूत के ऊपर हाथ घुमाने लगा लेकिन वो कुछ नहीं बोली।
मैंने एक उंगली चूत में डाली तो उसके मुख से ‘आआहह’ की आवाज निकली, मैंने थोड़ा और अन्दर डाली, मैं उसकी चूत पर झुका और अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए।
अब उसके मुँह से सिर्फ़ ‘आअहह… मैं मर गई… प्लीज़ जल्दी करो… चाटो मेरी चूत को!
वो अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी।
मैंने भी ज़ोर ज़ोर से उसके चूत को चाटना शुरू कर दिया, मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था कि कमरे में क्या हो रहा है।
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिये, अपना लण्ड उसके मुँह की तरफ़ करके लेट गया और उसकी चूत को फिर से चाटना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद उसने भी मेरा लण्ड हाथ में लिया और फिर अचानक मुँह में ले लिया, फिर वो लण्ड को जोर जोर से चूसने लगी।
उसके इस तरह से चूसने से मेरे पूरे शरीर में लहरें सी दौड़ने लगी।
करीब पाँच मिनट लण्ड चुसवाने के बाद मैं अब झड़ने वाला था तो मैंने जल्दी से उसका सर पकड़ा और अपने लण्ड को उसके मुँह में जोर जोर से पेलने लगा।
मैंने अपना लण्ड उसके मुँह में अंदर तक घुसा दिया जिससे उसकी सांस रुक सी गई।
तो मैंने लण्ड को थोड़ा बाहर किया और फिर कुछ देर रुक गया फिर वो जब ठीक हुई तो मैं फिर से शुरू हुआ लेकिन इस बार वो खुद बोली- तुम मेरी चिंता मत करो और मुझे अपना वीर्य पिला दो प्लीज!
दो चार धक्कों के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो लण्ड को मुँह में लेकर चूसती चाटती रही।
वो लण्ड को इस तरह चूस रही थी जैसे पहली बार मिला हो।
अब मुझे भी लगा कि शायद उसे लण्ड चूसने का मौका पहली बार मिला था।
वो पूरी पसीने से नहा चुकी थी, उसका पूरा मुखड़ा लाल हो चुका था, फिर भी वो लण्ड को लोलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी।
कुछ मिनट चूसने के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लेटा दिया और अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर अंदर घुसाने लगा लेकिन चूत कसी होने के कारण लण्ड घुस ही नहीं रहा था।
मैंने थोड़ी क्रीम अपने लण्ड पर लगाई और थोड़ी उसकी चूत पर भी लगाई, तब मैंने अपने लण्ड को चूत पर रखकर सेट किया और एक हल्का सा धक्का दिया।
वो बहुत जोर से चिल्ला उठी, रोने लगी और कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो… मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
फिर मैंने बोला- कुछ नहीं होगा जानेमन, तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा।
कुछ देर के बाद मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लण्ड आधा उसकी चूत में चला गया।
वो कह रही थी- धीरे करो प्लीज… मुझे बहुत दर्द है।
मैं उसे चूमते हुए धीरे धीरे धक्के लगा रहा था।
मैं अपने एक हाथ से उसके उरोज दबा रहा था और उसे भी मज़ा आने लगा था, वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी।
मैंने कुछ देर बाद अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, वो भी अपने चूतड़ को हिलाने लगी थी और ‘आईई मर गई मैं… चोदो और जोर से चोदो मुझे… फाड़ दो आज मेरी चूत !
करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया, कहा- मैं भी अब झड़ने वाली हूँ।
कुछ देर के बाद शांत हो गई शायद वो झड़ गई थी। अब मैं भी झड़ने वाला था तभी मैंने अपना लण्ड चूत से बाहर निकाला और बेड पर पूरा वीर्य गिरा दिया।
फिर उसने लण्ड को मुँह में लिया और चूसने लगी थी और चूस चूसकर उसने पूरे लण्ड को साफ कर दिया था।
अब वो बहुत खुश दिख रही थी।
मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हें मज़ा नहीं आया?
उसने कहा- मुझे आज पहली बार चुदाई में दर्द के साथ बहुत मज़ा आया, तुम जब कहोगे, मैं मना नहीं करूँगी।
मैंने उसके माथे को चूमा, उस दिन हमने दो बार और सेक्स किया।
अब वो अकसर मेरे पास आती है और मैं उसकी चुदाई करता हूँ। हमें जब भी मौका मिलता है तो हम कभी अपने फ्लैट पर तो कभी उसके फ्लैट पर चुदाई करते हैं।


 
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