Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली - SexBaba
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Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली

hotaks444

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Nov 15, 2016
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Incest-चुदासी फैमिली

फ्रेंड्स काफ़ी दिन आपसे दूर रहा और अब जब कुछ फ्री हो गया हूँ तो आपके लिए एक पारवारिक संभोग की
कहानी लेकर आया हूँ . ये कहानी आपको मस्त कर देगी ये मेरा वादा है
रात के 10 बज रहे थे और मैं कंप्यूटर पर नंगी लोन्डियो की चूत और गान्ड देख देख कर अपने अकडे हुए 
लंड को मसल रहा था, फिर मैं वहाँ से उठा और अपने रूम से बाहर निकल कर सीधा किचन मे गया जहा 
सोनू(सोनम) गुलाबी साड़ी पहने काम में लगी हुई थी, सोनू मुझसे सिर्फ़ 1 साल ही छोटी लगभग 29 की रही 
होगी बिल्कुल रानी मुखर्जी.. के बराबर हाइट पर उसकी जांघे खूब मोटी और दूध खूब बड़े बड़े थे और सबसे
जानलेवा उसके उभरे हुए मोटे मोटे चूतड़ थे जिन पर कसी पैंटी की झलक भी साड़ी के उपर से नज़र आ 
रही थी और किचन में पहुचते ही मेरी नज़र सोनू की मोटी उभरी गान्ड पर पड़ी और मेरा लंड पूरे ताव में
झटके देने लगा और मैं सोनू के पीछे जाकर उसके भारी भरकम चुतड़ों को कस कर अपने हाथो मे भर कर
कस कर मसलता हुआ अपने लंड को उसकी मोटी गान्ड की दरार में दबाते हुए कहने लगा...

रोहित- सोनम के गले मे होंठो से चूमते हुए, मेरी रानी कितनी देर लगा रही हो, मैं कब से वेट कर रहा हूँ,

सोनम- मुस्कुरकर मेरे लंड को पाजामे के उपर से मसल कर मुझे दूर धकेलते हुए, अरे दूर हटो ना कहीं 
मम्मी जी ना आ जाए, तुमसे तो सब्र भी नही होता, और फिर सोनम ने मुस्कुराते हुए कहा, जाओ जाकर सो जाओ 
तुम्हारे पास तो रोज बस एक ही काम रहता है,

मैने सोनम की बात सुन कर उसके मोटे मोटे कसे हुए दूध को दोनो हाथो में थाम कर कस कर मसल्ते हुए
कहा मेरी रानी तुझे बिना चोदे मुझे नींद कहाँ आने वाली है, और तू बड़ी सती सावित्री बनती है जबकि 
मैं जानता हूँ तेरी चूत से भी पानी बह रहा होगा, इतना कह कर मैने सोनम की साड़ी के उपर से ही उसकी उभरी
हुई फूली चूत को अपनी मुट्ठी में भर कर भींच लिया और सोनम कसमसा उठी और फिर अचानक उसने कहा 
छोड़ो मुझे मम्मी आ गई और उसका इतना कहना था कि मैने झट से उसकी चूत को छोड़ते हुए पीछे देखा जहाँ 
कोई नही था, मैं सोनम को दुबारा पकड़ता इससे पहले ही वह खिलखिलाती हुई किचन से बाहर भाग कर मेरी मम्मी
के रूम में घुस गई,

मैं मुस्कुराता हुआ अपने रूम में चला गया, और अपने बिस्तेर पर लेट कर
सोचने लगा, जाने क्या बात थी कि शादी के पहले मैने कभी चूत नही मारी और केवल मूठ मार कर ही काम 
चलाया लेकिन शादी के बाद से मुझे सिवाय नंगी चूत और गान्ड के अलावा कुछ नज़र ही नही आ रहा था, हालाकी
सोनम और मेरी शादी को लगभग 4 साल हो चुके थे, तभी सोनम रूम के अंदर आई और दरवाजे पर ही खड़ी
होकर मुस्कुराते हुए पुच्छने लगी...
सोनम : सुनो चाइ पियोगे?

रोहित : सोनम की चिकनी कमर और चिकने पेट और उसकी गहरी नाभि को ललचाई नज़रो से देखते हुए और अपनी नज़रो
को सोनम के मोटे मोटे दूध पर टिकाते हुए जानेमन चाइ नही मुझे तो दूध पिला दो

सोनम: अपना अंगूठा दिखा कर जीभ निकालकर दिखाते हुए कहने लगी बड़े आए दूध पीने वाले, अभी कम ख़तम करते
करते 1 घंटा और लग जाएगा,

रोहित : अरे यार कितना काम करोगी, कसम से राजा महराजाओ की जिंदगी अच्छी थी जितनी चाहे उतनी औरते रख 
लेते थे एक बिज़ी होती तो दूसरी को चोद लेते दूसरी बिज़ी हो तो तीसरी,

सोनम : मुस्कुराते हुए तुम्हारी मम्मी को भेज दूं, उसकी बात सुन कर मैने मुस्कुराते हुए उसे लपक कर पकड़ना
चाहा किंतु वह तेज़ी से पलटकर बाहर भाग चुकी थी मैं उसकी रह देखता रहा करीब 1 घंटे के बाद वह आई
और आते से ही मेरे बदन से चिपक गई और सिसियाने लगी, हम दोनो गुत्थम गुत्था हो गये और फिर एक डेढ़ घंटे की
मेहनत के बाद पस्त होकर सो गये...........

सुबह के 7 बजे थे सोनू ने मुझे उठाते हुए चाइ टेबल पर रखी और फिर मेरे अंडरवेर में हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ 
कर मूह बनाते हुए
सोनू : अरे क्या बात है आज लंड देवता सुबह सुबह सो रहे है, जबकि यह तो रोज सुबह तने रहते है

रोहित : उूउउन्न्नह हुउऊन्न्ं सोनू सोने दो ना

सोनू मेरे बगल में बैठ कर कहने लगी अच्छा आप सो जाओ मैं बस आपके लंड को हाथ में थामे रहती हूँ, फिर सोनू मेरे कानो के पास आकर कहने लगी रोहित एक बात कहूँ

रोहित : उहह क्या है 

सोनू : आज सुधा दीदी को सुबह जीन्स पहनते हुए मैने देखा तो मैं हैरान रह गई, उनके चूतड़ बाप रे बाप बिना चुदवाये ही कितने बढ़ते जा रहे है, और जब मेरी नज़रे उनके मोटे मोटे पपीतों की तरह ठोस और नुकीले दूध पर गई तो मैं देखती ही रह गई

तुमने तो मेरे दूध दबा दबा कर इतने मोटे कर दिए है पर सुधा के तो बिना दबाए ही इतने बड़े हो गये है, सच रोहित तुम्हारी बहन को केवल ब्रा और पैंटी में जब मैने देखा तब मुझे अंदाज़ा हुआ
कि तुम्हारी बहन तो मस्त चोदने लायक माल हो गई है, उसके दूध देख कर तो ऐसा लगता है कि कही किसी से दबवाती तो नही है,

रोहित : क्या बात करती हो सोनू, वह ऐसी लड़की नही है वह भला किससे दबवाएगी,

सोनू : मुस्कुराते हुए मेरे खड़े लंड को कस कर भींचते हुए, कहीं तुम ही तो नही दबाते हो मोका देख देख कर तुम्ही तो नही
मसल देते हो अपनी कुँवारी बहन के मोटे मोटे दूधों को

रोहित : ना चाहते हुए भी मुस्कुरा कर क्या बात करती हो सोनू पागल है क्या वह मेरी बहन है

सोनू : मंद मंद मुस्कुराते हुए लोड्‍े को कसते हुए, अच्छा मसलना चाहते हो कि नही अपनी बहन के मोटे मोटे पपितो को

रोहित : मंद मंद मुस्कुराते हुए अरे तुम पागल हो क्या वह मेरी बहन है कोई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या

सोनू : लंड के टोपे को सहलाते हुए, तुम्हारी बहन है इसीलिए तो कह रही हूँ हर भाई जब अपनी निगाहे अपनी जवान बहन के सीने पर डालता है तो वह यही सोच कर डालता है कि उसकी बहन के बोबे कितने मोटे हो गये है अब ज़रा सच सच बताओ अपनी बहन को नंगी करके मसलना चाहते हो कि नही


रोहित : मुस्कुराते हुए नही

सोनू : मुस्कुरा कर आँखे दिखाते हुए, झूठ अगर नही मसलना चाहते तो यह मूसल अपनी बहन को नंगी करके मसल्ने के नाम पर इतना झटके क्यो मार रहा है

रोहित : वह तो तुम सहला रही हो इसलिए झटके मार रहा है, मैने मुस्कुराते हुए जबाब दिया.
 
तभी बाहर से सुधा ने आवाज़ लगाई भाभी दो मिनिट यहाँ आओ ना

सोनू : आँखे दिखाते हुए मंद मंद मुस्कुरा कर तुम रूको मैं अभी आकर तुम्हारी खबर लेती हूँ, जब अपनी बहन को ही मसलना है तो मुझसे क्यो शादी की, वो तुम्हारी चाइ रखी है , मैं आकर तुम्हे बताती हूँ और सोनू बाहर निकल गई, उसकी आँखो में और चहेरे की मुस्कान बता रही थी कि वह शरारत के मूड में थी और इसीलिए मुझे परेशान कर रही थी, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आया और यह बात वह भी अच्छी तरह जानती थी.सोनू की सुधा से काफ़ी बनती थी क्यो कि सुधा के मॉडर्न मेकप और स्टाइलिश कपड़ो की तारीफ दिल खोल कर केवल सोनू ही करती थी और सुधा का हर बात में साइड लेती थी यही वजह थी कि सुधा सोनू से बहुत खुश रहती थी और उसकी हर बात मानती थी

सुधा : भाभी देखो ज़रा यह शॉर्ट स्कर्ट मुझ पर कैसी लग रही है और यह टॉप

सोनू : सुधा के गालो को चूमते हुए हाय ननद रानी कितनी मस्त लग रही हो तुम इस छोटी सी स्कर्ट में और तुम्हारे वॅक्स किए हुए यह गोरी गोरी पिंडलियाँ और सुडोल मोटी जांघे तो किसी को भी पागल कर दे


सुधा : सच भाभी क्या इतनी मस्त दिख रही हूँ मैं 

सोनू : अरे पगली अपने भैया के सामने ना चली जाना नही तो वह भी तेरी मोटी मोटी गोरी गोरी जाँघो को देख कर फिसल जाएगे

सुधा : मुस्कुराते हुए तुम भी ना भाभी बहुत मज़ाक करती हो

सोनू : चल अब मैं जाउ कि और कुछ

सुधा : भाभी बस एक काम और

सोनू : बोल ना

सुधा : भाभी भैया को बोल दो प्लीज़ मुझे कॉलेज ड्रॉप कर दें

सोनू : मुस्कुराते हुए, एक शर्त पर

सुधा : वो क्या

सोनू : तू बाइक पर अपने भैया के साथ क्रॉस लेग बैठ कर जाएगी

सुधा : तो इसमे शर्त की बात कहाँ से आ गई वो तो मैं वैसे भी बयके पर क्रॉस लेग ही बैठूँगी मुझे एक ही तरफ दोनो पाँव करके बैठने में डर लगता है

सोनू : चल ठीक है मैं तेरे भैया को बोलती हूँ


दोनो को मैं खिड़की से देख रहा था और सचमुच सुधा की मोटी मोटी गोरी जांघे देख कर मेरा लंड उसकी गुदाज जवानी का रस पीने के लिए मचल रहा था और यह बात सोनू बहुत पहले ही ताड़ गई थी जब मैं सुधा के भारी चुतड़ों को तब घूर रहा था जब वह जीन्स पहन कर मटक मटक कर गार्डन में घूम रही थी और मैं और सोनू बेंच पर बैठे थे चलो बता ही देता हूँ .......वह हुआ यह था कि शाम को अक्सर 6 के बाद मैं, सोनू और सुधा घर के सामने वाले पार्क में जाकर घूमते थे, 

पहले तो हम तीनो घूमते रहे फिर मैं बेंच पर बैठ गया और सुधा और सोनू राउंड लगाने लगी जब भी वह मेरे सामने से निकलती तो मैं कभी सोनू की और कभी सुधा की मोटी गान्ड को देख देख कर मस्त हो रहा था फिर सोनू भी थक कर मेरे पास बैठ गई और अब जब भी सुधा मेरे सामने से गुजरती मैं पाजामे में उछाल लेते हुए उसके भारी चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था उसकी पैंटी की लाइन भी झीने से पाजामे में साफ नज़र आ रही थी और उसके मोटे मोटे दूध तो ऐसे लग रहे थे जैसे कलमी आम हो थोड़ा अंधेरा होने लगा था वही सोनू ने मेरी नज़रो को ताड़ लिया और सीधे मेरे लंड को पकड़ लिया जो कि सुधा की गुदाज जवानी को देख देख कर पहले ही ताव में आ चुका था

सोनू : मेरे लंड को पकड़ कर कहने लगी तुम्हे शरम नही आती अपनी बहन की मोटी गान्ड देख देख कर अपने लंड को खड़ा किए हो,

मैं हकलाते हुए कहने लगा नही सोनू वह तो तुम्हारी गान्ड देख कर खड़ा हो गया, 

सोनू : मुस्कुराते हुए झूठे कही के मैं तो तुम्हारे सामने नंगी भी हो जाती हूँ तो इतनी जल्दी तुम्हारा लोड्‍ा खड़ा नही होता है, 

सोनू लगातार मेरे लोड्‍े को मसल रही थी और उसकी टोन चेंज हो गई फिर जैसे ही सुधा हमारे सामने से निकली वह कहने लगी रोहित तुम्हारी बहन की गान्ड तो वाकई मारने लायक हो गई है तुम्हारी भी क्या ग़लती इतने मोटे मोटे चूतड़ अगर किसी लोंड़िया के होंगे और वह अपनी गुदाज गान्ड ऐसे मटका मटका कर निकलेगी तो फिर वह अपनी बहन ही क्यों ना हो लंड तो उसकी गान्ड में घुसने के लिए खड़ा होगा ही, और वैसे भी आज कल अपनी बहन को ही आदमी सबसे पहले चोदने का सोचता है

सोनू की बातों से मेरा लंड झटके खाने लगा था

सोनू : अच्छा रोहित अगर सुधा तुमसे अपनी यह मोटी गान्ड खोल कर मारने के लिए दे तो तुम मारोगे कि नही

रोहित : अरे पागल हो क्या वह मेरी बहन है भला मैं ऐसा कैसे कर सकता हूँ

सोनू : मुस्कुराते हुए, रहने दो अपनी बहन की गान्ड मारने के लिए तुम्हारा मूसल सर उठाए खड़ा है और तुम नखरा दिखा रहे हो
अब आगे...... 

बेड पर बैठे हुए मैं सोनू की जाँघो को सहला रहा था तभी सुधा आ गई

सुधा : भैया चलो मुझे कॉलेज छोड़ दो

मैं तो उस शॉर्ट स्कर्ट में सुधा की मोटी मोटी गोरी जाँघो को देखता ही रह गया और टीशर्ट में उसके कसे हुए पके आमों को तो देखते ही मसल्ने का मन होने लगा

सोनू : मुस्कुराते हुए, क्यो जी कैसी लग रही है मेरी ननद रानी

रोहित : मुस्कुराते हुए अच्छी लग रही है आख़िर बहन किसकी है


मैने बाइक स्टार्ट की और सुधा क्रॉस लेग करके बैठ गई और हमेशा की तरह मेरी कमर को थाम लिया पर वह नही जानती थी कि उसके भैया का मोटा लंड अपनी बहन की गदराई जाँघो को देख कर टनटना गया है और उपर से सुधा के सुडौल दूध जो कि मेरी पीठ पर किसी भारी बोझ की तरह रखे हुए थे मुझे बहुत मज़ा दे रहे है, तभी सामने एक कुत्ता आ गया और मैने ज़ोर का ब्राक मारा और सुधा के मोटे मोटे दूध पूरी तरह मेरी पीठ मे दब गये और सुधा के मूह से ...ओह भैया जैसे शब्द निकल पड़े,


सुधा : भैया मुझे भी बाइक चलाना सिखा दो ना मुझे स्कूटी चलाना पसंद नही है मैं तो बाइक राइडिंग पसंद करती हूँ

रोहित : इसमे कैन सी बड़ी बात है तू कॉलेज से आ जा फिर हमारे घर के साइड मे जो क्रिकेट ग्राउंड है वहाँ मैं तुझे रोज एक घंटा बाइक चलाना सिखा दूँगा

सुधा : मुझसे कस कर चिपकती हुई, ओके थॅंक्स भैया, वह इतने ज़ोर से चिपकी थी कि उसके गुदाज बदन के एहसास से मेरा लंड पूरी औकात मे आ गया था

TBC
 
कॉलेज आने के बाद वह मुझे बाइ करके जाने लगी और में बाइक पर खड़ा उसे जाते हुए देखने लगा उसकी गोरी गोरी टाँगे और गुदाज
भरी हुई जांघे और उस पर भारी मोटे मोटे मटकते चुतड़ों को देखते हुए में अपने लंड को धीरे धीरे मसल रहा था तभी 
सुधा ने पीछे मूड कर मुझे अपनी गुदाज मोटी गान्ड को घूरते हुए पाया और एक कातिल सी स्माइल दे कर अंदर चली गई,
जब घर पहुचा तो सोनू अंदर आई और आते ही मेरी पॅंट खोलने लगी

रोहित : क्या हुआ रानी पॅंट क्यो उतार रही हो अभी लंड लेने का इरादा है

सोनू : मुस्कुराते हुए, अरे रूको तो चलो चड्डी नीचे करके अपने लंड को बाहर निकालो, इतना कह कर सोनू ने खुद ही लंड चड्डी 
से बाहर निकल लिया जिसमे अभी भी अकड़न बाकी थी, सोनू ने टोपे को खोल कर लंड को दबाया और उसमे से पानी की दो तीन बूंदे 
निकल आई

सोनू ने मेरी और मुस्कुरा कर देखा और पानी की बूँदो को अपनी उंगलिओ में लेकर मसल्ते हुए कहने लगी

सोनू : रास्ते भर खड़ा था क्या तुम्हारा लंड

रोहित : मतलब

सोनू : ज़्यादा बनो मत सुधा की गर्मी पाकर ही पिघला है ना यह

रोहित : अरे तुम भी ना बस एक ही चीज़ तुम्हारे दिमाग़ में चलती रहती है

सोनू : मेरे लंड को सहलाते हुए, कहने लगी खूब मोटी और गदराई हुई जांघे है ना तुम्हारी बहन की

रोहित : मंद मंद मुस्कुराते हुए हुउँ,

सोनू : लंड को कस कर दबाते हुए, अरे जब अपनी बहन की मोटी गुदाज जांघे देख कर तुम्हारे इन महराज के यह हाल है तो जब 
अपनी बहन की मस्त फूली हुई मोटी मोटी फांको वाली चिकनी चूत देखोगे तो फिर क्या हाल होगा
रोहित : तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे वह आकर मुझे अपनी चूत दिखाने वाली है

सोनू : मुस्कुराते हुए बड़ा मन कर रहा है अपनी बहन की मस्त फूली चूत देखने का, कहो तो दिखवा दूं

सोनू की बात सुन कर मैने उसकी गान्ड को साड़ी के उपर से सहलाते हुए मुस्कुरा कर कहा , केवल चूत देखने भर से क्या होगा
सोनू : मुस्कुरा कर अच्छा जी बात यहा तक आ पहुचि है कि अब आप अपनी बहन को चोदना भी चाहते हो, तभी तो कहूँ कि आजकल 
उसका नाम लेते ही ये लंड महराज ऐसे झटके क्यो मारने लगते है, हम बात ही कर रहे थे कि बाहर से मम्मी की आवाज़ आई जो कि 
सोनू को बुला रही थी, 

सोनू : झल्लाते हुए, ये तुम्हारी माँ की चूत में भी बड़ी खुजली मची रहती है ज़रा भी दम नही लेती है, और फिर सोनू वही
बैठी बैठी चिल्लाई......आई...... माँ जी....

नीलम हेवी डील डोल, बड़ा सा पेट काफ़ी उभरा हुआ बीच में साल और फिर गहरी नाभि साड़ी दो इंच नीचे मोटे मोटे खरबूजो से
दूध स्लीवलेस चोली में और मोटी मोटी केले के खंबो जैसी तनो जाँघो के उपर बहुत भारी और सुडोल चूतड़ मटकाते हुए,
नीलम : अरे बहू ज़रा देख आज कितने दिनो बाद मैने साड़ी पहनी है कैसी लग रही हूँ, 

सोनू: मम्मी अच्छी तो लग रही हैं लेकिन आपके बदन पर तो टाइट चिपकी हुई लेग्गी या फिर कसा हुआ जीन्स ही ज़यादा अच्छा लगता है 
पर वैसे साड़ी जब आप पहनती है तो इसे नाभि से थोड़ा और नीचे रखा कीजिए तब यह आप पर और भी अच्छी लगती है, और फिर नीलम
ने अपनी साड़ी को नाभि के और भी नीचे सरकते
हुए अपने गदराए पेट को मसल्ते हुए कहा, आज तो पेट भी खराब लग रहा है ज़रा चाइ पिला दे तो शायद कुछ आराम मिले,
सोनू : माजी गॅस बन रही होगी और चाइ से तो और भी गॅस बनेगी


नीलम अरे नही रे, चाइ पीकर ज़रा फ्रेश हो आती हूँ शायद राहत मिले, सोनू का खुराफाती दिमाग़ तो था ही वह अपने मन में
मुस्कुराती हुई सोचने लगी, माजी कहीं पापा जी से गान्ड तो नही मरवाती हो, तभी तुम्हारी गान्ड में खुजली मची रहती है, पर
पापा जी अब इस उमर में तुम्हारी गान्ड क्या मारते होंगे, तुम्हारी इस मोटी घोड़ी जैसी गान्ड में तो कोई बड़ा सा लंड चाहिए जो तुम्हे
कस कस कर चोदे, 


नीलम : अरे घोड़ी अब खड़ी खड़ी क्या सोचने लगी

सोनू : मुस्कुरा कर कुछ नही माजी आपका इलाज कैसे करूँ यही सोच रही थी, में अभी चाइ लेकर आती हूँ, और फिर सोनू भागते 
हुए मेरे पास आई और पूछने लगी क्योजी आप चाइ पियोगे क्या, मैने कहा पिला दो, 
सोनू: अच्छा एक बात पुंच्छू

रोहित : क्या


सोनू : अगर तुम्हे कोई अच्छी मोटी तगड़ी गान्ड मारने को मिले तो मारोगे कि नही

में सोनू की बात सुन कर मुस्कुराते हुए, कहने लगा डार्लिंग तुम्हारी गान्ड मारता तो हूँ और कौन सी गान्ड का जुगाड़ है

सोनू : अगर तुम्हे खूब मोटे मोटे चुतड़ों में अपना मूसल डाल कर कूटना हो तो बोलो

रोहित : बताओ तो सही किसके चुतड़ों की बात कर रही हो

सोनू : अभी नही बताउन्गी, अगर बता दिया तो पानी छोड़ दोगे
रोहित : ऐसे किसके चूतड़ है जिनका नाम सुनते ही में पानी छोड़ दूँगा

सोनू: में चाइ बना कर लाती हूँ फिर बाद में बताउन्गी तुम्हे

सोनू इतना कह कर चली गई और मेरा लंड उसकी बातों से ही खड़ा हो गया था, में तो उसकी बाते सुन कर यही समझ रहा था कि 
वह ज़रूर सुधा की मोटी गान्ड की बात कर रही होगी, इसीलिए मेरे लंड में अपनी बहन की गान्ड को सोच कर ताव आ गया था,


शाम को माँ पार्क में घूमने गई हुई थी और सुधा सोनू के साथ रूम में बैठी थी दोनो कुछ बाते कर रही थी, मैने अपने मोबाइल
को साइलेंट मोड पर करके और ऑडियो रेकॉर्डिंग ऑन कर दी और मोबाइल को वही रूम पर रख कर बाहर आ गया, करीब 1 घंटे बाद 
सोनू बालकनी में आई और कहने लगी चलो पार्क में बैठेंगे, मैने कहा, ठीक है तो वह कहने लगी फिकर मत करो आज तो माजी
भी पार्क में घूमने गई है और सुधा भी चल रही है,


मैने कहा ठीक है चलो और में रूम में जाकर अपना मोबाइल लेकर आ गया और फिर सुधा और सोनू घूमने लगी और मैं मोबाइल
कान से लगा कर वह ऑडियो रेकॉर्डिंग सुनने लगा, सोनू काली साड़ी में अपने गुदाज चुतड़ों को मटका मटका कर मेरे सामने से निकलती 
और जानबूझ कर जब मेरे सामने से जाती तो अपनी गान्ड को खुजलाने लगती और मुझे देख देख कर मुस्कुराने लगती, में उसके चुतड़ों
को घूरते हुए फिर अपनी बहन सुधा की भारी गान्ड देखने लगता, सुधा जीन्स फसा कर घूम रही थी और उसमे उसकी जांघे खूब 
दबोचने लायक लग रही थी और गान्ड का भारी उठाव और चौड़ाई देख कर तो मेरा लंड फटा जा रहा था, 

अभी दो ही राउंड उन्होने लगाए होंगे कि सोनू सुधा को छोड़ कर मेरे पास आई और मेरे कान में धीरे से कहने लगी, आज तो जीन्स में तुम्हारी बहन की गान्ड खूब मोटी नज़र आ रही है, आज में उसको खूब चक्कर लगवाउंगी तुम आराम से जी भर कर अपनी प्यारी बहन की गुदाज जवानी
और मोटी गान्ड का आनंद लो, में मुस्कुराते हुए कहा ठीक है,



तो सोनू ने मेरे गालो को खींचते हुए कहा, में जानती हूँ आज रात को तुम मुझे खूब कस कस कर चोदने वाले हो और मेरी गान्ड और चूत लाल कर दोगे, उसके बाद सोनू फिर से सुधा के साथ घूमने लगी, 

सोनू जानती थी कि में अपनी बहन सुधा के भारी चुतड़ों को जब भी जीभर कर देखता हूँ तो रात को सोनू को चोदते हुए यही सोच 
सोच कर सोनू की गान्ड और चूत मारता हूँ जैसे कि में अपनी जवान रसीली बहन सुधा को चोद रहा हूँ, मैने इधर उधर देखा तो माँ 
थोड़ी दूर किसी आंटी के साथ पार्क में बैठ कर बाते कर रही थी, मैने ऑडियो सुनना शुरू किया, ऑडियो में सोनू कह रही थी .

सोनू : क्यो ननद रानी आज कल रात को देर तक तुम्हारे कमरे की बत्ती जलती रहती है, कही कोई लंडा तो नही फसा लिया जिससे फोन
पर बतियाती रहती हो

सुधा : मुस्कुराते हुए क्या भाभी आप भी ना बस ले देकर एक ही बात पर आडी रहती हो अरे बाबा मेरा किसी लड़के से कोई अफेर नही है

सोनू : अच्छा जी पर तुम्हारी जवानी, ये भारी भारी जांघे चौड़े और उठे हुए चुतड़ों और फिर सुधा के बोबे को मसल्ते हुए, इन मोटे मोटे गुदाज दूध को देख कर तो बच्चो और बुढ्ढो के मन में भी तुंझे नंगी करके देखने और सहलाने का ख्याल आ जाता होगा, फिर जवान लोंडो की तो बात ही अलग है

सुधा : मुस्कुराते हुए, क्यो जवान लोंडो में ऐसा क्या है

सोनू : हे सुधा तुझे क्या पता जवान और मोटा तगड़ा लंड कितना मज़ा देता है

सुधा : चुप करो भाभी कितनी साफ भाषा में बात करती हो कोई सुन लेगा तो

सोनू : अरे नंद रानी तू नही जानती जब मोटा मोटा काला डंडा यहाँ घुसता है तो कितना मज़ा देता है और उपर से तेरे भैया का लंड तो पूरा मूसल है वो जब मुझे नंगी करके चोदते है 

सुधा : हूँ

सोनू : क्या बात है कहाँ खो गई

सुधा : आह भाभी अपनी कोहनी हटाओ ना मेरी जाँघो से

सोनू : अहह हहा ननद रानी ऐसे क्यो सीसीया रही हो कही किसी ने सुन लिया तो सोच में पड़ जाएगा कि ननद भाभी में इतनी सीसीयाहट कैसे आ रही है

सुधा : भाभी आप कभी खुराफाती बातों के अलावा भी कुछ सोचती है,

सोनू : हँसते हुए, में तो जब से जानने समझने लायक हुई हूँ तब से सिवाय चूत लंड के मुझे कोई बात अच्छी ही नही लगती है

सुधा : अच्छा तो जब आपकी शादी नही हुई थी तब यह सब बाते किससे करती थी

सोनू : अपनी सहेली सपना से मेरी सबसे खास दोस्त है वो, तू नही जानती उसने तो शादी के पहले भी कई बार मेरा पानी निकाला है

सुधा : अश्चर्य से देखती हुई, क्या बात कर रही हो भाभी

सोनू : सच्ची, आज भी मिलती है तो, बिना मेरी चूत सहलाए मानती ही नही है

सुधा : में तो समझती थी कि यह सब नेट पर और मूवी पर ही ऐसा होता है पर क्या सचमुच दो औरते भी ऐसा करती है

सोनू : अब ज़्यादा बन मत इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है कि आज छोड़ो तो कल माँ बन जाए, और नखरा देखो कि इन्हे पता नही है कि आजकल
लोग गाय ढोर की भी गान्ड मार लेते है तो फिर क्या लेसबो और क्या होमो

सुधा : भाभी अभी में इतनी बड़ी भी कहाँ हुई हूँ

सोनू : अच्छा जा एक बार अपना मस्त भोसड़ा फैला कर अपने भैया को दिखा दे, अब वह ही तुझे बताएगे कि तू छोटी बच्ची है या माँ बनने लायक है

सुधा : शर्म करो भाभी, भला कोई भाई बहन के बीच ऐसी बात लाता है क्या

सोनू : और अगर में कहूँ कि तेरे भैया को तेरी यह मोटी मस्त गान्ड बहुत पसंद आती है तब

सुधा : गुस्सा होते हुए, भाभी मज़ाक की भी हद होती है,

सोनू : अरे जाती कहाँ है, तेरे और मेरे रिश्ते में मज़ाक की कोई हद नही होती है, तुझे पता है हमारे गाँव में तो नंद भाभी आपस में चुदाई भी
कर लेती है

सुधा : क्या बात कर रही हो भाभी

सोनू : अरे यह तो कुछ भी नही मेरी सहेली सपना के बारे में सुनेगी तो दंग रह जाएगी, पर रहने दे तुझे ऐसे बाते पसंद नही आती है ना

सुधा : सोनू के गाल खिचते हुए, ओ मेरी प्यारी भाभी, तुम्हारी यही कमिनि हरकत तो मुझे बहुत अच्छी लगती है, में जानती हूँ तुम मुझे पूरी बात बताओगी पर नखरा तुमसे बेहतर कोई नही कर सकता मुझे तो समझ में नही आता कि तुम इतनी बड़ी छिनाल टाइप बाते कैसे कर लेती हो

सोनू : मुस्कुराते हुए, अच्छा सच सच बता तुझे मेरी बाते अच्छी लगती है ना

सुधा : मुस्कुराते हुए, हुउऊँ

सोनू :अगर तू इंटरेस्ट ले तो में तो तुझसे ऐसी बाते भी कर सकती हूँ कि तू बैठे बैठे अपनी चूत से पानी छोड़ दे

सुधा : अब रहने दो भाभी इतनी भी मत हाँको

सोनू : अच्छा तू इंटरेस्ट लेगी, तो में बताऊ

सुधा : अच्छा ठीक है बताओ, लेकिन बिना मेरे यहाँ वहाँ हाथ लगाए

सोनू ; अच्छा नही लगाती पर थोड़ा मेरे करीब तो बैठ बस धीरे धीरे तेरे इन कसे हुए उभारों को सहला तो लेने दे
 
सुधा : भाभी प्लीज़ ऐसा मत करो मुझे कुछ होता है

सोनू : मेरी बाते सुन कर या हाथ लगाने पर

सुधा : दोनो से

सोनू : तो तुझे जो होता है वह अच्छा नही लगता क्या

सुधा : अच्छा लगता है पर

सोनू : पर क्या, जब किसी मर्द से इन मोटे मोटे आमों को दबवायेगी और चुस्वाएगी तब देखना कितना मज़ा आएगा तुझे

सुधा : क्यो मर्द के दबाने से ज़्यादा मज़ा आता है क्या

सोनू : क्या तूने सचमुच आज तक किसी से नही दबवाये

सुधा : अब भाभी आप से झूठ बोल कर कहाँ जाउन्गी

सोनू : दबवायेगी

सुधा : चौंकते हुए, किससे

सोनू : पहले तू बता तो, केवल दूध भर दबवाना है या फुल मज़ा लेना है

सुधा : नही भाभी यह सब ग़लत बात है मुझे डर लगता है

सोनू : तुझे अपनी भाभी पर भरोसा नही है, फिर सोनू ने सुधा की फूली हुई चूत को मुट्ठी में भर कर दबोचते हुए कहा
सच कह रही हूँ सुधा एक दम मस्त हो जाएगी, सच बात तो यही है कि अब तुझे किसी अच्छे ख़ासे तगड़े और मोटे लंड की ज़रूरत है
तू हाँ कहे तो में तुझे मस्त लंड दिलवा सकती हूँ,

सुधा : मुस्कुराते हुए, तुम भी ना भाभी, यह सब बाते बंद करो में जा रही हूँ

सोनू : अच्छा एक बार बस बता दे करवाएगी क्या

सुधा : अच्छा बाबा सोच कर बताउन्गी

सोनू : चल ठीक है

सुधा : अब मुझे बताओ आप क्या बता रही थी अपनी सहेली सपना के बारे में

सोनू : अरे तू नही जानती मेरी सहेली सपना खूब मज़े कर रही है वह भी अपने ही घर में, ना किसी का टेन्षन ना कोई और प्राब्लम बस जब 
उसका मन करता है मस्त मोटे लंड से खूब कस कस कर चुदती है

सुधा : पर उसे चोदता कौन है, सुधा भी अब धीरे धीरे चुदाई की बाते करने लगी थी

सोनू : अरे पागल उसका खुद का बड़ा भाई छोड़ता है और कौन

सुधा : क्या बात कर रही हो भाभी

सोनू : सच कह रही हूँ, उसने मुझे खुद बताया है, बोलती है मुझे मेरे भैया का लंड सबसे ज़्यादा मज़ा देता है

सुधा : कैसे चुदवा लेती है ना ये सब अपने भाइयो से

सोनू : उसमे क्या बड़ी बात है, आज कल के भाई भी तो अपनी ही माँ बहनो के बदन को नंगा करके देखने के लिए और कई तो चोदने के लिए मरे जा रहे है

सुधा : यह बात तो आप सही कह रही है भाभी, मैने भी एक दिन अपनी एक सहेली के भाई को देखा था जब वह अपनी बहन को बाइक से ड्रॉप करने आया था
जब उसकी बहन जाने लगी
तब उसने अपनी नज़रे अपनी बहन के चुतड़ों पर टिका दी और बिल्कुल खा जाने वाली नज़रो से अपनी बहन के चुतड़ों को घूर रहा था,

उसके बाद थोड़ी देर तक खामोशी रही शायद मोम आ गई थी फिर ऑडियो ख़त्म हुआ और मेरा लंड झटके पर झटके मार रहा था, में बैठे बैठे लंड को 
सहलाने लगा और जब वह दोनो राउंड मार कर मेरे सामने आती तब में चुपचाप बैठ जाता
करीब 10 मिनिट के बाद सुधा अकेली हो गई और सोनू मेरे पास आकर बैठ गई वह बड़ी बदमाश थी उसने आते ही मेरे लंड को पकड़ कर देखा और मुस्कुराते 
हुए कहने लगी, 

सोनू : आज तो अपनी रंडी बहन के चुतड़ों को अपनी नज़रो से ही ना फाड़ देना कितना बड़ा हो रहा है आपका मूसल, मुझे तो लगता है आपका मन अपनी बहन 
सुधा को खूब हुमच हुमच कर चोदने का हो रहा है, सच सच बताओ चोदोगे सुधा को

रोहित : मुस्कुराते हुए कैसी बात कर रही हो सोनू वह आख़िर मेरी बहन है उसे में कैसे चोद सकता हूँ

सोनू : लेकिन अगर वह तुम्हे चोदने को मिल जाए तो, अभी तुमने उसे पूरी नंगी नही देखा है, तो तुम्हारे लंड के यह हाल है अगर उसे नंगी देख लोगे तो
अपनी बीबी को भी भूल जाओगे, अब चोदना हो तो बोलो नखरे ना दिखाओ

रोहित : अब में तो कुछ नही कर सकता हाँ अगर तुम साथ दो तो में सुधा को ...........

सोनू : लंड दबाते हुए, आगे भी तो बोलो

रोहित : यही कि में सुधा को तभी चोद सकता हू जब तुम मेरा साथ दो

सोनू : तो ठीक है में तुम्हारा साथ देती हूँ अब तुम्हे तुम्हारी बहन की चूत दिलवा कर ही रहूंगी

नीलम-ने रोहित से कहा चल बेटे थोड़ा छत पर टहल लेते है तब तक सोनू तू ज़रा चाइ तो बना ले आज खाने के बाद चाइ पीने का बड़ा मन 
कर रहा है, सोनू ने कहा जी मम्मी अभी बना कर लाती हूँ और वह बाहर चली गई, रोहित झट से खड़ा हो गया और फिर नीलम उसके आगे आगे चलने लगी
और रोहित अपनी मम्मी के पीछे पीछे चलने लगा, रोहित की नज़र जब नीलम के 42 साइज़ के मोटे मोटे चुतड़ों पर पड़ी तो उसका हाथ अपने आप पाजामे में लंड
के उपर चला गया और जब नीलम सीढ़िया चढ़ने लगी तो रोहित बस अपनी मम्मी के मोटे मोटे चौड़े चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ पीछे 
पीछे सीढ़िया चढ़ने लगा लेकिन उसने यह नही देखा कि नीलम ने अपने बेटे को धीरे से पलट कर अपने भारी भरकम चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से 
घूरते हुए देख लिया था, और ना जाने क्यो नीलम के चेहरे पर एक स्माइल आ गई और वह दोनो छत पर पहुच गये थे, 

उधर किचन में सोनू मन ही मन 
बड़बड़ा रही थी अपनी सास के उपर और कह रही थी रंडी को जब देखो चाइ की तलब लगी रहती है इसकी तो मोटी गान्ड में में ऐसा खुन्टा डलवाउंगी कि इसकी
सारी अकड़ ठिकाने आ जाएगी बस मुझे कोई मोका तो हाथ लगे यह सोचती सोचती वह चाइ बना कर उपर लेकर जाती है और नीलम और रोहित को चाइ दे देती
है, तब नीलम कहती है बहू अपने पापा से भी पूछ लेना शायद उनको भी पीना हो और सोनू जी माँ जी कह कर नीचे उतर आती है और फिर चाइ लेकर 
मनोहर के रूम में जाती है, मनोहर के रूम में जाकर वह कहती है पापा चाइ लेंगे, मनोहर कहता है पिला दो बेटी और उसकी बात सुन कर सोनू स्माइल 
करती हुई जैसे ही चाइ टेबल पर रखने के लिए झुकती है उसकी नज़रे पापा जी को देखती है और वही होता है मनोहर सोनू के ब्लाउज से आधे से ज़यादा
बाहर आ रहे पके आमो को खा जाने वाली नज़रो से घूर रहा था, सोनू की नज़र जब मनोहर की लूँगी पर पड़ती है तो उसकी स्माइल गायब हो जाती है क्योकि
लूँगी में मनोहर का लंड उसे खड़ा नज़र आ रहा था, सोनू जब मनोहर के सामने बैठी सुधा को देखती है तो सुधा कॉपी में मेद्स का कोई सवाल हाल करने
में बिज़ी थी और उसने वाइट कलर की टी-शर्ट पहनी हुई थी जिसमे उसके मोटे मोटे बड़े बड़े कसे हुए दूध बहुत कातिलाना दिख रहे थे शायद सुधा ने ब्रा
नही पहनी हुई थी इसलिए उसके दूध और भी मोटे नज़र आ रहे थे, 

सोनू : मुस्कुराते हुए सुधा पहले चाइ पी लो ठंडी हो जाएगी इतना कह कर वह बाहर आ जाती है और फिर किचन में जाकर खुद के लिए चाइ लेकर हाल में
आकर सोचने लगती है पापा का लंड तो बहुत तगड़े तरीके से खड़ा था कहीं सुधा के मोटे मोटे उरोजो को देख कर तो नही तना हुआ था, कुछ तो बात है

पापा तो बड़े रंगीन नज़र आ रहे है, अगर में पापा को फसा लूँ तो मुझे भी एक और लंड से चुदने का आनंद मिलने लगेगा, है यह क्या हो रहा है सोनू 
ने अपनी चूत को सहलाते हुए कहा, पापा की गोद में बैठने का सोचने भर से मेरी रसीली चूत पानी पानी हो गई, कैसे लूँगी में पापा का लंड टॅंट बनाए 
खड़ा था, अब लगता है मुझे पापा को अपनी जवानी का असली जलवा दिखना ही पड़ेगा, पापा को में इतना पागल कर दूँगी कि वह मेरी गान्ड के पीछे पीछे ही 
घूमेंगे,

उधर सुधा मेद्स के सवाल करने में बिज़ी थी और मनोहर अपने खड़े लंड को लूँगी के उपर से सहलाता हुआ कभी सुधा के मोटे मोटे कसे हुए दूध को 
देख रहा था और कभी उसकी लेग्गी में कसी हुई गुदाज मोटी मखमली जाँघो को देख रहा था और सोच रहा था, बहू और सुधा दोनो के दूध कितने मस्त
लगते है कस मुझे इन्हे कस कस कर मसल्ने और पीने का मज़ा मिल पाता तो मज़ा आ जाता, पर समझ नही आता में कैसे इनकी मदहोश कर देने वाली जवानी
को मसलू और इनका रस पी जाउ, नीलम को चोद चोद कर में अब बोर हो गया हूँ अब तू मुझे सोनू या सुधा जैसा कसा हुआ गदराया माल चोदने को मिले तब ही
असली मज़ा आएगा, 

सुधा और सोनू को अपने लंड पर बैठने का सोच कर ही मनोहर का लंड पूरे औकात में आ गया और उसने सुधा की गदराई जाँघो और मोटे मोटे पतली सी 
टीशर्ट में कसे रस से भरे दूधो को देखा और फिर उसने सुधा से कहा बेटा ज़रा सामने की आल्मिरा से मेरी सबसे उपर वाली बुक निकाल कर ले आओ, मनोहर
का मन सुधा की लेग्गी में कसे हुए गुदाज भारी चुतड़ों की मतवाली थिरकन देखने का हो रहा था, उसकी बात सुनते ही सुधा जो बेड पर बैठी थी उठी और 
अपनी भारी 40 की मोटी गान्ड को मटकाते हुए सामने की आल्मिरा की ओर जाने लगती है और मनोहर अपने लंड को मसलता हुआ सुधा के मोटे मोटे चुतड़ों को देखने
लगता है, सुधा की मोटी गान्ड में उसकी लेग्गी फसि हुई थी और उसकी मोटी मतवाली गान्ड खूब कस कर चोदने लायक लग रही थी,

उसने जैसे ही उपर हाथ 
बढ़ा कर अपने पैरो के पंजो पर खड़ी हुई और बुक निकाल कर जैसे ही सीधी हुई उस दरमियाँ सुधा के गदराए चुतड़ों के उतार चढ़ाव को देख कर मनोहर
का लंड झटके देने लगा था, फिर जब सुधा वापस पलट कर आने लगी तो मनोहर ने सुधा की चूत वाले हिस्से को देखा वहाँ लेग्गी के उपर सुधा की चूत
का मस्त फूला हुआ उभार देख कर मनोहर गदगद हो गया और फिर अपनी बेटी की मदमस्त जवानी को उपर से नीचे तक देख कर सुधा के अपने पास आने से पहले
ही मनोहर ने अपना लंड मसलना छोड़ दिया, सुधा ने वह किताब दी और बैठते हुए कहने लगी पापा यह सवाल नही आ रहा है ज़रा देखिए ना, मनोहर ने
सुधा की मोटी जाँघ पर हाथ रखते हुए कहा अरे बेटी फ़ॉर्मूला तो तुमने सही लगाया नही है और यह कहते हुए मनोहर ने सुधा की मोटी जाँघो के गुदाज
माँस को दबा कर देख लिया और उसकी जाँघो को छुने भर से मनोहर को ऐसा लगा उसका लंड फट जाएगा,

मनोहर सोचने लगा सुधा पूरी नंगी क्या कयामत लगती होगी, अगर सुधा को पूरी नंगी करके चोदना है तो मुझे कुछ ना कुछ जुगाड़ करना ही पड़ेगा,

उधर सोनू वापस छत पर चली जाती है और कुछ देर रोहित और नीलम से बाते करती है फिर रोहित कहता है मम्मी मुझे नींद आ रही है में जाता हूँ 

और वह सोनू को स्माइल देकर नीचे आ जाता है, 
नीलम : सोनू से पूछती है अभी सुधा पढ़ रही है
सोनू : हाँ मम्मी में दोनो को चाइ अलग पिला आई हूँ अब तो वह और देर तक पढ़ेगी उसकी नींद मेरी चाइ से उड़ गई होगी, आप कहे तो में सुधा को बुला लूँ 
आपको पापा के पास जाना होगा,

नीलम : मुस्कुरा कर नही रे अब तेरे पापा मेरी और ज़्यादा ध्यान ही कहाँ देते है लगता है में बूढ़ी हो चली हू
सोनू : क्या मम्मी आप भी ना अभी तो असली जवानी आप पर चढ़ि नज़र आती है आपका बदन इतना सुडोल और भरा हुआ है की अच्छे अच्छे आपको देख कर
पागल हो जाए, 

नीलम : अपनी तारीफ सुन कर खुश होती हुई, हाँ रे तू कहती तो सही है पर जब अपना पति ही अपने से बोर हो जाए तो यह भरा बदन भी किस कम का

सोनू : मम्मी एक बात कहूँ आप भी ना पागल है मेरी एक आंटी है वह आपकी उमर की होगी अंकल आंटी पर ज़्यादा ध्यान नही देते थे बस अपने बिज़्नेस में
बिज़ी रहते थे तब आंटी ने अपनी फंतासी को अलग तरह से एंजाय करना शुरू कर दिया था

नीलम |: उत्सुकता से पूछने लगी वह भला कैसे

सोनू : मुस्कुराते हुए, अब मम्मी में आपसे कैसे कहूँ मुझे शरम आती है

नीलम : चल बड़ी आई शरमाने वाली मुझसे क्या शर्मा रही है बहुए तो अपनी सास से अपनी और अपने बेटे की चुदाई की बाते तक कर लेती है और तू शरमा रही
है जैसे कि में तुझे जानती नही, 

सोनू : हँसते हुए मम्मी आप सोचेंगी कि सोनू कैसी बाते कर रही है

नीलम : अब शरमा मत और जल्दी से बता दे क्या करती थी तेरी आंटी

सोनू : अरे मम्मी जब आंटी को मज़ा लेना होता था तब वह कहीं भी मार्केट में निकल जाती थी और बहुत सेक्सी ड्रेस पहन कर लोगो को अपनी जवानी दिखाती थी,
जिससे भीड़ वाले इलाक़े में लोग आंटी के दूध दबाते और कई लोग उनकी मोटी गान्ड को भी अपने हाथो से दबोच लेते थे, कभी कभी आंटी बस में भीड़
में खड़ी होती तब कई लोग उसकी गान्ड के पीछे खड़े हो जाते और अपने खड़े हथियार को आंटी की गान्ड में रगड़ते थे जिससे आंटी की चूत पानी पानी हो 
जाती थी, आंटी इसी तरह से अपनी जवानी का खूब लुफ्त उठाती है और मज़े करती है
 
नीलम : पर मुझे तो इन सब चीज़ो से डर लगता है कहीं किसी जान पहचान वाले ने देख लिया तो

सोनू : अरे नही मम्मी भीड़ भाड़ मैं कोई नही देखता कि औरत की चूत में या गान्ड मे हाथ लग रहे है, एक बार तो वह मुझे भी अपने साथ ले........
.............
नीलम : क्या तुझे भी ले गई थी फिर क्या हुआ

सोनू : मम्मी आंटी की बातों में बड़ी सच्चाई थी वह मुझे जब अपने साथ एक बस मैं ले गई थी तब एक आदमी मेरे चुतड़ों से सट कर खड़ा हो गया था और फिर क्या बताऊ और सोनू हँसने लगी

नीलम : बता ना फिर क्या हुआ

सोनू : हँसते हुए मम्मी मैने लेग्गी पहनी हुई थी और शॉर्ट कमीज़ और उस आदमी ने अपने हाथ से पहले मेरे चुतड़ों को खूब दबाया फिर उसने मेरी लेग्गी की पीछे से सिलाई उधेड़ दी इतफ़ाक़ से मैने पैंटी भी नही पहनी थी और उसने अपनी उंगली मेरी गान्ड में डाल कर सहलाने लगा, मेरी चूत पानी पानी हो गई और फिर उसने अपनी उंगली जब मेरी चूत के छेद में डाली तो उसकी उंगली सट से पानी पानी हुई चूत में अंदर तक उतर गई मेरे तो मज़े के मारे हाथ पाँव काँपने लगे, करीब 10 मिनिट तक मैं उस बस मे खड़ी रही और उसने मेरी चूत में उंगली पेल पेल कर पानी निकाल दिया था

नीलम : गहरी साँसे लेती हुई, तुझे तो बहुत मज़ा आया होगा, 

सोनू : हाँ मम्मी मई तो मस्त हो गई थी यह शादी के पहले की बात थी उसके बाद तो मुझे बिना मूठ मारे रहा नही गया जब मैने आंटी से कहा कि मुझे चुदवाने का बहुत मान कर रहा है तब आंटी ने मुझे अपनी उंगली से मूठ मारना सिखाया और इस तरह आंटी हमेशा ही मज़े करती है

नीलम : पर बहू ऐसी भीड़ भाड़ मे ज़रूरी तो नही कि हर कोई अपने बदन को छुने की कोशिश करेगा

सोनू : अरे मम्मी उसके लिए आपको आंटी जैसे तैयार होकर जाना होगा तभी लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे फिर देखिए जब आपका मन करेगा तब आपको मज़ा मिलेगा, आप चाहो तो कल ही सब्जी मंडी की भीड़ मे मेकप करके जाना फिर देखना आपके चुतड़ों पर कितने हाथ पड़ते है वैसे भी आपके बड़े बड़े दूध मोटी कसी हुई जांघे और इन भारी चुतड़ों को देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, सोनू ने अपनी सास के चुतड़ों को दबाते हुए कहा, 

नीलम : अपने चुतड़ों को दबाए जाने से खड़ी खड़ी ही एक सिसकारी लेते हुए कहने लगी बहू तूने मेरी सोई हुई भावनाओ को जगा दिया है

सोनू : मम्मी जी आपके चूतड़ वाकई बहुत बड़े बड़े है कितना साइज़ है इनका

नीलम: 42 तो होंगे ही

सोनू; तो फिर आप कल सब्जी मंडी ज़रूर चली जाओ सच कह रही हूँ मम्मी आपके इन 42 के मोटे मोटे चुतड़ों को देख देख कर देखना कितने मर्द आपके चुतड़ों को दबोचेंगे आपकी चूत से पानी ना आ जाए तो कहना यह बात सोनू ने मम्मी जी की मोटी गान्ड को तबीयत से सहलाते हुए कहा,

नीलम : तू चलेगी मेरे साथ

सोनू : आश्चर्य से नीलम को देखती हुई कहने लगी मैं क्या करूँगी

नीलम : तू भी तो रोज रोज रोहित से चुद चुद कर बोर हो गई होगी और फिर मुझे बेटा अकेले जाने मे डर भी लग रहा है,

सोनू : कुछ सोच कर अच्छा आप कहती है तो चले चलूंगी

नीलम : खुस होते हुए कहने लगी तुझे कितना ख्याल रहता है मेरा इसीलिए तो मैं तुझे सुधा से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ और नीलम ने सोनू के गालो को चूम लिया और कहने लगी चल अब बहुत देर हो गई है रोहित तेरा वेट कर रहा होगा

उधर रोहित अपने कमरे मे अपने लंड को सहलाते हुए सोच रहा था कि आज उसने जब से सीढ़िया चढ़ते हुए अपनी मम्मी के मोटे मोटे भरे हुए चुतड़ों के उतार चढ़ाव देखे है तब से उसका मन अपनी मम्मी की मोटी गान्ड मे मूह डाल कर चाटने का कर रहा है, उसकी मम्मी की गान्ड पूरी नंगी कितनी मालदार लगती होगी एक बार उसकी मम्मी पूरी नंगी होकर अपनी मोटी गान्ड उसके मूह मे रख कर बैठ जाए तो उसका तो बिना चोदे ही पानी छूट जाएगा

रात को मनोहर यह सोच सोच कर नीलम की मोटी मोटी गान्ड सहला रहा था कि सुधा की गान्ड भी नीलम से कम नही है ऐसी मोटी गान्ड को दबोचने मे और ठोकने में कितना मज़ा आएगा,

उधर नीलम यह सोच सोच कर पानी पानी हो रही थी कि सोनू ने सच ही कहा है जब भीड़ में लोग मेरी गान्ड को इसी तरह दबोचेंगे तो कितना मज़ा आएगा मेरी चूत तो यह सोच सोच कर ही पागल हुई जा रही है कि अंजान लोग कैसे मेरी गान्ड दबोचेंगे और कैसे अपने कड़क लंड को मेरी गान्ड मे दबा दबा कर रगडेँगे, तभी मनोहर ने नीलम की चूत मे हाथ लगाया और वह पानी पानी नज़र आई और मनोहर ने कहा क्या बात है रानी आज तो बहुत पानी छोड़ रही हो, मनोहर की बात सुन कर नीलम ने मनोहर के कड़क लंड को थाम लिया जो बड़ी देर से उसकी मोटी गान्ड में चुभ रहा था और कहने लगी आज तो आपका भी मूसल खूब सर उठा रहा है क्या बात है, मुझे देख कर तो इतना डंडे जैसा कड़क नही होता है, 

मनोहर : सच कह रही हो नीलम अब तो मन करता है कि कोई जवान लोंड़िया चोदने को मिल जाए तो अपनी जवानी के दिन याद आ जाएगे, और मनोहर नीलम की चूत में उंगली दे देता है और नीलम सीसीया जाती है,

मनोहर : सच सच बताओ नीलम क्या तुम्हारी ऐसी कोई इच्छा नही होती है कि कोई जवान लौन्डा तुम्हे नंगी करके खूब कस कस कर चोदे,
 
नीलम ने यह बात सुनते ही मनोहर के लंड को कस कर दबोच लिया और कहने लगी अरे मेरी किसी जवान लंड से चुदने की इच्छा होगी भी तो मैं कहाँ से ऐसा जवान लंड ढूंढू, तुम अगर कुछ मदद कर सको तो बताओ, 

मनोहर मन में सोचता है कि अगर नीलम को पटा लिया जाए तो शायद सुधा को फसा कर चोदने में कुछ मदद हो 
जाए या कहे तो नीलम सुधा को मुझसे चुदवाने मे मदद कर सकती है और यही सोच कर मनोहर सोचता है कि यह तभी हो सकता है जब मे नीलम को भी किसी जवान लंड से चुदने का लालच दूं तब तो वह ज़रूर अपनी चूत किसी जवान लोंडे से चुदवाने के चक्कर में सुधा को फसाने का कोई आइडिया दे सकती है,

मनोहर : सच नीलम मेरा तो मन करता है कि कोई 20-25 साल की लोंड़िया मुझे चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए, 


नीलम : अच्छा जी खुद जवान लड़कियों को चोदने का ख्वाब देख रहे हो फिर मेरा क्या होगा मुझे कौन चोदेगा

मनोहर : मुझे किसी जवान लोंड़िया की जवानी चखा दे मैं भी तेरे लिए कोई तगड़ा जवान लंड का बंदोबस्त कर देता हूँ,

नीलम : शरम करो बच्चे बड़े हो गये है और तुम्हे बुढ़ापे में जवान लोंड़िया चोदने को चाहिए, अब तो बेटी की शादी की फिकर करो

मनोहर : हाँ नीलम तुम सही कह रही हो सुधा भी अब पूरी जवान हो गई है, उसका जिस्म पूरा भर चुका है पूरी तुम पर गई है, नीलम ने मनोहर का लंड सहलाते हुए महसूस किया कि मनोहर का लंड सुधा की बात करते हुए बहुत कड़ा हो गया है, नीलम को अचानक यह सोच कर झटका लगा कि कहीं मनोहर का लंड सुधा की जवानी देख कर तो नही खड़ा हुआ है और उसने बड़े तरीके से मनोहर का लंड सहलाते हुए कहा यह बात तो तुम सही कह रहे हो मनोहर सुधा पूरी तरह जवान दिखाने लगी है ना उसका जिस्म अब पूरी तरह भर गया है, मनोहर का लंड सुधा की बात सुन कर और भी कड़क हो रहा था, 

मनोहर : हाँ और उसके दूध और चुतड़ों का साइज़ भी बिल्कुल तुम्हारे जैसा हो गया है आज जब वह लेगी पहन कर दूसरी तरफ मूह करके खड़ी थी और मेरी नज़र जब सुधा के भरे हुए चुतड़ों पर गई तो एक पल के लिए तो ऐसा लगा जैसे तुम हो, 

नीलम : मनोहर का लंड सहलाते हुए, कहने लगी क्या सचमुच सुधा के चूतड़ मेरे चुतड़ों के बराबर नज़र आने लगे है,

नीलम की बात सुन कर मनोहर का लंड लग रहा था कि फट जाएगा और वह नीलम की मोटी गान्ड को कस कर दबोचते हुए कहने लगा हाँ नीलम बहुत ही मोटी गान्ड है सुधा की, 

नीलम को पक्का यकीन हो चला कि मनोहर के मन मे सुधा को पूरी नंगी करके चोदने का विचार आ चुका है, लेकिन फिर भी वह पूरी तसल्ली कर लेना चाहती थी और उसने बात को पलटते हुए कहा मनोहर यह बात तो तुम सही कह रहे हो सुधा के चुतड़ों ने तो बिना चुदे ही सोनू के चुतड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है या यह कह लें कि सुधा के चूतड़ तो बिना चुदे ही सोनू के मोटे मोटे चुतड़ों के बराबर नज़र आने लगे है

नीलम की बात सुन कर मनोहर का लंड एक बार फिर झटके देने लगा, तभी नीलम ने एक हाथ से मनोहर के आंडो को सहलाते हुए उसके लंड के टोपे को चाटते हुए कहा अच्छा मनोहर सुधा और सोनू मे ज़्यादा चोदने लायक चूतड़ किसके लगते है

मनोहर : सुधा की चूत मे दो उंगलियो को पेलता हुआ कहता है मुझे तो दोनो के चूतड़ एक से बढ़ कर एक लगते है बस यह है कि सुधा की चूत फाड़ने में थोड़ी मेहनत लगेगी और सोनू की चूत में लंड बिना मेहनत के साथ से अंदर चला जाएगा

नीलम : टट्टो को दबोचते हुए कहती है लेकिन दोनो की कोरी गान्ड को फाड़ने के लिए तो बराबर मेहनत लगेगी ना

मनोहर : हाँ यह तुम ठीक कह रही हो गान्ड तो दोनो की जबरदस्त है फाड़ने में मज़ा आ जाएगा

नीलम ने यही मोका सही समझा और तपाक से पूछ लिया पहले तुम किसकी गान्ड फाड़ना चाहते हो और मनोहर के मूह से निकल गया सोनू की,

नीलम: और उसके बाद

मनोहर : सुधा की 

नीलम : मुस्कुराते हुए, अच्छा तो तुम अपनी बेटी और बहू दोनो को चोदने का सपना मन मे सजाए हो तभी आज तुम्हारा यह लंड बिल्कुल मूसल बना हुआ है

मनोहर : सच नीलम एक बार अगर सोनू और सुधा की गान्ड मारने को मिल जाए तो तू जो कहेगी मैं वह करने को तैयार हूँ

नीलम : मुस्कुराते हुए, सोच लो बाद मे पलटने नही दूँगी

मनोहर : तेरी कसम रानी कभी अपनी बात से नही फिरँगा जो तू कहेगी वह करूँगा

नीलम : कुछ सोच कर सुधा का तो मैं अभी नही कह सकती पर हाँ सोनू की गान्ड ज़रूर दिला सकती हूँ क्योकि वह मुझसे काफ़ी खुल कर बाते करती है, इसलिए उसे मैं पटा सकती हूँ, 

मनोहर कहने लगा प्लीज़ नीलम तुम अगर साथ दो तो सब हो जाएगा, तुम सोनू की ही दिलवा दो मैं तो तेरा गुलाम हो जाउन्गा

नीलम : ठीक है मैं कल से ही तुम्हारे लिए जुगाड़ करती हूँ लेकिन अब बहुत हुआ चलो आज मुझे कस कर चोद लो बड़ा पानी छोड़ रही है मेरी चूत, उसका इतना कहना था कि मनोहर ने सुधा और सोनू की मोटी मोटी गदराई गान्ड को याद करते हुए सटक से नीलम की चूत में लंड पेल कर तबाद तोड़ धक्के मारना शुरू कर दिया और नीलम को खूब कस कस कर ठोकते हुए ओह सुधा ओह सोनू जैसे शब्द निकलने लगा और फिर एक घमासान ठुकाई के बाद दोनो पास्ट होकर सो गये.

उधर सुधा अपने बेड पर पहले तो अपनी भाभी के किए हुए मज़ाक को सोच रही थी कि भाभी कितनी गंदी मज़ाक कर लेती है, और बार बार सिर्फ़ चूत और लंड की ही बाते करती है, और उन्हे यह कहते हुए भी शरम नही आती कि तेरे भैया मुझे खूब कस कस कर नंगी करके चोदते है उनका लंड बड़ा मस्त है,

यह सोच कर सुधा को एक दम शर्म के साथ हँसी भी आ जाती है, फिर वह सोचती है कि भाभी कह रही थी कि रोहित भैया मेरे चुतड़ों को देखते है क्या भाभी सच कह रही थी या वह मज़ाक था पता नही लेकिन यह तो मुझे पक्का यकीन हो गया था कि पापा आज जब मैं किताब लेने गई थी तब मेरे चुतड़ों को देख रहे थे, क्योकि जैसे ही मैं पलटने लगी तब पापा अपने लंड को लूँगी के उपर से मसल रहे थे और जैसे ही मैं पलटी उन्होने जल्दी से हाथ तो हटा लिया लेकिन उनकी नज़रे फिर से मेरी फूली हुई चूत और इन मोटे मोटे दूध पर आ टिकी थी, पर यह भी तो हो सकता है कि यह मेरा भरम मात्र हो नही नही पापा ऐसा तो नही कर सकते आख़िर मैं उनकी बेटी जो हूँ, पर मुझे यह सोच कर अच्छा क्यो लग रहा है कि पापा अपने लंड को मसल्ते हुए मेरे चुतड़ों और दूध को घूर रहे थे, आह मेरी चूत से तो पानी जैसा निकल रहा है, सुधा ने अपनी लेग्गी नीचे सर्काई और अपनी चूत को फैला कर देखा और मन ही मन बड़बड़ाने लगी हे रब्बा कितनी फूली हुई है और कितना पानी बह रहा है, सच भाभी ने मुझे बिगाड़ दिया है अब रोज मुझे चूत और लंड की बाते सुनने या सोचने का मन होने लगा है, और मे हूँ कि भाभी को बेकार मे यह सब बाते करने से रोकती हूँ जबकि अच्छा तो मुझे भी बहुत लगता है,


कल से मैं भाभी को नही रोकूंगी चाहे वह मुझे कितनी ही गंदी बाते कहे और चाहे मेरे कितने ही दूध दबाए, वैसे भाभी जब मेरे दूध को दबाती है तो अच्छा कितना लगता है, हाय चूत से फिर पानी आने लगा मैं यह सब क्या सोच रही हूँ, अब मुझे सो जाना चाहिए नही तो रात भर चूत पानी छोड़ती रहेगी. सुधा नींद की आगोश में चली जाती है लेकिन ...............
 
दूसरी तरफ रोहित और सोनू के रूम में कुछ और ही चल रहा था, सोनू और रोहित पूरे नंगे थे


रोहित पलंग पर लेटा हुआ था और सोनू को कह रहा था कि वह अपनी गान्ड मटका मटका कर उसे चल कर दिखाए और चलते हुए अपने दोनो हाथो से अपने चुतड़ों को फैला कर दिखाए और सोनू उसके कहे अनुसार केट्वॅक कर रही थी, जब रोहित कहता तब सोनू थोड़ा झुक कर अपनी गान्ड को फैला कर दिखाती और रोहित को उसकी गान्ड का छेद और उसकी चूत की मस्त फूली फांके साफ नज़र आने लगती थी, अब रोहित ने सोनू से कहा ऐसे ही गान्ड फैलाए झुके झुके रिवर्स उसके मूह की तरफ आओ और सोनू रिवर्स होती हुई रोहित के मूह के पास आती है और रोहित सोनू के चुतड़ों को थामते हुए मसल्ते हुए उसकी गान्ड के छेद से अपना मूह लगा देता है, और सोनू की चूत और गान्ड के छेद को पीछे से फैला फैला कर चाटने और चूसने लगता है

सोनू : आह उन्न्नह क्या बात है रोहित आज तो बहुत जोश में मेरी गान्ड और चूत चूस रहे हो

रोहित : अरे रानी जब मैं मोटी मोटी गान्ड और चूत की कल्पना करता हूँ तब ऐसे ही मेरी इच्छा बहुत ज़्यादा गान्ड चाटने की होने लगती है

सोनू : अब समझी तुम अपनी बहन सुधा की मोटी गान्ड सोच सोच कर मेरी गान्ड के पीछे पड़े हो

रोहित : तू सच कहती है सोनू सुधा की गान्ड वाकई बहुत मोटी और गद्देदार हो गई है

सोनू : तो फिर बताओ मारोगे सुधा की गान्ड 

रोहित : क्यो सपने दिखाती है सोनू वह मेरी बहन है वह भला मुझसे अपनी गान्ड क्यो मरवाएगी

सोनू : तुम अपनी बीबी को जानते नही हो मैं चाहूं तो तुम्हे मम्मी जी की गदराई और मोटी गान्ड भी दिलवा सकती हूँ

रोहित : सोनू की चूत में जीभ अंदर तक पेलने लगता है और 

सोनू सीसीया जाती है आह आह सीईइ सीईइ कितना बढ़िया चाट रहे हो जी यह मम्मी जी की गान्ड नही है ज़रा आराम से चाटो, 

रोहित ने फिर बेड से नीचे उतर के सोनू को कुतिया बना दिया और उसकी चूत में लंड पेल कर सटा सट धक्के मारने
लगा और सोनू उहह उहह अया स सीयी जैसी आवाज़े निकालने लगी, एक मस्त चुदाई के बाद दोनो नींद की गहराई में पहुच गये

सुबह के 6 बज रहे थे और सुधा की नींद किसी मीठे सपने की वजह से जल्दी खुल गई और उसने देखा उसकी पैंटी पूरी गीली हो रही थी जब उसने अपनी चूत को सहलाया तो उसको एक असीम आनंद की अनुभूति हुई और वह पड़े पड़े अपनी चूत सहलाने लगी, यह पहली दफ़ा था जब उसने अपनी कुँवारी चूत को इतने प्यार से कुरेदा था, उसे बार बार अपनी भाभी की रंगीन बाते याद आ रही थी, ना जाने क्यो उसे भाभी की बाते मन में सोचने पर बहुत मज़ा दे रही थी
वह कुछ देर तक ऐसे ही लेटी रही फिर सीधे फ्रेश होकर किचन की ओर बढ़ गई वह जानती थी कि भाभी किचन में काम में लगी होगी

सुधा : गुड मॉर्निंग भाभी

सोनू : मुस्कुरा कर अरे ननद रानी आज तो बहुत जल्दी उठ गई क्या बात है रात को नींद नही आई क्या, सोनू ने बर्तन धोते हुए कहा वह गॅस स्टॅंड के पास के नल में बर्तन धो रही थी और गॅस पर चाइ बन रही थी

सुधा : मुस्कुरा कर नही भाभी ऐसी कोई बात नही है मुझे तो बड़ी अच्छी नींद आई थी, सुधा ने नाइट गाउन उतार कर आदत के अनुसार जीन्स और टीशर्ट पहन लिया था, और सोनू के सामने उसकी टीशर्ट के अंदर बिना ब्रा के दूध किसी बड़े से पपीते के समान दिखाई दे रहे थे,

कुछ देर सुधा खड़ी रही और सोनू बर्तन धोती रही, सुधा की बैचैनि बढ़ रही थी और उसने कहा और भाभी कुछ सुनाए चुप क्यो है सुधा के चेहरे पर हल्की स्माइल थी

सोनू : मुस्कुरकर सुधा को देखती हुई कहने लगी क्या सुनना चाहती हो सुबह सुबह

सुधा : कुछ बताइए आपको तो रात को अच्छी नींद आई होगी

सोनू : बिल्कुल जिसकी रात को तबीयत से ठुकाई होगी उसे नींद तो अच्छी ही आएगी ना

सुधा : हँसते हुए क्या भाभी अब से कहने की देर रहती है और आप शुरू हो जाती है

सोनू : अरे रानी ऐसी ठुकाई तेरी होती तो तू अभी तक बिस्तर से उठ भी नही पाती पर तेरे नसीब में ऐसा मज़ा कहाँ तुझे तो मज़ा लेना भी नही आता मैं तो जब कुँवारी थी तब मेरा तो अपने पपितो को मसलवाने का बड़ा मन करता था और एक तू है जो इतने बड़े बड़े कसे हुए आम लटकाए फिरती है पर किस काम के

सुधा : हँसते हुए तो क्या करूँ भाभी किससे दबवाऊ

सोनू : मुस्कुराते हुए अच्छा जी मतलब अब आपका भी मन दबबाने का होने लगा है

सुधा : आपकी बाते सुन कर तो किसी का भी मन होने लगेगा

सोनू : सुधा को गौर से देखती हुई कहने लगी, सच सच बता क्या सचमुच तेरा मन दबबाने का होता है

सुधा : शरमाते हुए थोड़ा थोड़ा

सोनू : खुस होकर शाबाश अब धीरे धीरे तू लाइन पर आराही है, मेरे साथ रहेगी तो पूरी मस्ती में आ जाएगी और खूब मज़ा करेगी

सुधा : लेकिन भाभी मुझे इन सब कामो से बड़ा डर लगता है

सोनू : पगली इसमे डरना कैसा अगर तू सचमुच मज़ा लेना चाहती है तो जैसा मैं कहूँ वैसा करना होगा

सुधा : मूह उठा कर सोनू को देखती हुई क्या करना होगा भाभी

सोनू : पहले तो तू अंदर पैंटी पहनना बंद कर दे और ब्रा तो तू वैसे भी नही पहनती है सोनू ने सुधा के मोटे दूध को दबोचते हुए कहा और सुधा की कराह निकल गई

सुधा : हँसते हुए कहने लगी भाभी बिना छुए बताओ ना

सोनू : क्यो अभी मैने छुआ तो अच्छा नही लगा क्या

सुधा ; अच्छा लगा लेकिन

सोनू : लेकिन क्या बस ऐसे ही तो मज़ा आता है और जीन्स की बजाय चुस्त लेग्गी और शॉर्ट स्कर्ट पहनना शुरू कर दे फिर देखना तेरी कसी हुई मोटी जांघे जब लेग्गी मे से नज़र आएगी तो पापा जी का भी लंड खड़ा हो जाएगा

सुधा : आप भी ना भाभी पापा जी को तो कम से कम छोड़ दो

सोनू : क्यो पापा जी का खड़ा नही होता है क्या, आज कल तो बुढ्ढो को तेरे जैसी जवान लोंड़िया ही ज़्यादा पागल करती है

सुधा : अचानक कुछ सोचते हुए, अरे भाभी अच्छा याद दिलाया मुझे पापा जी से कुछ सवाल पूछने है फिर वह दुकान पर चले जाएगे मैं एक घंटा उनसे पढ़ लेती हूँ

सोनू : मुस्कुराते हुए ठीक है जा मैं तेरी चाइ वही लेकर आती हूँ
 
सुधा अपने रूम में जाती है और जाते ही सबसे पहले अपनी जीन्स उतार देती है और अपनी फूली चूत को खूब अच्छे से सहलाती है वह तो पहले ही मूड में थी और सोनू ने उसकी चूत को और भी पानी पानी कर दिया था, तभी उसके मन में आया कि वह लेग्गी पहन कर पढ़ने जाएगी और वह लेग्गी पहन कर पापा के पास पहुच जाती है

मनोहर एक चादर ओढ़े बेड पर तकिया लगा कर लेटा था और नीलम बाहर जा चुकी थी,

सुधा : गुड मॉर्निंग डॅड, सुधा ने अपने डॅड के अग्लो को चूमते हुए कहा, 

सुधा के गदराए बदन की मादक महक जैसे ही मनोहर के नथुनो मे भरी उसका लंड अंगड़ाई लेने लगा मनोहर की नज़र सुधा के मोटे मोटे रसीले दूध पर गई जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आने जैसे लग रहे थे उसके बाद मनोहर की नज़रे लेग्गी के उपर से फूली हुई चूत के उभार पर गई तो उसने चादर के अंदर ही अंदर अपने लंड की खाल को नीचे करते हुए अपने टोपे को बाहर की तरफ निकाल लिया और सुधा की मस्त मोटी मोटी जाँघो का साइज़ देख कर मनोहर का लंड विदिन आ सेकेंड फनफना गया

सुधा अपनी मोटी गान्ड को बेड पर रखती हुई मनोहर की कमर के पास बैठ गई और मनोहर ने उसकी मोटी गान्ड का साइज़ देखते हुए अपने लंड को मुट्ठी में दबोच लिया

सुधा : डॅड यह सवाल कल अधूरा रह गया था बता दीजिए ना, 

उसका इतना कहना था कि इतने में सोनू अंदर आ गई और चाइ रखते हुए कहने लगी गुडमॉर्निंग पापा और जानबूझ कर सोनू ने साड़ी का पल्लू पापा जी के सामने गिरा दिया और उसके ब्लाउज मे कसे हुए गोरे गोरे दूध मनोहर की आँखो के सामने आ गये 

उसका ब्लाउज वैसे भे डीप था और उस पर सोनू के ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे मनोहर का लंड अपनी बहू के मोटे मोटे रसीले दूध को देख कर झटके खाने लगा,

मनोहर : गुडमॉर्निंग बेटा

सोनू : पापा सुधा को आप बस पढ़ाते ही है या ग़लत सवाल करने पर पिटाई भी करते है, मेरे पापा जब पढ़ाते थे तो मुझे बहुत पीटते थे

सुधा : सोनू को घूर कर देखते हुए, भाभी मुझसे तो सब आता है फिर पापा मुझे क्यो मारेंगे

सोनू : पापा पिटाई लगाने पर बच्चो को जल्दी याद हो जाता है यह कहते हुए सोनू हँसने लगी

मनोहर : वैसे सोनू ठीक कह रही है, थोड़ी बहुत पिटाई मुझे भी सुधा की करनी ही पड़ेगी और मनोहर ने सुधा की पीठ पर हल्के से हाथ मार दिया और सोनू और सुधा मुस्कुराने लगी और मनोहर भी हँसने लगा, जब सोनू अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए जाने लगी तो मनोहर उसकी मस्त मादक मस्तानी गान्ड के उपर नीचे होते चुतड़ों को देखने लगा और सुधा ने अपने पापा की नज़रो को देख लिया और उसकी धड़कने इस नज़ारे को देख कर बढ़ सी गई थी, अभी मनोहर की नज़रे सोनू की गान्ड पर ही थी कि सोनू ने दरवाजे तक पहुचते हुए पलट कर देखा और मनोहर को अपनी गान्ड को घूरते हुए पकड़ लिया लेकिन मनोहर भी बड़ा कमीना था उसने ज़रा भी नज़रे नही हटाई और सोनू एक कातिल मुस्कान देते हुए बाहर चली गई, 

उसकी मुस्कान देख कर मनोहर बहुत खुश हो गया और बैठते हुए सुधा की लेग्गी के उपर से उसकी मखमली मोटी जाँघो को दबाते हुए कहने लगा हाँ बेटा अब बताओ कौन सा सवाल नही आ रहा है तुम्हे, मनोहर की नीयत को समझते हुए सुधा को बड़ा अजीब फील हो रहा था लेकिन ना जाने क्यो उसे मज़ा भी आ रहा था और उसकी चूत फूलने लगी थी, वह पैंटी पहले ही उतार कर आई थी इसलिए उसे और भी मज़ा आ रहा था, मनोहर का हाथ उसकी जाँघो पर रखा हुआ था और उसका चेहरा लाल हो रहा था, मनोहर उसकी बुक में देखते हुए उसे समझने लगा लेकिन सुधा का मन नही लग रहा था,

मनोहर ने पूछा आया समझ मे तब सुधा ने कहा हाँ पापा, तब मनोहर ने टेस्ट लेते हुए पूछा अच्छा तो बताओ यह संख्या कैसे आई, सुधा एक दम से चुप रह गई

मनोहर : सुधा की कमर में हाथ से हल्के से मारते हुए कहने लगा सोनू ठीक कह रही थी लगता है सच मुच तुम्हारी पिटाई करनी पड़ेगी इतना अच्छे से बताने पर भी तुम्हे समझ नही आया

सुधा : हँसते हुए पापा आपकी चाइ ठंडी हो रही है

मनोहर : हँसते हुए एक चुस्की लेता है और कहता है अभी तो काफ़ी गरम है और उसकी नज़र सुधा के मोटे मोटे दूध को देखने लगती है सुधा का मूह बुक की ओर था लेकिन उसे अपने पापा की नज़रे अपने मोटे मोटे दूध पर चुभती हुई साफ महसूस हो रही थी, कुछ देर बाद सुधा सवाल समझ कर बाहर चली जाती है और सामने उसे किचन में सोनू दिखाई देती है और वह सीधे मुस्कुराती हुई सोनू के पास पहुच जाती है, 

सुधा: हँसते हुए, भाभी आप बड़ी खराब है पापा से मेरी पिटाई करवाना चाहती है

सोनू : हँसते हुए, अरे मैं तेरी पिटाई नही मैं तो तेरी ठुकाई करवाना चाहती हूँ, और मैं क्या चाहूँगी, मुझे तो लगता है पापा खुद तेरी ठुकाई करना चाहते है, 

सुधा : धीमी आवाज़ में चुप करो भाभी कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा

सोनू : क्यो तुझे नही लगता कि पापा तुझे ठोकना चाहते है, इस बार सोनू ने दबी आवाज़ मे कहा

सुधा : मुस्कराते हुए, रहने दो भाभी मुझे तो लगता है पापा आपको ठोकना चाहते है तभी तो..........सुधा यह कहते कहते रुक गई

सोनू : बोल बोल आगे बोल तभी तो क्या

सुधा : तभी तो पापा आपके पीछे देख रहे थे,

सोनू : साफ साफ बोल आगे पीछे क्या लगा रखा है, साफ क्यो नही कहती कि पापा मेरी तंदुरुस्त मटकती गान्ड को घूर रहे थे

सुधा : हाँ वही 

सोनू : अच्छा भली तो इतनी बनती है जैसे पापा तेरी गान्ड को ना देखते हो

सुधा : मूह बनाते हुए मेरी क्यो देखेंगे 

सोनू : क्यो तेरी गान्ड मोटी नही है क्या, मेरी तो मरा मरा कर मोटी हो गई है पर तेरी तो बिना मराए ही इतनी मोटी हो रही है जब तेरी इस गान्ड की तबीयत से ठुकाई होगी तब ना जाने यह कितनी मोटी हो जाएगी, सोनू ने सुधा के मोटे चुतड़ों को दबोचते हुए कहा,

सुधा : आह भाभी क्या कर रही हो

सोनू : अपनी ननद के चुतड़ों का साइज़ देख रही हूँ और क्या

सुधा : भाभी एक बात कहूँ

सोनू : क्या 

भाभी मैं नही जानती थी कि पापा की इतनी गंदी नज़रे है

सोनू : अरे मैने तो तुझे पहले ही कहा था कि बुढ्ढो को जवान लोंड़िया ही चोदने को चाहिए होती है इसी लिए तो तेरी और मेरी गान्ड के पीछे पड़े है, देखा नही तूने कैसे मेरी गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे, 

सुधा : हाँ भाभी और मेरे भी ..................

सोनू : क्या तेरे भी..

सुधा : कुछ नही हँसते हुए

सोनू : अरे बता ना ऐसी बातों मे ही तो मज़ा मिलता है मुझसे क्या शरमाती है हम दोनो तो बहन जैसी है मैं जब तुझसे सब बाते बता देती हूँ तो फिर तू मुझसे परदा ना किया कर
 
सुधा : भाभी पापा कुछ दिनो से मेरे दूध को बहुत देखते है

सोनू : मैं जानती हूँ उनका मन तेरे मोटे मोटे दूध दबाने का बहुत करता होगा, तू नही जानती जब वह तेरे दूध को देखते होंगे तब लूँगी के अंदर उनका लंड ज़रूर खड़ा रहता होगा

सुधा : हँसते हुए मुझे क्या पता

सोनू : तू देखने की कोशिश किया कर अगर तूने लूँगी में उनका खड़ा लंड देख लिया तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा

सुधा : नही भाभी मैं भला कैसे देख सकती हूँ वह मेरे पापा है

सोनू : अरे पगली देखने में क्या जाता है आज कल तो सब एक दूसरे के अंगो को देख देख कर मज़ा लेते है तूने देखा ना पापा कैसे मेरी गान्ड और तेरे मोटे दूध को देख कर कैसे मज़ा लेते है, तू मोका देगी तो तेरे दूध दबा भी देंगे

सुधा : हँसते हुए तुम भी ना भाभी बड़ी चालू हो

सोनू : तेरे पापा से तो कम ही चालू हूँ, तभी वहाँ नीलम आ जाती है जिसके हाथ मे छत मे सुखाए हुए कपड़े थे और वह सोनू से कहती है आज तो हमे मार्केट चलना था ना तब सोनू कहती है जी मम्मी मैं तैयार हो जाती हूँ आप भी हो जाओ,

नीलम मुस्कुराते हुए कपड़े लेकर अपने रूम की ओर जाने लगती है तब सुधा और सोनू दोनो नीलम की जीन्स में उठी हुई मोटी गुदाज गान्ड की ओर देखने लगती है और सोनू कहती है देख सुधा तेरे पापा ने मम्मी जी की गान्ड मार मार कर कितनी चौड़ी कर दी है मम्मी जी की गान्ड देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पापा जी का लंड कितना मोटा और बड़ा होगा, 

सुधा : हँसते हुए चुप करो भाभी

सोनू : मुस्कुराते हुए, सच सुधा जब तू गान्ड मरवा लेगी ना तो तेरे भी चूतड़ मम्मी जी की ही तरह मोटे मोटे हो जाएगे, 

दोनो की बाते जारी रहती है और उधर नीलम धुले हुए कपड़े लेकर अपने रूम मे जाकर उन्हे घड़ी कर कर के आल्मिरा मे रखने लगती है, तभी मनोहर नीलम के पीछे जाकर अपने खड़े लंड को नीलम की मोटी गान्ड से घिसने लगता है और हाथ आगे लेजा कर नीलम के मोटे मोटे दूध को दबोचने लगता है

नीलम : क्या बात है जी सुबह से ही मस्ती चढ़ि हुई है

मनोहर : क्या करूँ रानी मोटी मोटी गान्ड और बड़े बड़े दूध मेरी कमज़ोरी है इन्हे देखते ही मेरा लंड अपनी औकात मे आ जाता है, तभी मनोहर की नज़र एक गुलाभी कलर की छीनी सी पैंटी पर पड़ती है जिसमे सिर्फ़ चूत की जगह पर कपड़ा होता है बाकी सभी जगह लेस लगी होती है, फिर नीलम एक वाइट कलर की पैंटी रखने लगती है वह भी लेस वाली झीनी सी पैंटी होती है, 

मनोहर : अरे वाह नीलम यह लेस वाली सेक्सी सी पैंटी किसकी है

नीलम : मुस्कुराते हुए कहती है यह पिंक वाली सुधा की है और यह वाइट वाली बहू की

यह सुनते ही मनोहर का लंड और भी हार्ड हो जाता है और वह पूछता है कि सुधा और बहू इतनी सेक्सी और लेस वाली पैंटी पहनती है

नीलम : तो क्या मैं अपनी प्यारी बेटी और बहू को हल्के कपड़े पहनाउन्गी, आख़िर तुम कमाते किसके लिए हो

मनोहर : मैं कहाँ मना कर रहा हू डार्लिंग तुम कहो तो मैं अपनी बेटी और बहू के लिए एक से एक इंपॉर्टेंट ब्रा और पैंटी ला कर दे दूं

नीलम : ब्रा की तो ज़रूरत ही नही है सुधा और सोनू ना जाने क्यो ब्रा पहनने मे अनकंफर्ट फील करती है, 

मनोहर : अपने लंड को नीलम की गान्ड मे दबाते हुए, कहने लगा उन दोनो के दूध कुछ ज़्यादा ही बड़े बड़े और मोटे है इसलिए उनके दूध आज कल की ब्रा में समाते ही नही होंगे

नीलम : चलो जी तुम्हारी तो आज कल अपनी बेटी और बहू के गदराए बदन पर ही निगाहे लगी रहती है, अब हटो भी मैं और सोनू ज़रा मार्केट हो कर आते है और फिर नीलम ने अपनी जीन्स उतार दी और उसकी मोटी गोरी गान्ड और सुडोल मोटी मोटी जांघे पूरी नंगी हो गई और मनोहर जाँघो को चूमते हुए नीलम के भारी चुतड़ों को दबोचने लगा

नीलम हटिए ना दरवाजा खुला है कोई आ ना जाए मुझे कपड़े पहनने दीजिए, उसका इतना कहना था कि रोहित अंदर आ गया और जैसे ही उसकी नज़र सामने पड़ी उसके तो होश उड़ गये उसके पापा उसकी माँ की चूत में मूह लगाए दोनो हाथों से उसकी मम्मी की मोटी गान्ड को फैला रहे थे और दबोच रहे थे और नीलम अपने हाथ मे लेग्गी लिए खड़ी थी, यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मनोहर का ध्यान तो रोहित पर नही गया पर रोहित और नीलम की नज़रे 5 से 10 सेकेंड के लिए एक दूसरे से मिल गई और रोहित ने कुछ देर तक खड़े खड़े अपनी मम्मी की भारी भरकम नंगी जवानी को अपनी आँखो से देखा और फिर बिना कुछ कहे चुपचाप वापस बाहर निकल गया और मनोहर को एहसास भी नही हुआ कि उसका बेटा अंदर आ कर अपनी माँ को पूरी नंगी देख कर जा चुका है, नीलम को कुछ देर तक तो कुछ भी नही सूझा लेकिन फिर ना जाने क्यो उसे बड़ा अच्छा फील हुआ और उसने मनोहर के सर को पकड़ कर अपनी चूत मे कस कर दबा दिया

मनोहर : क्या हुआ अभी तो मना कर रही थी अब मस्ती कैसे चढ़ने लगी,

नीलम : अरे मैं तो इसलिए मना कर रही थी कि दरवाजा खुला है कहीं रोहित अंदर आ गया और उसने अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लिया तो

मनोहर : नीलम की चिकनी चूत को चूमते हुए कहने लगा तो क्या हुआ अगर उसने अपनी मम्मी को नंगी देख लिया तो वह भी आकर अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रस पी लेगा और क्या

नीलम : मनोहर की बातों से मस्ती से भर चुकी थी उसकी चूत को मनोहर चूम रहा था लेकिन मनोहर की बाते सुनते हुए उसे ऐसा लगने लगा जैसे उसका बेटा रोहित उसकी मोटी गान्ड को मसल्ते हुए उसकी चिकनी और नंगी चूत को अपने मूह से चूम रहा हो

नीलम : मनोहर की बात को सुन कर, अच्छा जी अपने पापा के सामने आपका बेटा अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी का रस पिएगा तो आपको बुरा नही लगेगा

मनोहर : अरे तो क्या हुआ उसको भी पता चल जाएगा कि उसकी माँ कितनी गदराया हुआ मस्त चोदने लायक माल है,

नीलम : रहने दो जी मेरा बेटा ऐसा नही है कि अपनी मम्मी पर ही नज़र रखे 

मनोहर : अरे तुम नही जानती आज कल के लोंडो को आज कल के लड़के सबसे पहले अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देख देख कर मूठ मारना शुरू करते है, और फिर तेरी गान्ड तो इतनी गदराई है कि रोहित भी
 
नीलम : आह आह सी स ओह हटो भी नही तो मैं तुम्हारे मुँह मे ही मूत दूँगी और नीलम ने मनोहर के सर को दूर किया तब कही जाकर मनोहर खड़ा हुआ और फिर नीलम ने एक चुस्त लेग्गी पहन ली और उपर एक डीप गले वाला कुर्ता पहन लिया उसका कुर्ता उसकी कमर से थोड़ा ही नीचे था और उसकी मोटी गान्ड बहुत चौड़ी होकर उपर को उभर आई थी दूध उसके कुर्ते से आधे से ज़्यादा बाहर को निकल रहे थे और वह तैयार होकर बाहर आ गई तब उसे सामने सोनू खड़ी
नज़र आई उसने साड़ी पहनी हुई थी

नीलम : उसके कपड़े देखते हुए अरे बहू तू भी लेग्गी या जीन्स पहन ले यह साड़ी में अच्छी नही दिख रही है तभी पीछे से मनोहर आ गया और कहने लगा बेटी हमने तुझमे और सुधा में कभी कोई अंतर नही समझा इसलिए तुम बहू बनकर नही हमारी बेटी बनकर खुल कर अपने अंदाज मे रहा करो तुम्हे किसी बात की कोई परवाह करने की ज़रूरत नही है जाओ मस्त जीन्स और टॉप पहन कर आओ जिसमे तुम और भी ज़्यादा खूबसूरत लगो, 

सोनू ने मनोहर की कामुक नज़रो को पढ़ लिया था और उसने मोका अच्छा देखा और वह सीधे मनोहर के सीने से कस कर चिपक गई और कहने लगी ओह पापा आप कितने अच्छे है आज मुझे अपने पापा की याद आ गई सच मुच मे कितनी ख़ुसनसीब हूँ कि मुझे ससुर के रूप मे पापा मिल गये जिन्हे मेरा कितना ख्याल रहता है, 


सोनू की इस हरकत ने तो मनोहर के लंड को तुरंत तंबू बना दिया और मनोहर ने भी मोका देखते हुए सोनू के भारी भरकम चुतड़ों को दबाते हुए उनकी मोटाई का जायज़ा लिया और जब उसका हाथ अपनी बहू के प्लुम्पेर चुतड़ों पर पड़े तो वह पागल हो गया उसकी बहू की भीनी भीनी खुश्बू और मोटे मोटे दूध का उसकी छाती से कस कर दबे होना और अपने दोनो हाथो मे अपनी बहुत के सुडोल मोटे मोटे चुतड़ों को दबोचने की इस दशा ने उसे पागल कर दिया था आज पहली
बार उसने अपनी बहू के मस्त गदराए बदन को दबोच कर आनंद लिया था सोनू को भी पापा के गतीले बदन और उसकी चूत के उपर पापा के खड़े लंड की चुभन ने पानी पानी कर दिया था सोनू के चुतड़ों को जब पापा ने अपने हाथों मे भर कर दबोचा था तब उसकी चूत की फांके अपने आप फैलने लगी थी, 


फिर वह दोनो अलग हुए और सोनू ने कहा मम्मी मैं अभी चेंज करके आती हूँ और वह फुदक कर अपने रूम मे चली गई,
तभी रोहित बाहर आया और उसकी नज़र जब अपनी माँ की गदराई जाँघो पर पड़ी जो लेग्गी के बादामी कपड़े मे नंगी सी नज़र आ रही थी तो वह देखता ही रह गया और जब उसकी नज़र अपनी मम्मी के मोटे मोटे चुतड़ों पर गई तो उसकी साँसे तेज हो गई लेकिन तभी दूसरी और से सुधा आ गई और उसने रोहित का हाथ पकड़ते हुए कहा भैया आप
मुझे बाइक चलाना सिखाने वाले थे प्लीज़ चलो ना आज हमारे पास टाइम ही टाइम है

तब रोहित ने कहा अच्छा ठीक है जा मेरे लिए चाइ बना ला फिर हम चलते है, तभी मनोहर बोला बेटा मेरे लिए भी बना लेना तेरी मम्मी और भाभी तो शॉपिंग करने जा रही है उनके लिए मत बनाना उसके बाद जब सोनू जीन्स और टॉप पहन कर आई तो मनोहर अपने मुँह का थूक गटकता हुआ उसे देखता ही रह गया और सोनू ने मनोहर से अपनी सास के सामने ही पूछा पापा मैं कैसी लग रही हूँ तब मनोहर ने उसकी गदराई जवानी पर एक नज़र मारते हुए कहा एक दम मस्त लग रही हो बेटी बस फिर क्या था नीलम ने सोनू का हाथ थामा और दोनो बाहर की ओर जाने लगे, रोहित भी वही खड़ा था 


जब दोनो जाने लगी तब मनोहर सोनू की गदराई मोटी गान्ड को देख देख कर पसीने पसीने हो रहा था और रोहित अपनी मम्मी नीलम की भारी भरकम मोटी गान्ड को देख देख कर पानी पानी हो रहा था, उधर किचन की खिड़की से सुधा अपने पापा और भाई को अपनी मम्मी और भाभी के भारी चुतड़ों को किसी पागल कुत्ते की तरह खा जाने वाली नज़रो से देखते हुए अपनी चूत को उपर से ही सहलाने पर मजबूर हो गई थी.

नीलम : अब बता कहाँ ले जाने वाली है मुझे 

सोनू : मम्मी आज आप कमाल लग रही हो आपकी मोटी गान्ड देख देख कर देखिए कैसे लोगो की निगाहे रुकने का नाम ही नही ले रही है

नीलम : मुस्कुरा कर इधर उधर लोगो की नज़रे देखती है फिर कहती है क्या मैं सचमुच बहुत मस्त दिख रही हूँ

सोनू : देखो ना मम्मी कैसे लोग आपके दूध और गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे है

नीलम : तेरे भी तो चूतड़ कितने बड़े बड़े नज़र आ रहे है जीन्स मे, तू भी ऐसे ही कपड़े पहना कर घर मे कहाँ तू साड़ी ब्लाउज के चक्कर में रहती है

सोनू : अब आप कहती है तो पहना करूँगी

नीलम : अब बता भी कहाँ चलना है

सोनू : मम्मी इस चौराहे से पहले हम सिटी बस पकड़ेंगे देखना सिटी बस मे कितनी भीड़ रहेगी फिर देखना आपको कैसे पीछे से दबोचेंगे लोग

दोनो चौराहे पर खड़ी हो गई जो भी गुज़रता बस उन दोनो के दूध और चुतड़ों को देखता ही रह जाता था तभी सिटी बस आकर उनके पास रुकी उस स्टॉप पर कम से कम 20 लोग खड़े थे और उपर से बस भी ठसा ठस भरी हुई थी, भीड़ मे नीलम अलग हो गई और सोनू अलग हो गई सोनू जब चढ़ने लगी तो उसके पीछे एक बुढ्ढा भी सोनू के मोटे मोटे चुतड़ों को अपने लंड से दबाते हुए चढ़ने लगा,
 
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