hotaks444
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प्यार का रिश्ता --1
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी प्यार का रिश्ता के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूँ दोस्तो कैसे है आप, आप सभी मज़े मे रहते है उसका क्या पूछना..... . आपके लंड और चूत की प्यास तो बुझती रहती है..... पर मैं यहा एक हक़ीकत बयांन करना चाहता हू कि वास्तव मे किसी चूत को लंड और लंड को चूत इतनी आसानी से नही मिलती जितनी आसानी से किसी ग्रूप की स्टोरीज मे बयान की जाती है... मुझे तो भारी मसक्कत करनी पड़ी और तो और इसके लिए सालों का इंतेज़ार करना पड़ा... ना जाने कितने बार अपने लंड को मूठ मारकर शांत किया होगा उसकी चूत की याद मे.....तब जाकर 5 साल बाद यह आग शांत हुई... चलिए अब आपको ज़्यादा बोर ना किया जाए और मैं अपना घटनाक्रम हू-ब-हू लिखता हू जैसा की वो घटा...
जैसा की आप मेरे बारे मैं जानते है की मेरा नाम मानुमुकुंद है और हिन्दुस्तान के एक खूबसूरत सहर सागर का रहने वाला हू.. मेरी उमर इस वक़्त 39 की है और मेरी बॉडी कसरती है मैं स्पोर्टस्मन रहा हू मेरी हाइट 6फ्ट4इंच रंग गोरा है......ओफ़कौरसे यार मैं मेरीड हू और मेरी दो बेटियाँ है..... मेरी मॅरीड लाइफ बहुत अच्छी है लेकिन मेरी कुंडली मे ऐसा योग है कि मेरी सेक्स ड्राइव मे बहुत सारी महिलाए शामिल होंगी तो वैसा ही हो रहा है....
यह जो घटना घटी यह ठंड के समय मे न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन के रिज़र्वेशन काउंटर से शुरू हुई.... मैं अपने काम से दिल्ली गया था वाहा से सागर वापिस लौटने के लिए मुझे रिज़र्वेशन कराना था... सो मैं भी रिज़र्वेशन काउंटर गया वाहा मैं अपना फॉर्म भरकर जब अंदर पहुचा तो देखा बहुत भीड़ है.... तो एक लाइन मे मैं भी लग गया.. मेरे आगे जीन्स और वाइट टॉप पहने लड़की खड़ी थी. वो काफ़ी स्किन टाइट टॉप और जीन्स पहने हुए थी जिसके कारण उसके शरीर के कटाव को सॉफ देखा जा सकता था... उसके शरीर के वाइटल स्टॅट्स बहुत ही आकर्षक थे और रंग गोरा था बड़ी बड़ी आँखे मस्त तने हुए मम्मे गद्देदार गांद पतली कमर....... मैं उसकी जीन्स की चैन के पीछे छुपी हुई चूत का अंदाज़ा नही लगा पा रहा था लेकिन पूरे शरीर के माप तोल के हिसाब से मैने सोचा जैसे गांद है वैसे ही रसिली उसकी योनि होगी... फूली हुई गद्दे दार... यम्मीयी...... .. लगभग 30-35 मिनिट लाइन मे लगे हुए हो गये थे और लाइन तनिक भी कम नही हुई थी. भीड़ ज़्यादा होने के कारण धक्का लगता तो मैं उसके पीठ से और मेरा लंड उसकी गांद से टकराता.. ऐसी मस्त गांद से टकराके मेरे जैसे कामी पुरुष का लंड खड़ा ना हो तो क्या हो. सो वो खड़ा हो गया... अब मुझे धक्के कुछ ज़्यादा ही लग रहे थे सो मैं बार बार उससे टकरा रहा था... करीब 1-1.30 घंटे बाद हमारी पहली बार बात हुई.. उसने मेरे से पूछा "आप कहा का रिज़र्वेशन ले रहे है"
मैने कहा मैं" सागर का"
मैने पूछा आप किस गाड़ी का ले रही है वो बोली "मुझे भी सागर जाना है..."
मैने पूछा "किस गाड़ी का ले रही है आप"
उसका जवाब था " गोंडवॅना एक्स्प"
मैने कहा "वो तो फुल है मैं दूसरी गाड़ी का ले रहा हू.. उसमे मिल ही जाएगा"
मैं कुछ ब्लॅंक रिज़र्वेशन अप्लिकेशन फॉर्म भी रखे हुए था.... सो मैने उसे ऑफर किया की "क्यों ना हम एक ही रिज़र्वेशन फॉर्म भर्ले"
उसने कहा की वाह वाह क्या बात कही है.... "मैं आपको या आप कहा ढ़ूंदेंगे टिकेट के लिए जबकि हम एक दूसरे को पहचानते नही..."
मैने कहा "आप मेरे को सिर्फ़ पीएनआर नंबर भर दे दीजिएगा और टिकेट आप लेजइएएगा.
वो राज़ी हो गई....
हेलो दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी प्यार का रिश्ता के साथ आपकी सेवा मे हाजिर हूँ दोस्तो कैसे है आप, आप सभी मज़े मे रहते है उसका क्या पूछना..... . आपके लंड और चूत की प्यास तो बुझती रहती है..... पर मैं यहा एक हक़ीकत बयांन करना चाहता हू कि वास्तव मे किसी चूत को लंड और लंड को चूत इतनी आसानी से नही मिलती जितनी आसानी से किसी ग्रूप की स्टोरीज मे बयान की जाती है... मुझे तो भारी मसक्कत करनी पड़ी और तो और इसके लिए सालों का इंतेज़ार करना पड़ा... ना जाने कितने बार अपने लंड को मूठ मारकर शांत किया होगा उसकी चूत की याद मे.....तब जाकर 5 साल बाद यह आग शांत हुई... चलिए अब आपको ज़्यादा बोर ना किया जाए और मैं अपना घटनाक्रम हू-ब-हू लिखता हू जैसा की वो घटा...
जैसा की आप मेरे बारे मैं जानते है की मेरा नाम मानुमुकुंद है और हिन्दुस्तान के एक खूबसूरत सहर सागर का रहने वाला हू.. मेरी उमर इस वक़्त 39 की है और मेरी बॉडी कसरती है मैं स्पोर्टस्मन रहा हू मेरी हाइट 6फ्ट4इंच रंग गोरा है......ओफ़कौरसे यार मैं मेरीड हू और मेरी दो बेटियाँ है..... मेरी मॅरीड लाइफ बहुत अच्छी है लेकिन मेरी कुंडली मे ऐसा योग है कि मेरी सेक्स ड्राइव मे बहुत सारी महिलाए शामिल होंगी तो वैसा ही हो रहा है....
यह जो घटना घटी यह ठंड के समय मे न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन के रिज़र्वेशन काउंटर से शुरू हुई.... मैं अपने काम से दिल्ली गया था वाहा से सागर वापिस लौटने के लिए मुझे रिज़र्वेशन कराना था... सो मैं भी रिज़र्वेशन काउंटर गया वाहा मैं अपना फॉर्म भरकर जब अंदर पहुचा तो देखा बहुत भीड़ है.... तो एक लाइन मे मैं भी लग गया.. मेरे आगे जीन्स और वाइट टॉप पहने लड़की खड़ी थी. वो काफ़ी स्किन टाइट टॉप और जीन्स पहने हुए थी जिसके कारण उसके शरीर के कटाव को सॉफ देखा जा सकता था... उसके शरीर के वाइटल स्टॅट्स बहुत ही आकर्षक थे और रंग गोरा था बड़ी बड़ी आँखे मस्त तने हुए मम्मे गद्देदार गांद पतली कमर....... मैं उसकी जीन्स की चैन के पीछे छुपी हुई चूत का अंदाज़ा नही लगा पा रहा था लेकिन पूरे शरीर के माप तोल के हिसाब से मैने सोचा जैसे गांद है वैसे ही रसिली उसकी योनि होगी... फूली हुई गद्दे दार... यम्मीयी...... .. लगभग 30-35 मिनिट लाइन मे लगे हुए हो गये थे और लाइन तनिक भी कम नही हुई थी. भीड़ ज़्यादा होने के कारण धक्का लगता तो मैं उसके पीठ से और मेरा लंड उसकी गांद से टकराता.. ऐसी मस्त गांद से टकराके मेरे जैसे कामी पुरुष का लंड खड़ा ना हो तो क्या हो. सो वो खड़ा हो गया... अब मुझे धक्के कुछ ज़्यादा ही लग रहे थे सो मैं बार बार उससे टकरा रहा था... करीब 1-1.30 घंटे बाद हमारी पहली बार बात हुई.. उसने मेरे से पूछा "आप कहा का रिज़र्वेशन ले रहे है"
मैने कहा मैं" सागर का"
मैने पूछा आप किस गाड़ी का ले रही है वो बोली "मुझे भी सागर जाना है..."
मैने पूछा "किस गाड़ी का ले रही है आप"
उसका जवाब था " गोंडवॅना एक्स्प"
मैने कहा "वो तो फुल है मैं दूसरी गाड़ी का ले रहा हू.. उसमे मिल ही जाएगा"
मैं कुछ ब्लॅंक रिज़र्वेशन अप्लिकेशन फॉर्म भी रखे हुए था.... सो मैने उसे ऑफर किया की "क्यों ना हम एक ही रिज़र्वेशन फॉर्म भर्ले"
उसने कहा की वाह वाह क्या बात कही है.... "मैं आपको या आप कहा ढ़ूंदेंगे टिकेट के लिए जबकि हम एक दूसरे को पहचानते नही..."
मैने कहा "आप मेरे को सिर्फ़ पीएनआर नंबर भर दे दीजिएगा और टिकेट आप लेजइएएगा.
वो राज़ी हो गई....