the satisfiyer
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Hello
Pathako me ak nayi story suru kar rha hu kuch real or kuch fiction mix karkre
इस स्टोरी से में किसी भी तरह से किसी की भावनाओ को चोट नहीं पहुंचाना चाहता इसमें लिखे जाने वाले किरदार पुरी तरह से काल्पनिक है
ये केवल हवस के साधकों के मनोरंजन के लिए हैं
रिपीट कर रहा हु इससे अगर किसी की भावनाएं या मान्यता को चोट पहुंचती हैं तो उसके लिए में जिम्मेदार नहीं हु
धन्यवाद!
To dosto suru karte hai kahani
मेरा नाम अर्जून है मे एक स्टुडेंट हु में फिलहाल कक्षा 10th का छात्र हूं ये कहानी में जिस वक्त से सुरु कर रहा हूं उस वक्त तक सेक्स के बारे मे सिर्फ सुना पड़ा और महसूस किया था ना कभी किसी लड़की से या औरत से ऐसी कभी बात या यू कहु बात तो बहुत दूर की बात है विचार तक नही था ।
में एक बहुत सामान्य पृष्ठ भूमि से आता हु मेरे बाबा जो की एक वैद्य है बाबा मतलब मेरे पिता मेरी मां की मृत्यु मुझे जन्म देते हुऐ हुई ऐसा मेरे बाबा बताते हे मुझे।
मुझे हमेशा इस बात का मलाल रहता है की अगर में ना होता तो वो आज जिन्दा होती
खैर वक्त का अफसोस करना व्यर्थ है बाबा कहते है
हम एक बहुत ही छोटे से सिटी में रहते है मैं एक सरकारी स्कूल का छात्र हु
मेरे स्कूल में सभी टीचर पुरुष है और जो लड़कियां है उनमें भी कोई ऐसी नहीं जिसके लिए आज तक मन डोला हो ।
मेरा स्कूल सिर्फ कक्षा 10 तक ही h तो हम स्कूल के सबसे सीनियर बच्चे है इस नाते स्कूल में अच्छा मान है हम पढ़ाई में भी अबल है
बाबा हमारे एक वैध है जैसे की मैने बताया तो पास ही में 24-25KM की दूरी पर एक शहर है जो की हमारे शहर से बड़ा है और वह आस पास के सभी गांवों शहर से बड़ा मार्केट है
बाबा का एक वेधालय है बाबा सुबह से साम तक वही होते है
में अपनी बात करू तो में शारीरिक रूप से पूर्ण फिट और ताकत वार हु
मानसिक रूप से भी शरीर में कोई त्रुटि नही है, बाबा ने बचपन से हमे जड़ी बूटियां खिलाई है हम अक्सर पूछते है किस लिए खिलाते हो हमे । मुझे तो कोई बीमारी भी नही है बोलते है वक्त आने पर बता दूंगा ।
इस वक्त जब में अपनी कहानी सुरु कर रहा हु मेरे उम्र 16 शरीर की लम्बाई 5.7 और शरीर गट्ठा हुआ है लिंग की जानकारी उचित समय आने पर ।
तो कहानी पर आता हु
आज स्कूल के बाद घर आकर हम पढ़ाई कर रहे थे तभी हमारा एक मित्र आया घर पर इसके पास एक 3G Android phone था उसमे कुछ गंदी वीडियो बना कर लाया था
मेरे इस मित्र का नाम मनीष है
मनीष - अर्जून सून क्या कमाल की वीडियो बनाई है मैने देख वो मादरचोद नयन बहुत उचकता है ना स्कूल में उसकी मां की चुदाई का वीडियो बनाया । उसके मुंह बोले भाई से चुदवा रही थी ।
में - अभे मादरचोद तुझे शर्म नही आई ऐसा करते हुऐ ये उसका पर्सनल मैटर है वो किसके साथ सोए ।
मनीष - तू चाहे कितनी गली दे ले एक बार देख तो ।
मैने मन मार के देखा की ये कितना सच बोल रहा है और में वो देख कर दंग रह गया वो सच बोल रहा था उसमे उन दोनो के चेहरे साफ दिख रहे थे चुदाई करते हुऐ
में - और किस किस को दिखाया ये वीडियो ।
मनीष - सिर्फ तुझे
में - फोन मे है की मेमोरी कार्ड में
मनीष - मेमोरी कार्ड में पर तू ये क्यों पूछ रहा है ।
मैने उसका मेमोरी कार्ड निकाल लिया और उसे मोबाइल दे दिया
मनीष - अर्जून मादरचोद तू दोस्त नही है मेरा इतनी मेहनत से वीडियो बनाई उस नयन मादरचोद की मां का और तू कार्ड निकाल लिया कार्ड वापस दे मेरा बदला लेना है मुझे नयन से अपनी लड़ाई का , उसने मारा था मुझे में अब मां चोदूंगा उसकी ।
में - चोदी क्यू नही
मनीष - क्या
में - मादरचोद जब खोल के मरवा रही थी उस गांडू चंपक को भगाया क्यू नहीं ।
(चंपक उस औरत के साथ सेक्स करने वाला आदमी था )
मनीष - मेरी गांड फट गई थी इस लिए चुपके से वीडियो बना के भाग आया ।
में - तेरे लिए नयन को पीटा किसने था।
मनीष - तूने मेरे यार
में - तो उसकी मां चोद पाएगा तू तुझे लगता है तेरे तुझे हाथ भी लगाने देगी वो।
मनीष - बात तो सही है यार कोई नही तू यार है अपना रख ले मेरे पास एक और मेमोरी कार्ड है।
में - अच्छा सुन इस बात का जिक्र किसी से भी मत करना ठीक है ।
मनीष - मुझे पिटना थोड़े ही है जो में किसी से बोलूंगा कोई विश्वास ही नहीं करेगा ।
में - बहुत अच्छे पढ़ाई करेगा।
मनीष - नही में घर जा रहा हु ।
में ठीक है ।
मनीष अपना मूड सड़ा के चला गया एक बार इसे नयन नाम k लड़के से बचाया था जो की हमारा 1 सीनियर था जब
लेकिन फेल हो गया था तो अब हमारे साथ ही पड़ता है नयन का और मेरा एक पंगा था कब्बड़ी खेलते हुए एक मैच हरा दिया था उसे उसकी चीड़ निकलने के लिए उसने मनीष से झगड़ा किया क्यू की वो थोड़ा हल्का लौंडा था हमारी टीम में तो मेने सूत दिया था नयन ओर उसके 2 दोस्तो को इससे थोड़ी इमेज गांव और स्कूल में लड़को के बीच अच्छी थी ।
खैर उस चीप को संभाल के रख दिया और अपनी पढ़ाई करने लगा ।
दोस्तो इस वक्त तक ना आपके इस दोस्त को कोई चाह थी विशेष तौर पर सेक्स की ओर ना कोई उत्तेजना ।
ये कहानी केसे मेरे जीवन में बदलाव आए उसकी एक कहानी रूपण है
अच्छा उस चीप का में क्या करूंगा उस वक्त तक मेरे मन में इसका कोई विचार नहीं था बस उस ओरत की इज्जत गांव में बदनाम ना हो इस खयाल से रखा था बस उसको। मुझे एक चीज पता थी की मनीष इस बात का जिक्र किसी से नही करेगा इससे उसकी पिटाई हो सकती थी अगर नयन को पता चलता की कोई उसके मां k बारे में ऐसी बाते कर रहा है तो वो पिटता और मेरी बात ना मानने पर में भी ।
Pathako me ak nayi story suru kar rha hu kuch real or kuch fiction mix karkre
इस स्टोरी से में किसी भी तरह से किसी की भावनाओ को चोट नहीं पहुंचाना चाहता इसमें लिखे जाने वाले किरदार पुरी तरह से काल्पनिक है
ये केवल हवस के साधकों के मनोरंजन के लिए हैं
रिपीट कर रहा हु इससे अगर किसी की भावनाएं या मान्यता को चोट पहुंचती हैं तो उसके लिए में जिम्मेदार नहीं हु
धन्यवाद!
To dosto suru karte hai kahani
मेरा नाम अर्जून है मे एक स्टुडेंट हु में फिलहाल कक्षा 10th का छात्र हूं ये कहानी में जिस वक्त से सुरु कर रहा हूं उस वक्त तक सेक्स के बारे मे सिर्फ सुना पड़ा और महसूस किया था ना कभी किसी लड़की से या औरत से ऐसी कभी बात या यू कहु बात तो बहुत दूर की बात है विचार तक नही था ।
में एक बहुत सामान्य पृष्ठ भूमि से आता हु मेरे बाबा जो की एक वैद्य है बाबा मतलब मेरे पिता मेरी मां की मृत्यु मुझे जन्म देते हुऐ हुई ऐसा मेरे बाबा बताते हे मुझे।
मुझे हमेशा इस बात का मलाल रहता है की अगर में ना होता तो वो आज जिन्दा होती
खैर वक्त का अफसोस करना व्यर्थ है बाबा कहते है
हम एक बहुत ही छोटे से सिटी में रहते है मैं एक सरकारी स्कूल का छात्र हु
मेरे स्कूल में सभी टीचर पुरुष है और जो लड़कियां है उनमें भी कोई ऐसी नहीं जिसके लिए आज तक मन डोला हो ।
मेरा स्कूल सिर्फ कक्षा 10 तक ही h तो हम स्कूल के सबसे सीनियर बच्चे है इस नाते स्कूल में अच्छा मान है हम पढ़ाई में भी अबल है
बाबा हमारे एक वैध है जैसे की मैने बताया तो पास ही में 24-25KM की दूरी पर एक शहर है जो की हमारे शहर से बड़ा है और वह आस पास के सभी गांवों शहर से बड़ा मार्केट है
बाबा का एक वेधालय है बाबा सुबह से साम तक वही होते है
में अपनी बात करू तो में शारीरिक रूप से पूर्ण फिट और ताकत वार हु
मानसिक रूप से भी शरीर में कोई त्रुटि नही है, बाबा ने बचपन से हमे जड़ी बूटियां खिलाई है हम अक्सर पूछते है किस लिए खिलाते हो हमे । मुझे तो कोई बीमारी भी नही है बोलते है वक्त आने पर बता दूंगा ।
इस वक्त जब में अपनी कहानी सुरु कर रहा हु मेरे उम्र 16 शरीर की लम्बाई 5.7 और शरीर गट्ठा हुआ है लिंग की जानकारी उचित समय आने पर ।
तो कहानी पर आता हु
आज स्कूल के बाद घर आकर हम पढ़ाई कर रहे थे तभी हमारा एक मित्र आया घर पर इसके पास एक 3G Android phone था उसमे कुछ गंदी वीडियो बना कर लाया था
मेरे इस मित्र का नाम मनीष है
मनीष - अर्जून सून क्या कमाल की वीडियो बनाई है मैने देख वो मादरचोद नयन बहुत उचकता है ना स्कूल में उसकी मां की चुदाई का वीडियो बनाया । उसके मुंह बोले भाई से चुदवा रही थी ।
में - अभे मादरचोद तुझे शर्म नही आई ऐसा करते हुऐ ये उसका पर्सनल मैटर है वो किसके साथ सोए ।
मनीष - तू चाहे कितनी गली दे ले एक बार देख तो ।
मैने मन मार के देखा की ये कितना सच बोल रहा है और में वो देख कर दंग रह गया वो सच बोल रहा था उसमे उन दोनो के चेहरे साफ दिख रहे थे चुदाई करते हुऐ
में - और किस किस को दिखाया ये वीडियो ।
मनीष - सिर्फ तुझे
में - फोन मे है की मेमोरी कार्ड में
मनीष - मेमोरी कार्ड में पर तू ये क्यों पूछ रहा है ।
मैने उसका मेमोरी कार्ड निकाल लिया और उसे मोबाइल दे दिया
मनीष - अर्जून मादरचोद तू दोस्त नही है मेरा इतनी मेहनत से वीडियो बनाई उस नयन मादरचोद की मां का और तू कार्ड निकाल लिया कार्ड वापस दे मेरा बदला लेना है मुझे नयन से अपनी लड़ाई का , उसने मारा था मुझे में अब मां चोदूंगा उसकी ।
में - चोदी क्यू नही
मनीष - क्या
में - मादरचोद जब खोल के मरवा रही थी उस गांडू चंपक को भगाया क्यू नहीं ।
(चंपक उस औरत के साथ सेक्स करने वाला आदमी था )
मनीष - मेरी गांड फट गई थी इस लिए चुपके से वीडियो बना के भाग आया ।
में - तेरे लिए नयन को पीटा किसने था।
मनीष - तूने मेरे यार
में - तो उसकी मां चोद पाएगा तू तुझे लगता है तेरे तुझे हाथ भी लगाने देगी वो।
मनीष - बात तो सही है यार कोई नही तू यार है अपना रख ले मेरे पास एक और मेमोरी कार्ड है।
में - अच्छा सुन इस बात का जिक्र किसी से भी मत करना ठीक है ।
मनीष - मुझे पिटना थोड़े ही है जो में किसी से बोलूंगा कोई विश्वास ही नहीं करेगा ।
में - बहुत अच्छे पढ़ाई करेगा।
मनीष - नही में घर जा रहा हु ।
में ठीक है ।
मनीष अपना मूड सड़ा के चला गया एक बार इसे नयन नाम k लड़के से बचाया था जो की हमारा 1 सीनियर था जब
लेकिन फेल हो गया था तो अब हमारे साथ ही पड़ता है नयन का और मेरा एक पंगा था कब्बड़ी खेलते हुए एक मैच हरा दिया था उसे उसकी चीड़ निकलने के लिए उसने मनीष से झगड़ा किया क्यू की वो थोड़ा हल्का लौंडा था हमारी टीम में तो मेने सूत दिया था नयन ओर उसके 2 दोस्तो को इससे थोड़ी इमेज गांव और स्कूल में लड़को के बीच अच्छी थी ।
खैर उस चीप को संभाल के रख दिया और अपनी पढ़ाई करने लगा ।
दोस्तो इस वक्त तक ना आपके इस दोस्त को कोई चाह थी विशेष तौर पर सेक्स की ओर ना कोई उत्तेजना ।
ये कहानी केसे मेरे जीवन में बदलाव आए उसकी एक कहानी रूपण है
अच्छा उस चीप का में क्या करूंगा उस वक्त तक मेरे मन में इसका कोई विचार नहीं था बस उस ओरत की इज्जत गांव में बदनाम ना हो इस खयाल से रखा था बस उसको। मुझे एक चीज पता थी की मनीष इस बात का जिक्र किसी से नही करेगा इससे उसकी पिटाई हो सकती थी अगर नयन को पता चलता की कोई उसके मां k बारे में ऐसी बाते कर रहा है तो वो पिटता और मेरी बात ना मानने पर में भी ।