RE: कमीना पार्ट - II Incest
रति- अरे तो थोड़ा नीचे रगड़ देख कमर के उपर तो मेल होगा और मा ने साया थोड़ा और नीचे कर दिया और उसकी कमर के नीचे उसकी गंद का गॅप भी हल्का नज़र आने लगा अब मैं मा के पीछे बैठ कर उसकी कमर से हाथ रगड़ता हुआ उसकी गंद के गॅप जो शुरू होता है वहाँ तक सहलाने लगा
रति- तुझे इसलिए प्रेक्टिस करवा रही हू ताकि जब तेरी औरत आएगी और तुझे उसे नहलाना होगा तो तुझसे अच्छी तरह उसकी पीठ और कमर रगड़ते बने
सोनू- मैं उसकी पीठ क्यो रागडूंगा वह खुद नहा लेगी
रति- मुस्कुराते हुए तो फिर मेरी क्यो रगड़ रहा है
सोनू- मा की पीठ चूमते हुए तुम तो मेरी मा हो
रति- रहने दे सब बेटे पहले पहले ऐसे ही मा को प्यार करने की बात करते है और फिर औरत के आने के बाद बस उसी के पल्लू मे घुसे रहते है
सोनू- मा अगर तुम बिल्कुल अपने जैसी औरत लाओगी तो मैं उसकी पीठ ज़रूर रगड़ दूँगा पर ज़्यादा दुबली पतली औरत लाओगी तो मुझे पसंद नही आएगी
रति- क्यो तुझे मेरे जैसी भरे बदन की औरते अच्छी लगती है क्या
सोनू- हाँ माँ औरत का शरीर तो बिल्कुल तुम्हारे जैसा होना चाहिए यह कहते हुए अचानक मेरा हाथ मा की गंद के छेद तक पहुच गया था और मैने जल्दी से हाथ थोड़ा उपर कर लिया मा फर्श पर बैठी थी और शायद उसे खूब मज़ा आ गया था इसलिए उसने कहा रुक जा तेरा हाथ कमर पर ठीक से ज़ोर लगा नही पा रहा है एक काम कर वो लकड़ी का पटिया ले आ मैं उस पर बैठ जाती हू फिर कमर अच्छे से रगड़ पाएगा
मैं समझ गया कि मा जब लकड़ी के पटिए पर बैठेगी तो उसकी गंद की गुदा तक मेरा हाथ सही तरीके से जाएगा मा लकड़ी के पटिए पर अपनी गंद पटिए के बाहर तक झूला कर बैठी ताकि मैं उसकी गुदा को आसानी से छु सकु अब मैने मा के चुतडो को सहलाते हुए दबाना शुरू किया तो मा ने कहा तू कमर रगड़ता रह तब तक मैं अपने बालो को शॅंपू से धो लेती हू और मा पटिए पर दोनो पेरो से चढ़ कर बैठ गई और अपने सर को आगे झुका कर बालो मे शांपू करने लगी मैं उसके मोटे मोटे चुतडो को खूब कस कस कर रगड़ रहा था और बीच वाली उंगली को बार बार उसकी गंद के छेद से टच कर रहा था मा बालो को धोती जा रही थी और उसकी चूत से पानी बह रहा था मेरा लंड भी पूरी औकात मे खड़ा था
क्रमशः..............................................................
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