RE: कौन सच्चा कौन झूठा--एक्शन थ्रिलर सस्पेंस
बस्ती मे खून हुआ था तो थाने के इनस्पेक्टर का आना तो बनता था .
राणे जीप से उतरा आगे बढ़ा लाश के पास काफ़ी भीड़ थी.
राणे: का भाई कोई सपेरा खेल दिखा रहा हा का काहे भीड़ लगा रखी है चलो अपने
घर .
हवलदरो ने भीड़ को छाँटा और आस पास देखने लगे .
राणे: हवलदार को इशारा किया ये कौन को है पता करो .
राणे लाश के पास गया और जागया के सीने मे लगी गोली की तरफ देख रहा था हाथ
आगे बढ़ाया जहा गोली लगी थी वाहा के शर्ट के बटन खोले .
दूसरे हवलदार को बोलो इसके कपड़ो की जाँच तो कर . हवलदार ने पॅंट के जेब मे
हाथ डाला तो नोटो के गद्दी निकली .
हवलदार ने राणे को आवाज़ दी साहेब ये देखिए .
राणे: ह्म्*म्म्मम.... साले का कमीज़ तो 4 जगह से फटा है और जेबवा मे इतना
माल .का बात कोई बड़े घरहाने का तो नही ये .
इतने मे पहला हवलदर जो जागया का पता करने गया था वो चंपा को अपने साथ लाया .
हवलदार: साहब ये छोकरी इस के जान ने वाली है .
राणे मुड़ा और हवलदार को बोला बाबू राम तुम को पता है के हम कहा खड़े है .
हवलदार : जी साहब हम बस्ती मे है .
राणे: अरे जाओ ज़रा एक ठो पान लगवा के लाओ .
हवलदर मुड़ा और आगे चल दिया .
राणे: ह्म्*म्म्म. तुहार नाम का है (चंपा से बोला) .
चंपा .
राणे: ह्म्*म्म्मम एई कौन था तुम्हारा
चंपा: हम एक दूसरे से प्यार करते थे और हम शादी करने वाले थे.
राणे: लवर था ....
राणे: नोटो के गद्दी को चंपा को दिखाया ये क्या करता था.
चंपा: (एक मिनट तक तो कुछ बोल नही पाई फिर बोली) ये छोटा मोटा चोर था.
राणे: का तुहार लवर एक चोर............. का जमाना आ गया है . साला चोरो को
भी लव होता है .
राणे: ये इतने पैसे कहा से आए इसके पास .
चंपा: मुझे नही पता .
राणे: ह्म्*म्म्म. इसके साथ यहा और कोई आता था.
चंपा: नही साहेब बस ये ही आता था अकेला .
राणे: जब एई सब हुआ तुम कहा थी.
चंपा: खोली मे ,ये मुझ से मिलके बाहर को आया तो ज़ोर से आवाज़ आई जब मे
बाहर आई तो ये यहा गिरा पड़ा था.
राणे: इसने मरने से पहले कुछ बोला था .
चंपा: नही कुछ नही.
पीछे से हवलदार आया और राणे के हाथ मे कुछ दिया राणे ने अपने मुँह मे पान
डाला और हवलदार को बोला "आज दिमाग़ बहुत स्वाधीष्ट है" ससुरा एई हमारे
इलाक़े मे खून पे खून हो रहा है कही कोई हमारा डैमोशन तो नही करना चाहता .
दीपक केमिस्ट के शॉप पर पहुचा और कुछ सामान लिया . वाहा से वो कहा जाए यही
वो सोच रहा था . दीपक ने सामने से आते ऑटो को रोका और बैठ गया .
ऑटो एक सस्ते से होटेल के सामने रुका दीपक ने रात गुज़ारने के लिए कमरा
लिया .
इंदु अपने कमरे मे बैठे अपनी आल्रमारी मे कुछ ढूंड रही थी . डोरबेल बजी
इंदु ने दरवाज़ा खोला सामने मिस्टर.मयूर खड़े थे राज के बॉस जो अक्सर अपनी
बीवी वीना के साथ इंदु को मिलने आते थे राज उनका काफ़ी करीबी दोस्त था वैसे
तो राज कंपनी के शेर्होल्डर्स मे से एक था पर वो कंपनी के लिए कुछ करना
चाहता था इसलिए उसने माल्लिक नही नौकरी करना ही बेहतर समझा था.
मिस्टर. मयूर अंदर आए .
मयूर: भाभी मेने सुना है दीपक जैल से भाग गया .
इंदु: जी हां .
मयूर: क्या वो आप से मिला .
इंदु: हां मिला था .
बस थोड़ी देर बाद मयूर हाल चल पूछने के बाद वाहा से निकल गये .
...
दीपक होटेल के कमरे मे बैठा था उसके हाथ से जो गोली छू कर निकली थी वो कोई
ज़यादा गहरा ज़ख़्म तो नही पर उस की मलम पट्टी करना ज़रूरी था . अपने जखम
पर डेटोल डाली दीपक के मुँह से आहह निकली उसके बाद उसने पट्टी बंद बाँधी और
बिस्तर पर गिर पड़ा .
आज उसका शरीर बहुत दुख रहा था आँखें जल्दी ही बंद हुई.
दीपक: हेलो मिस्टर.कपूर.
कपूर: या स्पीकिंग.
दीपक: कपूर साहब बहुत सुना है आपके बारे मे बहुत अच्छे वकील है आप.
कपूर: थॅंक यू , आप कौन .
दीपक: मुझे अपना कस्टमर समझिए मे अपने एक केस के सिलसिले मे आप से मिलना
चाहता हू.
कपूर : हां ज़रूर .आप आज दुपहेर के बाद कभी भी मेरे घर आजाए .
दीपक: नही कही बाहर मिलते है .
कपूर: ओकके. आज मेरा कोर्ट हियरिंग है आप मुझे 12:00 पीयेम कोर्ट से थोड़ा
दूर सन्राइज़ केफे मे मिलिए .
दीपक: ओके ..
दीपक ने फोन रखा और एक गारमेंट शॉप मे घुसा उसकी शर्ट पॅंट दोनो काफ़ी जगह
से फट चुकी थी . कपड़े सेलेक्ट करने के बाद दीपक अपने होटेल की तरफ हुआ .
..
राणे: ह्म्*म्म....दीपक की कोई खबर (सामने खड़े ऑफीसर से पूछा जो दीपक के
घर के बाहर ड्यूटी पर था).
ऑफीसर: नही सर.
राणे: घर मे और कौन आ जा रहा है .
ऑफीसर : सर सुबह नौकरानी आती है ,उसके बाद दूध वाला और उसके रिश्ते दार .
राणे:ह्म्म. अरे बाबू राम अगर तुम दीपक की जगह होते तो का करते .
हवलदार: साहब अगर मैं इतने पैसे वाला होता तो भाग जाता यहा से.
राणे:कहा भागता .
हवलदार : साहब इतने बड़ी दुनिया है और जब पैसे की कमी नही तो कही ना कही
चला जाता और ऐश के ज़िंदगी बसर करता .
राणे को हवलदार के बात से कुछ लगा .
राणे: (फोन उठाया नंबर डाइयल किया) हेलो में इनस्पेक्टर राणे बोल रहा हू
मुझे इस इलाक़े मे जिस -2 के पास 9 एएम की पिस्टल है उन सब की रिपोर्ट कल
सुबह टेबल पर चाहिए.
.....
दीपक सन्राइज़ केफे के बाहर वेट कर रहा था थोड़ी देर बाद एक गाड़ी आकर रुकी
उसमे से एक ब्लॅक रंग का कोट पहना आदमी उतरा .दीपक आगे को बड़ा.
दीपक: मिस्टर कपूर.
कपूर: यस आंड यू?
दीपक: दीपक इंदु जी का बेटा .
कपूर थोड़ा हैरत मे हुआ .
केपर: तुमने मुझ से झूठ क्यू बोला .
दीपक: मुझे आप से मिलना था.
कपूर: तुम जानते के तुम एक जैल से भागे कैदी हो और अगर किसे ने मुझे यहा
तुम्हारे साथ बैठे देख लिया तो मेरे लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है .
दीपक : तभी तो आपको यहा बुलाया है ताकि आपको कोई प्राब्लम ना हो आपके घर पर
आपके लिए रिस्क था.
कपूर: तुम करना क्या चाहते हो.
दीपक: खून.
कपूर: क्याअ.?
दीपक: हां खून करना है मुझे जिनलोगो ने मेरे पिता और बहन को मारा है .
कपूर: पर कोर्ट ने तुम्हे मुजरिम ठहराया है समझे.
दीपक: वही तो मुझे जानना है के कैसे तभी मे आप से मिलने आया हू.
कपूर: देखो मे भी नही मानता के कोई बेटा अपने बाप और बेहन का खून कर सकता
हे पर तुम्हारे खिलाफ काफ़ी सबूत थे.
दीपक: सर मुझे फसाया गया था .आप ही सोचिए क्या मे खुद जैल से भाग के यहा आप
के पास आता .
कपूर: देखो मैं तुम्हारी खुले तौर पे तो मदद नही कर सकता हां पर केस से
रेलटीएड अगर तुम पूछना चाहो तो .
दीपक: मा ने आपसे कुछ बोला था.
कपूर: हां उन्होने फोरेन्सिक रिपोर्ट और एफ.आइ.आर. की कॉपी माँगी है. देखो
एफ.आइ.आर की कॉपी तो मे निकलवा चुका हू पर फोरेन्सिक रिपोर्ट वो राणे के
पास है .
दीपक: कौन?
कपूर: यहा का इनस्पेक्टर जो तुम्हे ढूंड रहा है इसी ने तुम्हारे घर से सबूत
इकट्ठे किए थे .
दीपक: क्या ये राणे भी उन लोगो के साथ मिला हो सकता है.
कपूर: क्या पता , लेकिन उसके बारे मे कभी ऐसा सुना नही वो तो रिश्वत भी नही
लेता फिर वो क्यू उनके साथ होगा.
दीपक और कपूर आपस मे बाते कर रहे थे बाहर मेनरोड से किसे ने उनकी कमरे से
"तस्वीर" खींची .
कपूर: तुम ड्रग्स कब से लेते हो.
दीपक: दृगस्स्स्स नही मेने तो आजतक कभी ड्रग्स नही ली और ना ही आज तक कभी
ड्रग्स देखी.
कपूर: तुम जानते हो तुम्हारे खून मे 1000एमजी ड्रग्स मिली थी ये कोई मामूली
बात नही है इस बात ने ही तुम्हे जैल पहुँचा दिया .
कपूर: सरकारी वकील ने ये साबित कर दिया था के तुमने ही नशे मे ये खून किए
थे.
दीपक: देखिए सर मे आप से झूठ नही बोलूँगा उस दिन जब मे घर मे था मेरी बहेन
अपने रूम मे थी मा बाहर घर का सामान लेने गयी थी डॅड को जल्द घर आना था और
हम सब ने बाहर घूमने का प्लान बना रखा था.
कपूर: तुम्हे कुछ तो याद होगा ?
दीपक: नही मुझे उसके बाद कुछ याद नही.
कपूर: जिस कमरे मे खून हुए वाहा तुम चारो के अलावा किसी की उंगलियो के
निशान भी नही मिले.
दीपक: हो सकता है उन लोगो ने ग्लाउब्स पहने हो.
कपूर: हाँ हो सकता हे... एक बता बताओ तुम्हारे परिवार का कोई दुश्मन .
दीपक: दुश्मनी तो कोई नही .
कपूर और दीपक मे थोड़ी देर और कुछ बात हुई . कपूर उठा और अपनी गाड़ी मे बैठ
के निकल गया .
दीपक वाहा से चंपा के घर की ओर हुआ
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