प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
07-04-2017, 12:41 PM,
#76
RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ
क्यों हो गया ना ?


गुरूजी कहते हैं “जिन के घर शीशे के होते हैं वो लाईट जला कर मुट्ठ नहीं मारा करते ”

रात के कोई साढ़े दस बजे हैं। मैंने सभी दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर के एक ब्लू-मूवी डाल लगाई। एक ३५-३६ साल की औरत सोफे की आर्म्स पर अपनी दोनों टांगें चौड़ी किये हस्त मैथुन कर रही है, एक हाथ की अंगुली उसकी चूत में सटासट आ जा रही है और दूसरे हाथ की अंगुली उसकी गांड में। बीच बीच में वो अपनी चूत वाली अँगुली को मुंह में लेकर चटखारे ले रही है और आह …. उन्ह्ह…. की आवाज निकाल रही है।

वाह…. क्या मस्त सीन है !

मैं ड्राइंग रूम में अकेला सोफे पर बैठा हूँ बिलकुल नंगधड़ंग, पप्पू बेकाबू हुआ जा रहा है। आज तो उसका जलाल और लम्बाई देखने लायक है। अड़ियल टट्टू की तरह अकड़ा हुआ है. इतने में मोबाइल की घंटी बजती है, मैंने मोबाइल की स्क्रीन देखी पर नंबर की जगह केवल ********** आ रहे हैं. कमाल है ये कैसा और किसका नंबर हो सकता है ? …..

हेल्लो ?

हाय कैसे हो ?

आप कौन बोल रही हैं ?

क्या बेहूदा सवाल है ?

क्या मतलब ?

अच्छा क्या कर रहे थे ?

वो …. वो.. मैं …. मु …. ओह.. सॉरी…. आप कौन ?

फिर वो ही बेहूदा सवाल ?

देखिये मैं फोन बंद कर दूंगा ?

तुम्हारे बाप का राज़ है क्या ? ओह सॉरी डियर …. बुरा मत मानना ….. ओह …. कहीं मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया?

नहीं कोई बात नहीं…. पर आप क ? ………….

अच्छा कहीं मुट्ठ तो नहीं मार रहे थे ?

क्या मतलब ?

ओह फिर वही बे ….. अच्छा चलो कोई बात नहीं कभी कभी मुट्ठ मारना भी अच्छा रहता है ?

पर आप हैं कौन ?

नाम जानकर क्या करोगे ?

नहीं पहले अपना नाम बताइये !

चलो, मैं तुम्हारी एक चाहने वाली हूँ !

कोई नाम तो होगा ?

मुझे मैना कह सकते हो ?

मैना.. ? कौन मैना ?

क्या फर्क पड़ता है कोई भी हो ?

वो.. वो…. पर …. ?

अरे रुक क्यों गए …. मुट्ठ मारना चालू रखो !

आप कमाल करती हैं?

कमाल तो तुम कर रहे हो !

वो कैसे ?

अरे बाबा जिनके घर शीशे के होते हैं वो लाईट जला कर मुट्ठ नहीं मारा करते ? कम से कम खिड़की और दरवाजे तो बंद कर लिए होते !

वो.. वो.. सॉरी …. ओह.. पर खिड़की और दरवाजे तो बंद हैं ?

इसका मतलब मैं ठीक सोच और बोल रही हूँ न ? तुम वाकई मुट्ठ ही मार रहे थे ना ?

आप हद पार कर रही हैं !

तुम हद पार कहाँ करने दे रहे हो ?

मतलब ?

अच्छा चलो एक बात बताओ !

क्या ?

ये मैना कहाँ गई हुई है ?

मैना…. कौन मैना ?

ओह.. मेरे भोले मिट्ठू मैं तुम्हारी असली मैना की बात कर रही हूँ !

ओह.. मधु.. वो…. ओह.. वो हाँ वो यहाँ नहीं है !

शाबास …. एक बात और बताओ !

क्या ?

उसकी ज्यादा याद आ रही थी क्या ?

क्या मतलब ?

तुम भी एक नंबर के गैहले हो !

क्या मतलब ये गैहला क्या होता है ?

तुम निरे लोल हो अब लोल का मतलब मत पूछना !

ओह ….

अच्छा छोडो एक और बात बताओ !

क्या ?

क्या तुमने कभी मधु के साथ गधा-पचीसी खेली है ?

गधा पचीसी …. क्या मतलब ?

ओह.. लोल गधा-पचीसी बोले तो क्या तुमने मधु की गांड मारी है ?

देखिये….

ओह.. नाराज़ क्यों होते हो इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है ?

मेरी पत्नी के बारे में …. ऐसी …. बात ….

अरे फिर क्या हुआ सभी मर्द अपनी औरतों की गांड मारते ही हैं इसमें बुराई क्या है ?

पर मैं ऐसा नहीं हूँ।

आर यू श्योर ?

ओह आप बड़ी बे-शर्म हैं ?

एक बात पूछूं सच बताना ?

क्या ?

तुम ने कभी उसकी गांड मारने की कोशिश नहीं की ?

नहीं ?

ऐसा कैसे हो सकता है ?

क्या मतलब ?

इतने मस्त कूल्हे देखकर तो किसी नामर्द का भी लौड़ा उठ खडा होता है फिर तुम कैसे कह सकते हो की तुमने उसकी गांड मारने की कोशिश नहीं की ?

वो.. वो …. दरअसल….

ओह …. इसका मतलब वो तुम्हे गांड नहीं मारने देती ?

चलो ऐसा ही मान लो !

तुम भी एक नंबर के लोल हो ?

वो कैसे ?

गुरूजी कहते हैं जिस आदमी ने अपनी औरत की गांड नहीं मारी समझो उसका यह जन्म और अगला जन्म तो बेकार ही गया। अगर ऐसे मस्त नितम्बों वाली औरतों की गांड नहीं मारी जाए तो वे उभयलिंगी बन सकती हैं और अगले जन्म में तो शर्तिया वो खच्चर या किन्नर बनती हैं तो सोचो दोनों ही जन्म व्यर्थ गए या नहीं।

ओह …. नहीं आप झूठ बोल रही है ?

पर गुरूजी तो ऐसा ही कहते हैं।

ये गुरूजी कौन है ?

इसीलिए तो मैं कहती हूँ तुम एक नम्बर के लोल हो !

जरा खुल कर बताओ !

तो फिर प्रेम आश्रम में क्या गांड मरवाने जाते हो ?

वो.. वो.. आप कैसे जानती हैं ?

मैंने भी वहाँ से खास ट्रेनिंग की है चलो छोड़ो ! क्या वाकई तुम मधु की गांड मारना चाहते हो ?

चलो तुम्हारी ख़ुशी के लिए हाँ !

वो क्या कहती है ?

वो तो कहती है भला गांड भी कोई मारने की चीज है ?

साली एक नंबर की चोदू है उसे कोई पूछे तो क्या चूत केवल मूतने के लिए ही होती है ? जब चूत में लंड लिया जा सकता है तो फिर गांड में क्यों नहीं ? और तुमने उस साली की बातों पर यकीन कर लिया ?

हाँ !!

कैसे मर्द हो तुम भी ? साली को पटक कर ठोक दो किसी दिन !

ठीक है ऐसा ही करूँगा !

तुमने मुट्ठ मारना बंद तो नहीं कर दिया ?

ओह …. आ …. न्न ….ऽऽऽ

चलो शुरू हो जाओऽऽ

तुम तो मेरी क्लास टीचर की तरह मुझे हुक्म दे रही हो ?

क्या मतलब ?

वो भी ऐसे ही डांटती थी।

ओ.के. चलो शुरू हो जाओ !

ठीक है !

मैं भी सोफे पर बैठी मुट्ठ ही मार रही थी !

तुम मेरे पास चली आओ ना ?

ऐसे तो बड़े मिट्ठू बनाते हो मैना के ?

तुम मधु से इतना जलती क्यों हो ?

वो साली चीज ही ऐसी है ! हाय क्या मस्त चूतड़ हैं ! इसीलिए तो कहती हूँ उसे तो उल्टा पटक कर ही ठोकना चाहिए।

ठीक है, क्या तुम भी गांड मरवाती हो ?

हाँ कभी कभी पर मेरे पति का तो बहुत छोटा है ?

कितना बड़ा है ?

कोई ३ या ४ इंच का होगा !

बस ?

हाँ. और तुम्हारा कितना बड़ा है ?

क्या तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा ?

अबे साले पर्दा खिड़की दरवाजा सब तो बंद कर रखा है फिर कैसे दिखेगा ?

खोल दूँ क्या ?

पड़ोसी मारेंगे !

मेरा तो ७” का है

आईला ….. क्या मस्त पप्पू है ?

तुम्हारी उम्र कितनी है ?

औरतों की एज नहीं पूछी जाती ?

तो फिर क्या पूछा जाता है ?

उनकी तो साइज़ पूछी जाती है

अच्छा साइज़ ही बता दो ?

किसकी ?

चूत की और किसकी ?

धत् …. शैतान कहीं के ….. ?

ओह .. तुम तो शरमा गई …. प्लीज बताओ नाऽऽऽ !

ओह.. मेरी मुनिया तो बहुत छोटी है !

फिर भी कितनी बड़ी ?

एक माचिस की तिकोनी डिब्बी जीतनी और चीरा तो बस ३ इंच का है जैसे किसी छोटी सी परवल को बीच में से चीर दिया हो !

बस ?

हाँ

पर इतनी छोटी कैसे ?

मैंने ओपरेशन जो करवा लिया है पहले मेरी चूत का चीरा ५” का था उसमे मज़ा नहीं आता था तो मैंने उसकी सिलाई करवा ली है !

अब तो बड़ा मज़ा आता होगा ?

क्या ख़ाक मज़ा आता है ?

क्यों ?

अरे उस साले का खड़ा ही नहीं होता !

अच्छा तुम्हारी चूत कैसी है और उसका रंग कैसा है ?

होंठ संतरे की फांकों की तरह हैं पर थोड़े काले हैं पर अन्दर से एक दम गोरी गुलाबी रतनार है बिलकुल रस भरी कुप्पी की तरह. पंखुडियां बाहर से कुछ काली लगती हैं पर अन्दर से गुलाबी और बहुत पतली हैं. किसमिस का दाना तो मोटा और सुरमई है ?

क्या चुसवाती हो ?

अब तो यही करना पड़ता है !

तुम कौन से आसन में चुदवाना पसंद करती हो ?

ओह.. मैं तो चाहती हूँ की कोई मुझे पकड़ कर रगड़ दे बस..

ओफो.. फिर भी कैसे ?

दोनों टांगें को हाथों से पकड़ कर ऊपर तान दे और मोटा सा लंड गच्च से अन्दर ठोक दे या फिर …. मुझे कुत्ता बिल्ली आसन सबसे ज्यादा पसंद है।

ये भला कौन सा आसन हुआ ?

तुम आदमी हो या पजामा ?

ओह.. बताओ ना ?

इस आसन में औरत बेड के एक किनारे पर अपने पंजे थोड़े से बाहर निकल कर घुटनों के बल बैठ जाती है, अगर औरत थोडी मोटी है और ज्यादा चुद्दक्कड़ है या उसकी चूत कुछ बड़ी या ढीली है तो गोद में एक तकिया रखकर घुटनों में सर लग कर अपने नितम्ब कुछ ऊँचे कर लेती है. पीछे से उसका पार्टनर फर्श पर खडा होकर उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर एक ही झटके में लंड उसकी चूत में ठोक देता है बिना रहम किये. एक बार उस मैना को भी ऐसे ही ठोक कर देखो मज़ा आ जायेगा ?

ओह.. तुम तो बड़ी बे-रहम हो उस बेचारी की तो जान ही निकल जायेगी !

अबे लोल.. औरत के साथ शुरू शुरू में तो ठीक है बाद में रहम नहीं करना चाहिए. नहीं तो आदमी को लोल समझ लेती है !

ठीक है मास्टरनीजी !

मैं तो चाहती हूँ इसी तरह कोई मेरी कमर पकड़ कर एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में भी ठोक दे और आधे घंटे पेलने के बाद 8-१० पिचकारी अन्दर ही छोड़ दे….बस मज़ा आ जाए !

क्या चुसवाती भी हो ?

अब तो यही करना पड़ता है वो साला तो २ मिनिट में ही टीं हो जाता है।

कमर कितनी होगी ?

कमर है ३२ इंच !

और स्तन ?

वो तो बड़े मस्त हैं ३६ साइज़ के गोल मटोल बिलकुल ठां लगती हूँ !

ठां बोले तो ?

ओह …. लोल …. कहीं के “ठां” मतलब बिलकुल बोम्ब पटाका !

कभी चुसवाये हैं ?

हाँ मैं तो खूब चुसवाती हूँ और कभी कभी खुद भी इनके चूचुक मुंह में डाल कर चूसती हूँ, बड़ा मज़ा आता है ! क्या तुम्हें मोटे वक्ष पसंद हैं ?

हाँ मैं तो रात भर चूसता रहता हूँ !

और मैना क्या करती है उस दौरान ?

वो मेरे पप्पू से खेलती रहती है !

अच्छा तुम्हारे नितम्बों का साइज़ क्या है ?

क्यों ?

ऐसे ही जानकारी के लिए !

कोई गलत इरादा तो नहीं ?

अरे नहीं ?

क्यों क्या मटकते कूल्हे तुम्हे अच्छे नहीं लगते ?

मैं तो मुरीद हूँ मोटे नितम्बों का !

तो मधु को क्यों छोड़ रखा है ?

ओह.. उसकी कमी तुम पूरी कर दो ना ?

बड़े बदमाश हो ?

ओह.. बताओ ना तुम्हारे नितम्बों का साइज़ क्या है ?

बहुत ही मस्त हैं पर साली मधु से ज्यादा सुन्दर नहीं हैं।

क्या तुम्हे गांड मरवाना पसंद है ?

ओह …. मैं तो तीनों छेदों में लेती हूँ !

दो तो सुने थे ये तीसरा छेद कौन सा हुआ ?

ओह.. लोल …. ओह.. ना रे तुम लोल नहीं पूरे गुरुघंटाल हो. अब तुम इतने लोल भी नहीं की तीसरे छेद का मतलब भी ना जानो ?

हा.. हा …. हा …..

तुम हंस रहो हो ?

तुम्हारे तो मज़े ही मज़े हैं !

अच्छा तुम्हारी मलाई निकालने में कितनी देर लगती है ?

चूत में या मुट्ठ मारने में ?

चलो दोनों में ही बता दो !
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RE: प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ - by sexstories - 07-04-2017, 12:41 PM

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