बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:21 AM,
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
राकेश उठकर बैठा और बोला: मम्मी लो मैंने अपने गाल आपके पास किया । मारो थप्पड़ ज़ोर से । 

अब सरला रुआंसी होकर: बेटा क्यों तंग कर रहा है अपनी माँ को। प्लीज़ खाना खा ले । ऐसी ज़िद नहीं करते बेटा। 

राकेश: मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ। मैं अपने बिना नहीं रह सकता । आप हाँ कर दो मैं अभी खाना खा लूँगा। 

सरला: मेरे हाँ करते ही तू मेरे ऊपर टूट पड़ेगा । हैं ना ?

राकेश: नहीं मम्मी आप बस हाँ कर दो। फिर आप जब कहोगी और जैसा कहोगी वैसा हो होगा। 

सरला:मतलब हाँ कहने पर भी तू मुझे थोड़ा वक़्त देगा ना? 

राकेश: मम्मी बिलकुल । आप जब तक नहीं चाहोगी मैं आपको नहीं चोदूँगा। पर प्यार तो हम कर हो सकते हैं ना? 

सरला : अच्छा चल मैंने हाँ की। पर तुझे मेरे को मानसिक रूप से तय्यार होने का समय देना होगा। 

राकेश ख़ुशी से उछल कर मम्मी की गोद में लेट गया। वह उसके बालों में हाथ फेरी और बोली: बहुत ज़िद्दी हो गया है तू। अपनी बात आख़िर मनवा कर ही माना। चल अब खाना खा। 

राकेश : मम्मी आप ही खिलाओ आज। अब वह अपनी मम्मी की साड़ी का पल्लू गिराया और उसकी ब्लाउस में से बाहर झाँकती छातियों को चूमकर मस्त हो गया।

सरला हँसकर: अच्छा अब तबियत ठीक हो गयी। चल बदमाश ठीक है मैं ही खिला देती हूँ। फिर वो अपने बेटे को प्यार से खिलाने लगी। वो भी सुबह से भूका था इसलिए जल्दी जल्दी खाने लगा। मालिनी ने उसे पकड़कर उठाया और बिठाकर खिलाने लगी। उधर वो उसकी साड़ी के ऊपर से जाँघें दबाने लगा, और बोला : मम्मी आपकी जाँघें कितनी गद्दीदार हैं। 

वो हँसकर: अच्छा, और क्या गद्दीदार है मेरा ?

राकेश: ये मम्मी । कहते हुए वो उसकी छातियाँ दबाने लगा। 

सरला ने उसका हाथ वहाँ से नहीं हटाया और कहा: अच्छा ये बता कि तू मेरी छातियाँ ऐसे दबाएगा तो मैं परेशान नहीं होऊँगी क्या? और क्या तू मुझे परेशान करना चाहता है? 

राकेश उसी समय उसकी छातियों से हाथ हटाया और बोला: नहीं मम्मी मैं आपको बिलकुल परेशान नहीं करना चाहता। मैं तो बस आपको प्यार करना चाहता हूँ। 

सरला: अगर तू मुझे सच्चा प्यार करता है तो चल जल्दी से खाना खा ले । और मुझे जाने दे । 

राकेश: मम्मी आज मेरे साथ सो जाइए ना प्लीज़। मैं आपको नहीं चोदूँगा। पक्का। 

सरला: अरे तू तो नहीं चोदेगा मगर तेरे ताऊ तो अभी इशारा करके गये हैं कि वो आज आयेंगे चुदाई के लिए। अब तुझसे क्या छिपाना। तुम तो सब जानते हो। 

राकेश: ओह मम्मी कोई बात नहीं। मैं तो बस आपसे चिपक कर सोना चाहता था। चलो कल सही। आप जाओ ताऊ जी के साथ आपका रिश्ता बहुत पुराना है। मैंने कई बार आप दोनों को चुदाई करते देखा है ।

सरला: सच तू अब बड़ा हो गया है। मुझे तुझपर गर्व है। अच्छा अब चलती हूँ। उसके खाने के ख़ाली बर्तन उठाए और झुक कर बेटे का गाल चूमने लगी। पर बेटा कहाँ कम था , उसने अपने गाल घुमाए और अपने होंठ अपनी मम्मी के होंठ पर रख दिए। एक लम्बे चुम्बन के बस सरला अलग हुई और हाँफते हुए बाहर चली गयी। जाते हुए राकेश का खड़ा लण्ड इसकी तेज़ निगाहों से नहीं बच सका। 

उस रात सरला के कमरे में श्याम करीब रात को ११ बजे आया और उसने जमकर चुदाई की। राकेश चुदाई देखने के लोभ से अपने आप को वंचित नहीं रख सकता था । सो वह खिड़की से पूरी चुदाई देखा ।आज श्याम उसे घोड़ी बनाकर पीछे से चोद रहा था। मम्मी की बड़ी सी गाँड़ में श्याम की जाघें थप्प थप्प कर के आवाज़ निकाल रही थी। वह उसकी चूचियाँ भी दबाए जा रहा था। राकेश मज़े से भर गया और मूठ्ठ मारकर अपनी भूक़ शांत किया। वहाँ बिस्तर पर मम्मी पेट के बल लेटी थी और उसकी बड़ी गोरी गाँड़ बहुत मस्त लगी राकेश को। श्याम का लण्ड अब सिकुड़ चुका था। वो उठा और बोला: सरला मैं अब जाता हूँ जान। 

राकेश चुपचाप वहाँ से हट गया और ताऊ को बाहर जाते देखा। फिर वो खिड़की से अंदर झाँका और वहाँ मम्मी नहीं थी। शायद बाथरूम गयी होंगी। वो चुपचाप अंदर कमरे में पहुँच कर बिस्तर पर बैठ कर मम्मी के वापस आने का इंतज़ार करने लगा। सरला बाहर आइ और वो सिर्फ़ नायटी में थी। उसकी हिलती बड़ी चूचियाँ इस बात की गवाही दे रही थी कि उसने ब्रा नहीं पहनी है। वो राकेश को देखकर बोली: बेटा, तू इस समय यहाँ क्या कर रहा है? वो उसके पास आकर बैठी। 

राकेश: मम्मी आपकी चुदाई देख रहा था। मैं तो बचपन से ही आपकी चुदाई देख रहा हूँ। मुझे बहुत अच्छा लगता है। 

सरला: पागल है तू। एक ही चीज़ को बार बार देखने में क्या मज़ा आता है तुझे? 

राकेश उसकी गोद में लेट गया और बोला: मम्मी मैं तो आपके बदन का दीवाना हूँ। अब वो नायटी के ऊपर से उसकी चूचियों को सहलाने लगा और बोला: मम्मी दुद्दु पिलाओ ना। 

सरला: चल हट बदमाश। इतना बड़ा हो गया है। अभी भी माँ का ही दूध पीना है। कोई गर्ल फ़्रेंड ढूँढ ले और उसका दूध पी। 

राकेश ने देखा कि मम्मी उसका हाथ अपनी चूचियों से हटाया नहीं था। इसलिए वो अब उसके निपल्ज़ को दबाया। सरला: आऽऽऽऽऽह क्यों तंग कर रहा है बेटा। जा अब सो जा। मैं भी थक गयी हूँ। 

राकेश: मम्मी चुदाई से थकावट हो जाती है क्या? 

सरला: हाँ बेटा मुझे अब थकावट हो जाती है। मेरी उम्र भी तो हो रही है। 

राकेश: मम्मी अभी तो आप मस्त जवान हो। उफफफ क्या मस्त चूचियाँ हैं आपकी। मम्मी एक बार चुदवा लो ना अभी? प्लीज़। 

सरला ने देखा कि उसका लोअर पूरी तरह से तन गया था। वो उसके उभार को देखकर बोली: देख तू तो अपना खड़ा कर के बैठ गया। 

राकेश: मम्मी तभी तो कह रहा हूँ कि चुदवा लो ना। 

सरला: अच्छा चल बाहर निकाल । चूस देती हूँ। चुदाई के लिए मैं अभी भी तय्यार नहीं हूँ। माँ बेटे में चुदाई नहीं हो सकती। 

राकेश अपना लोअर और चड्डी नीचे किया और सरला उसके लण्ड को प्यार से देखी और बोली: बाप रे कितना बड़ा हो गया है तेरा। ये कहकर उसने प्यार से मुट्ठी में भर लिया। और उसको सहलाने लगी। फिर उसके टोपी के ऊपर की चमड़ी पीछे की और मोटे सुपाडे को देखकर मस्त होकर उसे अंगूठे से सहलाई। 

राकेश के सपने मानो साकार होने लगे थे। वो मस्ती में आकर मम्मी की गोदे में लेटे हुए नायटी के ऊपर से उसके दूध को मुँह में लेने लगा। अब सरला बोली: चल बिस्तर पर लेट तभी तो चूसूँगी। अच्छा ये तो बता कि किसी लड़की के साथ मज़ा लिया है या नहीं? 

राकेश: मम्मी आप पहली औरत हो जिसने इसे पकड़ा है। मैं तो आपका ही दीवाना हूँ । मुझे कोई लड़की नहीं चाहिए। 

अब वह बिस्तर पर लेट गया। सरला ने उसके लौड़े पर अपना मुँह झुकाया। और उसकी झाँटे सहलाते हुए उसके सुपाडे को चूमने लगी। राकेश आऽऽऽऽहह कर उठा। अब सरला ने उसके पूरे लम्बाई को चूमा और फिर उसके बालों से भरे बॉल्ज़ को भी चूमी। अब वो अपने होंठ और जीभ से उसके सुपाडे को चूसने लगी। अब राकेश की -आऽऽऽह मम्मी - निकल गयी। अचानक उसने लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। अब वो उसे डीप थ्रोट देने लगी। राकेश आऽऽऽऽहहह मम्मीइइइइइइइ मैं तो गयाआऽऽऽऽऽऽऽ। अब वो प्यासी औरत अपने बेटे का कामरस पीती चली गयी। राकेश आँखें फाड़े मम्मी को अपना वीर्य पीते देख रहा था और झटके मार मार कर झड़े जा रहा था। बाद में वो उसके लण्ड के एक एक हिस्से को प्यार से चाट कर साफ़ की। जब वो मुँह ऊपर उठाई तो उसके होंठों में कुछ बूँदें लगी हुईं थीं जिसे वो हाथ से साफ़ की और फिर हाथ को भी चाट ली। राकेश मज़े से लस्त होकर पड़ा रहा। सरला उसकी ओर देखी और मुस्कुराती हुए बोली: मज़ा आया? 

राकेश: मम्मी इससे ज़्यादा मज़ा आज तक कभी किसी चीज़ में नहीं आया। थैंक्स । 

सरला हँसती हुई बाथरूम चली गयी। अब वो भी अपना लोअर ऊपर किया। मम्मी के आने पर वो उससे लिपट गया और दोनों ने एक दूसरे को बहुत प्यार किया। फिर सरला बोली: चल अब जा अपने कमरे में देर हो गयी है। कल कोलेज भी जाना है ना? 

राकेश : ठीक है मम्मी । कहकर वहाँ से चला गया। सरला भी अब लेटकर सोने की कोशिश की। 

उधर राजीव भी सोने की कोशिश कर रहा था। दिन भर की घटनाओं के बारे में सोचने लगा। आज बहुत कुछ हुआ था। मालिनी ने उसको शीला की बुर दिलाई थी। साथ ही आज उसने मालिनी के मन में शिवा और सरला के बारे में शक की बुनियाद रख दी है। देखें तीर कितना निशाने पर लगता है? वो भी सो गया।

सुबह किचन में चाय बनाकर वह राजीव को आवाज़ दी। वह बाहर आकर चाय पीते हुए बोला: रात में शिवा ने चोदा? 

मालिनी: उफफफ पापा आप भी ना। शायद ही दुनिया में कोई ससुर अपनी बहु से ऐसा अजीब सवाल पूछता होगा? 

राजीव: ये मेरी बात का जवाब तो नहीं हुआ बेटा। 

मालिनी : ओह्ह्ह्ह्ह अच्छा आपकी बात का जवाब है हाँ हाँ । बस अब ख़ुश? वैसे आपके कारण बड़ी अजीब स्तिथि बन गयी थी । जब मैंने उनको पूछा कि आप मम्मी के साथ कुछ किए थे क्या? तो उनका तो बस खड़ा हुआ उसी समय नरम पड़ गया था। 

राजीव: ओह तो चुदाई आधी रह गयी क्या? 

मालिनी: नहीं बाद में वो फिर और ज़्यादा उत्तेजित होकर बुरी तरह से चोदे। 

राजीव: पर बाद में ऐसा क्या हो गया कि वो इतना उत्तेजित हो गया? मुझे कुछ समझ नहीं आया। 

मालिनी: वो वो असल में अब कैसे बताऊँ? छोड़िए ना। 

राजीव ने उसका हाथ पकड़ा और बोला: बेटा बताओ ना ऐसा क्या हुआ? 

मालिनी: जब हम दोनों में थोड़ी बहस हुई तो मैंने कह दिया कि अगर आप मेरी मम्मी से करोगे तो मैं भी बदला लूँगी। 

राजीव : कैसे लोगी बदला? 

मालिनी: आपको बताऊँगी तो आप मस्त हो जाओगे। 

राजीव: अरे जान अब बता भी दो ना। वैसे उसे अंदाज़ा हो गया था पर वह उसके मुँह से सुनना चाहता था। 

मालिनी: मैंने कहा कि आप मेरी माँ से करोगे तो मैं आपके पापा से करूँगी। हा हा मज़ा आ गया ना आपको? 

राजीव: आऽऽऽऽह बेटी सच मज़ा आ गया। 
वह उठकर उसके पास आकर उसकी बग़ल की कुर्सी पर बैठा और उसकी जाँघ दबाकर बोला: फिर शिवा क्या बोला?

मालिनी: वो बहुत उत्तेजित हो गए थे और - और - 

राजीव: उसकी जाँघ सहलाकर: हाँ हाँ बोलो बेटा। 

मालिनी: मैं भी बहुत उत्तेजित हो गयी थी। फिर उन्होंने मुझे ज़बरदस्त तरीक़े से चोदा। एक बात कहूँ मुझे लगता है इतना उत्तेजित वो कभी नहीं हुए थे पहले। उफफफफ क्या चुदाई किए। पागल ही हो गए थे वो। 

राजीव हैरान होकर: वो ग़ुस्सा नहीं हुआ बल्कि उत्तेजित हुआ? Wow । अच्छा ? 
वो सोचने लगा कि इसका क्या मतलब हो सकता है? 

तब वो सोचा कि कहीं शिवा भी तो यही नहीं चाहता कि वो मालिनी को चोदे? पर ये कैसे हो सकता है ? वो तो इसको प्यार करता है? इसका मतलब क्या वो भी कुछ नया चाहता है? वो सामने से बोला: ओह वो उत्तेजित क्यों हुआ ये तो पता नहीं पर एक बात बताओ कि तुम क्यों उत्तेजित हुई?

मालिनी ने आँखें झुकाकर कहा: पता नहीं। 

अब वो उसकी नायटी के ऊपर से जाँघ दबाकर बोला: इसका मतलब है कि तुम भी मुझसे चुदवाना चाहती हो? 

मालिनी: पापा आपको इसमे शक है क्या? पर आप जानते हो कि मेरा ज़मीर इसकी इजाज़त नहीं देता। राजीव ने उसका हाथ अपने लण्ड पर रखा और वो उसे लूँगी के ऊपर से दबाकर बोली: आज सुबह सुबह ही शुरू हो गए आप?

राजीव: तुमने बात ही इतनी बढ़िया बताई है। 
अब मालिनी भी उसके लण्ड को दबाकर महसूस की और उठती हुई बोली: पापा अब मैं शिवा को भी उठा देती हूँ। 

जैसे ही वो उठी राजीव ने उसकी नायटी के ऊपर से उसकी मस्त गाँड़ को अपने पंजों में भर लिया और दबाकर बोला: आऽऽऽह बेटी कब चुदवाओगी मुझसे ? सच बहुत मन करता है तुम्हारी जवानी का मज़ा लूटने का। 

वो: पापा बस थोड़ा सा और इंतज़ार करो। मुझे लगता है कि आप जल्दी ही अपनी इच्छा पूरी कर पाओगे। 

वह उसको छोड़ा और बोला: आह पता नहीं बेटा कितना और इंतज़ार करवाओगी? चलो ठीक है देखते हैं क्या होता है?

वह चाय बनाई और शिवा को उठाई । शिवा बाथरूम से आकर उससे चिपक गया और बोला: आह रात की चुदाई बहुत मस्त थी। पता नहीं हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए थे। वो उसके कमर को सहला कर मस्त होकर बोला।

मालिनी: हाँ सच बहुत मज़ा आया था। अच्छा अब आप तय्यार हो जाओ। 
शिवा उसके गाल को चूमकर उसकी चूचियाँ दबाया। और फिर बाथरूम में चला गया। 

मालिनी सोची कि दोनों बाप बेटा हर समय मेरे बदन को दबाकर मुझे मस्त करते रहते हैं। वो मुस्कुराकर किचन में चली गयी। 

शिवा दुकान जाकर सरला को फ़ोन किया। उस वक़्त सरला सबको नाश्ता कराके आराम कर रही थी। सरला: हेलो हाँ शिवा कैसे हो। 

शिवा: नमस्ते मम्मी । ठीक हूँ। आज आपकी याद आ रही थी। 

सरला: ओह सच । मैं तो सोची थी कि तुम मुझे भूल ही गए। 

शिवा: मम्मी आपको कोई कैसे भूल सकता है। क्या मज़ा दिया था आपने। उफफफ अब भी याद आता है तो लण्ड खड़ा हो जाता है। मैंने अपने जीवन में सिर्फ़ आपको और मालिनी को ही तो चोदा है। तो कैसे भूल जाऊँगा आपको ?

सरला: चल बदमाश कहीं का। मेरी हड्डी हड्डी दुखा दी थी तेरी चुदाई ने। सच कहती हूँ तू तो घोड़ा है आदमी थोड़ी है। 

शिवा हँसकर : मम्मी आप भी ना। अच्छा एक बात बताओ कल रात को मालिनी बोल रही थी चुदाई के समय कि क्या मैंने आपको चोदा है उस दिन जब वो फ़िल्म देखने गयी थी? उसे ऐसा शक कैसे हुआ होगा? 

सरला: ओह तुमने मना कर दिया ना? 

शिवा: अरे मना तो किया पर ये ये विचार उसे आया कैसे? 

सरला: पता नहीं। हो सकता है कि तुम्हारे पापा ने उसे ये बोला हो? 

शिवा: पापा ने ? क्या पापा उसके साथ ऐसी बात कर सकते हैं? 

सरला: पता नहीं पर मुझे लगता है कि मालिनी को ये बात उन्होंने ही कही होगी। 

शिवा: पर आप ऐसा कैसे कह सकते हो? पापा उसे अपनी बेटी मानते हैं और वो उससे मेरी और आपकी चुदाई की बात कैसे कहेंगे? 

सरला: बेटा मैंने तुमको बताया था ना कि तुम्हारे पापा दूसरी शादी की बात करे हैं मालिनी से । वो तुमको कहाँ बताई। वो और क्या क्या बोलते होंगे मालिनी शायद तुमको नहीं बता पाती होगी। 

शिवा: ओह हाँ ये हो सकता है कि वो किसी दबाव में होगी? मुझे पता करना ही होगा। 

सरला: बेटा कोई आया है बाहर घंटी बज रही है मैंने बाद में बात करूँगी। 

शिवा ने फ़ोन बन्द किया और सोचने लगा कि ये माजरा क्या है? सबसे पहले मालिनी का ये कहना कि वो मम्मी के साथ मज़ा लिया क्या। और अब सरला का ये कहना कि पापा मालिनी से इस तरह की बातें कर सकते है। और सबसे बड़ी बात वो सोचा कि जब मालिनी उससे बदले लेने की बात की तो वो ख़ुद इतना क्यों उत्तेजित हो गया था? इसका क्या मतलब है कि वो ख़ुद चाहता है कि उसकी बीवी पापा से चुदे? और एक बात ये मालिनी भी इतनी उत्तेजित क्यों हुई थी? उसकी बुर में मानो नदी बह रही थी। इसका क्या मतलब है कि मालिनी भी पापा से चुदवाना चाहती है? उफफफ वो ये क्या सोच रहा है? उसने देखा कि उसका लंड पूरा तन गया था। वो सोचने लगा कि वो ख़ुद क्या चाहता है। अपने लण्ड को सहलाकर लैपटॉप खोला और उसने एक सीडी लगाई जो वो अपने कैबिन में छिपा कर रखता था। उस सीडी में एक बाप और बेटा एक लड़की को चोद रहे हैं । वो लड़की उस लड़के की गर्ल फ़्रेंड है। जिसको बेटा बाप को ऑफ़र करता है। 
इस सीडी को वो कई बार देख चुका था। ये उसकी पसंदीदा सीड़ी है। अब क्या सच में उसके जीवन में ऐसा ही कुछ होने वाला है?
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:21 AM

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