बहू नगीना और ससुर कमीना
06-10-2017, 10:27 AM,
RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
उधर सरला अभी अभी राकेश से चुदवा कर फ़्री हुई थी। वो कोलेज चला गया था और वो अभी भी बिस्तर पर अलसाई सी पड़ी थी। उसने अपने बुर में ऊँगली डाली और बेटे के रस को चाटा। तभी फ़ोन बजा और वो देखी कि समधी जी का फ़ोन था। वो बोली: नमस्ते। जी ठीक है। आप कैसे हैं? आज मुझे कैसे याद किया?

राजीव: अरे हम तो आपको रोज़ याद करते हैं समधन जी। आप ही हमें भूल गयीं हैं ।

सरला: जाने दीजिए । आज भी मतलब से ही फ़ोन किया होगा। बताइये क्या बात है?

राजीव: अरे वो क्या है ना कि शिवा और मालिनी कल शाम को एक रात के लिए एक रिज़ॉर्ट में जा रहे हैं। तो मैं सोचा कि क्यों ना आपको एक रात के लिए बुला लूँ। पुरानी यादें ताज़ा हो जाएँगी।

सरला: ओह क्या श्याम को भी साथ में लाऊँ ? वो पूछेंगे ना कि कहाँ जा रही हो?
राजीव: नहीं उसे साथ में मत लाओ। तुम उसे मत बताना कि शिवा और मालिनी यहाँ नहीं होंगे। तुम मालिनी से मिलने का कह कर एक रात के लिए आ जाओ।

सरला: चलो ठीक है मैं शाम को ६ बजे तक आपके यहाँ आ जाऊँगी। बस स्टॉप पर आ जाओगे ना मुझे लेने?

राजीव: अरे मेरी जान ये भी कोई पूछने की बात है भला?
वैसे ये तो बताओ क्या पहनोगी? कुछ सेक्सी सा पहनना।
सरला: हा हा कुछ भी पहनूँगी पर आप तो घर पहुँचते ही सब उतार कर मुझे नंगी कर ही दोगे ना।

राजीव हँसकर: ये सही कहा पर फिर भी कुछ सेक्सी सा पहन लेना। तुम्हारे फ़िगर पर तो मैं फ़िदा ही हूँ। उफफफ कितने दिन हो गए तुमको चोदे हुए।
सरला: हाँ सच में । मुझे भी आपकी बहुत याद आती है।

राजीव: मेरी या मेरे लौड़े की?

सरला हँसकर : दोनों की। अच्छा चलो फ़ोन रखती हूँ । आपसे कुछ देर और बात की तो मेरी बुर गीली हो जाएगी। कल मिलते हैं। बाई।


राजीव: बाई मेरी जान। पता नहीं कल तक का समय कैसे कटेगा।

सरला हँसकर फ़ोन काट दी।

मालिनी: उफफफ ये मम्मी भी ना। एक बार में ही मान गयीं । मना तक नहीं किया। और कितनी खुल कर बात करती है?

राजीव अपना लौड़ा सहलाकर: बेटी ये लंड जो एक बार ले ले ना वो फिर से उस मज़े के लिए कभी ना नहीं करेगी।

मालिनी मुस्कुराई : ये तो सच है। पापा आप मज़ा मस्त देते हो। बहुत प्यार से करते हो।

शिवा: ये क्या करते करते लगा रखी हो। चुदाई बोला करो। बोलो पापा आप बड़े प्यार से चोदते हो।

मालिनी: देखो पापा ये मेरे पति हैं और ये ख़ुद ही मुझसे गंदी बात बोलने को कह रहे हैं।

राजीव: अरे बेटी, चुदाई को चुदाई नहीं कहेंगे तो भला क्या कहेंगे। इसमें गंदा कुछ नहीं है। शिवा एकदम सही बोल रहा है।

शिवा: पापा बातें बहुत हो गयीं अब चुदाई हो जाए?

राजीव: बेटा ऐसा करते हैं कि मालिनी मेरा लंड चूस देगी और तुम उसकी बुर चोद लो।

शिवा: ठीक है पापा। बोलो मालिनी ऐसा ही कर लें?

मालिनी: अच्छा मेरे पास कोई दूसरा आप्शन है क्या सिवाय हाँ कहने के।

इस पर सब मुस्कुरा दिए।

शिवा: जानू चलो कपड़े उतारो। पापा बेडरूम में चलें?

राजीव: हाँ चलो तुम्हारे बेडरूम में चलते हैं।

अब सब बेडरूम में पहुँचे और राजीव और शिवा नंगे होकर बिस्तर पर लेट गए। मालिनी भी अपना ब्लाउस निकाली और उसकी चूचियाँ तने हुए निपल्ज़ के साथ नंगी हो गयीं। अब वो पेटिकोट उतारी और नंगी होकर दोनों के बीच आकर लेट गयी। दोनों बाप बेटे उसकी चूचियाँ पकड़कर उसे चूमने लगे। फिर वो उसकी एक एक चूचि भी चूसने लगे। शिवा चूचि चूसते हुए पापा को देखता जाता था जो कि उसकी दूसरी चूचि चूसे जा रहे थे।

राजीव उठकर अपना मुँह उसकी बुर में ले गया और बुर चूसने लगा। शिवा ने उठकर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और वो उसे चूसने लगी। अब मालिनी के मुँह से उन्न्न्न्न ऊँननन की आवाज़ आ रही थी। उसकी बुर पूरी तरह गीली हो गयी थी। अब शिवा देखा कि पापा ने अपना मुँह बुर से हटाया और कहा: शिवा पूरी गीली है चल पेल दे अपना लंड। तय्यार कर दिया है इसकी बुर तेरे लिए।
अब शिवा उठकर उसकी क़मर की तरफ़ आया और दो ऊँगली उसकी बुर में डाली और बोला: उफफफफ पापा मस्त गीली और गरम है। मालिनी तुम उलटी हो जाओ। पापा आप इधर बैठो। वो आपका लंड चूसेगी और पीछे से मैं उसकी बुर चोदूंग़ा।

राजीव पलंग के सहारे बैठ गया और मालिनी पेट के बल होकर उसके लंड को चूसने लगी। शिवा ने उसकी मस्तानी गाँड़ उठायी और उसकी जाँघों को फैला कर उसकी बुर में लंड डालने लगा। उसका मोटा लंड उसकी बुर में घुसने लगा। मालिनी: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ आऽऽऽऽहहह करके उसके लौड़े से अपना मुँह उठाकर चिल्लाई। जब लौड़ा पूरा घुस गया तो वो वापस पापा का लौड़ा चूसने लगी। शिवा उसकी गाँड़ दबाकर उसकी चुदाई करने लगा। वो भी अपनी गाँड़ पीछे धकेल कर मस्ती से चुदवाने लगी। अब वो पापा के आधे से भी ज़्यादे लौड़े को अंदर मुँह में लेकर चूसने लगी। राजीव भी नीचे से कमर उछालकर उसके मुँह को मानो चोदने लगा।

शिवा के धक्के अब ज़ोर पकड़ने लगे। मालिनी के मुँह से उन्न्न्न्न्न उन्न्न्न्न्न म्म्म्म्म्म्म की आवाज़ आ रही थी। चुदाई पूरे शबाब पर थी। आधे घंटे तक शिवा ज़ोर ज़ोर से धक्के मारकर मालिनी को मस्ती से भर दिया । मालिनी एक बार झड़ चुकी थी और अब वो दूसरी बार झड़ने के क़रीब थी। उधर राजीव भी हैरान था कि इतनी देर से चूस रही है क्या थकी नहीं?

अब मालिनी ने अपने मुँह से उसका लौड़ा निकाला और ज़ोर ज़ोर से उसके लौड़े को मूठियाते हुए अपनी कमर पीछे दबाकर चिल्लाई: आऽऽऽहहह मैं गयीइइइइइइइ। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ । अब वो जोश में आके अपनी जाँघे भींच ली। शिवा भी मस्ती में आकर ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा। तभी राजीव भी अपना रस उसके मुँह के ऊपर उसके होंठ और गाल पर गिराने लगा।

थोड़ी देर बाद मालिनी ने अपना मुँह साफ़ किया और हाथ में लगा वीर्य चाट लिया। शिवा उसे ध्यान से देख रहा था और उसे पुराने दिन याद आ रहे थे जब उसकी मम्मी ऐसे ही अपने हाथ में लगा मामू का वीर्य चाटती थी। वो मामू पापा के एक दोस्त ही थे। अब मालिनी बोली: पापा आपका रस बड़ा स्वाद है। उम्म्म्म्म ।

राजीव : बेटा अपना रस भी उसकी बुर से निकालो और इसे चखाओ ।

शिवा ने उसकी बुर में दो उँगलियाँ डाली और अपना वीर्य लगी उँगलियाँ उसके मुँह के पास लाया जिसे मालिनी ने प्यार से चाट लिया। वो बोली: उम्म्म्म्म्म पापा इनका भी बड़ा स्वादिष्ट है। म्म्म्म्म्म।

शिवा सोच रहा था कि मालिनी अभी इंग्लिश ब्लू फ़िल्म की रँडी की तरह लग रही है बाप बेटे से चुदवा कर और उसके मुँह में लगा पापा का रस और ये मेरा रस चाटती हुई उफफफ क्या मस्त कामुक औरत बन गयी है वो।

अब सबने सफ़ाई की और बाद में मालिनी खाना लगाने लगी। दोनों बाप बेटे उसकी मदद करने लगे।

उस दिन दोपहर के खाने के बाद शिवा दुकान चला गया। मालिनी भी आराम करने के लिए अपने कमरे में गयी। राजीव भी सो गया। शिवा दुकान में व्यस्त हो गया। बाद में शाम को उसे याद आया कि उसके कैम तो अभी भी लगे हुए हैं। देखें पापा और मालिनी क्या कर रहे हैं ?
उसने देखा कि पापा सो रहे थे। वो लैपटॉप चालू करके अपने काम में लग गया। अचानक उसकी निगाह जब कुछ देर बाद लैप्टॉप पर पड़ी तो वो देखा कि पापा उठ चुके थे।वो देखे जा रहा था----
शाम को मालिनी उठकर चाय बनाई और राजीव को उठाने गयी। वह कुर्सी पर बैठा कुछ कागच देख रहा था। मालिनी को देख कर मुस्कुराया और कागच हटाकर उसे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में बिठा लिया। फिर प्यार से उसके गाल चूमकर बोला: आओ बेटी आराम हो गया?

मालिनी: जी पापा हो गया। बस अभी थोड़ी देर में बाई आएगी तो किचन में जाकर खाना बनाऊँगी। वो अभी भी ब्लाउस और पेटिकोट में ही थी। राजीव ने उसकी ब्लाउस के ऊपर से उसकी चूचियाँ सहलाना शुरू किया और बोला: बेटी आज बहुत मज़ा आया ना, शिवा के साथ मिलकर चुदाई करने में?

मालिनी: जी पापा बहुत मज़ा आया। सच मैंने कभी नहीं सोचा था कि आप दोनों से एक साथ करवाने में इतना मज़ा आएगा।

राजीव: अरे फिर वही करवाने में? बोलो चुदवाने में।

मालिनी हँसकर : अच्छा बाबा चुदवाने में ही सही।

शिवा दोनों की प्यार भरी बातें सुनकर मुस्कुराया।

राजीव अब उसके ब्लाउस के हुक खोलकर उसकी चूचियों को नंगी किया और उनको प्यार से दबाते हुए बोला: बेटा परिवार में चुदाई का अपना ही मज़ा है। देखना कल रात को जब तुम और तुम्हारी मॉ एक साथ चुदोगी ना तब भी तुमको बहुत मज़ा आएगा ।

मालिनी अपनी गाँड़ हिलाकर बोली: आपको कितना मज़ा आएगा इसका अंदाज़ा तो नीचे जो आपका डंडा चुभ रहा है ना, उसी से पता चल रहा है।

राजीव उसके कंधे को चूमकर: बदमाश लड़की। सच में मुझे तो मज़ा आएगा ही। वैसे भी तुम्हारी माँ के रूप का दीवाना हूँ। क्या मस्त गदराया हुआ बदन है मेरी समधन का।

मालिनी: आऽऽहाह पापा ज़ोर से मत दबाओ ना। दुखता है।

राजीव ने चूचियों से हाथ हटाया और बोला: सॉरी बेटा थोड़ा उत्तेजित हो गया था अपनी समधन का सोचकर।

मालिनी: मम्मी का सोचना छोड़ो। पापा चाय ठंडी हो जाएगी। मैं तो आपको इसलिए बुलाने आयी थी।

राजीव: चलो उठो चलते हैं।

मालिनी गोद से उठी और राजीव ने उसके चूतरों को पेटिकोट के ऊपर से दबाया और बोला: बेटा ये भी अब मस्त गोल गोल और बड़े होने लगे हैं। अपनी माँ की तरह तुम्हारी फ़िगर भी मस्त होती जा रही है।

अब वो दोनों ड्रॉइंग रूम में जाकर चाय पीने लगे।

शिवा सोच रहा था कि लगता है पापा भूल गए हैं कि कैम लगा हुआ है। वह और ध्यान से देखने लगा।

चाय पीने के बाद मालिनी उठकर किचन में जाने लगी। पर राजीव ने उसे खींच कर अपने पास बिठा लिया और बोला: अरे कहाँ चली मेरी रानी बहु ज़रा मेरे पास भी बैठो ना।

मालिनी हँसकर उसकी गोद में ही बैठ गयी और बोली: हाँ बोलिए क्या कहना है।
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना - by sexstories - 06-10-2017, 10:27 AM

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