भाभी की गांड की गुलामी
05-09-2017, 09:46 PM,
#1
भाभी की गांड की गुलामी
हैल्लो दोस्तों, जवान औरत से सेक्स करना और औरत को चोदना हर जवान लड़के का सपना होता है, जो मेरा भी था कि किसी सेक्सी मस्त जवान औरत की गांड मारी जाए और उसकी चूत में जीभ डालकर उसका रस चखा जाए. औरत की भारी-भारी, कसी-कसी, ब्लाउज में दूध से भरी चूचियाँ (बूब्स) हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी और आकर्षित करती और में उनको दबाने के सपनों मे खो जाता कि कब में ब्लाउज के बटन खोलकर उन चूचियों को आज़ाद करूँगा? ब्लाउज के हुक खोलकर, ब्रा को हटाकर, दोनों चूचियाँ (बूब्स) अपने हाथों में लेकर दबाऊंगा, कब औरत के बूब्स स्तन मेरे हाथो में आएँगे? कब में भी उन निप्पल को अपने मुँह में लेकर पी पाउँगा? में मौहल्ले की हर जवान, गोरी, सुंदर और प्यारी भाभी के बारे में सोचता था कि रात को यह कितना मज़ा लुटवाती होगी? और लंड की सवारी कर रोज जन्नत घूमने जाती होगी. हर भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली थी, उनको कभी भी कोई काम होता तो उनका यह देवर हमेशा काम करने को तैयार रहता था. एक बार मेरे एक दूर के भैया हमारे यहाँ अपनी बीवी के साथ रहने आए थे.

यह बात एक रात की है और मुझे गर्मी के कारण नींद नहीं आ रही थी, तो में ऐसे ही बाहर आँगन में निकलकर आ गया, तो सामने बेडरूम की खिड़की से हल्की ट्यूब लाईट की रोशनी बाहर आ रही थी, क्योंकि खिड़की के काँच पर कपड़ा पड़ा था, परंतु खिड़की का एक दरवाज़ा हल्का सा खुला था, ताकि साफ हवा कमरे में आ-जा सके. फिर मैंने सोचा कि यह भैया क्या पढ़ रहे है?

फिर मैंने बस हल्के से दबे पैर पास जाकर खिड़की के नीचे से अंदर देखा तो मेरी सांस जैसे रुक ही गई. अब भाभी पूरी नंगी होकर अपने पेट के बल लेटी थी और उनकी मस्त माँसल गांड ऊपर की तरफ थी. अब भैया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे थे और साथ-साथ वो उनके चूतड़ की भी मसाज कर रहे थे और भाभी हल्के-हल्के मुँह से आहह, सस्स्सस्स, आहह कर रही थी.

जब भैया तेल लगाकर अपनी उंगली भाभी के चूतड़ फैलाकर उनकी गांड में अंदर घुसाते, तो भाभी कह उठती धीरे-धीरे डालो बाबा दर्द होता है. अब भैया लुंगी पहने अपने दोनों हाथों से उनके ऊपर जाँघो पर बैठकर उनके दोनों चूतड़ो की मसाज कर रहे थे. अब गांड की मालिश से भाभी बहुत खुश नजर आ रही थी.

भाभी के उल्टा होकर लेटने से मैंने देखा कि भैया हल्के से लेटकर पीछे से उनकी गांड में अपनी जीभ भी लगा रहे थे, जिससे भाभी आआहह, ऊहहहहहह करती जा रही थी. फिर भैया ने पीछे से ही भाभी के चूतड़ो को फैलाया, जिससे उनकी चूत भी दो फांको में बट गई और उनकी चूत के गुलाबी छेद में अपनी एक उंगली डालकर अंदर-बाहर करने लगे. अब भाभी को अजीब सा नशा चढ़ने लगा था, वो मदहोश होने लगी थी.

फिर भैया धीरे से भाभी के चूतड़ के नीचे आ गये और अपनी जीभ से भाभी की चूत को लप-लपकर चाटना शुरू किया, तो इससे भाभी की सिसकियाँ और साँसे और गर्म और तेज हो गई थी. फिर भाभी अपनी पीठ के बल लेट गई और भैया ने आगे वाले हिस्से की मालिश शुरू की और भाभी की दोनों टांगो को फैलाकर उनकी गोरी माँसल जांघो को रगड़कर मालिश की और अपने अंगूठों से उनकी चूत के दोनों होंठो की मसाज की और फिर खूब सारा थूक डालकर उनकी चूत पर लगा दिया और फिर अपनी जीभ से चूत को रगड़-रगड़कर लाल करके उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ अंदर-बाहर करके अपनी एक उंगली से तेज़ी से अंदर-बाहर करके चूत को गीला करके चोदने का प्रोग्राम बनाया.

अब भैया बार-बार भाभी की चूत के ठीक बीच ऊपर उगी हुई हल्की काली घुँगराली झांटो को भी अपने मुँह से होंठो में दबाकर खींचते, जिससे भाभी को बहुत नशा छा जाता था. उनकी झांटो के नीचे चूत की सुंदरता देखते ही बनती थी, वो बड़ा ही सुहावना सीन था, जिसे देखकर मेरा लंड तनकर कुतुब मीनार सा टाईट खड़ा हो गया था और मेरी चड्डी में ही लंड ने अपना पानी भी छोड़ दिया था.

अब मेरा लंड भी भाभी को चोदने के लिये खड़ा हो गया. फिर मैंने देखा कि भैया भाभी के सर की तरफ अपनी टांगो को करके लेट गये है और भाभी की चूत में अपनी जीभ से खेल रहे है और भाभी भैया का 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटे लंड को पकड़कर अपनी जीभ से भैया के लंड का गुलाबी सुपाड़ा चाट रही थी.

फिर थोड़ी देर में भाभी ने भैया का लंड अपने मुँह में लिया और शांति के साथ अंदर-बाहर का मज़ा करके आहहहहहह करते हुए अपने हाथ से मज़बूती से मेरे लंड को पकड़कर पूरा खड़ा कर दिया. फिर भैया ने अपने लंड को भाभी की चूत को फैलाकर अंदर डाला तो उनका लंड गप की आवाज़ के साथ नरम रेशमी सी चिकनी चूत की मखमली गहराई में समा गया और फिर भैया ने अंदर-बाहर अपना लंड चलाकर भाभी को जन्नत की सैर करवानी शुरू की.

फिर भाभी बोली कि अब गांड भी तो मारो, तो इतना सुनते ही भैया ने भाभी की चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर भाभी की गांड के छेद पर लगा धक्का डाला और उनकी गांड की धुनाई करके भैया 3-4 मिनट में ही झड़ गये. अब उनके लंड से गर्म वीर्य का फव्वारा देखकर मेरा भी लंड भीग आया था, लेकिन में क्या करता? तो मुझे दबे पैर वापस आकर सोना पड़ा और बड़ी मुश्किल से मेरी रात कटी.

फिर मैंने भी भाभी की गांड मारने की सोची और कुछ दिन के बाद मुझे मौका मिल गया. फिर एक दिन में अचानक से भाभी के बेडरूम में जा घुसा. तब भाभी नहाकर टावल लपेटकर निकली थी, तो वो मुझको देखकर समझ तो गई कि इस लड़के को मेरी चूत चाहिए, लेकिन मुस्कराकर बोली कि आज घर में कोई नहीं है, सब शादी में गये है और हम दोनों कल तक इस घर में अकेले है. फिर मैंने कहा कि जानता हूँ, भाभी आप बहुत सुंदर हो. फिर भाभी ने मुस्कराकर कहा कि आज इतनी तारीफ क्यों? तो मैंने कहा कि वो भाभी आज मेरे दिल की तमन्ना पूरी कर दो.

फिर भाभी बोली कि क्या है तुम्हारी तमन्ना? अब भाभी के चेहरे पर एक कातिल हसीना वाली मुस्कुराहट थी. फिर मैंने कहा कि मुझे आपकी गांड मारनी है, सच भाभी इतनी खूबसुरत, जवान, मदमस्त, भरी फूली हुई साँचे में ढली गांड मैंने आज तक नहीं देखी है, तुम्हारी गांड इतनी माँसल है, भाभी तुम्हारी गोरी-गोरी गांड के दर्शन करवा दो, तुम्हारी खूबसूरती की कसम, में ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम रहूँगा और यह कहकर में उनके टावल से लिपट गया और उनको अपनी बाहों में उठा लिया.

अब भाभी को बाहों में भरकर गोद में उठाने से उनका टावल निकलकर जमीन पर आ गिरा था और वो ब्रा और पेंटी में आ गई थी. अब वो हल्की गुलाबी ब्रा और पेंटी में बहुत ही मादक लग रही थी. फिर वो मुस्करा उठी तो मैंने भी जल्दी से उनके होंठो को अपने होंठो में क़ैद किया और 3-4 मिनट तक भाभी के होंठ अपने होंठो में दबाए रखे. अब हमारी जीभ से जीभ लड़ रही थी और थूक का आदान-प्रदान हो रहा था. अब में उनके होंठ चूसता, तो वो मेरे होंठ चूसती, उनके होंठ बहुत मीठे, गुलाबी, मुलायम और गुलाब की पंखुड़ी की तरह थे.

अब में उनको मेरी गोद में ऊपर उठाए था और उनकी दोनों गोरी जांघे मेरी कमर के इधर-उधर थी. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लाकर लेटा दिया और उनकी मसाज करने लगा और भाभी की ब्रा खोलकर उनकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियाँ पीने लगा, उनके निपल्स तो बहुत ही मीठे थे. फिर मैंने अपने अंगूठे की चुटकी बनाकर उनके निपल्स की मालिश की और फिर सक करता रहा और उनके दोनों बूब्स को अच्छी तरह सक किया, जिससे उनकी चूचियाँ टाईट होकर फूलकर बड़ी हो गई. फिर मैंने उनकी नाभि को मेरी जीभ से चाटा, उनकी गोल गहरी नाभि महककर बता रही थी कि भाभी कस्तूरी हिरण के समान थी.

फिर भाभी बोली कि जल्दी से पेंटी उतारो और मेरी चूत को चाटकर चूत की खुजली मिटाओ. फिर मैंने भी उनकी आज्ञा का पालन एक होनहार देवर की तरह किया और बिना टाईम ख़राब किए और उनकी चूत की अपनी जीभ से सेवा शुरू कर दी. फिर भाभी हाययययी यार कितना मज़ा देते हो? हाईईईईई, आअहह ऊहहहहहहहह करने लगी.

अब उनको अपनी चूत की खुजली और जलन शांत करवाने में बड़ा मज़ा मिल रहा था. अब मेरी जीभ भाभी की चूत में अंदर-बाहर सांप की तरह आ जा रही थी. अब में लप-लप करके उनकी चूत को गीला करके पूरी रफ़्तार से उनकी चूत को चाटने लगा था.

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके चूतड़ ऊपर किए और उनकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया, जिससे मैंने उनके गांड के ऊपर भी अपने प्यार का लेप लगाया. फिर में कभी उनकी चूत को अपने होंठो में दबाता, तो कभी मेरी जीभ बाहर करके उनकी गांड के काले छेद पर भी थूक लगाकर हल्के से मेरी जीभ से उनकी गांड सहला देता, जिससे उनकी जवानी को एक करंट लगता. अब में मेरे लंड को तैयार कर चुका था.

फिर मैंने भाभी से कहा कि अपनी दोनों टाँगे फैला लो, ताकि गांड में लंड डालने में आसानी हो और ज़ोर लगाकर एक धक्का दिया, जिससे मेरा लंड उनकी गांड के अंदर समा गया और बड़े मजे लेकर उनकी गांड मारी. फिर में नीचे सीधा लेट गया और भाभी सामने की तरफ अपना मुँह करके मेरे लंड पर अपनी गांड टिकाकर बैठ गई.

फिर मैंने उनकी गांड को फिर से चीरना शुरू किया और पीछे से अपना एक हाथ बढ़ाकर उनकी दोनों चूचियों को दबाने लगा और नीचे से उनकी गांड की धुनाई भी करता जाता और पीछे से उनके दोनों बूब्स की मालिश करता रहता, जिससे उनको आराम मिलता था. अब भाभी की गांड के अंदर बाहर करने से मेरे लंड को एक अलग ही सुख मिल रहा था और साथ ही मैंने अपनी दोनों उंगलियों को सामने चूत के गुलाबी छेद में अंदर डालकर भाभी की चूत की फकिंग भी की, ताकि भाभी को दुगना मज़ा मिल सके और वो जन्नत की सैर का भरपूर आनंद ले सके. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड को भाभी की गांड से बाहर खींच लिया और भाभी के बूब्स पर सारा वीर्य गिरा दिया. अब में भाभी की गांड की सैर करके उनका गुलाम बन गया था, में आज भी उनकी गांड मारने जाता हूँ और खूब मजा करता हूँ.
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