मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-22-2021, 01:00 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
बड़ी ही चालाकी से मेघना ने अपनी जाँघों के बीच से साड़ी में फंसे अनिकेत के लण्ड को खींचकर बाहर निकाल लिया. अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा सा परे हटाकर अपना गोरा पेट नंगा करके मेघना ने अनिकेत के लण्ड को अपनी ओर टान कर अपने पेट पर टिका लिया. अनिकेत ने हल्के से अपनी कमर आगे की ओर खिसकाई, तो Pre - Cum से गीला हुआ पड़ा लण्ड का सुपाड़ा फिसलकर मेघना की गोल नाभी के गहरे गड्ढे में जा घुसा !

मेघना को चूमते चाटते, उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से कसकर पकड़े हुये अनिकेत अपनी कमर धीरे धीरे आगे पीछे आगे पीछे हिला हिला कर मेघना की नरम नाभी को चोदने लगा !!!

" कहाँ से सीख कर आते हो ऐसी गंदी गंदी हरकते ??? ". मदमस्ती में धीरे धीरे कराहते हुये मेघना ने पूछा.

चंद मिनटो में ही अनिकेत ने मेघना को गरम कर दिया, वो लंबी लंबी साँसे लेते हुये सिसकारीयां भरने लगी. साड़ी के अंदर अपनी गदराई जाँघों को आपस में एक दूसरे के साथ भींचकर मेघना अपनी चूत से निकलने को तैयार पानी को रोकने की भरसक चेष्टा करने लगी.

" मममममममम भाभी... ". मेघना के गाल और होंठ चूसते हुये अनिकेत बड़बड़ाया.

" उफ्फ्फ अनिकेत !!! ".

अपनी कोशिश में नाकामयाब रही मेघना की चूत ने पेटीकोट के अंदर ही पैंटी में ढेर सारा पानी उगल दिया. अचानक से मिले इस असाधारण Orgasm की वजह से मेघना का पूरा शरीर सिहर उठा, टेबल से आगे बढ़कर उसने अनिकेत को अपनी बांहों में भर लिया और उसकी पीठ में उसके टी शर्ट के ऊपर से ही अपने लंबे नुकीले नाख़ून गड़ा दियें !

खुद से लिपटी खड़ी मेघना भाभी की नाभी में अब अनिकेत का बड़ा सुपाड़ा पूरी तरह से घुस गया था, अनिकेत ने अपनी कमर के धक्कों की स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी. नाभी के अंदर लण्ड के सुपाड़े की फड़कन से मेघना समझ गई की अब अनिकेत का माल गिर जायेगा. वो अनिकेत की गर्दन और कंधे सहलाते हुये उसे झड़ने के लिए उकसाने लगी. वो उसे अपने पेट पर स्खलित करवाने के लिए रेडी थी...

लेकिन अनिकेत अपनी मेघना भाभी की साड़ी गंदी नहीं करना चाहता था !

मेघना की नाभी में जल्दी जल्दी दो तीन धक्के और मार कर झड़ने की कगार पर पहुँचते ही अनिकेत ने अपना लण्ड वापस से अपनी जीन्स में ठूसकर भर लिया. मुस्कुराते हुये मेघना ने उसके जीन्स की ज़िप चढ़ाकर बंद कर दी, और जीन्स के ऊपर से अंदर खड़े उसके लौड़े को अपने हाथ से सहलाने लगी. मेघना की बांहों से निकलकर अनिकेत उससे अलग हो गया ताकि उसकी साड़ी ख़राब ना हो, और ठीक उसी वक़्त उसके लण्ड ने उसके जीन्स के अंदर अंडरवियर में उल्टी कर दी !!!

" आअह्ह्हहहहहहह... भाभी... भाभी !!! ".

वीर्यस्खलन की अतिउत्तेजना के वशीभूत अनिकेत के पांव लड़खड़ा उठे.

" संभाल के अनिकेत... ".

मेघना ने अपने दोनों हाथों से उसकी टी शर्ट पकड़कर उसे गिरने से रोकना चाहा, लेकिन अनिकेत के शरीर का भार वो संभाल नहीं पाई, और अनिकेत अपने साथ साथ उसे भी ले दे कर लड़खड़ाते हुये पीछे पलंग पर अपनी पीठ के बल धम्म से जा गिरा, और मेघना ठीक उसके ऊपर. करीब दस पंद्रह मिनट तक उसी अवस्था में एक दूसरे की बांहों में लिपटे लेटे पड़े रहने के बाद जब अनिकेत थोड़ा सा शांत हुआ, तो मेघना हँसने लगी ! बिस्तर से अपना सिर उठाकर अनिकेत ने मेघना के ललाट को चूम लिया, और फिर उसके संग संग वो भी हँसने लगा...

" That was good !!! ". मेघना ने ठंडी आह भरी.

" Yes भाभी !!! ". अनिकेत ने सहमति जताई.

मेघना ने देखा की अनिकेत के जीन्स का सामने का हिस्सा वीर्य से अच्छा खासा भींग गया है. जीन्स की ज़िप खोलकर मेघना ने उसके अंडरवियर से उसका वीर्य में लिपा पुता झड़ा हुआ लण्ड बाहर निकाल लिया, और बड़े प्यार से अपनी साड़ी के पल्लू से उसका लौड़ा और जीन्स पोछ पोछ कर साफ करने लगी.

" रहने दीजिये भाभी... ".

" रुको साफ कर देती हूँ... तुम्हारी जीन्स गीली हो गई ! ".

" सूख जायेगा... छोड़ दीजिये. अपनी साड़ी ख़राब मत करिये ! ".

" कोई बात नहीं अनिकेत... ".

" मत करिये भाभी... इतनी सज धज कर अब अपनी महँगी साड़ी को यूँ गंदा तो मत कीजिये ! ".

" मुझे भी साड़ी चेंज करनी ही पड़ेगी ! ". मेघना धीरे से बोली.

" क्यूँ ??? आपको क्या हुआ भाभी ? ".

" कुछ नहीं !!! ".

मेघना ने लजा कर अनिकेत को टाल दिया.

वो भला उसे कैसे बताती की उसका खुद का चूतरस गिर जाने की वजह से भीतर उसकी पैंटी और पेटीकोट पूरी तरह से भींग चुकी है, और वो अंदर ही अंदर गीला गीला महसूस कर रही है !

बहरहाल, मेघना के इस प्यार भरे आचरण से मन ही मन पुलकित होता हुआ अनिकेत उसे अपना लण्ड पोछते हुये देखता रहा...

लण्ड को अच्छी तरह से पोछकर साफ करने के बाद मेघना बिस्तर पर से उठी, और ढीले पड़ चुके लण्ड के सुपाड़े को चूमने के बाद उसे वापस से जीन्स में घुसेड़ कर भर दिया.

" चाय पियोगे ? ". अनिकेत के जीन्स का ज़िप बंद करते हुये मेघना ने पूछा.

" अरे नहीं भाभी... अब मुझे जाना चाहिए ! ". अनिकेत बिस्तर पर से उठकर अपनी टी शर्ट ठीक करते हुये बोला. " अगर अभिषेक भैया आ गएँ तो फिर मुसीबत हो जाएगी ! ".

मेघना मुँह दबाकर हँसने लगी, पर कुछ बोली नहीं !

" आपको हँसी आ रही है भाभी ? ". पलंग के किनारे पर बैठते हुये अनिकेत ने आश्चर्य से पूछा.

मेघना चलकर ड्रेसिंग टेबल तक गई, आईने के सामने अपने आप को निहारा, फिर अपनी साड़ी खोलने लगी, और अनिकेत की ओर देखे बिना ही बोली.

" मैंने तुम्हें यूँ ही नहीं बुलाया अनिकेत. कुछ खास बताना था तुम्हें ! ".

" किस बारे में भाभी ? ". अनिकेत ने पूछा.

" हम दोनों के बारे में... ".

अनिकेत को उसके कौतुहल के साथ ज्यों का त्यों छोड़कर मेघना अपनी साड़ी खोलने में ब्यस्त हो गई. पूरी साड़ी उतारकर मेघना ने वहीँ ज़मीन पर फेंक दी, तो अनिकेत नीले रंग के पेटीकोट में उसके चूतड़ों के गोल उभारों को घूरने लगा. अपनी गर्दन घुमाकर मेघना ने एक नज़र अनिकेत को देखा और मुस्कुराई, फिर अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, तो उसका पेटीकोट सरसराकर उसकी कमर से नीचे ज़मीन पर उसके पैरों पर गिर पड़ा. अंदर मेघना ने साड़ी के कलर की मैचिंग गहरे नीले रंग की टाइट कॉटन पैंटी पहन रखी थी. पैंटी के दोनों छोर को अपने हाथों की ऊँगलीयों में फंसाकर मेघना अब पैंटी खोलने को तैयार थी !

मन ही मन ख़ुशी से पागल हुये जा रहे अनिकेत ने अपनी साँसे रोक ली... आज कितने दिनों बाद उसे अपनी मेघना भाभी की चूत के फिर से दर्शन होने वाले जो थें !!!

" चलो... आँखे बंद, और मुँह उधर घुमाओ ! ". अपनी पैंटी सरकाने से पहले मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा.

अनिकेत समझ गया की मेघना भाभी आज उसे किसी भी हालत में अपनी चूत तो दिखाने से रही !

अपनी मेघना भाभी की प्राइवेसी की इज़्ज़त और लिहाज़ करते हुये अनिकेत ने चुपचाप अपनी आँखे बंद कर ली, और मुँह दूसरी ओर मोड़ लिया.

कुछ ही देर बाद अपने सिर पर मेघना की ऊँगलीयों का स्पर्श महसूस करते ही अनिकेत ने अपनी आँखें खोली, तो सामने मेघना को एक ब्लैक कलर की फ्रेश नाइटी में खड़ा पाया. अपना मुँह आगे बढ़ाकर उसने मेघना की नाभी और चूत के मध्य वाले नरम गुदेदार हिस्से को नाईटी के ऊपर से ही चूम लिया. मेघना मुस्कुराई, और पलंग पर उसके बगल में बैठ गई, और उसका हाथ अपने हाथ में थाम लिया.

अनिकेत की जिज्ञासा को और अधिक ना छेड़ते हुये मेघना ने खुद ही कहना शुरू किया.

" उस दिन के बाद से मेरे और अभिषेक के बीच में कई सारी बातें हुई. वो कुछ भी सुनने या मानने को तैयार नहीं थें, बहुत गुस्सा थें मुझसे... जैसा की तुम गुस्सा कर रहे थे ! ".

मेघना भाभी के चेहरे पर नज़र गड़ाये अनिकेत सुनता रहा.

" फिर मैंने उन्हें समझाया, मनाया... ये कहकर की मैंने कुछ नया तो नहीं किया था, वो यही तो चाहते थें मुझसे... फिर परेशानी कहाँ हो रही है ? अभि ने कहा की उसे बिना बताये मैंने जो किया था वो चीटिंग थी, जिसके लिए वो मुझे माफ नहीं कर सकतें ! हमारे बीच बहुत सारी बातें हुई, मुझे तो याद भी नहीं मैंने क्या कहा, फिर अभि ने क्या कहा... लेकिन... मेरा मतलब है क्या क्या बताऊँ तुम्हें !!! ".

मेघना बोलते बोलते रुक गई, अपना सिर नीचे झुकाये कुछ सोचती रही, फिर धीरे से अपना चेहरा ऊपर उठाकर अनिकेत की आँखों में देखते हुये बोली.

" अनिकेत... कैसे कहूँ तुमसे... पर क्या तुम मेरे हस्बैंड के सामने मेरे साथ सेक्स करने में Comfortable हो सकते हो ??? ".

" What ??? ये आप क्या पूछ रहीं हैं भाभी ? ". अनिकेत ने चौंकते हुये पूछा.

" हमारा रिश्ता खत्म था अनिकेत...मैंने बचाया ! ". मेघना ने दृढता के साथ कहा. " फाइनली अभि की नाराज़गी मुझसे कम तो हो गई, पर इस शर्त पर की अब मैं तुमसे कभी ना मिलूं. मगर... मगर फिर थोड़ा साहस जुटाकर मैंने ही अभि के सामने ये प्रस्ताव रखा ! यही तो उसकी Fantasy भी थी ! ".

अनिकेत को समझ नहीं आ रहा था की वो क्या बोले, तो वो बेवकूफ़ की तरह इधर उधर देखने लगा.

" इधर देखो अनिकेत... मेरी बात सुनो ! ". अपने हाथ से अनिकेत का चेहरा थामकर अपनी ओर घुमाते हुये मेघना ने कहा. " मैं Selfish हूँ... ये मैं सिर्फ और सिर्फ अपने लिए कर रहीं हूँ ! मुझे तुम्हारी आदत पड़ चुकी है... कैसे रहूँ अब तुम्हारे बिना... बोलो ? ".

" और अभिषेक भैया ने क्या कहा ? ". अनिकेत ने सीधे सीधे पूछा.

" मेरी ज़िद पर वो Try करने को राज़ी हैं. पर उन्होंने मुझे सख़्त हिदायत दी है की हमारा संबंध बस शारीरिक ही रहे, हमारे बीच कोई इमोशनल अटैचमेंट ना हो ! ".

" और आप क्या चाहती हैं भाभी ? ".

" और कितनी बार बोलूं तुम्हें अनिकेत... तुम समझ नहीं रहे हो क्या ? तुम्हारे साथ मन का मेल हुआ तभी तो तुम्हारे साथ सेक्स करने में मैं इतनी सहज हूँ ! ". मेघना बोली. " I am not a Whore... अनिकेत !!! ".

अनिकेत कुछ नहीं बोला.

" यकीन मानो अनिकेत... मेरे पास और कोई चारा नहीं था ! तुम अभि का गुस्सा, उसका पागलपन देख चुके हो. उसे मनाना इतना आसान नहीं. बाकि की ज़िन्दगी तुम्हें देखे बिना काट देती, इससे तो अच्छा है की एक बार फिर से एक साथ होने का मौका मिल रहा है तो उसे ना छोडूं. और फिर इसमें अब मेरे पति की इजाज़त भी तो शामिल है ! ".

" भाभी प्लीज्... हम क्या ऐसे ही चोरी चोरी नहीं मिल सकतें ? ".

" अब ये पॉसिबल नहीं अनिकेत. अब सब कुछ इतना खुलकर सामने आ चुका है तो मैं अपने पति के पीठ पीछे कुछ भी करना नहीं चाहती, धोखा नहीं देना चाहती उन्हें... कितनी मुश्किल से तो पिछली बार का किया धरा माफ किया है उन्होंने. I hope you understand... अनिकेत ! "

अनिकेत अब समझ तो रहा था, पर चुप रहा.

" यहाँ तक की उन्हें बताकर ही मैंने आज तुम्हें यहाँ बुलाया है... ताकि तुम्हें इन सबके लिए Convince कर सकूँ ! ".

" आपने तो मुझे धर्मसंकट में डाल दिया है भाभी ! ".

" क्यूँ अनिकेत... तुम्हें भी तो मेरा साथ पसंद है ना ? ".

" Ofcourse भाभी... पर इस तरह से नहीं !!! ".

" मैं भी तो तकलीफ उठा रही हूँ अनिकेत. मुझे भी तो अपने पति के सामने नाटक करना होगा, उन्हें दिखाना होगा की मैं सिर्फ उनकी Fantasy पूरी कर रही हूँ, जबकि सच तो ये है की मैं तुम्हारे साथ पूरी तरह से भावनात्मक और रोमांटिक तरीके से जुड़ चुकी हूँ ! ".

" अभि भैया सचमुच में हम दोनों को सेक्स करते हुये देखना चाहते हैं ? ".

" तुम्हारी जगह कोई और मर्द रहे तो बेहतर है उनके लिए... पर आज तक मैं कभी राज़ी नहीं हुई, और अब पहली बार तुम्हारे साथ उन्होंने मुझे उस दिन देखा, तो I think की उनके पास और कोई Choice नहीं है अपनी Fantasy पूरी करने का. उन्होंने यही सोचकर हाँ किया है की उनके पसंद के मर्द के साथ ना सही, पर ज़िन्दगी में पहली बार कम से कम मैं राज़ी तो हुई हूँ उनकी इस Weird Fantasy के लिए !!! ".

पोर्न फ़िल्में देखने के शौक़ीन अनिकेत के लिए अब सब कुछ स्पष्ट हो रहा था. उसने कई सारी गंदी फिल्मों में ऐसा देखा था, जहाँ एक पति अपनी पत्नि को किसी गैर मर्द से चुदवाते हुये देखकर कामोत्तेजित होता है. ये फ़िल्में Cuckold की Category में आते हैं... उसे याद था. अब तक वो यही सोचता आया था की ये बस एक थीम है, मनोरंजन के लिए बनाई गई फ़िल्मी Fantasy... लेकिन आज उसे ये जानकार बड़ा आश्चर्य हुआ की ऐसा रियल में भी होता है, ऐसे पति सचमुच में भी होतें हैं... अभिषेक भैया जैसे !!!

" मुझे थोड़ा समय दो अनिकेत... अब तक के लिए तो मैंने किसी तरह मैनेज कर लिया है... ताकि अभि को लगे की मैं उसकी ख़ुशी, उसकी Fantasy के लिए ये सब कर रही हूँ ! ".

अपने हाथ में थामे अनिकेत के हाथ को धीरे से दबाते हुये मेघना ने आगे बढ़कर उसके गाल को चूम लिया.

" कुछ दिन बीत जाने दो, अभि की इच्छा जब पूरी हो जाएगी तो उसका खुद ही मन भर जायेगा. और तब हम दोनों फिर से एकांत में, अपनी प्राइवेसी में खुलकर प्यार करेंगे... सिंगल सिंगल !!! ".

अनिकेत को मेघना का प्लान बुरा नहीं लगा, ठीक ही आईडिया तो था ये !

इस वक़्त अगर मेघना भाभी अपने पति को इस गंदे प्रस्ताव के लिए ना मनाती, तो उसका और मेघना का आगे कभी भी मिल पाना असंभव था. मेघना ने तो बस एक Opportunity की राह खोली है. जब धीरे धीरे कुछ दिनों बाद सब कुछ नार्मल होने लगेगा, अभिषेक भैया भी थोड़े शांत हो जायेंगे, तो वो दोनों फिर से पहले की भांति मिलने जुलने लगेंगे. ना मेघना भाभी को अपने पति से चीटिंग करने की ज़रूरत पड़ेगी, और ना ही अनिकेत को छुप छुपाकर पराई शादीशुदा औरत से प्यार करने की ग्लानि का बोझ अपने सीने पे उठाना पड़ेगा ! पति, पत्नि, और पत्नि के प्रेमी के बीच जब सब कुछ पारदर्शी हो जायेगा, तो पति का पत्नि पर शक करने की गुंजाईश ही कहाँ रह जाएगी !!!

" मैं अपने पति से बेहद प्यार करती हूँ... मगर ज़िन्दगी में पहली बार मुझे कोई मिला है जो मुझसे इतना बेइंतहा प्यार करता है ! ". मेघना ने कहा, और अपना सिर अनिकेत के कंधे पर रख दिया. " मुझे छोड़ कर मत जाना अनिकेत... प्लीज् ! ".

अनिकेत फैसला ले चुका था, लेकिन वो मेघना को दिखाना नहीं चाहता था की उसके लिए ये घिनौनी Fantasy स्वाभाविक है. मेघना के बालों की खुशबु सूंघते हुये उसने उसके माथे की बिंदिया को चूमा, और जानबूझकर Confused सा दिखने के लिए बोला.

" पता नहीं भाभी... मैं ये सब कैसे कर पाउँगा !!! ".

" मैं हूँ ना अनिकेत... ". आश्वस्त करते हुये मेघना ने अनिकेत के कंधे से अपना सिर उठाया, उसकी आँखों में देखा, और अपना मुँह आगे बढ़ा दिया.

बिना और कुछ कहे अनिकेत ने झट से आगे बढ़कर अपनी मेघना भाभी के होंठो पे अपने होंठ रख दियें.

कुछ देर तक एक दूसरे को चूमने के बाद मेघना और अनिकेत अलग हो गएँ. मेघना पलंग पर से उठकर अनिकेत के सामने खड़ी हो गई. गर्दन ऊपर उठाकर अनिकेत ने देखा की मेघना की दोनों आँखे आंसुओं से झिलमिला रहीं थीं, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक, एक संतुष्टि भरी खुशी थी.

अनिकेत के चेहरे पर प्यार से एक बार अपना हाथ फेरने के बाद मेघना मुस्कुराई, और उसकी आँखों में एकटक देखते हुये अपनी नाइटी के गले के बटन खोलने लगी. ऊपर के दो बटन खुलते ही नाइटी का गला ढीला हो गया, तो मेघना ने नाइटी अपने दोनों कंधो से उतारकर नीचे सरका दी, और अपनी कमर से लिपटी पैंटी के इलास्टिक में नाइटी को खोंस लिया, ताकि नाइटी और नीचे सरककर पूरी तरह से खुल ना जाये.

मेघना ने अपने दोनों हाथों से अनिकेत का चेहरा थामकर उसे अपनी ओर धीरे से खिंचा, तो मंत्रमुग्ध से हुये अनिकेत ने आगे बढ़कर नाइटी के ऊपर से उसकी गांड़ के चारों ओर अपने दोनों हाथ लपेट दियें, और अपना मुँह उसकी दोनों चूचियों के बीच छुपा लिया.

अपनी मेघना भाभी से लिपटने के वक़्त अनिकेत ने अनायास ही ध्यान दिया तो देखा, की मेघना के बदन पर बने मेहंदी के डिज़ाइन का रंग अब काफ़ी हद तक फीका पड़ गया था.

अनिकेत को पूरा विश्वास था की मेघना भाभी की चूत पर लिखे अंग्रेजी को वो घटिया शब्द भी अब करीब करीब मिट चुके होंगे !!!
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 07-22-2021, 01:00 PM

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