मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
पहला काम अब जो सोनाली ने किया वो ये था की वो उठ बैठी और अपनी टांगें खोल कर अपनी चूत का मुआयना करने लगी, अब चेक करने की बारी थी चूत का कितना Damage हुआ था ! उसने देखा की उसकी चूत के दोनों होंठ पूरी तरह से खुल कर अलग हो गयें थें और अंदर का गुलाबी फांक और चूत का दाना साफ दिखाई दे रहा था. चूत के किनारे किनारे और जांघों पर थोड़ा बहुत खून लगा हुआ था, थोड़ा खून नीचे बिछी नाईटी पर भी गिरा था. सोनाली ने उसी नाईटी में अपना चूत पोछ कर साफ कर लिया और फिर सुरेश के बगल में लेट गई.

" सुरेश भैया... चलो देखते हैं ये दोनों Love Birds क्या कर रहें हैं ! ". सोनाली ने सुरेश के झड़े हुए लण्ड के सुपाड़े पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए कहा.

" बहुत गंदी लड़की हो तूम... ". सुरेश ने हांफते हुए कहा, फिर हँसने लगा. " तूम देखो... मुझे नहीं देखना ! ".

सोनाली पलंग के किनारे की ओर मुँह करके पेट के बल लेट गई, जिस तरफ नीचे ज़मीन पर उसका सगा भाई अमन नंदिनी को पेल रहा था.

अमन के शरीर के नीचे दबी चुद रही नंदिनी की नज़र जब सोनाली पर पड़ी तो वो मुस्कुरा दी, और फिर उसने अपनी आँखे बंद कर ली. अमन को तो होश ही नहीं था की उसकी सगी बहन उसे चोदते हुए देख रही है. वो तो नंदिनी की दोनों चुचियां बारी बारी से चूसते हुए उसे चोदने में मगन था !

" सुरेश भैया See ... अमन भैया आपकी बहन को नारियल तेल लगा कर चोद रहें हैं !!! ". सोनाली ने चहकते हुए कहा, जब उसे अमन और नंदिनी के बगल में Parachute Coconut Oil का डिब्बा रखा हुआ दिखा. पर सुरेश की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

झड़ने के बावजूद अमन के लण्ड के तनाव में कोई कमी नहीं आई थी. वो जिस स्पीड से चोद रहा था, उसे पक्का यकीन था की नंदिनी की चूत से खून निकल रहा होगा, पर ये वक़्त चूत की देख रेख का नहीं था, बस आँख मूंद कर चूत मारने का था.

" सुरेश भैया... मेरे नीचे मेरी नाईटी रख दो ना, मेरा पानी गिरने वाला है ! ". सोनाली ने अपने भाई अमन और नंदिनी पर से नज़र हटाये बिना ही कहा. उन दोनों का सेक्स देख कर उसकी चूत में पानी भरने लगा था.

सुरेश ने उठ कर सोनाली की गीली गंदी हो चुकी नाईटी को उसकी जांघों के नीचे घुसेड़ दिया.

" अमन भैया... मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है... लगता है कल से मेरी लड़कियों वाली प्रॉब्लम शुरू हो के रहेगी... फिर क्या करोगे अमन भैया.... आअह्हह्ह्ह्ह... मममममम.... आअह्ह्ह्हह... उफ़्फ़... मेरी चूत... आराम से चोदो ना अमन भैया... !!! ". आँखे बंद किये हुए नंदिनी पागलों की तरह बड़बड़ा रही थी.

नंदिनी की निप्पल मुँह में भरे अमन ने कुछ बोलना चाहा मगर उसके शब्द साफ नहीं निकले.

" मन भर कर चोद लो आज अमन भैया... फिर तीन दिन तक चूत देवी के दर्शन नहीं मिलने वाले ... ये तीन दिन रह लोगे ना मेरी चूत के बिना... बोलो ना अमन भैया... चोदो... खुब चोदो अभी जब चूत मिली है... पर धीरे करो ना अमन भैया... बहुत दुख रहा है.... आआह्ह्ह्हह... मममममम सससससस !!! ".

फटी आँखों से अमन और नंदिनी की चोदन लीला देखती सोनाली ने अचानक अपने गाल पर कुछ चिकना चिकना सा महसूस किया... सुरेश उसके चेहरे के सामने बैठ कर अपना आधा खड़ा लण्ड उसके गाल पर घिसते हुए मूठ मार रहा था और अब वो भी अमन और नंदिनी की रास लीला देख रहा था !!! सोनाली कुछ नहीं बोली.......

अमन ने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, और नंदिनी की चुचियां मुँह से निकाल कर अब उसे चुमने चाटने लगा. उसने नंदिनी को इतनी ज़ोर ज़ोर से चोदा की उन दोनों के नीचे बिछे तौलिए उनके नीचे से खिसक गयें थें, नारियल तेल का डिब्बा ज़मीन पर लुढक गया था और सारा तेल नीचे ज़मीन पर बिखर गया था, और दोनों अब खुली ज़मीन पर एक दूसरे से लिपटे पड़े थें. एक आखिरी धक्के से अमन की कमर नंदिनी के जांघों के बीच धंस कर थम गई, उसने 20 सेकंड रुक कर फिर से चार पाँच हल्के धक्के मारे और फिर एकदम से रुक कर नंदिनी के बदन पर पसर कर उससे लिपट गया !

सोनाली समझ गई की उसका सगा भाई नंदिनी की चूत के अंदर झड़ गया है. तभी उसने अपने गाल पर सुरेश का गरम चिपचिपा सा वीर्य गिरते हुए महसूस किया और उसकी अपनी खुद की चूत से ढ़ेर सारा पानी बलबला कर निकल पड़ा और उसके पेट के नीचे दबी नाईटी पे फ़ैल गया. उसने सुरेश के लण्ड की तरफ अपना चेहरा घुमाया तो सुरेश ने लपाक से अपना लण्ड उसकी मुँह में ठूस दिया और बाकि का माल अंदर फेंकने लगा. लण्ड के मोटे सुपाड़े ने सोनाली के छोटे से मुँह का द्वारा बंद कर दिया था, सो मजबूरन उसे सारा का सारा नमकीन वीर्य अपने गले से नीचे घोटना पड़ा !!!

अमन उसी अवस्था में नंदिनी के ऊपर करीब दस मिनट तक पड़ा रहा. मूठ निकाल कर सुरेश सोनाली की गांड़ के ऊपर अपना सिर रख कर लेट गया था, और सोनाली अभी भी अमन और नंदिनी को देखते हुए उनके उठने का इंतजार कर रही थी.

करीब 15 मिनट के बाद अमन नंदिनी के ऊपर से उठा.

" क्या बात है ! मुबारक हो भैया... ". सोनाली ने मुस्कुराते हुए कहा, जब उसने अमन का झड़ा हुआ लण्ड, जो की अब ढीला पड़ गया था और उसमें से अभी भी वीर्य चू रहा था, देखा. अमन समझ गया की उसकी बहन का साफ इशारा उसके लण्ड के खुले सुपाड़े की तरफ था जिसके बारे में वो मुबारकबाद दे रही थी ! उसके लण्ड के सुपाड़े पर हल्का खून भी लगा हुआ था जो की नंदिनी की फटी हुई सील का नतीजा था.

" नहीं अमन भैया... अब इसे ऐसा ही खुला रखना ! ". नंदिनी ने उठ कर अमन का वो हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा जिस हाथ से वो अपने लण्ड के सुपाड़े पर लण्ड का चमड़ा वापस चढ़ाने जा रहा था.

फिर नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर अपनी हालत देखनी चाही. उसकी चूत का छेद करीब 3 इंच तक खुल गया था और उसकी पूरी चूत, झांट और जांघों पर खून और वीर्य का मिला जुला लेप सना पड़ा था !!!
Reply
07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" फट गई है ना ??? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ज़रा दिखा तो अपनी चूत ! ".

" धत्त... तेरी नहीं फटी क्या ! ". नंदिनी शर्म से लाल हुई बोली.

नंदिनी ने ज़मीन पर पड़े तौलिये से अपनी चूत पोछी और फिर अमन का लण्ड भी पोछ कर साफ कर दिया. अब जब चुदाई समाप्त हो चुकी थी तो उसकी शर्मो हया वापस आ गई थी. ज़मीन पर से उठ कर खड़े होते हुए उसने अपने हाथ से अपनी नंगी चूत ढंक ली, क्यूंकि उसे पता था की पलंग पर सुरेश लेटा होगा, भला वो अपने सगे भाई के सामने खुली चूत लिये कैसे घूम सकती थी. खड़े होते ही उसे पलंग पर सोनाली की गांड़ पर सोये अपने भाई का नंगा लण्ड दिख गया, जो की अभी भी धीरे धीरे फड़क रहा था, बेचारी का शर्म से बुरा हाल हुआ जा रहा था !

" अरे बाप रे, चार बज गयें !!! ". दिवार घड़ी पर नज़र पड़ते ही सोनाली चीखी, और झट से बिस्तर पर उठ बैठी. उसने भी अपनी चूत अपने हाथ से ढंक ली थी ताकि उसका सगा भाई अमन ना देख सके.

" आप लोग भागो यहाँ से... भोर होने वाली है ! ". नंदिनी ने भी घड़ी की ओर देखा और फिर दोनों लड़कों को देखते हुए बोली.

चुदाई के बाद सबको पेशाब लग गया था, और सिंगल बाथरूम नीचे फ्लोर पर था, पर इस वक़्त सबका वहाँ उतर कर जाना सही नहीं था, किसी भी परिवार के सदस्य से आमना सामना होने का खतरा था. अमन ने बढ़िया तरीका निकाला, उसने कमरे के पिछले हिस्से की खिड़की खोल दी जिस तरफ Swimming Pool पड़ता था और खिड़की से बाहर लण्ड निकाल कर पेशाब कर लिया. उसकी देखा देखी सुरेश ने भी खिड़की से बाहर मूत लिया.

" हमें भी पेशाब करना है... ". सोनाली ने कहा और उसके साथ नंदिनी भी खिलखिला कर हँसने लगी.

अब ये लडकियां तो लड़कों की तरह खड़े खड़े खिड़की से बाहर नहीं मूत सकती थीं, सो सुरेश ने अच्छा सुझाव दिया.

" अमन, इनको बारी बारी से गोद में उठा कर पेशाब करवा देते हैं ! ". सुरेश ने अपने लण्ड को झटक कर पेशाब झाड़ते हुए कहा.

" हाँ ठीक है... ". अमन ने अपने लण्ड पर से अपना मूत साफ करते हुए कहा, फिर लड़कियों की तरफ देख कर बोला . " आजाओ... " .

सबसे पहले सोनाली गई, अपनी चूत को अभी भी अपने हाथ से छुपाये हुए. उसने अपना दूसरा हाथ सुरेश के कंधे पर रखा, सुरेश ने उसकी एक टांग पकड़ ली और दूसरी टांग अमन ने पकड़ कर उठा ली, और उसकी गांड़ को खिड़की तक ऊपर ले गयें.

" इधर मत देखना भैया... ". सोनाली ने अपनी चूत पर से हाथ हटाते हुए अमन से कहा.

" जल्दी करो यार... मुझे तुम्हारी बूर देखने का कोई शौक नहीं ! ". अमन ने झल्लाते हुए कहा और अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया.

सोनाली ने छरछरा कर खिड़की से बाहर मूत दिया. फिर सुरेश और अमन ने उसे नीचे उतारा तो थोड़ा बहुत पेशाब उसकी चूत से टपक कर खिड़की के बगल में नीचे ज़मीन पर भी गिरा . सोनाली वापस अपनी चूत छुपा कर वहाँ से भागी.

अब नंदिनी की बारी थी. उसका तो शर्म से बुरा हाल था, पर चूत में भरा पेशाब भी खाली करना ज़रूरी था, जो की और थोड़ी सी देर होने पर वैसे भी निकलने ही वाली थी. सुरेश और अमन ने उसे भी गोद में वैसे ही उठाया जैसे सोनाली को उठाया था. नंदिनी ने भी अपने सगे भाई सुरेश से रोनी सूरत बना कर विनती की कि वो उसकी चूत कि तरफ ना देखे. सुरेश को अपनी भोली भाली गंवार बहन के भोलेपन पर हँसी आ गई और वो बड़े ही प्यार से बोला.

" नहीं देखूंगा मोटी... आराम से पेशाब कर ले तू ! ".

सुरेश और अमन कि बाहों में झूलते हुए अपनी दोनों टांगें खोले नंदिनी ने मन भर कर पेशाब किया !!! .............................

दोनों प्रेमी जोड़े एक बार फिर एक दूसरे कि बाहों में आ गयें. अमन ने नंदिनी को खुब चुमा और सुरेश और सोनाली ने भी ढ़ेर सारी चुम्मा चाटी कि.

अमन और सुरेश ने अपने अपने कपड़े पहने और नंगी नंदिनी और सोनाली ने उन्हें विदाई दी. दोनों लड़कीयों को पूरा विश्वास था कि दोनों लड़के अपने रूम में जाकर फिर से मूठ मारेंगे. ऐसी गरम चुदाई कोई इतनी जल्दी थोड़े ही भूल सकता था !!!

-----------------*******----------------
Reply
07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
ना चाहते हुए भी सोनाली सुबह 8 बजे ही उठ गई ताकि घर में किसी को कोई शक ना हो. उसने देखा कि पलंग पे उसके बगल में नंदिनी चादर ओढे सोई पड़ी थी.

" तुझे क्या हुआ ? इतनी गर्मी में चादर क्यूं ओढ रखी है ? ". सोनाली ने नंदिनी का कंधा झटकते हुए पूछा.

" माहवारी शुरू हो गई है यार... ". नंदिनी ने अपनी आँख खोले बिना परेशान से स्वर में कहा. " बहुत ठंड लग रही है ! "

" मेरा वाला नैपकिन लगाया ? ".

" अभी नहीं... तौलिया पहना है ! ".

" फिर से कपड़ा ? चल उठ, चेंज करके आ ! ". सोनाली ने नंदिनी का सिर सहलाते हुए कहा. " बहुत आराम मिलेगा, जैसे नार्मल दिनों में रहता है... चल उठ ! "

सारा दिन ऐसे बिता जैसे गर्मी कि छुट्टीयां बिताते एक साधारण सभ्य परिवार का बीतना चाहिये. हालाँकि अमन, सुरेश, नंदिनी और सोनाली कि आँखों के सामने अभी भी रात वाली मीठी यादें ही घूम रही थी..........................

" अब कैसा है ? ". रात को सोने के वक़्त अपने कमरे में सोनाली ने नंदिनी से पूछा.

" बहुत Soft है ये Sanitary Pad... Vagina को काफी आराम मिल रहा है... थैंक्स ! ". नंदिनी ने कहा. " बस पेट और जांघों में थोड़ा दर्द है... ".

अभी उनकी बातें चल ही रही थीं कि दरवाज़ा खुला और अमन और सुरेश अंदर आ गयें और फिर अमन ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.

" ये लो... आ गयें दोनों कमीने ! चूत मुँह लग गई है इनके... अब पूरी छुट्टीयां तंग करेंगे हमें ! ". अपनी अंदर कि खुशी छुपाते हुए सोनाली ने हँसते हुए कहा.

अमन और सुरेश ने कमरे में आते ही अपने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और नंगे बदन पलंग पर टूट पड़े. सोनाली भी अपनी नाईटी उतार कर नंगी हो चुकी थी पर नंदिनी ने अभी भी कपड़े पहने हुए थें.

" क्या हुआ... खोलो ना ? ". अमन ने सलवार के ऊपर से नंदिनी कि जांघ सहलाते हुए कहा. " और सोने वक़्त सलवार क्यूं पहनी हो ??? "

सोनाली कि हँसी छूट पड़ी पर उसने किसी तरह अपनी हँसी दबा ली और सुरेश के साथ उसके बगल में लेटी चुम्मा चाटी करने लगी.

" आज मत करो अमन भैया... ". नंदिनी ने कहा.

" क्यूं...दर्द हो रहा है क्या ??? ". अमन ने नंदिनी कि सलवार के बीच दबी चूत कि ओर इशारा करके पूछा.

" दर्द तो है. ". नंदिनी ने शर्माते हुए कहा. " कल रात को मैंने क्या कहा था भूल गये अमन भैया ? ".

" कौन सी बात ? ". अमन ने नंदिनी कि कमर में चिकोटी काटते हुए कहा. " रात को तो आह उह के अलावा तुम्हारे मुँह से कुछ निकल ही नहीं रहा था. ".

" मुझे Periods हुआ है ! ". नंदिनी झट से बोल कर चुप हो गई.

" बेचारी !!! ". सुरेश ने सोनाली को चूमना छोड़ कर अपनी बहन नंदिनी कि ओर देखते हुए कहा और फिर हँसने लगा.

" क्यूं तंग कर रहे हो अपनी बहन को ? ". सोनाली ने प्यार से सुरेश के गाल पर एक थप्पड़ मारा और उसका चेहरा अपनी ओर घुमा कर फिर से उसे चुमने लगी.

" So Sweet ! ". अमन को नंदिनी कि मासूमीयत पर प्यार आ गया, उसने आगे बढ़ कर उसके ललाट को चुम लिया और फिर बोला. " Don't Worry... आज सारी रात हम सिर्फ मीठी मीठी बातें करेंगे. ".

अमन कितना Caring है ये देख कर नंदिनी का दिल भर आया. अब जब वो इतना कुछ कर रहा था तो उसका भी कुछ फर्ज़ बनता था. वो अपनी कुर्ती उतारने लगी.

" अरे... ये क्या कर रही हो... Relax ! ". अमन ने उसे रोका.

" It's Okay बाबा... सेक्स नहीं कर सकते पर कपड़े तो खोल सकती हूं... आपको थोड़ा अच्छा महसूस होगा अमन भैया ! ". नंदिनी ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर अपनी सलवार का नाड़ा खोलने लगी.
Reply
07-20-2021, 12:22 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अपने टांगों से नंदिनी ने सलवार निकाल फेंका, अब उसकी चुचियाँ एकदम नंगी थी और नीचे उसने Cotton कि सफ़ेद रंग कि टाईट पैंटी पहन रखी थी. अमन ने नंदिनी के होठों से अपने होंठ सटा कर एक लम्बा चुंबन लिया और फिर नीचे झुक कर उसकी नाभी को चुमा, उसकी पैंटी का Elastic वाला बॉर्डर सूंघा, पैंटी के ऊपर से उसकी पैड लगी चूत को हल्के से चुमा और फिर उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया.

" पता है अमन भैया... जब से आपने मुझे चोदा है, मेरी चूत का छेद बंद ही नहीं हो रहा, फट कर फ़ैल गया है. और ऊपर से ये Heavy Flow !!! चूत का बारह बज रखा है मेरे ! ". नंदिनी ने अपने जांघों पर सोये अमन के सिर के बालों में उंगलियां फेरते हुए शिकायत भरे लहजे में कहा.

" Heavy Flow मतलब ??? ". अमन ने पूछ लिया .

" धत्त !!! आपको हम लड़कियों कि सारी बातें नहीं समझनी होगी ! ". शर्म से नंदिनी के गाल लाल हो गयें.

" ये लो... शहर में रह कर भी इन भाई साहब को Heavy Flow के बारे में नही पता ! ". सुरेश ने हँसते हुए कहा और सोनाली कि चुचियां दबाने लगा.

नंदिनी ने हाथ बढ़ा कर अपने भाई सुरेश के पीठ पर एक चमाट मारा तो सोनाली हँसने लगी, और बोली. " यार नंदिनी, ये दोनों इतने गंदे निकलेंगे सोचा नहीं था. पहले कितना चुपचाप रहते थें दोनों ना ? ".

" यार तूम लोग आज कुछ नहीं करोगे तो जाओ ज़रा बाहर घूम घाम के आओ... हमें तो चैन से करने दो ! ". सुरेश ने सोनाली कि खुली चूत को सहलाते हुए कहा, सोनाली उसका खड़ा लण्ड अपने हाथ में लेकर धीरे धीरे मसल रही थी.

" किसने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे ??? ". नंदिनी ने उन दोनों कि ओर देखे बिना ही कहा और अपनी एक चूची अमन के मुँह में देते हुए बोली. " आज मैं अमन भैया को अपना दूध पिलाउूंगी ! ".

" पिलाओ... शायद उसी से बेचारे के खड़े लण्ड को थोड़ी राहत मिल जाये. ". सुरेश ने फिर से ताना कसा और हँसने लगा.

" अब बस करो... बहुत हुआ मज़ाक . उन्हें छोड़ दो उनके हाल पे... ". सोनाली ने सुरेश को अपने ऊपर खींचते हुए कहा. " आओ चोदो... ".

" आज कोई और पोज़ Try करें ? ". सुरेश ने सोनाली कि गांड़ सहलाते हुए कहा.

उधर नंदिनी कि चूची चूसते चूसते अमन का लण्ड खड़ा होकर फड़कने लगा था. उसने एक हाथ से अपना लण्ड पकड़ा और धीरे धीरे मूठ मारने लगा.

" अब तो लण्ड का सुपाड़ा खोलने में कोई परेशानी नहीं हो रही ना अमन भैया ? ". नंदिनी ने अमन के गालों पर अपनी उंगलीयां फेरते हुए पूछा.

" नहीं... कल रात से इसे खुला ही छोड़ दिया है. अभी आदत नहीं है ना तो थोड़ा अजीब लग रहा है. खास कर पैंट पहने हुए होने पर जब सुपाड़ा पैंट से सट रहा है तो बहुत ज़्यादा Sensation हो रहा है. ". अमन ने नंदिनी का निप्पल मुँह से निकाल कर बताया और फिर वापस से उसका दूध पीने लगा.

" 3 - 4 दिन में ठीक हो जायेगा. मैं तो हमेशा सुपाड़ा खोल कर ही रखता हूं... मज़ा आता है ! ". सुरेश ने कहा. सोनाली उसके सामने कुतिया बनी अपनी गांड़ उठाये पड़ी थी और सुरेश अपने घुटनों पे टिका पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड सेट कर रहा था.

कुछ ही देर में पलंग हिलने लगा और सोनाली कि धीमी सिसकियों और कराहटों से अमन समझ गया कि सुरेश ने उसकी बहन को चोदना चालू कर दिया है, पर उसने उन दोनों कि तरफ देखा भी नहीं, और नंदिनी कि चूची चूसने में ही लगा रहा. नंदिनी से बस एक हाथ भर कि दुरी पर उसका सगा भाई सोनाली को चोद रहा था, भला नंदिनी देखे बिना कैसे रहती, ना चाहते हुए भी पहले तो वो तिरछी नज़रों से उन्हें देखती रही, और जब देखा कि दोनों आपस में ही मगन लगे पड़े हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला तो वो अब खुल कर उनकी पेलम पेलाई देखने लगी !

नंदिनी तो जैसे खो सी गई थी, उसे तब होश आया जब करीब दो तीन मिनट के बाद उसने महसूस किया कि उसका निप्पल अमन के मुँह से निकल आया है. उसने नीचे देखा तो क्या देखती है कि अब अमन उसकी गोद से उठ कर बैठ गया है और अपनी आँखे फाड़े सुरेश और सोनाली को देख रहा है और धीरे धीरे अपना लण्ड अपने हाथ में थामे रगड़ मसल रहा है.

अमन जहाँ से देख रहा था, उसे अपनी बहन सोनाली सामने कुतिया बनी दिख रही थी, उसकी चूत की झलक तो उसे नहीं मिल रही थी , बस बड़ी सी गांड़ दिख रही थी, पीछे से सुरेश उसके कुल्हे पकड़े हुए उसकी जांघों के बीच में धक्के मार रहा था, हर धक्के पे सोनाली के नीचे लटक रहे मम्मे आगे पीछे आगे पीछे हिलते हुए झूल रहें थें. आश्चर्य की बात तो ये थी की अमन को एक पल के लिये भी ऐसा नहीं लग रहा था की वो अपनी सगी बहन को देख रहा है. सेक्स के दौरान लड़कियों के चेहरे कितने बदल जाते हैं, हर लड़की, चाहे वो आपकी गर्लफ्रेंड हो या सगी बहन, सेक्स के वक़्त उसके चेहरे पे बस एक असीम त्रिप्ती और चरम वासना के भाव ही दीखते हैं, और कुछ नहीं ! सोनाली और किसी अवस्था में उसकी सगी बहन होगी, पर अभी तो अमन के लिये वो बस एक लड़की मात्र थी, सुडौल गदराये बदन वाली लड़की, जिसे अगर नंगा ना देखो तो यकीन ही नहीं होगा की बिना कपड़ों के वो इतनी सुंदर लगती होगी. वैसे पिछली रात भी तो अमन ने अपनी बहन को नंगा देखा था, पर उस रात की बात अलग थी, नंदिनी जो उसका साथ देने के लिये उसके साथ थी. और शायद यही वजह थी की आज उसने अभी अभी अनजाने में गौर किया था की उसकी अपनी सगी बहन सोनाली क्या चीज़ है !!!
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
नंदिनी की नज़र जब अमन के लण्ड पर पड़ी तो वो समझ गई की अमन अपनी ही सगी बहन को चुदवाते देख गरम हो रहा है, उसके लण्ड का सुपाड़ा फूल कर लाल हो गया था, नंदिनी को पता था की अगर अमन ऐसे ही मूठ मारता रहा तो अब उसका वीर्यपात हो जायेगा !

अमन के लिये अब और बर्दास्त कर पाना संभव नहीं था, अचानक से वो पलट कर नंदिनी के ऊपर चढ़ गया, नंदिनी इसके लिये एकदम ही तैयार नहीं थी. अमन ने नंदिनी के होंठों का एक छोटा सा चुंबन लिया और उसके बदन से चिपका अपना खड़ा लण्ड उसकी पैंटी में लिपटी चूत पर घिसने लगा. इससे पहले की नंदिनी कुछ समझ पाती, उसने महसूस किया की उसकी पैंटी और जांघों पर अमन के लण्ड ने गाढ़े वीर्य की उल्टी कर दी है ! बेचारी नंदिनी अब करती भी क्या, अमन का पीठ सहला सहला कर उसे शांत करने लगी.

" Sorry Baby... ". दो मिनट के बाद अमन ने नंदिनी के गाल चुमे और एक गहरी साँस लेते हुए उसके बदन से अलग हो गया.

नंदिनी ने नीचे देखा तो उसकी पूरी पैंटी, पेट और जांघे वीर्य से सनी पड़ी थी. एक तो बेचारी की चूत में वैसे ही आज गीलापन था और अब ऊपर से अमन की ये बचकानी करतूत ! उसने पास ही पड़ी अपनी सलवार उठा ली और खुद को उसी से किसी तरह पोछ पोछ कर साफ करने लगी.

अमन की फूलती हुई सांस जब थोड़ी सी नार्मल हुई तो उसने फिर से अपनी नज़रें अपनी बहन पर गड़ा दी. पर इस बार उसने देखा की चुदती हुई सोनाली भी अब उसी को देख रही थी, दरअसल उसे नहीं, उसके अभी अभी झड़े हुए लण्ड को ! निर्लज्ज सा अमन अपनी सगी बहन के सामने अपना नंगा लण्ड लिये बिस्तर पर बैठा रहा, उसके सुपाड़े से वीर्य की एक पतली सी सफ़ेद धार चू कर नीचे चादर पर गिर रही थी. उसने अपनी बहन की आँखों से एक बार आँखे मिलाई और फिर बिना किसी लाज शर्म के उसकी गांड़ देखने लगा जिसमें सुरेश अभी भी Shots पे Shots मारे जा रहा था.

कहते हैं की सेक्स के दौरान शरीर की सारी की सारी इंद्रीयां अत्यंत संवेदनशील हो जाती हैं, आँख, नाक, दिमाग, कान, सभी. सोनाली को भी अपने सगे भाई की मनोभावना समझते देर ना लगी. बेचारे की प्रेमिका को माहवारी हुई थी और उसकी अपनी सगी बहन अपने फूफेरे भाई के साथ उसी के सामने एक ही बिस्तर पर रंगरेलियां मना रही थी... ऐसे में कोई लड़का भला भाई बहन का रिश्ता निभाये या अपनी वासना शांत करने के उपाय खोजे !!!

" भैया... मुझे कर लो !!! ". सोनाली ने अमन से कहा.

अमन को अपने सुने पर यकीन नहीं आया, बेवकूफ़ की तरह मुँह फाड़े वो अपनी बहन को देखता रहा.

" It 's Okay भैया... आ जाओ !!! ". सोनाली ने अमन को दिलासा दिया. फिर पीछे मुड़ कर सुरेश को देखते हुए बोली. " सुरेश भैया... अपने दोस्त को भी थोड़ा चोदने दो ! ".

सोनाली के मुँह से अपने सगे भाई के बारे में ऐसी बात सुन कर सुरेश की तो जैसे साँस ही रुक गई , एक बहन अपने सगे भाई को चोदने के लिये आमंत्रित कर रही है, ये Feeling मात्र ही उसके लिये इतनी Hot थी की वो खुद को रोक नहीं पाया और ठीक उसी पल उसका शीघ्रपतन हो गया. अपनी चूत में वीर्य भरते महसूस करती सोनाली को सुरेश की बेकरारी पर तरस आ गया और वो सेक्स के ऐसे चरम क्षण में भी खिलखिला कर हँस पड़ी ! अपना लण्ड सोनाली की चूत से बाहर निकाल कर सुरेश बिस्तर पर एक तरफ बैठ गया.

" क्या हुआ भैया... करो ना !!! ". कुतिया स्टाइल में अपने दोनों हाथों और घुटनों पर टिकी सोनाली ने अपनी गांड़ हिलाते हुए अपने सगे भाई अमन को फिर से टोका.

अमन की तो जैसे सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो गई थी. चुपचाप वो सोनाली के पीछे आ गया और पहली बार अपनी सगी बहन की चूत पर अब उसकी नज़र गई. सोनाली की चूत फूल कर पावरोटी हो गई थी और उसका छेद फट कर करीब 3 - 4 इंच खुल गया था. अपनी सगी बहन की कुंवारी चूत के दर्शन तो अमन को अब नहीं हो सकते थें, सो वो बस अनुमान भर लगा सकता था की सुरेश से चुदवाने से पहले उसकी सील पैक चूत कैसी दिखती रही होगी !

" एक मिनट रुको भैया... ". सोनाली ने कहा और फिर अपनी गांड़ को थोड़ा पीछे करके ज़ोर लगाया तो ढ़ेर सारा गाढ़ा मोटा वीर्य का जमा हुआ थक्का उसकी चूत से फलफला कर निकल आया और नीचे चादर पर चूने लगा.

नंदिनी ने अपनी सलवार, जिसमें उसने कुछ देर पहले अमन का वीर्य पोछा था, अमन की ओर फेंक दिया. उसी वक़्त बस एक पल के लिये अमन और नंदिनी की आँखे मिली, नंदिनी एकदम चुप और शांत थी, उसकी आँखों में एक अजीब तरह का कौतुहल था, शायद ये देखने का की सगे भाई बहन कैसे सेक्स करते हैं !!!

" हाँ... अब करो भैया ! ". अपनी चूत से सुरेश का सारा का सारा वीर्य बाहर उढ़ेल कर सोनाली ने पीछे अमन को देखते हुए अपने चूतड़ हिलाये.

नंदिनी की सलवार हाथ में लेकर अमन अपनी सगी बहन की चूत अच्छे से पोछ कर साफ करने लगा. सोनाली को पहले तो थोड़ा बुरा लगा की भला उसका भाई उसकी चूत क्यूं साफ़ कर रहा है, इतनी नौटंकी क्यूं, चूत तो चूत होती है, गंदा और साफ़ क्या, वो भी चोदने के टाईम ??? मगर फिर उसे लगा की शायद उसके भाई को उसकी चूत में लगे किसी गैर मर्द के माल से घिन आ रही हो और इसलिए वो उसकी चूत पोछ रहा हो !........................

सगी बहन की चूत कोई अलग चूत नहीं होती, ये अमन को तब महसूस हुआ जब उसने सोनाली की चूत में अपना लण्ड डालना शुरू किया. Infact, उसे अपनी सगी बहन और ममेरी बहन की चूत में कोई फर्क तो नज़र नहीं आ रहा था, बस उसकी सगी बहन सोनाली की चूत Shaved थी और उसकी ममेरी बहन नंदिनी के चूत पर झांट थें !

पास ही बैठे भाई बहन सुरेश और नंदिनी बिना पलक झपकाये अपनी साँसे रोके देखते रहें जब सामने अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली की कमर पकड़ कर उसे धीरे धीरे पेलना आरंभ किया. सुरेश और नंदिनी जानते थें की ज़ल्दी ही अमन अपनी सगी बहन की चूत को माल से भर देगा !

सोनाली को अपने सगे भाई का लण्ड खुब भाया, सुरेश के लौड़े से थोड़ा छोटा जो था और उसकी चूत में एकदम चौकस फिट बैठ रहा था. वो सोचने लगी की पिछली रात अगर सुरेश की बजाय उसके सगे भाई ने ही उसे पहले चोदा होता तो उसकी कमसिन चूत की आज ये दुर्गती ना हुई होती.

अपनी आँखे मुंदे सोनाली कुतिया की तरह अपनी गांड़ ऊपर उठाये अपने सगे भाई से चोदवा रही थी. बीच बीच में वो पीछे मुड़ कर अमन को देख लेती थी, पर अमन आँखे बंद किये हुए ही उसकी चूत मारे जा रहा था. शायद वो अपनी आँखे खोल कर इस सच्चाई का सामना नहीं करना चाहता था की वो अपनी सगी बहन को चोद रहा है और आँखे बंद किये हुए बस इस भ्रम का आनंद लेना चाहता था की वो सिर्फ और सिर्फ एक चूत के अंदर है !!!

उधर ये सब देख कर भाई बहन की दूसरी जोड़ी सुरेश और नंदिनी भी गरम होने लगे थें. सुरेश अपना झड़ा हुआ लण्ड धीरे धीरे हिला रहा था और उसकी बहन नंदिनी अपनी आँखे बंद किये हुए अपने एक हाथ से अपनी टाईट चुचियाँ दबा रही थी. मन तो उसका बहुत कर रहा था की अपनी पैंटी में हाथ डाल कर या फिर पूरी पैंटी ही खोल कर थोड़ा सा अपनी चूत को भी सहला ले, पर बेचारी आज के दिन मज़बूर जो थी !
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
सुरेश के मन में ना जाने क्या आया या फिर यूँ कहिये की परिस्थिति के वशीभूत हो भावनाओ में बह कर उसने अनायास ही अपना दूसरा हाथ अपनी बगल में लेटी अपनी बहन नंदिनी के नंगे जांघ पर रख दिया. उसने कुछ देर बिना कोई हरकत किये नंदिनी की प्रतिक्रिया का वेट किया, पर नंदिनी तो अपने आप में इतनी खोई हुई थी की उसे तो इसका एहसास तक ना हुआ. वो तो उसे तब होश आया जब अचानक उसने अपनी पैंटी के अंदर किसी के हाथ को सरकते हुए महसूस किया. उसने अपनी आंखे खोली तो देखा की उसका भाई सुरेश अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा रहा है ! उसने झट से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोका, और देखा की उसके दूसरे हाथ में उसका लण्ड ठनक कर पूरा खड़ा हो चुका है.

अब क्या करें, परिस्थिति ही ऐसी बन पड़ी थी की जिस तरह से वो गरमा गई थी उसी तरह से उसके भाई को भी सेक्स चढ़ गया था. उसने बिना कुछ बोले अपने भाई का हाथ उठा कर अपनी पैंटी के ऊपर रख लिया, आज के दिन पैंटी के अंदर हाथ डलवाने में तो बेचारी की मुसीबत थी, पर पैंटी के ऊपर ऊपर तो छू छा करने की कोई मनाही नहीं थी ! अपनी सगी बहन की नरम चूत की एक हल्की सी छुवन मात्र पैंटी के ऊपर से महसूस करते ही सुरेश का लण्ड उसके हाथ में ही उफन पड़ा और उसका सारा वीर्य उसी के पेट और जांघों पर गिर गया !!!

अचानक से हुए इस वीर्यपात से सुरेश अंदर तक सिहर उठा और काँपते हुए अपनी बहन की ओर मुड़ कर उससे लिपट गया. नंदिनी ने उसका पूरा साथ दिया, उसे पता था की इस वक़्त उसे खुद को जितनी सांत्वना की ज़रूरत थी उतनी ही उसके सगे भाई को. उसने सुरेश का झड़ा हुआ लण्ड अपनी दोनों मांसल जांघों के बीच घुसा कर दबा लिया ताकि लण्ड की तड़प थोड़ी कम हो जाये, और सुरेश का चेहरा अपनी दोनों चुचियों के बीच छुपा लिया. अपनी बहन के चुचियों, उसकी बाहों और उसकी पतली गर्दन की गंध सुरेश को इतनी पसंद आई को वो अपनी बहन के बदन से और भी चिपक गया. नंदिनी के टाईट खड़े निप्पल उसके गाल से सटे तो उसने अपना मुँह थोड़ा सा घुमा कर उसके निप्पल को चुम लिया, नंदिनी समझ गई की उसके भाई को क्या चाहिये, उसने अपनी चूची पकड़ कर सुरेश के मुँह में दे दी तो सुरेश चप चप आवाज़ करते हुए अपनी सगी बहन का दूध पीने लगा !!!

इधर अपने भाई के ताबड़तोड़ चोदन - थपेड़ों से सोनाली अपने हाथों का बैलेंस संभाल नहीं पाई थी और नीचे तकिये पर गिर कर तकिया समेत पलंग के किनारे आ गई थी. उसके चेहरे पर जैसे तैसे बिखरे काले बाल देख कर ऐसा लग रहा था जैसे की किसी नई नवेली दुल्हन को उसके दूल्हे ने पूरी रात तंग किया हो ! अमन ने अपने दोनों हाथ उसके पेट से लपेट कर उसकी गांड़ को अभी भी अपनी पूरी ताकत से ऊपर उठाये रखा था ताकि वो पलंग से नीचे ना गिर जाये और उसी अवस्था में उसे चोदे जा रहा था.

अमन का अंडकोष फूल कर दुखने लगा था, उसके लिये अपने माल को और देर तक लण्ड में रोके रखना संभव नहीं था. उसने अपनी बहन की कमर मजबूती से पकड़ कर अंतिम के कुछ धक्के बेहद ज़ोर से लगाए और फिर अपना लौड़ा बाहर निकाल कर पलंग से उछल कर नीचे ज़मीन पर खड़ा हो गया और मूठ मार कर अपना माल ज़मीन पर गिरा दिया ! सोनाली ने सोचा नहीं था की उसका भाई ऐसा कुछ करेगा, वो तो सोच रही थी की अमन उसकी बच्चेदानी में ही स्खलित हो जायेगा . और तो और, उस बेवकूफ़ ने ऐसे समय में अपनी बहन का साथ छोड़ा था जब की उसका खुद का भी पानी निकलने के करीब था ! सोनाली तुरंत बिस्तर पर पलट कर अपने पीठ के बल लेट गई और और अपनी एक ऊँगली अपनी चूत में ठूस कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगी. उसकी हरकत देख कर अमन को अपनी गलती का एहसास हो गया, उसे अपनी बहन को पानी छोड़ते टाईम इस तरह से अकेला नहीं छोड़ना चाहिये था. वो कूद कर पलंग पर चढ़ गया और अपनी बहन की चूत से उसकी ऊँगली निकाल कर वापस से अपना झड़ता हुआ लण्ड उसकी चूत में खोंस कर उसे पेलने लगा !!!

" भैया... आआह्ह्ह्ह... अबकी बार प्लीज मत रुकना... आअह्ह्ह्हह ममममममम हाय मेरी चूत... मम्मी !!! ". सोनाली को तो जैसे जन्नत मिल गई हो. एकदम सही समय पर उसके भाई ने वापस से उसे चोदना शुरू किया था. एक मिनट के बाद उसने अपनी गांड़ उठा कर अमन को रुकने का इशारा किया, अमन जैसे ही उससे अलग हुआ, उसकी चूत से छरछरा कर पानी का फव्वारा छूट पड़ा !

सोनाली का चरमोत्कर्ष इतना गहरा था की वो अंदर तक सिहर उठी थी और उसका पूरा बदन अकड़ गया था. उसकी आँखों से आंसू निकल आये और वो अपने हाथ से अपनी चूत दबाये फफक फफक कर रोने लगी ! अमन ने अपनी बहन को आज तक कभी भी इस तरह से फूट फूट कर रोते हुए नहीं देखा था. वो उसकी बगल में लेट गया और उसका सिर अपनी बाहों में लेकर उसे सहला बहला कर शांत करने लगा. जब सोनाली थोड़ी सी शांत हुई तो उसने उसके आंसूओ से भीगे गीले गालों को खुब चुमा. उसके चुंबनों में सेक्स की भावना नहीं थी, बल्कि एक भाई का अपनी बहन को सांत्वना देने का मीठा प्रयास था.

" Sorry सोनाली, मुझे तुम्हें चोदना नहीं चाहिये था. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना ! ". अमन का वीर्य निकल जाने से अब जब उसकी वासना शांत हुई तो उसे ना जाने क्यूं अपने किये पर पछतावा होने लगा.

" ऐसा मत कहो भैया... भाई बहन के बीच हुए सेक्स में ग्लानि की कोई जगह नहीं होती. ये सम्बन्ध उतना ही पवित्र है जितना एक पति पत्नी का होता है ! ". सोनाली ने सुबक सुबक कर रोते हुए कहा.

अमन को मालूम नहीं था की उसकी बहन की बातों का Logic कितना सही या गलत है, पर उसे इस बात की खुशी थी की उसकी बहन के मन में कोई मलाल नहीं था और अभी अभी जो कुछ भी हुआ था उससे उन दोनों के भाई बहन के पावन रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ा था. उसने अपनी रोती हुई बहन के आंसू पोछे और प्यार से उसे चुम लिया, फिर दोनों थक कर एक दूसरे की बाहों में वैसे ही नग्न अवस्था में सो गयें !!!

इधर सुरेश अपनी बहन का दूध पीते पीते कब सो गया था उसे कुछ पता ही ना चला. नंदिनी की भी आँख लग गई थी. अचानक जब सुरेश के खुले हुए मुँह से नंदिनी का निप्पल बाहर निकल आया तो उसकी नींद खुल गई. नंदिनी भी उठ गई. उसने अपनी जांघों के बीच से सुरेश का लण्ड बाहर निकाला जो की अब एकदम ढीला पड़ चुका था. दोनों ने देखा की बगल में भाई बहन अमन और सोनाली एक दूसरे से लिपटे सो रहें थें.

" अमन उठ... बहुत रात हो गई है... चल चल..ज़ल्दी ! ". सुरेश ने अमन को झकझोर कर उठाया.

आज की रात जो कुछ भी हुआ था उसके बारे में किसी ने कोई बात नहीं की. जाते जाते अमन और सुरेश ने नंदिनी की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चुमा और फिर बारी बारी से सोनाली को Kiss किया.

उनके जाने के बाद सोनाली और नंदिनी ने देखा की पलंग का चादर सोनाली के चूत के पानी से पूरी तरह भीग गया था. दोनों एक साथ हँसने लगी.

" मैं दूसरी चादर बिछा देती हूं ! ". सोनाली ने कहा.

" मैं नीचे बाथरूम से पैड चेंज करके आती हूं ! ". नंदिनी ने पैंटी में अपनी चूत को दबाते हुए कहा. " पूरा गीला हो रखा है यार... चूत का बुरा हाल है !!! ".
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !

नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.

" भैया उठो ! भैया... ".

नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.

" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.

" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.

सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.

" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.

" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.

बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.

" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.

दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!

" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "

" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".

" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.

" भैया Relax... घर खाली है !!! ".

अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.

" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".

सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.

" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".

अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.

" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".

" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.

" हाँ बाबा... सच्ची ! ".

" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".

" Yes भैया... नंदिनी बोल रही थी की सभी रात तक लौट आयेंगे. तभी देखो ना दोनों मौका मिलते ही बाथरूम में ही शुरू हो गये ! ".

अमन अब एकदम से सहज़ हो चुका था और फिर वो और उसकी बहन दोनों चुपके चुपके बाथरूम में झाँकने लगें.

अंदर बाथरूम में ज़मीन पर बैठी नंदिनी अपनी गर्दन ऊपर किये अपने भैया की आँखों में एकटक देखते हुए पेशाब कर रही थी. अभी बेचारी ठीक से मूत भी नहीं पाई थी की अचानक उसके भाई ने उसे अपने हाथों में थाम कर उठाया और अपने सामने खड़ा कर लिया, फिर उसे अपनी बाहों में दबोचे बेतहाशा चूमने लगा. नंदिनी के टांगों के बीच से पेशाब निकलती रही, जो की उसकी जाँघों को भिगोते हुए नीचे उसके खुद के और सुरेश के पैरों पर गिरते हुए ज़मीन पर फैलने लगी.

" वैसे भैया... नंदिनी की शादी ना होने से आपको इतना खुश होने की ज़रूरत नहीं. लगता है अब उसे आपसे ज़्यादा अपना सगा भाई पसंद आने लगा है !!! ". सोनाली ने अपने भाई को चिढ़ाते हुए कहा.

उधर सुरेश और नंदिनी होंठ से होंठ सटाये अब स्मूच करने लगे थें. सुरेश ने अपना एक हाथ अपनी बहन के पेट से होते हुए नीचे सरका कर उसकी गदराई जाँघों के बीच डाल दिया. नंदिनी का मूतना बंद हो गया. अमन और सोनाली समझ गये की सुरेश ने अपनी बहन की चूत में ऊँगली पेल दी होगी !!!

" अगर ऐसा हुआ तो तुम भी तो सुरेश को खो दोगी बहना प्यारी ! ". अमन ने अपनी बहन को जवाब देते हुए कहा. " पर Don't Worry... फिर मैं तुमसे शादी कर लूंगा ! ".

" धत्त भैया... कुछ भी बोलते हो आप ! ". सोनाली लजा गई.

" छोड़ो... उन्हें डिस्टर्ब नहीं करते हैं ! ". कहते हुए अमन ने लपक कर अपनी बहन को गोद में उठा लिया.

" भैया छोड़ो... गिर जाउंगी ! ". सोनाली हँसते हुए नीचे उतरने की कोशिश करने लगी.

अमन उसे अपनी गोद में उठाये हुए ही अपने कमरे की ओर वापस चल दिया. " वैसे साड़ी में जंच रही हो... बताया नहीं आज अचानक साड़ी पहनने का इरादा कैसे बनाया ??? मेरे लिए है क्या... ".

" चलो बताती हूँ भैया... ".......................
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
कमरे में आकर अमन ने अपनी बहन को नीचे उतारा और खुद पलंग के किनारे बैठ कर उसे अपने सामने खड़ा करके अपनी बाहों में भर लिया.

" सुबह सुबह इतनी अच्छी महक रही हो... कौन सा परफ्यूम लगाया है ? आखिर माजरा क्या है ? ". अमन ने अपनी बहन की गांड़ मुलायम साड़ी के ऊपर ऊपर से सहलाते हुए उसके पेट और कमर को सूंघते हुए पूछा.

" Guess करो भैया... क्या आपको पता है की लड़कियाँ सबसे ज़्यादा साज सिंगार कब करती हैं ? ". सोनाली ने शरारती अंदाज़ में पूछा और धीरे धीरे अपनी साड़ी खोलने लगी.

" शादी के दिन... ". अमन ने अपनी बहन की नाभी सूंघते हुए कहा.

सोनाली हल्के से मुस्कुराई, उसकी मुस्कुराहट में एक इशारा था की अमन का जवाब गलत है.

अमन ने अपनी बहन की कमर में खोसी हुई साड़ी खींच कर निकाली और उसे साड़ी खोलने में मदद करने लगा. साड़ी खोल कर सोनाली ने वहीं बिस्तर पर फेंक दिया. अब वो अपने भाई के सामने साड़ी की मैचिंग कलर के लाल ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी. अमन ने उसकी गांड़ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और उसकी जाँघों के बीच अपना मुँह घुसा कर उसकी पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत सूंघने लगा.

" मममममममम... एकदम ताज़ी मछली की सुगंध है ! ". अमन ने एक लम्बी गहरी सांस ली तो उसकी नाक में उसकी बहन के योनि की तेज़ गंध समा गई.

" मछली ??? धत्त... ". सोनाली अपनी चूत की महक का मछली की महक से तुलना करने पर बुरी तरह से झेंप गई और उसने अपने भाई के गाल पर प्यार से एक थपकी लगाई. फिर उसने अपनी ब्लाउज के सामने के दो हुक खोल कर अपनी एक चूची बाहर निकाल ली और बोली. " हर वक़्त चूत चूत नहीं करते... कभी कभी दूध भी पी लेना चाहिए... सेहत के लिए अच्छा होता है ! ".

" हाँ... लेकिन माँ का दूध... सगी बहन का नहीं !!! ". अमन ने हँसते हुए कहा और उसके पेटीकोट से अपना चेहरा हटा कर उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

इतने दिनों बाद अपनी बहन का संग फिर से मिला था अमन को, उसका मन उसकी चूत की ओर ही भटक रहा था, बस अपनी बहन का दिल रखने के लिए उसने थोड़ी देर उसका दूध पिया और फिर उसका निप्पल अपने मुँह से निकाल कर वापस उसकी पेटीकोट की ओर झुका तो इस बार सोनाली ने उसका चेहरा अपने दोनों हांथो में पकड़ कर उसे रोक लिया.

" लड़कियाँ जब Periods में होती हैं तो उन्हें सजना संवरना अच्छा लगता है ... ". कुछ देर पहले पूछे गये अपने खुद के सवाल का जवाब देते हुए सोनाली ने अचानक कहा और अपने भाई की आँखों में देखने लगी.

अब समझ में आया अमन को की सोनाली आज इतना परफ्यूम वगैरह लगा कर सजी धजी क्यूं है... उसकी बहन आज रजस्वला थी !!!

" मुझे महीना होने पर साड़ी पहनना अच्छा लगता है भैया... और खूब सेंट वगैरह लगाना भी ! ". सोनाली ने अपने भाई के बालों में ऊँगलीयाँ फेरते हुए कहा.

अमन को समझ नहीं आ रहा था की ऐसी सिचुएशन में क्या कहे, सो वो चुप रहा.

" Sorry भैया... I Know की हमें इतने दिनों बाद फिर से मिलने का ऐसा सुनहरा मौका मिला है और मेरी ... ". कहते कहते सोनाली चुप हो गई.

" It 's Alright यार... ". अमन ने कहा और अपनी बहन की चूत को उसके पेटीकोट के ऊपर से चूम लिया. " आज पहला दिन है क्या ??? ".

" हाँ भैया... ". अपनी चूत चूमते भाई के गाल सहलाते हुए सोनाली ने कहा और फिर उसका चेहरा अपने हाथ से ऊपर उठाते हुए बोली. " निराश मत हो भैया... मेरी दूसरी छेद बिल्कुल फिट एंड फाइन है !!! ".

सोनाली ने अपनी पेटीकोट का नाड़ा खोल कर थोड़ा सा ढीला किया तो पेटीकोट सरसरा कर उसकी कमर से नीचे सरक कर उसके कदमो में गिर पड़ा.

" लो भैया... बूर देवी के दर्शन कर लो ! ". सोनाली ने अपनी उंगलियों से अपनी गाढ़े ब्लैक कलर की Lace पैंटी का Elastic सामने की ओर अपनी कमर से करीब एक दो इंच फैलाते हुए कहा. अमन ने पैंटी के अंदर झाँक कर अपनी बहन की चूत के दर्शन किये पर उतने से फांक से कुछ भी ठीक तरह से नहीं दिखा.

" कैची है भैया... ले आओ ! ". सोनाली ने अपनी पैंटी वापस एडजस्ट करते हुए कहा तो अमन उठ खड़ा हुआ, उसे समझ नहीं आया की उसकी बहन भला कैची का क्या करने वाली है.

Drawer से अपनी दाढ़ी काटने वाली कैची लेकर अमन वापस आया तो उसकी बहन ने अपनी गांड़ उसकी ओर बढ़ा दी.

" मेरी पैंटी में छेद करो भैया... गांड़ वाली जगह पर ! " सोनाली ने कहा.

अमन अपनी बहन की मंसा भाप गया, वो पैंटी के ऊपर ऊपर अपनी बहन की गांड़ का छेद टटोलने लगा, छेद मिलते ही छेद वाली जगह पर पैंटी में उसने कैची से करीब दो इंच का एक छोटा सा राउंड होल काट दिया, फिर अंदर ऊँगली डाल कर चेक किया, पैंटी का होल एकदम परफेक्ट जगह पे हुआ था जहाँ उसकी बहन की गांड़ का छेद था !
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
अमन ने अपनी बहन के गाल को चूमा और अपना बारमुडा पैंट खोल दिया, उसका लण्ड ठनक कर बाहर निकल आया. उसने नीचे झुक कर अपनी बहन की गांड़ को उसकी पैंटी के ऊपर से चूमा और फिर पैंटी के होल से उसने गांड़ के छेद को सूंघा, उसकी बहन की गांड़ उसकी चूत से कम सुगंधित नहीं थी !

अमन ने पैंटी के होल के अंदर थूक दिया तो सोनाली भड़क उठी.

" भैया छी... मुझे थूकना वूकना पसंद नहीं... ".

" बस थोड़ा सा बहना बेबी... गांड़ का छेद चूत जैसा लचीला नहीं होता, बिना अच्छी तरह से गीला किये जबरदस्ती करूँगा तो फट जायेगा ! " अमन ने अपनी बहन को समझाया.

सोनाली चुप हो गई, उसे अपने भाई की बात सही लगी, और कोई चारा भी तो नहीं था उसके पास. अमन ने अब अपने खड़े लण्ड पर भी थूका और फिर थूक को पूरे लण्ड पर मलने लगा. सोनाली सामने पलंग पर अपने हाथों से सहारा लिए अपनी गांड़ पीछे किये खड़ी हो गई. अब अमन अपनी बहन के पीछे था, उसने अपने लण्ड को उसके भरे पुरे चूतड़ पर तीन चार बार पटका, और फिर लण्ड का सुपाड़ा उसकी पैंटी के होल में डाल दिया.

" संभाल कर चोदना भैया... ध्यान रहे की मेरी नैपकिन चूत से खिसक ना जाये !!! ". सोनाली ने पीछे मुड़ कर अपने भाई को देखते हुए चिंतित स्वर में कहा तो अमन ने आगे बढ़ कर उसे चूम लिया.
Reply
07-20-2021, 12:23 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
उधर बाथरूम के अंदर सुरेश और नंदिनी एक दूसरे से नंगे लिपटे खड़े थें, सुरेश अपनी बहन की चूत में अपनी चारों उंगलियाँ घुसा कर अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था. उसने पहले एक उंगली डाली थी, फिर दूसरी, फिर तीसरी, और फिर यही करते करते अब अपनी चारों उंगलियों से उसे चोदने लगा था. नंदिनी झड़ने के करीब थी, उसने अपने भाई को कस कर पकड़ लिया और उसके चौड़े सीने में अपना चेहरा छुपा कर अतिउत्तेजना के कारण रोने लगी. उसके पुरे बदन में झुनझुनी सी दौड़ गई और उसकी चूत से सफ़ेद गाढ़ा फेना निकलने लगा.

हर लड़की अलग तरीके से झड़ती है, सुरेश को आज पता चला, उसकी फूफेरी बहन सोनाली जहाँ झड़ते वक़्त ढेर सारा पानी छोड़ती है जैसे की मानो पेशाब कर रही हो, वहीं उसकी सगी बहन नंदिनी का वैसा पानी नहीं निकलता है, बल्कि कम परिमाण में गाढ़ा माल गिरता है !

नंदिनी की चूत से करीब दो चम्मच भर फेना निकला था, अपनी उंगलीयों में लगे चिपचिपे लस्सेदार बूर - मलाई को सुरेश ने अपनी बहन की गांड़ पर पोत कर साफ किया और बचा खुचा माल अपने अंडकोष पर मल लिया.

नंदिनी अपने भाई से लिपटी करीब दस मिनट तक रोती रही, उसका पूरा शरीर कांप रहा था. सुरेश उसके बाल और पीठ सहलाते हुए उसके शांत होने की प्रतीक्षा करने लगा. दस मिनट के बाद नंदिनी ने अपना चेहरा उसके सीने से निकाल कर अपना मुँह ऊपर करके उसकी आँखों में देखा तो सुरेश ने देखा की उसकी बहन के गाल आंसुओ से पूरी तरह भींग कर चमक रहें थें. उसने बड़े दुलार से अपने हाथ से अपनी बहन के गाल पोछे और उसे चूम लिया.

अब सुरेश ने अपनी बहन को बाथरूम की दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और उसके सामने अपने घुटनो पर बैठ गया. अपने भाई का इरादा समझते ही नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर फैला दी. आज सुरेश को पहली बार अपनी सगी बहन की योनि का नज़ारा करने का सौभाग्य मिल रहा था, गौरतलब है की पिछली बार उसकी बहन रजस्वला थी तो उसने अपनी पैंटी नहीं उतारने दी थी, जबकि उसी रात अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली को मन भर कर भोगा था. खैर, देर आये दुरुस्त आये ! नंदिनी की चूत की हालत खस्ता थी, उसकी चूत का छेद फट कर करीब तीन इंच तक खुल गया था, चूत का दाना और अंदर का नरम गुलाबी द्वार साफ दिख रहा था. ये सब अमन का किया धरा था, ठीक वैसे ही जैसे सुरेश ने अमन की बहन सोनाली की चूत फाड़ दी थी. नतीजा ये हुआ था की बाद में ना ही अमन को अपनी बहन सोनाली की कुंवारी योनि देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और ना ही सुरेश को अपनी बहन नंदिनी की. अब किसे पता था की एक दूसरे की बहन के पीछे पड़े पड़े अचानक इन कमीनो को एक दिन अपनी अपनी सगी बहन से ही इश्क़ हो जायेगा !!!

ऐसी बुरी तरह से फटे चुदे बूर सुरेश ने पोर्न फिल्मों में खूब देखे थें, खासकर गैंगबैंग वाले सीन्स में, जहाँ बीस तीस मर्द मिलकर एक अकेली लड़की को पेल पेल कर उसकी बूर का भर्ता बना डालते हैं. पर नंदिनी उसकी अपनी सगी बहन थी, और उसकी बहन सिर्फ एक चूत नहीं थी, हाड़ मांस की बनी एक लड़की थी जिसके दिल में भावनाएं थीं, सुरेश अपनी बहन से प्यार करता था, ना की सिर्फ और सिर्फ उसकी चूत से ! सुरेश ने आगे बढ़कर अपनी बहन की चूत के खुले फांक से अपनी नाक सटा दी और गंध सूंघने लगा, पेशाब और चूत रस से मिश्रित कस्तूरी सुगंध इस बात का दावा कर रही थी की चूत का स्वाद उसकी गंध से कही ज़्यादा मादक होगा ! सुरेश अपना मुँह जितना खोल सकता था उतना खोल कर उसने अपनी बहन के मोटे चूत को पूरी तरह से अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर की पच - पच की आवाज़ करते हुए चूसने लगा, जैसे की मानो वो उसकी चूची से दूध पी रहा हो !!!

मन भर कर पाँच मिनट तक अपनी बहन की योनि का रसास्वादन करने के बाद सुरेश जब उसकी जाँघों के बीच से अपना मुँह निकाल कर उठा तो नंदिनी ने देखा की उसका लण्ड तन कर उसके पेट से सट गया है और उसके सुपाड़े से पानी जैसा पतला पतला सा कुछ निकल कर चू रहा है. नंदिनी शर्म से लाल हुई मरी जा रही थी, अब उसका सगा भाई उसे चोदेगा ! सुरेश ने अपनी बहन की एक टांग अपने हाथ में उठा कर अपने कमर से लपेट लिया, नंदिनी उसी अवस्था में अपनी दूसरी टांग पर खड़ी रही, सुरेश ने अपना पेट थोड़ा नीचे झुका कर अपना लण्ड सही पोजीशन में रख कर उसकी खुली चूत में ठेल दिया !

इधर कमरे में अमन अपनी बहन सोनाली का स्टैंडिंग डॉगी स्टाइल में पीछे से गांड़ मार रहा था, सोनाली का पेटीकोट अभी भी उसके पैरों से लिपटा ज़मीन पर फैला पड़ा था. सोनाली को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उसकी टाईट गांड़ में उसके भाई का पुरे का पूरा लौड़ा घुस भी पायेगा, सारा कमाल अमन की थूक का था ! समागम के आनंद में गोते लगाती सोनाली अपनी लड़कियों वाली प्रॉब्लम भूल कर अपने गोल चूतड़ हिला हिला कर चुदवा रही थी. बस बीच बीच में जब उसका भाई अपनी पेलन - स्पीड हद से ज़्यादा बढ़ा देता तो वो बड़बड़ाने लगती.

" आआहहहह भैया धीरे... उफ्फ्फ... मेरी पैंटी सरक रही है... मममममम्म आराम से भैया... हाय मेरी पैड... क्या कर रहे हो भैया... खुल गई मेरी पैंटी हाय... ओह मम्मी !!! "

अपनी बहन की विनती और गुहार का अमन पर कोई असर नहीं हो रहा था. यहाँ तक की सोनाली की कसी हुई गांड़ में लगातार घर्षण की वजह से उसके लण्ड का सुपाड़ा तक छिल गया था, पर वासना दर्द पर हावी रहा और उसके धक्को में कोई मंदी नहीं आई. लण्ड के बिना रुके अंदर बाहर होते रहने से पैंटी में कैची से किया हुआ होल फट कर अब इतना बड़ा हो गया था की सोनाली की गोरी गांड़ साफ दिखाई देने लगी थी. अमन के अंडकोष में वीर्य के बुलबुले उबाल मारने लगे थें, इतनी टाईट गांड़ में बेचारा और कितनी देर टिकता ! उसने अपनी बहन के गुदेदार कूल्हो से चिपकी पैंटी के दोनों किनारे अपने दोनों हाथों की मुठ्ठीयों में कस कर पकड़े और जल्दी जल्दी अपनी कमर हिलाने लगा. लण्ड का अंत करीब था, धक्के मारते मारते उत्तेजना के मारे अमन ने अपनी बहन की पैंटी कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से खींच दी, पैंटी में गांड़ वाला होल पहले से ही फट कर बड़ा हुआ पड़ा था, सो अचानक पैंटी पीछे की ओर फट कर गांड़ से अलग हो गई. ठीक उसी वक़्त लण्ड गांड़ के अंदर वीर्य की उल्टी करने लगा !!!
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,483,764 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,482 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,916 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,441 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,111 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,269 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,936,798 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,010,371 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,014,305 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,192 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 20 Guest(s)