Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
08-21-2019, 08:10 PM,
RE: Adult Kahani कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
अफ क्या तेज कॉकटेल बनाई थी ऋतु ने, रमण का सीना जलने लगता है जैसे जैसे कॉकटेल उसके हल्क से नीचे उतरती है और उसके जिस्म में गर्मी चढ़ने लगती है.
रमण को पूरा ग्लास पिला कर ऋतु उसके होंठ चाटने लगी.

‘कमोन किस युवर रंडी’

रमण को गर्मी तो चढ़ चुकी थी वो ऋतु को कस के दबोच लेता है और पागलों की तरहा उसके होंठ चूसने, चाटने और काटने लगता है.

ऋतु भी उसका साथ देती है और दोनो की ज़ुबाने एक दूसरे से पेच लड़ाने लगी.
ऋतु रमण का हाथ पकड़ के अपने उरोज़ पे रख देती है और रमण उसके उरोज़ को मसल्ते हुए उसके होंठों का रस पीने लगा.
जब दोनो की साँसे टूटने लगी तो दोनो अलग हुए और अपनी साँसे संभालने लगे. ऋतु की आँखों में गुलाबी नशीले डोरे तैरने लगे थे और रमण की आँखों में वासना का नशा भर चुका था.

अपनी साँस ठीक कर के ऋतु कॉकटेल का दूसरा ग्लास उठा कर एक सीप पीती है और फिर अपने मुँहे में भर कर रमण के होंठों पे होंठ रगड़ते हुए उसके मुँह में डाल देती है. इस तरहा आधे घंटे में जा कर वो ग्लास खाली होता है.

रमण को समझ नही आ रहा था उस दिन तो ऋतु ने इतनी बेइज़्ज़ती करी आज ये रंडीपना इतने प्यार से क्यूँ दिखा रही है.

ऋतु रमण का हाथ पकड़ उसे बेडरूम में ले गई और उसकी पॅंट की ज़िप खोल कर उसके लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी.

रमण ने उसे फिर लपेल लिया और उसके होंठ चूसने लगा. थोड़ी देर अपने होंठ चुसवाने के बाद ऋतु नीचे बैठ कर रमण का लंड चूसने लगी, मस्ती के आलम में

रमण की सिसकियाँ निकलने लगी और उसने ऋतु के सर को अपने लंड पे दबा कर अपना लंड उसके हलक तक डाल कर उसका मुँह चोदने लगा.

ऋतु को साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी, पर वो रमण का साथ देती रही बिल्कुल एक रंडी की तरहा और ज़ोर ज़ोर से उसका लंड चूसने लगी.

रमण ज़्यादा देर तक टिक नही पाया और जल्दी ही ऋतु के मुँह में झड़ने लगा. ऋतु ने एक बूँद भी जाया नही होने दी और उसका सारा रस पी कर उसके लंड को चाट ते हुए अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और हाँफने लगी.

रमण ने उसे बिस्तर पे लिटा दिया और अपने कपड़े उतार कर उसकी चूत पे टूट पड़ा.

उफफफफफफफ्फ़ हमम्म्ममममम चूसो अपनी रंडी की चूत अहह और ज़ोर से चूसे. ऋतु आ ज से इस घर की रंडी है ------- आह आह उम उम ओह म्म्म्मा आआआआ

रमण ने उसकी चूत में अपनी ज़ुबान डाल दी और अपनी जीब से उसे चोदने लगा साथ ही साथ अपनी एक उंगली ऋतु की गान्ड में भी घुसा डाली.

जैसे ही ऋतु की गान्ड में उसकी उंगली घुसी ऋतु दर्द के मारे चिल्ला पड़ी
आाऐययईईईईई मदर्चोद गान्ड के पीछे क्यूँ पड़ गया, बाहर निकाल नही तो लंड काट दूँगी तेरा, रंडी की मर्ज़ी के बिना गान्ड को हाथ मत लगाना.

रमण वाकई में डर गया और फट से अपनी उंगली उसकी गान्ड से बाहर निकाल कर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लग गया. कभी ज़ुबान से चाट ता, कभी पूरी चूत मुँह में भर के ज़ोर से चूस्ता तो कभी अपनी उंगलियों से उसकी चूत में घुसा कर पेलने लगता.

आह आह चूसो मेरी चूत, हाई चूसो इस रंडी की चूत, आह मज़ा आ रहा है

ऋतु ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, अब तक रमण का लंड फिर खड़ा हो चुका था, और उसने देर ना करते हुए ऋतु की टाँगों को अपने कंधों पे रखा और एक ही झटके में ऋतु की चूत में अपना लंड घुसा दिया.

दर्द के मारे ऋतु बिलबिला उठी, हहाआआआआऐययईईईईईईई माआआआररर्र्र्ररर द्द्ददडाअल्ल्लाआाअ कककककुउुुउउत्त्तट्टीईई आराम से नहियीईईईई डाल सकता था.

रमण ऋतु की चीखों की परवाह नही करता और बिल्कुल उसे रंडी समझ के ज़ोर दार चुदाई शुरू कर देता है.

ऋतु भी अपनी चूत का रस छोड़ कर उसके लंड को गीला कर देती है और कमरे में फॅक फॅक फॅक की आवाज़ें गूंजने लगती है.

आधे घंटे तक रमण ऋतु की ताबडतोड़ चुदाई करता है और फिर झड कर उसके बगल में गिर पड़ता है. दोनो के जिस्म पसीने से लथपथ हो चुके थे और दोनो ही अपनी साँसे संभालने लगे इस दौरान ऋतु 4 बार झाड़ चुकी थी और चुदाई के मज़े को अपने अंदर समेट रही थी.अफ क्या तेज कॉकटेल बनाई थी ऋतु ने, रमण का सीना जलने लगता है जैसे जैसे कॉकटेल उसके हल्क से नीचे उतरती है और उसके जिस्म में गर्मी चढ़ने लगती है.
रमण को पूरा ग्लास पिला कर ऋतु उसके होंठ चाटने लगी.

‘कमोन किस युवर रंडी’

रमण को गर्मी तो चढ़ चुकी थी वो ऋतु को कस के दबोच लेता है और पागलों की तरहा उसके होंठ चूसने, चाटने और काटने लगता है.

ऋतु भी उसका साथ देती है और दोनो की ज़ुबाने एक दूसरे से पेच लड़ाने लगी.
ऋतु रमण का हाथ पकड़ के अपने उरोज़ पे रख देती है और रमण उसके उरोज़ को मसल्ते हुए उसके होंठों का रस पीने लगा.
जब दोनो की साँसे टूटने लगी तो दोनो अलग हुए और अपनी साँसे संभालने लगे. ऋतु की आँखों में गुलाबी नशीले डोरे तैरने लगे थे और रमण की आँखों में वासना का नशा भर चुका था.

अपनी साँस ठीक कर के ऋतु कॉकटेल का दूसरा ग्लास उठा कर एक सीप पीती है और फिर अपने मुँहे में भर कर रमण के होंठों पे होंठ रगड़ते हुए उसके मुँह में डाल देती है. इस तरहा आधे घंटे में जा कर वो ग्लास खाली होता है.

रमण को समझ नही आ रहा था उस दिन तो ऋतु ने इतनी बेइज़्ज़ती करी आज ये रंडीपना इतने प्यार से क्यूँ दिखा रही है.

ऋतु रमण का हाथ पकड़ उसे बेडरूम में ले गई और उसकी पॅंट की ज़िप खोल कर उसके लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी.

रमण ने उसे फिर लपेल लिया और उसके होंठ चूसने लगा. थोड़ी देर अपने होंठ चुसवाने के बाद ऋतु नीचे बैठ कर रमण का लंड चूसने लगी, मस्ती के आलम में

रमण की सिसकियाँ निकलने लगी और उसने ऋतु के सर को अपने लंड पे दबा कर अपना लंड उसके हलक तक डाल कर उसका मुँह चोदने लगा.

ऋतु को साँस लेने में तकलीफ़ होने लगी, पर वो रमण का साथ देती रही बिल्कुल एक रंडी की तरहा और ज़ोर ज़ोर से उसका लंड चूसने लगी.

रमण ज़्यादा देर तक टिक नही पाया और जल्दी ही ऋतु के मुँह में झड़ने लगा. ऋतु ने एक बूँद भी जाया नही होने दी और उसका सारा रस पी कर उसके लंड को चाट ते हुए अपने मुँह से बाहर निकाल दिया और हाँफने लगी.

रमण ने उसे बिस्तर पे लिटा दिया और अपने कपड़े उतार कर उसकी चूत पे टूट पड़ा.

उफफफफफफफ्फ़ हमम्म्ममममम चूसो अपनी रंडी की चूत अहह और ज़ोर से चूसे. ऋतु आ ज से इस घर की रंडी है ------- आह आह उम उम ओह म्म्म्मा आआआआ

रमण ने उसकी चूत में अपनी ज़ुबान डाल दी और अपनी जीब से उसे चोदने लगा साथ ही साथ अपनी एक उंगली ऋतु की गान्ड में भी घुसा डाली.

जैसे ही ऋतु की गान्ड में उसकी उंगली घुसी ऋतु दर्द के मारे चिल्ला पड़ी
आाऐययईईईईई मदर्चोद गान्ड के पीछे क्यूँ पड़ गया, बाहर निकाल नही तो लंड काट दूँगी तेरा, रंडी की मर्ज़ी के बिना गान्ड को हाथ मत लगाना.

रमण वाकई में डर गया और फट से अपनी उंगली उसकी गान्ड से बाहर निकाल कर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूसने लग गया. कभी ज़ुबान से चाट ता, कभी पूरी चूत मुँह में भर के ज़ोर से चूस्ता तो कभी अपनी उंगलियों से उसकी चूत में घुसा कर पेलने लगता.

आह आह चूसो मेरी चूत, हाई चूसो इस रंडी की चूत, आह मज़ा आ रहा है

ऋतु ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, अब तक रमण का लंड फिर खड़ा हो चुका था, और उसने देर ना करते हुए ऋतु की टाँगों को अपने कंधों पे रखा और एक ही झटके में ऋतु की चूत में अपना लंड घुसा दिया.

दर्द के मारे ऋतु बिलबिला उठी, हहाआआआआऐययईईईईईईई माआआआररर्र्र्ररर द्द्ददडाअल्ल्लाआाअ कककककुउुुउउत्त्तट्टीईई आराम से नहियीईईईई डाल सकता था.

रमण ऋतु की चीखों की परवाह नही करता और बिल्कुल उसे रंडी समझ के ज़ोर दार चुदाई शुरू कर देता है.

ऋतु भी अपनी चूत का रस छोड़ कर उसके लंड को गीला कर देती है और कमरे में फॅक फॅक फॅक की आवाज़ें गूंजने लगती है.

आधे घंटे तक रमण ऋतु की ताबडतोड़ चुदाई करता है और फिर झड कर उसके बगल में गिर पड़ता है. दोनो के जिस्म पसीने से लथपथ हो चुके थे और दोनो ही अपनी साँसे संभालने लगे इस दौरान ऋतु 4 बार झाड़ चुकी थी और चुदाई के मज़े को अपने अंदर समेट रही थी.
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