RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में अपने आप को रोक ना पे, और विंडो के पास जाकर दरार में अंदर झाँकने लगी……अंदर का नज़ारा देख मेरे पूरे बदन में आग लग गयी….अंदर अरशद बेड के किनारे नीचे खड़ा था…और सलमा बेड पर घोड़ी बनी हुई सीसीया रही थी…..
सलमा: जी गान्ड में मत डालिए….बहुत दर्द होता है..
अर्साद: चुप कर साली क्यों नौटंकी कर रही है………तेरी गान्ड को पिछले दो महीनो से मार रहा हूँ..और अभी तक तुझे गान्ड में लंड लेने से दर्द होता है. में नही मानता…….
सलमा: सच कह रही हूँ…….
अर्साद ने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, और अपने लंड पर तेल लगाकर, अपने लंड के सुपाडे को उसकी गान्ड के छेद पर भिड़ा दिया…सलमा एक दम सिसक उठी. ओह्ह जी धीरे-2 मारना……”
अर्साद ने अपने लंड को सलमा की गान्ड के छेद पर दबाना शुरू कर दिया. अर्साद का लंड 6-7 इंच ही लंबा था….जो कि नॉर्मल साइज़ का होता है….मेरे देखते ही देखते, अर्साद का पूरा लंड सलमा की गान्ड में समा गया…..और अर्साद ने अपना लंड सलमा की गान्ड के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया……
सलमा: जी और ठोकिए अपना लुना आह बहुत मज्जा आ रहा है…
सलमा भी अब अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलनी लगी थी. में ये सब देख कर बहुत हैरान थी, कि आदमी औरत की गान्ड भी मरते है, और उससे ज़यादा हैरान सलमा पर थी, जो पहले दर्द से कराह रही थी….अब अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फेंक-2 कर अर्साद का लंड गान्ड में ले कर मज़े कर रही थी….ये सब देखते हुए मेरी बुरी हालत हो गयी……
में फॉरन नीचे आ गयी…….अपने रूम को अंदर से लॉक किया….तेज़ी से अपनी सलवार खोली, फिर सलवार के साथ-2 अपनी पैंटी को भी नीचे सरका दिया. मेने अपनी चूत पर अपनी उंगलियो घुमाना शुरू कर दिया…..मेरी चूत इतनी गीली हो चुकी थी, कि कुछ ही सेकेंड्स में मेरी उंगलिया भी पानी से सन गयी.
पर मेरी चूत में सरसराहट और बढ़ती जा रही थी…..मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था कि, में अपनी चूत में हो रही खुजली को कैसे शांत करूँ… में बेड पर गिरते हुए लेट गयी…..मेरे बदन में आग लगी हुई थी…..रह रह कर मुझे अमित के याद सता रही थी…..उसके साथ बिताए हुए हर पल मेरी आँखों के सामने घूमने लगा था……..
मेरे ज़हन में उसकी कही बातें घूमने लगी……में उन सब बातों में उलझ कर रह गयी थी….में मन मार कर बाहर आ गयी…मेने देखा सोनिया अपने रूम में उदास सी लेटी हुई थी………जब से अमित यहाँ से गया था, वो बेहद उदास थी….में उसके पास गयी, और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए.
में: क्या हुआ बेटा उदास क्यों हो…..
सोनिया: (रूखे अंदाज़ में) कुछ नही……
में: देख सोनिया में कई दिनो से देख रही हूँ…..तू बहुत उदास रहती हो… बेटा मेने जो किया वो तुम्हारे भले के लिए ही किया है……अमित तुम्हारे लायक नही है….
सोनिया: (एक दम से सोनिया की आँखों में आँसू आ गये) माँ में उससे प्यार करती हूँ…….में नही रह पाउन्गि उसके बिना……..
में: (थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए) चुप कर, तू जानती क्या है उसके बारे में…तुझे पता है, वो जो नीता आंटी आई थी, उसकी साथ वो कॉन थी…..
सोनिया: (सुबकते हुए) हां जानती हूँ माँ……सब जानती हूँ…….अमित ने मुझे सब बताया था……उनके बीच में जो होता था……
में: (सोनिया की बात सुन कर जैसे मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी) फिर भी तू उससे प्यार करती है….तू ये कैसे कर सकती है….
सोनिया: मुझे नही पता माँ…..उसने मुझे सच तो बताया ना…..तुम ही बताओ कॉन अपने ऐसे राज़ किसी को बताता है……में अगर शादी करूँगी तो उससे ही करूँगी, नही तो में जहर खा कर मर जाउन्गि……
में: तू पागल हो गयी है सोनिया….
सोनिया: हां में पागल हूँ, उसके प्यार में पागल……अब जब में उसे अपना सब कुछ दे चुकी हूँ, तो कैसे किसी और के साथ शादी कर लूँ. तुम ही बताओ माँ….
मेने चुप कर बाहर आना ही ठीक ही समझा…….हमारी जिंदगी में ऐसा तूफान आया था.जो थमने का नाम ही नही ले रहा था…..सोनिया से मेरी अगले दो दिन तक बात ही नही हुई,….सोनिया ने दो दिन से कुछ नही खाया था…. वो मेरे सामने अंदर ही अंदर घुट रही थी…….में अपनी हालत से इतना मजबूर हो गयी थी, कि आख़िर मेने सोच ही लिया कि, अब सोनिया को ही अपनी जिंदगी का फैंसला लेने दूं…..आख़िर अमित भी ठीक ही कह रहा था……..
उसमे कोई कमी भी नही थी…..में सोनिया के रूम में गयी, तो उसने मुझे देख कर फेस घुमा लिया….मेने उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा”सोनिया नाराज़ हो अपनी मम्मी से” सोनिया ने कुछ नही बोला……
में: चल उठ कर खाना खा ले,
सोनिया: मुझे भूख नही है……
में: तूने कल से कुछ नही खाया बेटा बीमार पड़ जाएगी…..
सोनिया: मर भी जाऊ तो उससे आपको क्या फरक पड़ता है…
मेने सोनिया को पकड़ कर अपने गले से लगा कर “ना बेटा ऐसा नही बोलते.तुझसे पहले में ना मर जाउ….तू अमित से शादी करना चाहती है ना….जा कर ले. मुझे कोई इतराज़ नही….पर अगर अमित ने तुझसे शादी करने के लिए मना कर दिया तो,
सोनिया: (सोनिया को तो जैसे मेरी बात पर यकीन ही नही हो रहा था…) क्यों नही करेगा…..वो भी मुझसे प्यार करता है……
में: चल ठीक है, जैसे तू कहेगी में राज़ी हूँ……
सोनिया मेरे बात सुन कर एक दम से उछल पड़ी….और बेड से उतरते हुए बाहर जाने लगी…”अर्रे कहाँ जा रही है….खाना तो खा ले…….
सोनिया: माँ अमित को फोन करने जा रही हूँ….बाद में खाना खाती हूँ..
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