Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
05-14-2019, 11:44 AM,
#70
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ
हेमन्त ने पिक्चर ऐसा चुना कि जब हम अंदर जाकर बैठे तो सिनेमा हॉल एकदम खाली था. मैंने जब उससे कहा कि पिक्चर बेकार होगी तो वह हंसने लगा. "बड़ा भोला है तू यार, यहां कौन पिक्चर देखने आया है? जरा तेरे साथ अकेले में बैठने को तो मिलेगा." उसकी आवाज में छुपी शैतानी और मादकता से मेरा दिल धड़कने लगा और मैं बड़ी बेसब्री से अंधेरा होने का इंतजार करने लगा.

पिक्चर शुरू हुई और सारी बत्तियां बुझा दी गईं. हम दोनों पीछे ड्रेस सर्कल में बैठे थे. दूर दूर तक और कोई नहीं था, कोने में एक दो प्रेमी युगल अलग बैठे थे. सिर्फ हमी दोनों लड़के थे. मेरे मन में ख्याल आया कि असल में उन युगलों में और हममें कोई फ़रक नहीं है. हम भी शायद वही करेंगे जो वे करने आये हैं. मेरा तो बहुत मूड था पर अभी भी मैं पहल करने में डर रहा था. मैंने आखिर यह हेमन्त पर छोड़ दिया और देखने लगा कि उसके मन में क्या हैं

मेरा अंदाजा सही निकला. अंधेरा होते ही हमंत ने बड़े प्रेम से अपना एक हाथ उठाकर मेरे कंधों पर बड़े याराना अंदाज में रख दिया. फुसफुसा कर हल्की आवाज में मेरे कान में वह बोला. "यार अनिल, कुछ भी कह, तू बड़ा चिकना छोकरा है यार, बहुत कम लड़कियां भी इतनी प्यारी होती हैं."

मैंने भी अपना हाथ धीरे से उसकी जांघ पर रखते हुए कहा, "यार हेमन्त, तू भी तो बड़ा मस्त तगड़ा और मजबूत जवान है. लड़कियां तो तुझ पर खूब मरती होंगीं?"

उसका हाथ अब नीचे खिसककर मेरे चेहरे को सहला रहा था. मेरे कान और गाल को बड़े प्यार से अपनी उंगलियों से धीरे धीरे गुदगुदी करता हुआ वह अपना सिर बिलकुल मेरे सिर के पास ला कर बोला "मुझे फ़रक नहीं पड़ता, वैसे भी छोकरियों में मेरी ज्यादा दिलचस्पी नहीं है. मुझे तो बस तेरे जैसा एकाध चिकना दोस्त मिल जाए तो मुझे और कुछ नहीं चाहिये." और उसने झुक कर बड़े प्यार से मेरा गाल चूम लिया.

मुझे बड़ा अच्छा लगा. मेरा लंड अब तक पूरी तरह खड़ा हो चुका था. मैंने अपना हाथ अब साहस करके बढ़ाया और उसकी पैंट पर रख दिया. हाथ में मानो एक बड़ा तंबू आ गया. ऐसा लगता था कि पैंट के अंदर उसका लंड नहीं, कोई बड़ा मूसल हो. उसके आकार से ही मैं चकरा गया. इतना बड़ा लंड! ।

अब तक हम दोनों के सब्र का बांध टूट चुका था. हेमन्त ने अपना हाथ मेरी छाती पर रखा और मेरे निपल शर्ट के उपर से ही दबाते हुए मुझे बोला. "चल बहुत नाटक हो गया, अब न तड़पा यार, एक चुम्मा दे जल्दी से."

मैंने अपना मुंह आगे कर दिया और हेमन्त ने अपना दूसरा हाथ मेरे गले में डाल कर मुझे पास खींचकर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये. हमारा यह पहला चुंबन बड़ा मादक था. उसके होंठ थोड़े खुरदरे थे और उसकी छोटी मूछों से मेरे ऊपरी होंठ पर बड़ी प्यारी गुदगुदी हो रही थी. उसकी जीभ हल्के हल्के मेरे होंठ चाट रही थी. हम एक दूसरे को बेतहाशा चूमते हुए अपने अपने हाथों से एक दूसरे के लंड टटोल रहे थे. 
हमारी चूमाचाटी अब हमें इतनी उत्तेजित कर उठी थी कि मुझे लगा कि वहीं उसका लंड चूस लूं.

पर जब अचानक होती हलचल से हमने चुंबन तोड़ कर इधर उधर देखा तो पता चला कि काफ़ी दर्शक हाल में आना शुरू हो गये थे. वे सब हमारे आस पास बैठने लगे थे. धीरे धीरे काफ़ी भीड़ हो गई. हमें मजबूरन अपना प्रेमालाप बंद करना पड़ा. अपने उछलते लंड पर मैंने किसी तरह काबू किया.

हेमन्त भी खिसककर बैठ गया और वासना थोड़ी दबने पर बोला. "चल यार, चलते हैं, यहां बैठकर अब कोई फ़ायदा नहीं. साली भीड़ ने आकर अपनी के एल डी' कर दी" मैंने पूछा कि के एल डी' का मतलब क्या है तो हंस कर बोला. "यार, इसका मतलब है - खड़े लंड पर धोखा."

हम बाहर निकल आये. एक दूसरे की ओर देखकर प्यार से हंसे और हाथ में हाथ लिये चलने लगे. हेमन्त ने कहा "अच्छा हुआ यार, असल में हमें अपना पहला कामकर्म आराम से अपने घर में मजे ले लेकर करना चाहिये, ऐसा छुप कर जल्दी में नहीं. चल, कल रात को मजा करेंगे."

मैंने चलते चलते धीरे से पूछा "हेमन्त, मेरे राजा, यार तेरा लंड लगता है बहुत बड़ा है, कितना लंबा है?"

वह हंसने लगा. "डर लग रहा है? कल खुद नाप लेना मेरी जान, पर घबरा मत, बहुत प्यार से दूंगा तुझे." हेमन्त का लंड लेने की कल्पना से मैं मदहोश सा हो गया.

अब हम चलते चलते एक बाग में से गुजर रहे थे. अंधेरा था और आगे पीछे कोई नहीं था. हेमन्त ने अपना हाथ मेरी कमर में डाला और पैंट के अंदर डाल कर मेरे नितंब सहलाने लगा. जब उसकी एक उंगली मेरे गुदा के छेद को रगड़ने और मसलने लगी तो मैं मस्ती से सिसक उठा. हेमन्त मेरी उत्तेजना देख कर मुस्कराया और हाथ बाहर निकाल कर बीच की उंगली मुंह में लेकर चूसने लगा. मैंने जब उसकी ओर देखा तो वह मुस्कराया पर कुछ बोला नहीं.

अब उसने फ़िर से हाथ मेरी पैंट और जांघिये के अंदर डाला और अपनी गीली उंगली धीरे धीरे मेरे गुदा में घुसेड़ दी. मैं मस्ती और दर्द से चिहुंक कर रह गया और रुक गया. वह बोला. "चलते रहो यार, रुको नहीं, दर्द होता है क्या? दर्द न हो इसलिये तो मैंने उंगली थूक से गीली की थी और उसने मुझे पास खींचकर फ़िर चूमना शुरू कर दिया.

मुझे अब बड़ा सुख मिल रहा था, लंड जोर से खड़ा था और गांड में भी एक बड़ी मीठी कसक हो रही थी. हेमन्त अब पूरी उंगली अंदर डाल चुका था और इधर उधर घुमा रहा था जैसे मेरी गांड का अंदर से जायजा ले रहा हो. मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था पर उसमें भी एक मिठास थी.

जब मैंने यह बात उससे कही तो फ़िर उसने मुझे जोर से चूम लिया. "तू सच्चा गांडू है मेरे यार मेरी तरह, तभी इतना मजा आ रहा है गांड में उंगली का. पर एक ही उंगली में तेरा यह हाल है मेरे यार, फ़िर आगे क्या होगा? खैर तू यह मुझ पर छोड़ दे. तू मेरे लंड का ख्याल रखना, मैं तेरी इस प्यारी कुंवारी गांड का ख्याल रखूगा, बहुत प्यार से लूंगा तेरी. फ़ाडूंगा नहीं."

मैं अब मानों हवा में चल रहा था. लगता था कि कभी भी झड़ जाऊंगा. मैंने भी एक हाथ उसकी पैंट में डाल दिया और उसके चूतड़ सहलाने लगा. बड़े ठोस और भरे हुए चूतड़ थे उसके. हेमन्त मुझे चूमता हुआ मेरी गांड में उंगली करता रहा और हम चलते रहे. हेमन्त आगे बोला "राजा, असल में मैं देख रहा था कि कितनी गहरी और कसी है तेरी गांड . एकदम मस्त और प्यारी निकली यार. लगता है कि कुंवारी है, कभी मरवाई नहीं लगता है?"

मैंने जब कुंवारा होने की हामी भरी तो वह बड़ा खुश हुआ. "मुझे लगा ही इसकी सकराई देख कर. यार तू इसमें कुछ तो डालता होगा मुट्ठ मारते समय." मैंने कुछ शरमा कर कहा कि कभी कभी पतली मोमबत्ती या पेन मैं जरूर डालता था. वह खुश होकर बोला. "वाह, मेरे यार, राजा, तूने अपनी कुंवारी गांड लगता है सिर्फ मेरे लिये सम्हाल कर रखी है, मज़ा आ गया राजा."

उसका होस्टल आ गया था. उसने उंगली मेरी गांड में से निकाली और हम अलग हो गये. होस्टल के गेट पर खड़े होकर उसने मुझसे कहा, "देख मेरे प्यारे, आज मुठू नहीं मारना, मैं भी नहीं मारूंगा. अपनी मस्ती कल के लिये बचा कर रख, समझ हमारा हनीमून है, ठीक है ना?"

मैंने हामी भरी पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था और उसे मैं दबा कर बैठाने की कोशिश कर रहा था. यह देख कर उसने पूछा. "विक्स है ना तेरे पास?"

जब मैंने हां कहा तो बोला "आज रात और कल दिन में विक्स लगा लेना अपने लौड़े पर. जलेगा थोड़ा पर देख एकदम ठंडा हो जायेगा. कल रात नहा कर धो डालना, आधे घंटे में फ़िर टनटना जायेगा."

हमने एक दूसरे से विदा ली. हमने सामान लेकर शाम को सीधा नये घर में मिलने का प्लान बनाया. मेरे सामने अब हेमन्त ने बड़ी शैतानी से अपनी वही उंगली, जो उसने मेरी गांड में की थी, मुंह में ले ली और चूसने लगा. 
"इनडायरेक्ट स्वाद ले रहा हूँ प्यारे तेरी मीठी गांड का, कल एकदम डायरेक्ट स्वाद मिलेगा मुझे." मैं फ़िर शरमा गया और वापस चल पड़ा.

कामुकता से मेरा बुरा हाल था. मन में हेमन्त छाया हुआ था. मुट्ठ मारने को मैं मरा जा रहा था पर हेमन्त को दिये वायदे के अनुसार मैंने लंड पर विक्स लगाया और फ़िर एक नींद की गोली लेकर सो गया.
Reply


Messages In This Thread
RE: Adult Kahani समलिंगी कहानियाँ - by sexstories - 05-14-2019, 11:44 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,708,466 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 569,860 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,321,823 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,005,132 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,773,363 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,181,134 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,124,344 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,640,058 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,217,912 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,046 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)