Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
05-19-2019, 01:12 PM,
#41
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अनुम अमन का चेहरा देखने लगती है। अब अनुम की आँखों में आँसू नहीं थे-जलन मुझे किस चीज़ की? 

अमन-“हाँ जलन… ये जलन है। अनुम प्यार की जलन… अपनी चीज़ किसी दूसरे के पास देखने की जलन। अगर तुझे ये सब गंदा घिनौना लगता है, तो तू क्या कर रही है? तुझे जब मैंने किस किया, तब तूने मुझे थप्पड़ मारना चाहिए था। जब मैंने तुझे रिंग पहनाया, तब तुझे वो फेंक देना चाहिए था। आखिर तू भी तो मेरी होना चाहती है ना… तू भी तो मेरी सगी बहन है? क्या ये गंदा नहीं होगा? मैंने तुझे रिंग पहनाया फिर उसके बाद क्या? 

बोल मुझे… है कोई जवाब तेरे पास? उसके बाद क्या करेगी मुझसे-शादी। दुनियाँ वाले मानेंगे इस चीज़ को? तेरा बाप इजाजत देगा हमें? नहीं, कभी नहीं? मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ कि मैं ऐसे ही रहूँगा, और ऐसे ही रजिया की चोदूंगा। अगर तुझे मेरी बात गलत लगे तो तेरे बाप को आने के बाद बोल देना और अगर तू मेरी बनकर रहना चाहती है तो? 
हाँ, मैं जादा करता हूँ कि तुझसे शादी करूंगा चाहे कोई माने या ना माने। मगर उससे पहले मैं रजिया से शादी करूंगा। बोल तुझे कुछ कहना है? 

रजिया और अनुम दोनों अमन को ही देख रही थीं। रजिया ने तो सोचा भी नहीं था कि अमन वो सोच चुका था। उसे अपनी मोहब्बत पे फख्र महसूस हो रहा था। वो उठकर अमन के पास आ जाती है, और अमन के होंठों पे अपने होंठ रखकर उसके होंठों को चूसने लगती है। अब उसे किसी चीज़ की परवाह नहीं थी, ना अनुम की, ना ख़ान की। अब तो वो पूरी तरह अमन की बीवी हो चुकी थी। 

अनुम ये सब देख नहीं पाती और अपने कमरे में चली जाती है, और दरवाजा बंद कर लेती है। वो रोना नहीं चाहती थी, क्योंकी उसका दिल नहीं चाहता था। अनुम अपने रूम में बैठी अमन की कही गई बातें सोच रही थी। 

और इधर रजिया के रूम में रजिया अमन के कंधे पे सर रखकर-“सुनिए मुझे डर लग रहा है। अनुम कुछ उल्टा सीधा ना कर दे…” 

अमन रजिया का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए-“अब तुझे डरने की ज़रूरत नहीं है। मेरे जान, अब मैंने फैसला कर लिया है…” 

रजिया-क्या जी? 

अमन-“तू आज से प्रेग्गनेन्सी के गोलियाँ खाना बंद कर दे, क्योंकी मैं तुझसे मेरा बच्चा चाहता हूँ और हाँ कल हम शिमला जा रहे हैं। यहाँ से 300 कि॰मी॰ दूर, हमारे पहले हनीमून पे…” 

रजिया अमन की बातें सुनकर बुरी तरह शरमा जाती है, और बेड पे लेट जाती है। अमन अपने पैंट को उतारते हुए रजिया की तरफ देखता है। रजिया अपने हाथों से अपना चेहरा छुपा लेती है। आज उसे किसी नई नवेली दुल्हन की तरह शरम आ रही थी। अमन का उसे प्रेगनेंट करना और हनीमून पे ले जाने की बात उसकी चूत में करेंट दौड़ा रही थी। 

अमन पूरे तरह नंगा हो चुका था। वो रजिया की भी नाइटी खींच देता है। 

रजिया-“अह्म्मह… सुनिए जी, हम शिमला जा रहे हैं तो अनुम कहाँ रहेगी?” 

अमन-वो भी हमारे साथ जाएगी। 

रजिया-क्या? वो नहीं आना चाहे तो? 

अमन-“वो ज़रूर आएगी। मेरा दिल कहता है। मैंने उसकी आँखें पढ़ ली हैं…” 

रजिया अपने पैर खोल देती है। जैसे कह रही हो कि आओ जानू चोदो अपनी रजिया को। 

अमन रजिया के मुँह में अपना लौड़ा डाल देता है-“अह्म्मह… पहले थोड़ा गीला तो कर ले मेरी रानी अह्म्मह…” 

रजिया-“हाँ गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” रजिया अब इसमें एक्सपर्ट हो चुकी थी। वो अमन के आंडों को मरोड़ते हुए अपने मुँह में लण्ड लेने लगती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… मुझे चोदो जान उंन्ह… मैं लेना चाहती हूँ प्लीज़्ज़ज्ज्ज…” 

अमन भी जान चुका था कि अब देर नहीं कर सकता। वो अपना लण्ड रजिया के मुँह से निकालकर उसकी चूत में रगड़ने लगता है। 

रजिया-डालिये ना जी। 

अमन रजिया की एक चूची मुँह में भरकर अपना लण्ड रजिया की गीली चूत में पेल देता है। 

रजिया-“अह्म्मह… आगगाग उंह्म्मह… मेरे राजा… चोदो अपने बीवी को… उंह्म्मह… मैं दूगी आपको बेटा… आपका खून उंन्ह… अह्म्मह…” अब रजिया भी नीचे से अपनी कमर ऊपर तक उठा-उठाकर अमन का पूरा लण्ड अपनी चूत की जड़ तक लेने लगती है। 

अमन-“हाँ रजिया उंन्ह… अह्म्मह… मुझे तुम दोनों से चाहिए मेरा बच्चा… अनुम से भी अह्म्मह…” 

रजिया-हाँ मेरे सरताज हम आपके हैं… दोनों ही उंह्म्मह… अह्म्मह…” 

दोनों एक नई दुनियाँ की सैर कर रहे थे। अपनी ही दुनियाँ बसाने चले थे। अमन अपने पूरी ताकत से रजिया को चोद रहा था। वो एक बार पानी निकाल चुका था। वो इतने जल्दी झड़ने वाला नहीं था। 

रजिया से ये बर्दाश्त करना मुश्किल था। वो एक जोरदार चीख के साथ अपनी चूत का पानी छोड़ने लगती है-“उंह्म्मह… अमन… जानू…” 

अमन-“क्या हुआ? तेरे माँ की… वो रजिया की चूत पेले जा रहा था अह्म्मह…” 

रजिया खामोश हो गई थी और दरवाजे की तरफ देख रही थी, वहाँ अनुम खड़ी थी। 

अनुम की आँखें लाल देखाई दे रही थीं। वो तो उसे वक्त से दरवाजे में खड़ी थी, जब अमन ने रजिया को शिमला जाने की बात कहा था। 

अमन पीछे मुड़कर देखता है तो अनुम अपने रूम में चली जाती है। रजिया मुस्कुराकर अमन को देखती है। अमन उसे आँख मार देता है, और ताबड़तोड़ अपने झटकों की स्पीड बढ़ा देता है। वो 10 मिनट लगातार चोदने के बाद झड़ जाता है। वो दोनों एक दूसरे की बाँहों में पड़े थे। 

अमन-“मैं बाहर जा रहा हूँ थोड़ी देर में आ जाऊँगा। तू खाना बना ले और हाँ वो तेरी ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन ले, बिना ब्रा बिना पैंटी…” 

रजिया-ह्म्मम्म्म्म। 

फिर अमन अपने कपड़े पहनकर घर से निकल जाता है। उसे अपने दोस्त इमरान से कुछ काम था। दरअसल इमरान एक शिमला के होटेल वाले को जानता था। अमन उससे एक होटेल में रूम बुक करवाने की बात करने जा रहा था। 

अनुम अपने रूम में आईने के सामने खड़ी थी। उसका ब्रेन-वॉश हो चुका था। उसे अमन से गिला नहीं बस आने वाले वक्त का ख्याल कि अब क्या होगा? क्या मैं अमन और अम्मी के साथ शिमला जाऊँ या इनकार कर दूं? मैं नहीं जाऊँगी। नहीं जाऊँगी मैं। वो ठान लेती है। 

रजिया खाना बनाने लग जाती है। जैसा उसे अमन ने कहा था वो जैसे ही कपड़े पहने हुए थी। 
Reply
05-19-2019, 01:12 PM,
#42
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रात 8:00 बजे-

डाइनिंग टेबल पे अमन और अनुम बैठे हुए थे, पर कोई बात नहीं कर रहे थे। अनुम की नज़रें नीचे थी और अमन उसे देख रहा था। रजिया खाने की एक प्लेट अनुम के सामने रख देती है, और एक प्लेट अमन के सामने। अनुम खाना खाने लगती है। 

अमन-सुन रजिया। 

रजिया अमन को फिर अनुम को देखते हुए-जी। 

अमन-“यहाँ आ मेरी गोद में, आज मुझे तेरे हाथ से खाना है। 

अनुम वहीं बैठे उनकी बातें सुन रही थी और चुपचाप खाना खा रही थी। 

रजिया अपनी गाण्ड मटकाते हुए अमन की गोद में आकर बैठ जाती है। 

अमन-“चल खिला अपने शौहर को…” ये अमन ने जानबूझकर कहा था। 

रजिया एक निवाला तोड़ते हुए अमन के मुँह में डालने लगती है। तभी अमन रजिया की चुचियाँ मसल देता है। 

रजिया-“औउच… उंह्म्मह… क्या कर रहे हैं जी, खाना तो खा लो पहले…” 

पर अमन कहाँ सुनने वाला था। वो एक निवाला खाता और रजिया की चुचियाँ मसलता रहता। रजिया के तन-बदन में चीटियाँ रेंग रही थीं। उसे इस सब में एक अलग ही मज़ा आ रहा था। 

खाना खाने के बाद अनुम हाल में टीवी ओन कर देती है। उसके नज़र टीवी पे थी पर दिमाग़ पूरी तरह अमन की तरफ। 

कुछ देर बाद अमन और रजिया भी वहीं हाल में आ जाते है। अमन सोफे पे बैठा हुआ था, साइड में रजिया और सामने अनुम। अमन रजिया की नाइटी उसके सर से उतारते हुए-“चल मुँह में ले…” 

रजिया बिना कुछ बोले सोफे के नीचे बैठ जाती है, और अमन का लण्ड अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगती है। 

अमन-“अह्म्मह… धीरे कर साली, तेरी बेटी को चोदूं…” ये अमन ने अनुम की आँखों में देखते हुए कहा। वो उन दोनों को देख रही थी। 

अनुम अपना चेहरा फिर से टीवी की तरफ कर देती है। 

अमन रजिया को सोफे पे उल्टा झुकाकर पीछे से अपना लण्ड रजिया की चूत में डालने लगता है। 

रजिया-“अह्म्मह… धीरे जानू उंन्ह… अह्म्मह… आराम से ना जी…” 

अमन अनुम के तरफ देखते हुए जोर-जोर से रजिया को चोदे जा रहा था-“अह्म्मह… ले रानी, तेरे बेटी को चोदूं ले उंह्म्मह…” 

अनुम से अब ये सब देखना मुश्किल था। वो उठकर जाने लगती है। तभी अमन अनुम का हाथ पकड़ लेता है और उसे रजिया की कमर के पास खड़े कर देता है। वो अब भी अपना लण्ड रजिया की चूत में पेले जा रहा था। अनुम अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है। पर अमन की मजबूत पकड़ के सामने वो बेबस थी। अमन रजिया की गाण्ड पे थप्पड़ मारते हुए अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है। रजिया तो पागल हो चुकी थी। उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था… ऊपर से अनुम उसकी चूत में अमन का लण्ड जाते देख रही थी। ये उसे पागल करने के लिये काफी था। 

रजिया-“उंन्ह… मेरी चूत चाटो उंह्म्मह…” 

अमन भी एक दो झटके मारने के बाद अपना पानी रजिया की चूत में निकालकर अपना लण्ड बाहर निकाल देता है। वो अब भी अनुम का हाथ पकड़े हुए था। 
अमन-“सुन अनुम, हम तीनों कल शिमला जा रहे हैं, 7 दिन के लिये। तू अपना बैग पैक कर लेना आज। कल सुबह 10:00 ही निकल जाएंगे…” 

अनुम कुछ नहीं बोली वो सोच चुकी थी कि वो मना कर देगी। 

अमन कड़क आवाज़ में-सुना तूने? 

अनुम-ह्म्मम्म्म्मम। 

और अमन उसका हाथ छोड़ देता है। 

अनुम अपने रूम में जाकर बंद हो जाती है। अनुम बेड पे लेटी हुई थी। अनुम दिल ही दिल में-मैंने हाँ क्यों की? मैं जाना नहीं चाहती थी फिर क्यूँ? क्यूँ? ये जवाब ना उसे पता था और ना अमन और रजिया को। अनुम अपने रूम में बैठी हुई थी। उसकी आँखों में आँसू थे। 

अमन और रजिया फ्रेश होकर अनुम के रूम में दाखिल होते हैं। अनुम दोनों को देखती है। मगर कोई रेस्पॉन्स नहीं देती। उसकी आँखें झुकी हुई थीं। 

अमन अनुम के पास आकर बैठ जाता है, और उसका एक हाथ अपने हाथ में लेती हुए-“क्या हुआ अनुम? तू मुझसे नाराज है ना? मैं जानता हूँ कि मैंने गलत किया है…” 

कितने दिनों से वो सैलाब कच्ची दीजारों से बँधा हुआ था, अनुम के दिल में वो पूरे रफ़्तार से फूट पड़ता है, और वो रोने लगती है। वो बस रोए जा रही थी अमन भी उसे कुछ देर रोने देता है। रो लेने से दिल का बोझ भी हल्का होता है। बाररश हो जाये तो मौसम अच्छा हो जाता है। 

अनुम-“मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ अमन। मेरा दिल दुख रहा है अंदर से। तुम मेरे साथ शिमला में वो करना चाहते हो, वो तुम कर भी लोगे। पर उसमें मेरी खुशी शामिल नहीं होगी। मैं भी एक इंसान हूँ, एक लड़की, जिसने तुम्हें दिल से अपना शौहर माना है। एक बहन के लिये ये सोचना भी गुनाह है। पर मैं क्या करूँ? अमन ये मेरे बस में नहीं है। मैं तुमसे सच्ची मोहब्बत करती हूँ। तुम्हें अपना सब कुछ मानती हूँ। तुम अभी कहो तो मैं अभी पूरे कपड़े उतार दूं, कर लो वो करना है मेरे साथ। मैं उफफ्र्फ तक ना कहूंगी। मगर मेरा दिल वो तुम्हें एक शौहर की जगह दे चुका है। वो हमेशा-हमेशा के लिये दफन हो जाएगा, मर जाएगी अनुम हमेशा के लिये…” बोलते-बोलते वो सिसक उठी। 

अमन उसका चेहरा अपने हाथों में थामते हुए उसकी आँखों में देखने लगता है-“बोल दिया वो बोलना था, अब मेरी बात गौर से सुन…” 

एक आदमी की मोहब्बत और एक औरत की मोहब्बत में सिर्फ़ इतना फरक होता है अनुम कि औरत अपने दिल की बात जोर-शोर से बोलती है। मगर एक मर्द अपने दिल की मोहब्बत अपने लफ़्जों से नहीं, बल्की अपने प्यार करने के अंदाज से दिखाता है। वो प्यार वो रजिया से करता हूँ। मेरी जिंदगी में कई लड़कियां आईं, मगर वो मोहब्बत मुझे तुझसे हुई है, वो किसी और से नहीं हो सकती। अरे पगली जब तूने मेरे इन होंठों पे अपने होंठ रखे थे ना… तभी मैं तेरे दिल की कैफियत समझ गया था। हाँ अनुम, मैं भी तुझसे सच्ची मोहब्बत करता हूँ। तुझे क्या लगता है कि मैं तेरा ये जिस्म पाने के लिये बोल रहा हूँ? नहीं, यहाँ मेरे दिल पे हाथ रखकर देख, तुझे इसमें तेरा नाम सुनाई देगा। तू जानती है कि हम शिमला क्यूँ जा रहे हैं? 

अनुम की आँखों में सवाल था-क्यों? 

अमन-“मैं तुम दोनों को वहाँ इसलिये ले जा रहा हूँ कि अपनी मोहब्बत को अंजाम तक पहुँचा सकूँ। हाँ अनुम, मैं वहाँ तुझसे और रजिया से शादी करने वाला हूँ… हमारे रस्मों रिवाज के मुताबिक वहाँ हमें कोई नहीं पहचानता। एक काजी को कुछ पैसे देकर हम वहाँ शादी करेंगे। उसके बाद तुम दोनों हमेशा के लिये मेरे बीवियां बन जाओगी। यही चाहती थी ना तू कि मुझसे शादी हो? और जब मैं तुझसे शादी कर लूंगा तब तो मुझे हाथ लगाने देगी ना? 

अनुम का चेहरा फूल की तरह खिल जाता है। उसे अपने कानों पे यकीन नहीं हो रहा था कि अमन से उसकी शादी है-“हाँ अमन, मैं यही तो चाहती थी। पर अब्बू?” 

अमन-“जब प्यार किया तो डरना क्या मेरे जान? और अमन अनुम को गले लगा लेता है। 

सारे गीले शिकवे दूर हो चुके थे। वहाँ एक तरफ अनुम बेहद खुश थी। वहीं रजिया की हालत किसी नई नवेली दुल्हन की तरह थी वो अपना हनीमून अपने प्यार करने वाले के साथ मनाने वाली थी, और उसके साथ उसकी सगी बेटी भी उसी बिस्तर पे अपना कुँवारापन अमन को सौंपने वाली थी। वो रात जिसका अब तीनों को इंतजार था। 

अनुम एक कुँवारी लड़की से एक मुकम्मल औरत बनने वाली थी और रजिया अपनी कोख में अपने शौहर का बीज बोने वाली थी। 

तीनो यही सोच रहे थे कि ये रात जल्द से जल्द ढल जाए और कल एक नया सवेरा हो वो हम तीनों की जिंदगी में उम्मीद की एक नई किरण लेकर आए। इसी ख्यालों में वो तीनों एक ही बेड पे सो जाते हैं। 
Reply
05-19-2019, 01:12 PM,
#43
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
***** *****वेलेनटाइन डे 

सुबह के 8:00 बजे-

अमन और अनुम नाश्ता कर रहे थे। आज उनका दिल-ओ-दिमाग़ किसी खाने पीने की चीज़ में नहीं था। क्योंकी उन्हें शिमला जाना था और जल्दी जाना था। इसलिये वो जल्दी जल्दी नाश्ता खत्म कर रहे थे। 

रजिया-“अनुम, मैं ज़रा रेहाना को बताकर आती हूँ की हम अमन के दोस्त की शादी अटेंड करने शिमला जा रहे हैं, घर का खयाल रखे। 

अनुम-“जी अम्मी, जल्दी आइए हम आपका कार में इंतजार कर रहे हैं…” 

रजिया रेहाना की तरफ चली जाती है। उसे पता था कि अगर उसने अमन को रेहाना की तरफ भेजा तो वो पहले उससे चुदवाएंगे और फिर शिमला आने की जिद करेंगे। ये रजिया कभी नहीं चाहती थी। रेहाना को इनफाम़ करने के बाद रजिया घर बंद करके कार में आकर बैठ जाती है। वहाँ पहले से अमन और अनुम उसका इंतजार कर रहे थे। 

अमन-चलें स्वीट हार्ट? 

दोनों औरतें-“चलिये…” और कार अपने स्पीड से शिमला की तरफ रवाना हो जाती हैं। 

अनुम-“अम्मी, लाओ आपके हाथों में मेंहदी लगा दूं…” और वो रजिया के हाथों में मेंहदी लगाने लगती हैं। 

दो घंटे का सफर था। इस दौरान अनुम पहले रजिया को और फिर खुद के हाथों पैरों में मेंहदी लगा चुकी थी। उसके सारे अरमान आज पूरे होने वाले थे। एक लड़की जब औरत बनती है, तो ये खुशी सिर्फ़ वही जानती हैं, 

जिसके साथ ये सब होता है। हम और आप नहीं। शिमला पहुँचकर अमन कार एक ‘लाडली दुल्हन’ नाम की शाप के सामने रोक देता है। इस शाप में शादी की सारे चीज़ें मिलती थीं। 

अमन-“तुम दोनों यहीं बैठो, मैं तुम दोनों की चीज़ें लेकर आता हूँ…” 

अनुम-मैं चलूं? 

रजिया-“नहीं, आज सब इनकी पसंद से होगा यहीं बैठो…” 

फिर अमन मुस्कुराते हुए शाप में चला जाता है। करीब एक घंटा बाद वो 5 बैग्गस भरकर वापस आता है। और कार में रख देता है। 

अनुम और रजिया एक-एक बैग खोल-खोलकर देखने लगती हैं। रजिया बोली-“सभी चीज़ें बहुत अच्छी हैं। पर आप लहंगा और ब्लाउज लेना भूल गये। सिर्फ़ लाल रंग से साड़ी है, इसमें ना ब्रा है, ना पैंटी…” 

अमन-“तुम दोनों को मैं जिस चीज़ में देखना चाहता हूँ, बस वही लाया हूँ। और जैसे भी होटेल के रूम में तुम दोनों ये भी उतारने वाले हो…” 
दोनों औरतें बुरी तरह शरमा जाती हैं। 

अमन अनुम और रजिया को होटेल के रूम में पहुँचाकर काजी की तरफ चल देता है। अमन शिमला कई बार आ चुका था, इसलिये उसे यहाँ के सारे रोड मालूम थे। वो एक काजी से मिलता है, जिसका नाम मिर्ज़ा असद बेग था। 

अमन-“काजी साहब हम लोग बिहार के रहने वाले हैं। हमारे गाँव में बढ़ आ गई थी सभी घर बह गए कई जाने गयीं। हम किसी तरह यहाँ तक पहुँच सके। मेरे साथ मेरी मंगेतर और एक गाँव की औरत है, वो अब बेसहारा है। मैं इन्हें ऐसे अपने साथ नहीं रख सकता, इसलिये मेरा इन दोनों से आप निकाह करवा दें, ताकी मैं इन्हें अपने साथ रख सकूँ…” 
उस वक्त बिहार में सच में बाढ़ आई हुई थी। 

काजी असद इस बात से बहुत खुश हुए कि अमन एक जिम्मेदार इंसान की तरह रहना चाहता है। वरना आजकल के जमाने में कौन इतनी अच्छी सोच रखता है। 

काजी साहब-“ठीक है बेटा चलो…” और काजी साहब अपने साथ दो और आदमियों को लेकर जिनकी निकाह में ज़रूरत पड़नी थी, अमन के साथ होटेल पहुँच जाते हैं। 

इधर रजिया बाथरूम में अनुम की चूत के सारे बाल निकालने के बाद उसकी तेल से मालिश करती है। 

अनुम-“अम्मी आप भी तैयार हो जाओ, वो लोग आते ही होंगे…” 

रजिया अनुम की चिकनी चूत को देखते हुए उसे अपने होंठों से छूना चाहती थी। तभी अनुम रजिया को रोक देती है-“नहीं अम्मी, इसपे सबसे पहला हक उनका है…” और वो रजिया को अपने सीने से चिपका लेती है। 

30 मिनट बाद अमन काजी और दो आदमियों के साथ रूम में दाखिल होता है। रजिया और अनुम ने अभी नॉर्मल ड्रेस पहना हुआ था ताकी काजी को शक ना हो जाये। 
काजी साहब रजिया और अनुम से निकाहनामे पर दस्तखत लेते हैं, और फिर पहले अनुम से पूछते है-“क्या आपने अमन ख़ान को अपने निकाह में कुबूल किया?” 

अनुम की आँखों के सामने अपने बचपन से अब तक का सारा मंज़र कुछ सेकेंड में घूम जाता है। वो धीमी आवाज़ में काजी से कहती है-“कुबूल है…” 

उसके बाद रजिया से काजी साहब पूछते हैं-“क्या आपने अमन ख़ान को अपने निकाह में कुबूल किया?” 

रजिया-“जी हाँ, कुबूल किया…” 

उसके बाद काजी साहब अपनी सारी जरूरी फामेलिटी पूरी करते है। वो अमन से भी अनुम और रजिया को कुबूल करवाते हैं। 
और अमन भी खुशी-खुशी दोनों को अपने निकाह में कुबूल कर लेता है। 

काजी साहब और वो दोनों आदमी अमन को मुबारकबाद देते हुए चले जाते हैं। 

उन दोनों के जाने के बाद अमन रूम का दरवाजा बंद कर देता है। रूम का दरवाजा बंद होते ही अनुम और रजिया भागते हुए आकर अमन से चिपक जाती हैं। 

रजिया-“मुबारक हो मेरे सरताज मुआहन्ह…” 

अनुम-“मुबारक हो मेरी जान मैं बहुत बहुत-बहुत खुश हूँ आज कि आपने अपना वादा पूरा किया। मैं आज से आपकी हुई मुआह्म्मह…” 

अमन दोनों को अपने से कसकर चिपका लेता है। अच्छा सुनो-“अभी रात के 7:00 बज रहे हैं। तुम दोनों तैयार हो जाओ और वो मैं तुम्हारे लिये ड्रेस लाया हूँ, उसे पहन लो और मैं भी फ्रेश हो जाता हूँ…” 

अमन-“रजिया, तुझे मैंने वो कहा था याद है ना?” 

रजिया-“जी आप बिल्कुल फिकर ना करें…” 

और अनुम अपना चेहरा शरमाकर रजिया के सीने में छुपा लेती है। दोनों औरतें एक रूम में चली जाती हैं। रजिया पूरे रूम में स्प्रे मारती है। बेड पे गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा देती है, और अनुम का हल्का-हल्का मेकअप करती है। उसके बाद वो खुद भी लाल साड़ी पहन लेती है, बिना ब्रा-पैंटी के और लहंगे ब्लाउज के अलाजा सिर्फ़ एक लाल साड़ी अपने जिस्म पे लपेटने में उसे आज एक नया खुशगवार एहसास हो रहा था। उसके जिस्म से बार-बार साड़ी निकल जा रही थी। वो अपने काँपते हाथों से साड़ी पहन ही लेती है। 

वो खुद से ज्यादा अनुम को तैयार कर रही थी। वो जानती थी कि ये रात अनुम की जिंदगी की ना भूलने वाले रात बन जाएगी, जिसे वो पूरी तरह खूबसूरत बनाने वाले थे। 

अनुम-“अम्मी, मैं कैसी लग रही हूँ?” अनुम खुद को आईने के सामने देखते हुए कहा। 

रजिया-“एकदम आसमान की परी जैसे…” अब चलो यहाँ बेड पे बैठ जाओ ऐसे, और वो अनुम को बेड पे बिठा देती है, उसके सर पे घूँघट डाल देती है। फिर खुद भी उसके बगल में घूँघट डालकर बैठ जाती है। 

रजिया जोर से आवाज़ लगते हुए-“सुनिये, आप आ जाइए…” 

अमन वो उस रूम से अटैच्ड रूम में एक नई नवेली शेरवानी पहने खुद को आईने में देख रहा था, रजिया की आवाज़ से खुश हो जाता है। जाने कितने दिनों से उसके दिल में एक ख्वाइश थी कि वो अपनी अम्मी और बहन को दुल्हन के रूप में एक बेड पे लाल साड़ी पहने घूँघट डाले देखे। आज वो पल आ गया था। वो धड़कते दिल के साथ रूम में दाखिल होता है। 

अमन रूम में पहुँचकर दरवाजा बंद कर देता है। आज उसका दिल उसके बस में नहीं था। ऐसा नज़ारा उसकी आँखों ने पहली बार देखा था। एक बेड पे उसकी अपनी सगी अम्मी और बहन उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थीं। अमन जाकर बेड पर बैठ जाता है। 
Reply
05-19-2019, 01:13 PM,
#44
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अनुम का दिल जोरों से धड़क रहा था। वो नहीं जानती थी कि अमन उसके साथ क्या-क्या करने वाला है? वो तो बस अपने दिल की धड़कनों को संभालने की कोशिश में लगी थी। 
अचानक अमन उसका घूँघट उठा देता है, और उसका चेहरा ऊपर उठाते हुए-“मेरी तरफ देख अनुम…” 

अनुम अपनी पलकें ऊपर उठाती है। सामने अमन का दमकता चेहरा उसे साफ नज़र आ रहा था। अमन के चेहरे पे खुशी, जोश और मोहब्बत के कई असर नज़र आ रहे थे। 
अमन अनुम के नाज़ुक होंठों को चूमकर दूर हो जाता है। अभी उसे एक और काम करना था। रजिया उसकी पहले बीवी, वो अनुम की तरह है। उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थी। यूँ तो रजिया कई बार अमन से चुद चुकी थी, पर न जाने आज क्यूँ वो खुद को एक नई नवेली दुल्हन की तरह महसूस कर रही थी। 

अमन रजिया का भी घूँघट उठा देता है। 

दोनों औरतें अमन के चेहरे को देखे जा रही थीं। पूरे माहौल में सिर्फ़ खामोशी पसरी हुई थी। अमन की आवाज़ दोनों को इस दुनियाँ में वापस ले आती है। 

अमन अपने कमीज़ उतारने लगता है। जब वो अपनी कमीज़ उतार देता है। तो वो सामने बैठी दोनों दुल्हनों को वो उसे ही देखकर दिल में मुस्कुरा रही थीं, अपने सीने से चिपका लेता है। 

अनुम तो जैसे इसी पल के इंतजार में थी। वो अमन से किसी छोटे बच्चे के तरह चिपकी हुई थी। अमन की चौड़ी छाती और उसपे घने बाल उसकी नाज़ुक चुचियों से रगड़ने लगते हैं। 

रजिया अमन के कान में धीरे से कहती है-“आपको दोनों दुल्हनें बहुत-बहुत मुबारक हों जानू…” 

अमन से अब रुकना मुश्किल था। वो रजिया के नरम गुलाबी होंठों को चूमने लगता है, और एक हाथ से अनुम की साड़ी वो सिर्फ़ दो वपन से अटकी हुए थी, खोल देता है। 

रजिया के जिस्म से साड़ी अपने आप ही खुलती चली जाती है। वो और अमन एक दूसरे को खा जाने वाले अंदाज में चूमे जा रहे थे। आज रजिया की चूत में चुदने से पहले ही धीरे-धीरे पानी आ चुका था। 

अमन अपनी नई नवेली दुल्हनों को बेड पे लेटा देता है, जिनके जिस्म पे अब कोई चीज़ नहीं थी। अनुम का जिस्म किसी गुलाब के फूल की तरह महक रहा था उसके जिस्म की खुशबू अमन को पागल बनाने लगी थी, और वो अनुम के चेहरे पे झुकता चला जाता है। 

अमन सबसे पहले अनुम की पेशानी, फिर गाल, फिर नाक, फिर होंठ, फिर गर्दन, फिर हल्के गुलाबी निपल को मुँह से चूमे चाटे चला जा रहा था। उसकी इस हरकत से वहाँ अनुम के जिस्म में कंपकंपी मची हुई थी, वहीं रजिया अपनी चूत को रगड़े बिना नहीं रह पा रही थी। 

रजिया अमन के पायजामे का नाड़ा खोल देती है। और अमन का तना हुआ लण्ड उसके मुँह के सामने आ जाता है। वो बिना डरे उसके लण्ड को अपने गले तक उातरती चली जाती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… गलप्प्प-गलप्प्प…” 

हैरत केी बात तो ये थी कि इस सबके दौरान कोई भी किसी से बातें नहीं कर रहा था। वो सिर्फ़ पूरे जोश के रंग में रंगना चाहते थे। उन्हें किसी चीज़ की कोई फिकर नहीं थी। 

अमन अनुम के पेट तक पहुँच चुका था, वो उसकी छोटी सी नाभी में अपनी जीभ डाले उसे कमर उठाने पे मजबूर कर रहा था। 

अनुम जानती थी कि अमन आगे क्या करने वाला है? और वो इसके लिये तैयार भी थी। जैसे ही अमन के लबों ने अनुम की कुँवारी चूत को पहली बार छुआ, अनुम के रोम-रोम में बिजली की लहर दौड़ गई। वो अपने दोनों हाथों से अमन के सिर को अपनी चूत पे दबाने लगती है। 

अमन पहली बार ये सब कर रहा था और उसे इस सब में बहुत मज़ा आ रहा था। एक तरफ रजिया अमन के लण्ड को अपने मुँह में से निकालने को तैयार नहीं थी। 

वहीं दूसरी तरफ अमन अनुम की चूत को अपनी जीभ से चाटे जा रहा था। इस सब बातों से दूर कि बेचारी अनुम जिसकी चूत को वो खुद भी कभी कभार ही छूती थी, क्योंकी उसकी चूत बहुत सेंसटिव है। जब भी अनुम नहाते वक्त अपनी चूत को छूती तो दो मिनट में ही उसका पानी निकलने लगता था। और यहाँ तो अमन किसी भूखे कुत्ते की तरह अनुम की चूत को चाटे जा रहा था-“गलप्प्प हगलप्प्प-गलप्प्प…” 

पूरे रूम में अनुम की सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी। 

अमन का लण्ड एक झटका मारता है, और उसका गाढ़ा पानी रजिया के मुँह को भरने लगता है। 

दूसरी तरफ अनुम अपने पहले प्यार को अपनी चूत का पानी पिलाने के करीब थी-“उंन्ह… आह्म्मह… सुनिए ना उंह्म्मह… अम्मी मरी उंन्ह…” वो जोर के झटके के साथ उछली और अपनी कमर दो-तीन बार बेड पे पटक के निढाल हो जाती है। उसकी चूत के पानी ने अमन के पूरे चेहरे को भिगो दिया था। 

अमन लेट जाता है, और अनुम उसके ऊपर चढ़ जाती है। आज उसने ठान लिया था कि चाहे चुदते-चुदते उसे मौत क्यूँ ना आ जाये वो अमन को आज रात भर नहीं सोने देगी। 
रजिया अपने चेहरे से अमन के पानी को साफ करने वाली थी कि अनुम रजिया के चेहरे को अपनी जीभ से चाटने लगती है। 

अनुम-“अम्मी, मुझे भी अपने शौहर का पानी चखने दो ना…” 

रजिया और अनुम अमन के पास बैठे एक दूसरे को जीभ से चाटने लगते हैं। अमन ये सब देख रहा था जिससे उसके लण्ड में जान आने लगी थी। 

अमन अनुम के बाल पकड़कर उसका चेहरा अपने लण्ड पे झुका देता है-“अह्म्मह… चूस मेरी जान… अपने शौहर का लौड़ा अह्म्मह… आज ये तुझे जन्नत की सैर कराएगा अह्म्मह… अह्म्मह…” 

अनुम-“हाँ… जानू आंह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” वो अपने सर को ऊपर-नीचे जोर-जोर से करने लगती है, और 5 मिनट में ही अमन के लण्ड को खड़ा कर देती है। 

अमन अब किसी भी किस्म की देर नहीं करना चाहता था। वो अनुम को बेड पे लेटा देता है, और उसकी कमर के नीचे एक तकिया रख देता है, जिससे अनुम की चूत ऊपर की तरफ आ जाती है। 

अनुम-“अम्मी, मैं कैसे ले पाऊँगी इतना बड़ा?” 

रजिया अनुम की चुचियों को अपने मुँह में लेती हुए-“कुछ नहीं बेटा, वो तुझे प्यार से करेंगे। बस तू थोड़ा बर्दाश्त कर ले…” और रजिया अनुम के होंठों को खोलकर अपनी जीभ उसके मुँह में डाल देती है, और इशारे से अमन को अपना लण्ड अनुम की चूत में डालने के लिये कहती है। 

अमन अनुम के पैरों को और खोल देता है, और अपने भीगे हुए लौड़े को अनुम की कुँवारी चूत पे रगड़ने लगता है। 

अनुम-“उंघह उंह्म्मह… घूंग उसके मुँह से सिसकारियाँ ही निकल सकती थीं। वो आने वाले लम्हे का इंतजार भी कर रही थी और उसे डर भी था कि कहीं अमन…” 

अमन-“अह्म्मह… अनुम्म्म्म…” 

अनुम-“उंन्ह… घूँन् घूँन् अम्मी जी…” वो इतने जोर से चीखी कि अमन को अपने हाथों से उसके मुँह को बंद करना पड़ा। अमन का आधे से ज्यादा लण्ड अनुम की चूत में था और उसकी चूत का परदा फट चुका था। अनुम की आँखों से लगातार आँसू निकल रहे थे। उसका पूरा जिस्म कांप रहा था, उसकी चूत जैसे किसी अंगरों पे रख दी गयइ थी। 

अमन एक और झटका देता है, और अपना पूरा का पूरा लण्ड अनुम की चूत में उतार देता है। अमन जानता था देर से दुर्घटना भली-“अह्म्मह… बस मेरी जान हो गया ना… अब रोना बंद कर दो…” वो अपने होंठों से अनुम के निपल को चूसने लगता है, और धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाता चला जाता है। 

रजिया ये सब बैठी देख रही थी। आज उसके दोनों खून फिर से एक हो रहे थे। 

अनुम का दर्द कम होता जा रहा था और उसे अमन का लण्ड अपनी चूत में अच्छा लगने लगा था-“उंन्ह… जानू, आखिर अपने मुझे औरत बना ही दीया उंन्ह… उंन्ह… अम्मी देखो ना उंन्ह…” 

अमन-“हाँ मेरी जान… देख मैंने तुझे चोद हैी दिया अह्म्मह… ओऊऊ…” वो दोनों अपनी अलग दुनियाँ में पहुँच चुके थे, वहाँ उन्हें किसी की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही थी। अमन अपने लण्ड को किसी पिस्टन की तरह अनुम की चूत में पेले जा रहा था। 

वहीं अनुम अपनी कमर उठा-उठाकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंन्ह…” दोनों भाई-बहन एक ऐसे रिश्ते में बँध चुके थे जिसे अब दुनियाँ की कोई भी ताकत जुदा नहीं कर सकती थी। 

अमन-“अह्म्मह… अनुम, मेरा पानी ले ले अह्म्मह… उंन्ह… और अमन अपना पानी अनुम की चूत में उतारने लगता है। 

अनुम अपनी चूत में गर्म-गर्म पानी के एहसास से सिहर उठती है, और उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू मुझे भी लो ना उंन्ह… उंन्ह…” 
दोनों भाई-बहन एक दूसरे से चिपके अपनी सांसें संभालने लगते हैं। 
Reply
05-19-2019, 01:13 PM,
#45
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
वहीं रजिया अपनी बारी का इंतजार करने लगती है। 

अमन बेड पे लेटा हुआ था और रजिया उसके लण्ड को एक गीले कपड़े से साफ करने लगती है। क्योंकी उसपे अनुम की चूत का खून लगा हुआ था। 

अनुम उठकर बाथरूम में चली जाती है, अपनी चूत को साफ करने। 

रजिया की आँखें लाल हो चुकी थीं, वो तो बस एक जबरदस्त चुदाई चाहती थी। वो अमन के सिर के पास जाकर बैठ जाती है, और उसका सिर अपनी नंगी जाँघों पे रख लेती है। फिर उसके बालों में हाथ फेरने लगती है। 

रजिया की चूत की भीनी-भीनी खुश्बू अमन के दिमाग़ में कुछ करती है, और वो अपना सिर मोड़कर उसे रजिया की जाँघ के अंदर घुसा देता है। फिर अपनी जीभ बाहर निकालकर रजिया की चूत चाटने लगता है। 

रजिया-“अह्म्मह… अमन… उह्म्मह… ऊऊऊह्म्मह…” 

अमन -“अम्मी क्या कर रही हो? अह्म्मह… मैं उह्म्मह…” 

रजिया पहली बार अपनी चूत में इतना खिचाव महसूस कर रही थी। उसकी चूत आग उगलने को तैयार थी-“अह्म्मह… चोदो मुझे, मैं चुदना चाहती हूँ अह्म्मह… प्लीज़्ज़ज्ज्ज चोदो मुझे अह्म्मह…” 

अमन रजिया को डोगी स्टाइल में कर देता है, और पीछे अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डालने लगता है। 

रजिया-“उंह्म्मह… वहाँ नहीं अह्म्मह… चूतत्त में उंन्ह… अह्म्मह…” 

अमन का लण्ड रजिया की गाण्ड में जा चुका था और वो अपनी स्पीड बढ़ाने लगा था, तभी बाथरूम से अनुम बाहर आती है। उसके सामने रजिया अपनी गाण्ड आगे पीछे करते हुए अमन का मूसल लण्ड अपनी गाण्ड के छोटे से सुराख में ले रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी। ये सब देखकर अनुम की चूत में भी चीटियाँ रेंगने लगती हैं, और वो रजिया के पास आकर बैठ जाती है। 

अमन-“देख क्या रही है? साली, अपनी चूत रजिया के मुँह के पास ले जा। वो चाटेगी तेरी चूत को अह्म्मह… इसकी गाण्ड बहुत टाइट है…” 

रजिया-तो जैसे दूसरी दुनियाँ में थी। अमन की जबरदस्त चुदाई से उसकी हल्की-हल्की सांस निकल रही थी। वो अपना मुँह अनुम की चूत के पास ले जाती है, और उसकी अभी-अभी चुदी चूत को चाटने लगती है-गलप्प्प-गलप्प्प अह्म्मह… आराम से अह्म्मह… गलप्प्प…” 

अनुम अपने दोनों पैर खोलकर अमन की आँखों में देखते हुए अपनी चूत रजिया को चुसवा रही थी। वो इतनी उत्तेजित हो चुकी थी कि अभी रजिया की गाण्ड से लण्ड निकालकर खुद की चूत में लेना चाहती थी। 

अमन अपने लौड़े को बाहर निकालकर रजिया के संभालने से पहले ही उसकी चूत में पेल देता है-“अह्म्मह… बहुत अच्छा लग रहा है। रजिया तेरी चूत में मेरा लण्ड अह्म्मह…” वो भी अनुम की आँखों में देखते हुए रजिया को चोद रहा था। ये एहसास उसके लिये एकदम नया और सुखद था कि अपनी अम्मी को अपनी बहन के सामने चोदे। 

अमन के सांसें बढ़ चुकी थीं, क्योंकी रजिया झड़ चुकी थी और वो भी अपना पानी निकालने के करीब था। वो जोर-जोर से रजिया को चोदे जा रहा था और एक चीख के साथ वो अपना पानी रजिया की चूत में निकाल देता है। वो जानता था कि अभी उसे सारी रात इन दोनों को चोदना है। वो निढाल सा बेड पे लेट जाता है। 

वहाँ तीनों अपना पानी निकलने से थोड़े ठंडे पड़ चुके थे। वो दोनों अमन के पास आकर उसे चिपक के लेट जाती हैं। अनुम अमन के ऊपर लेट जाती है। और रजिया अमन के साइड में। रात के 2 बज रहे थे, अमन की आँख लग जाती है। 

पर रजिया और अनुम जाग रही थीं। रजिया अनुम की आँखों में देख रही थी और अपनी चूत रगड़ रही थी। अनुम अमन के ऊपर से उतरकर रजिया की पास आ जाती है। 
रजिया अनुम को अपने से चिपका लेती है-“आज तू भी औरत बन गई मेरी बच्ची…” 

अनुम-“हाँ अम्मी, और मुझे ये खुशी उस इंसान ने दी है, जिसे मैं बहुत चाहती हूँ…” 

रजिया-“हाँ मेरी बच्ची, आज से हम दोनों अमन का बहुत खयाल रखेंगे…” अनुम रजिया से इतनी चिपकी हुई थी कि उसकी जाँघ और चुचियाँ रजिया से रगड़ खा रही थी-“हाँ… बेटा, पर तुझे टैबलेट खाने होंगे कुछ दिन, जबतक अमन का बिजनेस सेट नहीं हो जाता। 

अनुम-“अम्मी, और आप?” 

रजिया मुस्कुराते हुए-“वो मुझे जल्द से जल्द प्रेग्गनेंट करना चाहता है बेटा…” 

अनुम-“अम्मी, मुझे भी प्रेग्गनेंट होना है ना…” और वो ये बोलते-बोलते रजिया के ऊपर चढ़ जाती है। 

दोनों माँ बेटी एक दूसरे से चिपक चुके थे, और अब वो एक दूसरे की आँखों में देखते हुए अपनी चूत को रागड़ने लगती है। अनुम अपने होंठ रजिया के होंठों पे रखकर उसके निचले होंठ को चूसने लगती है। 

रजिया भी मचल जाती है-“उंन्ह… बेटा अह्म्मह… अह्म्मह…” दोनों बस एक दूसरे को खा जाने वाले अंदाज में रगड़ने, चाटने और चूसने लगे थे। वो ये भूल गये थे कि अमन उन्हें देख रहा है, और उसका लण्ड भी तना हुआ है। 

जब ये दोनों औरतें अपनी चूत की आग एक दूसरे की चूत से रगड़कर बुझाने में लगी हुइ थीं, तभी अमन पीछे से आकर अपना लण्ड अनुम की चूत में पेल देता है। 

अनुम-“अह्म्मह… अम्मी…” एक तेज धारदार चाकू अचानक से उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस चुका था उसे ऐसा ही महसूस होता है। क्योंकी उसकी चूत अभी इतनी खुली नहीं थी इसलिये ये दर्द उसे बर्दाश्त करना था। वो सिसक उठती है। पर अमन अपना लण्ड उसकी चूत में जड़ तक पेलने लगता है। 

आनुम रजिया की छाती से चिपकी हुई थी और अमन उसकी गाण्ड पकड़कर दनादन अपना लण्ड चूत में पेलते जा रहा था, वो तेज-तेज अपने कमर रजिया की चूत पे पटकने लगती है। रजिया समझ जाती है कि अनुम झड़ने के नज़दीक है, और वो अनुम के होंठों को अपने मुँह में लेकर उसकी जीभ चूसने लगती है। 

अनुम-“उम्म… उंघह… उंन्ह…” और उसकी चूत से ढेर सारा पानी रजिया की चूत से होता हुआ बेडशीट भिगोने लगता है। 

अमन अपना लण्ड निकालकर अनुम को साइड में कर देता है। क्योंकी वो अभी झड़ा नहीं था और उसे चूत चाहिए थी, वो उसका साथ दे। वो रजिया के पैर हवा में उठाकर अपना लण्ड जल्दी से उसकी चूत में डाल देता है-“अह्म्मह… रजिया तेरी ही चूत है वो मेरा साथ देती है… मेरी जान्न…” 

रजिया-“अह्म्मह… जानू आपकी ही चूत तो है… चोदो अपनी रजिया को अह्म्मह… मेरी चूत में बीज बो दो जानू उंन्ह… अह्म्मह… मेरी जान ऊओह्म्मह…” 
Reply
05-19-2019, 01:13 PM,
#46
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ जाते हैं। और अमन एक तरफ लेट जाता है। वो बस अब सोना चाहता था। अनुम और रजिया भी काफी थक चुके थे, इसलिये वो भी ऐसे ही नंगी अमन से चिपक के सो जाती हैं। 

शिमला की ठंडी-ठंडी हवाएं जब इन जवान नंगे जिस्मों से टकराईं तो एक अजीब से खुशगवार एहसास ने रजिया की आँखें खोल दीं। वो अमन से बिल्कुल चिपकके सोई हुई थी और अनुम उसके ऊपर। अपने सगे बेटे के बीवी बनना और उससे रात भर अपनी बेटी के सामने चुदना… ये एहसास, ये अनुभव हर किसी को नहीं मिलता। ये सिर्फ़ खुकिस्मत लोग ही हाँसिल कर पाते हैं। 

रजिया अमन के होंठ पे किस करते हुए-“जिंदगी की नये सुबह मुबारक हो आपको, मेरी जान…” 

अमन भी उठ चुका था। वो रजिया को वापस किस करते हुए-“तुझे भी रजिया…” 

अनुम अभी तक बेसुध अमन के ऊपर सोई हुई थी 

रजिया बेड पे बैठ जाती है। उसकी आँखें थोड़ा दर्द कर रही थीं, क्योंकी कल रात वो एक पाल के लिये भी सो नहीं पाई थी। वो अपने पैंटी उठाकर पहेनने लगती है। पर अमन उसका हाथ पकड़ लेता है तो रजिया सवालिया नज़रों से अमन की तरफ देखने लगती है। 

अमन-“जब तक हम यहाँ हैं… ना तू कपड़े पहनेगी और ना अनुम। पूरे 7 दिन तुम मेरे साथ इस रूम में पूरे नंगे रहने वाले हो, तो ये सब बैग में रखो और चलो मैं भी फ्रेश हो जाता हूँ…” 

अनुम अपनी आधी खुले पलकों से अमन को देख रही थी। उसने भी अमन का फरमान सुन लिया था। वो तो बहुत खुश थी। उसके हाथों की मेंहदी बेड के चादर पे गिरी हुई थे और एक ख़ून का छोटा सा धब्बा भी दिखाई दे रहा था, वो अनुम के कुँवारीपन के टूटने की निशानी था। 

रजिया और अमन बाथरूम में नहाने घुस जाते हैं। शावर ओन करके वो दोनों एक दूसरे से चिपक के नहाने लगते हैं। 

तभी अनुम भी वहाँ आ जाती है-“ह्म्मम्म्म्म… अपनी पहली बीवी के चक्कर में कहीं नई नवेली बीवी को मत भूल जाना मेरे जानू…” और वो भी उन दोनों के साथ नहाने लगती है। 
अमन का लण्ड खड़ा होने लगता है। आख़िरकार साथ में दो नंगी औरतें नहा रही हों तो किसका लण्ड आवाज़ नहीं देगा। 

रजिया नीचे बैठकर अमन के लण्ड को साबुन लगाने लगती है। और उसे पानी से साफ कर देती है। 

एक ही पल में अमन उसे कुछ कहने वाला था। उससे पहले ही रजिया अमन के खड़े लण्ड को अपने गले तक ले चुकी थी-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” 

अनुम अमन की छाती से चिपकी अपनी दोनों चुचियाँ उससे मसलवाते हुये होंठ चूस रही थी। माँ लण्ड चूसे और बेटी चुचियाँ दबवाए तो मर्द बेचारा क्या कर पाए। यही हालत अमन की थी। उसके लण्ड का ज्जालामुखी आग उगलना चाहता था। 

अमन रजिया के मुँह से लण्ड बाहर निकालकर उसे खड़ा कर देता है। और अनुम के साथ-साथ रजिया के भी होंठ चूसने लगता है। दोनों औरतें पूरी तरह गरम हो चुकी थीं और हिस की आग उनके चेहरे से साफ बयान हो रही थी। 

अनुम और रजिया अमन के सामने खड़े। उसके लण्ड को अपने नरम-नरम हाथों में लेकर सहला रही थी, और उसके होंठों को बारी-बारी चूस रही थीं। आज अमन को एहसास हो रहा था कि उसकी अम्मी और बहन कितनी चुदक्कड़ औरतें हैं। 

अमन अनुम को दीवार से खड़ा कर देता है, और उसकी चुचियों से चिपकाके रजिया को। वो दोनों आमने सामने खड़ी थीं और एक दूसरे की चुचियों से चुचियाँ रगड़ रही थीं। अमन रजिया की कमर को थोड़ा सा पीछे की तरफ करता है, जिससे उसकी गाण्ड और चूत उसे आसानी से दिखाई देने लगती है। वो बिना देर किए अपने लण्ड को रजिया की चूत में पेलने लगता है। 
Reply
05-19-2019, 01:13 PM,
#47
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

उसका झटका इतना जोर का था कि रजिया सीधा अनुम की चुचियों से चिपक जाती है। और उसके होंठ अनुम के होंठ से चिपक जाते हैं। रजिया अनुम के होंठ चूसने पे मजबूर हो जाती है, क्योंकी अमन पूरी ताकत से पीछे से चोद रहा था, जिससे उसका मुँह खुला का खुला रह रहा था। उसकी जीभ बाहर निकल रही थी और चूत के अंदर तक लण्ड जाने से वो पूरी तरह तड़प रही थी। 

अपने अम्मी को ऐसे चुदते देखकर अनुम की चूत भी पानी छोड़ने लगी थी। वो रजिया के मुँह में मुँह डालकर उसकी जीभ को अपने मुँह में खींच रही थी। जब अमन रजिया की चूत में धक्का मारता तो, रजिया सीधा अनुम की चूत से जाकर टकराती। दोनों माँ-बेटी एक वक्त में एक साथ पानी छोड़ने लगती हैं। रजिया की चूत से पानी निकल चुका था और वो नीचे बैठ जाती है। 

वो अमन के लण्ड और अनुम की चूत के बीच बैठी हुई थी। वो अपना बड़ा सा मुँह खोलकर अमन का लण्ड अपने मुँह में ले लेती है, वो अभी तक झड़ा नहीं था और जल्द से जल्द चूत चिल्ला रहा था। रजिया अपनी चूत का स्जाद अमन के लण्ड से चखने के बाद लण्ड को थोड़ा खींचकर अनुम की चूत के पास लाती है। और अमन बिना देर किए लण्ड अनुम की चूत में डालने लगता है। 

अमन अनुम को रजिया की तरह चोद रहा था। वो ये भूल गया था कि रजिया की चूत थोड़ी खुली हुई है, और अनुम तो बेचारी कल रात ही औरत बनी है। एक कच्ची कली को भँज़रा जब बेरहमी से चूसे, उसका सारा रस एक साथ पीकर उड़ना चाहे तो उस कली की वो हालत होती है, वही इस वक्त अनुम की थी। 

अनुम हिल नहीं सकती थी क्योंकी रजिया उसके पैर के पास बैठकर नीचे से अमन के आंड और अनुम की गाण्ड को चाट रही थी। और बेरहम अमन सटासट अपने लोहे के रोड जैसे लण्ड को उसकी चूत में लगातार अंदर-बाहर कर रहा था। वो बस चिल्ला सकती थी, पर उसे भी अमन बीच-बीच में रुक देता, अपने होंठ उसके मुँह में घुसाकर, उसकी आवाज़ भी निकलने से रुक जा रही थी। 

अनुम-गूँन्… उंन्ह… गूँन्न…” एक घुटी-घुटी सी आवाज़ के साथ चुदे जा रही थी-“उंन्ह… अह्म्मह… मुझे सांस तो लेने दो जी उंन्ह… अह्म्मह… अम्मी प्लीज़ मेरी गाण्ड को… मेरे चूत… भाई रहम करो मैं अह्म्मह… अह्म्मह… और वो तेज धार के साथ मूतने लगती है। उसका पेशाब सीधा रजिया के मुँह में गिरने लगता है, जिसे रजिया बड़े चाव से किसी अमृत के तरह पी जाती है। 

रजिया-“गलप्प्प-गलप्प्प अह्म्मह… मेरे शौहर और बेटी का पानी…” उसके पेशाब में अमन के पानी की भी खुश्बू आ रही थी क्योंकी अनुम का पेशाब अमन के लण्ड से होता हुआ गुजर रहा था, वो अनुम की चूत में सटासट अंदर-बाहर हो रहा था। 

अनुम अब थोड़ी खुल चुकी थी। इतना गंदा उसने कभी नहीं सोचा था कि उसकी चूत का पानी उसकी अम्मी पिएंगी और वो खड़े-खड़े अमन के लण्ड के दबाव से चुदते हुए मूतने लगेगी। ये एहसास ही उसे पानी छोड़ने पे मजबूर कर देता है। और वो अमन से चिपकके झड़ने लगती है-“अह्म्मह… उंह्म्मह… जोर से जड़ तक अह्म्मह… ऐसे ही एक बार अह्म्मह…” वो झड़ते-झड़ते बस यही चिल्ला रही थी। 

अमन भी उसकी चूत में झड़ने लगा था। दोनों का पानी नीचे बहने लगता है। जिससे रजिया चाटती जा रही थी-“गलप्प्प-गलप्प्प अह्म्मह…” रजिया का चेहरा पूरी तरह अनुम के पेशाब और अमन के पानी से भीग चुका था। 

अमन उसे खड़ा करता है, और शावर के नीचे दोनों के साथ नहाने लगता है। उस दिन से अमन ने रजिया और अनुम को कपड़े पहनने नहीं दिया। ये सिलसिला पूरे 7 दिन तक चला। वो हर वक्त रूम में नंगे रहते, और अमन किसी ना किसी को चोद रहा होता। 

जब उन्हें भूख लगती, वो खाना ऑर्डर करते। अमन वेटर से खाना कपड़े पहनकर लेता और दरवाजा बंद करके फिर से नंगा हो जाता। रूम के हर एक कोने में, सोफे पे, गैलरी में, बेड पे, फश़ पे, नहाते हुए, मूतते हुए, हर जगह अमन ने रजिया और अनुम को चोदा। 

वो इतनी बार चुदाई कर चुके थे कि अनुम की पूरी शरम-ओ-हया गायब हो चुकी थी। वो रात में उठकर अमन का लण्ड चूसती और उसपे चढ़कर लण्ड अपनी चूत में लेकर चुदती और अमन भी किसी वफ़ादार पति के तरह उसे चोदता। 

इन 7 दिनों में उसने सबसे ज्यादा रजिया को चोदा। उसे रजिया हमेशा ही से पसंद थी। वो जब भी उसे चोदता, उसे यही लगता कि वो अपनी अम्मी को चोद रहा है। जिसकी चूत से वो निकला था और उसे रजिया को जल्द से जल्द प्रेग्गनेंट भी तो करना था। 

रजिया भी अपने बेटी के सामने अमन से चुदते-चुदते बेशरम हो चुकी थी कि वो किसी भी वक्त अमन के लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगती। कभी-कभी तो अमन अनुम को चोद रहा होता तो वो अनुम की चूत से लण्ड को खींचकर अपने मुँह में और फिर अपनी चूत में ले लेती। 

अनुम अपनी अम्मी से इन 7 दिनों में कितने बार चूत चूसा चुकी थी, ये भी उसे याद नहीं था। वो दोनों माँ-बेटी पूरी तरह लेज्बियन बन चुकी थीं। अमन के सोने के बाद वो 69 की पोजीशन में कितने देर एक दूसरे की चूत को मुँह में लेकर चूसती रहतीं, एक दूसरे की चूत का पानी पीते-पीते उन्हें दूसरी कोई चीज़ अब अच्छी नहीं लगती थी
Reply
05-19-2019, 01:14 PM,
#48
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
जिस तरह अनुम ने रजिया को अपना पेशाब पिलाया था, उसे तरह रजिया भी अनुम को अपना पेशाब पिला चुकी थी। ये 7 दिन उनकी आने वाली जिंदगी को बदल चुके थे। अब वो एक माँ-बेटी या बहन नहीं थी, बल्की सिर्फ़ और सिर्फ़ एक औरत थी, जिसे खाना दो या ना दो पर लण्ड ज़रूर चाहिए। और वो भी सिर्फ़ अमन का और किसी का भी नहीं। 
आज उनकी वापसी थी। अमन होटेल का बिल पे करके कार में रजिया और अनुम के साथ घर की तरफ निकल जाता है। वो ड्राइविंग कर रहा था और रजिया अनुम के साथ पीछे बैठी हुई थी। 

रजिया-“सुनिए, एक मेडिकल शाप से प्रेगा नेवज (प्रेग्गनेन्सी चेक करने की पट्टी) ले लेना…” 

अमन-क्यूँ? 
रजिया मुस्कुराते हुए-“मुझे लग रहा है कि मैं शायद आपसे प्रेग्गनेंट हो गई हूँ…” 

अमन जोर से ब्रेक लगाते हुए मारे खुशी के-“क्या सच कह रही है तू?” 

रजिया अपना चेहरा हाथों से छुपाते हुए-“हाँ…” 

अमन तो जैसे सातवें आसमान पे था। बस उसे कन्फर्म करना था कि रजिया की बात सही हो जाये। 

अनुम भी ये ख़बर सुनकर खुश हो जाती है, और रजिया के पेट पे हाथ फेरते हुए-“मेरा छोटा सा बच्चा इसमें आ चुका है…” और वो रजिया की होंठों को चूस लेती है। 

अमन मेडिकल से किट ले लेता है, और तीन घंटे बाद वो घर पहुँच जाते हैं। घर पहुँचकर रजिया सबसे पहले बाथरूम में जाकर किट से चेक करती है, और खुशी के मारे उछल पड़ती है। वो इतने जोर से चीख मारती है कि अमन और अनुम भागते हुए उसके पास आ जाते हैं। 

अमन-क्या हुआ? 

रजिया अमन की छाती से चिपकते हुए-“आप पापा बनने वाले हो मुआह्म्मह…” 

तीनों की खुशी का ठिकाना नहीं था। वो बस बारी-बारी एक दूसरे को गले लगाते, चूमते जा रहे थे। उन्हें तब होश आता है, जब कोई दरवाजे की बेल बजाता है। 

अमन दरवाजा खोलता है तो सामने फ़िज़ा खड़ी थी। उसकी आँखों में एक चमक सी थी अमन को देखकर। रजिया और अनुम रूम में थे। अमन फ़िज़ा को अपने से चिपकाकर उसकी चुचियाँ मसलते हुए-“तेरी अम्मी कहाँ है? 

फ़िज़ा-“उंह्म्मह… घर पे है, तुमसे बहुत नाराज है। जाओ जाकर मना लो, मैं अभी आती हूँ…” और फ़िज़ा रजिया की रूम में चली जाती है। 

वो रजिया से कहता है की इमरान से मिलकर आता हूँ और रेहाना की तरफ चला जाता है। उसे भी रेहाना की चूत याद आ रही थी। 

रेहाना अपने रूम में सोई हुइ थी। उसे पता नहीं था कि अमन वापस आ चुका है। वरना वो उसे मिलने सबसे पहले आती। 7 दिन से वो अपनी चूत की आग फ़िज़ा की गरम चूत पे रगड़-रगड़कर ठंडा करने की नाकाम कोशिश कर रही थी। वो गरम लोहा उसकी चूत को चाहिए था, वो तो शिमला जाकर बैठा था। इसी बात से नाराज थी रेहाना। 

अमन रेहाना के बेडरूम में जाकर अपनी पैंट और शर्ट उतारकर हँगर में टांग देता है। अब वो बिल्कुल नंगा था। उसे रजिया ने एक बार चुदते हुए कहा था कि तुम अंडरवेअर पहनना छोड़ दो, तुम्हारा लण्ड हमेशा टाइट रहता है। और अंडरवेअर से उसे मुश्किल होती होंगी, सांस लेने में। 

अमन अपने खड़े लण्ड को लेकर रेहाना के मुँह की तरफ बढ़ता है। वो बेसुध गहरी नींद में थी। अमन उसके होंठों के पास अपने लण्ड का सुपाड़ा लगाकर अंदर करने लगता है। इस हरकत की वजह से रेहाना की आँखें खुल जाती हैं, और वो अमन को पूरा नंगा देखकर चौंक जाती है। 

जैसे तो उसने अमन को कई बार नंगा देखा था, पर जब कोई सोया हो और कोई शख्स उसके मुँह में लण्ड डाले तो वो तो चौंकेगा ही, यहे हाल रेहाना का था। 

रेहाना-“ऊऊऊओ… तुम हो, मैं कितना डर गई हूँ देखो मेरे हार्ट-बीट… और तुम वापस कब आए? जाओ मैं बात नहीं करती तुमसे…” वो बनावटी गुस्सा दिखा रही थी। सच तो ये था कि वो अमन को देखकर अपना सारा गुस्सा भूल चुकी थी। 

अमन-“ओके… मैं चलता हूँ फिर…” 

रेहाना-“रुको… ऊऊऊ… क्यूँ कोई नई लौंडीयाँ मिल गई है क्या शिमला में? वो मेरे मज़ाक को भी सच समझ रहे हो ह्म्मम्म्म्म…” 

अमन उसके बाल पकड़कर-“हाँ मिल गई है तो?” 

रेहाना-“जान से मार दूंगी हरामज़ादी को और फिर खुद भी मर जाऊँगी… अगर कोई बाहर वाली की तरफ देखे भी तो…” 

अमन-“साली धमकी देती है? रुक ज़रा…” और वो रेहाना की गर्दन दबाता है, जिससे उसका मुँह खुलता चला जाता है। और अमन अपने लण्ड को उसके नरम मुँह में पेलता चला जाता है-“अह्म्मह… साली बहुत नाज़ुक हैं तेरे होंठ अह्म्मह… ज़रा आराम से चूस अह्म्मह… धीरे कर साली अह्म्मह…” 

रेहाना-“नहीं उंन्ह… गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प मेरा है, कुछ भी करूँ गलप्प्प उंन्ह… 7 दिन से सूखी है मेरे चूत गलप्प्प-गलप्प्प और ये मुँह भी गलप्प्प-गलप्प्प…” और वो लोलीपोप की तरह जोरों से लण्ड को मसल-मसलकर चूसे जा रही थी। 

आख़िरकार अमन का लण्ड अपनी औकात में आ चुका था। उसके लण्ड के नशें पूरे तरह तन चुकी थीं। अमन इस दौरान रेहाना की नाइटी उतारकर उसे नंगा कर चुका था। वो रेहाना के पैर खोल देता है, और अपनी जीभ उसकी चूत पे रखकर चाटने लगता है। अब अमन को भी चूत चाटने में मज़ा आने लगा था। जबसे उसने शिमला में अनुम की कुँवारी चूत का स्जाद चखा था, तबसे उसे चूत चाटने में इंटरेस्ट बढ़ गया था। वो जीभ को रेहाना की चूत के अंदर तक घुसा-घुसाकर रस पी रहा था। 

रेहाना बुरी तरह सिसकारियाँ भर रही थी उसे अमन की जीभ की ठंडक अपने पूरे जिस्म में महसूस हो रही थी-उंह्म्मह… आह्म्मह… प्लीज़्ज़ज्ज्ज चोदो ना मेरी चूत को, लण्ड दो ना… मैं चुदना चाहती हूँ अह्म्मह… डाल दो मूसल ओखली में अह्म्मह…” 

अमन भी उसके बात मान लेता है, और अपना लण्ड उसकी चिकने चूत के मुँह पे लगाकर जोर से अंदर पेल देता है। उसके लण्ड के धक्के से रेहाना की चूत अंदर तक खुलती चली जाती है-“अह्म्मह… उंन्ह… साली याद आई थी तुझे मेरी अह्म्मह…” 

रेहाना-“हाँ हर रोज… हर पल… मुझे याद आती थी… और सबसे ज्यादा मेरी चूत को अह्म्मह… बोलती थी जानू कब आएंगे? मुझे उनकी याद आ रही है… मुझसे नहीं मानती ये चूत… अब आप ही मनाओ इसे उंह्म्मह… आराम से जी उंन्ह…” 


अमन-“हाँ मेरी जान अह्म्मह… देख कैसे खुश हो गई है तेरी चूत अह्म्मह… अंदर तक जाने दे रही है मुझे अह्म्मह…” 

वो दोनों अपने बातें किए जा रहे थे, और एक दूसरे के अंदर समाते चले जा रहे थे। अमन रेहाना को 20 मिनट तक ऐसे ही ऊपर रहकर चोदता रहा। और फिर एक चीख के साथ अपना पानी उसकी गरम भट्ठी में उड़ेल दिया, जिससे रेहाना की चूत के अंगारों पे जैसे किसी ने पानी डालकर बुझा दिया हो। वो भी अब खुश हो चुकी थी। वो और चुदना चाहती थी, पर अमन उससे बहाना बनाकर और कल आने का वादा करके उसके घर से निकल जाता है। 

अमन अपने घर पे फ्रेश होने के बाद अलमारी से अपना सेल-फोन निकालता है। जब वो लोग शिमला गये थे तब अमन ने अपना सेल-फोन यहाँ रख दिया था ताकी उसे कोई परेशान ना कर सके। जब वो काल रेकाड़ चेक करता है तो हैरान रह जाता है। 

उसके सेल-फोन पे टोटल 200 मिस-काल्स थीं जिनमें से 179 महक की थीं। वो काल-बैक करता है, और एक ही रिंग में काल रिसीव हो जाती है। 

महक चिल्लाते हुए-“कहाँ हो तुम? तुम्हें ज़रा सी भी परवाह है कि नहीं मेरी? पूरे 7 दिन हो गये हैं। अपना सेल फोन चेक करो कितनी बार कल की हूँ मैं। तुम समझते क्या हो खुद को? और किस चीज़ का घमंड है तुम्हें? तुम अभी के अभी मुझसे मिलने आ रहे हो। पहले मुझे तुम ये बताओ कि तुम थे कहाँ?” 

अमन-“बाप रे इसकी गाण्ड में कितना दर्द छुपा है। कहीं इस साली को भी तो मुझसे प्यार नहीं हो गया?” वो धीमी आवाज़ में बोलना शुरू करता है-“आई एम सो सारी महक। असल में मेरे एक दोस्त की मम्मी की मौत हो गई थे शिमला में। मैं वहीं था…” 

महक-“ओह्म्मह… आई एम सो सारी अमन, मुझे पहले बताना चाहिए था ना तुमने खामखाह ही मैं तुमपे भड़क गयी। प्लीज़… मुझे माफ कर दो…” 

अमन-“इट्स ओके महक, गलती मेरी भी है। मुझे आपको इनफॉर्म करके जाना चाहिए था। पर सब इतने जल्दी में हुआ कि मुझे कुछ नहीं सूझा…” 

महक-“मैं समझ सकती हूँ अमन, सारी… अच्छा तुम एक काम करो। कल मेरे घर आ जाओ मेरा बर्थ-डे है। इसीलिये मैंने एक छोटी सी पार्टी अरेंज किया है, कुछ खास दोस्तों में। तुम आओगे तो मुझे अच्छा लगेगा, वरना मैं समझूंगेी कि तुमने मुझे माफ नहीं किया…” 

अमन-“ओके… आई विल ट्राइ…” और वो फोन बंद कर देता है-“आह्म्मह… बच गया बेटा अमन, वरना ये तुझपे टूट पड़ी थी…” वो मुस्कुराता हुआ रजिया के रूम की तरफ बढ़ जाता है। 
Reply
05-19-2019, 01:14 PM,
#49
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रजिया आईने में अपने बाल सँवार रही थी। अमन उसे पीछे से चिपक जाता है-“मुआह्म्मह… तू खुले बालों में बहुत अच्छी लगती है…” 

रजिया-“अच्छा…” और वो बाल सँवारते हुए जूड़ा बांधने के बजाए खुला ही रख देती है-“जैसा आप कहें मालिक…” और दोनों एक दूसरे की बाँहों में मुस्कुराने लगते हैं। 

अमन रजिया की होंठ पे किस करके-“एक बात बता… तुझे कैसे पता चला कि तू प्रेगनेंट है?” 

रजिया मुस्कुराते हुए-“अरे बाबा, जब हम शिमला पहुँचे उसके दो दिन बाद ही मेरी एम॰सी॰ पीरियड की डेट थी, पर पीररयड्स तो आए ही नहीं। मैंने और 5 दिन इंतजार किया, क्योंकी कभी-कभी लेट हो जाती है। पर जब 5 दिन भी नहीं आए तो मैं समझ गयी कि आपका बोया हुआ बीज पौधा बनना चाहता है…” 

अमन रजिया के होंठ जोर से चूमते हुए-“मेरे जान, अब तो तेरा और खयाल रखना पड़ेगा। मैंने सुना है कि जब औरत प्रेग्गनेंट होती है, तो उसे रोज चोदना चाहिए, ऐसा क्यूँ? 
रजिया अमन के सीने पे काटते हुए-“क्योंकी उससे चूत चिकनी रहती है, और डिलेवरी में भी आसानी होती है…” 

अमन का दिल जोर से रजिया को चोदने का कर रहा था। अमन ने एक बात नोटिस किया था खुद को लेकर कि उसे एक रात में दो औरतें चाहिए चोदने के लिये, तभी उसका लण्ड ठंडा पड़ता है। 

वो अनुम को आवाज़ देता है। 

रजिया-“वो सो गई है, उसे एम॰सी॰ पीरियड शुरू हो गये हैं रात से। उसे सोने दो, 7 दिन तक वहाँ नो एंट्री है…” 

अमन रजिया की साड़ी खोलते हुए-“और यहाँ?” अमन रजिया को पूरी नंगी कर देता है, और उसके निपल्स को मुँह में लेकर चूसने लगता है। 

रजिया अपने हाथों से निचोड़-निचोड़ के अमन के मुँह में चुचियाँ डालने लगती है। वो पूरे जोश में थी। अमन के लण्ड से चुदना उसका शौक नहीं, उसे इसकी आदत सी हो गई थी। और एक बार औरत को जिस चीज़ की आदत हो जाती है, वो उसे किसी भी कीमत पे चाहिए। 

रजिया अमन के मुँह से अपनी चुचियाँ निकालकर नीचे बैठ जाती है, और अमन की पैंट उतार देती है। अमन का लण्ड उसके मुँह के सामने आ जाता है, जिसे वो बड़े चाओ के साथ चाट-चाटकर मुँह में गटकने लगती है-“गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह…” वो किसी रंडी की तरह नीचे अपने पैर खोलकर बैठी थी, जैसे पेशाब करने बैठी हो-“गलप्प्प उंह्म्मह… ओह्म्मह… अह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प…” वो अपनी चूत को एक हाथ से सहलाये जा रही थी। 

अमन-“अह्म्मह… रजिया तुझे कितनी बार कहा है कि आराम से किया कर अह्म्मह… साली सुनती नहीं अह्म्मह…” 

रजिया-“उंह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प… मुझे मुँह में लेने के बाद कुछ भी समझ में नहीं आता गलप्प्प-गलप्प्प…” 

अमन उसके बाल पकड़कर उसे बेड पे पटक देता है, और बिना देर किए उसके ऊपर चढ़ जाता है। रजिया हाँफ रही थी और दोनों हाथों में अमन के लण्ड को लिये मसल रही थी-“अह्म्मह… डालो ना जल्दी अह्म्मह…” 

अमन-क्या मेरी जान? 

रजिया-ईई। 

अमन-मुँह से बोल साली, क्या चाहिए? 

रजिया-“आपका लौड़ा मेरे चूत में अह्म्मह… अह्म्मह…” 

उसके मुँह से अल्फ़ाज़ पूरे भी नहीं हुए थे कि अमन का लण्ड उसकी चूत के दीजारों को चीरता हुआ अंदर जा चुका था-अह्म्मह… स्शह… ऐसे ना रजिया… ऐसे ना अह्म्मह… अह्म्मह… ले मेरी जान अह्म्मह…” 

रजिया-“हाँ हाँ ऐसे… आराम से… सुनिए रोज-रोज चोदने से हमारे बेबी को कुछ होगा तो नही ना? अह्म्मह… उंह्म्मह…” 

अमन-“कुछ नहीं होगा। तुझे रोज चोदने से हमारा बेबी एकदम मोटा होगा… तुझे रोज चाहिए ना रजिया अह्म्मह…” 

रजिया-“हाँ रोज, दिन रात… ऐसे ही… मेरी चूत में डालकर रखो… चोदते रहो अपनी रजिया को उंह्म्मह… ओह्म्मह… आह्म्मह… आह्म्मह… आह्म्मह…” 

ये चुदाई तकरीबन आधी रात तक ऐसे ही चलती रही। अमन ने रजिया की चूत को पूरी तरह खोलकर रख दिया था। उसकी गाण्ड का सुराख और चूत के सुराख के बीच बहुत काम गैप था, जिससे अमन कभी उसकी चूत में लण्ड डालकर चोदता, तो कभी गाण्ड मारने लगता। 

ये रजिया का ही कहना था कि उसे गाण्ड में लौड़ा बहुत अच्छा लगता है। इसीलिये अमन रात में उसकी गाण्ड एक बार ज़रूर मारता था। जब वो दोनों एक दूसरे की बाँहों में नंगे पड़े थे। 

तब रजिया ने कहा-“सुनो कुछ दिनों में ख़ान यहाँ आ जायेगा, तब आप कैसे मुझे चोदोगे?” 

अमन-“वही अपना पुराना फामू़ला-नींद की गोलियाँ…” 

रजिया मुस्कुराते हुए-“ह्म्मम्म्म्मम…” 

अमन-तुझे ख़ान ने चोदा है क्या ऐसे में? 

रजिया-नहीं, जबसे वो आया था एक बार भी नहीं। 

अमन-“तो तू क्या कहेगी उसे कि प्रेग्गनेंट कैसे हुई? वो तो तुझे जान से मार देगा…” 

रजिया-आह्म्मह… ये आप मुझपे छोड़ दो। मैं एक औरत हूँ और मुझे अच्छी तरह पता है कि ये बात कैसे करनी है…” 

फिर रजिया दिल में सोचने लगती है-“एक दो बार ख़ान का लण्ड चूत में लेना होगा और पानी चूत में गिराना होगा। उसके कुछ दिन बाद कह दूंगी कि आपके चोदने से मैं प्रेग्गनेंट हो गई हूँ। वो तो समझेगा कि उसने बीज बोया है। पर उसे क्या पता कि इस ज़मीन में पहले से ही अमन ने अपना बीज बो भी दिया है। और वो बीज कोंपल भी बन चुका है। 

अमन-क्या हुआ, क्या सोच रही है? 

रजिया-यही कि अब आप मेरी चूत मारोगे या गाण्ड? 

अमन-“हाहाहाहा… साली तू वो कहेगी वो?” 

रजिया-“मैं तो पूरी की पूरी आपकी हूँ, वहाँ चाहिए वहाँ डालो…” और अमन उसकी गाण्ड पेलने लगता है। 

सुबह 10:00 बजे-

अमन फैक्टरी के लिये निकल जाता है। जब वो फैक्टरी पहुँचता है तो उसे केबिन में महक उसका बेसबरी से इंतजार करते हुए मिलती है। 

महक उसे अपने सीने से लगा लेती है-“ऊऊऊऊ अमन, तुम मेरी उस बात का इतना बुरा मान गये कि मुझसे बात तक नहीं किया। तुम जानते हो मैंने तुम्हें कितना मिस किया? 
अमन-“रियली आई मिस यू टू महक। अगर मुझे अर्जेंट शिमला जाना नहीं होता तो मैं तुम्हें ज़रूर इनफॉर्म करता। 

महक-“जानती हूँ अमन, बैठो…” और वो अमन से अलग होकर उसे सोफे पे बैठा देती है-“तुम आज दिन भर मेरे साथ रहोगे, और रात में तुम मेरे साथ घर चलोगे। मेरी पार्टी तुम्हारे बिना अधूरी है, और मुझे तुम्हारे साथ केक भी तो काटना है…” 

अमन-“ओके, जैसा तुम कहो…” 

महक-“पर पहले हम जाएंगे ड्राइविंग सीखने…” 

अमन-“ओके, आज तो तुम्हारा बर्थ-डे है ना? और बर्थ-डे वाले दिन बर्थ-डे गर्ल की बात कोई टाल सकता है क्या?” और दोनों ड्राइविंग के लिये निकल जाते हैं। 

उसे सुनसान रोड पे वहाँ कोई नहीं होता। आज महक कुछ ज्यादा ही चहक रही थी। शायद 7 दिनों की दूरी ने उसकी चूत की आग को इस हद तक बढ़ा दिया था कि वो अमन से चुदना चाहती थी। इसीलिये तो वो बार-बार अमन के पैर को अपने पैर से छूती जाती है। 

अमन उसके साथ हँस-हँस के बातें करने लगता है। जब वो उस रोड पे पहुँच जाती है, वहाँ महक ड्राइविंग करती थ। महक नीचे उतरकर ड्राइविंग सीट की तरफ आ जाती है। और जल्दी से अमन की गोद में उछलकरके बैठ जाती है। वो अपनी पीठ अमन के सीने से लगाकर ड्राइविंग करने लगती है। 

अमन-“अरे वाह… तुम तो काफी अच्छी ड्राइविंग कर रही हो। मेरे पीछे लगता है कि तुमने काफी प्रेक्टिस की है…” 

महक-“हाँ बोर हो जाती थे तो आ जाया करती थे यहाँ ड्राइविंग करने…” अचानक वो जोर से ब्रेक मारती है। जिससे अमन उसे पकड़ लेता है, और अपने दोनों हाथ उसकी चुचियाँ पे रख देता है। 

अमन-आराम से चलाओ बाबा। 

महक-हुन्न्णन्। 

अमन उसकी नरम-नरम चुचियाँ मसलने लगता है। 

महक-“उंह्म्मह… क्या कर रहे हो अमन?” 

अमन-कुछ भी तो नहीं। 

महक-मुझे पता है कि तुम क्या कर रहे हो? 

अमन-क्या? 

महक-मुझे मसल रहे हो। 

अमन-क्यूँ तुझे बुरा लगा? 

महक-नहीं। 

अमन जोर से चुचियाँ मसलने लगता है। 

महक-“उंह्म्मह… दर्द होता है ना…” 

अमन-मसलूं नहीं क्या फिर? 

महक उसके हाथ पे अपने हाथ रखकर कार के ब्रेक लगा देती है। और उसके हाथों को अपने हाथों से दबाने लगती है-“अह्म्मह… हाँ मत मसलो अह्म्मह…” 

अमन उसकी गर्दन मोड़कर अपनी तरफ कर लेता है। दोनों की नज़रें एक दूसरे को देखने लगती हैं-“आई लव यू महक…” 

महक-“आई लव यू टू अमन…” 

पहले उनके होंठ मिलते हैं, उसके बाद जीभ। दोनों एक दूसरे का सलाइवा चाट-चाटकर किसिंग करने लगते हैं। दोनों इस खेल में मास्टर थे। अमन जानता था औरत को कैसे बस में किया जाए। वो किसिंग करते-करते महक के पैर खोलकर अपना हाथ उसकी चूत पे रख देता है, और उसे भी मसलने लगता है। 

महक तड़प जाती है, और अपनी जीभ अमन के मुँह के और अंदर डालकर चूसने लगती है-“गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह…” वो इतने जोश में थी कि उसे होश ही नहीं रहा कि अमन ने कब उसकी शलवार का नाड़ा खोला और कब अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल चुका था। 
Reply
05-19-2019, 01:14 PM,
#50
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
महक तो तब सिसक उठी, जब उसे उसकी चूत में अमन की एक उंगली घुसते हुए महसूस हुई-“अह्म्मह… उंह्म्मह… अमन अह्म्मह… ओह्म्मह…” वो मारे जोश के बस सिसक रही थी। 

अमन उसे हर जगह मसल रहा था वो किसी भी वक्त उसे नंगा करके चोद सकता था। पर वो महक को और तड़पाना चाहता था। उसे उसके लण्ड का असली दीजाना बनाकर चोदना चाहता था। 

महक बकाबू हो चुकी थी वो चिल्लाने लगती है-“अह्म्मह… फक मी अमन प्लीज़ फक मी उंह्म्मह… आह्म्मह… फक फक फक…” और वो ये बोलते-बोलते झड़ने लगती है। उसकी चूत का पानी अमन का हाथ भिगा देता है। जब वो पूरी तरह अपनी साँसें थाम लेती है। 

तब अमन उसे चूत के पानी से भीगा हुआ हाथ दिखाता है। जिसे महक एक झटके में अपने मुँह में डालकर उसकी एक-एक उंगली चूस-चूसकर साफ करने लगती है। 
महक-मुझे बर्थ-डे गिफ्ट क्या दोगे? 

अमन-क्या चाहिए तुझे? 

महक-“ऐसे चीज़ वो हमेशा मेरे पास हो और मुझे तेरे प्यार का सुबूत लगे…” 

अमन-आज रात दूँगा पर तुझे लेना होगा। मना तो नहीं करेगी? 

महक-बिल्कुल नहीं… वो देना हो दो, जितना देना हो दो, मैं एक लफ़्ज भी नहीं कहूंगी। 

अमन-उसे चूमता चला जाता है, और रात होने लगती है। 

रात 8:00 बजे- 

अमन महक के साथ उसके घर पहुँचता है। दरवाजा एक नौकरानी खोलती है। महक अमन का हाथ पकड़कर उसे अपने बेडरूम में ले जाती है। वहाँ महक की नौकरानी ने पार्टी का पूरा इंतेजाम किया हुआ था। एक म्यूजिक सिस्टम ओन था जिसमें रोमांटिक म्यूजिक बज रहा था, सामने टेबल पे एक बड़ा सा केक रखा हुआ था। अमन को ये देखकर हैरानी हुए कि अब तक कोई गेस्ट नहीं आया था। वो महक से पूछ लेता है। 

महक-“मैंने सिर्फ़ तुम्हें और मेरी बेस्ट दोस्त को इनवाइट किया है वो बस आती ही होगी…” 

महक की नौकरानी उसे ये कहकर चली जाती है कि वो सुबह आ जाएगी। 

महक उसे ये सब अरेंज करने के लिये थैंक्स कहती है। और कुछ पैसे देकर उसे गेट तक छोड़ने जाती है। वो गेट बंद करके मुड़ी ही थी कि डोरबेल बजती है। जब वो दरवाजा खोलती है तो उसकी बेस्ट दोस्त उसके सामने खड़ी एक बड़ा सा बूके लिये उसे मिलती है। 

दोनों हँसते हुए महक के बेडरूम में पहुँचती हैं। वहाँ अमन बेड पे बैठा रजिया को फोन पे ये बता रहा था कि वो लेट हो जाएगा। 

रजिया उससे वजह पूछती है तो वो झूठ बोल देता है कि इमरान का बर्थ-डे है, और वो ट्रीट दे रहा है। 

अमन रजिया से बात करके फोन रखता ही है कि वो सामने खड़ी उस लड़की को देखकर चौंक जाता है। वो और कोई नहीं बल्की डाक्टर सानिया थी, जिसने कुछ दिन पहले उसके लण्ड की अच्छे से ट्रीटमेंट की थी। डाक्टर सानिया भी अमन को देखकर पहले चकित फिर खुश हो जाती है। दोनों आने वाले खतरे को भाँप गये थे। 

महक-“सानिया, इनसे मिलो ये हैं अमन, हमारी फैक्टरी के नये मालिक और अमन ये हैं मेरी बेस्ट आउट आफ बेस्ट दोस्त डाक्टर सानिया…” 

अमन सानिया से हैंड शेक करते हुए-“मैं इनसे मिल चुका हूँ बहुत अच्छे से…” और वो सानिया का हाथ दबा देता है। 

सानिया मुस्कुराते हुए-“हाँ बहुत अच्छे से। अमन अब कैसा है?” और वो जोर-जोर से हँसने लगती है। 

अमन थोड़ा झेंप जाता है। जबकी महक को उनके बातें समझ नहीं आ रही थीं। 

महक-“अरे ये तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम एक दूसरे को अच्छी तरह जानते हो…” 

अमन-“ह्म्मम्म्म्म… चलो जल्दी से केक काटो…” 

महक-“ओके…” और वो केक काटने लगती है। 

अमन और सानिया हैपी बर्थ-डे, हैपी बर्थ-डे के साथ महक को मुबारक बाद देते हैं। महक पहले अमन को और फिर सानिया को केक खिलाती है। सानिया महक से गले मिलकर उसे मुबारक बाद देती है। और फिर अमन महक को कसकर गले से लगा लेता है, और उसके कमर को सानिया की आँखों में देखती हुए मसलने लगता है। 

महक धीरे से-“ऊऊओह्म्मह… छोड़ो सानिया देख रही है…” 

सानिया-“एक्सक्यूस मी, मैं ज़रा टायलेट से आती हूँ…” और वो वहाँ से खिसक जाती है। 

महक अमन से अलग होते हुए-“क्या अमन, इतनी भी क्या बेसब्री। सानिया देख रही थी ना…” 

अमन-“प्यार करने वाले किसी के बाप से नहीं डरते मेरी जान…” और वो महक को अपनी छाती से चिपकाकर चूमने लगता है। 

महक को भी अमन की ऐसी हरकत कहीं ना कहीं बहुत अच्छी लगने लगती है। इसलिये वो भी अमन का साथ देने लगती है। दोनों एक दूसरे को चूमे जा रहे थी और सानिया दरवाजे के पास से उन्हें देख रही थी। जब वो दोनों एक दूसरे से अलग हुए तो सामने सानिया को देखकर पहले थोड़े टठठके और फिर दुबारा शुरू हो गये। 

सानिया-क्या मैं जाय्न हो सकती हूँ? 

महक-“क्यों नहीं डियर, तुम्हें कोई प्राब्लम तो नहीं है ना… अमन…” 

अमन-बिल्कुल नहीं। 

और सानिया भी अमन से चिपकके उसे किसिंग करने लगती है। थ्रीसम अमन को हमेशा से पसंद था। जैसे भी उसे एक रात में दो चूत चाहिए होती थी, पठान वो था। कहते हैं कि पठान का लण्ड ना थकता है, और ना झुकता है। 

महक तो सुबह से ही पनिया गई थी और सानिया के दिमाग़ में अमन का लण्ड पहली नज़र में ही घर कर चुका था। दोनों बड़ी बेसब्री से अमन के लण्ड को अपने मुँह में और चूत के अंदर उतारना चाहती थीं। वो दोनों जल्दी से अमन को खड़े-खड़े ही नंगा कर देती हैं, और खुद भी नंगी हो जाती हैं। तीनों एक दूसरे को मसल-मसलकर चूम रहे थे। अमन एक हाथ से सानिया की चूत सहला रहा था, तो दूसरे हाथ से महक की चुचियाँ दबा रहा था। महक और सानिया दोनों नीचे बैठ जाते हैं और अमन के लण्ड को, वो अब तक लगभग खड़ा हो चुका था, अपने मुँह में गटक जाती हैं। 

महक-“गलप्प्प-गलप्प्प उंन्ह… गलप्प्प…” 

सानिया-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…” 
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,459,999 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,748 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,568 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,206 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,411 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,526 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,917,973 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,947,822 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,989,654 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,947 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)