RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............
देव अपने 15 साल की उमर मे अनाथ हो गया था. देव को उसके चाचा चाची अपने गाओं मे लेजकर पल पोस कर बरा किया. उनके चाचा चाची को शादी के कई साल के बाद भी कोई संतान नही था. देव के पिताजी की ज़मीन थी पर कोई दूसरा आदमी जोत'ता था. देव के चाचा को देव के हिस्से की ज़मीन पर ज़्यादा इंटेरेस्ट था और देव पर कम. उसकी चाची बहुत कोमल ह्रिदय की औरत थी और वो देव की हर तरह से देख भाल किया करती थी. बाद मे देव को पता चला कि उसकी चाची को उस'से प्यार भी था.
देव के चाचा चाची एक छ्होटे से एक कमरे के मकान मे रहते थे. वो हॉल मे सोता था, उसकी चाची कमरे के अंदर सोती थी और उसका चाचा बाहर वारंडे मे सोता था क्योंकी अंदर कमरे मे बहुत गर्मी हुआ करती थी. एक रात देव को गर्मी से परेशान नीद नही आ रही थी और उसने देखा कि उसका चाचा उठ कर चुप चाप उसके चाची के कमरे में जा रहें है. चाचा अंदर कमरे मे जाकर चुप चाप चाची के पास लेट गये और धीरे से उनको जगा दिया. उनलोगो मे अपने कमरे का दरवाजा बंद नही किया था क्योंकी वो लोग सोच रहे थे देव अपनी गहरी नींद मे सो रहा होगा.
कमरे मे एक हल्की से लाइट जल रही थी और उसकी रोशमी मे देव को कमरे के अनदर सब कुच्छ साफ साफ दिख रहा था. चाचा ज़मीन पर चाची के पास बैठ कर उनके कपड़ो को उतरना शुरू किया. उसने पहले चाची की ब्लाउस को फिर ब्रा को उतार दिया. चाची खरी हो गयी और देव अपने चाची की नंगी चूंची देख रहा था. फिर उसके चाचा चाची की सारी को उठा कर उसके अंदर घुस गये और कुच्छ करने लगे. चाची उसके चाचा का सारी के उपर से सर पकर कर अपनी चूतर हिला रही थी.
फिर चाची धीरे से अपनी सारी उतार कर पूरी तरह से नंगी हो गयी. देव को एह देख कर बहुत तजुब हुआ कि उसका चाचा अपनी बीवी के चूत पर मूह लगा कर उसकी झांतों से भरी चूत चट रहा है. कुच्छ मिनटों के बाद चाचा अपनी बीवी को अप'ने पास ज़मीन पर लिटा दिया और खुद उसके उपर चढ़ गये. उपर चढ़ने के बाद चाचा अपना चूतर उपर नीचे करने लगे. देव पहले से ही सेक्स के बारे मे सुन रखा था लेकिन आज वो पहली बार चूत की चुदाई देख रहा था. जल्दी ही उसके चाचा शांत हो गये और थोरी देर के बाद उठ कर बाहर वारंडे मे सोने के लिए चले गये.
चाची थोरी देर के बाद बाथरूम मे गयी और फिर नंगी ही वापस आ गयी. चाची नंगी ही अपने बिस्तेर पर लेट कर अपने पैरों के बीच कुच्छ करने लगी. उनका हाथ अपने पैरों के बीच बहुत ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था और थोरी देर के बाद चाची शांत हो कर लेट गयी. फिर चाची मुर कर देव की तरफ अपनी चूतर कर के नंगी ही सो गयी. अपनी चाची की नंगी चूतर देख देख कर और एह सोचते हुए कि उसने अभी अभी क्या देखा देव अपने लंड पर हाथ फेरने लगा और थोरी देर के बाद झार कर सो गया.
अगले दिन देव की चाची ने ऐसा बरतब किया कि जैसे कुच्छ हुआ ही नही है. एह सिलसिला कुच्छ दीनो तक चलता रहा और देव अपने चाचा और चाची की चुदाई देखता रहा. लेकिन एक दिन जब देव के चाचा गाओं से बाहर गये थे तो चाची देव से पुछि,
"क्यों तुम रोज रात को हुमारी कारवाही देख देख कर मज़ा लूट'ते हो? मैं सोच रही हूँ की मैं एह बात तुम्हारे चाचा से कह दूँ," चाची देव से बोली. देव डर गया और अपने चाची से एह सब बात चाचा से ना कहने के लिया बोला.
"चाचा मुझको बहुत मारेंगे और मुझको अपने घर से निकाल देंगे. मेरे पास और कोई ठिकाना नही है, मैं कहा जौंगा? चाची प्लीज़ चाचा से एह बात मत कहना."
"ठीक है, मैं नही बोलूँगी, लेकिन मैं कहूँ वैसे ही करना परेगा, ठीक है?" चाची देव से बोली.
"तुम जो भी कहोगी, मैं वैसे ही करूँगा" देव अपनी चाची से बोला.
"देव तुम तो जानते ही हो कि तुम्हरा चाचा जल्दी जल्दी से अपना काम ख़तम करके सोने चला जाता है और मैं कैसे अपने आप को अपनी उंगली से शांत करती हूँ. अब मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे जहाँ जहाँ कहूँ शांत करो. समझ गये" चाची देव से बोली.
"हाँ चाची मैं सब कुच्छ समझा गया, लेकिन मैं कुच्छ नही जनता हूँ," देव धीरे से अपनी चाची से बोला.
"मैं तुझे सब कुच्छ अभी आज से समझा दूँगी" चाची देव से बोली. फिर चाची देव को अपने कमरे मे ले गयी. ज़मीन पर चटाई बिछाई और उसपर दो तकिया लगा दिया. अब वो देव के सामने खरी हो गयी और अपनी ब्लाउस उतारने को बोली. देव बहुत घबराया गया और उसका हाथ ब्लाउस के हूक्क खोलते वक़्त कांप रहा था. देव का डर देख कर चाची उसको धीरे धीरे बातों से समझाया और फिर अपने बाहों मे भर लिया.
चाची तब देव को अपने ब्लाउस की हुक खोलने मे मदद करने लगी और फिर अपना ब्लाउस उतार दिया. फिर वो मूर कर खरी हो गयी और अपनी ब्रा की हुक खोलने के लिए बोली. जब ब्रा की हुक खुल गयी तो चाची फिर से देव के सामने हो गयी और अपने दोनो हाथों से अपनी चूंची ब्रा के उपर से पकर कर खरी हो गयी और धीरे से अपना ब्रा उतार दिया. देव मूह बाए फटी फटी आँखो से अपनी चाची की नंगी चूंची देखने लगा. एह पहला मौका था कि देव किसी औरत की नंगी चूंची देख रहा था और वो भी अपनी चाची की चूंची.
"तुम्हे एह चूंची पसंद है?' चाची अपनी दोनो चूंची अपने हाथों से उठती हुई पुच्छी.
"लो इनको छु कर देखो, इनसे खेलो" चाची अपनी चूंची देव के हाथों मे थमाते हुए बोली. चाची देख रही थी कि देव कुच्छ हिचकिचा रहा है. फिर चाची देव के हाथों को पकर कर अपने चूंची से लगा दिया. देव उन चूंची की गर्मी और करा पन से उत्तेजित हो कर उन चूंचियो से खेलने लगा. देव उन चूंची की निपल को पकर देखने लगा. चाची देव का सर पकर कर उसके चहेरे से अपनी चूंची रगर दी और बोलने लगी,
"देव मेरी चूंची को चूसो, जैसा एक बच्चा मा का दूध पीता है वैसे ही तुम मेरी चूंची को चूसो." देव को जैसा बोला गया वो करने लगा. पहले उसने निपल को अपने मूह मे लिया फिर थोरी सी चूंची अपने मूह मे भर कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा. फिर चाची अपनी दूसरी चूंची उसके मूह से लगा कर बोली,
"अब तुम दूसरी चूंची को भी चूसो." "अब मेरी सारी उतारो" चाची देव से बोली.
"और मैं तुम्हे अपनी झांतो से भरी छूट दिखौँगी. मैं तुम्हे सब कुच्छ दिखौँगी. मैं तुम्हे आसमान की सैर कर्वौन्गी." देव तब अपनी चाची की सारी और फिर उनकी पेटिकोट उतार दिया.
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