RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
देवकी तब अपनी बहन से दूर जा कर बैठ गयी और अपनी बहन की चूत अपने यार के लंड से चुद्ते देखती रही और अपने हाथों से अपनी चूत को सहलाती रही. ठीक उसी समय देव बिल्कुल नंगा हो कर कमरे मे घुस गया. देवकी कमरे मे नंगे देव को देखते ही उसका लंड अपने हाथों से पकर लिया और देव से बोली,
"आओ मेरे राजा, मेरी चूत के मलिक, मुझे इस समय तुम्हारी बहुत ज़रूरत है." देवकी देव को अपने पास बुला लिया और खुद पिछे मूर कर अपने चार हाथ और पैर के बल झुक गयी. देव जब देवकी को झुक कर अपनी गंद उठा कर बैठते देखा तो वो भी झट देवकी के पिछे से जा कर अपना लंड देवकी की चूत मे एक झटके के साथ डाल दिया. जया अपनी दीदी और जीजा को चुदाई करते देख बहुत शर्मा गयी, लेकिन इस समय उसकी चूत मे भी बहुत बरा तूफान चल रहा था. इसलिए जया अपनी दीदी और जीजा का चुदाई देख देख कर अपनी कमर उच्छलने लगी और अपनी चूत मे जगन का लंड अंदर लेने लगी. कमरे के अंदर दो जोरों की चुदाई से अब बहुत गर्मी हो गयी थी. इस समय जगन और देव दोनो अपनी बीवियों को अपनी कमर हिला हिला कर ज़ोर ज़ोर से चोद रहे थे.
कमरे के अंदर इस समय चुदाई की सिसकारी और चूत और लंड की खोस्बू भर गया था. दोनो जोरे अपनी चुदाई करते करते एक दूसरे को देख रहे थे और मस्ती से भर रहे थे. देवकी अपने पती के लंड की ताक़त को अपनी चूत से महसूस करके बहुत खुश हो रही थी. देवकी अपने पती के हर धक्को के साथ अपना कमर आगे पिछे कर के जवाब दे रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. देवकी को देव का लंड अपने बछेदनि के मूह मे धक्के मारने का एहसास हो रहा था. देव इस समय देवकी की चूत मे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अपनी बीवी को रगर कर चोद रहा था. इसी तरह से धक्के मारते हुए देव अपना पूरा का पूरा लंड देवकी की चूत मे थॅन्स कर अपनी पिचकारी छोड दी और अपने पानी से देवकी की चूत को भर दिया.
देव और देवकी अपनी चुदाई ख़तम करके धीरे धीरे अलग हो कर जगन और जया की चुदाई देखते रहे. इस समय जगन और जया दोनो एक दूसरे को अपने बाहों मे समेट कर अपनी अपनी कमर हिला हिला कर चुदाई कर रहे थे. जया अपनी कमर उच्छाल उच्छाल कर जगन का लंड के झटके का जवाब दे रही थी. थोरी देर के बाद जगन ने एक ज़ोर दार झटका मारा और जया की चूत के अंदर अपना पिचकारी छोड दिया. जगन की पिचकारी छूटने से जया का चूत लाबा लब भर गया और वो अपने हाथों से जगन को पाकर कर हफने लगी. पूरा कमरे मे शान्ती छा गयी.
देवकी लेते लेते ही जया के पास पहुँच गयी और जया को अपने बाहों मे ले लिया और उसको चूम कर पुच्छी,
"बता छ्होटी कैसा रहा तेरी चूत की चुदाई अपने पती के लंड से? क्या बहुत तकलीफ़ हुई?" टीबी जया भी अपनी दीदी को चूमते हुए बोली,
"बहुत अक्चा था मेरी चूत की चुदाई. मुझे बहुत मज़ा आया दीदी," फिर जया कमरे के चारो तरफ देखी तो पाया की कमरे मे सब के सब नंगे लेते हुए हैं. जया को बहुत शरम महसूस हुई और अपने शरीर को कपरे से ढकने लगी, लेकिन देवकी ने जया को रोक दिया. फिर देवकी बोली,
"यह हम लोगों का परिवार है, और हम सब लोग एक हैं. इस कमरे मे हम लोग जो भी करते हैं वो हम लोगों का अपना राज़ है. छोटी तू बिल्कुल मत शर्मा. तेरे पती ने हुमलोगों पर कई उपकार किए हैं और हम लोग जगन के आभारी हैं. जब हम लोगोने तेरी शादी जगन से करनी चाही तो मुझे पता था कि तू मान जाएगी. हम लोग जब छोटे थे, हम लोग आपस मे बहुत मज़ा लूटा है. अब हम लोगों के पास अपने अपने पती है और उनको हम लोग मिल बात कर मज़ा लेंगे, ठीक जैसे हम लोगों की मा हुमारे पिताजी और चाचा को मिल बात मज़े लेती थी. जब हम लोगों की मा को यह बात मालूम चलेगा तो ओ भी बहुत खुस होंगी." जया अपनी दीदी से बोली,
"दीदी मैं तुम्हारी हर बात को समझ रही हूँ. लेकिन मेरे लिए बिल्कुल नया है."
"जया तुम बिल्कुल चिंता मत करो, हम सब लोग तुम्हारी हर तरफ से ख़याल रखेंगे," देव अपनी साली से बोला.
"एक तरफ से तुम भी देवकी और मुझको मदद कर रही हो" देव फिर से बोला. इन सब बातों को सुन कर और सुसताने के बाद जगन का लंड फिर से खरा होने लगा. जगन के लंड को खरा होते देख कर देवकी अपनी छोटी बहन से बोली,
"जा छोटी जा, तेरे पती का लंड फिर से खरा हो रहा है. जा तू फिर अपनी चूत को चुदवा कर मज़े ले."
"दीदी, जैसे अभी तुम चुदवा रही थी मैं भी उसी तरह से अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ" जया अपनी दीदी से बोली. एक बार की चुदाई से ही जया अब अपनी सारी शरम और हया भूल चुकी थी और चुदाई के बारे मे खुल कर सब के सामने बोल रही थी. जगन जैसे ही जया की बात सुना, उठ कर जया के पास गया और जया को अपने घुटने बल झुका कर उसके पिछे से अपना तन तनया हुआ लंड चूत मे पेल दिया. जया भी कम नही थी, वो भी अपनी कमर को आगे पिछे हिला कर जगन का लंड अपने चूत मे पिलवा रही थी.
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