RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............
देवकी ने जैसे ही देव का लंड खरा हुआ देखा तो झट से देव को ज़मीन पर लेटा कर खुद देव के उपर चढ़ बैठी और देव के लंड को अपने चूत मे ले कर देव को चोदने लगी. कमरे के अंदर फिर से चुदाई का माहौल बन गया और जगन और देव दोनो फिर से अपनी अपनी बीवी की चूत को जम कर चोदना शुरू कर दिया. थोरी देर के बाद चारो लोग हांफ रहे थे लेकिन अपनी अपनी कमर उठा उठा कर धक्के मार रहे थे या धक्को का जवाब दे रहे थे.
थोरी देर के बाद जब जगन और देव अपना अपना पिचकारी अपनी अपनी बीवी की चूत मे छोड चुके तो चारों बिस्तेर पर लुरख गये और सुसताने लगे. उस समय किसी को कुच्छ होश नही था कि कौन कहाँ लेटा हुआ है सब के सब एक ही जगह पर परे हुए थे. जया अपने हाथों के पास झांतों से भरा हुआ लंड को खरा होते हुए पाया और बिना कुच्छ समझे बुझे उसको जगन का लंड समझ कर अपने हाथों मे ले कर उसके साथ खेलने लगी. थोरी देर के बाद जब देवकी तकिया ठीक करने के लिया उठी तो देखा की जया अपने हाथों से देव का लंड मारोर रही है.
"ओह! बह रे मेरी चुड़ककर बहन, तू तो बहोत जल्दी ही सब कुच्छ सीख गयी. तेरे को मेरे पती का लंड कैसा लग रही है? आज तेरी सुहाग रात है और तूने आज ही मेरे पती का लंड अपने हाथों मे लेकर मसलना शुरू कर दिया?" देवकी जया से बनावटी गुस्से मे बोली. तब शर्मा कर जया बोली,
"दीदी इस लंड को मैं अपने पती का लंड समझ रही थी, मेरे मन मे ऐसी कोई ग़लत भावना नही थी."
"ठीक है, कोई बात नही. अब देखते है की तू इस लंड को क्या करती है. मैं तेरे से मज़ाक कर रही थी और कोई गुस्सा नही कर रही थी" देवकी अपने छोटी बहन से बोली. देवकी फिर जया की मदद की और जया को देव का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने के लिया कहा. जया शरम के मारे अपनी आँखे झुका कर देव का आधा खरा लंड अपने मूह मे भर लिया और उसको चूसने लगी.
देव अपने जांघों को और फैला दिया जिससे की जया को लंड चूसने मे आसानी हो. देवकी अपने घुटने के बल जया के मूह के पास अपना चहेरा ले कर देखने लगी की कैसे जया उसके पाती का लंड चूस रही है. जगन जब देखा कि देवकी अपने घुटने के बल झुकी है तो फ़ौरन देवकी के पिछे जा कर देवकी की चूत मे अपनी उंगली पेल दिया और उंगली को अंदर बाहर करने लगा.
देवकी भी अपनी गंद हिलाने लगी. इस'से जगन को बहुत मज़ा मिला और अपना दूसरी उंगली देवकी की गंद मे भर दिया और अपना उंगली से देवकी की गंद चोदने लगा. देवकी थोरी देर के बाद जया के साथ मिल कर देव के अंडों को सहलाने लगी. दोनो बहने थोरी देर तक कोशिश की पर कोई फ़ायदा नही मिला. देवकी तब अपनी चूंची देव के सामने कर दिया और देव उन चूंची को पकर मसला और फिर पीना शुरू कर दिया. अपनी चूंची चूसा से देवकी तो गर्म हो गयी लेकिन देव का लंड फिर से खरा नही हुआ.
जगन अब तक तैइय्यार हो गया था. जगन अपने उंगलेओं से देवकी की चूत की होठों को फैला कर उसमे अपना लंड डाल दिया और देवकी की चूतदों को पकर कर अपना कमर चला कर देवकी को चोदना शुरू कर दिया. देव जैसे ही देखा की जगन का लंड देवकी की चूत का पानी झार रहा है, वो बहुत उत्तेजित हो गया और उसका लंड तन कर खरा होने लगा. जया को भी अपने मूह मे देव के लंड का खरा होने का अहसास होने लगा. जब देव का लंड पूरा खरा हो गया तो उसको जया अपने मूह से निकाल दिया और देव जया को अपने उपर उठा लिया और बोला,
"सालीजी अब तुम मुझको अपनी चूत से चोदो." जया को जैसा बताया गया उसने वैसे ही किया. वो देव के उपर चढ़ कर उसके कमर के पास बैठ गयी और उसका अपने हाथों से ले कर अपनी गंद उठा कर चूत से लगा दिया. लंड को चूत से भीरते ही जया उस पर बैठ गयी और अपनी गंद उठा उठा कर देव को चोदने लगी. देव और जया के बगल मे ही जगन और देवकी अपनी चुदाई चालू रखे हुए थे. देवकी इस समय गंद हिला हिला कर जगन का लंड अपने अंदर पिलवा रही थी और मूह से जीव निकाल कर हाफ़ रही थी.
देवकी को अपने पती की चुदाई का ज़ोर देख कर बहुत ताज़्ज़ूब हो रहा था. देवकी सोच रही थी आज क्या बात हो गयी है और कैसे आज देव तीन तीन बार लंड खरा करके हुमारी और जया की चूत को धुन रहा है. देव को जया की चूत बहुत टाइट और कसी कसी लग रही थी. देव जया को नीचे गिरा दिया और उसको पल्ट कर पिछे से जया की चूत मे फिर से अपना लंड घुसेर दिया और दना दान चोदने लगा.
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