RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
जैसे जैसे वो लोग नाश्ता करने लगे, छ्हम्मो खुद ही जगन से हल्की फुल्की बात करना शुरू कर दिया. लेकिन जगन को अपने सास के बातों मे कोई ध्यान नही था. छ्हम्मो तब अपनी दोनो टाँगों को फैला दिया और अब जगन को छ्हम्मो की चूत कमरे की रोशनी मे साफ साफ दिखाई देने लगा. जगन को अपना आँख छ्हम्मो की चूत पर से हटाना मुश्किल पर गया. जगन का लंड अब पूरी तरह से खरा हो गया. जगन अपने खरा लंड को अपने हाथों से छुपाने की कोशिस करने लगा लेकिन उसका 10" लूंबा खरा लंड उसके हाथों से छुप नही रहा था.
"तुम्हे पसंद है?" जगन की सास पूछी.
"उन! क्या पुछा?" जगन छ्हम्मो से पुचछा.
"मुझको लग रहा है की जो तुम अपनी आँख गढ़ा कर देख रहे हो, वो तुम्हे पसंद है और तुम्हारा खरा लंड इस बात की गवाही है," छ्हम्मो जगन से बोली. जगन अब दोनो हाथों से खरा लंड को च्छुपाने की कोशिस करने लगा. इस बात से जगन की सास हंस परी और जगन से बोली,
"जगन, बेबकूफी मत करो. तुम्हारा उतना बरा लंड जो कि इस समय खरा हो गया है हाथों से च्छुपाना मुश्किल है. तुम मत घबराव, हुमारी बेटी ने हमसे तुम्हारे लंड के बारे मे सब कुच्छ बता दिया है. अब तुम से क्या च्चिपाना, मैं भी इस लंड का स्वाद लेना चाहती हूँ. मैने करीब पेच्छ'ले एक-दो हफ्ते से अपनी चूत नही चुडवाई है, और यह बात मेरे जैसी चुद्दकऱ औरत के बर्दस्त के बाहर है. मेरी चूत मे तीन-चार दीनो से खुजली हो रही है. चलो जल्दी से अपना नाश्ता ख़तम करो, मुझे तुमसे अभी चुद्वना है." जगन जब सास की यह सब बात सुनी तब वो छ्हम्मो से बोला,
"अगर एही आपकी इक्च्छा है तो मैं आपकी इक्च्छा को टाल नही सकता हूँ," और जगन जल्दी जल्दी अपना नाश्ता ख़तम किया और उठ कर अपना हाथ धोने चला गया. च्चाम्मो भी अपनी नाश्ता जल्दी से ख़तम करके हाथ धो लिया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और जगन के पास जाकर खरी हो गयी. जगन का खरा लंड को जो कि लूँगी से बाहर निकल चुक्का था पाकर कर अप'ने हाथों से धीरे धीरे सहलाने लगी.
"ओह! तुम्हारा लंड तो वाकई बहुत बरा और मोटा है. मेरी बेटियाँ बहुत ही भाग्यशाली हैं जो तुमको पाया है. ओह! कितना करा है, चलो जल्दी से मुझको चोदो," इतना कहा कर छ्हम्मो हाथों से जगन को पकर कर बेडरूम मे ले गयी. बेडरूम मे घुस कर छ्हम्मो जल्दी से अपनी पेटिकोट का नारा खींच कर खोल दिया और उनकी पेटिकोट ज़मीन पर गिर गया. अब जगन के सामने उसकी सास नंगी खरी थी और जगन उनके नंगे रूप को देख कर मचल गया. तब छ्हम्मो घूम कर जगन के सामने पीठ करके खरी हो गयी और अपनी ब्लाउस को उतारने के लिए बोली.
जैसे जैसे जगन उनकी ब्लाउस के हुक खोल रहा था, उसका लंड तन कर उनकी चूतर से रगड़ रहा था. चूतर पर जगन के लंड की ठोकर महसूस करने के बाद छ्हम्मो ने अपनी चूतर पिछे की तरफ धकेल दिया और अपनी चूतर जगन के लंड पर मलने लगी. जगन अपनी सास का ब्लाउस उतार दिया और इनकी नंगी पीठ पर चुम्मा देने लगा. फिर उसने अपना हाथ आगे करके उनकी चूंचियो से खेलने लगा. फिर अपना लंड छ्हम्मो के गंद पर रख कर घुमाने लगा और उसकी इस हरकत से छ्हम्मो अपनी गंद हिला करके जगन के तरफ कर दिया. अब छ्हम्मो जगन के तरफ घूम गयी और उससे बोली,
"चलो अपना लॉरा मुझको दो, मैने बहुत दीनो से लौरा नही चूसा है, मैं तुम्हारे लौरे को चूसना चाहती हूँ," और छ्हम्मो झुक कर जगन के सामने बैठ गयी और जगन का लौरा को बच्चो जैसा चूसने लगी. छ्हम्मो के मूह से लार बह रही थी और वो जगन के लौरे को जितना हो सके मूह मे घुसेर कर बरे आराम से चूस रही थी. जगन को सुपरे पर सास की जीव का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. छ्हम्मो सर को आगे पिछे कर के जगन के लौरे को धीरे धीरे मूह मे घुसेर रही थी और नीकाल रही थी और होठों से सुपरा को चूस रही थी. जगन का लौरा खरा हो कर तन्ना गया था और अपनी सास की मूह के अंदर थुकी मार रहा था. जगन की सास को लंड चुसाइ की कला बहुत अच्छे तरह से आती थी और बरे मज़े लेकर दामाद का लंड चूस रही थी.
"बहुत अच्च्चे, मा, ऊ! बहुत मज़े आ रहा है, हाँ ऐसे ही मेरे लौरे को चुसिये. आप बहुत अच्छे तरह से लंड चूस रही हैं." जगन धीरे धीरे अपना कमर चला कर अपना लंड सास के मूह मे डाल रहा था और निकाल रहा था.
"और ज़ोर से चूसो माजी, और ज़ोर से मेरे लंड की चुसिये," जगन सास से बोला. लेकिन छ्हम्मो को मालूम था कि कैसे दामाद का लंड चूसना है और वो कोई जल्दबाज़ी नही कर रही थी. छ्हम्मो धीरे धीरे ज़मीन पर बीछे बिस्तेर पर लेट गयी और पैरों को फैला कर जगन से बोली,
क्रमशः........................
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