RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
दोनो मा और बेटी ने अपने आप को घुटने के बल झुका लिया और एक दामाद सास को और जीजा बरी साली को पीछे से उनपर झुक कर चोद रहे हैं. दोनो मा और बेटी अपनी चुदाई से खुश हो कर गले से आवाज़ निकाल रही थी और चूतर हिला हिला कर चूत के अंदर लंड पिलवा रही थी. दोनो मा बेटी बोल रही थी,
"आह! आह! ओह! ज़ोर से, और ज़ोर से चोदो, हाई मेरी तो चूत को आज बहुत दीनो के बाद लॉरा मिला है खाने को, दो दो हाँ, और ज़ोर से दो, फार दो आज मेरी चूत, रुकना मत, बस ऐसे ही पेलते रहो अपना लंड मेरी चूत मे. बहुत मज़ा मिल रहा. पूरा का पूरा लंड से पेलो, डरो नही खूब चोदो." जगन और देव अपना अपना लंड सास और बरी साली के चूत मे दना दान पेल रहे थे और हाथों से कभी उनकी चूंची और कभी चूतर को मसल रहे थे.
थोरी देर इसी तरह से चोद्ते चोद्ते जगन और देव ने वीर्या की धार छोड डी और ज़मीन पर लुढ़क गये. थोरे देर के बाद सांस ठीक हो जाने के बाद चारों मिल कर एक दूसरे को साबुन मल मल के नहलाए और बाथरूम से बाहर आ गये. बाहर निकल कर छ्हम्मो अपनी बेटी देवकी से बोली,
"मेरे ख़याल से मैं तेरे आदमी को ठीक कर सकती हूँ. मैने तेल मालिश से तेरे पिताजी और चाचा को भी ठीक किया है. तेरे आदमी का भी आज मालिश से काफ़ी कुच्छ ठीक हो रहा था, लेकिन तूने और जगन ने अपनी चुदाई शुरू कर के मेरी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. कल से मैं अकेली देव को ले कर बाथरूम मे जौंगी और उसका इलाज करूँगी. देखना देव कुच्छ दीनो मे ही ठीक हो जाएगा." मा से यह बात सुन कर देवकी बहुत खुश हो गयी और मा से लिपट कर मा के चूंचों को दबाते दबाते उनका गाल चूम'ने लगी. तब छ्हम्मो देवकी से च्छूराते हुए बोली,
"हट च्चिनाल, तेरे चूत ने तो अभी अभी जगन के लंड को खाया है, फिर भी तू अभी भी चुदसी है, और मेरी सोच. मैने तो सिर्फ़ देव का आधा खरा लंड ही खाया है और मेरी चूत मे अभी भी ख़ाज़ भरी परी है, तू जल्दी से खाना पका ले, मैं जगन को लेकर दूसरे कमरे मे जाती हूँ और चूत को जगन के वीर्या से ठंडा करती हूँ." जया कमरे से अपनी मा और दीदी की बात सुन रही थी और बोल परी,
"मा तुम तो बरी चुदक्कर निकली, अरे कम से कम मेरा ख़याल करते हुए मेरे जगन को छोड दो, तुम अगर उसका लंड अपनी चूत मे डलवओगी तो मेरी चूत के लिया क्या बचेगा. मा तुम बस देव से ही अपनी चूत चुदवाओ और जगन को मेरे और देवकी दीदी के लिए छोड दो."
छ्हम्मो करीब 15 दिन और अपनी बेटियों और दामादो के पास रुकी फिर अपने गाओं चली आई. इस बीच देव के लंड की मालिश करके उसने देव को बहुत हद तक ठीक कर दिया. परंतु यह कोई ख़ास चिंता की बात नहीं थी. देव कभी जगन से देवकी को चुद्ते देख लेता था तो कभी जया को चुद्ते और वह भी इस मस्त और नशीले खेल में शामिल हो जाता.
एंड
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