RE: Antarvasna kahani चुदाई का घमासान
अब्बू भी आज काफी खूंखार दिख रहे थे, उन्होंने शबाना की योनि का भोसड़ा बना दिया अपने लम्बे लंड के तेज धक्कों से।
शबाना तो जैसे भूल ही गयी थी कि वो कहाँ है। अपने अब्बू के मोटे लंड को अन्दर लिए वो तेजी से चिल्ला रही थी- आआआआआह्ह्ह… पपाआआआ और तेज मार साले… बेटी चोद… मार अपनी बेटी की योनि… आआआह… माआअर… कुत्ते… ओफ्फफ्फ्फ़… अयीईईईई…
वो बड़बड़ा भी रही थी और सिसकारियां भी मार रही थी। जल्दी ही दोनों अपने आखिरी पड़ाव पर पहुँच गए और शबाना ने अपनी टांगें अब्बू की कमर के चारों तरफ लपेट ली और अपने दोनों कबूतर उनकी घने बालों वाली छातियों में दबा कर और उनके होंठों को अपने होंठों में फंसा कर वो झड़ने लगी।
अपने लंड पर बेटी के गर्म रसाव को महसूस करते ही अब्बूके लंड ने भी अपने बीज अपनी बेटी के खेत में बो दिए और वो भी झड़ते हुए शबाना के नर्म और मुलायम होंठों को काटने लगे… और उसके ऊपर ही ढेर हो गए।
थोड़ी देर बाद हम सभी चाचू कमरे में पहुंचे और दरवाजा खोलते ही हम हैरान रह गए। अन्दर फारुख चाचू और निदा चाची जान, रुखसाना के साथ थ्रीसम कर रहे थे।
फारुख चाचू किसी पागल कुत्ते की तरह नंगी लेटी निदा चाची जान की योनि में अपना मूसल जैसा लंड पेल रहे थे और वो चुदक्कड़ निदा चाची जान तो लंड को देख कर बिफर सी गयी और चाचू के मोटे लंड पर चढ़ कर अपनी बुर को बुरी तरह से रगड़ रही थी।
रुखसाना भी अपनी अम्मी की कमर पर गांड रखकर लेटी हुई थी और अपनी अम्मी के होंठों और उनके चूचों को चूस रही थी। चाचू भी पीछे से रुखसाना की योनि और गांड चाट रहे थे।
हम सभी को देखते ही फारुख चाचू और निदा चाची जान मुस्कुरा दिए। मैंने देखा कि चाची जान ने हम सभी की आवाजें सुनते ही अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखकर एक आँख मार दी। उसे चाचू के लंड को अपनी योनि में डलवाने में बड़ा ही मजा आ रहा था। उसके मोटे चुचे हर झटके के साथ आगे पीछे हो रहे थे और उसकी टांगें हवा में थी।
निदा चाची जान हमारी तरफ मुढ़ी और अम्मी को देखकर बोली- आओ भाभी… यहाँ आ जाओ… बड़ा ही मजा आ रहा है… आआ आ आआ आआअह्ह्ह्ह…
हम सभी अभी अभी चुदाई करके आये थे इसलिए थोड़ा थक गए थे। हमने ये बात चाचू को बताई और कहा- आप लोग मजे लो, हम थोड़ी देर बैठ कर आप लोगो की चुदाई देखेंगे और फिर शामिल भी हो जायेंगे।
और वो तीनों फिर से अपनी चुदाई में लग गए।
अम्मी , शबाना और मैं बड़े ही गौर से चचा जान को निदा चाची जान की चुदाई करते हुए देख रहे थे और अब्बू भी उन्हें देख कर फिर से ताव में आने लगे थे। चाची जान के दिलकश चुचे उनकी आँखों में एक अलग ही चमक पैदा कर रहे थे।
चाची जान तो पहले से ही अब्बू के लंड की दीवानी थी पर आज उसकी योनि में अब्बू का लंड भी नहीं गया था। इसलिए वो आगे गए और चाची जान के पास जा कर खड़े हो गए।
निदा चाची जान ने जब देखा कि उनके जेठ बड़े चाव से उसे चुदते हुए देख रहे है तो उसने अब्बू पुचकार कर अपने पास बुला लिया और रुखसाना को उठा कर, अब्बू को अपने झूलते हुए चुचे पर झुका कर उसके मुंह में अपना निप्पल डाल दिया।
अब्बू ने अपने दांतों से चाची जान के दाने को चूसना शुरू कर दिया… नीचे से चचा जान का लंड और ऊपर से अपने दाने पर जेठ के होंठों का दबाव पाकर निदा चाची जान लंड पर नाचने सी लगी। अब्बू तो जैसे चाची जान के हुस्न को देखकर सब कुछ भूल से गए थे। वो अपने छोटे भाई को उसकी पत्नी की योनि मारते देखकर फिर से उत्तेजित हो गए और अपना लटकता हुआ लंड मसलते हुए उनके पास जाकर खड़े हो गए।
चाची जान ने जब देखा कि मेरे अब्बू उसके पास खड़े हैं तो उसने मेरी तरफ देखा, मैंने सर हिला कर उसे इशारा किया और वो समझ गयी। उसने मुस्कुराते हुए हाथ बड़ा कर अब्बू का लंड पकड़ लिया। फिर चाची जान ने लंड को दबाना और मसलना शुरू कर दिया। जल्दी ही उनका वसीम नाग अपने पूरे शवाब पर आ गया।
चाचू ने जब देखा कि अब्बू पूरी तरह तैयार हैं तो उन्होंने चाची जान की योनि से अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब्बू से बोले- भैय्या आप आ जाओ… आप मारो इस गर्म कुतिया की योनि!
अब्बू ने कहा- अरे नहीं फारुख… ऐसे कैसे… तुम एक काम करो… तुम नीचे लेट कर इसकी योनि मारो और मैं पीछे से इसकी गांड मारूँगा।
चाची जान भी खुशी खुशी यह मान गयी। अब्बू का लण्ड बिल्कुल सूखा था तो उन्होंने चाची जान से कहा- तुम फारुख पर उलटी होकर लेट जाओ, वो नीचे से अपना लंड तुम्हारी योनि में डालेगा और फिर थोड़ी देर बाद वो निकाल लेगा और मैं पीछे से तुम्हारी योनि में डाल दूंगा जिससे मेरा लौड़ा चिकना हो जाए।
चाची जान ने उनकी बात समझते हुए हाँ बोल दिया।
उनकी बातें सुनकर और चुदाई देखकर मेरे लंड ने भी हरकत करनी शुरू कर दी थी। रुखसाना भी उठकर हमारे पास आ गयी थी। शबाना भी अपने होंठों पर जीभ फिरा कर अपने एक हाथ को अपनी योनि पर रगड़ रही थी।
फारुख चाचू नीचे लेट गए और उन्होंने चाची जान को अपने ऊपर खींच लिया और अपना लंड वापिस उसकी योनि में डाल दिया। नीचे से लंड डालने के एंगल से लंड पूरी तरह उसकी योनि में जा रहा था।
आठ दस धक्के मारने के बाद चाचू ने अपना लंड निकाल लिया और पीछे खड़े अब्बू ने अपना मोटा लंड टिका दिया उसकी फुद्दी पर और एक करार झटका मारा।
चाची जान- अयीईईई ईईई… मररर… गयीईईई… अह्ह्ह्हह्ह!
करते हुए लुढ़क कर चाचू के ऊपर गिर गयी।
अब्बू का मोटा लंड चाची जान की योनि के अन्दर घुस गया था। उसके गुदाज चुचे चाचू के मुंह के ऊपर थे, उनके तो मजे हो गए, उन्होंने उन चुचों को चुसना शुरू कर दिया। पीछे से रेलगाड़ी फिर चल पड़ी और अब्बू चाची जान के मोटे योनिड़ों को थामे जोर जोर से धक्के मारने लगे।
चाची जान की सिसकारियां गूंजने लगी मजे के मारे ‘हम्म्म्म… अ हा हा अ अह अह.. आ… ऊओफ उफ ओफ्फोफ़… ऑफ़… ऑफ़ ऑफ़.. उफ.. ऑफ… ऑफ.. फ़… आह… आह्ह… म्मम्मम जोर से करो ना… भाई साब… प्लीज… और तेज मारो…
तभी अब्बू ने अपना लंड निकाल दिया चाची जान की योनि से क्योंकि अब चाचू की बारी जो थी। वो परेशान सी हो गई लेकिन अगले ही पल चाचू ने नीचे से फिर से अपना लंड डाल दिया और वो फिर से खो गयी चुदाई की खाई में।
अब्बू ने भी अपना गीला लंड चाची जान की गांड के छेद पर रख दिया। वो समझ गयी और अपने दोनों हाथों से अपनी गांड के छेद को फैलाने लगी।
अब्बू के एक झटके ने उन्हें चाचू के ऊपर फिर से गिरा दिया और इस बार अब्बू का लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अन्दर जा धंसा.
वो चीखी- आआआआअह्ह्ह्ह… मररर… गयीईईई… अह्ह्हह्ह्ह…
अब्बू ने अगले दो चार और तेज झटकों ने अपना पूरा आठ इंच लंड चाची जान की गांड में घुसा दिया था। नीचे से चाचू ने फिर से चाची जान के दूध पीना शुरू कर दिया। वो हिल भी नहीं पा रही थी। अब दोनों भाई चाची जान की गांड और योनि एक साथ मार रहे थे… बड़ा ही कामुक दृश्य था।
शबाना भी अपने अब्बू और चाचू की कलाकारी देखकर मंत्र मुग्ध सी उन्हें देख रही थी। उसने अपने पूरे कपड़े उतार फैंके और मेरे से लिपट गयी। मेरे कपड़े भी कुछ ही देर में नीचे जमीन पर पड़े हुए थे।
दो लंड से चुद रही निदा चाची जान अचानक जोर जोर से चिल्लाने लगी- आआआ आआआह्ह… अह.. अह.. अह.. अ हा.. आह.. आह. आह.. आह… उफ.. उफ..उफ.. आआ आआ आअह्ह और तेज मारो… आआआ आअह्ह मजा आ गया!
और चाची जान ने अपना रस छोड़ दिया चचा जान के लंड के ऊपर।
पर अभी भी उनके दोनों छेदों की बराबरी से चुदाई चल रही थी।
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