RE: Antarvasna kahani चुदाई का वीज़ा
"तू मुझे छोड़ने का कह रही है, जब कि तेरी ये मस्त और तंग चूत को चोदने के बाद में तो सारी ज़िंदगी तुजाहे अपनी रंडी बना कर रहने का सोच रहा हूँ" कहते हुए खालिद भाई ने मेरी एक चूंची को अपने मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मेरे मम्मो को चूसने के साथ साथ नीचे से खालिद का लंड अपनी पूरी रफ़्तार के साथ मेरी चूत की चुदाई में मसरूफ़ था.
फिर मेरी चुदाई करते करते खालिद एक दम रुका और उस ने अपने लंड को मेरी फुद्दी से पूरा बाहर निकाला और मेरे मुँह के सामने ले कर आया.
खालिद के लंड पर मेरी चूत के सफेद पानी के कतरे लगे सॉफ नज़र आ रहे थे.
खालिद ने अपने लंड को मेरे होंठो पर फेरते हुए कहा. " नबीला खोल अपना मुँह और मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर."
मेने नफ़रत से आँखें बंद कर ली.
मगर वो मानने वाला नही था.
जब खालिद ने देखा कि में अपना मुँह नही खोल रही. तो उस ने मेरे मुँह पर एक ज़ोर दार थप्पड़ रसीद किया.
दर्द से “हाईईईईईईईईईईईईई” चिल्लाते हुए ज्यूँ ही मैने बे इकतियार अपना मुँह थोड़ा सा खोला.तो खालिद ने अपने लंड को मेरे मुँह मे डाल दिया.और मेरे सिर को पकड़ कर अपने लंड
को अंदर तक तक पेल दिया.
मुझे उस के लंड से बहुत ही तीखी और गंदी सी स्मेल आई. जिस से मुझे घिंन सी आने लगी.
खालिद का यूँ मुझ से वहशियाना सलूक देख कर मुझे सॉफ नज़र आ रहा था. कि आज मेरी हालत बहुत ही बुरी होने वाली है.
अगर खालिद इसी तरह मुझे जबर्जस्ती चोदता और मारता रहा तो पता नही सुबह तक मेरी क्या हालत हो जाएगी.
खालिद अब मेरे मुँह मे धका धक अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. और ना चाहते हुए भी मुझे उस के लंड पर लगे अपनी चूत के पानी को अपनी ज़ुबान से चाट कर सॉफ करना पड़ा.
कुच्छ देर इस तरह मेरे मुँह को चोदने का बाद उस ने अपना लंड बाहर निकाला.
अब उस ने मुझे उलटा हो कर घोड़ी बनने को कहा.
“ खालिद क्यों मुझे जॅलील करने पर तुले हो,खुदा के लिए मेरी जान छोड़ो अब” मैने एक दफ़ा फिर उस की मिन्नत की.
“जान तो में अब तुम्हारी उस वक़्त तक नही चोदुन्गा जब तक तुम्हे दिल भर का चोद ना लूँ, अब नखरे मत करो और जल्दी से उल्टी हो कर लेट जाओ” खालिद ने गुस्से में फुन्कार्ते हुए कहा.
“मरती क्या ना करती” में मजबूरन उल्टी हो कर अपने बिस्तर पर लेट गई.
|