RE: Antarvasna kahani चुदासी चौकडी
शन्नो ने बड़ी सेक्सी आवाज़ में कहा " अरे कार की ऐसी की तैसी ...देखता नहीं मेरी चूत की क्या हाल बनाई तू ने...बस सिर्फ़ चूत और लंड की बात कर रे ...कार की तो मा चुद गयी....हा हा हा हा !! " और शन्नो ने अपनी टाँगें फैला दीं ..
मैं दंग रह गया ...आज शन्नो का एक और रूप सामने आ गया ..बिंदास और बेबाक ...उसके मुँह से गाली सुन कर मेरा लौडा तो फन्फना उठा ...
मैने कहा " ह्म्म्म तो शन्नो बेगम आज बड़े बिंदास मूड में है ...मुँह से गालियाँ पफूट रही है ..."
" हां रे जग्गू ..मैं पहले चुदाई के वक़्त खूब गालियाँ देती थी और गालियाँ सुनती भी थी ..तू भी गाली दे ना रे ..गंदी गंदी ..जितनी भी गंदी तू दे सके .....देगा ना जग्गू ?"
" हा हा हा ! शन्नो ...तुम्हें पता होना चाहिए मैं झोपड़पट्टी में ही पैदा हुआ..गाली सुनते ही पैदाइश हुई और गाली देता ही बड़ा भी हुआ..मादरचोद साली तू मुझे ही गाली देना सीखाएगी रे ..साली कल की पैदाइश है तेरी .तेरी .मा की चूत का भोंसड़ा कल ही तो बना है रे..." मैने भी उसी अंदाज़ में जवाब दिया ..
मेरी बात सुनते ही शन्नो उठ बैठी और मुझ से लिपट गयी ..मुझे चूमने लगी ..मेरे लौडे को थाम लिया और कहा " ऊफ्फ जग्गू ..वाह रे वाह क्या गालियाँ निकाली रे तू ने ,,मेरी चूत फडक गयी रे..देख ना रस टपक रहा है."...और मेरा हाथ थामे उसे अपनी गीली चूत पर रख दिया ...
मैने अपनी मुट्ठी में लेते हुए उसे मसल दिया ....मैं हैरान हो गया..जैसे ही मैने उसकी चूत मसली ..रस से मेरी हथेली भर गयी ..मानो किसी पानी से भरे गुब्बारे को दबा दिया हो ..मैं हथेली चाट लिया .....मस्त टेस्ट था उसकी चूत के रस का
शन्नो मस्त हो गयी " कैसा लगा रे मा के लौडे , मेरी चूत का रस..?"
" अरे मा की चूत ...साली क्या रस है रे ...एक दम झकास ..बोले तो एक दम नारियल पानी रे..."
आज के खेल की शुरुआत हो चुकी थी ..गालियों की बौछार से .....
शन्नो मुझे अपने सीने से लगाए लगाए ही उठ बैठी और मुझे धक्के देते हुए अपने बेडरूम की ओर चल पड़ी और मेरे कानों में बूद्बूदाति हुई बोलती भी जा रही थी
" जग्गू ....आज मुझे बूरी तरह चोद डाल..कुछ भी रहेम नहीं..भोंसड़ा बना दे रे ..फाड़ दे रे ..अगर तेरे लौडे में दम है ..इसके चिथड़े कर डाल ....उफफफफफ्फ़ .....मादरचोद रुकना मत .....आह कैसी आग है रे ...बहेन के लौडे .... तू साला अपनी मा बहेन को चोद चोद अपने लंड को साला मूसल बना रखा है...पेल दे मूसल आज ....."
और बेड रूम में मुझे अपनी पलंग पर धकेल दिया .. मेरे उपर चढ़ बैठी ...मेरे कड़क लौडे को अपनी जांघों के बीच जाकड़ लिया ...
मैं तो उसकी तड़प , उसके बिंदास रूप और गालियाँ सुन सुन हैरान भी था और मेरा लौडा भी टन टन कर रहा था ..
" अबे रंडी की औलाद ..साली लगता है तेरे बाप का लंड तेरी चूत में फँसा था ...साली लंड लिए लिए ही तेरी पैदाइश हुई ...तभी साली जब देखो लंड की बात करती है..चल तुझे पटक पटक के चोद्ता हूँ ..साली एक धक्के में दस चुदाई के धक्के मारूँगा ..साली तेरी गांद तक हिला दूँगा ..मादरचोद साली चूत से घूसेड तेरे मुँह से लंड निकालूँगा..चल उतार अपने कपड़े ....."
मैने उसे अपने उपर से हटाते हुए कहा और खुद अपने कपड़े एक झटके में उतार दिए..मेरा लौडा हिल रहा था..इतना कड़क हो गया था आज ....
पर शन्नो अभी भी मुस्कुराते हुए खड़ी थी और कपड़े उतारने की कोई हरकत नही थी...
" अबे तू ने सुना नहीं ..कपड़े कौन उतारेगा तेरा बाप..साली बाप से चुद्वाने का बड़ा शौक है..? उतार नहीं तो चूत तो बाद में फटेगी तेरी साली सारे कपड़े फाड़ दूँगा ... "
मैने ज़ोर से कहा ..
" तो फाड़ ना उल्लू के पट्ठे ....देखता क्या है ....?" उस ने जवाब दिया ...
और मैं भी टूट पड़ा उसके कपड़ों पर ..उसकी छाती के अंदर हाथ घुसाया और जोरों से खिचता हुआ नीचे तक कपड़ों को दो टुकड़ो में फाड़ता हुआ उसके गुदाज ..मांसल और गोरे गोरे बदन को नंगा कर दिया .... उसकी चुचियाँ डोल रही थीं...चूत से पानी रीस रहा था ....
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