Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
10-06-2018, 01:01 PM,
#31
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
मे: अगर तुम्हारी मम्मी को पता चला कि, तुम क्या कर रही हो तो…?

अनु: (चोंक कर मेरी तरफ देखते हुए) प्लीज़ मम्मी को कुछ ना कहना…..

मे: ठीक है नही कहता….पर पहले मेरी बात का जवाब दो…..तुम्हे ये वीडियोस कैसे लगी….

अनु मेरे ये सवाल सुन कर एक दम से और चोंक गयी….और हैरानी से मेरी तरफ देखने लगी…..”बोलो चुप क्यों हो….”

अनु: (सर झुका कर….) जी वो मे…

मे: ये वो जी क्या लगा रखा है….अच्छा लगती है ना ये देखना…..

अनु: (हां मे सर हिलाते हुए) जी…..

मे: तो फिर घबरा क्यों रही हो….और देखना चाहती हो…..? देखो सच कहना… ये तो कुछ भी नही, मेरे पास पूरी -2 फिल्म्स है….बोलो देखना चाहती हो…

अनु: (हैरानी से मेरी तरफ देखते हुए) नही….

मे: क्यों मुझसे शरम आ रही है….

अनु: (नज़रें झुकते हुए) जी….

मे: तुम्हे पता है, मे और तुम्हारी मम्मी रात को क्या करते है….?

अनु ने हां मे सर हिला दिया….उसका फेस एक दम लाल होकर दहक रहा था….शरम के मारे वो मुझसे नज़रें भी नही मिला पा रही थी….”तुमने कभी अंदर झाँकने की कॉसिश की है….? जब हम कर रहे होते है…..”

अनु: नही नही…मैने कभी नही देखा….

मे: देखना चाहोगी….?

अनु ने चोंक कर मेरी तरफ देखा, जैसे आँखो से पूछ रहे हो, कैसे क्या ये संभव है….”बोलो देखना है, अपनी मम्मी को भी इन लड़कियों की तरह मुझसे चुदते हुए” इस बार मैने थोड़ा बोल्ड होते हुए कहा, तो उसने शरमाते हुए नज़रें झुका ली….मे थोड़ा सा अनु की तरफ झुका और धीरे से कहा, “तुम्हे पता है कल रात जब मे और तुम्हारी मम्मी कर रहे थे….तब मैने मोबाइल के कॅमरा से उसकी वीडियो बनाई थी…बोलो दिखाऊ….?”

अनु सकते मे थी…..पता नही उसके दिमाग़ मे क्या चल रहा था……वो कुछ बोल नही पा रही थी….”बोलो देखना नही है, कि तुम्हारी मम्मी की चूत मे मेरा लंड कैसे जाता है…देखो तुम्हारी मम्मी भी मेरे लंड को ऐसे ही चुस्ती है….”

मैने स्क्रीन पर चल रही वीडियो की ओर इशारा करते हुए कहा, तो उसने एक बार उस वीडियो की तरफ देखा, ,जिसमे एक औरत एक जवान लड़के के लंड को मुँह मे लिए हुए अंदर बाहर कर रही होती है….

मे: बोलो जल्दी मुझे किसी काम से भी जाना है…फिर दोबारा नही पुछुन्गा….

मे जानता था कि, अनु रात भर से हमारी चुदाई की आवाज़ें सुन कर बहुत चुदास हो गयी होगी…..इसलिए वो अब तक मेरी बातों को चुप चाप सुन रही थी…वरना अगर उसकी जगह कोई और होता तो, कब की वो मेरे पास से उठ कर चली गयी होती…

मे: दिखाएँ….?

इस बार उसने शरमाते हुए हां मे सर हिला दिया…..ये मेरे लिए बहुत बड़ी जीत थी… मैने रात को बनाई हुई क्लिप प्ले कर दी….जिसमे अनु की माँ चारपाई पर वही पिंक नाइटी पहने बैठी हुई थी….फिर क्लिप मे वही सब चलता रहा…जो रात को हुआ था. इस दौरान अनु का बदन हल्का-2 कांप रहा था….फिर जैसे ही, मेने वीना को घोड़ी बंद कर उसकी नाइटी को कमर तक उठा कर उसके मोटे-2 चुतड़ों को नंगा किया और उसकी चूत पर कॅमरा फौक्स किया तो, पास बैठी अनु अपनी माँ के पानी से सनी हुई चूत को देख कर ही सिसक उठी….

मैने वीडियो पॉज़ किया…..और अनु की तरफ देखने लगा…..उसने अपने सर को झुका लिया….”आगे देखनी है…” मैने उसके कान के पास अपने होंठो को लेजाते हुए कहा. तो उसने शरमाते हुए हां मे सर हिला दिया….मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो, वो चेयर से उठ कर मेरे ऊपर झुक गयी….मैने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए, उसे अपनी लेफ्ट जाँघ पर बैठा लिया…”वहाँ से ठीक से दिखाई नही देगा….” मैने अनु की आँखो मे झाँकने की कॉसिश करते हुए कहा…जैसे ही वो मेरे जाँघ पर बैठी तो, वो थोड़ा सा कसमसाई…..पर उसने उठने की कॉसिश नही की.
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10-06-2018, 01:01 PM,
#32
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
मैने वीडियो पॉज़ किया…..और अनु की तरफ देखने लगा…..उसने अपने सर को झुका लिया….”आगे देखनी है…” मैने उसके कान के पास अपने होंठो को लेजाते हुए कहा. तो उसने शरमाते हुए हां मे सर हिला दिया….मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो, वो चेयर से उठ कर मेरे ऊपर झुक गयी….मैने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए, उसे अपनी लेफ्ट जाँघ पर बैठा लिया…”वहाँ से ठीक से दिखाई नही देगा….” मैने अनु की आँखो मे झाँकने की कॉसिश करते हुए कहा…जैसे ही वो मेरे जाँघ पर बैठी तो, वो थोड़ा सा कसमसाई…..पर उसने उठने की कॉसिश नही की.

मैने पीछे से हाथ डालते हुए, उसकी कमर पर हाथ रख लिया…..और उसको पीछे अपनी चेस्ट पर दबाया तो, उसने खुद ही अपनी पीठ मेरी चेस्ट से सटा ली….”चालू करूँ….” मैने उसके शरम से लाल होकर दहक रहेगालो को देखते हुए कहा. तो उसने एक बार डोर की तरफ देखा….और फिर काँपती हुई आवाज़ मे बोली…”मम्मी ना आ जाए…..”

मे: नही आएगी….घबराव नही…..परदा आगे कर रखा है ना….

मैने फिर से उस वीडियो क्लिप को प्ले कर दिया…और इस बार, जैसे ही कॅमरा की रेंज में मेरा साढ़े 7 इंच लंबा लंड आया तो, अनु के बदन ने एक झटका सा खाया. उसने अपने होंठो पर अपना एक हाथ रख लिया…मेरे लंड को उस क्लिप मे देखते हुए, उसके चेहरे का रंग और लाल हो गया…और फिर जब मैने वीना की चूत मे अपने लंड को डाला तो, वीना की सिसकी सुन कर अनु भी मेरी जाँघ मे बैठी हुई सिसक पड़ी..

मे: देखो तुम्हारी मम्मी को कितना मज़ा आ रहा है….

मैने अनु की कमर सहलाते हुए कहा…तो मेरे छूने भर से उसका नाज़ुक बदन बुरी तरह कांप गया….अब वो अपनी माँ की चूत मे मेरे लंड को अंदर बाहर होता देख रही थी….उसने अपनी जाँघो को आपस मे कस कर भींच रखा था “उफ़फ्फ़…..” मैने जानबूज कर सिसकते हुए, अपने शॉर्ट्स के ऊपर से अपने लंड पर हाथ रख लिया. तो अनु ने जब मेरे लंड पर रखे हुए हाथ की तरफ देखा, तो उसने दूसरी तरफ फेस घुमा लिया……

मे: वो मेरा खड़ा हो गया है….शॉर्ट बहुत टाइट फील हो रहा है….अगर तुम बुरा ना मानो तो बाहर निकाल लूँ….?

मैने अनु की चिन पर हाथ रखते हुए, उसके फेस को अपनी तरफ घूमाते हुए कहा…वो मेरे इस तरह छूने पर भी नाराज़ नही हो रही थी….उसने शरमाते हुए ना मे सर हिला दिया…

.”क्यों क्या हुआ…..” मैने उसके इनकार करने का कारण पूछा….

”नही मुझे शरम आती है….” उसने शरमा कर मुस्कराते हुए कहा…..

मे: शरम आ रही है, तो फिर इसमे तो बड़े मज़े लेकर देख रही हो…..अगर यहाँ अपनी आँखो के सामने देख लोगि तो तुम्हारा क्या बिगड़ जाएगा….

मैने उसको अपनी जाँघ से खड़ा किया, और फिर थोड़ा सा ऊपर उठते हुए, एक ही झटके मे अपने शॉर्ट्स को जाँघो तक नीचे सरका दिया….जैसे ही मेरे लंड ने शॉर्ट्स से बाहर आकर झटका खाया, तो अनु ने शरमाते हुए अपने फेस और आँखो को अपने हाथो से छुपा लिया…..मेने फिर से चेयर पर बैठते हुए उसकी कमर मे दोनो हाथो को डाल कर अपनी तरफ खींचा तो वो हल्के से विरोध के बाद फिर से मेरी जाँघ पर आकर बैठ गयी…

मे: अब हाथ हटा भी लो…देखो आगे तुम्हारी मम्मी कैसे मेरे लंड को चूसने वाली है….

मैने उसके दोनो हाथो को पकड़ कर उसके फेस से हटाते हुए कहा…फिर मैने अपना लेफ्ट हॅंड उसकी पीठ के पीछे से लेजाते हुए उसकी लेफ्ट जाँघ पर साइड से रख दिया…तो एक बार उसके बदन मे कपकपि सी दौड़ गयी….उधर क्लिप में मैं वीना के सामने आ चुका था…और वीना अभी भी डॉगी स्टाइल मे चारपाई पर झुकी हुई थी…फिर वीना ने जैसे ही मेरे लंड के मोटे सुपाडे को अपने होंठो मे भर कर चुप्पे लगाने शुरू किए तो, अनु की हालत और खराब हो गयी….

मे: देखा तुम्हारी मम्मी मेरे लंड को कैसे प्यार करती है…हाए देखो ना मेरा लंड कैसे खड़ा हो गया है…

मैने अनु का राइट हॅंड पकड़ कर अपने लंड पर रखते हुए कहा, तो अनु एक दम से डर के मारे कांप उठी, तो उसने अपना हाथ पीछे खींचना चाहा…”प्लीज़ अनु इसे पकड़ लो ना….देखो कितना हार्ड हो चुका है…प्लीज़ मेरी इतनी से भी बात नही मनोगी…..पकडो ना…..? मेरी बात सुन कर अनु ने एक बार मेरी आँखो मे देखा और फिर अपने हाथ की तरफ जो मेरे लंड के ऊपर था…..उसने फिर से ना मे सर हिला दिया…..

मे: प्लीज़ पकड़ लो….वरना आज के बाद मे तुम्हे कभी बुलाउन्गा भी नही….प्लीज़. तुम्हे मेरा लंड पसंद नही आया…बोलो….

अनु ने नज़रें झुकाए हुए, धीरे-2 मेरे लंड पर उंगलियों को कसना शुरू कर दिया… 

“अह्ह्ह्ह अनु तुम्हारे हाथ कितने सॉफ्ट है….हां ऐसे ही पकडो…..” अनु ने अब मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ रखा था….”प्लीज़ इसे हिलाओ ना….देखो जैसे वीना हिला रही है मेरे लंड को….” मैने स्क्रीन पर चल रही क्लिप को देखते हुए कहा. अनु कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड को पकड़े बैठे रही….उधर जैसे क्लिप मे वो सीन आया, जब मैने वीना को पीठ के बल लेटा कर चोदना शुरू किया…..वैसे ही अनु की पकड़ मेरे लंड पर और कस गयी….
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10-06-2018, 01:02 PM,
#33
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
“अह्ह्ह्ह अनु तुम्हारे हाथ कितने सॉफ्ट है….हां ऐसे ही पकडो…..” अनु ने अब मेरे लंड को मुट्ठी मे पकड़ रखा था….”प्लीज़ इसे हिलाओ ना….देखो जैसे वीना हिला रही है मेरे लंड को….” मैने स्क्रीन पर चल रही क्लिप को देखते हुए कहा. अनु कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड को पकड़े बैठे रही….उधर जैसे क्लिप मे वो सीन आया, जब मैने वीना को पीठ के बल लेटा कर चोदना शुरू किया…..वैसे ही अनु की पकड़ मेरे लंड पर और कस गयी….

मेने अनु के हाथ से अपना हाथ हटा लिया, अनु वीना के चुदाई देख कर बेहद गरम हो चुकी थी….उसका पूरा ध्यान मॉनिटर की स्क्रीन पर चल रही वीना और मेरी चुदाई की तरफ था….और इसका फ़ायदा उठाते हुए, मैने अपना एक हाथ अनु की जाँघ पर रख दिया, तो अनु का जिस्म बुरी तरह से कांप गया…उसने शरम से लाल हो रही अपनी आँखो से मेरी तरफ देखा, और फिर अपने सर को झुका लिया….मैने अपना हाथ सरकाते हुए, उसकी दोनो जाँघो के बीच लेजाना शुरू कर दिया….मेरी इस हरक़त से अनु एक दम से कसमसा गयी…..और उसने अपनी जाँघो को आपस मे पूरे ज़ोर के साथ भींच लिया…..



मैने उसकी जाँघ को पकड़ कर एक तरफ फैलाना शुरू किया तो, मेरी हैरत का कोई ठिकाना नही रहा जब, उसने कोई विरोध नही किया…..मैने उसकी जाँघ को फैलाते हुए, अपने हाथ को उसकी इन्नर थाई तक पहुँचा दिया, जैसे ही अनु को अपनी जाँघ के अन्द्रुनि हिस्से पर मेरे हाथ का अहसास हुआ, तो इस बार अनु एक दम से सिसक पड़ि, उसकी आँखे मस्ती मे बंद हो गयी….और उसने अपनी पीठ को मेरी चेस्ट पर टिकाते हुए, अपने सर को पीछे की तरफ करते हुए, मेरे कंधे पर रख दिया…..अब अनु की दोनो जाँघो के बीच मे इतना गॅप था कि, मे आसानी से अपने हाथ को ऊपर लेजाते हुए, उसकी चूत को छू सकता था…..



और इस नेक काम में मैने ज़रा सी भी देर ना करते हुए, धीरे-2 अपने हाथ को उसकी चूत की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया….तो उसने मेरे लंड को छोड़ कर मेरे हाथ के ऊपर अपने दोनो हाथ रख लिए….”श्िीीईई नही सर……प्लीज़ मम्मी आ जाएगी….” अनु ने सिसकते हुए कहा….और मेरे हाथ के ऊपर अपने दोनो हाथ रख लिए….

अभी मे अपने हाथ को ऊपर ले जाकर अनु की चूत को छूने ही वाला था कि, बाहर से वीना की आवाज़ आई….”अनु ओ अनु…..” वीना की आवाज़ सुन कर अनु एक दम से हड़बड़ा गयी…..और मेरी गोद से उठ कर जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए, और अपनी कॉपी उठा कर बाहर चली गयी…..मे भी उसके पीछे बाहर आ गया….



मुझे देख कर वीना ने स्माइल दी…..और फिर अनु की तरफ देखते हुए बोली…..”वो आज तूने बहुत देर लगा दी तो सोचा देख कर आती हूँ…..”

इससे पहले कि अनु कुछ बोलती, तो पहले मे बोल पड़ा….”हां वो आज सोचा कुछ देर और पढ़ा देता हूँ…..” इश्स बीच अनु बौंडरी फाँद कर अपने घर की छत पर से होते हुए नीचे चली गयी….जैसे ही वो नीचे गयी तो मे थोड़ा सा खीजते हुए फुसफुसाया…..”क्या है ऊपर क्यों आई तुम थोड़ी देर और रुक जाती तो क्या जाता तुम्हारा…”



वीना: वो मेरी बेहन आई हुई है…..तो अनु का पूछ रही थी…इसलिए मैने कह दिया कि, ऊपर छत पर पढ़ रही है….अगर कही वो ऊपर आ जाती तो, क्या जवाब देती मे उसे…..



मे: अच्छा अच्छा…..ठीक है……



वीना: (मुस्कराते हुए) नाराज़ क्यों होते हो तुषार जी…..सुनो मे अपनी बेहन के साथ बाज़ार जा रही हूँ….उसे कुछ खरीद दारी करनी है….उसके बाद मे उसके साथ उसी के घर चली जाउन्गी…..शाम को 6 बजे तक आउन्गी….अनु घर पर अकेली ही होगी…



मे: और तुम्हारा पति कहाँ है…..वो घर पर नही है…..?



वीना: नही आज वो अपने किसी दोस्त की शादी मे गया है…..दो दिन बाद लौटने वाला है…..



वीना मुस्कराते हुए नीचे चली गयी…..और मे बाहर चेयर पर बैठ गया. मे वीना के जाने का वेट कर रहा था कि, कब वो अपनी बेहन के साथ जाएगी….करीब 20 मिनिट बाद मुझे बाहर गली की तरफ से नीचे वीना की आवाज़ सुनाई दी. मे चेयर से खड़ा हुआ और बाहर गली की तरफ झाँका….तो देखा वीना अपनी बेहन के साथ जा रही थी……उसके साथ उसका बेटा विजय भी था….और फिर मुझे उसके घर के गेट के बंद होने की आवाज़ आई…..मे जल्दी से पीछे हुआ, और चेयर पर बैठ कर वेट करने लगा….मे देखना चाहता था कि, अनु की चूत मे कितनी आग भड़की हुई है….क्या वो खुद ऊपर आएगी……मे वही बाहर बैठा उसके ऊपर आने का इंतजार कर रहा था….



और उस वक़्त मेरी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा जब अनु 15 मिनिट बाद ऊपर आई, उसने हाथ मे एक ग्लास पकड़ा हुआ था….उसे देख कर मे खड़ा होकर बौडरी के पास चला गया….वो सर झुकाए हुए धीरे-2 मेरी तरफ बढ़ी….और फिर दीवार के पास आकर खड़े होते हुए, उसने ग्लास को मेरी तरफ बढ़ा दिया…

.”ये क्या है….” मैने ग्लास को पकड़ते हुए कहा….

.”कोल्ड्रींक है…..मम्मी ने कहा था आप को देने के लिए….”



मे: ओह्ह अच्छा मैने सोचा कि शायद तुम खुद मेरे लिए लाई हो…..
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10-06-2018, 01:02 PM,
#34
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
उस वक़्त मेरी ख़ुसी का ठिकाना नही रहा जब अनु 15 मिनिट बाद ऊपर आई, उसने हाथ मे एक ग्लास पकड़ा हुआ था….उसे देख कर मे खड़ा होकर बौडरी के पास चला गया….वो सर झुकाए हुए धीरे-2 मेरी तरफ बढ़ी….और फिर दीवार के पास आकर खड़े होते हुए, उसने ग्लास को मेरी तरफ बढ़ा दिया…

.”ये क्या है….” मैने ग्लास को पकड़ते हुए कहा….

.”कोल्ड्रींक है…..मम्मी ने कहा था आप को देने के लिए….”



मे: ओह्ह अच्छा मैने सोचा कि शायद तुम खुद मेरे लिए लाई हो…..



अनु मूड कर वापिसे जाने लगी तो, मैने उसे आवाज़ देकर रोक लिया…वो वही खड़ी हो गयी….पर मेरे तरफ पलटी नही…”क्या हुआ अब वो वीडियो नही देखनी है क्या….?” मैने अपनी सांसो पर काबू पाने की कॉसिश करते हुए कहा…तो उसने ना मे सर हिलाया और फिर से वापिस जाने लगी….

”अनु प्लीज़ आओ ना…. घर मे कोई नही है ना तुम्हारे….फिर क्यों घबरा रही हो….”

अनु ने पलट कर मेरी तरफ देखा और सर झुकाते हुए ना मे सर हिला दिया….



मे समझ गया था कि, अनु शरमा रही है……इसलिए वो इनकार कर रही है….वो सीढ़ियो की तरफ जाने लगी….उसकी सलवार के अंदर हिलते हुए उसके चुतड़ों को देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था….वो सीडीयों के डोर पर जाकर रुक गयी, और मेरी तरफ फेस घुमा कर तिरछी नज़रों से देखा, और फिर सर झुका कर मुस्कुराते हुए नीचे उतरने लगी….मे भला इतने अच्छे मोके को कैसे हाथ से जाने देता….मैने चारो तरफ नज़र दौड़ाई, और फिर दीवार फाँद कर सीडीयों की तरफ जाने लगा…..मे तेज़ी से चलता हुआ, सीडीयों के डोर पर पहुँच गया….



जैसे ही मे सीडीयों के डोर पर पहुँचा तो मैने देखा कि, अनु तीन सीढ़ियाँ नीचे खड़ी थी…..उसने अपने सर को झुका रखा था….मुझे सीढ़ियो पर खड़ा देख अनु जल्दी से सीडीया उतर कर नीचे जाने लगी. मैने सीडीयों के डोर को बंद किया और उसके पीछे नीचे जाने लगा….जैसे ही मे नीचे पहुँचा तो, मैने अनु को पीछे से पकड़ते हुए अपनी बाहों मे भर लिया…..

अनु एक दम से सिसक उठी, वो ज़रा सा भी विरोध नही कर रही थी.... जिसके चलते मेरी हिम्मत पल-2 बढ़ती जा रही थी....मैने अनु को घुमा कर उसका फेस अपनी तरफ कर लिया.....अनु की आँखे बंद थी... मैने दोनो हाथो से उसके फेस को पकड़ा और उसके कान के पास अपने होंठो को लेजाते हुए धीरे से फुसफुसा कर बोला...."अनु तुम ऊपर रूम में क्यों नही आई....क्या जो मे कर रहा हूँ, वो तुम्हे बुरा लग रहा है.....? " मेरी साँसे अनु के चेहरे से टकराई तो, वो थोड़ा सा कसमसा गयी.....फिर वो उखड़ी हुई सांसो को संभालते हुए बोली....



अनु; वो मम्मी आ गई तो क्या कहती....?

अनु की मस्ती और मदहोशी से भरी आवाज़ ने मुझे भी गरम करना शुरू कर दिया था.....मैने धीरे-2 अनु के होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाना शुरू कर दिया....अनु के होंठ मेरी सांसो को अपने ऊपर पड़ते हुए महसूस करके थरथराने लगे थे....और फिर जैसे ही मैने झुक कर अनु के होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना शुरू किया....अनु एक दम से तड़पते हुए मुझसे लिपट गयी....मे उसके पतले बदन को अपनी बाहों में भरे हुए उसके होंठो को चूस रहा था...



और सोच रहा था कि, अनु का बदन बिल्कुल फूलो जैसा है....कहीं मे उसे ज़ोर से अपनी बाहों में दबा ना लूँ....अनु ने मेरा साथ देना शुरू कर दिया था....वो आँखे बंद किए हुए मुझसे अपने होंठो को खोल कर चुस्वा रही थी....मैने थोड़ा सा नीचे झुकते हुए उसके चुतड़ों के गिर्द अपनी बाहों को कसा और उसे ऊपर उठा लिया....इस दौरान भी अनु ने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग करने के कॉसिश नही की...मैने अनु की जाँघो को पकड़ कर अपनी कमर के इर्द गिर्द किया तो उसने खुद ही अपनी टाँगो को मेरी कमर पर लपेट लिया...



मेरा तना हुआ लंड अनु के चुतड़ों की दरार के बीच में रगड़ खाने लगा....जिससे अनु ने भी अपनी चुतड़ों की दरार में चुभता हुआ महसूस किया तो उसने एक दम से सिसकते हुए अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया....और मेरे गले में अपने बाहों को डालते हुए मुझसे तड़पते हुए एक दम लिपट गये....मेरे होंठ उसके गर्दन और नंगे कंधे पर सट गये...और मैने पागलो की तरफ उसके नेक और गर्दन को चूसना चाटना शुरू कर दिया...

मे अनु को गोद में उठाए हुए, रूम की तरफ जाने लगा….मैने रूम में जाकर अनु को चारपाई पर लेटा दिया…..और खुद उसके ऊपर लेटते हुए, अपनी टाँगो को उसके दोनो टाँगो के दरमियाँ करते हुए, उसके ऊपर लेट गया…ताकि मेरा लंड उसकी सलवार और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर रगड़ ख़ाता रहे…

मे अनु के होंठो को चूसने में मस्त था, तो अनु भी अपने होंठो को चुस्वा कर मस्त हो चुकी थी...बीच-2 में जब में अपनी कमर को आगे की तरफ हिला कर अपने लंड को उसकी सलवार और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर रगड़ता तो, अनु का पूरा बदन झटका खा जाता...मेने अनु के होंठो को चूसना छोड़ा और उसकी जांघों के बीच घुटनो के बल बैठ गया... अनु मुझे अपनी अध खुली आँखो से देख रही थी.....मैने अनु की कमीज़ को पकड़ कर धीरे-2 जैसे ही ऊपर सरकाना शुरू किया तो, अनु ने दोनो हाथो से अपनी कमीज़ को पकड़ते हुए ना में सर हिलाया...

."प्लीज़...." मैने अनु की कमीज़ को ऊपर तरफ सरकाते हुए कहा तो, धीरे-2 अनु के हाथो से उसके कमीज़ निकल गयी....

जैसे-2 में उसकी कमीज़ को ऊपर कर रहा था....वैसे-2 अनु की गोरी पतली कमर मेरी आँखो के सामने आती जा रही थी....मे अनु की कमीज़ को सरकाते हुए उसकी चुचियों के ऊपर ले गया...उसकी चुचियाँ लगभग बड़े सन्तरो जितनी तो बड़ी हो ही गयी थी....जो एक पुरानी सी स्किन कलर की ब्रा में कसी हुई थी....जैसे ही मैने उसकी ब्रा मे क़ैद चुचियों देखा तो, मुझसे रहा ना गया...मैने उसकी चुचियों को अपने दोनो हाथों में भर कर जैसे ही दबाया, तो अनु का पूरा जिस्म कांप गया....कमर में बल पड़ गया उसके....उसने सिसकते हुए, चारपाई पर बिछी चद्दर को दोनो हाथों से पकड़ लिया....

शायद उसको वो मज़ा बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था….मैने तीन चार बार उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चुचियों को दबाया तो, वो बिना पानी की मछली की तरह चारपाई पर तड़प पड़ी….मैने उसकी चुचियों को छोड़ उसकी कमीज़ को और ऊपर सरकाते हुए, धीरे-2 उसके बदन से अलग कर दिया…और साथ वाली चारपाई पर फेंकते हुए, उसकी बगल में लेट गया….फिर मैने उसकी गर्दन पर अपने होंठो को लगा दिया. और उसकी गर्दन पर अपने होंठो को रगड़ने लगा…और उसकी गर्दन को चूमते हुए मैने अनु को बाहों में भरते हुए अपने ऊपर ले आया….

अनु के दोनो घुटने मेरी कमर के दोनो तरफ थे….जैसे ही अनु मेरे ऊपर आई, तो मैने अपने दोनो हाथो को उसकी पीठ के पीछे लेजाते हुए, उसके ब्रा के हुक्स खोल दिए…और फिर ब्रा के स्ट्रॅप्स को खींचते हुए उसके बदन से अलग करके ब्रा को भी उसकी कमीज़ के पास फेंक दिया….अनु अपने नंगेपन के कारण शरमा रही थी. और फिर जैसे ही मैने उसे अपनी बाहों मे भर कर अपने साथ चिपकाया तो, उसकी गोल-2 सखत चुचियाँ मेरी चेस्ट में धँस कर रगड़ खाने लगी…एक बार फिर से मैने अनु के होंठो को चूसना शुरू कर दिया था…मैने कुछ देर उसके होंठो को चूसा, और फिर वैसे ही उठ कर बैठ गया…..

अब अनु मेरी गोद में बैठी थी…उसकी दोनो टाँगे मेरी कमर के इर्द गिर्द थी…मैने झुक कर अनु की लेफ्ट चुचि को जैसे ही मुँह में भर कर सक करना शुरू किया तो, अनु एक दम से सिसकते हुए मुझसे कस्के लिपट गयी….उसकी कमर ने ज़ोर दार झटका खाया….”अहह मम्मी…श्िीीईईईईईईईईईई…..” 

मैने अनु की चुचि को मुँह से निकाला और उसके कान के पास अपने होंठो को लेजाते हुए धीरे से बोला….” अनु मुझे अपनी बुर चोदने देगी तू…बोल चुदवायेगी अपनी चूत मुझसे…” ये कहते हुए मैने फिर से उसकी चुचि को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया और दूसरी चुचि को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू कर दिया…

.”अहह श्िीीईई उम्ह्ह्ह्ह्ह हाआँ चोदिये ना मुझे भी…..” अनु ने सिसकते हुए कहा…तो मैने अपने हाथो को नीचे लेजाते हुए, उसकी सलवार के नाडे को खोलना शुरू कर दिया….जैसे ही अनु की सलवार का नाडा खुला तो मैने उसे पीछे की तरफ पीठ के बल लिटा दिया…और खुद चारपाई से उतर कर नीचे खड़ा होकर अपने कपड़े उतारने लगा…..अनु मेरी तरफ पीठ करके करवट के बल लेटी हुई थी……

मे: क्या हुआ अपनी सलवार तो उतारो…(मैने अपने कपड़े उतारते हुए कहा….)

पर अनु शायद शरम की वजह से कुछ नही कर रही थी….में कुछ ही पलों में एक दम नंगा हो चुका था…मैं अनु की बगल में लेट गया….उसकी पीठ मेरी तरफ थी….मेरा तना हुआ लंड सीधा उसकी सलवार के ऊपर से उसके चुतड़ों की दरार में रगड़ खाने लगा तो, अनु सिसकते हुए मुझसे और चिपक गयी…मैने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए अनु की सलवार के जबरन में अपनी उंगलियों को फँसाया और धीरे-2 उसकी सलवार और पैंटी एक साथ नीचे करने लगा….मुझे अनु की तेज चलती साँसे भी सॉफ सुनाई दे रही थी…..

मैने अनु की सलवार को उसकी जाँघो तक सरका दिया…और फिर एक हाथ से अपने लंड को पकड़ते हुए, एक दम से उसके चुतड़ों की दरार में रगड़ते हुए उसकी गान्ड के छेद पर जैसे ही लगाया तो, अनु के बदन ने एक तेज झटका खाया और वो बुरी तरह से मचल उठी…..उसकी सिसकारी पूरे रूम में गूँज गयी…मेरे लंड का मोटा सुपाडा उसकी गान्ड के छेद पर भिड़ा हुआ था….और उसकी कमर धीरे-2 झटके खा रही थी…मैने अपनी गर्दन को थोड़ा सा ऊपर उठा कर उसके कंधे पर अपने सर को रखा और फिर एक हाथ से उसके फेस को अपनी तरफ घुमाया तो, देखा उसकी आँखे बंद थी…..उसके रसीले होंठ तेज़ी से थरथरा रहे थे……उसकी चुचियों के निपल्स तन कर किसी भाले की नोक की तरह तीखे हो गये थे….

कामवासना में उसका तमतमाया हुआ लाल चेहरा देख कर में भी अपने होश खो बैठा…कितनी हसीन लग रही थी वो….में उठा और उसकी सलवार और पैंटी को पकड़ कर एक साथ उसकी टाँगो से निकालते हुए दूसरी चारपाई पर फेंक दिया…अब अनु बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी हुई थी….एक कली फूल बनने के लिए तैयार थी….मैने उसकी कमर में हाथ डालते हुए उसे धीरे-2 सीधा करके पीठ के बल किया और अगले ही पल मैने उसकी टाँगो को बीच आते हुए, उसकी जांघों को पकड़ कर फैला दिया….मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर लहरा रहा था….अनु ने अपनी चूत को अपने हाथो से ढँकने की कॉसिश की, पर मेरे एक बार ही कहने पर उसने अपने हाथों को अपनी चूत से हटा लिया……और आँखे बंद करके अपने फेस को एक साइड में कर लिया…..
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10-06-2018, 01:02 PM,
#35
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
अनु की कुँवारी चूत जो एक दम क्लीन शेव्ड थी…देखते ही मेरे लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए…मैने जैसे ही उसकी चूत के ऊपर अपना हाथ फेरा तो, अनु सिसकते हुए एक दम से मचल उठी….”श्िीीईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उन्न्ञनणणन्” उसकी कमर ने हल्का सा झटका खाया…

.”तुमने बाल सॉफ किए थे…..” जब मैने उसकी चूत के आसपास अपनी हथेली में छोटे-2 बालो को चुभते हुए महसूस किया तो, में अपने आप को पूछने से रोक ना सके….”बोलो ना सॉफ किए थे….”

अनु: (हां में सर हिलाते हुए….) ह्म्म उन्न्ञणणन्…..”

मे: किस लिए…..बोलो ना…..प्लीज़…..(मैने अनु के चूत को धीरे-2 मसल्ते हुए कहा तो वो काँपते हुए सिसकने लगी…पर बोली कुछ नही….”

मे: बोलो ना किस लिए…मुझसे चुदवाने के लिए ना…..?

अनु : ह्म्म्म्म ….

मैने अनु चूत से हाथ हटाया और फिर उसके ऊपर झुकते हुए, उसकी चुचियों को चूसना शुरू कर दिया….एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडा को छूट के छेड़ पर सेट किया…और फिर उसके दोनो टॅंगो को घुटनो से मोड़ कर अपने कंधो पर रख दिया….जिससे अनु के छूट ऊपर के तरफ खुल गये…..मैने उसके चुचियों को चूसना छोड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दिया. और साथ ही उसके दोनो कंधो को मजबूती से पकड़ते हुए एक ज़ोर दार झटका मारा….. “गतच की आवाज़ करता हुआ मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत के टाइट छेद को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….

अनु एक दम से तडपी….पर में जानता था कि, दर्द तो होना ही था….इसलिए बिना उसके दर्द की परवाह किए बिना एक बार फिर से पूरी ताक़त से अपनी कमर को आगे की तरफ पुश किया…

.”हूँ” ये आवाज़ मेरे मुँह से निकली थी….जब मेने पूरी ताक़त के साथ झटका मारा था….अनु नीचे लेटी हुई दर्द से तड़प कर रह गयी…..मैं उसे मजबूती से पकड़े हुए था…और उसके होंठ मेरे होंठो के बीच में दबे हुए थे….उसके दोनो हाथ मुझे मेरे कंधो से पकड़ कर पीछे की ओर धकेल रहे थे…..मेरा आधा से ज़यादा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर जा घुसा था….और अब आख़िरी प्रहार करने का वक़्त आ गया था…मैने अपनी सारी ताक़त बटोरी और एक और जोरदार शॉट लगाया….”गतच” मेरा लंड इस बार उसकी चूत की गहराइयों तक अंदर घुस चुका था….

मैने बड़ी मुस्किल से अनु को अब तक संभाला हुआ था….पर किसी तरह से उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया तो, मैने उसके फेस की ओर देखा, उसकी आँखो से तेज आँसू बह रहे थे….”उन्न्ञणणन्….प्लीज़ मत करो मुझे नही करना ये सब…हट जाओ बाहर निकाल लो ओह्ह्ह्ह माँ अह्ह्ह्ह्ह बाबा रीए बहुत दर्द हो रहा है…..निकाल लो प्लीज़ अह्ह्ह्ह मम्मी मर गयी में…..” अंजू ने रोते हुए कहा, तो मेरा दिल थोड़ा पसीज गया….

मे: कुछ नही होता….जितना दर्द होना था….हो गया…..अब दर्द नही होगा….

अनु: (रोते हुए) मुझे नही पता हटो पीछे….तुम ने इतना दर्द क्यों दिया…..मेने नही करना ये सब प्लीज़ उठो….(उसने मुझे कंधो से पीछे की ओर धकेलते हुए कहा..)

मे: अच्छा अच्छा एक काम करो…पहले चुप करो प्लीज़ चुप श्िीीईईई….

अनु: (रोना कम करते हुए…) अब पीछे हटो…

मे: देखो अनु पागल मत बनो पहली बार सब को दर्द होता है….अच्छा एक काम करते है….वहाँ घड़ी में देखो….अगर तुम्हारा दर्द एक मिनिट में ठीक ना हुआ तो, में अपना लंड बाहर निकाल लूँगा….ठीक है….एक मिनिट….

अनु: (अपनी आँखो से आँसू सॉफ करते हुए…) एक मिनिट पक्का ना….?

में: हां पक्का….

मेने अनु की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया….वो अपनी अध खुली आँखो से घड़ी की तरफ देख रही थी….मैने जब नीचे देखा तो, मेरा लंड उसकी चूत की सील टूटने से निकले खून से सना हुआ था….पर ये बात अनु को बता कर में उसे डराना नही चाहता था…इसलिए मैने उसकी चुचियों को मसालते हुए उसके राइट निपल को मुँह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…और उसकी लेफ्ट चुचि के निपल को अपने हाथ की उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया….

में कभी उसकी लेफ्ट चुचि को चूस्ता तो, कभी उसकी राइट चुचि को…..उसके हाथ जो मेरे कमर पर रखे हुए थे….अब धीरे-2 उसके हाथों की पकड़ मुझे मेरी पीठ और कमर पर कस्ति हुई महसूस होने लगी…मैने उसकी चुचियों को चूस्ते हुए, उसकी आँखो की तरफ देखा, तो उसकी आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…शायद अब उसका दर्द कम हो गया था….मैने वैसे ही उसकी चुचियों को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को थोड़ा-2 बाहर निकाल कर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….

अनु: श्िीीईईई ह्म्म्म्म मममम धीरीई करिए ना..प्लीज़….

मे: अब कैसा लग रहा है मेरी जान दर्द तो नही हो रहा….?

अनु: थोड़ा सा है…..(अनु ने सिसकते हुए कहा तो, मुझे अहसास हो गया कि, अब ये चुदने के लिए पूरी तरह गरम हो चुकी है….)

मैने धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए, उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया…और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर ज़ोर-2 से चूसने लगा…अनु भी गरम हो चुकी थी….इसलिए वो भी मस्त होकर मुझसे अपने होंठो को चुस्वा रही थी…..उसके दोनो हाथ मेरी पीठ पर थिरक रहे थे…..मैने उसके होंठो से अपने होंठो को अलग किया….और उसके कानो के पास अपने होंठो को लेजाते हुए बोला….” मज़ा आ रहा है ना मेरी जान लंड को चूत में लेने में…..बोल ना चूत मरवाने में मज़ा आ रहा है ना…..” मेने अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाते हुए उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए कहा….अब मेरा लंड उसकी चूत से निकल रहे पानी से पूरा गीला होकर अंदर बाहर हो रहा था….

अनु: श्िीीईईई ओह बहुत मज़ा आ रहा है ना….चोदिये ना और तेज चोदो…”

अनु ने सिसकते हुए खुद ही अपनी टांगो को और ऊपर उठा लिया…वो अब खुद भी धीरे-2 नीचे से अपनी गान्ड को उचका रही थी….मेरा लंड उसकी फुद्दी के पानी से गीला होकर फतच-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…”ओह्ह्ह अनु तेरी चूत बहुत टाइट है….बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत मारने में…..रोज तेरी चूत मारूँगा…बोल देगी ना मुझे तू अपनी चूत मारने को….” अब मैने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल-2 कर उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया था….अनु भी मदहोश होकर अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपर की ओर उछाल रही थी…..

अनु: हाआँ तुषार जी जब मरज़ी चोद लेना मुझे…..में मना नही करूँगी…ओह्ह्ह्ह अम्मी श्िीीईईई बहुत मज़ा आता है….रोज मरवाउन्गी में अपनी चूत आपसे…..

मे: अपनी मम्मी के सामने भी हां….?

अनु: हां मम्मी के सामने भी…आपका वो वो भी चुसुन्गि….

मे: वो क्या अनु…..

अनु: आपका लंड….हाआँ आपका लंड चुसुन्गी…..जैसे मम्मी चुस्ती है….

में अब पूरी रफतार से अनु की चूत में लंड पेलने लगा था….और अनु की सिसकारी पूरी रूम में गूँज रही थी….”ओह्ह्ह अहह ओह तुषार अह्ह्ह्ह ऑश हाईए मुझे कुछ हो रहा है….कुछ निकलने वाला है ओह” अनु ने सिसकते हुए मुझसे चिपकना शुरू कर दिया…

.”आह निकाल दे अपनी चूत से हां मेरे लंड पर छोड़ दे रुकना नही अहह….”

अनु: अहह श्िीीईईईईईईईईईई ओह माँ……

अनु का बदन एक बार कुछ पलों के लिए ऐसे कांपा मानो जैसे उसके बदन में करेंट का झटका लग गया हो….उसकी चूत ने अंदर-2 ही मेरे लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया….मेने भी पूरे जोश में आते हुए ऐसे-2 शॉट मारे कि अनु मेरे बदन से काँपते हुए लिपट गयी…और अनु की चूत के पानी से मेरे लंड के अंदर से निकल रही बौछारो का मिलन शुरू हो गया…..
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10-06-2018, 01:02 PM,
#36
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
अनु का बदन एक बार कुछ पलों के लिए ऐसे कांपा मानो जैसे उसके बदन में करेंट का झटका लग गया हो….उसकी चूत ने अंदर-2 ही मेरे लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया….मेने भी पूरे जोश में आते हुए ऐसे-2 शॉट मारे कि अनु मेरे बदन से काँपते हुए लिपट गयी…और अनु की चूत के पानी से मेरे लंड के अंदर से निकल रही बौछारो का मिलन शुरू हो गया…..

में अनु के ऊपर से उठा और अपना लंड बाहर निकाल कर देखा तो, उस पर अनु की चूत की सील टूटने से निकला खून और हम दोनो का कामरस लगा हुआ था…इससे पहले कि अनु की नज़र उस पर पड़ती, मैने उसे लेटे रहने को कहा, और अपनी पेंट की पॉकेट से अपना रुमाल निकाल कर अपने लंड और उसकी चूत को अच्छे से सॉफ किया. और फिर से रुमाल को पेंट की पॉकेट में डाल लिया….में अनु के बगल में लेट गया… शाम के 4 बज चुके थे…..दिल तो कर रहा था कि, एक बार फिर से अनु को चोदु… पर कुछ सोच कर मैने ऐसा नही किया….

में चारपाई से नीचे उतरा और अपने कपड़े पहनने लगा….अनु मेरी तरफ हैरानी भरी नज़रों से देख रही थी….शायद वो भी फिर से चुदने को बेकरार थी. होती भी क्यों ना…आज उसे पहले बार चुदाई का सुख जो मिला था…दोस्तो आप तो जानते ही हो कि ये लत कैसी है…अगर किसी कुँवारी कमसिन लड़की की अच्छे तरह से ठुकाई कर दो….और वो पहली ही चुदाइ में झड भी जाए तो, उसके अंदर की आग किस तरह भड़क जाती है…वो उस चरम सुख को बार-2 पाना चाहती है…. यही हाल अनु का भी हो रहा था…उसका बस नही चल रहा था…..नही तो वो मुझे खुद चारपाई पर पटक कर मेरे लंड पर सवार हो जाती….

पर मे यही तो चाहता था कि, अनु की चूत की आग और भड़क उठे….वो बेमन से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी….फिर कपड़े पहन कर वो बाथरूम में चली गयी….जब आई तो उसके हाथ और फेस गीला था…शायद मुँह धो कर आई थी… उसने सर झुका कर मुस्कराते हुए मुझसे चाइ के लिए पूछा….तो में मना कर दिया. फिर में जब ऊपर जाने लगा तो, वो भी सीडीयों तक ऊपर आई…..ऊपर सीडीयों के डोर के पास जाकर मैने अनु को बाहों में भर कर उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया…वो तो शायद इस पल का इंतजार कर रही थी,…..वो बिना विरोध के मेरी बाहों में समा गयी….

मैने कुछ देर उसके रसीले होंठो को चूसा और फिर अपने होंठो को उसके होंठो से अलग करते हुए कहा….” आज रात को तैयार रहना…..” तो वो मेरी बात सुन कर थोड़ा सा घबराई और मेरी तरफ देखते हुए बोली….”रात को…?” 

मे: हां क्यों क्या हुआ….?

अनु: वो मम्मी……

मे: तो क्या हुआ….जब वो चुदवाती है तो तुम भी तो होती हो…..

अनु: पर में कैसे….

मे: और अगर तुम्हारी मम्मी खुद कहे तो…

अनु: नही मुझसे नही होगा…..आप प्लीज़ मम्मी को कुछ मत कहना…

मे: तुम घबराव नही….वो तुम्हे कुछ नही कह सकती…तुम तैयार रहना…

उसके बाद में अपने घर की छत पर आ गया…..शाम 6 बजे वीना ऊपर छत पर आई तो, मैने उसे सारी बात बताई….उसकी आँखो में अजीब सी चमक थी…जब मैने रात के बारे में उसे बताया तो, वो थोड़ी आना कानी करने के बाद मान गयी…….मेरे तो पाँव ज़मीन पर ही नही लग रहे थे….खैर जैसे तैसे रात हुई, और वीना ऊपर आई…..मुझे ये बताने के लिए उसका पति जॉब पर चला गया है…तो मे उसके साथ उसके घर नीचे आ गया….खाना खाया और फिर जब मे हाथ धोने के लिए बाहर बाथरूम में आया तो, वीना भी मेरे पीछे आ गयी…

और मग में पानी लेकर मेरे हाथ धुल्वाने लगी….उसने एक बार बाहर की तरफ झाँका और फिर धीरे से फुसफुसा कर बोली….”तुषार अगर उसने मना कर दिया तो,” में उसकी बात सुन कर मुस्कराने लगा….”नही करेगी…..”

वीना: तुषार मुझे यकीन नही है…तुम ऐसा करो….तुम उसे अभी पीछे स्टोर रूम में लेजाओ…और शुरू हो जाओ…में बाद में बर्तन सॉफ करके आती हूँ. ऐसे तो वो मेरे सामने कभी नही मानेगी….

मे: ठीक है…अगर तुम्हे ऐसा ही अच्छा लगता है तो यही सही….

मेने हाथ धोए और रूम में पहुँचा…अनु वहाँ चारपाई पर लेटी हुई टीवी देख रही थी….उसने मुझे देख कर शरमाते हुए मुझसे नज़रें चुरा ली….मे उसकी तरफ देखता हुआ स्टोर रूम में चला गया….और फिर बाहर आकर अनु को कहा… “अनु वो अंदर पानी नही है…एक जग में पानी डाल कर ले आओ….” वो मेरे बात सुन कर उठ कर बाहर चली गयी….मे स्टोर रूम में अंदर आकर नीचे बिछे बिस्तर पर बैठ गया…. 

दोस्तो आख़िर वीना क्यों चाहती थी कि, में उसके सामने ही उसकी बेटी अनु को चोदु ये सब मुझे बहुत बाद में पता चला…दरअसल उस दिन से कुछ दिन पहले अनु और वीना के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गयी थी….और अनु ने अपनी माँ वीना को धमकी दी थी कि, वो मेरे और उसके बारे में सब अपने पापा को बता देगी…उसी दिन से वीना ने ये सोच लिया था कि, अगर उसे घर में ही मज़ा लेना है. और मुझसे अपने संबंध कायम रखने है तो, उसे अनु को बीच में लाना ही होगा….यही कारण था कि, वीना ये सब कर गुजरने के लिए तैयार हो गयी थी… ये सारी बातें मुझे वीना ने बाद में बताई थी….

तो मे वहाँ बैठा अनु के अंदर आने का इंतजार कर रहा था…थोड़ी देर बाद अनु एक हाथ मे पानी का जग और एक ग्लास लेकर अंदर आई, और एक साइड में पड़े संदूक के ऊपर रख कर जैसे ही वापिस जाने लगी…तो मैने उठ कर उसका हाथ पकड़ लिया…और उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बाहों में भर लिया…. अनु मेरी बाहों में आते ही कसमसा उठी…..और काँपती हुई आवाज़ में फुस्फुसाइ “माँ मम्मी आ जाएगी छोड़िए ना….” 

अनु की सखत चुचियाँ मेरी चेस्ट में धँसी हुई थी…जिसे महसूस करके मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे कुलाँचे मारने लगा था. “नही आएगी…मैने उसे समझा दिया है….” मैने उसकी कमर को अपने हाथो से सहलाते हुए कहा….

तो अनु मेरी तरफ हैरानी भरी नज़रों से देखने लगी….मैने अपने हाथो को उसकी कमर से सरकाते हुए उसके चुतड़ों की तरफ लेजाना शुरू कर दिया…और जैसे ही मेरे हाथ उसके चुतड़ों पर पहुँचे तो, मैने उसके मांसल चुतड़ों को अपनी हथेलयों में भर कर दबोचते हुए मसलना शुरू कर दिया…..मेरे ऐसा करने से अनु का पूरा बदन बुरी तरह से कांप गया…उसकी आँखे मदहोशी में बंद होने लगी थी…पर शायद वो वीना की वजह से डर रही थी….मैने उसकी पीठ को पीछे दीवार के साथ लगा दिया…और फिर उसके दोनो हाथो को पकड़ कर उसके सर के ऊपर लेजाते हुए दीवार से सटा दिया….और फिर अगले ही पल मैने उसके रसीले गुलाबी होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना शुरू कर दिया….

मे कभी उसके नीचे वाले होंठ को चूस्ता तो कभी उसके ऊपर वाले होंठ को….मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे तना हुआ उसकी जाँघो के बीच रगड़ खा रहा था….और में अपनी कमर को हिलाते हुए, उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने की कॉसिश कर रहा था….और बीच-2 में जब लंड उसकी सलवार के ऊपर से चूत पर रगड़ ख़ाता तो, वो एक दम से कांप जाती….और उसकी कमर आगे की तरफ ऐसे झटका खाती…..जैसे वो खड़े-2 ही खुद मेरे लंड को अपनी चूत में लिए हुए अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही हो…..
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10-06-2018, 01:02 PM,
#37
RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
अनु ने भी अब मेरा साथ देना शुरू कर दिया….और वो अपने होंठो को खोल कर मुझसे चुसवा रही थी…मैने मोका फ़ायदा उठाते हुए अपना एक हाथ नीचे लेजा कर उसकी सलवार का नाडा खींच कर जैसे ही खोला तो, उसकी सलवार उसकी कमर से सरकते हुए उसकी जांघों तक आ गयी….फिर मैने नीचे बैठते हुए उसकी सलवार और पैंटी को एक साथ खींचते हुए उसके पैरो तक सरका दिया…और फिर उसके बदन से अलग करके, एक तरफ फेंक दिया….वो अपनी जाँघो को भींचे नीचे बिछे बिस्तर पर जा बैठी….मेने जल्दी से अपने सर कपड़े उतारे और उसके पीछे जाकर बैठते हुए उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया…..

और उसके सन्तरो जैसी चुचियों को पकड़ कर ज़ोर-2 से मसलना शुरू कर दिया…. “सीईईईईईईई अहह” अनु एक दम से सिसकी और आगे की तरफ लुड़की, पर मैने उसकी चुचियों को कस्के पकड़ा हुआ था…..अब मैने अनु की चुचियों को छोड़ा और उसकी कमीज़ और फिर ब्रा दोनो एक-2 करके उसके बदन से अलग कर दी….मेने अनु को पीठ के बल लिटाया और खुद उसके ऊपर आते हुए, उसके लेफ्ट निपल को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया……”श्िीीईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” अनु ने सिसकते हुए दोनो हाथो से मेरे चेहरे को पकड़ लिया….नीचे मेरा लंड अनु की चूत के फांको पर रगड़ खा रहा था….मेने 5 मिनिट तक अनु की चुचियों को चूसा, और फिर अपने घुटनो के बल बैठते हुए अनु की टाँगो को घुटनो से मोड़ कर ऊपर उठा दिया….

अनु आँखे बंद किए हुए सिसक रही थी….जैसे ही मैने अपने लंड के सुपाडे को उसकी चूत के छेद के साथ लगाया, तो उसके बदन ने एक तेज झटका खाया…. और वो सिसक पड़ी….में कुछ देर रुका और फिर एक ज़ोर दार झटका मारा तो मेरे लंड का सुपाडा उसकी टाइट चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुसता चला गया…मेरा आधे से ज़यादा लंड उसकी चूत में उतर चुका था….इस धक्के से अनु एक दम से चीख उठी…और अगले ही पल मैने झुक कर अनु के होंठो को अपने होंठो में लेकर एक और जोरदार शॉट मारा….इस बार मेरा लंड उसकी चूत की गहराइयों में उतरता चला गया…

अनु की चूत एक दम पनियाई हुई थी….मैने अनु के होंठो को चूस्ते हुए अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…अब अनु की सिसकारियाँ हम दोनो के मुँह में घुट कर दम तोड़ने लगी थी…..में अब पूरी रफ़्तार से अपने लंड को अनु की चूत के अंदर बाहर कर रहा था…..अनु मस्त होकर मुझसे एक दम चिपकी हुई थी….तभी पीछे से कदमो की आहट सुनाई दी….मैने पीछे फेस घुमा कर देखा तो, वीना अंदर आ चुकी थी….कदमो की आहट सुन कर जैसे ही अनु ने आँखे खोल कर सामने खड़ी वीना को देखा तो, वो बुरी तरह से घबरा गयी…..और अपने सर के नीचे रखे तकिये को उठा कर अपनी चुचियों को ढँकने लागी……

वीना: छिनाल अब क्यों छुपा रही है अपने आप को….इतनी ही शरम आ रही है तो, क्यों चुदवा रही है….

वीना ने अनु के पास आकर बैठते हुए तकिये को उसके हाथो से छीन लिया….और एक तरफ फेंकते हुए बोली….”उस दिन तो मुझ पर बड़ा चिल्ला रही थी कि, पापा को सब बता दूँगी….और आज खुद ही अपनी बुर मे लंड पेलवा कर मस्त हो रही है….”

मे: छोड़ो ना वीना इसने गुस्से से में कह दिया होगा….चलो अब इस पर गुस्सा ना करो…देख तेरे बेटी की चूत कितना पानी छोड़ रही है, मेरे लंड पर…

मैने अपना लंड अनु की चूत से बाहर निकाल कर वीना को दिखाते हुए कहा…वीना ने झट से मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया….और फिर अनु की आँखो में झाँकते हुए बोली….”क्यों री अब क्यों तेरी बुर इतना रस टपका रही है….उस दिन तो कहती थी कि, में गंदे काम करती हूँ….” वीना ने मेरे लंड की मूठ मारते हुए कहा…

अनु ये सब बड़ी हैरानी से देख रही थी….मैने वीना को इशारे से कपड़े उतारने के लिए कहा तो, वीना ने मेरे लंड को पकड़ कर अनु की चूत के छेद पर भिड़ा दिया… ये देख अनु की आँखे हैरानी से फैल गयी…..मेरे एक बार में जबरदस्त शॉट लगाते हुए पूरा का पूरा लंड अनु की चूत की गहराइयों में उतार दिया….”अहह श्िीीईईईईईईईईईईईई” अनु मेरे इस जबरदस्त झटके से तिलमिलाते हुए सिसक उठी……इधर वीना ने अपनी नाइटी उतार फेंकी और फिर अपनी पैंटी निकाल कर एक साइड में रख दी….

अब हम तीनो उस स्टोर रूम में नंगे थे…..अनु ने अपनी आँखे बंद कर ली थी…वो इस हाल में वीना से नज़रें नही मिला पा रही थी….मैने झुक कर अनु की राइट चुचि को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया….तो अनु ने सिसकते हुए अपनी कमर को ऊपर की तरफ उचा किया…और अगले ही पल मेरे इशारे पर वीना ने भी झुक कर अनु की लेफ्ट चुचि को मुँह में भर लिया….जैसे ही अनु को अपनी दूसरी चुचि पर भी किसी की जीभ का अहसास हुआ तो, उसने सिसकते हुए अपनी आँखे खोली और जब उसने देखा क़ी, वीना झुक कर उसके दूसरी चुचि को चुस्स रही है तो वो एक दम से चोंक गयी…उसने अगले ही पल अपनी आँखो को फिर से बंद कर दिया…..

अनु: उम्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईई अहह ओह……….

ये सब अनु के लिए बर्दास्त करना बड़ा मुस्किल था….उसका बदन एक दम से ऐंठने लगा….नीचे मेरा लंड पूरी रफ़्तार से उसकी चूत की धज्जियाँ उड़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…और ऊपर उसकी दोनो चुचियों की एक साथ जबरदस्त चुस्वाई हो रही थी…..”अहह श्िीीईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह माँ अम्मी अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……” अनु झड़ते हुए बुरी तरह काँपने लगी…और फिर उसकी कमर तेज झटके खाने लगी…एक के बाद एक फिर जब वो शांत हुई तो, मैने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसने सहमे हुए अपनी आँखो को खोल कर हम दोनो की तरफ देखा, वीना ने एक बार अनु की तरफ देखा और फिर अपनी पैंटी उठा कर मेरे लंड पर लगे अनु की चूत से निकले कामरस को सॉफ करते हुए बोली…..”बड़ी गरमी थी ना तेरी चूत मे…ले देख सारी निकल गयी…..”

मे: अभी कहाँ जान….अभी तो रात बाकी है…चल आ….

मैने अनु की बगल में लेटते हुए वीना को अपने ऊपर खींच लिया…वीना ने मेरी कमर के दोनो तरफ अपने घुटनो को टिकाया और लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट करते हुए अपनी चूत को जैसे ही मेरे लंड पर दबाया तो, मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत को फैलाता हुआ अंदर घुसता चला गया…..”शियीयीयियीयियी ओह तुषार श्िीीईईईईईईई अहह इसस्स मोटे लंड ने अह्ह्ह्ह्ह आग लगा रखी है मेरी चूत मे…. आह्ह्ह्ह हां आज मेरी चूत में अपना लंड ऐसे पेलो कि सारी बुर की सारी गरमी निकल जाए….” वीना ने अपनी गान्ड को ऊपर ले जाकर अपनी चूत को लंड पर पटकते हुए कहा….पास में लेटी अनु तो जैसे बुत बन गयी थी…..

वो ये सब बड़ी हैरानी से देख रही थी….मैने अनु का हाथ पकड़ कर उसे अपने ऊपर खींचा और फिर थोड़ा सा ज़ोर लगा कर उसे अपने ऊपर ले आया….इस तरह से उसकी चूत बिल्कुल मेरे होंठो के ऊपर आ जाए….और उसका फेस सामने मेरे लंड की सवारी कर रही वीना की तरफ हो….अब दोनो माँ बेटी एक दूसरे के सामने नंगी होकर मेरे ऊपर चढ़ि हुई थी….मैने बिना कोई देर किए, अनु की चूत की फांको पर जैसे ही अपनी जीभ चलाई तो, अनु एक दम से सिसकते हुए कांप उठी…उसकी कमर ने झटके खाने शुरू कर दिए….मैने नीचे से अपनी कमर को हिलाते हुए पूरी रफ़्तार से वीना की चूत की धज्जियाँ उड़ानी शुरू कर दी…और दूसरी तरफ में अनु की चूत की फांको को अपने होंठो को दबा-2 कर खींचते हुए जब चूस्ता तो, वो मदहोश होकर सिसकियाँ भरने लगती…

वीना: श्िीीईईईईईई ओह तुषार उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है…..हाईए कभी मेरी बुर तो नही चाटी ऐसे आज तक….इस छिनाल की बुर में क्या शहद लगा है….

वीना ने अपनी गान्ड को पूरी रफ़्तार से ऊपर नीचे करते हुए कहा….”आह साली इसकी बुर में तो सच में शहद भरा हुआ है….ये आज मुझे पीने दे….तेरे सहद का स्वाद किसी और दिन चख लूँगा….तभी वीना ने कुछ ऐसा किया….जिसकी उम्मीद अनु को बिल्कुल भी नही थी…अनु आँखे बंद किए हुए अपनी चूत मुझसे चुसवा कर मस्त हो रही थी…कि तभी वीना ने थोडा सा आगे झुकते हुए, उसको अपनी बाहों में भर कर उसके एक निपल को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया…..”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्िीीईईई ना ना नही मम्मी अहह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…….” वीना की इस हरक़त से अनु की सिसकियाँ अब पूरी रूम में गूंजने लगी थी….

वीना: (अनु की चुचि को मुँह से बाहर निकालते हुए….) चुप कर क्या मम्मी-2 लगा रखा है….सौतन है तू मेरी सौतन….

और ये कहते हुए वीना ने फिर से अनु की चुचि को मसल्ते हुए चूसना शुरू कर दिया….”अहह नही मम्मी प्लीज़ अह्ह्ह्ह मत करो…..” और फिर तभी अनु के मुँह से घुन-2 की आवाज़ आने लगी….जब मैने देखा तो सामने का नज़ारा देखते ही मेरे लंड ने वीना की चूत के अंदर वीर्य की धार छोड़नी शुरू कर दी….वीना ने अनु के होंठो को अपने होंठो में ले रखा था…और वीना उसे अपनी बाहों में भरे हुए उसके होंठो को पागलो की तरफ चूस रही थी….दोनो की चुचियाँ एक दूसरे के निपल्स से रगड़ खा रही थी….

दोस्तो तो यहाँ होता है (ज़िद्द का सफ़र पूरा….) मेरी एक ज़िद्द पूरी हुई…..फिर कभी फिर किसी और ज़िद्द के साथ आपके सामने पेश हो जाउन्गा…. अब कहानी ने आपका कितना मनोरंजन किया ये तो आप ही बताएँगे .

समाप्त
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