Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 02:32 AM,
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
मे बाइक चला रहा था, शाकीना मेरी गोद में बैठ गयी जिसकी वजह से मुझे आगे को झुक कर हॅंडल पकड़ना पड़ रहा था, आईशा मेरे पीछे एक दम चिपक कर बैठी थी. 

बाइक की स्पीड बहुत ही कम थी.

वाकी दोनो बाइक हमसे काफ़ी आगे थी, डिसाइड हुआ था कि आगे जो भी छोटा बड़ा शहर या टाउन आएगा, हम सब वहीं रुकेंगे आज.

शाकीना ने अपनी गान्ड उठाके मेरे एन लंड के उपर रख दी थी और अपनी कमर मटका-2 कर अपनी मुलायम गान्ड से उसे मसाज दे रही थी. 

उधर पीछे आईशा अपने कबूतरों की चोंच मेरी पीठ से रगड़ रही थी, भीगने की वजह से कपड़ों का होना ना होना एक जैसा ही था.

एक तो बारिश इतनी तेज, उपर से ये दोनो हसीनाएँ मेरी हवा निकाल रही थी, मुझे डर था कि कही पहाड़ी रास्ते पर ज़रा भी बाइक इधर उधर हो गयी तो सेकड़ों फीट नीचे, शरीर के टुकड़े-2 छितरे नज़र आएँगे.

मैने एक पहाड़ी की साइड में अपने बाइक खड़ी करदी, और उन दोनो को एक साथ बाहों में कस के चूमने लगा, बहुत देर तक कॉन किसके होठों को चूम-चाट-काट रहा है पता नही. फिर मैने उनको अलग किया और बोला-

थोड़ा सबर करो मेरी शेरनियो, किसी होटेल में चल कर तुम दोनो की गर्मी निकाल दूँगा. अभी आराम से बाइक चलाने दो वरना किसी घाटी में पड़े जन्नत की सैर करते नज़र आएँगे. 

वो दोनो थोड़ी झेंप गयी और हामी में सर हिलाकर चुप-चाप मेरे पीछे बैठ गयी…

करीब आधे घंटे के बाद हम एक छोटे से शहर में थे, वाकी के साथी बाहर ही खड़े हमारा इंतजार कर रहे थे.

हमने पुछ-ताछ करके एक छोटे से होटेल जो उस शहर का सबसे अच्छा होटेल था उसमें 4 कमरे किराए पर लिए और अपने-2 कमरों में चले गये…! 

हमारे कपड़े सब गीले हो चुके थे, जो बॅग में थे वो भी, 

तो सबसे पहले कपड़ों को सूखने का इंतेज़ाम करना था, इस लिहाज़ से एक कमरे में तीनो लड़कियों को भेज दिया, 

अकरम और परवेज़ दूसरे में, रहमत और रेहाना तो मियाँ-बीबी थे ही तो वो एक में चले गये, और मैने एक सेपरेट कमरा अपने लिए रखा.

मैने अपने कपड़े उतार कर उन्हें पानी में निकाल कर सूखने के लिए फुल स्पीड में फॅन चला दिया, जहाँ जगह मिली वहाँ फैला दिया, और बाथरूम में फ्रेश होने घुस गया कि तभी डोर बेल बजने लगी….

मे तौलिया लपेट कर गेट खोलने गया, देखा तो सामने वो दोनो हिरनिया खड़ी थी उन्ही गीले कपड़ों में.

मैने कहा - अरे यार ये कपड़े तो उतार कर फ़रारे कर लेती, तो उन्होने मुझे धकेलते हुए कमरे में ढेस दिया और गाते लॉक करके शाकीना बोली- बॅग के कपड़े तो सुखाने डाल दिए हैं, इनको यहाँ सूखा लेंगे.

मे - अरे यार ! तुम लोग भी कमाल करती हो, किसी को पता चल गया कि तुम लोग मेरे रूम में हो तो पता नही वो लोग क्या समझेंगे..?

आइशा - कोई कुछ नही समझेगा..! वैसे भी जाहिरा और परवेज़ को स्पेस चाहिए था सो हम यहाँ आ गये. और फिर रास्ते में आपने प्रॉमिस भी किया था वो पूरा नही करेंगे ?

शाकीना - और अब बचना चाहते हैं… क्यों..? आज हम लोग आपको नही छोड़ने वाले, ये कहकर उन दोनो ने अपने-2 गीले कपड़े उतार दिए और मात्र ब्रा पेंटी में आ गयी.

मैने कहा ये भी तो गीले हैं, इनको नही सुखाना है ? तो वो दोनो खिल-खिला कर हँसती हुई गीले कपड़े उठा कर बाथ रूम में घुस गयी, 

कपड़े पानी में निकाल कर बाहर आ गयीं एकदम नंगी, और मेरे कपड़ों के पास ही अपने कपड़े सूखने के लिए डाल दिए.

आइशा ने आगे बढ़कर मेरी टावल खींच दी, फिर बड़े प्यार से मेरे सीने पर हाथ टिका कर मुझे सोफे पर धकेल दिया और मेरे बगल में आकर बैठ गयी, मेरे बालों से भरे सीने पर हाथ फेरते हुए मेरे होठ चूसने लगी.

उधर शाकीना मेरी टाँगों के बीच आकर अपने मनपसंद खिलोने के साथ खेलने लगी, आईशा की बड़ी-2 मुलायम गोल-2 चुचियाँ मेरे बाजू से रगड़ रही थी. 

मैने भी अपना हाथ सरका कर उसकी चूत पर पहुँचा दिया और उसको मुट्ठी में कस लिया.

वो मेरे होठ छोड़कर मदहोशी में कराह उठी…आअहह…. नाहहिईिइ…उईईई….आमम्म्मि… क्या करते हूऊ…
उफफफ्फ़…नहियिइ…. मत..कारूव..ना..प्लसस्स…हाईए…अल्लहह…मारीइ..

मेरा एक हाथ उसकी चुचि को मसल्ने में व्यस्त था.. वो अब अपनी गान्ड उठा-2 कर अपनी रस छोड़ती चूत को मेरे शरीर से रगड़ने लगी.

शाकीना ने मेरे लंड को अपनी चुचियों के बीच में लेकर टिट फक्किंग देने लगी, और उपर मे आईशा के चुचे मुँह में लेकर चूस रहा था.

कुछ देर टिट फक्किंग करने के बाद उसने लंड मुँह ले लिया और कुलफी तरह चूसने लगी, 

मज़े में मेरी आँखें बंद होने लगी, लंड और ज़्यादा कड़क होकर स्टील की रोड के माफिक सख़्त हो गया.

मैने फ़ौरन शाकीना के मुँह को अपने लंड से दूर किया और आइशा को सोफे पर डाल कर उसकी चूत को चाटने लगा, वो अपनी कमर को उचका-2 कर मेरे मुँह पर घिसने लगी.

उसकी टाँगें मैने अपनी गांघों पर रखी जिससे चूत और उभर आई, 

फिर देर ना करते हुए उसकी नयी कोरी चूत की फाँकें खोली और अपना मूसल उसके छेद पर रख कर थोड़ा सा दबा दिया, जिससे मेरा सुपाडा उसकी रसीली चूत में गायब हो गया.

उसके हलक से एक दर्द भरी कराह फुट पड़ी, शाकीना ने उसके होठों को अपने मुँह में भर लिया, वो दोनो एक दूसरे को किस करने लगी और मौका देख कर मैने एक करारा झटका अपनी कमर को मार दिया.
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