Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
मे उस कमरे के सामने पहुँचा, कमरे के शानदार गेट पर खालिद के नाम की प्लेट लगी थी, शक की अब कोई गुंजाइश ही नही थी, ये वही कमरा था.

मैने दरवाजे पर हाथ रखकर हल्का सा दबाब दिया, दरवाजा खुला हुआ था, ये दूसरा सौभाग्य था मेरे लिए,
मैने धीरे से उसे पुश किया और थोड़ी सी झिरी बनाकर अंदर का जायज़ा लेने लगा.

अंदर का दृश्य देखकर मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी और मारे गुस्से के मेरी आँखें और कान लाल हो गये मेरी मुत्ठियाँ अपने आप कस गयी,

गुस्से से मेरा चेहरा भट्टी की तरह धधकने लगा….!

दरवाजे में जगह बना कर मैने जैसे ही अंदर झाँका, मेरी नज़र सामने सोफे पर बेसूध पड़ी शाकीना पर पड़ी, 

उसके शरीर पर कपड़े का एक रेशा तक नही था, 

जगह-2 नोचने खसोटने के निशान बने हुए थे जो उसके दूध जैसे बदन पर सॉफ दिखाई दे रहे थे.

उसके बगल की सोफा चेयर पर मात्र अंडरवेर में बैठा खालिद, खाने में लगा हुआ था और साथ में शराब भी पी रहा था, 

उसकी हालत बता रही थी कि वो इस समय कुछ ज़्यादा ही नशे में है..

कमरे का सीन देख कर मेरी आँखें गुस्से से जलने लगी, जी में आया, कि अभी के अभी इस हरम्जादे को शूट कर दूँ, 

लेकिन मेरे विवेक ने काम किया और सोचा - ये तो इसके लिए बहुत आसान सी मौत होगी, और गोली चलते ही, हम यहीं घिर सकते हैं…

इसलिए मैने चुपके से गेट को खोला, अंदर गया और उसे अंदर से लॉक कर दिया.

लॉक करने से हल्की सी आवाज़ हुई तो उसने मेरी तरफ मुड़कर देखा, और नशे के झोंक में दहाडा, - ओये अब क्या लेने आया है यहाँ… जा डिस्टर्ब ना कर.. जाके सो जा.

मे उसकी बात अनसुनी करते हुए उसकी तरफ बढ़ता रहा, और सामने जाकर खड़ा हो गया..

वो शराब का ग्लास होठों से लगा कर चुस्की लेते हुए बोला- कोई काम था..? 

मे – हां जनाब ! काम तो था, और वो भी बहुत ज़रूरी..!

वो – क्या है ? जल्दी बोल और निकल यहाँ से…

मे - आपकी थोड़ी खातिर तबज्ज़ो करनी थी…!

वो नशे की झोंक में ठहाका लगाते हुए बोला – हाहाहा… अरे यार तुम हमारी क्या खातिर तबज्जो करोगे, अब तो हमें अपनी इस जानेमन की खातिर करनी है.

देखो तो कैसी बेसूध पड़ी है, लगता है अब ये सुबह तक होश में आने वाली नही है, 

हमने इसे बहुत समझाया लेकिन ये नही मानी, आख़िरकार हमें वो करना पड़ा जो हम नही करना चाहते थे इसके साथ, 

बहुत कड़क माल थी साली, कितने दिनों से सबर किए हुए थे कि शायद अपनी मर्ज़ी से ही हमारी बाहों में आजाए, 

लेकिन ना जाने किस मिट्टी की बनी थी ये, हर बार किसी मछलि की तरह हाथ से फिसल जाती थी.

आख़िरकार हमें इसे आयेपॉडिस का तगड़ा सा डोज देना ही पड़ा तब जाकर हाथ आई साली, वैसे है बहुत गरम माल. 

वो जैसे जैसे ये सब बातें बताता जा रहा था, मेरे अंदर के गुस्से में इज़ाफा होता जा रहा था, 

जब मेरी बर्दास्त करने की हद समाप्त हो गयी, तो स्वतः ही मेरे गले से गुर्राहट सी निकली - फिर भी तो तू इससे हार ही गया ना सुअर की औलाद…!

वो मेरे मुँह से ये शब्द सुनकर चोंक पड़ा, और अपनी लाल-लाल आँखों से मुझे घूर्ने लगा…!

उसे ये विश्वास ही नही हो रहा था, कि उसकी सेक्यूरिटी के चीफ में इतनी शराफ़त कहाँ से आ गयी, 

कि एक लड़की के उपर हो रहे अनाचार से इस कदर दुखी हो जाए कि अपने ही बॉस से इस तरह बात करने लगे…!

उसे दाल में कुछ कला नज़र आने लगा, वो लड़खड़ा कर खड़ा हो गया और लाल -2 नशे से बोझिल आँखों को जबदस्ती से फाड़ते हुए बोला- क.क.क्या कहा तूने…?

तू इस अदना सी लड़की से हार गया कुत्ते… एक मामूली सी लड़की ने तुझे हरा दिया, रंडी की औलाद..

वो - तू नशे में तो नही है शकील, ये क्या बकवास कर रहा है, जानता नही किससे बात कर रहा है हरम्खोर… मे तेरी खाल खिचवा सकता हूँ.. 

तू ठहर ,… तेरी हिम्मत कैसे हुई मदर्चोद मुझसे इस तरह बात करने की..

इतना कहकर वो लड़खड़ाता हुआ जैसे ही वो मेरी तरफ बढ़ा, मैने फ़ौरन उसका गला अपने हाथ में जकड लिया और अपनी पूरी ताक़त से एक घूँसा उसके थोबडे पर जड़ दिया..

खालिद को इस बात का तो कतयि गुमान नही था, कि मे उसके साथ ऐसा भी कर सकता हूँ…

वो बुरी तरह चिंघाड़ता हुआ दस फुट दूर जाकर गिरा, उसके मुँह से खून निकलने लगा.

खुद को संभालकर वो उठ खड़ा हुआ और अब वो अपने पूरे होशो हवास में दिखने लगा था, 

अब वो समझ चुका था, कि उसके सेक्यूरिटी चीफ के भेष में मे कोई और हूँ, इसलिए अपनी खूनी नज़रों से मुझे घूरते हुए बोला – कॉन है तू..?

मे - तू मुझे अपने लिए मौत का फरिस्ता समझ रंडी की औलाद…, 

तूने इस मासूम लड़की के साथ वहशियात दिखा कर अपनी मौत को दावत दी है हराम्जादे.

वो - तू यहाँ से बचके जाएगा तब ना.. देखता जा मे तेरा क्या हाल करता हूँ.. और इतना कह कर उसने अपने टेबल की तरफ छलान्ग लगा दी,

इससे पहले कि वो उसके दराज को खोल कर उसमें रखे अपने रिवॉल्वर को निकाल पाता, 

मैने हवा में जंप लगाते हुए अपने पैर की ठोकर उसकी टेबल की दराज पर दे मारी.. 

उसका हाथ बुरी तरह से दराज में दबकर रह गया, वो दर्द से चीख पड़ा, उसका वो हाथ बुरी तरह ज़ख्मी हो चुका था.

फिर मैने उसका गला पकड़ कर हवा में उठाया और पूरी ताक़त से फर्श पर दे मारा, 

उसका सर इतनी ज़ोर्से फर्श से टकराया कि वो पीछे से तरबूज की तरह खुल गया.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 02:39 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 1,902 8 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 937 9 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 790 9 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,742,819 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 574,957 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,161 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,586 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,794,911 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,539 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,154,772 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)