Antarvasna kahani माया की कामुकता
12-13-2018, 02:37 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
"बिल्कुल नही, यह मेरी ज़िंदगी के पहले 60 मिनिट्स हैं कोलकाता में" भारत ने आगे बढ़ते हुए जवाब दिया



"तो फिर.. आप इतना कुछ कैसे कह गये.." रीना ने हल्के से मज़किया टोन में कहा



"ह्म्म्म ... यही तो फरक है रीना.. तुम्हारी नज़रों में और मेरी नज़रों में.... खैर, 15 मिनट में तुम्हे फ्रेश होना है तो हो आओ... मैं लॉबी में ही हूँ, होटेल की कॅब में ऑफीस के लिए निकलना है... मेक इट फास्ट ओके..." कहके भारत रिसेप्षन की तरफ बढ़ा और कॅब मंगवा ली... उधर रीना ने भी जल्दी से फ्रेश होके रूम को लॉक किया और भारत के पास चली गयी.. कोलकाता की मीटिंग के लिए रीना ने काफ़ी कुछ सोच रखा था, यह ड्रेसिंग करके बॉस को रिझाउन्गि, ऐसी अदाओं से पटाउंगी... बट भारत के यह तेवर देख सब धरा का धरा रह गया...



"यूआर लेट बाइ 5 मिन्स.. कीप दिस इन माइंड ओके... लेट्स मूव नाउ..." कहके भारत कॅब में बैठा और रीना भी चुपचाप आगे जाके बैठी... होटेल से ऑफीस करीब आधे घंटे की ड्राइव में, भारत ने अपनी आँखें लॅपटॉप से बाहर तक नई निकली.... ऑफीस पहुँच के भी भारत ने रीना को अनदेखा ही किया.... रीना यह सब चुपचाप से देख रही थी और बस भारत को फॉलो कर रही थी.. वो जानती थी, भारत के आगे काम से ज़्यादा कुछ महत्व का नहीं है....



"मिस्टर घोष... हाउ आर यू.." भारत ने घोष की कॅबिन में जाते हुए कहा



"सर... प्लेज़ेंट सर्प्राइज़... आप आज आए , बताते तो आइ वुड हॅव सेंट सम वन टू रिसीव यू" घोष ने अपने चश्मे को उतारते हुए कहा



"न, आइ आम ओके... चलिए, प्लीज़ कॉल युवर टीम.. जो भी बंदा सेल्स में है, मुझे सब इधर चाहिए इन 30 मिनट्स... आंड सब को आप पर्सनली कॉल करें.. आंड जल्दी करके आइए आप मेरे साथ, कुछ बातें पूछनी हैं.." कहके भारत घोष की सामने वाली चेअर पे बैठ गया और फिर अपना लॅपटॉप स्टार्ट करके कुछ आर्टिकल्स पढ़ने लगा और हर एक इंपॉर्टेंट पॉइंट अपने नोट्स में लिखने लगा... घोष की सिट्टी गुल हो चुकी थी, उसने कभी एक्सपेक्ट नहीं किया था कि भारत इतना जल्दी आएगा और आते ही ऐसे आक्षन में लगेगा... उसने जल्द से जल्द अपने सभी टीम मेंबर्ज़ को कॉल किए, टेक्स्ट किए और 15 मिनट बाद उसने भारत से कहा



"सर...." घोष ने बस इतना ही कहा के भारत ने उसे टोक दिया



"मिस्टर घोष.. आपकी प्राब्लम है, पर्थ बानेर्जी... है तो वो आपकी टीम में एक रीजनल मॅनेजर, लेकिन उसने अपनी सारी टीम को चिट फंड्स में लगा रखा है.. और मिस्टर घोष, बात यह है कि चिट फंड्स में इन बन्दो को हम से ज़्यादा इन्सेंटिव नहीं मिलता, लेकिन फिर भी यह लोग चिट फंड्स बेच रहे हैं... आपने कभी सोचा है ऐसा क्यूँ.." कहके भारत ने अपने लॅपटॉप को बंद किया और अपनी आँखें घोष से मिलाई..



"सर... आपको.. कैसे...." घोष को कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि भारत यह सब कैसे जानता था..



"मिस्टर घोष... मैं अपनी झंड करवा के इधर नहीं पहुँचा... आंड विल यू प्लीज़ लीव अस अलोन नाउ..." भारत ने रीना की तरफ देखते कहा, और एक सेकेंड में रीना वहाँ से बाहर निकल गयी.. भारत के ऐसे तेवर देख घोष की फटी की फटी रह गयी... उसे शब्द नहीं मिल रहे थे..



"सर.... यू आर राइट, पर्थ इन सब चीज़ों में है, पर अगर आप यह सब जानते हैं, तो यह भी जानते होंगे कि वो किसका आदमी है" घोष ने फाइनली अपनी आवाज़ ढूँढ ली



"विक्रम कोहली... हां मैं जानता हूँ.. क्या सोचा है आपने उस बारे में..." भारत ने घोष से पूछा कि तभी घोष का फोन बजा



"यस.... ओके, वी विल बी देअर..."



"सर, टीम ईज़ इन कान्फरेन्स रूम.." कहके घोष अपनी सीट से खड़ा हुआ और भारत के आगे बढ़ने का इंतेज़ार करने लगा.. कुछ सोच के भारत आगे बढ़ा और कुछ कदम चलके घोष के साथ कान्फरेन्स रूम में गया.. कान्फरेन्स रूम में काफ़ी सारे रिलेशन्षिप मॅनेजर्स, टेरिटरी मॅनेजर्स भी थे... ज़ोनल मॅनेजर होने के नाते घोष ने सब का इंट्रोडक्षन भारत से करवाया... काफ़ी लोगों ने भारत के बारे में बस मेल्स में ही पढ़ा था, लेकिन सब लोग उसे सामने पहली बार देख रहे थे..



"इसके साथ सोने के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ, बस एक बार इसका हाथ सर पे आए तो करियर में बहुत उपर जा सकती हूँ" भीड़ में एक लेडी मॅनेजर ने पास में खड़ी अपनी कोलीग को कहा.. और कहे भी क्यूँ ना.. आज काफ़ी दिन बाद भारत ने अपना लुक भी चेंज किया था.. 

फ़ॉर्माल्स के बदले कॅषुयल्स थे , लूयिस वित्तों की शर्ट के साथ उसकी 1921 जीन्स बहुत जच रही थी, और एक कॅषुयल सा जॅकेट लड़कियों को पिघला रहा था... काफ़ी टाइम बाद आज भारत ने अपने रीडिंग ग्लासस भी पहने थे..



"पता नहीं क्यूँ, मिस्टर घोष ने इतना लंबा भाषण दिया.. मुझे डर था के मैं कहीं सो ना जाऊ.." भारत ने मज़ाक में कहा ताकि जमा हुए लोगों के चेहरे पे जो टेन्षन दिख रहा था, वो गायब हो जाए.. घोष ने भी इस बात को समझा और हसी में बात उड़ा दी..



"खैर... मैं यहाँ आप लोगों से बात करने आया हूँ... कमिंग स्ट्रेट टू दा पॉइंट, कोलकाता नंबर्स डेलिवर नहीं कर पा रहा.. रीज़न बीयिंग, यहाँ पे कुछ लोग इन्वेस्टर्स को सही रास्ता नहीं दिखा रहे.. जेपीएम यूएस से आज मैल आया है मेरे पास आप लोगों के पर्फॉर्मेन्स को असेस करने के लिए... अगले क्वॉर्टर में अगर नंबर्स नहीं आते, तो बी रेडी फॉर दा पिंक स्लिप्स..." भारत ने पलक झपकाए बिना सब के आगे ऐसा बॉम्ब फोड़ा, जिससे लोगों की गान्ड फटी की फटी रह गयी



पिंक स्लिप्स की बात सुन के रिलेशन्षिप मॅनेजर्स के साथ साथ घोष की भी गान्ड फट गयी... उसके लिए यह एक शॉक था जो अब तक भारत ने उससे कहा भी नहीं था... यह सब सुनके कान्फरेन्स रूम के वातावरण में एक गर्मी सी पैदा हो गयी.. लोग आपस में बातें करने लगे, 2 मिनट पहले जो माहॉल था, अब उस माहॉल में एक घबराहट दिखने लगी थी..



"प्लीज़ बी साइलेंट... मैं आज और कल यहीं पर हूँ, मैं मिस्टर घोष के साथ ही कुछ डिस्कशन्स कर रहा हूँ.. आप लोगों में टॅलेंट बहुत है, पर फिर भी आप डेलिवर नहीं कर पा रहे , दट मीन्स कुछ बात है जो आपको रोक रही है डेलिवर करने से... आप बेफ़िक्र होके मेरे पास आयें और अपनी प्रॉब्लम्स डिसकस करें... अगर मैं सल्यूशन नहीं दे पाया , तो आपको पिंक स्लिप नहीं मिलेगी यह मेरी गॅरेंटी... पर अगर आज और कल में मुझे आपने प्रॉब्लम्स नहीं बताई, तो आइदर डेलिवर दा नंबर्स.... ऑर स्टार्ट अपडेटिंग युवर रिज्युम.. थॅंक यू वेरी मच फॉर युवर टाइम गाइस आंड गॅल्स.. हॅव आ गुड वन" कहके भारत और घोष दोनो कान्फरेन्स रूम से घोष की कॅबिन की तरफ बढ़ने लगे



"मिस्टर घोष... कॉल पर्थ इमीडीयेट्ली.... आंड यू हॅव युवर लंच प्लीज़... आंड डोंट डिस्टर्ब मी नाउ" भारत ने घोष और रीना दोनो को एक साथ कहा.. यह सुनके रीना की जान में जान आ गयी, सुबह का ब्रेकफास्ट भी नहीं किया था उसने... घोष ने तुरंत ही पर्थ को कॉल किया और उसे आने के निर्देश दिए... 2 मिनट भी नहीं हुए कि पर्थ , घोष की कॅबिन में घुसा..



"सर.. आफ्टर नून.." पर्थ ने भारत की तरफ हाथ बढ़ा के कहा



"नतिंग गुड हियर पर्थ..प्लीज़ बैठ जाओ" कहके भारत अपनी चेअर से उठा और पर्थ को बैठने को कहा



"मिस्टर घोष.. प्लीज़ कुछ पानी मग़वा लें.. " कहके भारत पर्थ के सामने टेबल पे बैठा



"सो पर्थ.. लास्ट क्वॉर्टर में कितना इन्सेंटिव ड्रॉ किया तुमने, और तुम्हारी टीम ने" भारत ने अपनी जॅकेट उतार के शर्ट की स्लीव्स उपर कर दी



"सर... शायद 2 तो 3 लॅक्स इन टोटल... " पर्थ ने बहुत ही कन्फ्यूज़ होके जवाब दिया



"कम ऑन माइ मॅन.. यह तो तुमने जेपीएम से लिया.. मैं उस पैसे की बात कर रहा हूँ जो तुमको लोचा चिट फंड्स ने दिया है.. वो रकम कितनी थी.." भारत ने घोष की कॅबिन में बनी खिड़की के पास जाकर बोला और बाहर के नज़ारे को निहारने लगा.. भारत की यह बात सुन के पर्थ की हालत खराब होने लगी, लेकिन रीजनल मॅनेजर होने के नाते उसे कुछ तो बोलना था
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