Antarvasna kahani मासूम
10-08-2018, 01:44 PM,
#11
RE: Antarvasna kahani मासूम
भाभी को पता था कि मैं सो रहा हूँ तो वो धीमी आवाज़ मे खुद से बाते करने लगी

"हे भगवान क्या किस्मत है मेरी शादी हुई लेकिन सुहागरात ना हो सकी इतना अच्छा पति है और बाकी सब भी बहुत अच्छे है हे भगवान मेरे पति और इन सब की किस्मत अच्छी कर दी सब को खुशिया दो भगवान ऐसी कृपा करो कि हम सब खुश रहे हमेशा" भाभी धीमी आवाज़ मे भगवान से प्रार्थना करने लगी

मैने करवट ली और धीरे से आँख खोल कर देखा तो भाभी मुझे ही देख रही थी

"भाभी आप अभी तक जाग ही रही है और मैं कब सो गया पता ही नही चला ओके अब मैं अपने रूम मे जा रहा हूँ सोने के लिए आप भी सो जाओ अब आराम से" मैं बोला और उठने लगा

"नही भैया आप यहीं सो जाओ मैं अकेली नही सोना चाहती कुच्छ अजीब सा लग रहा है" भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे वापस लेटाती हुई बोली

"भाभी आप बहुत अच्छी है सच, भैया बहुत लकी है कि उन्हे आप जैसी प्यारी वाइफ मिली है वैसे भाभी पहली रात आपके रूम मे कविता दीदी ने दूध का जुगाड़ और टिश्यू पेपर का डिब्बा क्यों रखा था" मैं अपनी वाली पर आते हुए बोला

भैया दूध पति और पत्नी मिलकर पीते है पहली रात और टिश्यू तो वैसे भी होता ही है रूम मे" भाभी बोली

"लेकिन भाभी इतना दूध क्यों? मैं तो एक ग्लास पीता हूँ और इसमे तो काफ़ी ग्लास होते है ना" मैने पुछा

"भैया अभी क्या बताऊ तुम्हे.............मैं पहली बार यहाँ आई हूँ ना इसलिए मुझे ज़्यादा दूध दिया गया था" भाभी ने कुच्छ परेशान होते हुए बोली

"लेकिन भाभी मैने सुबह आकर देखा था तो दूध पूरा वैसे ही रखा था फिर आपने पिया क्यों नही" मैने एक सवाल और किया

"भैया अभी तुम्हारे भैया हॉस्पिटल मे थे इसलिए नही पिया वो होते तो हम दोनो आधा आधा पी लेते" भाभी बोली

"तो भाभी मैं अभी दूध ले आउ क्या मैं आपके साथ ही तो हूँ दोनो मिल कर पी लेंगे" मैं लगातार भाभी को उठाते हुए बोला

"नही भैया ऐसे नही पीते, वो एक रिवाज है जिस वजह से पहली रात पीना पड़ता है बाद मे नही" भाभी परेशान होते हुए बोली

"आपका मतलब है कि सुहागरात मे ही ज़्यादा मिल्क पीना पड़ता है वैसे नही" अब मैं असली मुद्दे पर आते हुए बोला

"तुम्हे कैसे पता चला सुहागरात के बारे, और किसने बताया ये तुम्हे" भाभी मेरी बात सुनकर हैरान होते हुए बोली

"भाभी मुझे मेरे दोस्तो ने बताया था कि सुहागरात लड़की के लिए सब से बड़ी और अच्छी रात होती है लेकिन भाभी आपकी सुहागरात तो नही हुई है ना" मैं बोला

"हां भैया........शायद किस्मत मे सुहागरात नही थी खैर कोई बात नही आगे और भी बहुत सी रातें है ही" भाभी आह सी भरते हुए बोली

"भाभी सुहागरात मे क्या होता है मुझे बताओ ना प्ल्ज़, वैसे आपको नींद तो नही आरहि है ना अगर आरहि हो तो सो जाओ कहीं मैं आपको डिस्टर्ब तो नही कर रहा हूँ" मैं बोला

"नही भाई मुझे बिल्कुल नींद नही आरहि है बल्कि मुझे तो अच्छा लग रहा है तुम से बाते कर के अच्छा हुआ तुम उठ गये वरना मैं तो बोर होती रहती" भाभी बोली

"अच्छा फिर बताओ ना सुहागरात मे क्या होता है" मैं खुश होकर बोला

"भैया सच पुछो तो मुझे भी नही पता हां मेरी आंटी ने इतना कहा था कि तुम्हारा पति जो कहे करने देना मना नही करना, अब पता नही क्या होता है सुहागरात मे" भाभी उदास सी बोली

"लेकिन भाभी मुझे पता है मैं बताऊ क्या आपको" मैं धीरे से बोला

"सच........तुम्हे पता है? तो फिर बताओ ना प्ल्ज़ जब तुम्हारे भैया वापस आजाएँगे तो मुझे आसानी होगी क्योंकि फिर मुझे सब पता होगा" भाभी बोली

"भाभी सुहागरात मे सबके चले जाने के बाद पति पत्नी के रूम मे आता है और डोर लॉक करके बेड पर वाइफ के साथ बैठ जाता है फिर वो दोनो कुच्छ देर बाते करते है और उसके बाद दूल्हा अपने और दुल्हन के कपड़े उतार देता है उसके बाद.............." मैं अपनी बात पूरी नही कर पाया

"बस भैया बस अब और ना सूनाओ मुझे शरम आरहि है" भाभी मेरी बात काट कर शरमाती हुई बोली

"क्यों भाभी क्या हुआ इस मे शरमाने वाली कोन्सि बात है सब ऐसे ही करते है सच" मैं बोला

"नही भाई मुझे तो शरम आरहि है और तुम्हारी बाते सुनकर मुझे कुच्छ होने लगा तो फिर क्या करेंगे तुम्हारे भैया भी तो नही है यहाँ" भाभी बोली

"भाभी यकीन करो कुच्छ नही होता और भैया यहाँ नही है तो क्या हुआ मैं तो हूँ ना आपके साथ" मैं एक बार फिर नादान बनते हुए बोला

"नही भैया अभी तुम छोटे हो तुमसे कुच्छ नही होगा और ये आग कहाँ बुझेगी तुम से" भाभी बोली "अच्छा बताओ आगे क्या होता है"

"भाभी मुझसे क्या नही होगा और कोन्सि आग नही बुझेगी" मैं नासमझ बनते हुए बोला


"कुच्छ नही बस ऐसे ही कह दिया था अच्छा अब आगे बताओ ना" भाभी बात संभालते हुए बोली और मुझसे चिपक कर लेट गयी और मैने भाभी को सुहागरात के बारे मे बताना शुरू किया

"फिर भाभी जब दूल्हा दुल्हन दोनो नंगे हो जाते है तो दूल्हा दुल्हन के पास आकर उसे किस करता है पहले हाथो पर फिर फेस पर हर जगह और उसके बाद दूल्हा दुल्हन के लिप्स पर अपने लिप्स रख देता है और उन्हे चूसने लगता है........." मेरी बात एक बार फिर पूरी नही हुई

मुझे अचानक झटका लगा क्योंकि भाभी ने अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रख दिए थे और उन्हे सक करने लगी थी मैने भी भाभी को पकड़ लिया और उन्हे किस करने लगा हम पागलो की तरह एक दूसरे के लिप्स को किस कर रहे थे चाट रहे थे और सक कर रहे थे

कभी एक साइड से तो कभी दूसरे साइड से बस हम लिप्स चूमते और चाट.ते जा रहे थे मेरा लंड हार्ड हो गया था मैने भाभी की गंद पे हाथ रखा तो भाभी ने अपना मूह हटा कर साइड मे कर लिया और गहरी गहरी साँसे लेने लगी

"भाभी उसके बाद दूल्हा दुल्हन को फेस पर किस करने के बाद चेस्ट पर किस करता है निपल्स को मूह मे लेकर उन्हे जोरो से चूस्ता है चाट.ता है और धीरे धीरे नीचे होता जाता है और पेट पर किस करता है और सक करता है" मैने आगे बताया

भाभी की आँखे बंद थी और होंठ खुले हुए थे और भाभी अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत को सलवार के उपर से मसल रही थी और रब कर रही थी

"भाभी उसके बाद दूल्हा दुल्हन की टाँगो के बीच मे आ जाता है और दुल्हन की टाँगे फैला कर अपनी दोनो तरफ रख देता है........." एक बार फिर मेरे बात अधूरी रह गई थी

"बस करो भैया अभी मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा है, अब बस करो मैं और नही सुन सकती ये सब भगवान के लिए और मत सूनाओ" भाभी सेक्सी आवाज़ मे आहे भरती हुई बोली

"ओके भाभी सॉरी, मैं अभी नही सुनाउन्गा" मैं बोला

"थॅंक्स भैया अभी मैं और नही सुन सकती अब तुम मुझे कर के दिखाओ, जाओ दूध ले आओ और मेरे साथ सुहागरात मनाओ, भैया प्ल्ज़ मुझसे और बर्दाश्त नही हो रहा है" भाभी बोली
और जैसे मेरी लॉटरी लग गई मैं फ़ौरन दूध लेने के लिए खड़ा हो गया...............

मैं बहुत खुश और एक्शिटेड हो गया था आख़िर जिसे मैने शुरू से चाहा था आज वो मेरे नीचे आने वाली थी वो भी बिल्कुल कुवारि मैने झट से फ्रिड्ज से दूध का जग निकाला और रूम मे लेकर आया एक ग्लास भाभी को दिया और एक खुद पी लिया

फिर मैं भाभी के पास आकर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार कर भाभी की कुरती भी उतार दी भाभी अब ब्रा और सलवार मे थी मैने भाभी को बेड पर लेटा दिया और किस्सिंग करने लगा भाभी बहुत गरम थी इस वक्त

मैने भाभी के चेहरे पर हर जगह किस किया फिर नीचे आकर उनकी गर्दन को भी बहुत किस किए उसके बाद और नीचे आकर मैने उनकी ब्रा खोल कर अलग कर दी जिससे भाभी के बारे बड़े बूब्स बाहर आगये उनके बूब्स बहुत हार्ड थे और निपल्स तन कर टाइट खड़े थे वो मुझे बहुत ही क्यूट लग रहे थे

मैं भाभी के बूब्स पर टूट पड़ा मैने उन्हे खूब चूमा चाटा और मसला इतना की वो लाल पड़ गये और भाभी को भी दर्द होने लगा
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Antarvasna kahani मासूम - by sexstories - 10-08-2018, 01:32 PM
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