Antarvasna kahani मासूम
10-08-2018, 01:47 PM,
#15
RE: Antarvasna kahani मासूम
फिर वो भी अपने रूम मे चली गई और मैं अकेला बैठा सोचता रहा कि अब क्या करूँगा? मैं अकेला और लड़किया 3 उफ्फ..... अब क्या होगा मेरा


रात को 8 बजे मैं भाभी के रूम मे गया वो टीवी देख रही थी मैने डोर लॉक किया और भाभी को गले से लगा लिया भाभी ने भी मुझे किस करना शुरू कर दिया मैने भी साथ दिया और भाभी को जल्दी से नंगा कर दिया और भाभी ने भी मेरे कपड़े उतार दिए और हम बेड पर लेट गये

"अच्छा तो देवर जी आज आपने कविता को भी चोद ही लिया" भाभी मेरे लंड को सहलाते हुए बोली

"भाभी चोद तो लिया लेकिन सिर्फ़ गान्ड मे ही चोद सका चूत मे लंड डाला ही था कि आप लोग आगये और मेरा काम वहीं रह गया लेकिन आज रात मैं उन्हे चूत मे भी चोदुन्गा इसलिए आपके पास जल्दी आगया" मैं भाभी के बूब्स दबाते हुए बोला

मैने भाभी को खूब किस्सिंग की और उनके बूब्स के साथ भी खूब खेला मेरा लंड फुल हार्ड हो गया था और भाभी भी बहुत गरम हो गई थी

"देवर जी अब बस करो और मुझे जल्दी से चोदो प्लीज़ मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा है मेरी चूत बहुत गीली हो गई है प्लीज़ डाल दो ना अपना लंड प्लीज़ भैया जल्दी करो और चोदो मुझे" भाभी मुझे सीने पर किस करते हुए बोली

ज़्यादा टाइम तो मेरे पास भी नही था तो मैने भाभी की टाँगे फैलाई और पोज़िशन लेकर अपना लंड भाभी की चूत मे घुसेड दिया और भाभी को मज़े से चोदने लगा भाभी को बहुत मज़ा आरहा था और मैं गच गच्छ धक्के लगा रहा था भाभी के बूब्स मेरे मूह मे थे और मैं उन्हे चूस रहा था

"देवर जी आज क्या खाया है जो तुम्हारा लंड रात से भी ज़्यादा हार्ड है, मुझे तो रात से भी ज़्यादा मज़ा आरहा है सच" भाभी बोली

"भाभी रात आपकी पहली चुदाई थी इसलिए इतना मज़ा नही आया लेकिन अब सारी ज़िंदगी आपके मज़े ही मज़े है" मैं अपने धक्को की स्पीड बढ़ाते हुए बोला

"चोदो मुझे भैया ज़ोर से चोदो, अपनी भाभी को बहुत मज़ा दो जब भी तुम्हारा दिल करे मुझे चोदने आ जाना मैं मना नही करूँगी मेरी चूत मेरी गान्ड और मेरा मूह हर वक्त तुम्हारे प्यारे लंड के लिए खुले मिलेंगे, भैया आहह.. ......और ज़ोर से करो भैया और तेज धक्के लगाओ हईईई.........मुझे बहुत मज़ा आरहा है देवर जीिइईईईई.........." कहते हुए भाभी झड़ने लगी और कुच्छ देर और धक्के लगाने के बाद मैं भी झड़ने लगा और मेरे लंड ने भाभी की चूत को अपने माल से भर दिया

कुच्छ देर बाद मैने कपड़े पहने और भाभी के रूम से बाहर आगया और कविता दीदी के रूम मे पहुच कर उनसे कहा कि कब सब सो जाएँगे तब आउन्गा

"ठीक है लेकिन आना ज़रूर मुझसे और इंतज़ार नही हो रहा है" दीदी सेक्सी आवाज़ मे बोली और मैं ओके कह कर प्रीति दीदी के रूम मे आगया

वहाँ प्रीति दीदी के साथ रूपा भी बैठी हुई थी तो प्रीति दीदी ने इशारो मे मुझसे पुछा कि अब क्या करे लेकिन मेरे लिए तो ये एक अच्छा चान्स था रूपा को भी शीशे मे उतारने का तो मैने सब प्लान कर लिया और उन दोनो के साथ बेड पर बैठ गया

"प्रीति दीदी आपको पता है रूपा दीदी बहुत अच्छी है लेकिन आपसे ज़्यादा नही" मैं अपनी चाल चलते हुए बोला

"वो कैसे? मैं सबसे ज़्यादा अच्छी हूँ भले ही मैं तुम्हारे मामा की बेटी हूँ लेकिन तुम्हारी सग़ी बहनो से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ तुम्हे" रूपा थोड़े गुस्से से बोली

"नही दीदी आप ग़लत कह रही हो प्रीति दीदी ही सबसे अच्छी है क्योंकि मैं उनसे जो भी कहता हूँ वो वही करती है और आप लोग हमेशा मना कर देती हो" मैं बोला

"अच्छा ऐसा क्या कहते हो जो प्रीति कर देती है और मैं नही करती मैं भी तो तुम्हारी सभी बाते मानती हूँ" रूपा बोली

"कोई भी काम हो कुच्छ भी कहो वो हमेशा मान जाती है लेकिन आप कभी कभी ही मेरी सुनती हो" मैं बोला

अब रूपा को गुस्सा आगया था

"अच्छा क्या मानती है? कहो इससे की ये अपनी कुरती उतार दे क्या ये मानेगी........कभी नही नेवेर" रूपा गुस्से से बोली

"अगर मान गई तो क्या आप भी अपनी टी-शर्ट उतार दोगि, बोलो है इतनी हिम्मत आप मे?" मैं उसे और उकसाते हुए बोला

प्रीति मेरी बात सुनकर मुझे गुस्से से देखने लगी जबकि रूपा सोच मे पड़ गयी थी

"ठीक है अगर ये अपनी कुरती उतार देगी तो यकीन मानो मेरी टी-शर्ट भी ज़मीन पर पड़ी होगी लेकिन मैं जानती हूँ कि प्रीति ऐसा नही कर सकती" कुच्छ देर सोचने के बाद रूपा बोली

"जो जो भी मैं प्रीति दीदी से करने को कहूँगा और वो वही करेगी तो क्या आप भी वो सब करोगी क्या" मैं एक चाल और चलते हुए बोला

"हां करूँगी गॉड प्रॉमिस" रूपा बोली उसे उम्मीद नही थी कि प्रीति ऐसा कुच्छ भी करेगी

अब मैं उठा और रूम का गैट लॉक करके वापस बेड पर बैठ गया और प्रीति दीदी से बोला "प्रीति दीदी क्या आप अपनी कुरती उतार दोगि मेरी खातिर प्लीज़"

साथ ही मैने उसे इशारा कर दिया था कि जैसा मैं कहूँ वैसा करती जाए अब उसकी चूत मे भी आग लगी थी तो कुच्छ ना कुच्छ तो करना ही था बुझाने के लिए तो वो धीरे से उठी और अपनी कुरती उतार दी अब वो ब्रा और सलवार मे खड़ी थी

इधर रूपा का चेहरा देखने लायक था उसका मूह खुला का खुला रह गया था वो यकीन नही कर पा रही थी कि एक बहन अपने भाई के सामने ऐसा कैसे कर सकती है

"जी दीदी अब आपकी बारी है देखो प्रीति दीदी ने अपनी कुरती उतार दी है" मैं रूपा को चिढ़ाते हुए बोला

रूपा हैरान थी उसके मूह से आवाज़ भी नही निकल रही थी लेट न गॉड प्रॉमिस कर के शर्त लगी थी चॅलेंज था तो उसने भी कुच्छ देर सोचने के बाद हिचकिचाते हुए अपनी टीशर्ट उतार दी

दोनो ही बहनें मेरे सामने ब्रा मे थी दोनो ने ब्लॅक ब्रा पहनी हुई थी और दोनो ही बहुत हॉट और सेक्सी लग रही थी

"बस........अब पहन ली वापस" रूपा शरमाते हुए बोली

"नही दीदी चॅलेंज ये था कि प्रीति दीदी जो जो करेगी वही आपको भी करना है और अभी तो बहुत कुच्छ बाकी है, ज़रा सबर तो करो" मैं बोला और फिर प्रीति से बोला "प्रीति दीदी प्ल्ज़ अब अपनी सलवार भी उतार दो ना प्ल्ज़"

मेरी बात सुनकर प्रीति दीदी ने अपनी सलवार भी उतार दी अंदर उसने पैंटी भी ब्लॅक ही पहनी थी ये सब देख कर रूपा के होश उड़ गये कि अब उसे भी अपना लोवर उतारना पड़ेगा लेकिन मजबूरी थी मैने उसे इशारा किया तो उसने झिझकते हुए धीरे धीरे अपना लोवर भी उतार दिया

अंदर उसने भी ब्लॅक पैंटी पहनी हुई थी बहुत ही दिलकश नज़ारा मेरी आँखो के सामने था दोनो लड़किया ब्लॅक ब्रा पैंटी मे मेरे सामने खड़ी थी लेकिन मैं ये सब ज़्यादा देर नही खींचना चाहता था क्योंकि रूपा कभी भी बिदक कर आगे कुच्छ और करने से मना कर सकती थी इसलिए मैने फ़ैसला कर लिया था की अब आगे प्रीति से क्या करवाना है

"प्रीति दीदी प्ल्ज़ अब आप अपनी ब्रा और पैंटी दोनो उतार दो" मैं काँपते लहजे मे बोला

"नही प्रीति ऐसा नही करना प्लीज़ ये पागल ही गया है इसकी बातों मे नही आना प्लीज़" रूपा झट से बोली उसे आन डर लगने लगा था कि कहीं सच मे प्रीति नंगी हो गई तो उसे भी होना पड़ेगा

"आन मैं क्या करूँ तुमने ही मुझे फसवाया है तुम्हारी ही वजह से मुझे ये सब करना पड़ रहा है" कहते हुए प्रीति ने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी और नंगी हमारे सामने खड़ी हो गई

"चलो रूपा दीदी अब आपकी बारी है जल्दी उतारो शरमाओ नही प्रीति दीदी बहुत अच्छी है बहुत मज़ा आएगा" मैं जल्दी से बोला "या फिर हार मान लो लेकिन याद रखना फिर कभी शोखी मत बघारना कि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और मैं सबसे अच्छी हूँ एट्सेटरा......एट्सेटरा"

मेरी बात सुनकर रूपा कुच्छ देर सोचती रही फिर चुप चाप अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी

"मैं कभी हार नही मानती" वो अपनी गर्दन झुकाए बोली

और सामने का नज़ारा देख कर मेरी आँखे चौंधिया गई थी मेरे सामने मेरी दो दो गोरी और सूपर सेक्सी हॉट आंड क्यूट बहनें बिल्कुल नंगी खड़ी थी

कुच्छ देर मैं दोनो को अपनी आँखो से निहारते हुए खड़ा रहा और रूपा को तो जैसे मैं आँखो ही आँखो से चोद रहा था जितनी मैने उम्मीद की थी अभी तक उससे भी ज़्यादा हो गया था लेकिन असली काम अभी बाकी था और वो काम रूपा को चुदाई के लिए मनाने का था और जैसा अभी तक चल रहा था उस हिसाब से तो मुझे पूरी उम्मीद थी कि आज मैं रूपा को भी चोद लूँगा यही सब सोचते हुए मैने अपना प्लान आगे बढ़ाया

"प्रीति दीदी प्लीज़ मेरे पास आकर मुझे किस करो ना" मैं बोला

प्रीति दीदी मेरे पास आ गई और मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख कर मुझे किस करने लगी कोई 5 मिनिट तक हमारी किस चली लेकिन इस दौरान मैने प्रीति दीदी को कहीं भी टच नही किया मैं वक्त से पहले ही ज़्यादा कुच्छ करके अपना प्लान चौपट नही करना चाहता था

फिर मैने प्रीति दीदी को अपने से अलग किया और रूपा से बोला "दीदी अब आपकी बारी है"

"लेकिन भाई मुझे तो किस करना आता ही नही है मैने आज तक कभी किसी को किस नही किया है" रूपा मेरे पास आकर बोली

"कोई बात नही दीदी मैं आपको सिखा दूँगा" मैं बोला और रूपा अपने पास खींच कर उसके होतो पर अपने होंठ रख कर उसे किस करने लगा

"दीदी ज़रा अपने होंठ खोल लो बहुत मज़ा आएगा" मैं बोला क्योंकि रूपा ने अपने होंठ चिपका रखे थे

मेरी बात सुनकर रूपा ने अपने होंठ खोल दिए और मैने उसके लिप्स को अपने मूह मे भर लिया और उन्हे चूसने लगा अब रूपा दीदी को मज़ा आने लगा और वो भी किस मे मेरा साथ देने लगी

थोड़ी देर रूपा को अच्छे से किस करने के बाद मैने दोनो बहनो को बेड पर बिठाया और खुद भी नंगा हो गया रूपा की नज़रे मेरे लंड पर गड़ गई हो इस वक्त बहुत हार्ड था और उपर नीचे ठुमके लगा रहा था

"भैया ये क्या है और ये ऐसे अकड़ कर क्यों खड़ा है" रूपा बड़े ध्यान से मेरे लंड को देखते हुए बोली जाहिर था कि उसे भी सेक्स या लंड के बारे मे कोई जानकारी नही थी

"दीदी अभी सब पता चल जाएगा, प्रीति दीदी आप मेरे पास आकर इसे सक करो ज़रा" रूपा को बताने के बाद मैं प्रीति से बोला
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Antarvasna kahani मासूम - by sexstories - 10-08-2018, 01:32 PM
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