Antarvasna kahani मासूम
10-08-2018, 01:48 PM,
#18
RE: Antarvasna kahani मासूम
नींद तो मुझे भी आरहि थी और मैं अपने टारगेट के बिल्कुल पास पहुच गया था इसलिए मैने जल्दबाज़ी ठीक नही समझी और एक बार फिर दीपा के गले लग कर सो गया....

सुबह जब मैं उठा तब तक कविता दीदी अपने बॅंक और बाकी सभी लड़कियाँ अपने कॉलेज और स्कूल जा चुकी थी चूँकि दीपा और रूपा भी इसी शहर मे रहती थी तो वो हमारे घर से भी अपना स्कूल कंटिन्यू कर लेती थी अभी घर पर सिर्फ़ भाभी और मैं ही थे

मैं नहा धोकर हॉल मे आया तो देखा कि भाभी टीवी देख रही है

"अरे जाग गये तुम, नाश्ता बना दूं क्या?" भाभी मुझे देखते ही मुस्कुरा कर बोली

"हां भाभी बना दो" मैं बोला और वहीं सोफे पर बैठ गया और भाभी किचन मे चली गई

थोड़ी देर बाद मैं पानी पीने के लिए किचन मे गया तो देखा कि भाभी वहीं खड़े हुए नाश्ता बना रही थी और उनकी कसी हुई साड़ी मे उनकी बाहर निकली हुई गान्ड जैसे मुझे इन्विटेशन दे रही थी कि आओ मुझे चोदो मैं पानी पी कर भाभी के पिछे चिपक गया और उनकी गर्दन पर किस करते हुए अपने लंड को उनकी गान्ड पे रगड़ने लगा

"देवर जी ज़रा सबर तो करो पहले मैं नाश्ता तो बना लूँ फिर सारा दिन पड़ा है आराम से प्यार करेंगे" भाभी कसमसाते हुए बोली

मैने किस करना बंद नही किया और अब मैं भाभी के बूब्स पकड़ कर उन्हे दबा और मसल रहा था मेरा लंड पूरी तरह हार्ड हो चुका था और अब चुदाई बगैर नही मानने वाला था

मैने भाभी की साड़ी और पेटिकोट उपर उठा कर उनकी कमर तक कर दिया अंदर उन्होने पैंटी नही पहनी थी मैने उनकी साड़ी पकड़े हुए अपना लंड उनकी चूत पर लगा कर अंदर घुसेड दिया भाभी को भी मज़ा आने लगा तो उन्होने गॅस बंद कर दी तो मैने उन्हे शेल्फ पर बैठा दिया उन्होने भी अपनी टाँगे फैला कर उठा ली और मैं अपना लंड उनकी चूत मे घुसेड कर उन्हे जोरो से चोदने लगा

"अहह......चोदो भैया चोदो मुझे.......चोदो अपनी भाभी को तुम बहुत अच्छे हो भैया जो मेरा इतना ख्याल रखते हो काश मैं तुम्हारी बीवी होती.......उफ्फ.......देवर जी बहुत मज़ा आरहा है और ज़ोर से धक्के लगाओ भैया और ज़ोर से" भाभी मस्ती मे बोली

मैं भाभी को ज़ोर ज़ोर से धक्के मार कर चोद रहा था और हम दोनो ही इस चुदाई का बहुत मज़ा ले रहे थे

"भैया सूनाओ रात......आहह....मज़ा आगया..... रात क्या हुआ कविता को चोदा या नही......उफ्फ भैया आराम से हमम्म्मममम.......मज़ा आरहा है" भाभी ने पुछा

"जी भाभी रात को मैने कविता दीदी को जी भर कर चोदा पहले उनकी चूत को बजाया और बाद मे उनकी गान्ड फाड़ दी, रात मैने उन्हे बहुत रफ्ली चोदा उनकी चीखे निकलवा दी बहुत मज़ा आया रात मुझे खास कर कविता दीदी की गान्ड और बूब्स से खेल कर जो आप सभी से बहुत बड़े है" मैने बताया

अब मैने भाभी को शेल्फ से उतार कर नीचे घोड़ी बना दिया और अपना लंड उनकी गान्ड मे घुसा दिया और साथ ही साथ उनके भारी कुल्हो पर थप्पड़ भी मारने लगा भाभी को दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आरहा था भाभी दर्द और मज़े की वजह से चीख रही थी और चिल्ला रही थी और इन सब से मेरा लंड फूल कर और मोटा हो गया था

"हैए.......देवर जी बहुत ज़ालिम हो तुम........मारो मेरी गान्ड फाड़ दो आज इसे उफ्फ भैया और ज़ोर से करो हां और तेज धक्के लगाओ भैया...हूंम्म्मम.. ...ऐसे ही.....चोदो मेरी गान्ड" भाभी अपनी गान्ड पिछे धकेलते हुए बोली

"भाभी आप बहुत सेक्सी हो जितना आप मेरा साथ देती हो उतना कोई नही देती सब दर्द से चिल्लाती है और आप चुप चाप मज़े से चोदने देती हो आप सच मुच बहुत मस्त हो आपको चोदने मे मुझे बहुत मज़ा आता है" मैं धक्के लगाते हुए बोला

"भैया मैं बहुत शरीफ लड़की थी लेकिन मेरे भाई ने मुझे इतना कमीना बना दिया......आह भैया आराम से चोदो मज़ा आरहा है हूंम्म्मम.......मेरा भाई जाने अंजाने मे मेरे साथ बहुत कुच्छ कर जाता था और जब उसने मेरी गान्ड मे उंगली डाली तब से तो मैं डेली अपनी गान्ड मे फिंगरिंग करती थी अपनी चूत को खूब रगड़ती थी मुझे बहुत मज़ा आता था लेकिन मैं लंड के लिए बहुत तरसी हूँ जो अब मुझे मिल गया है तो भैया अभी चोदो मेरी गान्ड और चूत को आहह बहुत मज़ा आरहा है"

भाभी ने बताया "भैया अभी जब मुझे लंड मिल ही गया है तो मैं दर्द की परवाह क्यों करू जितना तरसी हूँ उतना ज़्यादा चुदवाउन्गी तब ही तो वो सारी कमी पूरी हो पाएगी आह.....भाई मैं तो गई और तेज करो और ज़ोर से धक्के मारो आहह.. ....उफफफ्फ़ मैं तो गैिईईईईई......."

भाभी की बाते सुन कर मैं भी ज़ोर से धक्के लगाते हुए झड गया मेरा लंड भाभी की गान्ड को अपने माल से भर रहा था और भाभी की चूत अपने गरम पानी को बाहर निकाल रही थी भाभी का पानी उनके जाँघो से बह रहा था और वो बहुत सेक्सी लग रही थी मेरे थप्पड़ खा कर भाभी की गान्ड पूरी लाल ही गई थी

कुच्छ देर बाद भाभी ने खुद धीरे से मेरा लंड अपनी टाइट गान्ड से निकाला और मूह मे लेकर सक करने लगी भाभी ने मेरा लंड बिल्कुल सॉफ कर दिया था फिर मैने वापस अपने कपड़े पहने और दोबारा नहाने चला गया

भाभी ने नाश्ता बनाया और मैं नाश्ता करने लगा और भाभी को भी अपनी गोद मे बैठा कर नाश्ता करवाने लगा अभी नाश्ता ख़तम ही हुआ था कि तभी डोर बेल बज उठी....

मैं बाहर आया और डोर ओपन किया तो सामने प्रिया दीदी खड़ी हुई थी उन्होने मुझे देखते ही गले लगाया और अंदर आ गई

प्रिया दीदी को आया देख भाभी भी कुच्छ देर हमारे साथ हॉल मे बैठे हुए बात करने लगी फिर भाभी अपने रूम मे चली गई और हम भाई बहन बात करने लगे

"भैया मुझे अभी तक तुम्हारे साथ किया हुआ सेक्स बहुत याद आया है मुझे जब भी मेरे पति चोदते है मेरे दिमाग़ मे बस तुम ही होते हो" प्रिया दीदी बोली

"तो चलो आज फिर कर लेते है" मैं बोला और दीदी को अपने रूम मे ले गया

रूम मे पहुचते ही मैने अपने कपड़े उतार कर दीदी को भी नंगा कर दिया और दीदी कुच्छ देर तक मेरा लंड चुस्ती रही और फिर घोड़ी बन कर झुक गई

"भैया जल्दी से चोदो मुझे कहीं कोई आ ना जाए" दीदी बेसब्री से बोली

मैं प्रिया दीदी के पिछे आगया और अपना लंड उनकी चूत मे घुसा कर मज़े से चोदने लगा प्रिया दीदी की चूत अब पहले जैसी टाइट नही थी अब वो कुच्छ खुल गई थी लेकिन चूत तो चूत होती है खुली हो या टाइट मैं जोरो से उसे चोदने लगा

अभी हमारी चुदाई को 5 मिनिट भी नही हुए थे कि दरवाजा खुला और भाभी अंदर आ गई उन्हे देख कर प्रिया दीदी झट से खड़ी हो गई और अपनी सलवार पहनने लगी

"अरे......प्रिया डरो नही अपना काम करती रहो, रूको मत" भाभी हँसते हुए बोली

"हां दीदी भाभी किसी से नही कहेगी और अभी कुच्छ देर पहले ही तो चोदा है मैने भाभी को किचन मे, आप डरो मत" मैं दीदी को हिम्मत देते हुए बोला

"क्य्ाआअ........तुम भाभी को भी चोदते हो?" प्रिया दीदी हैरत से बोली

"दीदी वो बात बाद मे कर लेंगे पहले अपनी चूत और मेरे लंड को गर्मी निकालने दो" मैं बोला और प्रिया दीदी की सलवार उतारने लगा

दीदी अब तक समझ चुकी थी कि अब डरने या शरमाने का कोई फ़ायदा नही है क्योंकि भाभी और मैं मिले हुए है तो उसने अपनी सलवार उतारने मे मेरी मदद की और मैने वापस उन्हे घोड़ी बना कर उनकी चूत मे लंड घुसेड दिया और उन्हे चोदने लगा

भाभी भी हमारी चुदाई देख कर मस्त हो गई थी शायद अब उससे भी रहा नही जा रहा था तो वो दीदी के सामने आ गई और अपने ब्लाउस से अपने बूब्स निकाल कर प्रिया दीदी के मूह मे दे दिया दीदी ने भी उनका बूब मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगी इधर मैं दीदी की चूत का बॅंड लगातार बजाए जा रहा था

हम डॉगी स्टाइल मे चुदाई कर रहे थे तो मैने अपना लंड दीदी के चूत से निकाल कर उनकी गान्ड मे डाल दिया और उसकी गान्ड मारने लगा भाभी अब दीदी के नीचे लेट गई थी और दीदी की चूत को चाटने लगी

भाभी की इस हरकत को देख कर दीदी ने उनकी साड़ी उपर उठा ली भाभी ने पैंटी तो पहनी ही नही थी तो दीदी उनकी चूत सक करने लगी

मैं दीदी की गान्ड मे ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था और भाभी और दीदी एक दूसरे की चूत चाट रही थी कुच्छ देर बाद मैं ज़ोर के धक्के लगाते हुए दीदी की गान्ड मे ही झड गया लेकिन मैने अपना लंड बाहर नही निकाला था

जब थोड़ी देर बाद मेरा सारा माल दीदी की गान्ड मे उतर गया तो मैने धीरे से अपना लंड बाहर निकाल लिया और बेड पर लेट गया और दीदी और भाभी का तमाशा देखने लगा वो दोनो बहुत सेक्सी स्टाइल मे सेक्सी आवाज़ो के साथ एक दूसरे की बहुत हार्ड सकिंग कर रही थी और कुच्छ देर बाद दोनो एक दूसरे के मूह मे झड गई और फिर दोनो ने एक दूसरे की चूत चाट कर सॉफ कर दी

अब भाभी मेरे लेफ्ट साइड पर और दीदी मेरे राइट साइड पर लेटी हुई थी मैने दोनो को नंगा गले से लगाया हुआ था कुच्छ देर तक दोनो के साथ खेलने के बाद हम तीनो फ्रेश होकर हॉल मे बैठ कर टीवी देखने लगे

मैं अपनी ही सोचो मे ही डूबा हुआ था मैं अभी तक मेरे टच मे रही सभी लड़कियो को चोद चुका था प्रिया दीदी, प्रीति दीदी उनके बाद भाभी फिर कविता दीदी फिर रूपा दीदी अब सिर्फ़ एक दीपा ही बची थी जिसे मुझे चोदना था वो अब मेरी सबसे बड़ी ख्वाहिश बन चुकी थी अब मैं जिसे भी चोदता मुझे वो ही नज़र आती थी उसकी गान्ड का दिलकश नज़ारा मेरी आँखो के सामने घूम जाता था और मुझे किसी और की चोदने मे बिल्कुल बाइ मज़ा नही आरहा था आज भी भाभी और प्रिया दीदी की चुदाई मे कुच्छ मज़ा नही आया था और अब मैं जब भी चुदाई करता बहुत जल्दी झड जाता था अब मुझे लगने लगा था कि जब तक मैं दीपा को नही चोद लूँगा मुझे चैन नही आएगा

खैर कुच्छ देर बाद एक एक करके सभी लोग घर वापस आगये और फिर हम सभी भैया से मिलने हॉस्पिटल चले गये

भैया अभी पहले से काफ़ी ठीक थे और कुच्छ दिनो मे उन्हे डिसचार्ज कर दिया जाना था

शाम को हम वापस आगये सब अपने रूम्स मे थे और मैं दीपा के रूम मे चला गया

रूपा दीदी वहीं बैठी थी मैने उनसे कहा कि आप प्ल्ज़ प्रीति दीदी के रूम मे चले जाओ मुझे यहीं सोना है तो वो बगैर कुच्छ बोले चुप चाप उठी और प्रीति दीदी के रूम मे चली गई शायद वो समझ गई थी कि मैं दीपा को भी निपटाने के चक्कर मे हूँ...............

"अरे वाह......भैया तुमने एक बार कहा और रूपा चुप चाप उठ कर चली गई ये तुम्हारा कहना कैसे मानने लगी पहले तो नही मानती थी आज कैसे मान गई" दीपा रूपा के जाने के बाद हैरत से बोली

"दीदी दरअसल बात ये है कि मैं सभी से बहुत प्यार करता हूँ और सभी की बात भी मानता हूँ इसलिए अब सब मेरे साथ अच्छे से रहते है और मेरा कहना भी मानते है" मैं बोला

"वाह भाई तुम तो कमाल हो" दीपा मुस्कुराते हुए बोली

"अच्छा दीदी आज का क्या प्रोग्राम है? दिल कर रहा है क्या वो करने का और सच कहूँ तो रूपा दीदी को इसीलिए मैने यहाँ से जाने को कहा कि अगर आपका दिल कर रहा हो तो मैं आपकी मदद कर दूं" मैं असली मुद्दे पर आते हुए बोला

"भैया मैने अपनी फ्रेंड्स से इस बारे मे बात की थी उन्होने बताया कि अकेले करने मे जितना मज़ा आता है दूसरे के साथ करने से नही आता, इसलिए भाई आप नाराज़ नही होना मैं आपके साथ नही कर सकती मैं अकेले मे ही करूँगी" दीपा बोली

साला मेरे सारे अरमान ही ठंडे पड़ गये दीपा की ये बात सुनकर और मैं मन ही मन उसकी सहेलियो को गाली बकने लगा लेकिन अब आगे बिगड़ी को तो सुधारना ही था वरना मेरी ड्रीम गर्ल मेरे हाथ से निकल जाने वाली थी

"अरे दीदी इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है जैसे आपका मन करे वैसे करो लेकिन एक बात कहूँगा कि शायद आपकी फ्रेंड्स ने किसी और के साथ ट्राइ नही किया होगा इसीलिए वो ऐसा कह रही है वरना दूसरे के साथ करने मे हो बात है जो मज़ा आता है वो अकेले मे नही आता, खैर आपकी मर्ज़ी है कि आपको कैसे करना है वैसे आपकी हेल्प के लिए मैं यहीं बैठा रहता हूँ अगर आप थक जाओ या आपको मज़ा नही आए तो मुझे बता देना मैं आपकी हेल्प कर दूँगा ठीक है ना दीदी" मैं बात बनाते हुए बोला

"लेकिन दिपु तुम्हारे सामने.........." दीपा ने कहना चाहा

"क्या मेरे सामने......अब दीदी कल तो देख ही लिया था ना मैने फिर अब कैसी शरम और वैसे भी मैं यहाँ आपकी हेल्प करने के लिए ही रुकना चाहता हूँ" मैं बोला

"ठीक है लेकिन तुम्हे नीचे सोना होगा बेड पर नही क्योंकि मैं लाइट बंद नही करूँगी क्योंकि अंधेरे मे मुझे मज़ा नही आता और मैं हर वो चीज़ देखना चाहती हूँ जो मैं करूँगी और नीचे सोने की वजह से तुम मुझे देख भी नही पाओगे फिर भी अगर कभी मुझे तुम्हारी हेल्प की ज़रूरत पड़ी तो मैं तुम्हे बता दूँगी तुम लाइट ऑफ करके उपर बेड पर आ जाना ओके" दीपा बोली मैं समझ गया कि वो इतनी जल्दी मानने वाली नही थी

"ठीक है दीदी" मैं बोला डोर लॉक करके बेड के पास नीचे बिस्तर लगा कर लेट गया

दीपा बेड पर लेट गई पहले उसने कुच्छ देर पढ़ाई की फिर उसने बुक्स साइड पर रखी और मेरी तरफ देखा मैं आँखे बंद किए सोने का नाटक किए हुए था मेरी तरफ से निश्चिंत होकर अब दीपा अपने काम मे लगी ही थी

मैने धीरे से आँख खोल कर देखा तो दीपा का हाथ उसके लोवर के अंदर था और वो धीरे धीरे अपनी चूत को रगड़ रही थी
Reply


Messages In This Thread
Antarvasna kahani मासूम - by sexstories - 10-08-2018, 01:32 PM
RE: Antarvasna kahani मासूम - by sexstories - 10-08-2018, 01:48 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Incest HUM 3 (Completed) sexstories 76 3,823 11 hours ago
Last Post: sexstories
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 18,098 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 13,132 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 21,452 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 10,166 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 7,058 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,770,258 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 579,211 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,350,088 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,034,077 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 1 Guest(s)