12-01-2018, 12:20 AM,
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
भाभी: कोई मेसेज नहीं करेगा... सुनो मेरी बात... मैंने सोचा है... के आप पांचो में... अरे वाह पांडव... मैं द्रौपदी... हा हा हा हा... आप पांचो में चार वर्जिन है... समीर अब पक्का खिलाड़ी बन गया है... में चाहती हूँ के कल से हर रोज़ एक एक जन घर आए मुझसे सिख के एक पक्का खिलाड़ी बन जाए... ११ बजे आना है और ६ बजे तक... एक रूम में रहेंगे... खाना भी वही... तो बर्थडे तक सब खिलाड़ी बन जाए...
और जो ख़ुशी की लहर चैट में दौड़ पड़ी... थोडा हल्ला भी बोला गया... के कौन पहले घर आएगा... केविन तो आखरी था ये तय था... पर राजू, कुमार और सचिन में पहले कौन आएगा? ये चर्चा चलने लगी... फिर भाभी ने ही तय किया... के अल्फाबेटिकली डिसाइड करते है... पहले आएगा कुमार, फिर राजू और फिर सचिन.....
तय होने पर कल आना था कुमार को... पर आज तो भाभी को मैं और मसलने वाला था... मैं तो भाभी को करीब ला कर उसके बूब्स मसल रहा था के कुमार का भाभी पर पर्सनल मेसेज आया....
मैं: माँ चुदाये कुमार, भोसडीका अभी तुजे क्यों मेसेज कर रहा है?
भाभी: तू तेरा काम चालू रख मुझे बात करने दे... थोडा घुलती हूँ उनसे... कल जो उनकी बाहो में पिघलना भी तो है...
मैं: तू मादरचोद आगे जाके बड़ी रण्डी बन सकती है... चल मैं चुदाई करता हु तेरी पीछे से तू बाते कर... तेरा बदन मुझे लण्ड खड़ा करने के लिए... चल अब ज्यादा टाइम रह नहीं गया... तेरा पति कभीभी आ टपकेगा... ,२० मिनिट है...
भाभी: पर चोद लेना... तुजे चूत कहा है पता... बाते मत कर न...
मैं: साली कुतिया रंडी... तू पैर तो फैला साली मादरचोद..
भाभी: तुजे चोदना है तो तू ही सब कर ले.. मुझे कल की तयारी करनी है तो मैं कुमार से बात करती हूँ...
भाभी ने तो अपना काम पैर फैला कर, कर दिया... चूत चाटो और भाभी को तैयार करना मुझे सोप कर... वो खुद बाते करने लगी, उनकी बाते और उत्तेजक हो इसीलिए मैं भाभी को और उकसा रहा था... उनकी चैट कुछ इस तरह से हुई...
भाभी: हां बोल
कुमार: ये सब मुझे सपना लग रहा है.. सब मुझे बेवकूफ नहीं बना रहे हो न?
भाभी: तेरी मरजी मत आना...
कुमार: अरे मैं तो सिर्फ... ओके कुछ तैयारी कर के आउ क्या मेरी भाभी जान?
भाभी: नहीं मेंटली प्रिपेर कर के आना...
कुमार: आपके रिप्लाय शॉर्ट आ रहे है...
भाभी: क्या करू तेरा दोस्त मेरी डौगी स्टाइल में बजा रहा है...
कुमार: में भी करूँगा... पर मैंने कॉन्डम नहीं खरीदा कभी...
भाभी: मेरे साथ कभी जरूरत नहीं.. कभी मत पहनना जब तू मुझे चोदे...
कुमार: थैंक्यू भाभी..
भाभी: और कुछ?
कुमार: बस साफ सफाई करू के रहने दू?
भाभी: हा हा हा हा... तुजे जो ठीक लगे... मैं तो एकदम चिकनी और मस्त रहूंगी बिना बाल के... तुम्हारे जनरेशन में यही पसंद होता है न?
कुमार: हा पर मैंने महीने से नहीं काटे... मैं नहीं काटु तो चलेगा...?
भाभी: अरे तुजे जो पसंद हो... तेरा पहली बार है... कल तुजे एक्सपर्ट बनाके ही घर भेजूंगी...
कुमार: और एक बात... मुझे जड़ने के टाइम गाली बोलना अच्छा लगता है...
भाभी: अरे तू मुझे कभी भी गाली देकर बुला सकता है... अभी भी बुला सकता है... कर दे तेरी भड़ास पूरी...
कुमार: थैंक्यू मेरी भोसडीकि रण्डी भाभी...
भाभी: ह्म्म्म खुश? अब मैं जाती हूँ... कल मिलते है... अभी मुझे भी जड़ना है समीर के भैया आये उस से पहले...
कुमार: ओके मफरचोद बाय...
तो ये था उन दोनों के बिच का संवाद... मैंने भाभी को मस्त तरीके से चोद दिया... और फिर हम अपने अपने काम पर लग गए... वो दिन तो ख़तम हो गया..... प्रॉब्लेम ये था के कल भाभी के चूत गांड या मुह तो मिलने वाला नहीं था.. घर में बैठ के मैं क्या करूँगा?
दूसरे दिन भाभी गायब... नहीं उठाने आई... किचन में देखा तो लिखा था...
"मेरे सेनापति जी... जो भी नया सेनापति आये उसे मेरे कमरे में भेज दीजिएगा... ये प्रजा उनसे डाइरेक्ट रूम में मिलेंगी... और हां... आपके उठने का इंतज़ार नहीं किया क्योकि मैं उसे तरोताज़ा मिलना चाहती हूँ... तुमारी सेक्सी भाभी कीर्ति..."
लो अब भाभी की ठुकाई नहीं मिलने वाली थी उतना कम था के भाभी का चेहरा भी नहीं देखने मिलने वाला था? ११ बजे कुमार आया...
कुमार: हेलो... भाभी कहा है...
मैं: वो रंडी उनके रूम मे है.. और तू क्या साले मुझसे तो मिल? रंडी मिली तो दोस्तों को भूल गया..?
कुमार: मादरचोद मुझे मिली कहा है... तू तो मिली फिर २ दिन गायब हो गया था...
मैं: हा... ठीक है ठीक है... जा अंदर चला जा..
वो अंदर चला गया... भाभी ने या किसीने ये कभी किसीको नहीं बताया के हर एक जन के साथ रूम में क्या क्या हुआ था... बस दिन भर रूम से भाभी की चीखें सुनाई देती थी... कोई इन्टेन्स हो के मारता भी था.. यहाँ तहा... तो चपत बाहर तक सुनाई देती... जब सबका राउंड ख़तम होता तो थोड़ी देर रूम में शांति बनी रहती... पर थोड़ी देर मैं भाभी वापस चुदी जाती... मैं बस सुन पाता... मेरे दोस्त भारी गालिया बकते... सब के चहरे पे एक अजब का सुख देखने को मिलता। हररोज़ भाभी रूम में पलंग पर नंगी लेटी पड़ी पायी जाती... कुमार, राजू और समीर का कॉमन डायलॉग था... साली मुझे सिखाने चली थी... अब पस्ता रही है.. खड़ी होने की हिम्मत नहीं है...
मैं भाभी को पलंग पर देखता तो उसके मुह पर एक अजीब सी ख़ुशी दिखाई देती... गांड, चूत वीर्य से भरी... मुह से वीर्य की सुगंध... पूरा रूम अजीब सी स्मेल देता था... मुझे इस हाल पर देख के रहा नहीं जाता था... और मैं सब पोछ कर मैं भी अपनी हवस पूरी कर लेता.. भाभी की कैपेसिटी गज़ब थी... मुझे बड़ा अच्छा साथ देती... केविन के टाइम तो कुछ अलग ही हुआ...
केविन जब बाहर निकला रूम से तो...
केविन: ४०००० तक की रंडिया ने जो सुख नहीं दिया वो सुख तेरी भाभी ने आज दिया है.. साला मस्त माल है... मादरचोद सम्भल के जतन करना... ये लंबे अरसे तक हमारा साथ देगी... हमने आज एडवांस्ड लेवल की चुदाई की है... और मैं चाहता हूँ के तू और बाकि के बच्चे ये सीखे की अडवांस्ड लेवल क्या होता है... ताकि बर्थडे के दिन हम सब उसके शरीर का मस्त इस्तेमाल करे.... देख जा लास्ट पोसिशन में जो भाभी पड़ी है... वो देख ले... तेरे लिये हे आँखों देखा होगा पर सब को मैं मेसेज में.. मैं और भाभी दोनों समजायेंगे... ओके?
मैंने सब सुन लिया... चारो जन को रिटर्न गिफ्ट क्या चाहिए वो ये हर एक सेशन के बाद बताता था.. जो मैं आपको वो पहले बता देता हूँ... वो सब एक कागज़ में लिखा था...
कुमार: भाभी ए+ ग्रेड माल है... मतलब की फाइव स्टार रंडी है... तो रंडी होने के नाते निप्पल पर रिंग्स होने ही चाहिए... तो खीच के टॉर्चर करने में मज़ा आए... टॉर्चर सहन करना उसे पसन्द है इसलिए...
राजू: हम गरीबो को ऐसी रंडिया भी नसीब नही होती.. ना ही शादी के लिए ऐसी खूबसूरत बीवी मिलती है... मैं चाहता हूँ मैं उनको अपनी बीवी बना लूँ...
सचिन: भाभी को कही बाहर ले जाते है... भाभी को हमारे अलावा किसी और से भी चुदवाते है... मस्त कपड़े पहनाकर ता के हर कोई उसे घूरे... बहोत ही रफ सेक्स करना चाहते है... ऐसा के कोई काबू न रहे...
केविन: भाई, तेरी भाभी तो महा रण्डी निकली... मेरे पिताजी के कम्पनी की दो डील्स रुकी हुई है... करोडो आ सकते है... १०% तेरा... अगर वो दोनों क्लाइंट्स के साथ मीटिंग में भाभी आ जाए... थोडा खुश कर देंगे तो मज़ा आ जाए...
अरे बाप रे... ये लोग तो बहोत बड़े हवसी निकले.. मैंने केविन के कहने पर भाभी को देखने अंदर रूम में गया... तो ये नज़ारा पाया...
साला जो छोटे लोग सोच रहे थे उससे आगे निकल गया था केविन...
मैं: छोड़ू के रहने दू भाई के आने तक मादरचोद... साली रंडी ये कौनसा लेवल आया है हवस का... भोसडीकि?
भाभी: वो मैं और केविन बाद में बतायेगे... तुजे अभी चोदना है तो इसी हाल में चोद ले... पर तुजे ये बताना पड़ेगा...
मैं: क्या? पेंटी हटाना है वो?
भाभी: अरे उसे साइड में कर दे या काट डाल... भाड़ में जाए... पर तुजे... अगर मेरे बालो को पीछे गर्दन से हटाएगा..... तो रस्सी मिलेगी... वो रस्सी मेरे दोनों निप्पल से बंधी है एकदम टाइट... तो जब भी तू उसे खिंचेगा... मेरे मम्मे ऊपर निप्पल के सहारे आएंगे... मुझे मज़ा आएगा... और मुझे कहरते हुए देख तुजे भी...
मैं: साला ये तो आप दोनों ने सेक्स को एक लेवल उप कर दिया... अभी तो तुजे सब को रिटर्न गिफर देने है... वो पढ़ेगी तो तुजे और मजा आने वाला है...
भाभी: क्यों? क्या है...
मैं: पहले मैं तुजे अच्छे से ठोक तो लूँ...
भाभी: याद रहे मेरे निप्पल...
मैं: अरे वो तो पहले याद रहेंगे... मुझे मजा नहीं आएगा ऐसा कुछ भी करेगी के खीच लूंगा... कल से पुरे दिन की ये ड्यूटी है..
मैंने भाभी को बराबर चोदा और फिर जल्दी से सब ख़तम करके कमरे को पूरा चकाचक कर दिया... केविन ने तो पुरे रूम मैं भाभी की बराबर ले ली थी...
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12-01-2018, 12:21 AM,
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
ये सब के बिच चिंटू जैसे निकल गया भूखी नज़रो से के सब भाभी के आसपास उस पर लपक पड़े... साली क्या माल है रे तू मादरचोद करके... भाभी ने सब को रोका...
भाभी: चलो पहले सब दूर हो जाओ... जिसका बर्थडे है उसे अभी तक कुछ नहीं मिला के सब आ गए मुझे बाटने... चलो केविन.... प्लान ले मुताबिक चलो...
क्या है के प्लान प्लान? हम सबका माथा सनका, और पता चला के केविन और भाभी का अलग ही चेटिंग चल रहा था.. दोनों ने ये सब प्लान किया था... के आज के दिन क्या क्या होगा.. मेरा बर्थडे शानदार बनाने के लिए....
मैं: भाभी, ऐसे निचे उतरोगी? कोई देख लेगा तो? अपना सिक्यूरिटी गार्ड वाला ही देख लेगा...
भाभी: अरे तू टेंशन मत ले, मैं कम्बल ओढ़े आने वाली हूँ.. और मुझे गाड़ी में भी हाइवे तक हाथ नहीं लगाएगा....
भाभी कम्बल ओढ़कर हमारे साथ बहार निकली... हम सब चुपके नज़र से जितना होता था बचके निकल गए.... अभी तक पता था उसके हिसाब से केविन के फार्म हाउस पर जाना था... जो के हमारे घर से तो दो घंटे दूर था एक छोटे के गाँव के पास!! तो दो घंटे तो आने जाने में ही निकल जाएंगे। ग्यारह तो बज चुके थे... क्या बकवास प्लान था ये... कुछ समझ नहीं आ रहा था...
केविन गाडी चला रहा था... और हमसब पीछे बैठे... केविन का तो सेक्सपर्ट लेवल था और आज का ऑर्गनाइजर भी था तो सब को पीछे बैठ के मज़े लेने के लिए बोला...
हाइवे पर पहोचते ही जैसे सुमसाम रास्ता शुरू हुआ के भाभी ने चादर को हटाया... अरे बाप रे... साली ने जो पहना था वो भी गायब... मादरचोद नंगी गाडी में बैठी थी? ये मादरचोद देख मेरी फटी... साली बिकिनी पेंटी तो पहनती... पर उस वखत और कुछ नहीं सूझता... गोरा बदन सब चारो भेडिए भाभी के ऊपर लपक पड़े... भाभी को मस्त यहाँ वहा छूने लगे... भाभी कहर ने लगी...
भाभी: थोडा तो मर्द बनके हाथ चलाओ... मेरी छाती पर तो एकदम भारी चलना चाइए...
हम सब अपनी मर्दानगी बताने के लिए... टूट पड़े...
केविन: मेरे लिए कुछ रखना भाइयो...
मैं: मादरचोद, ये भोसडीकि थोड़ी ख़तम हो जाएगी? हम भोग ले तब तू भी भोग लेना...
केविन: हा हा हा आप भी भोग नही पाओगे...
हम सब क्यों बोल के चोक गए...
केविन: ये तो अभी शुरुआत है! नंगी सामने कड़ी है पर फिर भी कुछ कर नहीं पाने वाले आप लोग जब तक फार्म हॉउस नहीं पहुंच जाते....
तो हम सब भाभी पर और टूट पड़े... भाभी को यही चाहिए था... के अधूरेपन में सब लोग उनके शरीर से कुछ कुछ हांसिल करने के लिए उतावले हो... तभी हम कुछ जबरदस्ती करे... इतने सारे हाथ भाभी पर चल रहे थे पहली बार... कोई भाभी के मुह में कोई भाभी के बालो पर कोई भाभी के स्तन पर कोई भाभी के निप्पल पर कोई चूत में कोई गांड में...कोई पीठ पर कोई पेट पर तो भाभी जल्द ही अकड़ गई... ये उनके लिए भी तो पहली बार था... तभी केविन ने गाडी रोकी...
केविन: चलो यहा एक मिनिट में केक आने वाली है...
थोड़ी देर में एक टेम्पो आया... उसमे एक हट्टा कट्टा काला नौजवान था...
केविन: जाओ भाभी केक की फीज क्या देनी है तुजे पता है...
अरे बाप रे हाइवे पर भाभी नंगी निचे उतरी.. वो काला आदमी भी निचे उतरा और फिर बाहर ही उसे किस किया और पीछे टेम्पो में ले गया... २० मिनिट के बाद भाभी हाथ में केक लेके आई... साली चुदवाके आई? यहा हम भूखे है और वो साला खा के चला गया...?
भाभी आके जीप में बैठी...
केविन: कितने लिए?
भाभी: सिर्फ चूत की बात हुई थी न? साले ने गांड भी मारी पर अब सब कुछ अनलिमिटेड जी भर के लिए फ्री... कंडोम भी नहीं पहना..
केविन: मज़ा आया न?
भाभी: मैं तो सोच रही थी के इनको बुला लेते है...
केविन: रहने दे मादरचोद.. अपनी पार्टी है... तुजे जाना है तो तू उनके साथ अलग चुदवाने जाना...
भाभी तो रण्डी नम्बर वन बनती जा रही थी... भाभी का गोरा चिट्टा बदन लाल लाल था... हम अब मन्ज़िल की और आगे बढे... केक भाभी पकड़े बैठी थी... पर हम ने फिर से भाभी को छूना शुरू किया... भाभी ने केक आगे भिजवा दी... हम ने भाभी को और एक बाए जाड़ा.. साली जब जड़ती थी तो उसको देखना कुछ अलग महसूस हो रहा था...
मैंने हिलते एक मम्मे पर चपत लगाईं....
भाभी: क्यों मारा? क्या गलती की? चल पहले दूसरे मम्मे पर मार ले...
मैं: भोसडीकि तू हमारे लण्ड तो मुह में ले...
भाभी: नहीं प्लान के मुताबिक फार्म हॉउस तक कुछ नहीं...
मैं: चलो भाइयो मारो इस रंडी को...
हम सब ने दे धना धन भाभी को सारे बदन पर चपत लगाने लगे...
केविन: अरे भाभी को आगे बुलाओ मुझे भी मारना है... आगे जुका दो साली को...
भाभी आगे आई और जुकी... स्तन उनके सिट पर लटके हुए थे... केविन ने हल्का छुए और फिर निप्पल को सहलाया... और दोनों पर एकसाथ पड़े ऐसे चपत लगाई... हमारी और भाभी की उभरी गांड थी... हमने वहा दे धनाधन मारना चालू किया... भाभी आऊच, उई माँ, हा प्लीज़ मसलों न, मारो ये यही लायक है... कहरती रही... कभी गांड केविन की तरफ और मम्मे हमारी तरफ.... और ऐसे करके हम पहोंचे फार्महाउस पर...
हम फार्महाउस पर पहुचे थे... केविन ने तो गाडी उधर ही रख दी....
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12-01-2018, 12:21 AM,
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
केविन: जा मादरचोद दरवाज़ा खोल...
भाभी: हा अभी जाती हूँ... पर इन सब को बोलो पहले के मुझे छोड़े...
मैं: भाभी आप नंगी जाओगी?
आजूबाजू भले ही दूर दूर तक जंगल ही था... और जंगल में हम मंगल करने के वास्ते आये थे... पर भाभी पर ये हवस का कौनसा लेवल था? जा के कैक वाले से हाइवे पर चूड़ी उसके टेम्पो में... वो भी बिना कंडोम के क्योकि भाभी की चूत में जब ऊँगली डाली थी तो वो काले वहशी के वीर्य निकलता हुआ देखा था... चूत तो साफ़ करके आई थी... पर अंदर तक जो फव्वारा उड़ा होगा चूत के, वो तो निकलेगा ही... इसी के चक्कर में किसीने चूत नहीं चाटी थी जीप मैं... और अब भाभी जीप से नंगी बाहर जा के फ़ार्महाऊस का दरवाज़ा खोलने जाने वाली है... पर मैं अब खोटी चिंता कर रहा था... मैं ये सोचने लगा के साला हाइवे पर नंगी जा कर एक अनजान आदमी से चुदवाके आई, हाइवे पर तो कई लोग देख सकते थे, तो अब तो क्या यहाँ कोई देखने वाला था? भाभी जीप से बाहर निकली और निचे उतर कर फार्महाउस का दरवाज़ा खोलने जाने लगी... गांड को मटक मटक कर उछल उछल के चलते हुई दरवाजा खोलने गई...
चारो और सुमसाम जंगल जैसा था। बिच में एक आलिशान बंगलो था... आजूबाजू बस सब ग्रीन ग्रीन था... हम सब बैठे थे जीप मैं और भाभी ने दरवाज़ा खोल के हमारा स्वागत किया...
मैं: केविन, यहाँ कितने समय से कोई नहीं आया होगा?
केविन: अरे मैं आता हु... इस का वैसे साफ़ सफाई करवा दी है... दो नौकर यही है.. तो वही लोग होंगे अभी तो...
मैं: साले क्या प्लान है तुम लोगो का...
केविन: देख तेरा बर्थडे बिना खर्च का हो रहा है... सब को मेहनताने के तौर पर भाभी मिलेगी... वो भाभी ने माना है... और इसिलए ये सब मुमकिन हुआ है... और हां आज के आज ही सब को अपना रिटर्न गिफ्ट मिलेगा... मेरी दो डील साइन करने वाली पार्टी भी यही आएगी...
मैं: अबे कुत्ते आज के आज सब कैसे हो पायेगा... तो फिर हमे क्या मिलेगा?
केविन: भाई सब हो जायेगा टेंशन मत ले... सब इंतेज़ाम है.. चल अब वो नंगी इंतज़ार में खड़ी है...
हम सब निचे उतरे... सब निचे उतर के भाभी को वापस हग करने लगे... भाभी भी डेरिंग बाज़ थी... सिर्फ कम्बल ओढ़े नंगी ही जीप में आ बैठी थी... अंदर दो नौकर भी थे... वो जीप रुकते ही आ गए... एक का नाम तेजसिंह और दूसरे का रामपाल था.... दोनों भाभी को नंगी देख हक्के बक्के रह गए...
तेजसिंह तो बाहर कड़ी चैर पर बैठ गया, क्योकि वो होश खो बैठा था... पर रामपाल थोडा आगे बढ़ा... दोनों के उम्र शायद पचास से ज्यादा होगी... साले दोनों बुढ्ढे की आज लॉटरी लग गई थी... मेरा बर्थडे और अभी तक मुझे तो कुछ नहीं मिला था...
रामपाल ने ऊपर कुछ नहीं पहना था...
रामपाल: आइये भाभी जी... आपका स्वागत कैसे करू?
वासना के कीड़े... बुढ्ढे हो गए थे पर औरत देखी नहीं के चालू
भाभी: मेरे मम्मो को हाथ में लेकर करीए स्वागत.. छुये न प्लीज़?
बुढ्ढा पागल हुआ कुछ ऐसे करने लगा...
केविन: ओ रामपाल मुँहमे भर ले हा हा हा...
रामपाल ख़ुशी से पागल हो कर मुह में भाभी के मम्मे भर लिए... और भाभी को तेजसिंह याद आया तो रामपाल मुह में लेके मम्मे चूस रहा था उसके मुह से निकलवा के तेजसिंग के पास गयी और उसे कुछ इसतरह मिली
भाभी: आप नहीं लेंगे मुँहमे? लीजिये ना...
पर तेजसिंह ने उसे निचे बिठाकर उसके मम्मे मसलते हुए उनसे किस करने लगा... रामपाल पीछे पीछे आ ही गया उसे केविन ने रोका...
केविन: अरे ओ बुढ्ढों... हम सब जब इनसे संतुस्ट हो जायेगे... थक जायेगे तब तुम्हारी बारी... तब तक जाओ जीप में पड़ी कैक निकालो...
रामपाल: मालिक हम देख तो सकते है न?
तेजसिंह: हा मालिक?
भाभी: हा। देख लेना.. सब मालिक लोग थके तभी आप लोग की बारी...
तेजसिंह: मेमसाब आप नहीं थकेगी?
भाभी: हां तो? शायद साथ न दे पाउ पर तू लोग जो करना है कर ही सकते हो..
वो दोनों कैक ले कर चले गए... भाभी को फिर हम सब लोगो ने दबोचा... पर भाभी तो हाथ छुड़ा के भाग गई... वो दोनों बुढ्ढों के साथ...
राजू, कुमार और सचिन अभी तक बस तमाशा देख रहे थे और अचानक बोल पड़े..."अरे बहन की लौड़ी अब ये किधर जा रही है...?"
केविन: अब बर्थडे पार्टी शुरू होती है... अभी भाभी कैक लेकर आएगी.. समीर काटेगा...
फिर केविन फोन करने के लिए बाहर गया और हम चारो भाभी को ढूंढने लगे..
भाभी: अंदर मत आओ चले जाओ... तेजसिंह और रामपाल बुलाने आयेगे... बाहर जाओ...
हम वापस बाहर आये के केविन फोन ख़त्म कर के आया...
मैं: किसे फोन किया?
केविन: वो भाभीके निप्पल पे छेद करवाना है ना...
मैं: अरे वो भाभी ने बोलाना के भैया को पूछना पड़ेगा...?
केविन: वो पूछ लेगी... तू चिंता बहोत करता है...
रामपाल और तेजसिंह बुलाने आए... मालिक... भाभी राह देख रही है... जाइए...
हम सब जैसे आग लगी हो वैसे दौड़ पड़े और अंदर भाभी ऐसी मिली हमें...
वाह... कैक तो कट चुकी थी... बस खाना बाकि था... क्या नज़ारा था.. पुरे बदन पर केक लगा रख्खी थी... हम सब पांचो के पांचो भाभी पर टूट पड़े... मम्मो से लेकर होठ जीभ चूत पीठ जहा पर केक नहीं लगाई थी वह जगह हमने लगाई और हम फिर केक खाने लगे... भाभी को हम ने नाश्ता बनाया था.. भाभी के पुर बदन पे पांच पांच जीभ घूम रही थी... सब से ज्यादा लोगोने निप्पल चूस चूस कर केक खाई... मम्मे दो और आदमी पांच.. पर क्या करे... सब को यही रंडी चोदने के लिए चाहिए थी... और किसीसे बिस्तर गरम करवाना ही नहीं चाहते थे... मैंने देखा के दोनों बुढ्ढे दूर से देख रहे थे...
मैं: चलो भाई चाटे ही करेगे या चतवायेंगे भी?
केविन: जा थोडा साफ़ कर के आ...
भाभी: अरे रुक जाओ चेरी नहीं खानी? चलो एक एक करके मेरी चूत में आओ... अंदर पांच चेरी है... निकाल निकाल के बाट के खा जाओ...
राजू: साली ये तो मस्त आईडिया है...
भाभी: ये इन्ही दो बुढ्ढों का है...
केविन: हा क्या? तो फिर इन दोनों को केक खिलानी हैन?
भाभी: वैसे मैंने एक डोज़ दिया है.. मुझपे केक ये दो लोगो ने ही लगाई है और चूत में चेरी अंदर तक भी ये लोग ने घुसाई है.. फिर भी मालिक खा ले बाद में नौकर भी खा लेंगे... है न?
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
अब उधर चलते है...
केविन: कुतिया मुझे पहले सोने दे... तू मेरे ऊपर आजा अपनी गांड में लंड लेकर बैठ जा... सचिन तेरी चूत में डालेगा...
भाभी: करना तो मुझे भी है पर डर लग रहा है... दो एकसाथ...
सचिन: भाई केविन तेरा घुसने के बाद चूत तो सुकड नहीं जायेगी इनकी? फिर मैं कैसे डालूँगा...
केविन: अबे चुत्ये ये चूत है चूत... और लड़की की है... गांड और चूत दोनों पैल दे... कोई फरक नहीं पड़ेगा...
भाभी: नहीं नहीं पड़ेगा आहिस्ता करना...
केविन: चुप मादरचोद... तू रंडी हो के बोल कैसे सकती है?
भाभी: अरे मालिक मैं तो बस थोडा घबरा रही हूँ... अभी ट्रिपल पेनेट्रेशन भी करना ही है... पर डर हो रहा है बता रही हूँ...
केविन: चल बक मत और आजा मेरे लौड़े पर...
भाभी मेरी चुदाई के बाद थकी हुई तो थी, पर ये आलम वो गुज़र ने नहीं देना चाहती थी... भाभी खड़ी हुई और केविन अपने पैर फैला कर लण्ड को हवा में ताने सो गया... भाभी का मुह केविन के और था...
केविन: अगर रंडी तू मेरी और देखेगी तो सबको मज़ा नहीं आएगा... घूम जा...
भाभी घूम गई और अपनी गांड को केविन के और कर के बैठ गई... केविन अपना लण्ड और भाभी अपनी गांड ठिकाने लगाने में व्यस्त थे और बाकि के भाभी के मम्मे मसले जा रहे थे... कुमार तो अपना लण्ड निकाले भाभी के मुह में अपना घुसाने में लग गया... पर भाभी इन सबका ख्याल रख रही थी अच्छे से... भाभी को गांड में लण्ड लेने में तकलीफ जरूर हो रही थी... पर एक उत्साह था मन में वो करने के लिए धीरे धीरे गांड में लंड समा लिये केविन पर अपनी गांड टिका के बैठ गई... अब पूरा लण्ड भाभी की गांड में था... और केविन ने भाभी को ऊपर खीच लिया.... भाभी की गांड थोड़ी स्ट्रेच हुई तो आउच करके केविन की छाती पर अपनी पीठ टिका दी... अब केविन हल्का हलका लण्ड अंदर बाहर कर रहा था और कुमार का तो लण्ड बाहर निकल जाने की वजह से गुस्सा होके भाभी के मुह पर चमात मारते हुए गाली बके जा रहा था...
कुमार: छिनाल कही की, तुजे डीप थ्रोट देना पड़ेगा...
कुमार तुरंत ही भाभी के मुह को पीछे से निचा कर दिया मतलब के केविन के कंधे से निचे और पीछे से भाभी के मुह में लण्ड घुसाने लगा... भाभी का मुह थोडा जैसे निचा गया के भाभी की छाती और ऊपर बड़े बड़े स्तन ऊपर उछल पड़े... राजू ने इसका फायदा उठाते हुए भाभी के मम्मे के बिच अपना रख के भाभी के स्तन से अपने लण्ड को भीच के निप्पल को पकडे हुए करने लगा... भाभी के ऊपर ही बैठ कर वो ऐसी चुदाई करने लगा... अब सचिन ये सब देख रहा था और उनके पास एज छेद पड़ा था घुसाने को... पर ये सब पहली बार हो रहा था सब के लिए...
केविन: मादरचोद मेरी रण्डी ज़रा एक लौड़े का इंतेज़ाम करना है... चूत को फैलाओ ज़रा सा...
भाभी के मुह में लण्ड ठूसा था तो वो तो जवाब देने से रही.... पर उनके हाथ राजू के पैरो के आसपास से निकाल के निचे गए और फिर भाभी ने अपनी चूत थोड़ी फैलाई... सचिन ने चूत पर अपना लण्ड रख्खा... और धीरे धीरे चूत के होठ पर लण्ड का टोपा रगड़ रहा था... भाभी से शायद रहा नहीं गया और लण्ड को पकड़े चूत के छेद पर लण्ड घुसा कर सचिन के पैरो को खिचने लगी... सचिन ने भी फिर हल्का धक्का मार के चूत में लंड का टोपा घुसा दिया...
सचिन: भाभी आपके लंड होने का अहसास हो रहा है...
केविन: देख जब हम इसे रगड़ना चालू करेगे तब हमारे इस लण्ड को जो प्रेशर मिलेगा... आह.. चल घुसाना अभी इनको रगड़ना भी है... भाइओ एकसाथ वीर्य निकालेंगे ओके?
सचिन ने जोर से और एक धक्का मार के लण्ड का चूत से मिलन करवाया... केविन भाभी को गले से पकड़ करके कुमार के लण्ड को महसूस कर रहा था शायद...
सब अब अपनी जगह पर सैट हो चुके थे... अब टाइम था... गाडी को पटरी में लेके पैल ना... अब स्लो मोशन का टाइम गया.. सब ने रफतार बढ़ा दी... भाभी के मुह में कुमार का लण्ड, कुमार के हाथ भाभी के सर पर ताके अच्छे से सेट कर के लण्ड को गले के अंदर तक पैल सके... भाभी में मम्मे राजू चोद रहा था... निप्पल को राजू खिचे हुए लण्ड को छाती पर चला रहा था... भाभी की गांड में केविन का लण्ड और भाभी के हाथो में उनके हाथ फंसे थे... सचिन का लण्ड भाभी की चूत में और भाभी के पैरो उनके हाथ में थे... तकरीबन ऐसे ही चारो जन अलग अलग जगह बदलते हुए बिस मिनिट तक चोद चोद कर थक गए पर भाभी के चहेरे पर सिर्फ ख़ुशी... सब एक के बाद एक करके चूत में ही जड़े क्योकि सबको चूत मैं ही जड़ना था...
सब भाभी के इर्द गिर्द पड़े हुए थे... भाभी पसीने से लथपथ थी... पर चहेरे की ख़ुशी कुछ अलग ही बयान कर रही थी... साली की चूत में इतनी गर्मी? के अभी भी थकी नहीं थी... चारो पे वो भारी पड़ी थी... चारो लोग थक गए थे... पर भाभी... बिच में खड़ी हुई...
भाभी: समीर, तू आ रहा है क्या?
मैं: नहीं भाभी अब खाना खाने के बाद...
भाभी: तो मैं किचन जाती हूँ इन दोनों को लेकर... हम लोगो अब मस्ती मारेंगे... हम? आएंगे ने आप?
भाभी मादक अदाओ से रामपाल और तेजसिंह को बुला रही थी... दोनों जीभ बाहर निकाले कुत्तो की तरह देख रहे थे... भाभी गांड मटकाती हुई बाहर निकली और वो दोनों पीछे पीछे उनके निकल गए... मेरे दोस्त पलंग पर पड़े थे और मैं किचन में गया देखने के क्या पक रहा है वहा...
भाभी: रामपाल जी और तेजसिंह जी ... आप खाना बना लिए हो?
रामपाल: आप आप मत करिए न... तू से ही बुलाइए न? मुझे रामु...
तेजसिंह: और मुझे तेज...
भाभी: हा हा हा ठीक है... तो मुझे भी आप आप मत करिएगा... भाभी ही बुलाना, गाली देने का मन करे तो दे देना... मन में कुछ मत रखना...
तेज: जी भाभी.... वैसे हमारी बारी कब आएगी?
रामु: फिर तो आप थक जाएगी...
भाभी: हा हा हा ... टेंशन मत लो... मैं थकाने में माहिर हूँ... थकती नहीं... नहीं देखा क्या मुझे पलंग पर... चार चार जवान लंड कैसे चित कर दिए....
भाभी पसीने से पथपथ थी... भाभी किचन में जाके पहले अपने हाथ धोए... और फिर खाने का सामान देखने लगी... सब रेड़ी हो कर ही भाभी की चुदाई देखने आए थे... वो तो भाभी चुदने मिलने वाली थी इसीलिए नंगी खड़ी थी फिर भी दोनों चुपचाप देख रहे थे...
भाभी: सब रेड़ी तो है... तो मेरा क्या काम है?
रामु: भाभी वो थोडा मस्ती करनी थी...
तेज: ज़रा हलके होने में मदद करो ना...
भाभी: हा हा हा... इसीलिए कहूँ के मामला क्या है.... पर मैं तुम लोगो के साथ कुछ अलग करना चाहती हूँ... क्या बस ठुकाई ही करना चाहते हो? शादी हुई है किसी की?
तेज: अरे शादी नहीं हुई है हम में से किसी की पर शादी मनाई काफी बार है... पर ऐसी शादी नहीं कभी नहीं मनाई जो सामने खड़ी है...
रामु: अब रहा नहीं जा रहा थोडा तो रहम कर दो... क्या अलग करने वाली है तू?
भाभी: वो सिर्फ मुझे पता है... चलो अभी खाना परोसना है...
तेज: कुछ कपडे पहन लो... वर्ना तुजे कोई खाने नहीं देगा...
भाभी: पहन तो लूँ... पर नंगी ही करेंगे बाद में... खाना खाने के टाइम ये कोई वैसे भी शांति से नहीं बैठेगा...
सब हँसने लगे... पर भाभी को एक मस्त एप्रन ये दोनों नौकरो ने दिया... जो लाल रंग का था... भाभी के गोर बदन पर जच रहा था... भाभी ने पहन लिया... तो पीछे से पूरी नंगी... और आगे से मम्मे ढके हुए थे...
रामु: भाभी मम्मे बाहर रख्खो न...
भाभी: तूम लोग को जो करना है आके कर दो... कभी ये कभी वो...
एप्रन से हलके से एक मम्मा बाहर निकाल लिया... भाभी के मम्मे को हल्का सा दबा के निप्पल को चुपके से छु लिए... दोनों भाभी को छूने का कोई भी चांस नहीं छोड़ रहे थे...
भाभी: नंगी ही तो रख्खी हे मुझे... क्या ढका है इसमें? अब ठीक है? खाना गरम करू? सब छुने के बहाने है... जानती हु... आएगी सब की बारी आएगी सबर करो...
और सब हँसने लगे... गरम भाभी खाना गरम कर रही थी, और वो भी सबके बिस्तर गरम करते हुए... कुछ नज़ारा ऐसे दिख रहा था...
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