Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी ने
12-01-2018, 12:22 AM,
#35
RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
मैं ऊपर से नंगा था... मैंने भाभी को मेरी और खीच के शर्ट के अंदर से भाभी को अपने बदन से सटीक दिया... पीछे छे शर्ट हल्का उचा करके कूल्हे पर मैंने हाथ फिराया... और भोलू की और देखा और उनको भी भाभी के कूल्हे का नज़ारा दिखाया...



मैं: मस्त है न?

भोलू: हा... पर... ह्म्म्म... मालिक... वो..



मैंने भाभी को भोलू की और किया और भाभी ने तुरंत अपने शर्ट से खुद को ढक दिया... मैंने भाभी को रोक दिया उसने मेरे सामने डर से देखा और दोनों शर्ट के फीते अलग हो गए और चूत के नज़ारे को दिखाने लगे... भाभी अपने आपको छुपाने के लिए मुझसे फिर से गले लग गई... तो मैंने भाभी का पिछला हिस्सा ऊपर करके वापस गांड के दर्शन भोलू से करवाये... भोलू खुद को संभालने में असमर्थ था... तिस बत्तीस साल का ये भोलू अपना आपा अब खो रहा था... पर खुद पे कंट्रोल कर रहा था...



भोलू: साहेब कोई आ जायेगा... प्लीज़ चले जाओ...

मैं: तू बोल सच में चला जाऊ?

भालू: साहेब हा चले जाओ... यहाँ आने वाले लोग अभी थोड़ी देर में आएंगे वो कोई अच्छी नियत से नहीं आएंगे... कुछ बुरा हो जाएगा...



भाभी तो मुझसे गले लगी हुई थी... मैंने शर्ट को और ऊपर किया और भाभी की गोरी गोरी पीठ भी बताई... पीछे से तो भाभी मानो पूरी नंगी ही थी...



मैं: बोल चला जाऊ? सोच ले... एकबार फिर से...

भोलू: अरे मालिक क्यों परेशान कर रहे हो?

मैं: तो जाऊ या बैठु?

भोलू: मेमसाब से तो पूछो?

मैं: वो सिर्फ मेरी बात सुनती है... और अभी में तुम्हारी... बोल... जल्दी..

भोलू: रुक सकते हो तो रुको...

मैं: तो तेरे ग्राहक?

भोलू: आएंगे तब पीछे कमरे में चले जाना...

मैं: ओके चल तू कहता है तो रुकते है... कहा बैठे बोल?

भोलू: मालिक, आप को जहा ठीक लगे...



मैंने भाभी को मुझसे अलग किया...



मैं: चल अब अंदर जाकर बैठते है....



भाभी ने वापस अपने शर्ट को ठीक से पकड़ना पड़ा ता के चूत के दीदार हो न जाए... मैं और भाभी अंदर वो जहा चाय बना रहा था... वह जगह चैर लगाई... मैंने एक अपने लिए ही लगाई...



मैं: तू अपनी खुद ले कर आ...



ये अब भाभी के लिए खुद को ढकने में चैलेंज था... वो ना नुकुर करती रही.. पर मैंने दबाव दिया...



भाभी: भोलू तू उस साइड देख...

मैं: अरे तू थोड़ी मालकिन है इस जगह की... वो देखना होगा तो देखेगा नहीं तो नहीं देखेगा... तू आ अंदर आके बैठ...



भाभी को पता था के मैं नहीं मानने वाला... भाभी के पास और कोई चारा नहीं था... भोलू एकटुक सब देखे जा रहा था... उसे तो जो भी मिल रहा था जैकपॉट ही था ये सब... भाभी ने हार मानकर चैर उठाई और एक जटके में उसे अपने बदन को ढकने जैसे रख दिया... तो कुछ नज़ारा दिखा तो नहीं पर मैं भोलू को देख समझ गया के उनके मनमे क्या क्या चल गया... भाभी अपने पैर पे पैर चढ़ा के चूत को ढाँके हुए बैठी... और मम्मो भी शर्ट से ढकने का व्यर्थ प्रयोग किया...



मैं: चल कोफ़ी बनाएगा? या इसे देखे ही रहेगा?

भाभी: वो कुछ नहीं बना रहा है... नुकसान पे नुकसान किये जा रहा है...

भोलू: अरे मालिक अभी दस मिनिट में...

मैं: वैसे तू इन्हें घूर क्यों रहा है?

भोलू: (अपना काम चालू रखते हुए) मालिक ऐसा कभी मैंने पहले देखा नहीं है... जो आज मैंने देखा है...

मैं: क्यों? लड़की नहीं देखि?

भोलू: अरे मालिक... काम के बोज़ से कुछ फुरसत मिले तो न?

मैं: शादी नहीं की?

भोलू: शादी कौन करेगा ढाबेवाले से? और कौन करायेगा? घर पे कोई होना भी तो चाहिए...



भोलू अपनी पीठ घुमाए बात कर रहा था... इसीलिए बिना हिचकिच बोले जा रहा था...



मैं: कोई नहीं है मतलब?

भोलू: अरे परिवार में अकेला हूँ.. अनाथ हु... आते जाते राहदारी ही परिवार है... पता नहीं कब से यही हूँ... यहाँ का कोई मालिक था वो गुज़र गया है दस साल पहले तब से यही रोजी रोटी है मेरी...

मैं: ह्म्म्म तो खाना बनाना और चाय वगैरह सब सिख कैसे लिया?

भोलू: बस मालिक काम पर आने से पहले दो तिन जगह होकर आता था... और ऐसे ही सिख सिख के सब चला दिया... और अब चल रहा है...

मैं: वाह, बड़ी हिम्मत है तुज में... चल अगर मस्त कोफ़ी पिलाएगा तो एकदम मजेदार इनाम भी दूंगा... शायद...



भाभी मेरी और देख के धीमे से बोली

भाभी: इसे कुछ नहीं मिलगा इतना काफी है

मैं: आज मेरा जन्मदिन है... और तू मेरी बीवी.. याद है?



वो जूठा सा गुस्सा कर ने लगी... पर वो कुछ नहीं कर सकती थी क्योकि मैं उनका अभी पति हूँ और आज मेरा बर्थडे है... मैंने भोलू के लिए सोच के रख्खा था...



मैं: तो कभी कुछ करने को मन नहीं होता?

भोलू: (शरमा कर) अरे मालिक क्या पूछते हो... मेमसाब के सामने?

मैं: हा तो कोई बात नहीं उसने भी तो मज़े किये... अभी अभी मज़े करके ही तो आई है.. है न डार्लिंग? तू अपना बता...

भोलू: नहीं मुझे शरम आती है...

मैं: अरे बोल न... इधर शरम आती है तो उधर देख के ही बोल...

भोलू: मालिक मेमसाब बुरा नहीं मानेगी न?

मैं: नहीं मानेगी बोल...

भोलू: मन तो बहोत होता है... पर हाथ से काम चलाना पड़ता है... यहाँ ढाबे पे भी तो आप आये उससे पहले कोई लड़की... मेरा मतलब ये जगह अच्छे लोगो के लिए नहीं है ऐसा लोग मानते है तो कोई आता नहीं... सिर्फ ट्रक वाले ही आते है...

मैं: ये मेरी बीवी है...

भोलू: हा मालिक नसीब वाले हो आप...

मैं: तू उनसे बाते कर... मैंने काफी ड्राइविंग की है थक गया हूँ... मैं यहाँ पर लेटा हु थोड़ी देर... कोई आये तो इसे अंदर भेज देना...

भोलू: मालिक कोफ़ी तो पिलो...

मैं: तुम दोनों पीओ मुझे नींद की ज़रूरत ज्यादा है...



अब मैं उनके पीछे थोड़ी जगह थी वहा जाकर सोने का नाटक करने लगा... मुझे अब देखना था के भाभी और भोलू आगे क्या करते है...



भोलू: लीजिए कोफ़ी मेमसाब...

भाभी: आजा तू भी कोफ़ी लेकर...

भोलू: वो आप पीजिए न... मैं... फिर... मेरा ध्यान...

भाभी: रिलेक्स... मेरे पति ने तुजे मुझसे बाते कर ने को बोला है फिर क्यों डरता है?

भोलू: अरे ऐसे नहीं होता न... मैं कुछ गलत कर जाऊ तो वही मालिक मुझे मार मार के भरता बना देंगे...

भाभी: अजी सुनते हो? ये अगर मेरे से कुछ बात करे या कुछ उल्टा सुलटा करे तो आप को कोई दिक्कत है?

मैं: अरे मुझे सोने दो न... जो करना है करो मुझे मत जगाना अगले एक घंटे तक... तुजे जब बुरा लगे तो मुझे उठाना...



मैंने खुली छूट दे दी... पर ज़रूरी है भोलू की आज़ादी...



भाभी: देख लिया...अब बोल... आजा मेरे पास बैठ जा...

भोलू: बढ़िया तो फिर... पर आप लोग हो कहा से...

भाभी: बाजु के शहर से...

भोलू: ह्म्म्म शरीर से ही शहरी लग ही रहे हो...

भाभी: शरीर से?

भोलू: हा वही तो... गोरा गोरा बदन... मालिक का भी है देख के पता चल जाता है...

भाभी: और मैं?

भोलू: (नीची मुंडी किये) आप तो स्वर्ग से उतरे अप्सरा के तरह हो...

भाभी: कभी लड़की को छुआ तक नहीं पर सोच तो बहोत गहरी है...

भोलू: अरे मूवी देखते है न... बी ग्रेड मूवी देखते है तब...

भाभी: अच्छा... बी ग्रेड मूवी देखते हो आप महाशय?

भोलू: अरे मेमसाब... क्या करे हलके होने के लिए...

भाभी: पोर्न नहीं देखता?

भोलू: (एकदम लाल जो गया) अरे मेमसाब क्या बोल रही हो... एक दो दफा देखि थी... उसमे तो विदेशी औरते क्या जलवे दिखाते है... एक बात बोलुं? अगर बुरा न माने तो?

भाभी: हा बोल...

भोलू: आप न एकदम उनके जैसे ही दीखते हो...

भाभी: हा हा हा... कपडे से या दिखने पर?

भोलू: दोनों तरीको से...

भाभी: अच्छा जबान अच्छी चलने लगी तेरी अब...

भोलू: अरे मैंने पहले ही बोला था... माफ़ कर दो मेमसाब...

भाभी: हा हा हा मज़ाक कर रही हूँ... तो तू पोर्न भी नहीं देखता?

भोलू: कहा मेमसाब यहाँ तो टीवी देखने को भी नहीं मिलता...

भाभी: काफी बोरिंग लाइफ नहीं जी रहा तू?
भोलू: क्या कर सकते है... लोग बाते करते है तो लगता है की मेंढक बन के रह गए है...
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