Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
जीवन एक संघर्ष है
दोस्तो एक और कहानी के अपडेट देना शुरू कर रहा हूँ इस कहानी की बिंदास ने लिखा है इसलिए इसका क्रेडिट असली राइटर को ही जाना चाहिए
मेरे जीवन की एक अनोखी काल्पनिक संघर्षगाथा है जिसमे मेरे जीवन के अनछुए पहलुओ को कहानी के माध्यम से आपके समक्ष पेश कर रहा हूँ ।
कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है ।
यदि किसी नाम स्थान या घटना के अनुरूप सम्बन्ध जुड़ता है तो ये एक मात्र संयोग होगा ।कहानी पुर्णतः मनोरंजन के लिए प्रकाशित की जा रही है ।
मेरा प्रयास रहेगा की समय समय पर आपको अपडेट देता रहूँ।
कहानी का पूरा एन्ड भी होगा ये मेरा वादा है ।
तो चलिए मित्र आज आपको इस कहानी के
जीवन संघर्ष से रु-ब-रु करवाते हैं।
परिचय-
मेरे पिताजी भानु प्रताप जी
मेरे जन्म के 2 वर्ष बाद ही एक एक्सीडेंट में मारे गए । लाश का भी पता नहीं चला
मेरी माँ- रेखा 42 वर्ष ।
जिन्होंने मुझे लाड प्यार से पाला । पिताजी का न होते हुए भी बड़े संघर्ष से इस घर के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम किया।
मेरी दीदी-पूनम 24 वर्षीय हैं ।पैसे के अभाव में 12वीं के बाद पढ़ाई नहीं कर पाई
घर पर ही रहती हैं।
दूसरी दीदी- तनु 23 वर्षीय हैं। इन्होंने भी 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी पैसे के अभाव में ।
में सूरज 21 वर्षीय 11वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
पारवारिक जीवन खुशहाल रहे । दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम के लिए खेतों में लकड़ी काट कर घर चलाने का प्रयास करता हूँ।
कहानी में और भी पात्र हैं समयनुसार आपको अवगत करवाता रहूँगा ।
|