RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
शैली-" कोल्ड ड्रिंक पसंद नहीं है तो दूध पिओगे" शैली के इस धमाके से सूरज हिल जाता है और शैली के बूब्स की ओर देखने लगता है । शैली को सूरज को तड़पाने में बड़ा आनंद आ रहा था । सूरज ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की शैली उससे इतना खुल कर बात करेगी ।
शैली-" बोलो न सूरज दूध पिओगे? एक गिलास ले आऊं दूध किचेन से ।शैली बात को संभालते हुए बोली ।
सूरज बड़ा सुकून मिलता है की शैली अपने दूध की नहीं किचेन में रखे दूध पिने के लिए बोल रही है ।
सूरज-" नहीं दीदी बस, अब कुछ नहीं" सूरज के मुख से शब्द भी नहीं निकल रहे थे । शैली सूरज की हालात को देख कर मुस्कराती हुई किचेन में चली गई ।
सूरज अभी भी सोफे पर बैठा शैली के बारे में सोच रहा था, शैली का जिस्म और सुन्दर रूप सूरज के दिलो दिमाग पर प्रहार कर चुकी थी । बार बार उसकी नज़रे शैली के गोलाकार नितम्ब पर टिक जाती थी ।
सूरज के जीवन में यह पहली घटना थी कीसी लड़की के वक्ष स्थल को स्पष्ट तरीके से मुयायना करना,शैली के स्तन का आकार 34D से कम नहीं था और नितम्ब भी बहार की ओर निकले हुए थे ।
सूरज अपने मन पर काबू करता है और अपना ध्यान शैली से हटाने का प्रयास करता है । शैली तनु दीदी की सहेली है और हमेसा शैली को एक बहन की नज़रो से ही देखा है । पुरे विस्व में भारत ही एक ऐसा देश हैं जहां लड़का एक बार किसी से रिश्ता जोड़ ले फिर कभी उसके बारे में गलत नहीं सोचता।लेकिन यहां लगती सूरज की नहीं थी वल्कि शैली की थी जिश्म की आग को शांत करने के लिए किसी भी हद तक जाने वाली लड़की थी । बड़े बड़े धुरंदर शैली के bf हुए जो शैली के जिस्म की आग शांत करने का दावा करते रहे लेकिन कोई भी उसकी आग शांत नहीं कर पाया ।
शैली सूरज के कठोर जिस्म,लंबा तगड़ा शरीर को देख कर सम्मोहित थी ।उसके लम्बे शरीर को देख कर उसके लिंग का मापन अपनी कल्पनाओं में करती थी ।
कई बार मूली,खीरा को अपनी प्यासी चूत में डालकर सूरज के कठोर और सख्त लंड की कल्पना कर चुकी थी ।
सूरज अपनी सोच में डूबा देख शैली और तनु उसके पास आकर सोफे पर बैठ जाती है ।
सूरज सोचता है की आज शैली का जन्मदिन है और घर पर कोई चौथा इंसान इस घर में दिखाई नहीं दे रहा है ।
सूरज-" शैली से! दीदी आज आपका जन्मदिन है और घर में कोई दिखाई नहीं दे रहा है?
शैली-" मम्मी पापा बिजनेस ट्रिप पर गए हैं ।में घर पर अकेली थी, तो सोचा तनु और तुम्हे बुलाकर ही अपना जन्मदिन मना लू ।
सूरज-" लेकिन दीदी सिर्फ हमदोनो को ही क्यूँ बुलाया आपने और भी तो आपके रिलेटिव होंगे,
शैली-" जो लोग दिल के सबसे करीब होते हैं उन्हें ही बुलाया जाता है, और किसी को मेरी फ़िक्र ही नहीं है, मेरे मम्मी पापा को तो मेरा जन्म दिन याद ही नहीं है।उनके लिए उनका बिजनेस से बढ़कर कुछ नहीं है" शैली भावुक होकर बोली
तनु-" कोई नहीं शैली हम न, यादगार जन्मदिन मनाएगें तेरा"
सूरज-" हाँ दीदी आप परेसान मत हो,
हम तीनो लोग ही काफी है धमाकेदार जन्मदिन मनाने के लिए" शैली यह सुनकर खुश हो जाती है ।
तनु-" शैली यह बता तूने क्या क्या तैयारी की है, खाने में क्या बनाया है"
शैली-" मैंने रोस्टेड चिकेन, चिकेन कोरमा, बिरयानी बनाई है"
सूरज-" वाह्ह दीदी, जल्दी से केक काटो फिर खाना खाते हैं"
तनु-" चलो में जल्दी से केक काटने के तैयारी करवाती हूँ, शैली किस रूम में केक काटना है?? उसी रूम को तैयार कर देती हूँ"
शैली-" केक यहीं लॉन में सोफे पर बैठ कर काटूंगी और यहीं बैठ कर खाना खा लेंगे"
शैली का घर बहुत बड़ा था नीचे बहुत बड़ी लॉन थी जिसमे चार सोफे पड़े थे दीवार पर बहुत बड़ी LCD TV लगी हुई थी । नीचे दो रूम और एक गेस्ट रूम था बराबर में किचेन और डायनिंग टेवल थी । ऊपर शैली का रूम था और बराबर में स्टडी रूम था जिसमे कम्प्यूटर और म्यूजिक सिस्टम लगा हुआ था ।
तनु और शैली किचेन में रखे फ्रिज से केक निकाल कर सोफे के बीच में रखे टेबल पर रख देती हैं ।
तभी तनु बोलती है थोडा म्यूजिक होता तो मजा ही आ जाता ।
शैली-" म्यूजिक ऊपर स्टडी बाले रूम में लगा है उसको अभी यहीं नीचे सेट करवा देती हूँ, सूरज तुम मेरे साथ चलो म्यूजिक ऊपर अलमारी में लगा है उतरवाने में मेरी मदद करो"
सूरज-" ठीक है दीदी चलो" सूरज थोडा घबरा भी रहा था
शैली-" तनु तुम जब तक किचेन में सलाद काटकर रखो"
तनु-" okkk
शैली सूरज को ऊपर रूम में लेकर जाती है।
म्यूजिक सिस्टम का बॉक्स ऊपर की अलमारी में रखा था। अलमारी बहुत ऊँचाई पर थी ।
शैली-" सूरज म्यूजिक ऊपर अलमारी से कैसे उतारा जाए ?
सूरज-" दीदी आप स्टूल पर चढ़कर उतार लो" शैली के दिमाग में तभी एक प्लान आता
शैली-' रुको में बहार से स्टूल लेकर आती हूँ । शैली बहार जाकर अपनी पेंटी उतार देती है शैली मिनी स्कर्ट पहनी होती है जो उसकी जाघों तक ही थी। शैली की शैतानी खोपड़ी कई गुना तेज चलती है ।आज उसने सूरज को अपनी चूत दिखाने का पूरा मन बना लिया था । शैली जल्दी से स्टूल लेकर रूम में जाती है और अलमारी के नीचे सेट कर उसपर खड़ी होने लगती है ।
शैली-" सूरज तुम स्टूल को पकड़ो" सूरज स्टूल को पकड़ कर खड़ा हो जाता है,
शैली की कमर की तरफ सूरज का मुँह होता है ।सूरज को चूत के दर्शन कराने के बारे में सोच कर शैली की चूत से कामरस की कुछ बूदें निकलने लगती है ।
शैली म्यूजिक सिस्टम को निकालने की कोसिस करने लगती है उसका हाथ वहां तक पहुँच नहीं पा रहा था ।
शैली पंजो के बल पर खड़ी होने का प्रयास करती है लेकिन खड़ी नहीं हो पाती है ।
शैली-" सूरज स्टूल को छोड़ कर मेरी कमर को पकड़ो, मेरा हाथ अंदर नहीं पहुच पा रहा है"
सूरज कपकपाते हुए हाथो से शैली की कोमल कमर को जैसे ही पकड़ता है शैली और सूरज के जिश्म में सैलाव सा आ जाता है । शैली की सिसक भरी सिसकी निकल जाती है और उसकी चूत से कामरस की दो चार बुँदे निकलने लगती हैं ।
सूरज जैसे ही शैली की कमर को पकड़ता है उसकी नाक शैली की चूत के सामने आ जाती है । शैली बड़ी चालाकी से अपनी स्कर्ट को ऊपर की ओर खींच लेती है जिससे उसकी चूत सूरज की आँखों से सामने आ जाती है । सूरज ने जैसे ही शैली की चूत को देखा उसके लंड ने पेंट के अंदर खुली आज़ादी के जंग के लिए बगावत कर दी ।वो आज़ाद होना चाहता था शैली की रणभूमि चूत से जंग लड़ना चाहता था । लंड की खूंखार अकड़ और बार बार तोप सामान सलामी से उसके जिश्म और दिमाग में एक क्रान्ति पैदा हो गई थी सूरज ने कभी किसी के साथ सम्भोग नहीं किया लेकिन काम क्रिया के सभी ज्ञान से परिचित था।शहर में आने के बाद और इंस्टिट्यूट में दोस्तों के द्वारा अक्सर सेक्स ज्ञान सुनता रहता था ।
शैली जैसे ही पंजो के बल ऊपर की ओर उचक्ती है उसकी चूत सुरज की नाक की नोक से रगड़ जाती है और चूत से निकले कामरस उसकी नाक पर बहने लगता है ।
शैली की मुह से सिसकारी फूटने लगती है लेकिन बड़ी हिम्मत के साथ अपनी आवाज को निकलने नहीं देती है । सूरज पूरी तरह से सेक्स की आग में झूलसने लगता है ।अपने आपको बड़ी हिम्मत के साथ कंट्रोल करता है । सूरज की जगह अगर कोई और लड़का होता तो अबतक पटक कर उसकी चूत की धज्जियाँ उडा देता लेकिन वह मजबूर था वह अपनी मर्यादा को पार नहीं करना चाहता था ।
सूरज के दोनों हाथ शैली की कमर पर थे और उसकी चूत अभी भी उसकी नाक की नोक से रगड़ रही थी, सूरज की नज़र शैली की हलके बालो से हरी भरी रसीली चूत पर टिकी हुई थी शैली जैसे ही पंजो के बल ऊपर की और उचकाती उसकी चूत में सूरज की नाक की नोक घुस जाती शैली को ऐसा करने में ही बड़ा मजा आता है और सोचती है सूरज की नाक के रगड़ने से इतना मजा आ रहा है अगर लण्ड को चूत में घुसवाया तो कितना मजा आएगा इसी बात को सोचते हुए उसकी चूत से पानी बहने लगता है और सूरज की नाक से बहते हुए उसके होंठो तक पहुचने लगता है । सूरज की नाक जैसे ही शैली की चूत में घुसती उसकी चूत की मादक सुघंध सूंघ कर उसका लण्ड फनफनाने लगता और नसे फूलने लगती ।
शैली की चूत का रस नाक से होते हुए उसके होठों तक बहने लगता है सूरज पर रहा नहीं जाता और शैली के कामरस को होठों पर
जीव्ह के माध्यम से चाटने लगता है ।
शैली के कामरस का स्वाद
नमकीन और कसेला था सूरज सारा पानी चाट गया। सूरज का मन कर रहा था की शैली की चूत में जीव्ह डाल कर उसकी चूत का सारा पानी पी जाए लेकिन डरता था ।
शैली और सूरज दोनो जिश्म जिस्म की भड़ास और हवस को शांत करने के में जुटे हुए थे । हालांकि दोनों अनजान बनकर ही एक दूसरे के नज़दीक आ रहे थे ।
शैली की चूत बार बार रगड़ खाने से चर्मसीमा के नजदीक पहुँच जाती है ।
म्यूजिक का डिब्बा पकड़ने के लिए बार बार उचकने से उसकी चूत से कामरस का सैलाव और चरम स्खलन की तीब्रता बढ़ जाती है । सूरज भी इस हवस के चरम स्खलन अपने लण्ड महसूस करता है और शैली की कमर को तेजी से पकड़ कर अपनी नाक चूत में बलपूर्वक घुसाने का प्रयत्न करने लगता है ।
सूरज के इस साहसी बल और कामोत्तेजना को महसूस करती है और चूत को के छेड़ में सूरज की नाक की नोक को अंदर महसूस करते हुए उसका जिस्म में एक अकड़न पैदा होती है। शैली की चूत से कामरस की बौछार सूरज की नाक और मुँह पर होने लगती है । इधर सूरज भी पेंट के अंदर की थोडा सा झड़ जाता है लेकिन पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पाटा है ।
सूरज जेब से रुमाल निकालता है और मुँह पर लगे कामरस, चूत रस को साफ करता है और पानी को चाट जाता है ।
शैली के झड़ते ही उसे कमजोरी का अहसास होता है।शैली इस बात से अनजान थी की चूत का पानी सूरज ने चाट कर देखा है । सूरज पूरी तरह से हवस में डूब चूका था, दुबारा मौका मिला तो वह चुकेगा नहीं ।
पहली चुदाई का उदघाटन शैली की चूत से ही करेगा । यदि आज नीचे तनु न होती तो शायद अभी इसी वक़्त पटक के चोद भी देता ।
शैली ने जैसा सोचा उससे ज्यादा उसको मजा आया । स्त्री के पास दुनिया का सबसे बड़ा हथियार उसका जिस्म और सूराख ही है। बड़े बड़े महात्मा भी स्त्री के सामने पानी मांग गए तो सूरज जैसे एक तुच्छ इंसान की औकाद ही क्या ।
शैली अपनी काम्यावी पर खुश थी लेकिन यह तो सिर्फ सुरुआत थी जब तक सूरज का लण्ड अपनी चूत में न घुसवा ले तब तक उसे चैन कहाँ था ।
तभी नीचे से तनु की आवाज़ आती है ।
तनु-' अरे जल्दी आजा शैली, क्या हुआ इतनी देर क्यूँ लगा दी" नीचे से ही आवाज़ लगाती है ।
शैली-" अभी आई तनु बस पांच मिनट रुक"
शैली सूरज का कन्धा पकड़ कर नीचे उतरती है ।
शैली-" सूरज संभाल कर पकड़ लेना, म्यूजिक साउंड बहुत अंदर की ओर है इसलिए रहने दो टीवी पर ही सांग चला लेंगे"
सूरज-" ok कोई नहीं दीदी, आप आओ, गिरने नहीं दूंगा" सूरज शैली की कमर को पकड़ कर गॉद में उठाकर नीचे उतार देता है ।
शैली के बूब्स सूरज के मुँह पर दब जाते हैं ।
सूरज-" दीदी आप तो बहुत हलकी हो"
शैली-" हाँ सूरज, खाना पीना शारीर के सिर्फ दो ही जगह लगता है इसलिए ऊपर और नीचे का आकर बढ़ गया है वाकी जगह नहीं" शैली अपने बूब्स और नितम्ब की ओर देखते हुए बोलती है ।सूरज शैली का इशारा समझ जाता है और शर्मा जाता है । अभी की चूत रगड़ाई की घटना को अनजान तरीके से पर्दा डाल दिया था जैसे कुछ हुआ ही न हो और सामान्य तरीके से बात कर रहे थे ।
सूरज-" (बूब्स और नितम्ब देखते हुए) हाँ दीदी यह तो सच है शारीर का विकास सिर्फ दो ही जगह हुआ है" और हँसने लगता है ।तभी शैली की नज़र सूरज की पेंट पर पड़ती है जहां सूरज के वीर्य से भीगी हुई थी ।
शैली-" अरे सूरज तेरी पेंट कैसे गीली है" शैली सूरज के लण्ड की ओर इशारा करती है । सूरज के होश उड़ जाते हैं, उसका लण्ड अभी भी पेंट के अंदर तम्बू की तरह खड़ा था । शैली जानबूझ कर उसे उकसा रही थी । शैली चाहती थी की सूरज उसके साथ थोडा खुल जाए फिर तो उसका लण्ड लेने में आसानी होगी।
शैली-" अरे सूरज ये तुम्हारी पेंट गीली कैसे हो गई? सूरज हड़बड़ा जाता है यह सुनकर, सूरज स्वयं झुककर पेंट की तरफ देखता है चैन के पास वीर्य के निकलने से थोडा सा हिस्सा गिला था ।
सूरज-" दीदी पसीना से भीग गई है" सूरज के मुख से बड़ी मुश्किल से झूठ निकला लेकिन शैली अच्छी तरह से जानती थी की ये वीर्य के निसान है ।शैली कामयावी की कुटिल मुस्कान के साथ बोलती है ।
शैली-" लोगों के माथे से पसीना टपकता है तेरे निचे से पसीना निकलता है, ऐसा लग रहा है तूने पिशाव कर ली हो" हस्ते हुए बोलती है ।
सूरज अपनी शर्ट को पेंट के अंदर से निकाल लेता है ताकी उसका गीलापन छुप जाए ।
तनु देखेगी तो पता नहीं क्या सोचेगी ।
शैली हँसते हुए निचे चलने के लिए बोलती हैं क्यूंकि तनु बहुत देर से बुला रही थी यदि ज्यादा देर रुके तो ऊपर भी आ सकती थी । दोनों लोग जैसे ही नीचे पहुँचते है शैली खुश हो जाती है तनु ने केक काटने की सारी तैयारियां कर ली थी ।
तनु-" क्या हुआ म्यूजिक सिस्टम लेकर नहीं आई?
शैली-" म्यूजिक सिस्टम बहुत ऊँचाई पर रखा है इसलिए निकाल नहीं सकी, टीवी और मोबाइल पर ही गाने बजाकर मन बहला लेंगे" शैली ने सफाई दी ।
तनु-" ठीक है शैली, बहुत देर हो गई है जल्दी से केक काट तू" शैली को चाक़ू देकर बोली तनु,
शैली केक काटती है । सूरज और तनु Happy birth Day Shaili" बोलकर wish करते हैं ।
तनु और सूरज केक शैली को खिलाते हैं ।
शैली केक का टुकड़ा लेकर सूरज और तनु को खिलाते हैं ।
तनु केक के ऊपर की क्रीम लेकर शैली के मुँह पर लगा देती है, शैली भी कम नहीं पड़ती है वो भी केक तनु के मुँह पर लेप देती है । सूरज उनदोनो को देख कर हंस रहा था ।
शैली बहुत सारा केक लेकर सूरज के मुह पर जबरदस्ती पोतने लगती है ।
सूरज अपना पीछा छुड़ाने के लिए बराबर में गेस्ट रूम में घुसता है लेकिन आज शैली कोई मौका कहाँ छोड़ने वाली थी, सूरज के पीछे भागती हुई गेस्ट रूम में आकर सूरज को कस कर दबौच् लेती है ।सूरज को कस कर पकड़ने के कारण शैली के बूब्स उसके टॉप से आधे से ज्यादा बहार निकल आते हैं । सूरज की नज़र शैली के उछलते हुए बूब्स पर पड़ती है,उसका पप्पू पेंट में सलामी मारने लग जाता है ।
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