RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
आज तनु दीदी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना कर मेरे अंदर एक और हवस की चिंगारी पैदा कर दी थी अब ये हवस की आग मुझे सम्भोग करने के लिए बार बार प्रेरित कर रही थी । मेरा मन बार बार सम्भोग करने के लिए उकसा रहा था ।
यही सब सोच ही रहा था तभी मेरा मोबाइल बजा, तनु की कोल थी, रात के 11 बज रहे थे । मैंने तुरंत फोन उठाया ।
तनु-" हेलो सूरज, सोए नहीं अभी तुम"
सूरज-" दीदी नींद नहीं आ रही थी, आप भी अभी तक सोई नहीं,
तनु-" आज नींद नहीं आ रही है सूरज, तुझे बहुत मिस्स कर रहीं हूँ"दीदी ने कामुक आवाज़ में बोला
सूरज-" दीदी मेरी याद आ रही है किसी ओर की" मैंने मजा लेते हुए बोला
तनु-" तेरी याद भी आ रही है और उसकी भी" दीदी का इशारा मेरे लंड की ओर था
सूरज-" पूनम दीदी कहाँ है, आपके पास तो नहीं हैं"
तनु-" पूनम दीदी अपने रूम में सो रहीं है, में अपने रूम में लेटी हूँ"
सूरज-" दीदी सो जाओ आप, बहुत थक गई होगी आप आज, कल में आऊंगा घर पर"
तनु-" ok सूरज, कल जरूर आना, में इंतज़ार करुँगी"
में आज बहुत थक गया था इसलिए नींद आ रही थी मुझे । बिस्तर पर लेटते ही मुझे नींद आ गई । सुबह सात बजे माँ के उठाने पर में उठा ।
संध्या-" गुड मॉर्निंग बेटा उठो आज कंपनी जाना है तुम्हे, जल्दी उठ कर फ्रेस हो जाओ।
में जल्दी से फ्रेस हुआ, मैंने और तान्या दीदी ने खाना खाया ।
संध्या-" तान्या बेटा सूर्या आज पहली बार कंपनी जा रहा है इसको अच्छे से समझा देना"
तान्या-" ये कोई बच्चा नहीं ये माँ, कंपनी जाएगा तो अपने आप सब सीख जाएगा" गुस्से से बोली,
तान्या दीदी की इतनी नफरत देखकर मेरा तो मूड ही खराब हो गया,
तान्या ने खाना खाया और कंपनी के लिए अकेली निकल गई, मुझे साथ लेकर भी नहीं गई ।
सूरज-" माँ दीदी तो मुझे लेकर ही नहीं गई,
दीदी इतना गुस्से में क्यूँ रहती हैं अभी तक,
संध्या-" बेटा वो पुरानी बातें अभी तक भूली नहीं है, तूने भी तो उसे बहुत रुलाया है, उसे कभी एक भाई का साथ नहीं मिला इसलिए अकेले दम पर उसने जीना सीखा है बेटा,
सूरज-" माँ क्या में तान्या दीदी से लड़ता था?"
संध्या-" लड़ाई कहाँ होती थी तुम दोनो में युद्ध होता था, खैर अब तू उन बातों को भूल चूका है इसलिए में चाहती हूँ तू नई जिंदगी प्यार और परिवार के साथ बिता, बेटा बहुत दुःख सहा है उसने अब तेरा फ़र्ज़ बनता है की तू उसे एक भाई की तरह अपनी जिम्मेदारी निभा"
सूरज-" माँ मुझे नहीं पता मेरा अतीत कैसा था लेकिन आज में आपसे वादा करता हूँ आज के बाद में इस घर को खुशियों से भर दूँगा, तान्या दीदी को यह अहसास दिलाकर ही दम लूंगा की में उनका सबसे अच्छा भाई हूँ, एक दिन देखना माँ दीदी मुझसे जरूर प्यार से बात करेंगी और मुझपर गर्व करेंगी" में रुआसां हो गया था । माँ की आँख में भी मेरी बात सुनकर पानी आ गया था, मैंने माँ की आँखों से आंसू साफ़ किए, माँ ने मुझे गले से लगा लिया ।
संध्या-" बेटा आज में बहुत खुस हूँ, पहली बार तेरे मुह से यह बात सुनकर धन्य हो गई, शायद भगवान् ने मेरी सुन ली और मेरा बेटा मुझे लौटा दिया, में भगवन से दुआ करुँगी की तेरी यादास्त कभी वापिस न लौटे, मुझे हमेसा तू ऐसा ही चाहिए"
सूरज-" माँ आप फ़िक्र मत करो, आज के बाद आपको कोई तखलीफ नहीं होगी, मेरी बजह से,
संध्या-" बेटा तू ड्राइवर को लेकर कंपनी चला जा, वहां तुझे कंपनी के मेनेजर सब समझा देंगे, और हाँ तान्या की बात का बुरा मत मानना बेटा"
सूरज-" ठीक है माँ" में ड्राइवर को लेकर कंपनी पहुचा, आज पहली बार मैंने अपनी कंपनी को देखा तो मेरी भी आँखे फटी की फटी रह गई, कंपनी में घुसते ही बोर्ड लगा था मेरे नाम का जिस पर सूर्या लिमटेड कंपनी लिखा था । जैसे ही में कंपनी के मैंन गेट पर पंहुचा गाडी से उतर कर तो गार्ड ने मुझे सेल्यूट किया, जीवन में पहली बार राजा महाराज बाली फिलिंग्स आई ।
में मैन गेट से कंपनी के अंदर पंहुचा तो देखा पूरी कंपनी का मैन ऑफिस आलीसान बना हुआ है, बहुत सारे लोग काम कर रहे थे ।
मेरी कंपनी कपड़ो का व्यापार करती थी जिसमे बहुत सारे कपडे बनते थे जो विदेशो में जाते हैं ।
मैं ऑफिस की तरफ गया तभी एक लड़की मेरे पास आई ।
लड़की-" आप कौन है, यहां क्या कर रहें हैं" में तो उसे देख कर दंग ही रह गया, शायद ये कंपनी में नई आई है इसलिए सूर्या को नहीं जानती होगी ।स्कर्ट और शर्ट पहनी हुई थी में समझ गया ये जरूर सेक्रेटरी होगी ।
मैंने-" में इस कंपनी को देखने आया था,
लड़की-" क्या देखने आए थे, आपको घुसने किसने दिया, कोई भी मुह उठाकर चला आता है, चलो बहार जाओ" लड़की गुस्से में बोली, तभी तान्या दीदी ऑफिस की केबिन से बहार निकली, उन्हें लगा शायद में उस लड़की से झगड़ रहा हूँ ।गुस्से से मेरी तरफ आई ।
तान्या-" तू कभी सुधर नहीं सकता है, पहले दिन कंपनी में आकर तू मेनेजर गीता मेम जी से लड़ने लगा" लड़की एक दम चोंक गई ।
मेनेजर गीता(लड़की का नाम है)"- मेम क्या आप इन्हें जानती है,
तान्या-" हाँ ये सुर्या है" जैसे ही लड़की ने मेरा नाम सुना एक दम चोंक गई ।
गीता-' ओह्ह्ह सॉरी सर मुझे पता नहीं था की आप सूर्या हैं, में नई आई हूँ इस कंपनी में, तान्या मेम इनकी कोई गलती नहीं है, में ही सूर्या सर को पहचान नहीं पाई"
मैंने-" कोई बात नहीं गीत जी, बस आपसे एक निबेदन है की मुझे कंपनी के बारे में सब कुछ समझा दीजिए आज के बाद में रौज कंपनी आया करूँगा" तान्या अपने ऑफिस में चली गई थी ।
गीता-" सर आइए में पहले आपका ऑफिस दिखा दूँ फिर कंपनी के बारे में समझा दूंगी"
मैंने सबसे पहले अपना ऑफिस देखा बहुत अच्छा था । फिर गीता ने पूरी कंपनी दिखाई । कंपनी के सभी आर्डर और आय व्यय की फाइले दिखाई ।
पूरा दिन ऑफिस के कामो को सीखते और जानने में निकल गया ।
पहला दिन बहुत अच्छा गुजरा, शाम को में घर पहुँचा, तान्या दीदी पहले से ही घर आ चुकी थी तभी मुझे तनु दीदी की याद आई, कंपनी के चक्कर में तनु दीदी को भूल गया ।
में घर पंहुचा तो माँ तुरंत मेरे पास आई ।
कंपनी में पहला दिन कैसा गुज़रा यही सब जानने की उत्सुकता माँ के चेहरे पर साफ़ दिखाई दे रही थी ।
संध्या-" अरे बेटा तुम आ गए, कैसा लगा आज कंपनी जाकर, कोई परेसानी तो नहीं हुई बेटा"
सूरज-" आज का दिन बहुत अच्छा गुज़रा माँ, पहले दिन ही में सब कुछ जान गया, अब हर रौज कंपनी जाया करूँगा"
संध्या-" में आज बहुत खुश हूँ बेटा तूने अपनी जिम्मेदारी संभाल ली, चल जल्दी से फ्रेस हो जा में खाना लगाती हूँ"
सूरज-" ठीक है माँ, बस अभी फ्रेस होकर आया" में ऊपर गया, फ्रेस होकर नीचे आकर खाना खाया, आज पुरे दिन कंपनी को समझते समझते मानसिक रुप से थक गया था इसलिए ऊपर अपने रूम में आकर बिस्तर पर लेट गया ।
धीरे धीरे इस घर की सभी जिम्मेदारी को संभालता जा रहा था में, बस एक ही बात को लेकर चिंतित था की सूर्या कैसा था, आखिर उसने ऐसा क्या किया, मंदिर में गुंडे माँ को क्यूँ मारना चाहते थे ऐसा सूर्या ने क्या किया, माँ और तान्या से तो पूछ नहीं सकता सूर्या के बारे में मुझे ही इन सवालो के जवाब ढूंढ़ने होंगे, तभी मेरे दिमाग में एक आयडिया आया की क्यूँ न सूर्या के लेपटोप को खोलकर देखा जाए शायद उसके कुछ दोस्तों के बारे में पता चल जाए ।
मैंने तुरंत सूर्या का लेपटोप अलमारी से निकाला और उसे स्टार्ट किया। 5 महीने कंप्यूटर की पढ़ाई करने से में कंप्यूटर के बारे में बहुत कुछ सीख गया था ।
मैंने my computer खोल कर देखा तो बहुत सारे फोल्डर बने हुए थे । मैंने एक एक करके सभी फोल्डर खोलकर देखने लगा ।
एक फोल्डर में सूर्या के और उसके दोस्तों के साथ बहुत सारे फोटो थे । ये फोटो स्कूल के समय के थे जिस समय सूर्या मुम्बई में पढता था । मैंने एक एक करके बहुत सारे फोल्डर चेक किए लेकिन कोई सूर्या के बारे में जानकारी नहीं मिली तभी मेरे दिमाग में एक और आयडिया आया मैंने hide फाइले को unhide किया तभी बहुत सारे फोल्डर खुल कर मेरे सामने आ गए ।
मैंने एक फोल्डर खोला जिस पर शिवानी लिखा हुआ था, फोल्डर को खोलते ही उसमे वीडियो थी मैंने एक वीडियो ओपन की तो देखा सूर्या शिवानी नाम की लड़की को चौद रहा था । मैंने एक एक करके बहुत सारी वीडियो देखी जिसमे सूर्या के साथ अलग अलग लड़की थी । दूसरा फोल्डर खोला तो उसमे सूर्या एक आंटी के साथ सेक्स कर रहा था, सूर्या उस औरत को आंटी कह कर पुकार रहा था, मैंने कभी उस औरत को नहीं देखा था, दूसरी वीडियो में सूर्या इसी कमरे में एक औरत को जबरदस्ती चोद रहा था, औरत सूर्या को मना कर रही थी, सूर्या नशे की हालात में था । सूर्या बहुत अय्यास प्रवती का था ये में जान गया था । मैंने एक एक करके सभी वीडियो देखी तभी मैंने एक वीडियो का नाम पढ़ा जिस पर तान्या फ्रेंड सोनिया लिखा था । मैंने वीडियो को प्ले किया तो देखा सूर्या एक लड़की को सोनिया दीदी कह कर बुला रहा था । लड़की देखने में बहुत सुन्दर थी, मैं वीडियो में उन दोनों की बाते सुनने लगा ।सूर्या ने जितनी लड़कियों के साथ सेक्स किया उनकी वीडियो बना लेता था, कैमरा छुपा कर ।
वीडियो में सोनिया नाम की लड़की थी जिसको सूर्या नंगा कर रहा था ।
इसी रूम में बनाई गई वीडियो थी ।
सोनिया-" सूर्या मुझे डर लग रहा है कहीं तान्या न आ जाए"
सूर्या-" तुम चिंता मत करो सोनिया दीदी, तान्या मेरे रूम में नहीं आएगी, तुम जल्दी से मेरे लंड की गर्मी शांत कर दो"
सोनिया-" तान्या को पता चल गया तो मुझे मार डालेगी सूर्या,
सूर्या-" आएगी तो साली को यहीं पटक के मुँह फोड़ दूंगा उसका, मेरे हर काम में टांग अड़ाती है"
सोनिया-" तुम्हे क्या हो गया है इतनी नफ़रत क्यूँ करते हो एकदूसरे से,
सूर्या-" तुम उसका नाम मत लो मेरा लंड उसके नाम से बैठ जाता है, जल्दी से मेरा लंड चूसो" सोनिया सूर्या का लंड चूसने लगती है और सूर्या उसकी चूत चाटता है ।
सोनिया की चूत चाटने से उसके जिस्म में उत्तेजना बढ़ जाती है और तेज तेज सांसे चलने लगती है । सूर्या अपनी जिव्हा सोनिया की चूत में अंदर बहार करता है ।
सोनिया तड़प जाती है ।
सूर्या सोनिया के बूब्स को मसलता है बुरी तरह से फिर सोनिया को लेटा कर उसकी चूत में लंड डालता है ।
सोनिया-"आह्ह्ह्ह सूर्या आराम से दर्द होता है"
सूर्या-" ओह्ह्हो सोनिया दीदी तुम्हारी चूत बहुत मस्त है" सूर्या तेज धक्को के साथ सोनिया को चोदता है ।
सोनिया-" आह्ह्ह्ह चोद सूर्या, आह्ह्ह में तेरे लंड की गुलाम हूँ, मेरी चूत को फाड़ दे"
सूर्या बहुत तेज तेज चोदता है ।
करीब दस मिनट चोदने के बाद दोनों झड़ जाते हैं ।सोनिया जल्दी से कपडे पहनती है ताकि तान्या कहीं आ न जाए ।
सोनिया-" सूर्या तुझ से एक बात करनी थी, कल मुझे शंकर डॉन की बहन शिवानी मिली थी ।तुझे और तेरे घर वालो को जान से मारने की धमकी दे रही थी वो, तान्या भी मेरे साथ थी। तान्या को पता चल गया की तूने शंकर डॉन की बहन शिवानी को शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार सेक्स किया, वो बहुत खतरनाक लोग हैं, तुझ पर जानलेवा हमला भी कर सकते हैं, थोडा सतर्क रहना तू"
सूर्या-" मुझे नहीं पता था की वो शंकर डॉन की बहन है बर्ना में कभी उसे चोदता नहीं, खैर अब जो होगा वो देखा जाएगा, में उन लोगो से डरता नहीं हूँ"
सोनिया-" फिर भी ध्यान रखना वो लोग इस शहर के नामी गुंडे हैं, माँ और तान्या को नुकसान पहुंचा सकते हैं" इतना कह कर सोनिया रूम से चली गई" वीडियो भी ख़त्म हो गई ।
वीडियो देख कर बहुत सी बातें साफ़ हो गई थी की सूर्या हवस के लिए लड़कियों का शिकार करता है, हवस के लिए लड़कियों का फंसा कर उनकी वीडियो बना लेता है ताकि उन्हें ब्लैकमेल कर सके ।
शिवानी शंकर की बहन है जिसे सूर्या ने फंसा कर उसके साथ सेक्स करता था, ये बात उसने अपने भाई शंकर को बताई होगी। उन्होंने ही सूर्या को गायब किया है, और उस दिन मंदिर में माँ के ऊपर हमला उन्होंने ही किया था और मुझे देखकर चोंक भी गए थे, इसका मतलब सूर्या को पहले ही ठिकाने लगा चुके हैं वो लोग,मुझे जिन्दा देखकर उन्हें हैरानी हुई होगी, लेकिन अब सोचने बाली बात ये थी की उन्होंने माँ पर क्यूँ हमला किया?
ये बात संध्या माँ और तान्या दीदी तो बताएगी नहीं मुझे सोनिया को ढूँढना पड़ेगा, वो ही मुझे पूरा रहस्य बता सकती हैं ।
मैंने सूर्या की अलमारी देखने लगा शायद सोनिया का मोबाइल नम्बर पता लग जाए लेकिन नहीं मिला तभी मुझे एक बात ध्यान आई की लेपटोप में फेसबुक पर सोनिया का नम्बर मिल सकता है । मैंने लेपटोप को wifi से कनेक्ट किया और गूगल हिस्ट्री देखने लगा। सूर्या ने लास्ट 6 महीने पहले फेसबुक चलाई थी और उसकी फेसबुक लोगिन थी ।
जैसे ही सूर्या की फेसबुक id लोगिन की तो देखा बहुत सारे मेसेज आए हुए थे ।
मैंने प्राइवेट मेसेज एक एक खोलकर पढ़ने लगा तभी मुझे सोनिया की id से आए मेसेज पढ़ने लगा । सभी मेसेज पढ़े, मैंने सोनिया के प्रोफाइल इंफॉर्मेसं में जाकर उसका नम्बर नॉट किया ।
और उसको कोल कर दी ।दो बार घंटी जाने पर तीसरी घंटी पर फोन उठा सोनिया का ।
सोनिया-" हेलो कौन?" रात के 11:30 बज रहे थे शायद सो रही होगी वो
सूरज-"हेलो दीदी में सूर्या हूँ" मेरा नाम सुनते ही एक दम चोंक गई सोनिया
सोनिया-" सूर्या तुम कहाँ हो, तुम तो कहीं गायब हो गए थे, शंकर डॉन ने तुम्हे गायब करवा दिया था"
सूर्या-" हाँ दीदी अब में बिलकुल ठीक हूँ, और 5 महीने से घर पर ही हूँ,
आप इन पांच महीनो में घर पर क्यूँ नहीं आई मुझसे मिलने"
सोनिया-" तुझे नहीं पता ! तेरे गायब होने के बाद मेरे साथ क्या क्या हुआ, मेरे और तेरे बारे में तान्या को सब पता चल गया था इसलिए तान्या ने मुझसे दोस्ती ही छोड़ दी, तुम्हारी माँ ने भी मुझसे बहुत उल्टा सीधा बोला इसलिए में उस शहर को छोड़ कर चण्डीगढ़ आ गई"
सूर्या-" ओह्ह्ह दीदी माफ़ करना मेरी बजह से आपको तखलीफ सहनी पढ़ी, ये बताओ दीदी मेरे गायब होने के बाद शंकर डॉन के आदमियों ने माँ पर हमला क्यूँ किया"
सोनिया-" क्यूँ तुझे संध्या आंटी ने नहीं बताया क्या? आंटी को तान्या ने बता दिया था की तूने शिवानी के साथ सेक्स किया और उसे शादी के नाम पर धोका दिया इसलिए शिवानी ने अपने भाई से कह कर तुझे गायब करबा दिया, तेरे गायब होते ही आंटी ने शंकर डॉन पर केस कर दिया बो इस समय जेल में है, उसी के आदमीयो ने आंटी पर हमला किया होगा, सूर्या अब भी वक़्त है शंकर डॉन से और शिवानी से माफ़ी मांग ले वरना वो जेल से आते ही फिर से तुझ पर हमला करेगा"
सूर्या-" हाँ दीदी आप चिंता मत करो में सब ठीक कर दूंगा, जो पाप सूर्या ने किए हैं उसकी सजा उसकी मिल चुकी है। अब में सब ठीक कर दूंगा" इतना कह कर सूर्या ने फोन काट दिया ।
बिस्तर पर लेट कर सोचने लगा की कैसे इस मामले को सुलझाया जाए ।सोचते सोचते नींद आ गई ।
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