RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज लंडनुमा डिडलो को देखकर हैरान था, आज से पहले उसने कभी ऐसा मनुष्य के लींग के हु-ब-हु दिखने वाला लंड नहीं देखा था ।मधु की चूत से डिडलो के निकलते ही उसकी चूत से पानी का सैलाव निकलता है, मधु चर्म सुख स्खलन की प्राप्ति कर चुकी थी, उसकी साँसे बडी तेजी के साथ चल रहीं थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मधु कई कोषो दौड़ कर आई हो, मधु जैसे ही जमीन पर डिडलो को देखती है और चूत रस की पिचकारी जिससे आसपास की जमीन को गिला कर दिया था, चरम सुख के उपरान्त उसे ग्लानि होती है की मैंने ये क्या कर दिया, अपनी ही सहेली के बेटे को हवस का शिकार करने का प्रयास कर रही थी, संध्या को यदि ये भनक लग गई की मैंने अपनी हवस की आग बुझाने के लिए सूर्या का सहारा लिया तो वो मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी, मधु की इच्छा थी की वो सूरज से चुदे, लेकिन कच्चे रिश्ते की मर्यादा ने उसे झकझोर दिया,सूरज तो बेचारा मूरत बनकर कभी मधु के उत्तेजित चेहरे को देखता तो कभी चूत से निकले डिडलो को देखता जिसमे चूत की मलाई भरपूर मात्रा में बह रही थी ।
हवस में प्रत्येक व्यक्ति अँधा हो जाता है, हवस के समय रिश्ता नहीं चूत हावी होती है हस्तमैथुन या स्खलन के पस्चात हवस रफूचक्कर हो जाती है उस समय सिर्फ आत्मग्लानि और रिश्ते की मर्यादा का ख्याला आता है और बुद्धि कार्य करने लगती है यही मधु के साथ हुआ, मधु आनन् फानन में जमीन पर पड़े डिडलो को उठाकर अपने कमरे में भाग जाती है,सूरज हैरान होकर देखता रह जाता है, मधु के इस तरह जाने से उसकी आशा और उम्मीदों पर पानी फिर चूका था, मधु तो स्खलन का आनन्द ले चुकी थी लेकिन सूरज का लंड अभी भी पेंट में आज़ाद होने का बेसबरी से इंतज़ार कर रहा था । सूरज डर जाता है की कहीं मधु मौसी मेरी किसी बात या हरकत से नाराज़ तो नहीं है ।
1 5 मिनट के उपरान्त मधु कमरे से तैयार होकर निकलती है ।चेहरे पर ग्लानि और शर्म के भाव दिखाई दे रहे थे ।
सूर्या के पास आकर मधु बोलती है ।
मधु-" सूर्या चलो देर हो रही है" सूरज और मधु घर का ताला लगा कर गाडी से मार्केट निकल जाते हैं ।
सूरज उदास होकर गाडी चला रहा था क्योंकि उसके खड़े लंड पर धोका मिला था, मधु को भोगने की एक उम्मीद जो उसके मन में जागी थी उस पर पानी फिर चूका था ।
मधु भी बिना बोले ही शांत बैठी थी परंतु उसका दिमाग शांत नहीं था, सेकड़ो सवाल और उलझने उसके मन में चल रही थी ।
सूरज चुप्पी तोड़ते हुए बोलता है ।
सूरज-" मोसी आपको अचानक क्या हो गया, एक दम आप शांत हो गई,आप नाराज़ हो क्या मुझसे"
मधु-" नहीं सूर्या में नाराज नहीं हूँ तुझसे, तू तो मेरा बेटा है, गलती तो मुझसे हुई है की तेरे सामने आँखे नहीं मिला पा रही हूँ"
सूरज-" किस गलती की बात कर रही हो मौसी'
मधु-"में हवस के आगे मजबूर हो गई थी सूर्या, इसलिए मुझे कृत्रिम यंत्रो का सहारा लेना पड़ा, और तेरे सामने ही शर्मसार हो गई में" मधु अपनी प्यास बुझाने के लिए डिडलो का इस्तेमाल हर रौज करती है,आज भी वो डिडलो लेने ही आई थी अपने घर।
सूरज-" मोसी इसमें गलत ही क्या करती हो आप, अपनी जरुरतो को पूरा करने के लिए हर कोई किसी न किसी का सहारा तो लेता ही है" मधु सूर्या की बातों को बड़े ही गंभीरता से सुनती है,सूर्या की समझदारी की दाद देती है वो।
मधु-" बेटा मुझे माफ़ कर देना,में मजबूर थी इसलिए ये सब करना पड़ा"
सूरज-" मोसी क्या मौसा जी आपके साथ वो नहीं करते हैं" सूरज सेक्स के लिए बोलता है लेकिन स्पष्ट बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था ।
मधु-" उनके पास मेरे लिए कभी समय ही नहीं रहा, बिजनेस और पैसो की हवस कमाने के चक्कर में वो मेरी जरुरतो को ही भूल गए" मधु धीरे धीरे खुलती जा रही थी।
सूर्या-" मौसी जो सुख पति के जिस्म से मिल सकता है वो सुख इस नकली डंडे से नहीं मिलता है" सूरज को नहीं पता था की डंडे को डिडलो बोलते हैं ।
मधु-" उसे डंडा नहीं डिडलो बोलते हैं सूर्या, डिडलो पति का सुख तो नहीं दे पाता लेकिन कुछ देर के लिए तूफ़ान को शांत जरूर कर देता है" मधु हस्ते हुए बोलती है ।
सूर्या-" मौसी डिडलो बहुत छोटा और पतला भी तो है जबकि लंड ओह्ह्ह सॉरी मोसी, पेनिस तो इससे बड़ा और मोटा होता है" सूरज के मुह से लंड शब्द सुनकर मधु शर्मा जाती है लेकिन सूरज तुरंत अपनी गलती की माफ़ी मांग लेता है और लंड को पेनिस बोलकर बात संभाल लेता है ।
मधु-" ओह्ह्ह सूर्या तू किस टॉपिक पर बात कर रहा है मुझे तो शर्म आती है, तू मेरा बेटा जैसा ही है अब तुझे सच कैसे बोलू" मधु शर्मा रहि थी लेकिन चूत में चुंगारि भी भड़क चुकी थी ।
सूरज-" मौसी अब मुझसे क्या शर्माना, बोल भी दो" सूरज को बड़ा मजा आ रहा था, सूरज तो ठान लेता है की मौसी की चुदाई जरूर करूँगा ।
मधु-" सूरज सच तो यह है की डिडलो छोटा नहीं है अधिकतर आदमियों का पेनिस उतना ही होता है लेकिन तेरा पेनिस कुछ ज्यादा ही बड़ा है,मैंने मॉल के बाथरूम में देखा था" सूरज को यह सुनकर ख़ुशी मिलती है की मेरा पेनिस ही बड़ा है ।
तभी संध्या का फोन आता है, काफी देर हो चुकी थी सूरज जल्दी से चिकेन लेकर घर पहुचता है, तान्या भी घर आ चुकी थी ।
संध्या मधु को तान्या से परिचय करवाती है काफी देर बात करने के बाद संध्या खाना तैयार करने में जुट जाती है और में ऊपर अपने कमरे में जाकर फ्रेस होकर आराम करने लगता हूँ ।
सूरज कमरे में आकर फ्रेस होकर आज दिन भर की घटनाक्रम के बारे में सोचता है की रात भर सूर्या के लेपटोप में संध्या माँ की अस्लील योनिमैथुन करते हुए देखना और आज मॉल के बाथरूम में खूबसूरत महिला को पिसाब करते हुए खुद मूतना,
जिस महिला को आज देखा बही महिला संध्या माँ की सबसे करीबी सहेली निकलना ये कैसा संयोग था ।
मधु की तड़प और चूत में डिडलो से आग शांत करना ये सबकुछ एक ही दिन में बहुत बड़ी घटना घटी सूरज के साथ ।
सूरज लेटा हुआ था तभी संध्या माँ की आवाज़ आई ।
संध्या-" बेटा खाना खा ले, जल्दी से नीचे आओ" माँ ने दरवाजा खोल कर सूरज को नीचे आने के लिए कहा, सूरज जल्दी से नीचे गया और मधु आंटी के बगल में खाना खाने लगा ।मधु और सूरज ने एकदूसरे को देखा, मधु की आँखों में एक कसिस सी थी ।
मधु की नज़रे कभी मेरी और जाती तो कभी शर्म से झुका लेती। में भी कई बार खाना खाते समय मधु मौसी को निहारता।
पास में बैठी माँ और तान्या को कोई शक़ न हो इसलिए मैंने जल्दी से खाना खाया।
तान्या और संध्या माँ भी सामने बैठ कर खाना खा रही थी । मैंने जल्दी से खाना निपटाया और ऊपर टहलने चला गया ।
करीब एक घंटा टहलने के पश्चात में नीचे की और जा ही रहा था तभी मधु मौसी ऊपर आ गई ।
मधु-" सूर्या तू ऊपर है, में बहुत देर से तेरा इंतज़ार कर रही थी, मेरे मोबाइल की बैटरी डाऊन है अपना चार्जर दे देना" मधु मौसी मेक्सी पहनी हुई थी जिसमे उनका बदन बहुत सेक्सी लग रहा था ।उनके बूब्स का उभार बहुत मस्त लग रहा था ।
सूरज-" मौसी मेरा चार्जर आपके मोबाइल में लग जाएगा क्या, मेरे चार्जर की पिन बहुत मोटी है" मैंने हँसते हुए मजे लेते हुए बोला।
मधु-" अच्छा सूर्या! अब क्या करू, जब तक तेरे घर पर तब तक तेरे ही चार्जर से अपनी बैटरी चार्ज कर लूँगी, एक बार चार्जर घुसा के तो देख शायद घुस जाए"" मोसी भी कामुकता के साथ बोली, दोहरी अर्थ बाली भाषा को अच्छी तरह समझ रही थी ।
सूर्या-" मौसी चार्जर तो लगा दूंगा, ऐसा न हो कहीं आपकी बैटरी ही फट जाए, मेरे चार्जर के हाई वोल्टेज से"
मधु-" मेरी बैटरी में बहुत दम है, तेरे चार्जर का सारा करेंट पी लेगी मेरी बैटरी" मौसी आँख मारते हुए बोली ।
सूर्या-" फिर तो आपकी बैटरी का दम देखना ही पड़ेगा मौसी, बैसे भी मौसी आप जिस चार्जर से अपनी बैटरी चार्ज करती हो वो बहुत छोटा है" मेरा इशारा डिडलो की तरफ था जिससे मौसी अपनी प्यास बुझाती हैं ।
मधु-" ओह्ह क्या करू बेटा, उसी चार्जर के साहरे ही तो में जिन्दा हूँ, उस चार्जर को तो में हमेसा लगाए रखती हूँ" मौसी कामुक हो चुकी थी, उनकी सिसकियाँ सी निकल रही थी ।पूरी छत पर सिर्फ हमदोनो ही दिबाल के सहारे खड़े होकर बतला रहे थे ।
मधु ने जैसे ही कहा की चार्जर जो की डिडलो का संकेत था उसको हमेसा लगाए रखती हूँ, यह सुनकर सूरज का माथा ठनक गया, सूरज समझ गया की मौसी शायद अभी भी चूत में डिडलो घुसाए हुई हैं ।
सूरज-" मौसी क्या अभी भी वो छोटा सा चार्जर घुसा हुआ है? मधु एक दम चोंक गई यह सुनकर ।मैंने मेक्सी के ऊपर ही चूत की और इशारा करते हुए बोला ।
मधु-" अब तुझसे क्या छुपाना सूरज, में अभी भी उसी चार्जर से चार्ज हो रहीं हूँ" मौसी ने बड़ी कामुकता के साथ बोला, सूरज का लंड झटके मारने लगा ।तभी अचानक संध्या माँ की आवाज़ आई नीचे से ।
संध्या-" मधु नीचे आ जा, सोना नहीं है क्या?
मधु हड़बड़ा कर नीचे चली गई, थोड़ी देर बाद सूरज भी नीचे अपने रूम में चला गया।
कमरे में आकर सूरज लेट गया उसका मन बैचेन था, लंड महाराज सोने नहीं दे रहे थे, लंड बार बार झटके मार रहा था ।सूरज का मन मुठ मारने के लिए तड़प रहा था ।
मधु की तड़पती जवानी का रसपान करने के लिए लंड तड़प रहा था ।
तभी सूरज को घर में लगे कमरे का ख्याल आता है वह लेपटोप खोल कर इंटरनेट से कनेक्ट करके मधु को देखने लगता है ।
मधु संध्या माँ के कमरे में मधु को देखता है ।
मधु और संध्या दोनों आपस में बात कर रही थी। सूरज उनदोनो की बातें सुनने लगता है ।
मधु-" संध्या तुझे तेरे पति की बिलकुल कमी महसूस नहीं होती है, पति के बिना तूने इतने दीन कैसे बिताए"
संध्या-" अब क्या बताऊँ मधु, बिना आदमी के मैंने कैसे अपना जीवन बिताया है यह सिर्फ में ही जानती हूँ, 18 वर्ष हो गए मुझे अपने आदमी से बिछड़े लेकिन आज तक अपनी जरुरतो के लिए किसी अन्य पुरुष का सहारा नहीं लिया मैंने"
मधु-" आखिर ऐसा क्या हुआ था की तूने उन्हें छोड़ दिया" में यह सुनकर चोंक गया की सूर्या के पिता जी अभी भी जिन्दा है, आखिर माँ ने उन्हें क्यूँ छोड़ दिया यह जानने की उत्सुकता मेरे लिए भी बड़ गई ।
संध्या-" धोखेबाज़ इंसान था वो, इसलिए छोड़ दिया, में इस विषय पर कोई बात नहीं करना चाहती हूँ मधु"
मधु-" okk ठीक है संध्या में कोई बात नहीं करुँगी लेकिन एक बात और बता तेरे पति इस समय कहाँ है?"
संध्या-" अमेरिका में हैं, सूना है अब बहुत बड़े बिजनेस मैन हैं इस समय, मधु तू यह बात किसी को बताना मत,मैंने यह बात आजतक अपने बच्चों से भी छुपा कर रखी है" माँ की यह बात सुनकर मुझे तो तगड़ा झटका लगा, आखिर माँ ने क्यों छोड़ दिया?यह सवाल मेरे मन में अभी तक था ।
|