RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज चुप चाप बाथरूम में चला जाता है, बाथरूम में जाते ही सूरज लंड को आज़द करके मुठ मारने लगता है तभी उसे पूनम की पेंटी दिखाई दी, सूरज पूनम की पेंटी को देखता है तो हैरान रह जाता है,पूनम की पेंटी पर कामरस लगा हुआ था, सूरज पेंटी को सूंघता है, खुसबू जानी पहचानी लगती है तो उसे चाटने लगता है, सूरज को एक तगड़ा झटका लगता है क्योंकि कल सुबह केले में उसे यही स्वाद लगा था, सूरज समझ जाता है दीदी ने रात में उन केलो से अपनी चूत की प्यास बुझाई होगी और सुबह मैंने उन्ही केलो को खा गया, सूरज पूनम दीदी की कामुक चूत की कल्पना करने लगता है और पेंटी को मुह में लेकर चूसते हुए मुठ मारने लगता है। 10 मिनट बाद सूरज झड़ जाता है, वीर्यरस की बौछार हो जाती है । सूरज पूनम की पेंटी को देखता है तो हैरान रह जाता है पूरी पेंटी को चूस चुसकर धो चूका था। सूरज पेंटी को टंगा देता है और बाथरूम से निकल कर आता है । पूनम सूरज का ही इंतज़ार कर रही थी ।
पूनम-" तुझे तो बहुत टाइम लगता है सूरज, कबसे तेरे निकलने का इतंजार कर रही थी में"
सूरज-" आपको भी करना है क्या"
पूनम-"हाँ मुझे भी करना है, लेकिन मुझे सिर्फ पिसाब करनी है" पूनम यह कह कर हँसते हुए बाथरूम चली जाती है। पूनम अंदर जाकर कमोड पर बैठती है तभी उसे सूरज के लंड से निकल वीर्य दिखाई देता है, पूनम एक ऊँगली से लेकर सूंघने लगती है । पूनम की चूत फड़कने लगती है, लेकिन ऊँगली न करके मूतने लगती है । मूतने के बाद पूनम अपनी पेंटी को देखती है जो गीली थी।
पूनम-(मन में) यह मैंने कब धो कर डाली, यह तो गन्दी पेंटी थी, पूनम पेंटी उठाकर देखती है तो हैरान रह जाती है चुकी उसकी पेंटी एक दम साफ़ थी,पूनम समझ जाती है सूरज ने जरूर इस पेंटी पर लगा कामरस चाटा है । पूनम मुस्कराने लगती है और बाथरूम से बाहर आ जाती है । सूरज अपने कमरे में जा चूका था ।
सूरज कमरे में जाते ही सो गया, शाम 8 बजे रेखा के जगाने पर सूरज उठता है ।
रात के 8 बजे मेरी माँ रेखा ने मुझे जगाया।
रेखा-" सूरज बेटा उठ जा, कितना सोएगा"
सूरज-" माँ सोने दो न"
रेखा-"दिन में ही तूने अपनी नींद पूरी कर ली,फिर रात में क्या करेगा,चल जल्दी से उठ खाना खा ले" माँ यह कह कर चली गई, में भी फ्रेस होकर नीचे गया,माँ और तनु दीदी डायनिंग टेवल पर बैठी थी और पूनम दीदी किचेन में थी, दीदी जैसे ही खाना लेकर आई मेरी नज़र दीदी से टकराई आज उनके चेहरे पर हल्की हल्की मुस्कान थी। हम सब लोगों ने खाना खाया और अपने अपने रूम में चले गए।
दिन में सोने के कारण मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए में तनु दीदी के रूम में गया, दीदी बिस्तर पर लेटी हुई थी ।
सूरज-"दीदी आज तो बहुत जल्दी सोने लगीं आप"
तनु-" मेंन्सेज की बजह से कमर में दर्द हो रहा है सूरज,इसलिए आज जल्दी सो जाती हूँ"
सूरज-" ठीक है दीदी आप सो जाओ" मैंने दीदी को लिप्स किस्स किया,और सीधे माँ के कमरे में गया, माँ अपने कमरे में कहीं दिखाई नहीं दी,
मैंने माँ को आवाज़ दी ।
सूरज-" माँ आप कहाँ हो"
रेखा-" बेटा में बाथरूम में हूँ,कुछ काम था क्या" कमरे में ही बाथरूम था।
सूरज-" कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही आया था,आप फ्रेस हो जाओ, में भी अब सोने जा रहा हूँ,गुड़ नाईट माँ"
रेखा-" ठीक है बेटा सो जा, गुड़ नाईट" में कमरे से बाहर निकल ही रहा था तभी मुझे माँ के बिस्तर पर wishpar का खुला हुआ पैकेट दिखाई पड़ा । तभी मुझे याद आया की माँ को भी मेंन्सेज हो रहें हैं,माँ जरूर बाथरूम में पेड बदलने गई होंगी, मैंने मन में कहा यार ये कैसी समस्या है महिलाओं की,हर महीने इस परेसानी से जूझना पड़ता है, वो भी पांच दिन, और साथ में कमर का दर्द भी झेलना पड़ता है, में सोचते हुए ऊपर आया,मेरा और पूनम दीदी का रूम ऊपर ही था,पूनम दीदी का दरबाजा बंद था, इसलिए में अपने रूम में आ गया, बिस्तर पर लेट कर मैंने मोबाइल उठाया तो देखा पूनम दीदी के कई मेसेज आए हुए थे व्हाट्सअप पर ।
व्हाट्सअप की चेटिंग--------
पूनम-" hi
सूरज कहाँ हो,
सो गया क्या?
मैंने देखा दीदी अभी ऑनलाइन थी मैंने तुरंत रिप्लाई किया ।
सूरज-" hi दीदी, में अभी जग रहा हूँ,दिन में सो लिया इस लिए नींद नहीं आ रही है"
पूनम-"ओह्ह मैंने देखा था दिन में तू घोड़े बेच कर सो रहा था,जैसे पता नहीं कितनी मेहनत की हो"
सूरज-" मेहनत तो की थी आज,इसलिए नींद आ गयी" स्माइल आइकॉन के साथ भेजा मेसेज।
पूनम-" पता है मुझे आजकल तू कौनसी मेहनत कर रहा है" स्माइल के साथ।
सूरज-"(चोंकते हुए) कौनसी दीदी?"
पूनम-"वही जो आज तूने मेरे बाथरूम में की'"
सूरज-" ओह्ह्ह टॉयलेट! दीदी टॉयलेट ही तो की थी"
पूनम-"अच्छा बेटा सिर्फ टॉयलेट की, तेरी टॉयलेट में सफ़ेद पानी कब से निकलने लगा" सूरज चोंक जाता है क्योंकि सूरज मुठ मारने के बाद फर्स साफ़ करना भूल गया था।
सूरज-" ओह दीदी वो तो कभी कभी सफ़ेद पानी निकलने लगता है,शायद मुझे कोई बीमारी है" झूठ बोल देता है ।
पूनम-"अच्छा अपने आप निकलने लगता है,मुझसे झूठ, तेरी शादी जल्दी करबानी पड़ेगी अब"
सूरज-" शादी क्यूँ"
पूनम-"ऐसे ही मेहनत करता रहा तू तो एक दिन कमजोर हो जाएगा बेटा, ज्यादा सनी लिओन की फिल्में मत देखा कर" स्माइल के साथ।
सूरज-" दीदी आप भी तो देखती हो सनी लिओन की फिल्में"
पूनम-" हाँ देखती हूँ लेकिन कभी कभी"
सूरज-"फिर तो आप भी मेहनत करती होगी" पूनम की हालात ख़राब हो जाती है की अब क्या जवाब दूँ,इधर पूनम नंगी बिस्तर पर लेटी एक ऊँगली से चूत सहला रही थी। पूनम किचेन से प्लेट और दो केले लाइ थी, एक केला उठाकर चूत में घुसाने लेती है, केला चूत में घुसते ही पूनम सिसक पड़ती है। साँसे तेजी से चलने लगती है ।
पूनम-" हाँ कभी कभी, तेरी तरह रोज नहीं,और आज तो तूने दो बार मेहनत की" सूरज का लंड झटके मारने लगता है,सूरज लोअर उतार कर लंड सहलाने लगता है,और दीदी की प्यासी चूत की कल्पना करने लगता है ।
सूरज-"(चोंकते हुए) दो बार नहीं दीदी,एक ही बार किया"
पूनम-"झूठ सुबह जब में तुझे तेरे कमरे में बुलाने आई तब भी तू बाथरूम जा रहा था"
सूरज-"तब नहीं किया दीदी,बस फ्रेस होकर आया था"
पूनम-"मतलब वो फिर ऐसे ही खड़ा रहता है" पूनम लंड नहीं बोलती है सिर्फ इशारो में ही बोलती है।
सूरज-" उसकी तो आदत ख़राब है दीदी,सुबह उठते ही सलामी देने लगता है"
पूनम-"हाहाहाहाहा आदत ख़राब है,काबू में रखा कर,आज कल बहुत बिगड़ता जा रहा है, आज तो तेरे उसने हद ही कर दी,अपनी ही बहन को देखकर खड़ा हो गया"
सूरज-"दीदी आप इसकी पिटाई लगा दो"
पूनम-"इसकी पिटाई तो तेरी बीबी लगाएगी"
सूरज-"बीबी तो पता नहीं कब आएगी तब तक दीदी आप उसकी ढंग से पिटाई कर दो"
पूनम-"मेरी पिटाई से तो ये बेचारा टूट जाएगा,मेरी मार ये झेल नहीं पाएगा" पूनम चूत में केला तेजी से घुसेड़ती है तो बेचारा केला भी टूट जाता है, पूनम चूत से केला का हलवा निकाल कर प्लेट में रखती है और दूसरा केला डालती है ।
सूरज-" दीदी ये अम्बुजा सीमेंट से भी ज्यादा मजबूत है,ये आपकी मार झेल लेगा"
पूनम-" मारते समय ऐसा न हो की वो हार मान जाए और युद्ध का मैदान छोड़ कर भागने लगे"
सूरज-"दीदी आप जैसी दो चार योद्धाएँ आ जाए फिर भी ये मैदान छोड़ कर नहीं भागेगा"
पूनम-"ओह्ह्हो इतना गुमान है तुझे उस पर,अगर ये रिश्ते की बुनियाद बीच में न होती तो आज ही छक्के छुड़ा देती, शुक्र मना बेटा तू बच गया,
सूरज-" ओह्ह्हो, फिर भी दीदी जब भी जंग के मैदान में आना चाहो तो शोक से आजाना, मेरे योद्धा संघर्षशील है,देखना एक दिन मेरे योद्धा की संघर्षगाथा RSS पर लिखी जाएगी"
पूनम-" तेरी संघर्षगाथा या तेरे उसकी गाथा,हाहाहाहा" पूनम हँसाने लगती है ।
सूरज-" दीदी हँसो नहीं,मुझपर"
पूनम-"तुझे नींद नहीं आ रही है सूरज,"
सूरज-" नहीं दीदी,अभी तो सिर्फ 9 ही बजे हैं"
पूनम-" hmmm कितने बजे सोता है"
सूरज-"12 बजे से पहले नींद नहीं आती है"
पूनम-" ओह्ह्हो 12 बजे तक क्या करता रहता है,पोर्न देखता होगा रात भर"
सूरज-" नहीं दीदी वो तो कभी कभी देखता हूँ"
पूनम-" ओह्ह्हो बड़ा शरीफ है तू,आज भी देखेगा तू"
सूरज-"नहीं दीदी आज पोर्न देखने का मन नहीं कर रहा है,आज आपसे बातें करने का मन है बस"
पूनम-"ओह्हो अपनी दीदी को फ्लर्ट कर रहा है"
सूरज-" सच में दीदी बोर हो रहा हूँ, रुको में आपके कमरे में आ रहा हूँ" सूरज अपने रूम से निकल कर बाहर आता है और पूनम के गेट पर खड़ा हो जाता है
पूनम-"नहीं अभी रुक दो मीनट"
सूरज-"क्यूँ क्या हुआ दीदी,में आपके रूम के बाहर खड़ा हूँ" सूरज बाहर इंतज़ार करता है ।
पूनम-" में मेक्सी पहन लू"
सूरज-"मेक्सी! मतलब समझा नहीं, आप अभी कुछ पहनी नहीं हो"
पूनम-" आज गर्मी ज्यादा है इसलिए उतार कर लेटी हूँ" सूरज का लंड झटके मारने लगता है,और कल्पना करने लगता है की दीदी बिलकुल नंगी हैं।
सूरज-"ब्रा पेंटी भी नहीं"हैरान होते हुए पूछता है ।
पूनम-"बो तो में घर में कभी नहीं पहनती हूँ" लंड फटने लगता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी"
पूनम-" चल अब ज्यादा सोच मत आजा कमरे में" सूरज पूनम का दरबाजा खोलता है और कमरे में चला जाता है ।
सूरज जैसे ही पूनम के कमरे में प्रवेश करता है,कमरे में बहुतअँधेरा होता है। सूरज को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था ।
पूनम-"आजा सूरज"
सूरज-"दीदी कमरे में बहुत अँधेरा है,लाइट जला लो" सूरज पूनम के बेड की तरफ जाता है,और लाइट जला देता है । जैसे ही कमरे में रौशनी होती है तो सूरज पूनम की तरफ देखता है तो उसकी धड़कने तेज हो जाती हैं,पूनम एक छोटी सी नायटी पहनी हुई थी जिसका गला बहुत बढ़ा था आधी चूचियों के दर्शन हो रहे थे,और नीचे जांघो तक थी, दीदी की मोटी और सफ़ेद दूधिया जांघे देख कर मेरी हालत ख़राब हो गई,काली नायटी पहनने के कारण दीदी का कामुक जिश्म बार बार देखने का मन कर रहा था।
पूनम-" सूरज लाइट बंद कर दे, और मेरे पास आकर बैठ" मैंने लाइट बंद कर दी और दीदी के सामने बेड पर आकर बैठ गया, दीदी के सामने बैठ कर बात करने में मुझे घबराहट सी महसूस हो रही थी, फोन के माध्यम से बात करते समय मेरी जिझक ख़त्म हो चुकी थी लेकिन दीदी के सामने बैठ कर बात करने में कठिनाई महसूस हो रही थी।
पूनम-" हाँ तो सूरज अब बता,क्या बात करनी है तुझे" दीदी खामोशी तोड़ते हुए बोली । कमरे में अँधेरा होने के कारण दीदी की हलकी हलकी झलक दिखाई दे रही थी,ऊपर से दीदी की काली नायटी,
सूरज-"क क कुछ नहीं दीदी, बोर हो रहा था इसलिए आया" मेरी हकलाहट के कारण दीदी हँसने लगी ।
पूनम-"तू इतना घबरा क्यूँ रहा है,तू तो बहुत बहादुर बन रहा था"
सूरज-"न नहीं दीदी घबरा नहीं रहा हूँ"
पूनम-" तू तो ऐसे घबरा रहा है जैसे सुहागरात के समय लड़की घबराती है,डर मत में तेरी बीबी नहीं दीदी हूँ" दीदी हँसते हुए बोली, मेरा लंड पुनः झटके मारने लगता था।
सूरज-" वो दीदी आपकी नायटी बहुत हॉट है,आज से पहले कभी आपको इतने हॉट कपडे पहने नहीं देखा इसलिए"
पूनम-" ओह्ह्ह मतलब तुझे में बहुत हॉट लग रही हूँ,इसलिए तेरी हार्ट बीप बढ़ गई है"
सूरज-"हाँ दीदी"
पूनम-"जब तू कमरे में घुसा था तब तू मुझे बहुत घूर घूर कर देख रहा था,इसलिए तो मैंने लाइट बंद करबा दी ताकि तू मुझे घूरे नहीं"
सूरज-'दीदी में आपको घूर नहीं रहा था,बस देख रहा था की मेरी दीदी कितनी खूबसूरत है"
पूनम-"ओह्हो आज से पहले तो तूने कभी मेरी तारीफ़ नहीं की,आज ऐसा क्या देख लिया"
सूरज-" आज से पहले आपको कभी इतने पास से देखा ही कहाँ मैंने,और इतनी हॉट नायटी में, आप बाकई में बहुत सुन्दर हो दीदी"
पूनम-" चल चल अब ज्यादा फेंक मत,इतनी भी सुन्दर नहीं हूँ में, तू इतने प्यार से मेरे लिए ड्रेस लाया था इसलिए पहन ली थी मैंने आज दोपहर में"
सूरज-"दीदी सच में आप सुन्दर हो,आपका फिगर मस्त है"
पूनम-" मेरे फिगर में तुझे सबसे अच्छा क्या लगता है सूरज" पूनम सूरज के थोडा सा पास आई। पूनम की चूत अभी झड़ी नहीं थी,उसे अपनी चूत में थोडा सा गीलापन का अहसास हुआ,पूनम अँधेरे का फायदा उठा कर अपनी चूत सहला लेती है, इधर सूरज का हाँथ भी अपने तम्बू पर था,लंड झटके मारता तो हाँथ से कस कर रगड़ देता था ।
सूरज-" दीदी मुझे आपके नितम्ब सबसे अच्छे लगते हैं" सूरज पूनम की मोटी चौड़ी गांड की कल्पना करके लंड को मसलते हुए बोला ।
पूनम-" ओह्हो सूरज तुझे मेरे फिगर में सिर्फ नितम्ब ही दिखाई देते हैं, तूने कभी मेरे नितम्ब देखें हैं बिना कपड़ो के" सूरज सोचता है ।
सूरज-"हाँ दीदी देखें हैं कई बार" पूनम यह सुनकर चोंक जाती है।
पूनम-"क्या तूने मेरे नितम्ब देखें हैं कब,कहाँ और कैसे?" पूनम हैरान होते हुए कई सवाल करती है।
सूरज-"दीदी जब हम गाँव में रहते थे तब आप आँगन में पिसाब करती थी,तब कई बार धोके से नज़र चली जाती थी,जानबूझ कर कभी नहीं देखे"
पूनम-" ओह्ह्ह अच्छा! गाँव के घर में बाथरूम तो था नहीं इसलिए खुले में ही जाना पड़ता था,अच्छा तो यह बता जब तू मेरे नितम्ब को देखता था तब तेरे मन में क्या विचार आते थे" पूनम फिर से अपनी चूत को मसलते हुए बोली।
सूरज-" उस समय मन में कोई विचार नहीं आता था,बस शर्म आती थी मुझे"
पूनम-"अच्छा मतलब तू बहुत शरीफ था तब,सिर्फ नितम्ब ही देखे थे या कुछ और भी देखा था तूने" पूनम का आशाय चूत देखने से था। पूनम गर्म हो चुकी थी ।
सूरज-"नितम्ब बहुत बड़े दिखाई देते थे और बालो का झुण्ड दिखाई देता था जहाँ से आप सु सु करती थी" सूरज का लंड झटके मारने लगता है ।
पूनम-"ओह्ह सूरज,इसका मतलब तूने सुसु नहीं देख पाई बालो की बजह से,Thanks God बालो की बजह से तू देख नहीं पाया" पूनम एक ऊँगली डालती हुई बोली ।
सूरज-"दीदी क्या अब भी बाल रखती हो सुसु पर" सूरज का एक एक सवाल तीर की तरह पूनम की चूत पर चल रहा था, पूनम की चूत बहने लगी थी,अँधेरे का भरपूर फायदा पूनम उठा रही थी।
पूनम-"हाँ रखती हूँ,लेकिन 15 दिन में साफ़ कर लेती हूँ, गाँव में रहती थी तब तो छः छः महीने हो जाते थे बिना साफ़ किए हुए" सूरज अपना लंड मसलने लगता है ।
सूरज-"दीदी किससे साफ़ करती हो अपने बाल"
पूनम-"वीट से, ओह्ह सूरज तू कैसे सवाल पूछता है अपनी दीदी से"
सूरज-" आप मेरी सबसे प्यारी दीदी हो"
पूनम-"मक्खन लगा रहा है"
सूरज-'सच में दीदी आप बहुत मस्त हो,मन करता है आपको देखता रहूँ"
पूनम-"क्या देखने का मन कर रहा है,मेरे नितम्ब?
सूरज-"हाँ दीदी आपके नितम्ब"
पूनम-"मेरे नितम्ब ज्यादा अच्छे हैं क्या"
सूरज-"हाँ दीदी,बहुत चौड़े हैं,हाँथ से स्पर्श करने का मन करता है"
पूनम-"ओह्ह्हो तू कितना बोल्ड हो गया है, अपनी ही दीदी का जिस्म देखना चाहता है, देख कर क्या करेगा, मेहनत करेगा" पूनम हसते हुए बोली।
सूरज-" दीदी आप भी तो मेहनत करती हो,अच्छा दीदी आप दिन में कितने बार ऊँगली करती हो"
पूनम-"एक बार वो भी रात में सोने से पहले"
सूरज-"मतलब इस समय अगर में आता तो आप ऊँगली कर रही होती"
पूनम-"हाँ"
सूरज-"दीदी लाइट जला लू"
पूनम-"लाइट जला कर क्या करेगा"
सूरज-"आपको देखने का मन कर रहा है"
पूनम-"ओह्ह्ह तू भी न पागल है, मोबाइल की लाइट जला कर देख ले"पूनम चूत से उंगली निकाल कर मेक्सी ठीक करती है । सूरज मोबाइल की टोर्च जलाता है , पूनम सूरज को देख कर मुस्कराती है,सूरज पूनम के बदन पर लाइट मारता है । तभी मोबाइल के टोर्च की रौशनी टेवल पर जाती है,टेवल पर केले की प्लेट रखी थी । सूरज समझ जाता है दीदी ने ये केले अपनी चूत में डाले होंगे,सूरज के मुह में पानी आ जाता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी मेरे प्रिय केले रखें हैं,मुझे तो भूंक भी लगी है" सूरज केले की प्लेट उठाकर केले को खाने लगता है, यह देख कर पूनम की चूत बहने लगती है ।
पूनम-"सूरज यह केले मत खा,गंदे हैं, प्लेट रख दे वापिस' लेकिन तब तक सूरज एक केला खा चूका था ।
सूरज-"दीदी इतने स्वादिष्ट केले को आप गंदे बता रही हो, इन केलो पर जो चिपचिपा जैल लगा हुआ है वो बहुत स्वादिष्ट हैं, ये जैल कहाँ से लाती हो दीदी,मुझे बता दो सारा जैल चाट जाऊँगा" सूरज यह बात जानबूझ कर बोलता है,पूनम जैसे ही यह सुनती है चूत में सुरसुराहट होने लगती है,पूनम का मन कर रहा था की नायटी को उतार कर चूत में कस कस कर ऊँगली करे । सूरज केले खा कर पूरी प्लेट चाट जाता है ।पूनम बेचारी कसमसाती हुई देखती रहती है ।
सूरज-"क्या हुआ दीदी,आपने बताया नहीं ये स्वादिष्ट जेल कहाँ से लाती हो"
पूनम-"ओह्ह्ह क्या करेगा तू यह जानकार,अब ये लाइट बंद कर दे सूरज" सूरज मोबाइल की लाइट बंद कर देता है ।
सूरज-"बताओ न दीदी ये जेल कहाँ से लाती हो"
लाइट बंद होते ही पूनम नायटी को ऊपर करके एक ऊँगली चूत में डाल देती है ।
पूनम-"ओह्ह्ह्ह्हाहूफ् वक़्त आने पर बता दूंगी सूरज" पूनम सिसकते हुए बोली, सूरज समझ जाता है दीदी अपनी चूत सहला रही हैं।
सूरज-"क्या हुआ दीदी,आप सिसक क्यूँ रही हो"
पूनम-"कुछ नहीं बस कमर में दर्द सा हुआ" पूनम झूठ बोल देती है।
सूरज-" दीदी में आपकी मदद करू क्या"
पूनम-"क्या मदद करेगा" पूनम अपने पैर फैला कर बैठती है तो उसका पैर सूरज के खड़े लंड पर लगता है । पूनम समझ जाती है ये सूरज का लंड है जो खड़ा है । इधर सूरज को बड़ा मजा आता है ।
सूरज-" आपकी कमर दबा दू"
पूनम-"नहीं सूरज में ठीक हूँ, एक मिनट पिसाब करके आती हूँ" पूनम को वास्तव में पिसाब लगती है पूनम अँधेरे में उठती है ।
सूरज-"दीदी रुको में मोबाइल की टोर्च जलाता हूँ" सूरज लाइट जलाता है, बाथरूम ठीक सामने ही था, पूनम बाथरूम में जाती है दरबाजा खुला ही रखती है ।
पूनम-"सूरज अब लाइट बंद कर में पिसाब कर लू" सूरज का लंड अकड़ चूका था, सूरज लाइट बंद करता है,पूनम फर्स पर बैठ कर नायटी ऊपर करके बैठ जाती है, तभी एक तेज सिटी की आवाज़ के साथ पूनम मूतने लगती है । जैसे ही सिटी बजती है सूरज का लंड फड़फड़ाने लगता है सूरज न चाहते हुए भी मोबाइल की टोर्च जला कर पूनम को देखने लगता है, चार कदम की दुरी पर ही मूत रही थी पूनम,सूरज जैसे ही पूनम की की मोटी गांड देखता है तो लंड मुठियाने लगता है ।
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