RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
पूनम-"सूरज यह क्या कर रहा है लाइट बंद कर" पूनम मूतते हुए बोली,
सूरज-"दीदी किसी ने सिटी बजाई बही देख रहा था"पुनम पिसाब करके खड़ी होती है,सूरज बड़े गोर से पूनम की गांड देखता है,पूनम हाँथ धो कर आती है ।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज वो सिटी की आवाज़ नहीं बल्कि मेरी सुसु की आवाज़ थी" मोबाइल की रौशनी में पूनम सूरज के तम्बू को देखती है ।सूरज लाइट बंद कर देता है ।
सूरज-"ओह्ह दीदी सुसु की आवाज़ इतनी मधुर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने सुरीली रागनी छोड़ दी हो,मन कर रहा था और सुनु"
पूनम-"ओह्ह तू भी एक दम पागल है सूरज,सिटी की आवाज़ इतनी अच्छी लगी तुझे,अबकी बार मोबाइल में आवाज़ रिकॉर्ड कर लुंगी,रिंग टोन बना कर सुनते रहना"
सूरज-"हाहाहा दीदी वीडियो रिकॉर्ड कर लेना,में भी तो देखूं सिटी की आवाज़ कहाँ से निकलती हैं" पूनम की चूत में खलबली मचने लगती है,इधर सूरज भी लंड सहला रहा था,जिसका अंदाज़ा पूनम को हो रहा था ।
पूनम-"पागल अपनी दीदी की सुसु देखेगा"
सूरज पर अब कंट्रोल नहीं हो रहा था।
सूरज-'दीदी बाकई में आपके नितम्ब बहुत अच्छे हैं,मन कर रहा था पास आकर देख लू,कितने चौड़े और सेक्सी हैं" पूनम सेक्स की आग में जलने लगती है ।
पूनम-"तूने देख ही लिए मेरे नितम्ब,बहुत बत्तमीज हो गया है तू"
सूरज-"दीदी आपके नितम्ब बहुत गोरे हैं,काश में पास से देख पाता"
पूनम-"नितम्ब को और कुछ भी बोलते हैं क्या सूरज"
सूरज-"हाँ दीदी गांड बोलते हैं,और सुसु को चूत बोलते हैं"
पूनम-"ओह्ह्ह गांड और सुसु को चूत, तू अपने पेनिस को क्या बोलता है"
सूरज-"इसको लंड बोलते हैं दीदी"
पूनम-"तूने अपने लंड को बाहर निकाल लिया है क्या"
सूरज-"हाँ दीदी लोअर से तो मैंने कब का आज़ाद कर लिया है,अँधेरे का फायदा उठा रहा हूँ"लंड को मसलते हुए बोला। पूनम की चूत में आग लग जाती है ।
पूनम-"हाँ अँधेरे का फायदा तो में भी उठा रही हूँ"
सूरज-"ओह्ह मतलब दीदी आप भी अपनी चूत मसल रही हो"
पूनम-"हाँ और क्या" पूनम की इस बात को सुन कर सूरज का मन मुठ मारने का हुआ ।
सूरज-"दीदी में बाथरूम में जा रहा हूँ,लाइट जला लू अंदर बहुत अँधेरा है"
पूनम-"फिर से मेहनत करने जा रहा है, आज दिन में तो तूने किया ही था"
सूरज-"दीदी बहुत मन कर रहा है,हिला लू जाकर"
पूनम-"लाइट मत जला,सामने बाथरूम है जा ऐसे ही जाकर हिला ले"
सूरज-"दीदी बहुत अँधेरा है कैसे जाऊं"
पूनम-"तो फिर बाथरूम मत जा यहीं हिला ले,बैसे भी अँधेरा है" सूरज की तो मौज आ जाती है,इधर पूनम के मन में सूरज का लंड देखने की तीब्र इच्छा थी ।
सूरज-"दीदी आपके सामने"
पूनम-"में कौनसा तुझे दिखाई दे रही हूँ,अँधेरा है कर ले"
सूरज-"दीदी मुझे कपडे उतार कर हिलाने में मजा आता है"
पूनम-"ओह्ह तो उतार ले" सूरज तुरंत अपने कपडे उतार कर नंगा हो जाता है,पूनम की चूत रिसने लगती है ।
सूरज-"हिलाते हुए"- दीदी आप भी कर लो"
पूनम-"क्या"
सूरज-"ऊँगली कर लो दीदी आप भी"
पूनम-"तू आ गया था इसलिए कर नहीं पाई"
सूरज-"ओह्ह सॉरी दीदी, आप भी कर लो,अब आराम से"
पूनम-"पहले तू अपना कर ले में बाद में करुँगी"
सूरज-"दीदी आप भी कर लो न,में कौनसा देख रहा हूँ"
पूनम-"मुझे भी कपडे उतार कर करने में मजा आता है,"
सूरज-"नायटी उतार लो न दीदी"
पूनम-" मुझे भी बेशरम बना कर ही छोड़ेगा तू"
सूरज-"दीदी आप ऊँगली करोगी तो मेरा पानी जल्दी निकल आएगा"
पूनम-"ठीक है करती हूँ ऊँगली" पूनम जल्दी से नायटी उतार कर बेड पर लेट जाती है,एक तरफ सूरज और दूसरी तरफ पूनम ।
पूनम जैसे ही अपनी चूत में ऊँगली करती है तेज तेज सिसकारी भरने लगती है, इधर सूरज भी तेज तेज हिलाता है, पूनम की कामुक सिसकी सूरज के लिए vigera का काम कर रही थी, अपनी ही कामुक बहन को ऊँगली करने के महसूस से ही सूरज की उत्तेजना बढ़ गई थी और यही हाल पूनम का था ।
पूनम-"ओह्ह्ह्हूफ्फ्फाह्ह्ह्ह्ह्हाउच् आह्ह्ह"पूनम की सिसकियाँ तेज हो जाती है,
सूरज-"दीदी ऊँगली अंदर डालकर कर रही हो या सिर्फ सहला रही हो"
पूनम-"उफ्फ्फ्फाह्ह्ह्ह् ऊँगली अंदर डाल कर कर रही हूँ,ऊँगली से मुझे मजा नहीं आता है सूरज"
सूरज-"फिर क्या डालती हो आप सुसु में"
पूनम-"क केला डालती हूँ इसमें आह्ह्ह्हउफ़्फ़्फ़गईईईई"
सूरज-"ओह्ह्ह मतलब जो केले मैंने खाए तो वो आपकी चूत से निकले हुए थे" सूरज पहली बार चूत बोलता है,पूनम चूत शब्द सुन कर ऊँगली तेज करने लगती है"
पूनम-"हाँ वो मेरी ही चु सुसु से निकले थे" सूरज अपना सर पूनम के सर के पास ले जाता है,अब दोनों बहन भाई बराबर में लेट कर अपने अपने काम में लगे हुए थे ।
सूरज-"दीदी आपकी चूत का पानी तो बड़ा स्वादिष्ट है,क्या मुझे वो पानी फिर से चटा दोगी" पूनम पर रहा नहीं जाता है,पूनम अपनी चूत से ऊँगली निकाल कर सूरज के चेहरे पर ले जाती है,और मुह को ढ़ुढ़ते हुए कामरस से भीगी ऊँगली मुह में घुसेड देती है।
पूनम-"ले चाट ले अपनी दीदी की चूत का पानी" सूरज ऊँगली को चाटने लगता है ।
सूरज-"दीदी चूत चाटूंगा आपकी' दोनों बहन भाई के ऊपर सेक्स का नशा चढ़ा हुआ था ।
पूनम-" तू अपनी बहन की चूत चाटेगा?"
सूरज-"हाँ दीदी आपकी चूत में जीव्ह डालकर सारा पानी चाट जाऊँगा"
पूनम-"ओह्ह्ह तू ये कैसी बात करता है,मेरे तन बदन में आग लगा दी है तूने,में बहक जाउंगी सूरज"
सूरज-"तो बहक जाओ न दीदी"
पूनम-"तू मुझे संभाल तो लेगा न, मेरे अंदर बहुत कामाग्नि है"
सूरज-"दीदी भरोसा रखो,आज आपकी कामाग्नि को शांत कर दूंगा में" पूनम अपना एक हाँथ सूरज के पेट पर सहलाती हुई सूरज का लंड पकड़ लेती है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज ये तेरा लंड है,ये तो बाकई में बहुत मोटा और लंबा है"
सूरज-" दीदी आप जैसी मस्त तगड़ी घोड़ी के लिए इतना बड़ा लंड काफी है न,जब ये आपकी चूत में घुसेगा तो पता भी नहीं लगेगा कहाँ गया" सूरज अपना एक हाँथ पूनम के बूब्स को सहलाता है,निप्पल को मसलता है फिर चूत को सहला देता है, पूनम की चूत पर बहुत छोटी छोटी झांटे थी। पूनम सूरज को कस कर गले लगा लेती है,और लिप्स किस्स करने लगती है, पूनम जंगली लड़की की तरह सूरज के होंठो को चूसने लगती है ।सूरज अपने दोनों हांथी से पूनम की गांड को मसलता है, गांड के दोनों पाटो को भींचता है, गांड की दरार में ऊँगली डालने लगता है,पूनम सिहर जाती है,पूनम सूरज के होंठो को चूसते हुए एक हाँथ से सूरज के लंड को मसलने लगती है । पूनम के सिसकियाँ लेती है, तभी पूनम सूरज के होंठो को छोड़ कर अपनी भारी भरकम गांड सूरज के मुह पर रख कर बैठ जाती है, सूरज का मुह गांड की दरार में घुस जाता है, सूरज अपनी जीव्ह गांड के आसपास चाटने लगता है ।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तुझे मेरी गांड पसंद है न,ले चाट अब, अपनी दीदी की गांड को अच्छे से मसल,लाल कर दे आज मेरी गांड" सूरज गांड को चाटते हुए अपनी जीव्ह चूत के पास ले जाता है और जीव्ह को चूत में प्रवेश कर देता है, पूनम सिसकारी भरने लगती है और खुद की चुचिया मसलती है । पूनम की चूत से बहता पानी चाट चाट कर साफ़ कर देता है, पूनम झुक कर सूरज के लंड को मुह में लेकर चूसने लगती है । दोनों बहन भाई एक दूसरे के अंगो को चूसने लगते हैं । पूनम पाए अब रहा नहीं जा रहा था ।
पूनम-"मेरे भाई अब अपनी दीदी की चूत खोल दे अपने लंड से,अब और बर्दास्त नहीं हो रहा है"
पूनम नीचे लेट जाती है सूरज पूनम के ऊपर लेट कर अपना लंड पूनम की चूत पर रखता है ।
सूरज-"दीदी दर्द होगा थोडा सा,में लंड घुसेड़ रहा हूँ"
पूनम-"में हर दर्द सह लुंगी सूरज,लंड डाल दे अपनी दीदी की चूत में सूरज" सूरज आराम आराम अपना लंड चूत में पूरा घुसेड़ देता है ।
पूनम-"आःह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़आह्ह्ह्ह सूरज, निकाल कर दुबारा डाल" सूरज लंड को निकाल कर दुबारा धक्का मारता है, पूनम की चूत में ऐसा लग रहा था जैसे ज्वाला मुखी हो,पूरी चूत भट्टी की तरह गरम थी । सूरज तेज तेज धक्के मार कर चोदने लगता है, पूनम भी तेज तेज बोल कर चुदवाती है ।
पूनम-" आह्ह्ह तेरा लंड बच्चेदानी तक पहुँच गया है सूरज,और तेज चोद आह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्"
सूरज-"दीदी घोड़ी बनो" पूनम घोड़ी बन जाती है, सूरज पूनम की गांड पर तमाचे मार कर चोदता है ।
पूनम की चूत से लंड तेजी से अन्दरबाहर हो रहा था,
पूनम-" सूरज अब तू लेट में तुझे छोडूंगी ऊपर से" सूरज लेट जाता है पूनम आप अपनी चूत लंड पर रख कर बैठ जाती है, पूनम की गांड ऊपर नीचे होने लगती है, पूनम उछाल उछल कर चुदती है, सूरज भी नीचे से धक्के मारता है । पूनम झड़ जाती है ।और नीचे आकर लेट जाती है, सूरज लंड को चूत में डालकर चोदने लगता है । पूनम फिर से गर्म हो जाती है, सूरज पूनम के बूब्स को मुह में लेकर चूसने लगता है, दोनी बूब्स को मसलता है ।
सूरज-'दीदी तुम्हारी चुचिया भी गांड की तरह कठोर है ,
पूनम-" मसल दे सूरज,आह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्"सूरज तेज तेज धक्के मारता है पूनम का शारीर अकड़ने लगता है और एक बार फिर झड़ जाती है ।
सूरज-"दीदी में भी झड़ने बाला हूँ"
पूनम-"चूत में ही झड़ जा मेरे भारी" सूरज तेज तेज धक्के मार कर चूत में झड़ जाता है, सूरज हाँफते हुए पूनम के ऊपर ही लेटा रहता है जब तक लंड से एक एक बून्द तपक नहीं जाती । सूरज से चुदबाने के बाद पूनम भी आज बहुत खुश थी चुकी पहली बार चूदी थी, सूरज पूनम के उपर से उठता है, पुनमचुत साफ़ करती है ।
सूरज-"दीदी कैसा लगा चुद कर"
पूनम-"बहुत मजा आया सूरज, दोनों बहन भाई नंगे एक दूसरे को बाँहो में लेकर लेट जाते हैं। रत के 12 बज चुके थे,
सूरज-"दीदी एक बार और चुदाई करें"
पूनम-"में तो तीन बार झड़ गई,अब और दम नहीहै मुझ में, सो जा अब,मुझे सुबह जग कर सारा काम करना है ।
सूरज-" सुबह घर का काम तानु दीदी कर लेंगी"
पूनम-"तनु और माँ को मेंन्सेज हो रहे है इसलिए सारा काम मुझे ही करना हैभाई"
सूरज-'दीदी अब लाइट जला कर आपकी चूत देख लू, मैंने अभी तक आपका जिस्म नहीं देखा है, अँधेरे के कारण"
पूनम-"नहीं सूरज अब तू अपने रूम में जा,कल देखना मुझे नंगी, फिर से मजा आएगा,जब हम रौशनी में सेक्स करेंगे"पूनम सूरज के कपडे दे कर भेज देती है ।
सूरज थका हारा आकर अपने कमरे मे सो जाता है।
सुबह 8 बजे तनु दीदी के जगाने पर में जागा, में फ्रेस होकर निचे गया,तनु दीदी नास्ता करके कॉलेज चली गई, माँ भी नास्ता करके अपने रूम में चली गई, पूनम दीदी किचेन में थी,रात की चुदाई के कारण दीदी मेरा सामना नहीं कर पा रही थी,उन्हें बहुत शर्म आ रही थी । में किचेन में गया और दीदी का हाँथ पकड़ कर अपने कमरे में ले गया ।
सूरज पूनम को लेकर कमरे में आता है और पूनम को कस कर गले लगा कर उसके होंठ चूसने लगता है,होंठ चूसते चूसते सूरज के हाँथ पूनम की गांड तक पहुँच गए और उनको मसलने लगा। काफी देर तक पूनम के होंठ चूसने के बाद सूरज पूनम की मेक्सी को उठाकर चूत में एक ऊँगली डालकर मसलने लगा ।
पूनम-"सूरज मत कर, माँ कभी भी आ सकती है"
सूरज-" दीदी करने दो न, माँ कमरे में पूजा करेगी,उन्हें पूजा करने में एक घण्टा लग जाता है,तब तक में तुम्हारी चूत की पूजा कर देता हूँ अपने लंड से"सूरज मेक्सी को उठाकर पूनम की चूत चाटने लगता है। पूनम की चूत रस छोड़ने लगती है,सूरज चूत में जीव्ह डालकर चाटने लगता है ।
पूनम-"सूरज मत कर अभी,मुझे सेक्स चढ़ जाएगा तो में बिना चुदे नहीं रह पाउंगी"
सूरज-"दीदी आपको चोदने के लिए ही तो लाया हूँ, आज आपकी चूत इस दिन के उजाले में मारूँगा" सूरज पूनम के बूब्स और चूत मसलने लगता है,पूनम गर्म हो जाती है ।
पूनम-"आह्ह्हफ़्फ़्फ़् सूरज अब सब्र नहीं हो रहा है, तू लोअर उतार कर लेट जा बेड पर" सूरज अपने कपडे उतार कर बेड पर चित्त ले जाता है, पूनम अपनी मेक्सी उतार कर सूरज के लंड पर अपनी चूत सेट करके बैठ जाती है, और अपनी गांड ऊपर नीचे करके धक्के मारने लगती है ।सूरज का लंड पूनम की चूत में पूरा अंदर बहार हो रहा था। सूरज पूनम की चूचियों को पकड़ कर मसलता है इससे पूनम की गति बढ़ जाती है और तेज तेज सूरज के लंड पर कूदने लगती है, सूरज पूनम की कमर में हाँथ डालकर गाण्ड को मसलता है ।
सूरज-"आह्ह्ह दीदी मस्त चुदाई करती हो आप"
पूनम-" तूने मेरी सुलगती चूत को छेड़ा है,आज तेरे लंड की खैर नहीं" पुरे कमरे में थप थप की आवाज़े गूंजने लगती है ।
सूरज-'दीदी आपकी चूत में बहुत आग है,इतनी आग तो मैंने किसी की चूत में नहीं देखि,भट्टी की तरह धधक रही है चूत" पूनम झड़ जाती है। सूरज पूनम को नीचे लेटा कर चोदने लगता है ।
पूनम-"और किस किस की चूत मारी है तूने" सूरज धक्के मारता है , लेकिन पूनम के इस सवाल से फस जाता है ।
सूरज-"दीदी वो तो बस मैंने ऐसे ही बोल दिया था,आपकी चूत में बाकई बहुत आग है"
पूनम-"आउफ़्फ़्फ़्फ़् आह्ह्ह्ह झूठ मत बोल सूरज,सच सच बोल तूने किस किस को चोदा है,तुझे मेरी कसम" पूनम जानबूझ कर कसम खिलाती है ताकि सूरज सब बता दे,इधर सूरज झड़ने के करीब होता है।
सूरज-"दीदी आप सुन कर नाराज़ हो जाओगी,बाद में बताऊंगा" पूनम सूरज का लंड पकड़ लेती है,आधा लंड चूत में था और आधा लंड पूनम की मुट्ठी में था,पूनम अभी झड़ भी नहीं पाया था ।
पूनम-'में तुझसे कभी नाराज नहीं होंगी,सच सच बता सूरज" सूरज मजबूर हो चूका था ।
सूरज-"तान्या दीदी को और संध्या माँ को चोद चूका हूँ"सूरज तनु की चुदाई छुपा लेता है,पूनम चोंक जाती है जब सूरज संध्या के बारे में बोलता है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज संध्या माँ को भी तू चोद चूका है, उनकी उम्र तो अपनी माँ से भी ज्यादा है,तान्या पर तो मुझे पहले से ही शक था" पूनम मुठ्ठी से सूरज का लंड छोड़ देती है,सूरज धक्के मारने लगता है ।
सूरज-"संध्या माँ 22 साल से चूदी नहीं थी, मेरा लंड देख कर उनकी प्यास और बढ़ गई,अब तीन महीने से रोजाना में उनको चोद रहा हूँ"सूरज अब पूनम को चोदते हुए झड़ जाता है । पूनम भी झड़ जाती है।
पूनम-"ओह्ह्ह सूरज तू तो मझां हुआ खिलाडी निकलना,22 साल से प्यासी संध्या को चोद दिया तूने' पूनम हसते हुए बोली।
सूरज-"दीदी मैंने किसी को जानबूझ कर नहीं चोदा, हालात बनते गए और में चोदता गया"
पूनम-"हाँ भाई तूने सही कहा,ये चूत की गर्मी ऐसे ही होती है,एक बार भड़क जाए तो बिना लंड के आग नहीं बुझती है'पूनम अपनी चूत दिखाते हुए बोली।
सूरज-"दीदी आपकी चूत मस्त है दुबारा चौदने का मन करने लगा" सूरज पूनम की चूत में ऊँगली करते हुए बोला । पुनम बाथरूम में भाग जाती है,
पूनम-"अब नहीं मेरे भाई माँ आती ही होगी,अब मुझे नहाने दे" लेकिन सूरज नहीं मानता है बाथरूम में जाकर पूनम को कस कर गले लगा लेता है और एक ऊँगली गांड के छेद में कुरेदने लगता है। पूनम मचल जाती है । सूरज का लंड पुनः खड़ा हो जाता है और बाथरूम में ही पूनम की एक टांग कमोड पर रख कर अपना लंड चूत में घुसेड़ कर धक्के मारने लगता है ।पूनम की चूत भी पनिया जाती है। सूरज पूनम के दूध पीते हुए तेज तेज धक्के मारता है ।
सूरज-"दीदी आपका बदन बेहद कामुक है,और आपकी गांड गदराई हुई है, आपको देख कर मेरा लंड झटके मारने लगता है"
पूनम-"तेरा भी लंड कुछ कम नहीं है सूरज,चूत के अंदर जब रगड़ता है तो मजा आ जाता है, चोद मेरे भाई, तेरी दीदी बहुत प्यासी है आह्ह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्" पूनम की कामुक आवाज़े निकलने लगती है तभी रेखा माँ की आवाज़ आती है ।
रेखा-"पूनम कहाँ है तू" रेखा पूनम के कमरे में आकर पूनम को ढूढती है लेकिन पूनम दिखाई नहीं देती है,तभी रेखा को बाथरूम से पुनम की सिसकियाँ सुनाई देती है, इधर पूनम सूरज से चुदवाने में मस्त थी,उसे खबर ही नहीं थी की माँ बाहर खड़ी उसकी कामुक सिसकियों को सुन चुकी है ।
रेखा-"पूनम क्या हुआ? रेखा दरबाजा बजा कर पूछती है । जैसे ही पूनम और सूरज माँ की आवाज़ सुनते है तो सन्न रह जातें हैं। पूनम सूरज जो चुप रहने का इशारा करती है ताकि माँ को शक न हो ।
पूनम-"क क कुछ नहीं हुआ माँ,नहा रही हूँ" सूरज चूत मे घुसा लंड आराम से निकालता है तो पूनम सूरज को रोक देती है ।
रेखा-"तेरी सिसकने की आवाज़ सुनी थी मैंने,तेरी तबियत तो ठीक है? पूनम और सूरज माँ के इस सवाल से घबरा जाते हैं ।
पूनम-"कुछ नहीं हुआ माँ, ठंड लगने की बजह से कपकपा गई थी में और सिसकी निकल गई"
रेखा-" ये सूरज कहाँ गया"
पूनम-"वो बाहर गार्डेन में घूमने गया है माँ" पूनम बात को संभाल लेती है । सूरज फिर से चोदने लगता है चुकी वो अभी झाड़ा नहीं था। पूनम झड़ने बाली थी । तभी पूनम की सिसकी निकल जाती है। रेखा को लगता है शायद पूनम ऊँगली डालकर अपने आपको शांत कर रही है, तभी उसकी सिसकी फुट रही हैं,इतनी गर्मी में पानी ठंडा होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
रेखा-"ठीक है तू जल्दी नहा ले,में अपने कमरे में जा रही हूँ" रेखा अपने कमरे में जाकर पूनम की कामुक सिसकी के बारे में सोचती है ।
रेखा-"(मन में) पूनम की उम्र हो गई है शादी की,इसलिए अपने आपको शांत करने के लिए ऊँगली का सहारा ले रही है, इसमें उसकी कोई गलती नहीं है,जवान लड़कियां अक्सर ऐसा करती हैं,गलती तो मेरी है में ही उसके लिए कोई लड़का नहीं देख पाई अभी तक, आज सूरज से कहूँगी पूनम के लिए कोई लड़का देख ले,बेचारी पूनम तो शर्म की बजह से कह नहीं पाती है,लेकिन मुझे तो समझना चाहिए,में एक माँ हु और सेक्स की तड़प अच्छे से जानती हूँ, हालांकि मैने अपने बच्चों की खातिर सेक्स के प्रति कभी ध्यान नहीं दिया, ऊँगली किए हुए तो कई वर्ष बीत गए" रेखा एक पेड निकालती है और बाथरूम में जाकर मेक्सी को ऊपर करके पेंटी उतार देती है,पुराना पेड निकाल कर ब्लड देखने लगती है,आज पांचवा दिन था इसलिए कम मात्रा में ही ब्लड आया था, रेखा पुराने पेड को फेंक कर नया पेड पेंटी पर चिपकाने के लिए झुकती है, तभी उसकी नज़र अपनी चूत पर पड़ती है, सालो बाद आज अपनी चूत को देखके उसे झटका सा लगता है क्योंकि चूत पर उगे बालो का झुण्ड इस बात की गवाही दे रहे थे,चूत के आसपास बड़े बड़े बाल देख के रेखा खुद चोंक जाती है और चूत पर हाँथ फिरा कर उनकी लम्बाई का मापन करने लगती है,एक दम काले श्याह् घुंघराले बाल से चूत पूरी तरह से ढकी हुई थी। रेखा चूत के आसपास के बाल देखती है जिनपर मेंन्सेज का ब्लड लगा हुआ था, रेखा को बहुत गन्दा लगता है,वो अपनी पेंटी को टांगो से आज़ाद करके मेक्सी भी उतार देती रेखा का बदन एक दम कसा हुआ था और गदराया हुआ चूँकि जीवन के 22 साल तक गाँव में लकड़ी काटकर अपने बच्चों का लालन पालन किया था, पुरे गाँव में सबसे सुन्दर और कामुक बदन बाली महिला थी,क्योंकि उसकी गांड बहुत मोटी और चौड़ी थी, 5 फुट 8 इंच की लंबाई, 38 की चूचियाँ और दिल आकार की मोटी गांड किसी का भी लंड खड़ा कर सकती थी,यही कारण था की पूरा गाँव उसके बदन को देख कर आँहें भरता था, गाँव के अधिकतर बदचलन पुरुष उसको अपनी कलपनाओं में सोचकर मुठ मार कर अपनी हवस को शांत करते थे,और सबसे बड़ा दीवाना तो गाँव का चौधरी ही था जो कई हथगंडे अपना चूका था लेकिन रेखा ने उसे कभी घास भी नहीं डाली,रेखा को पता था की चौधरी उसे गलत नियत से देखता है,इसलिए कभी उसके झांसे में नहीं आई । रेखा नंगी होकर हैंड शॉवर को उठाकर चालु करती है,और एक तेज पानी की बौछार से अपनी चूत साफ़ करने लगती है, झान्टो को रगड़ते समय उसकी चूत के भग्नसुर रगड़ जाते है,रेखा के जिस्म में उत्तेजना का संचार होने लगता है,पानी की तेज धार चूत के छेद से टकराते ही रेखा सिहर जाती, कई सालो बाद उसने अपने जिस्म में उत्तेजना महसूस की थी, रेखा के हाँथ तेजी से चूत पर चलने लगते हैं,तभी एक दम उसके पेट में दर्द होने लगता है,चूत के अंदर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने खंजर घुसेड़ दिया हो,रेखा दर्द से चीखने लगती है, और एक तेज चीख के साथ बेहोस हो जाती है।
रेखा-"आआआईईई स स सूरजज ज ज ज"
इधर पूनम और सूरज झड़ चुके थे,सूरज और पूनम अपने कपडे पहन ही रहे थे,तभी दोनों को अपनी माँ की चीख सुनाई देती है,
पूनम-"सूरज मुझे माँ के चिखने की आवाज़ सुनाई दी,ऐसा लगा जैसे तुझे बुला रही हो"
सूरज-"हाँ दीदी मैंने भी सुनी,जल्दी चलकर देखो,क्या हुआ माँ को"
सूरज और पूनम घबरा जाते हैं, पूनम और सूरज जल्दी से कपडे पहन कर रेखा के कमरे में जाते हैं, रेखा कमरे में नहीं होती है तभी बाथरूम से पानी गिरने की आवाज़ सुन कर दोनों बहन भाई बाथरूम में जाते है,दरबाजा खुला हुआ था,सूरज की नज़र जैसे ही अपनी माँ पर पड़ी तो एक दम चोंक गया,रेखा फर्स पर नंगी बेहोस पड़ी थी, सूरज की आँखों के सामने अपनी ही माँ को देख कर शर्मा जाता है,आज पहली बार माँ की चूत और चूचियाँ देखी थी, सूरज शर्म के कारण बाहर निकल जाता है,पूनम रेखा को आवाज़ लगाती है,
पूनम-"माँ माँ क्या हुआ,उठो माँ"लेकिन रेखा तो बेहोस थी,पूनम रेखा को मेक्सी पहनाती है ।
पूनम-"सूरज देख माँ कुछ बोल नहीं रही है" सूरज बाथरूम में जाता है और रेखा को उठाता है लेकिन रेखा नहीं उठती है ।
सूरज-"दीदी हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ेगा,जल्दी चलो" सूरज और पूनम रेखा को उठाकर अपनी गाडी में लेटा देते हैं । सूरज अपनी गाडी सिटी हॉस्पिटल की और दौड़ा देता है । पूनम और सूरज काफी घबरा चुके थे, सूरज तेज गाडी दौड़ता है और कुछ ही देर में हॉस्पिटल आ जाता है । हॉस्पिटल के कर्मचारी तुरंत रेखा को इमरजेंसी में ले जाकर इलाज सुरु कर देते हैं, सूरज भागता हुआ डॉक्टर के पास जाता है ।
सूरज-' डॉक्टर प्लीज़ मेरी माँ को देखिए क्या हुआ है,ये कुछ बोल नहीं रही है" डॉक्टर एक महिला थी जिसका नाम नीलम था । डॉक्टर नीलम रेखा को देखती हैं।
डॉक्टर नीलम-"आप घबराइए मत,ये बेहोस हैं, बेहोस क्यूँ हुई हैं इसका बाद पता चलेगा, दवाई दे दी है शाम तक होश आ जाएगा" सूरज थोड़ी तसल्ली मिलती है । पूनम तनु और तान्या को फोन कर देती है कुछ ही देर में दोनों बहने आ जाती हैं,
तनु-"दीदी क्या हुआ माँ को"
सूरज-"दीदी घबराओ मत,माँ सिर्फ बेहोस हुई है"
पूनम और तनु बहुत घबराई हुई होती है, तान्या सबको हिम्मत देती है। तीनो बहने और सूरज बाहर बैठ कर शाम होंने का इंतज़ार करते हैं।
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