Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
12-25-2018, 01:15 AM,
#53
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
रेखा के ठीक हो जाने से पूनम और तनु बहुत खुश थी,रात के समय पूनम सूरज के कमरे में आती है ।
सूरज-"अरे दीदी आप,अभी तक सोई नहीं" पूनम सूरज के पास आकर बैठ जाती है ।
पूनम-"सूरज डॉक्टर ने क्या बताया,माँ बेहोश क्यूँ हो गई थी" पुनम आते ही सूरज से सवालो की झड़ी लगा देती है। सूरज पूनम को सारी बात बता देता है,की माँ की नसों में पानी जम गया है,जिसे शारीरिक सम्भोग या हस्तमैथुन के जरिए निकाला जा सकता है, पूनम यह बात सुनकर चोंक जाती है।
पूनम-"सूरज क्यूँ न पापा को बुला लिया जाए,इस समय माँ को पापा की सख्त आवश्यकता है" पूनम की बात सूरज को सही लगती है।
सूरज-" दीदी में पापा से बात करू फोन से" सूराज जैसे ही यह बोलता है,तनु कमरे में आ जाती है। तनु सूरज की बात सुन लेती है ।
तनु-"सूरज किससे बात करने की कह रहा है तू" 
सूरज-"अरे दीदी आप" 
तनु-"माँ को क्या हुआ था यही पूछने आई में,पर तू कौनसे पापा की बात कर रहा है" 
पूनम-'तनु हमारे पापा जिन्दा है अभी तक" तनु जैसे ही ये बात सुनती है तो सुन्न रह जाती है ।
तनु-"सूरज क्या ये सही बात है,कहाँ है वो,और हमसे मिलने क्यूँ नहीं आए अब तक?" सूरज तनु को पूरी सच्चाई बता देता है,सूर्या से लेकर संध्या माँ और अमेरिका में पापा से मिलना,तनु यह सब सुनकर हैरान रह जाती है और सूरज को गले लगा कर रोने लगती है,पूनम प्यार से चुप करबाती है।
तनु-"सूरज मुझे पापा से बात करनी है" सूरज वीडियो कोल करता है ।

बीपी सिंह-"हेलो बेटा कैसे हो" 
सूरज-"पापा में ठीक हूँ,आप कैसे हो" 
पापा-"में ठीक हूँ बेटा, रेखा कैसी है,और पूनम और तनु कैसी हैं" 
सूरज-"सब ठीक है पापा, पूनम और तनु दीदी आपसे बात करना चाहती हैं" सूरज पूनम और तनु को अपने पास बुला कर मोबाइल के कैमरे के पास आता है, पूनम और तनु रोने लगती है अपने पिता को देख कर,पापा भी रोने लगते हैं,कई वर्षो बाद आज अपने पिता को देखा था।
पूनम-"पापा घर आ जाओ"
पापा-"बस बेटा जल्दी ही आऊंगा,मुझे सब की बहुत याद आ रही है, तुम्हारी माँ कैसी है" 
तनु-"पापा माँ ठीक नहीं है,आज माँ बेहोस हो गई थी" बीपी सिंह यह सुनकर डर जाता है।
पापा-"क्या हुआ उसे"
सूरज-"कुछ नहीं हुआ है पापा, माँ ठीक है" 
पापा-"बेटा अपनी माँ से मेरी बात करवा दे, रेखा को एक बार देखना चाहता हूँ" 
सूरज-"पापा मैंने माँ को अभी तक बताया नहीं है आपके बारें में" 
पापा-" तू अपनी माँ से बात कर,फिर मेरी बात करबा देना" 
सूरज-"ठीक है पापा, में माँ से बात करूँगा" सूरज फोन काट देता है, पूनम और तनु भी चाहती थी की अब माँ को सब बता देना चाहिए,इसलिए हम तीनो लोग माँ के कमरे में गए, माँ अपने कमरे में बैठी टीवी देख रही थी, हम तीनो लोग कमरे में गए।
रेखा-" अरे बेटा तुम सोए नहीं अभी तक"रेखा तीनो को एक साथ देख कर बोली ।
सूरज-"आपसे बात करनी थी मुझे" रेखा हैरत से सूरज को देखती है ।
रेखा-"हाँ बेटा बोल क्या बात है" 
सूरज-"पापा जिन्दा है" रेखा यह बात सुनकर स्तब्ध रह जाती है ।
रेखा-"तू पागल तो नहीं हो गया है" रेखा गुस्से से बोली ।
पूनम-"माँ सूरज सही कह रहा है पापा जिन्दा है"
सूरज-" में पापा से मिल चूका हूँ" सूरज सुरु से लेकर एन्ड तक पूरी कहानी सुनाता है,जिसे सुनकर रेखा रोने लगती है ।
सूरज अपने मोबाइल से पापा को वीडियो कॉल कर देता है, और रेखा को फोन देता है, अपने पति को देख कर रेखा रोने लगती है,बीपी सिंह भी रोने लगता है ।
बीपी सिंह-"रेखा मुझे माफ़ कर देना मुझे,तुझे बिना बताए मैंने संध्या से शादी की,मेरी मजबूरियां थी" 
रेखा-" आप घर आ जाइए, में आपसे नाराज़ नहीं हूँ"रेखा रोते हुए इतना ही बोल पाई, काफी देर तक दोनों लोग गिला शिकवा करते हैं। आज पूरा परिवार खुश था, रेखा सारी सच्चाई जानकार सूरज को गले लगा लेती है । 
रेखा-" तू बाकई में हीरो है सूरज,मुझे नाज़ है तुझ पर" रात काफी हो चुकी थी,इसलिए आज सब लोग रेखा के साथ ही बेड पर सो जाते हैं । 
सुबह 6 बजे रेखा की आँख खुलती है,आज रेखा बहुत खुश थी, रेखा सबको जगाती है,पूनम और तनु उठकर फ्रेस होने चले जाते हैं लेकिन सूरज अभी भी सोया हुआ था। रेखा सूरज के पास बैठ कर प्यार से उसके सर पर हाँथ फिराती है। रेखा को आज बड़ा प्यार आ रहा था सूरज पर,चूँकि आज जो खुशियाँ उसे मिली थी बह सब सूरज के कारण ही थी । रेखा झुक कर सूरज के माथे पर किस्स करती है । तभी रेखा का मोबाइल बजता है,रेखा फोन उठाकर देखती है तो खुश हो जाती है चूँकि फोन बीपी सिंह का था,रेखा फोन उठा कर बात करने लगती है। फोन की घंटी बजने के कारण सूरज जग चूका था लेकिन आलस्य के कारण लेटा रहा।
बीपी सिंह-"हेलो रेखा कैसी हो" 
रेखा-"में ठीक हूँ,आप कैसे हो" 
बीपी सिंह-" में भी ठीक हूँ रेखा,आज तेरी बहुत याद आ रही है,मन कर रहा है अब तेरे पास आ जाऊं" 
रेखा-"रोका किसने है आपको,आ जाओ"
बीपी सिंह-" बस कुछ दिन की परेसानी है,में अकेला ही दो कंपनी संभाल रहा हूँ,जल्दी ही सूरज को को सारी जिम्मेदारी दे दूंगा,उसके बाद में हमेसा तुम्हारे साथ रहूँगा" 
रेखा-" आपको कितना समय लग जाएगा आने में" 
बीपी सिंह-" बस 10-15 दिन लग सकते हैं,रेखा कल तुम बेहोस क्यूँ हो गई थी,डॉक्टर ने कि बताया तुम्हे,अगर कोई परेसानी हो तो अमेरिका आ जाओ,यहाँ अच्छे डॉक्टर को दिखा दूंगा" 
रेखा-"मेरी परेसानी डॉक्टर से ठीक नहीं होगी" 
बीपी सिंह-"मतलब ? क्या बताया डॉक्टर ने" रेखा सारी बात बता देती है,जिसे सुनकर बीपी सिंह भी हैरान रह जाता है,इधर सूरज भी माँ की बातें सुन लेता है।
बीपी सिंह-" ओह्ह्ह यह तो बहुत बड़ी परेसानी है,तुम वैसा ही करो जैसा डॉक्टर ने बोला है" 
रेखा-"हाँ वही करुँगी" इस प्रकार काफी देर बात करने के बाद रेखा फोन काट देती है ।
फोन काटने के बाद सूरज उठकर फ्रेस होने चला जाता है, रेखा कमरे का दरबाजा बंद करके मेक्सी उतार देती है,और जैल क्रीम निकाल कर अपनी योनी की मालिस करती है, मालिस करते समय कई बार रेखा की ऊँगली योनी और क्लिट से टकरा जाती है । रेखा उत्तेजित हो जाती थी,लेकिन योनी से पानी नहीं निकलता था। 
इस प्रकार तीन दिन निकल जाते हैं, रेखा पुरे दिन बीपी सिंह से बात करती,और समय निकाल कर अपनी योनी की मालिस करती,रेखा को अब योनी सहलाने में मजा आने लगा था । इधर सूरज संध्या के पास चला जाता है,संध्या और तान्या की दो दिन तक धमाकेदार चुदाई करता है । सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था, रेखा भी आजकल बहुत खुश रहने लगी थी, रेखा अब चुदाई के बारे में सोचने लगी थी, कई बार रेखा फोन पर बीपी सिंह को बोल भी चुकी थी,की यदि आप होते तो मेरी बिमारी का ईलाज अच्छे से हो जाता, बीपी सिंह भी रेखा की इच्छा को भली भाँती से समझ जाता था और हस कर बात टाल देता था क्योंकि बीपी सिंह को शुगर और हार्ट की प्रॉब्लम थी जिसके कारण वो सेक्स नहीं कर सकता था,यह बात बीपी सिंह ने रेखा को नहीं बताई थी । बीपी सिंह अपनी इस परेसानी को लेकर चिंतित था उधर रेखा शारीरिक सम्भोग के सपने देखने लगी थी ।

एक दिन सुबह के समय हम सब बैठ कर खाना खा रहे थे । रेखा के चेहरे पर मुस्कराहट थी,तनु और पूनम अपनी माँ को खुश देख कर बहुत ख़ुशी महसूस करती हैं । माँ की मुस्कराहट उन्हें चेहरे पर निखार बन कर चार चाँद लगा रही थी ।
तनु-"माँ क्या बात है आजकल आप बहुत खुश हो" 
पूनम-" पापा आने वाले हैं न इसलिए"यह सुनकर रेखा शर्मा जाती है । और साथ में मुझे भी बहुत शर्म आती है ।
रेखा-"चुप रहो तुम दोनों,कुछ भी बोलती रहती हो" 
सूरज-"माँ पापा सच में आ रहे हैं" 
रेखा-"कह तो रहे हैं,10 दिन बाद आने के लिए,यदी नहीं आए तो मुझे जाना पड़ेगा अमेरिका"यह सुनकर पूनम और तनु खुश हो जाती हैं।
तनु-"ओह्ह्ह माँ आप अमेरिका जाओगी,यह तो बड़ी ख़ुशी की बात है" तनु हँसते हुए बोली।
पूनम-"माँ आप अमेरिका किसके साथ जाओगी"
रेखा-"सूरज के साथ,अगर तेरे पापा नहीं आए तो जाउंगी" 
तनु-"माँ फिर तो आप अपने लिए अच्छी अच्छी ड्रेस खरीद लो, अब आप सफ़ेद साड़ियां मत पहना करो" 
पूनम-"हाँ माँ तनु ठीक कह रही है" 
रेखा-"सोच तो में भी रही हूँ आज कपडे खरीद लू और एक बार डॉक्टर से भी मिल आऊँ,डॉक्टर ने आज आने के लिए भी बोला था" 
पूनम-" माँ आप सूरज के साथ चली जाओ" 
सूरज-"हाँ माँ आप तैयार हो जाओ" रेखा अपने कमरे में जाकर तैयार होकर आ जाती है । 
सूरज गाडी निकालता है,रेखा बगल बाली सीट पर बैठ जाती है, सूरज गाडी दौड़ा देता है ।
सूरज-"माँ अब आपकी तबियत कैसी है?" 
रेखा-"ठीक है,पहले से आराम है" 
सूरज-" माँ आपने यह अच्छा फैसला लिया है पापा के पास जाने का"सूरज की इस बात पर रेखा सोचने लगती है, कहीं सूरज को पता तो नहीं चल गया की में क्यूँ जाना चाहती हूँ अमेरिका ।
रेखा-" अच्छा!""हसते हुए बोली।
सूरज-"माँ आप खुश रहती हो तो अच्छा लगता है" 
रेखा-"यह ख़ुशी तेरे कारण ही मिली है,गाँव में तो जिंदगी नर्क सी लगती थी,आज ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग में हूँ" 
सूरज-" माँ वो बुरा वक़्त था,लेकिन अब हमेसा खुशियाँ ही आएगी" 
रेखा-"सूरज मेरी एक इच्छा है,पूरी करेगा?" रेखा सिरिअस होकर बोली,सूरज भी उत्सुकता के साथ बोला ।
सूरज-"हाँ माँ बोलो,में आपकी हर इच्छा पूरी करूँगा" रेखा सोचती हुई बोली ।
रेखा-"मुझे एक बार गाँव देखना है,ले चलेगा मुझे गाँव" सूरज यह सुनकर चोंकते हुए अपनी माँ को देखता है ।
सूरज-"कब चलना है गाँव?" 
रेखा-"कभी भी जब तेरे पास समय हो" 
सूरज-"आज चलें?" रेखा चोंक जाती है।
रेखा-"अभी" 
सूरज-"नहीं रात में 10 बजे निकलते हैं,सुबह 6 बजे पहुँच जाएंगे" 
रेखा-"ठीक है,आज रात में ही निकलते हैं"
सूरज-" पूनम और तनु दीदी को भी लेकर चलें?"
रेखा-"नहीं सिर्फ हम दोंनो,पूनम और तनु को ले जाना ठीक नहीं है,चौधरी का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ होगा" 
सूरज-"ठीक है माँ,हम दोनो ही चलते हैं" सूरज गाडी रोकता है मॉल के सामने, दोनों लोग मॉल में एक कपडे की दुकान पर जाते हैं। रेखा चार पांच साड़ियां और बाजू कट बाले ब्लाउज खरीदती है और साथ में पेटीकोट भी ।
सूरज-"माँ ये क्या आपने तो सिर्फ साड़ियां ही खरीदी हैं,अमेरिका बाले आपको देखकर हसेंगे,अच्छी सी ड्रेस ले लो" रेखा यह सुनकर सोच में पड़ जाती है ।
रेखा-"मैंने तो आज तक सिर्फ साड़ियां ही पहनी है,क्या अमेरिका में साडी नही पहनते हैं? फिर क्या खरीदू सूरज,तू ही बता" सूरज रेखा को ड्रेस बाली शॉप पर लेकर जाता है । और तीन चार तरह की फेसनेवल ड्रेस रेखा को दिलबाता है,और ओवरकोट जैसी,ब्लेजर भी खरीदता है, रेखा तो ड्रेस देख कर दंग रह जाती है की वो उन्हें पहनेगी कैसे,
रेखा-"सूरज यह ड्रेस तो बिलकुल मेक्सी जैसी हैं,इन्हें कैसे पहनूगी" 
सूरज-'माँ अमेरिका में तो इससे भी ज्यादा फेसनेवल कपडे पहनती हैं,ये तो फिर भी ठीक हैं" रेखा को बड़ा अजीब सा लग रहा था,ऐसी मोर्डन ड्रेस देख कर,लेकिन सूरज की बात मान लेती है,क्योंकि वो खुद चाहती थी अपने पति के सामने एक मोर्डन पत्नी बन कर रहें,चुकीं अमेरिका के माहोल और संस्कृति में यदि वो साडी पहनेगी तो शायद वहां के लोग मजाक न बनाए।
रेखा ड्रेस खरीद लेती है,सूरज रेखा के दो नायटी भी खरीद कर देता है,जो काफी हॉट थी, रेखा काफी शर्म महसूस कर रही थी । काफी कपडे खरीदनेके बाद रेखा ब्रा और पेंटी भी खरीदना चाहती थी लेकिन सूरज के कारण खरीद नहीं पा रही थी,लेकिन सूरज को पता थी की माँ ब्रा पेंटी जरूर खरीदेंगी इसलिए सूरज थोड़ी देर के लिए बाहर जाने का बहाना मार कर मॉल की दूसरी जगह जा कर खड़ा हो जाता है, जहाँ से सूरज माँ को देख सकता था लेकिन रेखा सूरज को नहीं देख सकती थी, रेखा ब्रा पेंटी की शॉप पर जाकर दो पेंटी और ब्रा लेती है, ब्रा पेंटी को बेग में रख कर शॉप के बाहर खड़ी सूरज का इंतज़ार करने लगती है। सूरज तुरंत रेखा के पास पहुँच जाता है ।
रेखा-"कहाँ था सूरज, अब चलें" कहीं न कहीं रेखा को समझ आ जाती है की सूरज ब्रा पेंटी की बजह से चला गया था,ताकि में निसंकोच खरीद सकूँ। सूरज की समझदारी देख कर रेखा मन ही मन खुश थी ।
सूरज-"हाँ माँ चलो" सूरज और रेखा जैसे ही आगे बढे, एक सेल्स गर्ल भागती हुई रेखा के पास आई,और रेखा को आवाज़ दी।
सेल्स गर्ल-" हेलो मेडम सुनिए" रेखा और सूरज रुक जाते हैं,रेखा घबरा जाती है चुकीं यह बही सेल्स गर्ल थी जिससे उसने अभी ब्रा पेंटी ली। सेल्स गर्ल पास आकर बोली ।
सेल्स गर्ल-" मेडम आपने ब्रा और पेंटी का पेमेंट नहीं किया" सेल्स गर्ल जैसे ही बोलती है,रेखा शर्म से पानी पानी हो जाती है,सूरज भी शर्मा जाता है,
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