RE: Antarvasna Sex Kahani फार्म हाउस पर मस्ती
अब मेरा ध्यान भैसे के लंड की ओर गया,वो कोई 10-12 इंच की लाल रंग की गाज़र की तरह लंबा और मोटा लंड उसके पेट से ही लगा हुआ था और उसमें से थोड़ा थोड़ा सफ़ेद तरल पदार्थ सा भी निकल रहा था. मैंने साँसें रोके उसे देख रही थी. अचानक मेरे मुँह से निकल गया,'हाय राम इतना लंबा ?'
मुझे हैरान होते देख धन्नी हंसने लगी और बोली,'गजेन बाबू का भी ऐसा ही लंबा और मोटा है.'
उसकी इस बात पर मै हैरान होगयी और मैं धन्नी से पूछना चाहती थी कि उसे कैसे पता कि गजेन्द्र का इतना मोटा और लंबा है, पर इतने में ही वो भैसा अपने आगे के दोनों पैर ऊपर करके उछला और भैंस की पीठ पर चढ़ गया. उसका पूरा लंड एक झटके में भैंस की चूत में समां गया. मेरी आँखें तो फटी की फटी रह गई थी. मुझे तो लग रहा था कि वह उस भैंसे का वजन सहन नहीं कर पाएगी पर वो तो आराम से पैर जमाये खड़ी रही.
अब भैंसे ने हूँ, हूँ.करते हुए 4-5 झटके लगाए. और फिर धीरे धीरे नीचे उतरने लगा. होले होले उसका लंड बाहर निकलने लगा. अब मैंने ध्यान से देखा भैंसे का लंड एक फुट के आस पास रहा होगा. नीचे झूलता लंड आगे से पतला था पर पीछे से बहुत मोटा था जैसे कोई मोटी लंबी लाल रंग की गाज़र लटकी हो. लंड के अगले भाग से अभी भी थोड़ा सफ़ेद पानी सा निकल रहा था. भैंस ने अपना सर पीछे मोड़ कर भैसे की ओर देखा और दुलारे भैंसे को रस्सी से पकड़ कर फिर खूंटे से बाँध आया.
मेरी बहुत जोर से इच्छा हो रही थी कि अपनी चूत में अंगुली या गाजर डाल कर जोर जोर से अंदर बाहर करूँ. कोई और समय होता तो मैं अभी शुरू हो जाती पर इस समय मेरी मजबूरी थी. मैंने अपनी दोनों जांघें जोर से भींच लीं. मुझे धन्नी से बहुत कुछ पूछना था पर इस से पहले कि मैं पूछती वो उठ कर बाहर चली गई और चने की दाल वाली बाल्टी दुलारे को पकड़ा आई. फिर गजेन्द्र ने साथ आये उस आदमी को ५०० रुपये दिए और वो दोनों भैंसे को दाल खिला कर उसे लेकर चले गए. इसके बाद गजेन्द्र भी खेत में घूमने चला गया.
'बहूजी आप के लिए खाना बनाई ?' धन्नी ने उठते हुए कहा।
'तुम मुझे बहूजी नहीं, बस कल्याणी बुलाओ और खाने की तकलीफ रहने दो. बस मेरे साथ बातें करो !'
'जे ना हो सकत! आप मालिकन हुए और मेहमान भी. आप बैठो, आभिया आवत हाई.'
'चलो, मैं भी साथ चलती हूँ'
मैं उसके साथ झोपड़े में आ गई.बच्चे बाहर खेलने चले गए. उसने खाना बनाना चालू कर दिया. अब मैंने धन्नी से पूछा,'ये दुलारे तो उम्र में तुमसे बहुत बड़ा लगता है?'
'हमारे नसीबय खोट रहल.' धन्नी कुछ उदास सी हो गई.
वो थोड़ी देर चुप रही फिर उसने बताया कि दरअसल दुलारे के साथ उसकी बड़ी बहन की शादी हुई थी. कोई 10-11 साल पहले उसकी बहन की मौत हो गई तो घर वालों ने बच्चों का हवाला देकर उसे दुलारे के साथ ब्याह दिया. उस समय उसकी उम्र लगभग १६/१७ साल ही थी. उसने बताया कि सुहागरात में धन्नी ने उसे इतनी बुरी तरह चोदा था कि सारी रात उसकी कमसिन चूत से खून निकलता रहा.और 5-६ साल तक ठीक चलता रहा लेकिन अब जब वो पूरी तरह जवान हुई है तो दुलारे ढल चूका है .अब तो कभी कभार ही उसको हाथ लगता है और वो भी जल्दी धक जाता है.
'तो तुम फिर कैसे गुज़ारा करती हो ?' मैंने पूछा तो वो हँसने लगी.
फिर उसने थोड़ा शर्माते हुए सच बता दिया,'शादी का 3-4 साल बाद हम यहाँ आये रहे. हम लोगन पर गजेन बाउ के ढेरो अहसान रहल . गजेन बाउ पहेलियाँ हसी मजाक करे चालू कियन. ख़ास ख्याल रखे रहे हमार. दुनो के जरूरत रहल. हमार आदमी तो कुछ करे काबिल रहए नही गयो रहे और और मुनिया भौजाई के गांड मरवाये का कौनो शौक नाही रहल. . अब का बताई गजेन बाउ के गांड मारे का शौक बा.'
उसकी बातें सुनकर मेरी चूत इतनी गीली हो गई थी कि उसका रस अब मेरी जांघो में बह निकला और पेंटी पूरी गीली हो गई . मै अपने को रोक नही पायी और अपनी चूत को सलवार के ऊपर से ही मसलना चालू कर दिया.
अब वो भी बिना शर्माए सारी बात बताने लगी थी. उसने आगे बताया कि गजेन्द्र का लंड मोटा और बड़ा है. रंग काला है और उसका सुपारा मशरूम की तरह है. वह चुदाई करते समय इतना रगड़ता है कि हड्डियाँ चटका देता है. चुदाई के साथ साथ वो गन्दी गन्दी गालियाँ भी निकलता रहता है. वो कहता है इससे लुगाई को भी जोश आ जाता है. मेरी तो एक बार चुदने के बाद पूरे एक हफ्ते की तसल्ली हो जाती है. मैं तो आधे घंटे की चुदाई में मस्त हो जाती हूँ उस दौरान 2-3 बार झड़ जाती हूँ.
'क्या उसने तुम्हारी कभी ग... गां... मेरा मतलब है...!' मैं कहते कहते थोड़ा रुक गई।
'हाँ जी ! कई बार मारो .'
'क्या तुम्हें दर्द नहीं होता ?'
'पहेलियाँ बहुत होत रहल अब्बे बड़ा नीक लागे.'
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